बड़ा खुलासा : पटना में बड़ी संख्या में बिना रजिस्ट्रेशन कोचिंग संस्थानों का हो रहा संचालन, 70 फीसदी संस्थान नियमों का नहीं कर रहे हैं पालन
डेस्क : दिल्ली कोचिंग हादसे के बाद बिहार सरकार भी इस मामले को लेकर सतर्क हो गई है। सरकार ने प्रदेश में चल रहे कोचिंग संस्थानों के जांच के आदेश दिए है। इधर पटना में जिलाधिकारी के आदेश पर कोचिंग संस्थानों की जांच की जा रही है। इसी कड़ी में बड़ा खुलासा हुआ है। पटना जिले में 70 फीसदी कोचिंग संस्थान नियमों का पालन नहीं कर रहे है। वही बड़ी संख्या में कोचिंग संस्थान बिना रजिस्ट्रेशन के ही संचालित हो रहे है।
अबतक पटना जिले में 250 से अधिक कोचिंग की जांच हुई है। जाचं में यह बात सामने आई है कि इनमें करीब 70 फीसदी संस्थान नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।
बीते गुरुवार को पटना शहर से निकट इलाको में जांच अभियान चलाया गया। इस दौरान प्रशासन की टीम ने पाया कि पालीगंज में 14 और मसौढ़ी में 9 कोचिंग बिना निबंधन के चलाए जा रहे हैं। पालीगंज में 16 कोचिंग की जांच में मात्र दो और मसौढ़ी में एक भी कोचिंग निबंधित नहीं मिला।
छात्रों की संख्या हजार और सुविधाएं सिफर
मसौढ़ी के एक कोचिंग संस्थान में छात्रों की संख्या 1000 है। बिना निबंधन के ही यह चलाया जा रहा है। संस्थान में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव पाया गया। पर्याप्त रोशनी तक नहीं थी। पेयजल और शौचालय की सुविधा के अलावा आग से बचाव के लिए पर्याप्त इंतजाम भी नहीं दिखा। जिस भवन में कोचिंग है वह जर्जर है। आपातकालीन चिकित्सा या पार्किंग की सुविधा भी नदारद थी।
सुरक्षा के मानकों की पूरी तरह अनदेखी
निरीक्षण के दौरान सुरक्षा के मानकों पर यह कोचिंग खरा नहीं उतरा। आपात स्थिति से निपटने और इतनी संख्या में छात्र-छात्राओं को निकालने के लिए कोई कार्ययोजना भी संचालकों के पास नहीं है। मसौढ़ी के सभी कोचिंग संस्थानों में ऐसी स्थिति पायी गई। यहां के छात्र-छात्राओं से कोचिंग संचालक मोटी कमाई करते हैं, लेकिन सुरक्षा और सुविधा के नाम पर कुछ नहीं होता है।
बिना निबंधन के 14 कोचिंग में पढ़ते हैं 2100 छात्र
वहीं पालीगंज में 16 कोचिंग संस्थानों की जांच की गई। 14 संस्थान बिना निबंधन के हैं। इनमें 2100 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। फीस भरते हैं, लेकिन इनकी सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। जिला प्रशासन की टीम ने जांच में पाया कि इन संस्थानों में बिल्डिंग बायलॉज का पालन एक भी कोचिंग संस्थान नहीं कर रहा है। आपात स्थिति से निपटने के लिए एक भी कोचिंग संस्थान के पास कोई कार्ययोजना नहीं है।
दूसरी तरफ 10 ऐसे कोचिंग संस्थान हैं, जहां आगलगी की घटना से निपटने की कोई व्यवस्था नहीं है। अगर किसी छात्र के साथ कोई दुर्घटना हो जाए तो आपात चिकित्सा सुविधा अधिकांश संस्थानों में नहीं पायी गयी। पालीगंज के अनुमंडल पदाधिकारी ने सभी कोचिंग संस्थानों को 3 अगस्त तक का समय दिया है। तय समय में सुरक्षा मानकों को सही करना है और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करानी है।
Aug 02 2024, 18:12