CBSE के छात्र शिक्षा विभाग की खेल प्रतियोगिताओं में ले सकेंगे भाग, लोक शिक्षण संचालनालय ने वापस लिया निर्णय…आदेश जारी
रायपुर- स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SGFI) ने सीबीएसई (CBSE) को एक स्वतंत्र इकाई के रूप में मान्यता प्रदान की है. इसके चलते, सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के छात्रों को सत्र 2024-2025 से स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित विकासखंड, जिला, संभाग, और राज्य स्तरीय शालेय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने से अलग कर दिया गया था. हालांकि, छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसियेशन के अनुरोध के बाद लोक शिक्षण संचालनालय ने इस निर्णय को वापस ले लिया है.


एसोसियेशन ने लोक शिक्षण संचालनालय को अवगत कराया कि सीबीएसई ने SGFI से मान्यता प्राप्त कर ली है, लेकिन सेटअप तैयार नहीं हो पाने के कारण इस सत्र में प्रतियोगिताएं आयोजित करना संभव नहीं है. जिसके बाद छात्र हित को ध्यान में रखते हुए लोक शिक्षण संचालनालय ने सीबीएसई से संबद्ध विद्यार्थियों को सत्र 2024-2025 में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित विकासखंड, जिला, संभाग, और राज्य स्तरीय शालेय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति दी है. यह आदेश तत्काल प्रभावी होगा.

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लोकसभा में सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने देश में कोयला उत्पादन बढ़ाने और आयात कम करने पर उठाए सवाल

रायपुर-    देश में कोयले का घरेलू उत्पाद बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए कोयला मंत्रालय लगातार कार्य कर रहा है। लोकसभा में रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल के सवाल पर कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को यह जानकारी दी है। जिसके मुताबिक कोयला आयात को प्रतिस्थापित करने के लिए सरकार द्वारा कई उपाय किए गए हैं।

2020 में शुरू की गई गैर-विनियमित क्षेत्र (एनआरएस) लिंकेज नीलामी नीति में संशोधन के साथ, एनआरएस लिंकेज नीलामी में कोकिंग कोल लिंकेज की अवधि को 30 साल तक की अवधि के लिए संशोधित किया गया है। शक्ति नीति के संशोधित प्रावधानों के अंतर्गत विद्युत संयंत्रों को अल्पावधि के लिए पेशकश की गई कोयले तथा एनआरएस लिंकेज नीलामी में 30 वर्ष तक की अवधि के लिए कोकिंग कोल लिंकेज की अवधि में वृद्धि से कोयला आयात प्रतिस्थापन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है।

सरकार ने वर्ष 2022 में निर्णय लिया है कि कोयला कंपनियों द्वारा विद्युत क्षेत्र के सभी मौजूदा लिंकेज धारकों की पूर्ण पीपीए आवश्यकता को पूरा करने के लिए कोयला उपलब्ध कराया जाएगा। विद्युत क्षेत्र के लिंकेज धारकों की पूर्ण पीपीए आवश्यकता को पूरा करने के सरकार के निर्णय से आयात पर निर्भरता कम होगी। कोयला आयात प्रतिस्थापन के उद्देश्य से कोयला मंत्रालय में एक अंतर- मंत्रालयी समिति (आईएमसी) का गठन किया गया है। जिसमे विद्युत मंत्रालय, रेल मंत्रालय, नौवहन, वाणिज्य , इस्पात, खान मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, कोयला कंपनियों और बंदरगाही के प्रतिनिधि इस आईएममी के सदस्य है। आईएमसी के निर्देशों पर कोयला मंत्रालय द्वारा एक आयात डाटा प्रणाली विकसित की गई है ताकि मंत्रालय कोयले के आयात का पता लगा सके। कोयले की और अधिक घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाते हैं। साथ ही खनिज रियायत नियम , 1960 को संशोधित किया गया है जिससे कैप्टिव खान के प‌ट्टेदार द्वारा अतिरिक्त राशि के भुगतान पर कोयला या लिग्नाइट की बिक्री की अनुमति दी जा सके, जो खान से जुड़े अल्य उपयोग संयंत्र की आवश्यकता को पूरा करने के बाद एक वित्तीय वर्ष में उत्पादित कुल कोयाले या लिग्नाइट के 50 प्रतिशत तक हो। कोयला अथवा लिग्नाइट की निधर्धारित मात्रा की विक्री की अनुमति से कैप्टिव पट्टेदार कैप्टिय खानी से उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित होंगे। इसके अलावा कोयला ब्लॉकों के विकास में तेजी लाने के लिए कोयला मंत्रालय द्वारा नियमित समीक्षा की जायेगी। कोयला कंपनियों ने घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए हैं। जिनमे कोल इंडिया लि ने कोयला उत्पादन में वृद्धि करने के लिए भूमिगत (यूजी) खानों में जहां कही व्यचहार्य हो, मुख्यतः सतत खनिकों के साथ व्यापक उत्पादन प्रौद्योगिकियां अपना रही है। सीआईएल ने परित्यक्त/बंद खान की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए हाईवाल खानों की भी योजना बनाई है। सीआईएल जहां कहीं संभव हो, बड़ी क्षमता वाली भूमिगत खानों की भी योजना बना रही है। सीआईएल की अपनी ओपनकास्ट खानों में पहले से ही उच्च क्षमता वाले एक्सकेवेटरों, डम्परों और सतही खनिकों में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी है।

सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लि. द्वारा नई परियोजनाओं को आधार प्रदान करने और मौजूदा परियोजनाओं के प्रचालन के लिए नियमित संपर्क किया जा रहा है। एससीसीएल ने कोयले की निकासी के लिए सीएचपी, क्रशर, मोबाइल क्रशर, प्री-वे-बिन आदि जैसी अवसंरचना विकसित करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। कोल मंत्रालय ने एनुअल कॉन्ट्रैक्ट क्वांटिटी को कुछ मामलों में नियामक आवश्यकता के 100% तक बढ़ा दिया गया है। जहां पहले एसीक्यू या तो नियामक आवश्यकता (गैर-तटीय) के 90% तक कम कर दिया गया था या जहां एसीक्यू को नियामक आवश्यकता (तटीय विद्युत संयंत्र) के 70% तक कम कर दिया गया था। एसीक्यू में वृद्धि के परिणामस्वरूप अधिक घरेलू कोयले की आपूर्ति होगी जिससे आयात पर निर्भरता कम होगी।

छत्तीसगढ़ में महतारी का बढ़ा मान, साय सरकार का अभिनव काम

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार माताओं-बहनों को सामाजिक, आर्थिक रूप से सशक्त करने के साथ ही उनके मान-सम्मान को बढ़ावा देने का काम पूरी ईमानदारी से कर रही है, जिसके चलते महिलाओं में एक नया आत्म विश्वास जगा है। महिलाओं को आर्थिक मदद देने के लिए संचालित महतारी वंदन योजना के चलते राज्य की 70 लाख महिलाओं को अब अपनी छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए किसी तरह की दिक्कत नहीं रही है। इस योजना के तहत महिलाओं के बैंक खाते में राज्य सरकार की ओर से हर महीने एक हजार रूपए की राशि पहुंच रही है। छत्तीसगढ़ सरकार ने महतारी के अनमोल योगदान के प्रतीक के रूप में ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभिनव पौधरोपण अभियान की शुरूआत की है। इस अभियान का उद्देश्य छत्तीसगढ़ राज्य को और अधिक हरा-भरा बनाने, पर्यावरण का संरक्षण और महतारी का सम्मान है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में 5 फरवरी 2024 को छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य की माताओं और बहनों से किए अपने संकल्प को पूरा करते हुए महतारी वंदन योजना की शुरूआत की थी। इस योजना के तहत राज्य की 70 लाख महिलाओं को एक हजार रूपए की मदद दी जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय महतारी वंदन योजना की छठवीं किश्त की राशि एक अगस्त को अंतरित करेंगे।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित ’एक पेड़ मां के नाम’ वृक्षारोपण अभियान के तहत राज्य में हर व्यक्ति को अपनी मां के सम्मान में एक पौधा लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर ‘एक पेड़ मां के नाम‘ पौधरोपण अभियान का शुभारंभ किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत देश में सितम्बर 2024 तक 80 करोड़ एवं मार्च 2025 तक 140 करोड़ वृक्षों के रोपण का लक्ष्य है। ‘एक पेड़ मां के नाम‘ पौधरोपण अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में 2 करोड़ 75 लाख पौधों का रोपण किया किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य में ’एक पेड़ माँ के नाम’ वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत 4 जुलाई को की थी। उन्होंने रायपुर स्थित अपने निवास पर दहीमन का पौधा लगाया और नागरिकों से अपनी माँ के नाम पर एक पेड़ लगाने का आग्रह किया था।एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत लोग अपनी मां के सम्मान में पेड़ लगाने के अलावा अपनी आस्था के अनुसार देवी-देवताओं के नाम पर भी पौधे लगा रहे है। सभी जिलों में ग्राम एवं पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधियों की भागीदारी से वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस अभियान के तहत ग्रामीण इलाकों में फलदार पौधे, लघु वनोपज एवं औषधीय प्रजाति के पौधों का रोपण हो रहा है। शहरी क्षेत्रों में छायादार प्रजातियां का रोपण किया जा रहा है। स्कूलों, छात्रावासों, आंगनबाड़ी केन्द्र, पुलिस चौकी, अस्पताल, शासकीय परिसर, शासकीय एवं अशासकीय भूमि, विभिन्न औद्योगिक संस्थानों की रिक्त भूमि में भी इस अभियान के अंतर्गत पौधे रोपित किए जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ राज्य में पेड़ लगाने का यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह मातृत्व का सम्मान करने का एक अनूठा तरीका भी है। ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान आक्सीजन की मात्रा बढ़ाने, धरती का तापमान कम करने, भूजल स्तर को ऊपर लाने और प्रदूषण नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, मंत्री श्री नेताम के शासकीय आवास में गृह प्रवेश कार्यक्रम में हुए शामिल

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज कैबिनेट मंत्री राम विचार नेताम को नवा रायपुर में आबंटित शासकीय आवास में आयोजित गृह प्रवेश कार्यक्रम में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने मंत्री श्री नेताम के साथ उनके नए आवास में पूजा-अर्चना की। उन्होंने श्री नेताम को नए आवास में प्रवेश के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री साय पूरे आवास का अवलोकन किया और परिसर में पारिजात का पौधा लगाया।

गौरतलब है कि कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम को नवा रायपुर के सेक्टर 24 में मंत्रीगणें के लिए नवनिर्मित आवासों में से आवास क्रमांक एम-05 आबंटित हुआ है। मंत्री श्री नेताम ने अपने परिजनों के साथ विधिवत पूजा-अर्चना कर आवास में गृह प्रवेश किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर में नवनिर्मित मुख्यमंत्री निवास का किया अवलोकन

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नवा रायपुर के सेक्टर 24 में नवनिर्मित मुख्यमंत्री निवास का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने नए सीएम हाउस परिसर का अधिकारियों के साथ भ्रमण कर निवास कार्यालय की व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया।

इस मौके पर लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने मुख्यमंत्री को नक्शे के माध्यम से नए सीएम हाउस में हुए सभी निर्माण कार्यों की जानकारी दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा, डॉ. धीरेन्द्र तिवारी, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद और राहुल भगत मौजूद थे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कल प्रदेश की 70 लाख माता-बहनों को जगदलपुर से देंगे रक्षाबंधन का तोहफा

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जगदलपुर प्रवास के दौरान 01 अगस्त को वहां आयोजित जिला स्तरीय महिला सम्मेलन में शामिल होंगे और प्रदेश की महिलाओं को महतारी वंदन योजना के तहत 1000-1000 रूपए की 6 वीं किश्त जारी कर राखी त्यौहार का उपहार देंगे। इस मौके पर वे महतारी वंदन एप का भी शुभारंभ करेंगे। गौरतलब है कि महतारी वंदन योजना के तहत प्रदेश की लगभग 70 लाख विवाहित महिलाओं को उनके आर्थिक सशक्तिकरण के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा हर माह एक-एक हजार रूपए की राशि उनके बैंक खातों में अंतरित की जाती है।

सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री साय 3061 महिला स्व-सहायता समूहों को आर्थिक गतिविधियों के संचालन के लिए वित्तीय समावेशन के तहत 100 करोड़ का बैंक लोन का भी वितरित करेंगे। कार्यक्रम में शहीद गुण्डाधूर की प्रतिमा के माल्यार्पण के साथ ही नारी शक्ति से जल शक्ति रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना करेंगे।

एक पेड़ माँ के नाम

मुख्यमंत्री श्री साय एक पेड़ माँ के नाम महावृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ करेंगे। इस मौके पर महतारी वंदन योजना के हितग्राही के साथ ही उद्योग विभाग, श्रम विभाग सहित अन्य विभाग के हितग्राहियों को भी सामग्री वितरण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर एक पेड़ मां के नाम का वृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत देश में सितम्बर 2024 तक 80 करोड़ एवं मार्च 2025 तक 140 करोड़ वृक्षों के रोपण का लक्ष्य है। एक पेड़ मां के नाम महावृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में 2 करोड़ 75 लाख पौधों का रोपण एंव वन विभाग द्वारा वन एवं वनेत्तर क्षेत्रों में 03 करोड़ 95 लाख 85 हजार पौधों का रोपण किया जा रहा है।

विकास कार्यो का लोकार्पण

मुख्यमंत्री श्री साय जगदलपुर में 9 करोड़ 31 लाख से अधिक राशि के विकास कार्यों लोकार्पण करेंगे। इनमें 48.03 लाख की लागत से अनुविभागीय दण्डाधिकारी कार्यालय जगदलपुर, तोकापाल और लोहांडीगुड़ा तथा 66.49 लाख की लागत से नवीन तहसील कार्यालय जगदलपुर का जीर्णाेद्धार के साथ 2.50-2.50 करोड़ की लागत से निर्मित लोहांडीगुड़ा और बुरगुम थाना का शामिल हैं।

इसी प्रकार जिला अस्पताल (महारानी अस्पताल) परिसर में डीएमएफटी मद के तहत 01 करोड़ 72 लाख 76 हजार की लागत से स्थापित माडुलर किचन एवं सामग्री युक्त अन्नपूर्णा रसोईघर का लोकार्पण किया जाएगा। साथ ही महारानी लक्ष्मी बाई अस्पताल परिसर में प्रधानमन्त्री भारतीय जन औषधि केंद्र का भी शुभारंभ किया जाएगा।

महतारी वंदन एप

महतारी वंदन योजना के क्रियान्वयन को और सुदृढ़ बनाने के लिए महतारी वंदन मोबाईल ऐप का भी शुभारंभ किया जा रहा है। इस एप के माध्यम से हितग्राहियों को प्रतिमाह हुए भुगतान और यह राशि किस खाते में प्राप्त हुई है की जानकारी आसानी से मिल सकेगी।

महतारी वंदन योजना के किसी हितग्राही की असामायिक मृत्यु हो जाती है तो इसकी सूचना भी इसी मोबाईल ऐप के माध्यम से दी जा सकती है। इस एप के जरिए शिकायतें भेजी जा सकती है तथा निराकरण की स्थिति भी देखी जा सकती है। यदि किसी हितग्राही को उसे प्राप्त हो रहे लाभ त्याग करना हो तो भी मोबाईल ऐप के माध्यम से लाभ त्याग कर सकेगी। इसके अलावा शासन द्वारा योजनांतर्गत समय-समय जारी होने वाले दिशा-निर्देशों की सूचना भी इसी मोबाईल ऐप के माध्यम से हितग्राहियों को प्राप्त हो सकेंगी।

महतारी वंदन योजना के हितग्राहियों की सुविधा के लिए बनाया गया यह मोबाईल ऐप एन्ड्रायड बेस है तथा इसे प्लेस्टोर से https://play.google.com/store/apps/detailsid com-mahtarivandanyojan डाउनलोड किया जा सकता है।

महतारी वंदन का उपहार, हर महीने खुशियों का रिचार्ज

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में अन्य कामों के शुभारंभ के लिए भले ही श्री गणेश जी की आराधना की जाती है लेकिन अब महीने की पहली तारीख माँ की वंदना अर्थात महतारी वंदन के साथ हो रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय महीने की पहली तारीख को क्लिक कर प्रदेश की 70 लाख माताओं-बहनों के खाते में महतारी वंदन योजना की राशि जो अंतरित करते हैं।

यह राशि पहली तारीख को इसलिए दी जाती है क्योंकि यह दिन नये महीने की बजट की शुरुआत का होता है। यह अतिरिक्त राशि गृहिणी के खाते में जुड़ती है और स्वाभाविक रूप से इसे खर्च करने का पूरा विवेक उसका होता है। पहली अगस्त को दी जाने वाली यह छठवीं किश्त होगी। जुलाई सत्र में बच्चों की पढ़ाई शुरू हुई और अगस्त के महीने में भी पढ़ाई-लिखाई से संबंधित खर्चे होते हैं। माताओं-बहनों ने अपने बजट के हिस्से में इसके लिए भी राशि लगाई होगी।

देश बचत से भी आगे बढ़ता है। भारत की अर्थव्यवस्था पर गौर करें तो लंबे समय से सकल घरेलू बचत का अनुपात अच्छा होने का सकारात्मक असर आर्थिक सेहत पर पड़ा। महिलाओं ने छोटे-छोटे खर्च बचाकर, छोटी-छोटी खुशियों की आहूति देकर जो बचत की, उससे परिवारों का बचत बढ़ा और यह देश की बचत राशि में जुटा।

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जो राशि दे रहे हैं उससे निश्चित ही महिलाएं अपने बचत के स्वभाव के अनुरूप राशि बचाएंगी। यह चक्रवृद्धि ब्याज में बढ़ती जाएगी और आड़े वक्त में जब परिवार के लिए राशि की जरूरत होगी तो वे खर्च कर पाएंगी।

यह राशि डीबीटी के माध्यम से दी जा रही है। बैंक खाते में यह राशि जा रही है और स्वभाविक रूप से बैंकिंग सिस्टम में राशि होने से बचत के काम आयेगी। इसके साथ ही डीबीटी होने की वजह से पारदर्शिता से महिलाओं के खाते में पहुंच रही है। यह विष्णु का सुशासन है जिसमें डिजिटल टेक्नालाजी सर्वाेपरि है। पारदर्शिता है।

जरूरी नहीं कि यह निवेश वे सीधे बैंकिंग तंत्र, जीवन बीमा अथवा म्यूच्युअल फंड आदि माध्यमों से ही कर रही हों, वे अपना निवेश बच्चों की शिक्षा में लगा रही है। इतिहास गवाह रहा है कि जब भी शिक्षा में निवेश किया गया, उसके सबसे अच्छे परिणाम सामने आये हैं। हमारे यहां माता जीजा बाई का उदाहरण हैं जिन्होंने अपने यशस्वी पुत्र शिवाजी को एक महान उद्देश्य के लिए तैयार किया, शिक्षित किया। शिवा जी जैसे योग्य पुत्रों के पोषण के लिए बहुत जरूरी है कि हमारी माताओं-बहनों को हम आर्थिक शक्ति प्रदान करें।

महतारी वंदन का एक रूप धरती माता की सेवा भी है। जलवायु परिवर्तन का संकट दुनिया के सबसे बड़े संकटों में से एक है। हम सब सामान्य नागरिक इस संकट का मुकाबला करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसलिए ही हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पेड़ मां के नाम लगाने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ में इसे आंदोलन के रूप में आरंभ किया है। उन्होंने अपने स्कूल में रूद्राक्ष का पौधा अपनी माँ के नाम लगाया। महतारी वंदन योजना के हितग्राहियों से भी उन्होंने आग्रह किया कि वे एक पेड़ माँ के नाम लगाएं।

मुख्यमंत्री ने जो स्कूल में पौधा लगाया, उसके कई मायने हैं। स्कूल में जब हम पौधा लगाते हैं तो आने वाली पीढ़ी को भी पर्यावरण से जोड़ते हैं। जिस पीढ़ी को इन पेड़ों को सहेजना है उसे इस संबंध में जागरूक करते हैं।

केवल जलवायु परिवर्तन के संकट को रोकने के लिए नहीं, हमने इस धरती से जो लिया, अपने पुरखों से जो लिया, उसे धरती को लौटाने भी हमें है। धरती माता का ऋण हमारे ऊपर है। हमें धरती का श्रृंगार पेड़ों से करना होगा तभी हम इस ऋण से उऋण हो सकेंगे।

जब हमारी माताएं महतारी वंदन योजना के अंतर्गत निवेश करती हैं तो वे बचत का एक पौधा बोती हैं जो कालांतर में विशाल वृक्ष के रूप में तैयार होगा। जब हमारी माताएं बहनें इस अभियान के साथ एक पौधा लगाएंगी तो यह पौधा भी विशाल वृक्ष के रूप में तैयार होगा।

अपनी मेहनत जब विशाल और फलदायी रूप में सामने आयेगी तो कितना संतोष इन महिलाओं को होगा। महतारी वंदन योजना और एक पेड़ मां के नाम दो अलग-अलग बातें नहीं हैं वे एक ही हैं और इसमें हमारी आगे की पीढ़ी का उज्ज्वल भविष्य छिपा है।

’एक पेड़ मां के नाम’ यानि हरे-भरे स्वच्छ भविष्य का निर्माण

रायपुर-     छत्तीसगढ़, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और घने जंगलों के लिए प्रसिद्ध है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में ’एक पेड़ मां के नाम’ एक अनूठा वृक्षारोपण अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ मातृत्व का सम्मान, हरे-भरे परिदृश्य को और अधिक हराभरा बनाना है। इस अभियान के तहत हर व्यक्ति को अपनी मां के सम्मान में एक पौधा लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस विचार के पीछे एक गहरा भावनात्मक तत्व है, जो मां के अनमोल योगदान का प्रतीक है।

यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर एक पेड़ मां के नाम वृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत देश में सितम्बर 2024 तक 80 करोड़ एवं मार्च 2025 तक 140 करोड़ वृक्षों के रोपण का लक्ष्य है। ‘एक पेड़ मां के नाम‘ महावृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में 2 करोड़ 75 लाख पौधों का रोपण एवं वन विभाग द्वारा वन एवं वनेत्तर क्षेत्रों में 03 करोड़ 95 लाख 85 हजार पौधों का रोपण किया किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य में 4 जुलाई को ’एक पेड़ माँ के नाम’ वृक्षारोपण महाअभियान की शुरुआत की थी। उन्होंने रायपुर स्थित अपने निवास पर दहीमन का पौधा लगाया और नागरिकों से अपनी माँ के नाम पर एक पेड़ लगाने का आग्रह किया। सरगुजा क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला दहीमन का पौधा अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है और इसका उपयोग विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में क्रियान्वित इस अभियान के तहत लोग अपनी माता कि सम्मान में पेड़ लगाने के अलावा अपनी आस्था के अनुसार देवी-देवताओं के नाम पर भी पौधे लगा रहे है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अभियान के तहत वृक्षारोपण स्थलों का नामकरण स्थानीय देवी-देवताओं के नाम से करने का आह्वान किया है। सभी जिलों में ग्राम एवं पंचायत स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर जनप्रतिनिधियों की भागीदारी से वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस अभियान के तहत आम, जामुन, बेल, कटहल, सीताफल, अनार, शहतूत, बेर, तेन्दू, गंगाईमली जैसे फलदार पौधे तथा लघु वनोपज एवं औषधीय प्रजाति के पौधों जैसे-हर्रा, बहेड़ा, आंवला, नीम, पुत्रजीवा, काला सिरस, रीठा, चित्रक आदि प्रजातियों के पौधों का रोपण हो रहा है। शहरी क्षेत्रों में छायादार प्रजातियां बरगद, पीपल, मौलश्री, कदम, पेल्ट्राफार्म, गुलमोहर, करंज, अशोक, अर्जुन के साथ अन्य प्रजातियों का रोपण किया जा रहा है। अभियान अंतर्गत सभी स्कूलों, छात्रावासों, आंगनवाड़ी केन्द्र, पुलिस चौकी, अस्पताल, शासकीय परिसर, शासकीय एवं अशासकीय भूमि, विभिन्न औद्योगिक संस्थानों की रिक्त भूमि पर इस महावृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है।

वर्तमान समय में वनों की कटाई और प्रदूषण की बढ़ती समस्या को देखते हुए, इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक पेड़ लगाकर पर्यावरण को सुरक्षित रखना है। हर व्यक्ति के जीवन में मां का स्थान विशेष होता है। इस अभियान के माध्यम से, लोग अपनी मां के प्रति अपने प्रेम और सम्मान को व्यक्त कर सकते हैं।

इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्रचार-प्रसार विभिन्न माध्यमों, सोशल मीडिया, रेडियो, और टीवी के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वन विभाग द्वारा विभिन्न प्रजातियों के पौधों की व्यवस्था की गई, जो स्थानीय वातावरण के अनुकूल हों। प्रत्येक जिले में वृक्षारोपण के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है, जहां जनसमुदाय अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए अपनी मां के नाम पर पौधा लगा रहे है। अभियान की शुरुआत के कुछ ही दिनों में अपार सफलता मिली।

छत्तीसगढ़ में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत जून माह में 13 लाख और जुलाई माह में 01 करोड़ 38 लाख पौधों का रोपण किया जा चुका है। अगस्त माह के अंत तक राज्य में कुल 2 करोड़ 75 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा। वन विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत 3 करोड़ 95 लाख 85 हजार से अधिक पौधे लगाकर वनीकरण एवं पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य में पेड़ लगाने का यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह मातृत्व का सम्मान करने का एक अनूठा तरीका भी है। यह अभियान न केवल छत्तीसगढ़ के लोगों को प्रकृति के प्रति जागरूक बना रहा है, बल्कि उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ने का काम भी कर रहा है।

पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए पेड़-पौधे लगाना जरूरी हैं। ये हमें जीवन के लिए आक्सीजन, खाने के लिए फल और गर्मी में छांव देते हैं। धरा को हरा-भरा करने एवं जीवन को बचाने के लिए पेड़ लगाना चाहिए। ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान आक्सीजन की मात्रा बढ़ाने, धरती का तापमान कम करने, भूजल स्तर को ऊपर लाने और प्रदूषण नियंत्रण में महत्वपूर्ण योगदान होगा। इस प्रकार के अभियानों से हम एक हरित और स्वच्छ भविष्य की कल्पना कर सकते हैं।

नक्सलवाद छोड़ मुख्यधारा में लौटे नक्सली, एक लाख के इनामी माओवादी समेत 5 ने किया सरेंडर

बीजापुर- छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस को लगातार सफलता मिल रही है. भैरमगढ़ एरिया कमेटी के अंतर्गत आज एक लाख रुपये के इनामी डीकेएएमएस अध्यक्ष समेत 5 माओवादियों ने सरेंडर किया है. इन माओवादियों ने नक्सल संगठन में पारिवारिक सुख से वंचित रहने और माओवादियों के जीवन शैली व विचारधारा से क्षुब्ध होकर समर्पण किया है.

इन माओवादियों ने बीजापुर के पुलिस अधीक्षक और सीआरपीएफ डीआईजी के सामने आत्मसमर्पण किया है. समर्पण करने वाले माओवादी कई आपराधिक गतिविधियों, जैसे हत्या, फायरिंग, और आगजनी जैसी घटनाओं में शामिल थे. बता दें कि वर्ष 2024 में अब तक 142 माओवादियों ने किया पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. वहीं विभिन्न माओवादी घटनाओं में शामिल 310 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया.

महापौर को अपने इस राजनीतिक आचरण पर शर्म आनी चाहिये, संजय श्रीवास्तव बोले-

रायपुर- भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने राजधानी में कांग्रेस द्वारा आहूत प्रदर्शन के दौरान रायपुर के महापौर एजाज ढेबर द्वारा अपने खिलाफ हो रही कानूनी कार्रवाई को लेकर पुलिस अधिकारी का नाम लेकर आत्महत्या की धमकी देने को ढेबर के बचकानेपन और कांग्रेस के नये-नये अराजकतावादी चरित्र का परिचायक बताया है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि ढेबर को यह नहीं भूलना चाहिए कि प्रशासनिक अधिकारियों को आत्महत्या की धमकी देकर कानूनसम्मत कार्य से रोकने के लिए इस तरह दबाव बनाना भी एक तरह का अपराध होता है, जो वह अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए सरेआम इन दिनों लगातार कर रहे हैं।

भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री श्रीवास्तव ने कहा कि रायपुर के महापौर जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे ढेबर को अपने इस राजनीतिक आचरण पर शर्म महसूस करनी चाहिए क्योंकि वह अच्छी से जानते हैं कि राजनीतिक आंदोलनों में इस प्रकार के मामले दर्ज होते रहते हैं। कांग्रेस के शासनकाल में तो अनेक भाजपा नेताओं पर दर्जनों मामलों में एफआईआर होती रही जबकि ढेबर को तो प्रदर्शन के दौरान पुलिस अधिकारी और जवानों से धक्का-मुक्की, झूमाझटकी करते उस दिन के वायरल वीडियो में साफ देखा जा रहा है और इसीलिए ढेबर पर कानूनी शिकंजा कसा है।श्री श्रीवास्तव ने कहा कि अपने खिलाफ कानूनी कार्रवाई को रोकने के लिए ढेबर अब दबाव बनाने की बचकानी राजनीति कर रहे हैं। ढेबर को यह बात समय रहते अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि इस मामले में अब वह पूरी तरह अकेले पड़ गए हैं और कांग्रेस का एक भी नेता ने झूठे मुँह भी यह कहने की जरूरत नहीं समझी कि इस लड़ाई में वह ढेबर के साथ खड़े हैं और हमारे खिलाफ भी केस दर्ज किया जाए।

भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री श्रीवास्तव ने कहा कि ढेबर द्वारा पुलिस अधिकारियों व जवानों के साथ की गई बदसलूकी निंदनीय है। दरअसल कांग्रेस का यह प्रदर्शन और विधानसभा घेराव पूर्णत: विफल रहा, इसलिए कांग्रेस के नेता पुलिस अधिकारियों व जवानों के साथ झूमाझटकी करके खुद को चर्चा के केंद्र में रखने की ओछी और हास्यास्पद नौटंकी कर रहे थे। विधानसभा और लोकसभा चुनावों में करारी शिकस्त झेलने के बाद से सन्निपात के दौर से गुजर रही कांग्रेस अपने अस्तित्व का अहसास कराने की नाकाम कोशिशें कर रही है। बड़े दु:ख की बात है कि राजधानी के महापौर ढेबर पुलिस कर्मियों के साथ बदसलूकी और धक्का-मुक्की कर रहे थे और उसके बाद भी फोटो दिखाने और अपना नंबर बढ़ाने के लिए हाथ में चोट, पेट दर्द की बातें करके नौटंकी करते नजर आए। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि लोकसभा चुनाव में शर्मनाक हार के बाद अब कांग्रेस देशभर में अराजकता फैलाने के अपने टूलकिटिया एजेंडे पर काम कर रही है। छत्तीसगढ़ में आंदोलन की आड़ में महापौर ढेबर जिस तरह का आचरण पुलिस अधिकारियों व जवानों के साथ करते नजर आए हैं, वह इसी एजेंडे की झलक थी। अगर बड़े पदों पर निर्वाचित जनप्रतिनिधि ही नौटंकी करने और दिखावे के लिए कानून को हाथ में लेंगे, तो इसका क्या संदेश जाएगा?