पटना समेत प्रदेश के इन 5 जिलों में आसमान से बरसी मौत, वज्रपात की चपेट में आने से दर्जनभर लोगों की गई जान

* डेस्क : बीते दो-तीन दिनों से बिहार में बदले मौसम के मिजाज ने जहां एक ओर से लोगों को भारी उमश भरी गर्मी से राहत दी है। वहीं इस दौरान आसमानी बिजली से लोगों की जाने भी जा रही है। बीते गुरुवार को एकबार फिर पटना समेते प्रदेश के पांच जिलों में ठनका की चपेट में आने से किशोरी समेत 12 लोगों की मौत हो गई। इनमें गया के छह, पटना के तीन , नवादा, सासाराम और औरंगाबाद के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। पटना के दनियावां प्रखंड के नीमी गांव निवासी सुरेश सिंह यादव, फतुहा प्रखंड के पचरुखिया थाने के उसफा गांव निवासी किरण देवी और बच्ची शशिमाला की भी जान चली गई। गया जिले के बेलागंज प्रखंड के पनारी गांव निवासी नन्हकी देवी (48), जितेन्द्र प्रसाद (50), मीना देवी (48), शंकर राम (51) और बली भगत (62) की मौत ठनका की चपेट में आने से हो गई। वहीं, अतरी में एक व्यक्ति की जान गई है। इसी तरह रोहतास के नावाडीह कला गांव निवासी प्रमिला देवी (37), नवादा के ननौरी गांव निवासी छोटू मांझी और औरंगाबाद के गोह प्रखंड अंतर्गत बिलारू निवासी सरिता देवी ने जान गंवा दी। इनमें ज्यादातर लोगों की जान खेत में काम करने के दौरान हुई है। इधर,भभुआ के अधौरा में ठनका से एक बच्ची व चार मजदूर झुलस गए।
*बड़ी खबर : आय से अधिक संपत्ति मामले में फंसे आईएएस संजीव हंस को राज्य सरकार ने सभी पदों से किया मुक्त*

डेस्क : आय से अधिक संपत्ति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई का सामना कर रहे ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव और बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के सीएमडी संजीव हंस को राज्य सरकार ने सभी पदों से मुक्त कर दिया है। बीते गुरुवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने उनके तबादले का आदेश जारी कर दिया। 1997 बैच के आईएएस संजीव हंस के पास अब कोई जिम्मेदारी नहीं है और उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग में बगैर किसी भूमिका के अटैच कर लिया गया है। बता दें पटना के रूपसपुर थाने की प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) संख्या 18/2023 दिनांक 09 जनवरी.2023 के आधार पर ईडी ने संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव तथा उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच शुरू की है। उन पर एक महिला वकील के यौन शोषण तथा भ्रष्टाचार व धन शोधन के अपराध से संबंधित अन्य गतिविधियों में उनकी संलिप्तता के आरोप हैं। हालांकि अभी इनसे संबंधित मामले की सुनवाई सक्षम कोर्ट में विचाराधीन है। पिछले माह 16 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 1997 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के ठिकानों पर छापेमारी की थी। सरकार के अवर सचिव सिद्धेश्वर प्रसाद द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि प्रशासनिक दृष्टिकोण से संजीव हंस द्वारा धारित पद और अतिरिक्त प्रभार से उन्हें मुक्त किया जाता है। उन्हें इस व्यवस्था के तहत सामान्य प्रशासन विभाग में योगदान देने का आदेश दिया गया है। संदीप पौण्डरीक अगले आदेश तक अपर मुख्य सचिव ऊर्जा विभाग और अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड, पटना के अतिरिक्त प्रभार में रहेंगे।
कुख्यात को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, कई पुलिसकर्मियों को लगी चोट

डेस्क : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां एक कुख्यात अपराधकर्मी को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस टीम पर हमला हुआ है। इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। वहीँ आधा दर्जन आरोपी को पुलिस ने हिरासत में लिया है। 

घटना जिले साहेबगंज थाना क्षेत्र के नवलपुर की है। मिली जानकारी के अनुसार जिले की साहेबगंज थाना की पुलिस टीम मिली गुप्त सूचना के आधार पर दो बाइक सवार बदमाश का पीछा कर गिरफ्तारी करने पहुंची। इस दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया और बाद में पुलिस टीम पर स्थानीय लोगो ने हमला कर दिया। जिसमे कई पुलिस चोट लगी और एक पुलिस कर्मी गंभीर रुप से घायल हो गया है। 

सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि साहेबगंज थाने की पुलिस टीम दो अपराधी को गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार करने गई थी। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो स्थानीय लोगों ने विरोध करना शुरू किया और हमला कर दिया. जिसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। पुलिस ने इस इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जिससे पूछताछ के आधार पर आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है।

जदयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने दिया ऐसा बयान, एनडीए के अंदर मच सकता बवाल

डेस्क : सीतामढ़ी से जदयू के सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। जिससे बिहार एनडीए के अंदर बवाल मच सकता है। देवेश चंद्र ठाकुर ने इशारो ही इशारो में जहां जदय-बीजेपी पर बड़े आरोप लगा दिए है। वहीं उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की जमकर तारीफ की है। 

दरअसल, बीते दिनों सीतामढ़ी सांसद देवेश चंद्र ठाकुर हाजीपुर पहुंचे। जहां एक बार फिर लोकसभा चुनाव को लेकर उनका दर्द छलका। अपने कार्यकर्ता को संबोधित करते हुए देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हमें हराने के लिए सभी पार्टियों ने जोड़ लगा दी थी। राजद तो हमारे सामने थी ही लेकिन जदयू मेरे साथ थी या मेरे पीछे मुझे ख्याल नहीं, बीजेपी मेरे साथ थी या पीछे ये भी ख्याल नहीं। देवेश चंद्र ठाकुर ने इशारों इशारों में ही बिहार की डबल इंजन सरकार और एनडीए गठबंधन पर सवाल खड़ा कर दिया है। 

देवेश चंद्र ठाकुर इतने पर नहीं रुके। उन्होंने कहा है कि राजद, बीजेपी, जदयू, कांग्रेस, लिफ्ट सभी पार्टियों ने मिलकर उन्हें हराने की कोशिश की, लेकिन अपने व्यक्तिगत संबंधों के कारण वो चुनाव जीते हैं। उन्होंने कहा कि, लोगों से हमारे व्यक्तिगत संबंध और 20-25 साल में द्वारा किए गए हर एक काम के कारण हम चुनाव जीते हैं। उन्होंने कहा कि, उनके पास जिस जाति के, जिस वर्ग के लोग आते थे वे सभी की सहायता करते थे। छोटे से लेकर बड़े काम तक उन्होंने किया। जिसके कारण वहां की जनता को उनके ऊपर विश्वास था। इसी विश्वास के कारण वो चुनाव भी जीते। 

वहीं इस दौरान सीतामढ़ी सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमकर तारीफ की। देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि लालू यादव जैसा सच बात बोलने वाला व्यक्ति आपको पूरे बिहार में नहीं मिलेगा। जब हम पहली बार 2002 में स्नातक से एमएलसी का चुनाव लड़े थे तब लालू यादव के सहयोगी कांग्रेस के प्रत्याशी से मेरा सामना था लेकिन लालू जी ने हमें जुबान दिया और अपने जुबान पर बने रहे और चुनाव में हमारा साथ भी दिए।

बिहार सरकार का बड़ा फैसला, अब ऐसे जगहों पर कोचिंग संचालित नहीं होंगे

डेस्क : दिल्ली में कोचिंग हादसे के बाद पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। देश के सभी राज्य अब इस मामले में सतर्कता बरत रहे है। इधर बिहार में भी इस मामले को लेकर सरकार सतर्क हो गई है। बिहार में चल रहे कोचिंग संस्थानों की प्रशासन द्वारा जांच की जा रही है। इसी बीच सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। भवन के बेसमेंट और गैराज मे कोचिंग संचालित करने पर रोक लगा दिया गया है। 

पटना के डीइओ संजय कुमार ने बताया कि भवन के बेसमेंट व गैरेज में कोचिंग संचालित करने पर रोक लगा दी गयी है। वर्तमान में पटना जिले में 515 कोचिंग संस्थान रजिस्टर्ड है। 1100 कोचिंग संचालकों ने रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दिया है। आवेदन के आधार पर सभी कोचिंग संस्थानों की जांच की जायेगी। 

डीइओ संजय कुमार ने कहा कि जिले में बहुत सारे कोचिंग संस्थान बिना रजिस्ट्रेशन के चले रहे हैं, जो सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करते है। अब वही कोचिंग संस्थान संचालित होंगे, जिन्होंने जिला शिक्षा कार्यालय से रजिस्ट्रेशन कराया है। बिना रजिस्ट्रेशन वाले कोई कोचिंग संस्थान संचालित नहीं होंगे।

वहीं पटना जिलाधिकारी डॉ चंदशेखर सिंह ने कोचिंग संस्थानों के संचालकों के साथ बैठक की है। इसमें एसएसपी राजीव मिशरा, नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर समेत सभी एसडीओ, डीइओ, सभी नगर कार्यपालक पदाधिकारी व अन्य भी उपस्थित थे। इस बैठक में 50 से अधिक कोचिंग संचालक भी पहुंचे थे। वहीं, खान सर की जगह उनके प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए। डीएम ने कहा कि कोचिंग के संचालन में सुरक्षा मानकों का पालन जरूरी है, उन्होंने एक महीने में सारी कमियों को दूर करने का निर्दश दिया। उन्होंने कहा कि अगर समय सीमा के अंदर सारी कमियां दूर नहीं हुई, तो आगे कार्रवाई की जायेगी।

पूर्णिया के तनिष्क शोरूम में हुई लूट मामले में बड़ा खुलासा : पटना के बेउर जेल से रची गई थी पूरी साजिश

डेस्क : बीते दिनों पूर्णिया शहर स्थित तनिष्क शोरूम में भीषण लूट की घटना को अंजाम दिया गया था। उस लूट कांड मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। लूट की साजिश पटना के बेउर जेल से रची गई थी। घटना की साजिश अंतरराज्यीय ज्वेलरी लुटेरा गिरोह के सरगना सुबोध सिंह एवं सरसी के कुख्यात बिट्टू सिंह ने बेऊर जेल में रची थी। मामले में एक क्वैक डाक्टर समेत चार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इधर, पटना में विशेष पुलिस टीम ने इंद्रपुरी में छापे मारकर संदिग्धों को उठा ले गई। आरोपितों के पास से पुलिस ने दो कट्टा, तीन कारतूस एवं मोबाइल का जला हुआ अवशेष सहित तीन बाइक को बरामद किया है। 

पूर्णिया एसपी उपेन्द्रनाथ वर्मा ने बताया कि कुछ समय पूर्व बेऊर जेल में सरसी के कुख्यात बिट्टू सिंह की मुलाकात अन्तर्राज्यीय ज्वेलरी लुटेरा गिरोह के सरगना नालंदा के कुख्यात सुबोध सिंह से हुई। वहां सभी ने तनिष्क शो रूम में डकैती की साजिश रची थी। कांड के उद्भेदन के दौरान पुलिस गिरफ्त में आए लाइन बाजार स्थित एक क्वैक डाक्टर राहुल श्रीवास्तव ने मामले का खुलासा किया। गिरफ्तार आरोपी बेगूसराय जिले का मूल निवासी है।

सुबोध सिंह एवं उसका एक सहयोगी फिलहाल बंगाल की जेल में बंद है, जबकि बिट्टू सिंह भागलपुर जेल में कैद है। गिरफ्तार आरोपी ने पुलिस को बताया कि प्रभात कॉलोनी एवं हाऊसिंग बोर्ड स्थित बिट्टू सिंह, अभिमन्यू सिंह एवं चुनमुन झा के विभिन्न ठिकाने पर अपराधियों ने तनिष्क शोरूम में डकैती की स्थानीय स्तर पर साजिश रची थी। इसको बेऊर जेल में बंद सुबोध सिंह निर्देशित कर रहा था। घटना को अंजाम देने के लिए बाहरी अपराधियों को अररिया के शिवपुरी स्थित लॉज में रखा गया, फिर अपराधियों की मीटिंग हुई।

उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटना मे शामिल सभी अपराधियों की पहचान कर ली है। इसमें मास्क पहने आरोपी की पहचान चुनमुन झा के रूप में हुई। सहयोग करने के आरोप में चुनमुन झा के भाई आनंद झा को अररिया स्थित घर से और अभिमन्यू सिंह व बमबम यादव को पूर्णिया से दबोचा गया है। सभी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। हालांकि, डकैती की ज्वेलरी का अब तक पता नहीं चल पाया है। बिहार एवं बंगाल में पुलिस की टीम अपराधियों की धर- पकड़ के लिए काम कर रही है।

*बिहार में आसमान से बरसी मौत : वज्रपात से दर्जन भर लोगों की गई जान, कई गंभीर रुप से झूलसे*


डेस्क : बीते कई दिनों से उमश भरी गर्मी की मार झेल रहे प्रदेशवासियों को बीते बुधवार को बड़ी राहत मिली। राजधानी पटना समेत प्रदेश के कई जिलों में हुई झमाझम बारिश ने प्रचंड गर्मी से बड़ी राहत दी। साथ ही प्रदेश में ठनका के चपेट में आने से दर्जन भर लोगों की जान चल गई। वहीं कई लोग गंभीर रुप से झुलस गए। सूबे के रोहतास जिले के करहगर के देव खैरा गांव में चाचा-भतीजा की मौत हो गई। इसी परिवार की पांच महिलाएं झुलस गईं। झुलसीं महिलाओं का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। देव खैरा निवासी शंकर राम और और उनका भतीजा गोलू राम छत पर बैठकर बातें कर रहे थे। वहीं छत पर बनी फूस की झोपड़ी में महिलाएं खाना बना रहीं थी। तभी अचानक बारिश के साथ ठनका गिर गया। वहीं, शिवसागर के के रायपुर चौर गांव में ठनका से रोपनी कर रही महिला की मौत हो गई। औरंगाबाद के मदनपुर प्रखंड के पिरवां में धान रोप रहे किसान पर ठनका गिर गया। उसकी मौके पर ही मौत गई। वहीं नवीनगर के टंडवा थाना क्षेत्र के खजुरी महेश गांव में दोपहर में खेत में काम कर रही एक महिला की मौत हो गई। नालंदा जिले के चंडी और नगरनौसा थाना क्षेत्रों में वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई। जबकि, एक अन्य युवक झुलस गया। जहानाबाद के मखदुमपुर में टेहटा थाने के पश्चिमी सरेन गांव में ठनका कहर बनकर टूट पड़ा। इसकी चपेट में आने से चार किशोरों की मौत हो गयी। शाम चार बजे गांव से बधार में गए थे। अचानक तेज बारिश होने लगी जिससे बचने के लिए सभी बच्चे पेड़ के नीचे चले गए। वहीं सारण गड़खा में वज्रपात से किशोर की मौत हो गई।
बिहार नगरपालिका संशोधन विधेयक को लेकर सरकार और मुख्य पार्षद महासंघ में ठनी, मंत्री ने दिया यह आश्वासन

डेस्क : बिहार नगरपालिका संशोधन विधेयक के बाद नगर निकायों की स्वायत्ता पर सरकार और मुख्य पार्षद महासंघ में ठन गई है। हालांकि नगर विकास मंत्री नितिन नवीन ने कहा है कि निकायों की स्वायत्तता कम नहीं होने दी जाएगी। वहीं, बिहार राज्य मुख्य पार्षद महासंघ ने मंत्री के साथ हुई वार्ता को विफल बताते हुए अधिकारों की लड़ाई जारी रखने का ऐलान किया है।

बीते बुधवार को इस मामले को लेकर मुख्य पार्षद महासंघ की सभा हुई। सभा के दौरान पटना मेयर सीता साहू ने कहा कि इसके खिलाफ हमारी लड़ाई सड़क पर धरना- प्रदर्शन करने के साथ न्यायालय में भी कानून को रद्द करने के लिए चुनौती दी जाएगी। बिहियां नगर परिषद के मुख्य पार्षद सचिन कुमार गुप्ता ने कहा कि कानून को किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने दिया जाएगा। मुंगेर नगर निगम की मेयर कुमकुम देवी और मुजफ्फरपुर नगर परिषद की मेयर निर्मला साहू ने कहा कि नगर अध्यक्ष के कार्यों एवं दायित्वों के निर्वहन में कार्यपालक पदाधिकारी अंदरूनी हस्तक्षेप एवं प्रस्ताव को मनमाने तरीक से सुविधानुसार लागू कराना बंद करे।

वहीं स्वायत्तता पर हमले को लेकर निकायों की आपत्ति के बीच नगर विकास मंत्री ने प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि मंगलवार को विकास भवन में कई नगर पालिकाओं के महापौर और नगर परिषद के सदस्यों के साथ चर्चा हुई। उन्होंने अपनी मांगें रखी हैं। कई तरह के विचार साझा किए हैं। उनकी मांगों पर सकारात्मक रूप से विचार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि नगर निकायों की स्वायत्तता किसी भी सूरत में कम नहीं होने दी जाएगी। अधिकारों को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जायेगा। जो आपत्तियां आई हैं, उस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्यों की नीति में एकरूपता लाने के लिए संशोधन किया गया है। ठोस कचरा प्रबंधन जैसे मुद्दों पर कलस्टर बनाने जैसे मामले बिना संशोधन संभव नहीं हैं। निकायों में जनप्रतनिधि ही सारे फैसले लेंगे। विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर भी मौजूद रहे।

बिहार मे मौसम का बदला मिजाज : अधिकतर जिलो में हुई बारिश ने गर्मी से दी राहत, आज भी कई जिलों में बारिश के साथ वज्रपात का अलर्ट*


डेस्क : बीते कई दिनों से उमश भरी गर्मी की मार झेल रहे प्रदेशवासियों को बीते बुधवार को बड़ी राहत मिली। राजधानी पटना समेत प्रदेश के कई जिलों में हुई झमाझम बारिश ने प्रचंड गर्मी से बड़ी राहत दी। वही सूबे में बारिश की गतिविधियां अगले तीन-चार दिनों में बेहतर होंगी। बुधवार को दिन में तेज धूप के कारण लोग उमस भरी गर्मी से परेशान रहे। वहीं, शाम होते ही पटना व आसपास इलाकों में काले बादल छाए रहने के साथ छिटपुट वर्षा व तेज हवा के प्रवाह से लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में बताया है कि तीन अगस्त से छह अगस्त के दौरान पटना सहित सभी जिलों में गरज-तड़क के साथ अच्छी वर्षा की संभावना है। आज गुरुवार को पटना सहित राज्य के अधिकतर जिलों में बादलों की आवाजाही बने होने के कारण छिटपुट वर्षा के आसार है। जबकि, प्रदेश के 16 जिलों में हल्की वर्षा के साथ मेघ गर्जन व वज्रपात को लेकर येलो अर्लट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने के कारण तराई वाले इलाकों में मध्यम दर्जे की वर्षा के आसार है। बीते 24 घंटों के दौरान उत्तरी व दक्षिणी भागों के अधिसंख्य जिलों में हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा दर्ज की गई। पश्चिम चंपारण के रामनगर में 142.0 मिमी सर्वाधिक वर्षा दर्ज की गई। राजधानी में 2.0 मिमी वर्षा दर्ज की गई। बुधवार को पटना का अधिकतम तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि, 38.5 डिग्री सेल्सियस के साथ गोपालगंज में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
पीके की अपनी राजनीतिक पार्टी के साथ बिहार की पॉलिटिक्स में इंट्री : राजद, जदयू और बीजेपी के बीच क्या कमाल कर पाएंगे प्रशांत किशोर?

डेस्क : चुनावी रणनीतिकार के रुप सफल और नीतीश कुमार के साथ अपनी पहली राजनीतिक पारी में असफल रहने वाले प्रशांत किशोर अब खुद अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने का एलान कर दिया है। बीते 28 जुलाई को प्रशांत किशोर ने पटना में एक बड़ा कार्यक्रम कर इसकी घोषणा कर दी कि 2 अक्तूबर, 2024 को उनकी पार्टी अस्तित्व में आ जाएगी और 2025 में उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव भी लड़ेगी। उन्होंने कहा, “एक करोड़ सदस्य 2 अक्टूबर को गांधी जयंती को मौके पर जन सुराज की नींव रखेंगे। पहले दिन 1.50 लाख लोगों को पदाधिकारी नामित करने के साथ शुरुआत होगी।

 

उन्होंने कहा कि वो अपनी पार्टी के अध्यक्ष नहीं होंगे। एक दलित नेता उनकी पार्टी का पहला अध्यक्ष होगा। उन्होंने कहा कि जो 25 लोग, पांच हजार लोगों को पार्टी का सदस्य बनाने की क्षमता रखते हैं, वो पार्टी अध्यक्ष पद के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

बता दें कि करीब दो साल से जन सुराज पदयात्रा कर रहे चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के जिलों, प्रखंडों और गांवों तक का दौरा किया। इस दौरान प्रशांत किशोर अपना कुनबा भी बढ़ाते रहे। आरजेडी, जेडीयू, बीजेपी सहित कई राजनीतिक दलों के जमीनी स्तर के नेता से लेकर जिला स्तर के नेताओं को पार्टी से जोड़ा। उसके बाद अब उन्होंने एक सधी सोच के तहत राजनीतिक पार्टी बनाने का एलान और चुनावी मैदान में उतरने का एलान कर दिया है। 

अभी बिहार में किसी और पार्टी की नहीं दिख रही जरुरत

वैसे बिहार में ऊपरी तौर पर देखा जाए तो ऐसा कोई राजनीति वैक्यूम नहीं है जिसे भरने के लिए नए नेता की जरूरत हो। लालू पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद जो राजनीतिक जमीन उनकी पार्टी ने खोई थी, उस पर तेजस्वी यादव ने अब अपनी पकड़ बना ली है। कमजोर होते नीतीश कुमार को लोकसभा चुनाव ने नया ऑक्सीजन दे दिया है और बीजेपी लगातार संगठन को मजबूत करने में जुटी है। ऐसे समय में प्रशांत किशोर बिहार में सियासत में अपनी जगह बनाने निकले हैं। ऐसे में प्रशांत किशोर की पार्टी को कितनी सफलता मिलेगी।

प्रशांत किशोर को सफलता के लिए इन पॉइंट्स से है उम्मीद

बिहार में मजबूत उपस्थिति के लिए प्रशांत किशोर एक साथ कई रणनीति पर काम कर रहे हैं। एकतरफ पीके सभी पार्टियों के कोर वोटर्स में सेंध लगाने की रणनीति तैयार कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ खुद का जातीय और समाजिक समीकरण भी बना रहे हैं।

उनकी टीम से जुड़े लोगों की मानें तो 3 वजहों से पीके को अपनी प्लान सफल होने की उम्मीद है। इसमे पहला कारण जाति आधारित पार्टी का नहीं होना है। पीके जिस जनसुराज पार्टी का गठन करने जा रहे हैं, वो जाति आधारित नहीं है। पीके न तो अभी तक जाति की राजनीति करते आए हैं। पीके की रणनीति उन लोगों को साधने की है, जो बिहार में पिछले 30 साल के शासन से उकताए हुए हैं। पीके अपने भाषण में इन्हीं वर्गों को साधने की कोशिश करते हैं। पीके मुख्य रूप से बिहार के बेरोजगारी, पलायन और शिक्षा का मुद्दा उठाते हैं। 

दूसरा कारण है प्रशांत किशोर कई राज्यों में बतौर चुनावी रणनीतिकार काम कर चुके हैं। एकाध मामले को छोड़ दिया जाए तो उनकी रणनीति में पार्टियों को सफलता ही मिली है। 2014 के चुनावों में पीके नरेंद्र मोदी की टीम के अहम हिस्सा थे। 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के लिए रणनीति बना चुके हैं। 2019 के महाराष्ट्र चुनाव में उद्धव ठाकरे, 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल रणनीति बना चुके है। पीके 2021 के तमिलनाडु चुनाव में एमके स्टालिन, 2019 में आंध्र चुनाव में जगन मोहन रेड्डी, 2021 के बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी के लिए काम कर चुके है। और पीके कांग्रेस के लिए पंजाब और यूपी में भी काम कर चुके हैं। इनमें अधिकांश में वे सफल रहे है। 

तीसरा सबसे बड़ा कारण पीके के पास प्रोफेशनल टीम का होना है। प्रशांत किशोर जब बिहार राजनीति करने आए तो पूरी प्रोफेशन टीम के साथ आए। वर्तमान में पीके इन्हीं टीम के साथ राज्य की राजनीति में सक्रिय हैं। यह टीम फीडबैक जुटाने से लेकर मुद्दा तय करने तक का काम करती है. पीके के मीडिया और सोशल मीडिया मैनेजमेंट का भी काम प्रोफेशनल टीम ही देखती है।

बहरहाल प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में अपनी पैठ बनाने में कितना सफल हो पाते है यह तो आनेवाला समय ही बताएगा। लेकिन इतना जरुर है कि इनकी बिहार की राजनीति में अपनी पार्टी बनाकर इंट्री की खबर ने प्रदेश के राजनीतिक दलों की बीच टेंशन जरुर पैदा कर दिया है।