मुम्बई पुलिस ने मोतिहारी के इस गांव में छापेमारी कर बरामद किया चोरी की लाखोंं रुपये मूल्य की घड़ियां, पूरे देश में कुख्यात है इस गांव का शटरकटवा

डेस्क : बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन का शटरकटवा गिरोह पूरे देश में कुख्यात है। कई शहरों की पुलिस लगातार घोड़ासहन में छापेमारी करती रहती है तथा यहां से चोरी के सामान बरामद होते हैं। शटरकटवा गिरोह के शातिर पकड़े भी जाते है। दो दिन पहले ही महाराष्ट्र पुलिस ने 53 लाख रुपये के आइफोन चोरी मामले में घोड़ासहन से एक शातिर को गिरफ्तार किया। 

मिली जानकारी के अनुसार मुंबई में शटर काटकर 25 लाख की घड़ियां चोरी मामले में मुंबई पुलिस ने शिकारगंज व घोड़ासहन पुलिस के सहयोग से शिकारगंज के परेवा गांव में अनीता देवी व घोड़ासहन के हसन नगर में मोबिन देवान के घर में छापेमारी की।इस दौरान पुलिस ने अनीता व मोबिन के घरों से करीब दस लाख रुपये मूल्य की घड़ियां बरामद की।

बताया जा रहा है कि मुंबई पुलिस ने मोबिन देवान सहित तीन लोगों को मुंबई में ही गिरफ्तार किया था, जिसमें मोतिहारी व घोड़ासहन के अठमुहान के शटरकटवा शामिल थे। उसकी निशानदेही पर उसके घर से चोरी की घड़ियां बरामद की गईं। उसके घर से चोरी के 60 मोबाइल भी बरामद किए गए हैं, जिनकी कीमत करीब 20 लाख रुपये बतायी गयी है। मोबाइल भी चोरी के हैं।

19 जुलाई की अहले सुबह शटरकटवा गिरोह के शातिरों ने मुंबई में घड़ी शोरूम से करीब 25 लाख की घड़ियां चुरा ली थीं। अनुसंधान के क्रम में शटरकटवा गिरोह के शातिर मोबिन देवान सहित तीन को मुंबई में ही पुलिस ने धर दबोचा। अन्य शातिर वहां से फरार हो गये थे। चोरी की घड़ियां लेकर गिरोह के अन्य शातिर घोड़ासहन पहुंचे व मोबिन के घर में छुपा दी। 

मुंबई पुलिस मोबिन को लेकर सोमवार को घोड़ासहन व शिकारगंज पहुंची और स्थानीय पुलिस के साथ छापेमारी कर चोरी की घड़ियां व मोबाइल बरामद की। थानाध्यक्ष शंभू मांझी ने बताया कि बरामद घड़ी व मोबाइल को मुंबई पुलिस अपने साथ ले गयी।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अन्य विभागों के मुकाबले फॉलोअर्स को जुटाने में आगे निकली बिहार पुलिस, इतने लाख फॉलोअर्स के साथ पहुंची टॉप पर

डेस्क : कभी बेहद खराब छवि के लिए जाने जानेवाली बिहार पुलिस की छवि अब बदल रही है। इसका सबूत यह है कि बिहार पुलिस सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अन्य विभागों के मुकाबले फॉलोअर्स को जुटाने में आगे निकल गई है। 

सोशल मीडिया के प्लेटफार्म फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स (पहले ट्विटर) पर बिहार पुलिस के लगभग 13 लाख 15 हजार फॉलोअर्स हो गए हैं। फेसबुक पर 7 लाख 12 हजार, इंस्टाग्राम पर 1 लाख 33 हजार और एक्स पर 4 लाख 70 हजार लोग सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। इस तरह से यह बिहार में शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है। इसके बाद दूसरे नंबर पर बिहार बोर्ड और तीसरे स्थान पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का स्थान आता है। इससे संबंधित जानकारी पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया प्रभाग के एसपी विशाल शर्मा ने दी है। 

भारतीय गुणवत्ता परिषद के एक सर्वे के अनुसार बिहार पुलिस के सोशल मीडिया पेज के बारे में 32 प्रतिशत लोगों को जानकारी है। वहीं इनमें से 62 प्रतिशत लोगों ने फॉलो कर रखा है। अन्य सरकारी विभागों की तुलना में फेसबुक पर भी बिहार पुलिस को फॉलो करने वाले अधिक हैं। दूसरे स्थान पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग और तीसरे पर बिहार बोर्ड का स्थान आता है।

अन्य राज्यों की पुलिस के मुकाबले बिहार पुलिस की सोशल मीडिया पर कुल फॉलोअर्स की संख्या में 5वां स्थान है। पहले स्थान पर केरल और दूसरे पर उत्तर प्रदेश है। सिर्फ फेसबुक पर बिहार पुलिस तीसरे स्थान पर है। जून में बिहार पुलिस के फेसबुक पेज का पहुंच 90 लाख 30 हजार लोगों तक है। वहीं, इंस्टाग्राम का 23 लाख एक्स की रीच 23 लाख से अधिक है।

अब मुख्य पार्षद या उपमुख्य पार्षद के विरुद्ध नहीं लाया जायेगा अविश्वास प्रस्ताव, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क : बिहार में अव मुख्य पार्षद या उपमुख्य पार्षद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा। बिहार नगरपालिका संशोधन विधेयक 2024 में मुख्य पार्षद या उपमुख्य पार्षद के विरुद्ध वार्ड पार्षदों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। बिहार अधिनियम, 11, 2007 की धारा 221 में संशोधन किया गया है। यह ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन एवं संचालन और बिल तैयार करने से संबंधित है। 

संशोधन में कहा गया है कि निर्वाचित मुख्य पार्षद या उपमुख्य पार्षद के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया जाना प्रासंगिक नहीं है। इसलिए अविश्वास प्रस्ताव संबंधी प्रावधानों को विलोपित किया जाना आवश्यक है। इसमें कहा गया है कि ठोस अपशिष्टों के संग्रहण, भंडारण, परिवहन, प्रसंस्करण, और निपटाव से संबद्ध बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा तय नियम ही मान्य होंगे। 

इन सुविधाओं पर भुगतान भी राज्य सरकार द्वारा पूर्व में निर्धारित की गई दर के हिसाब से किया जाएगा। राज्य सरकार किसी भी नगरपालिका के लिए विकेंद्रीकृत रूप से या नगरपालिका के समूह का गठन करके केंद्रीकृत रूप से नगरपालिका ठोस अपशिष्ट के संग्रहण, भंडारण, परिवहन, प्रसंस्करण और निपटान का निर्णय ले सकती है। एजेंसी चयन की प्रक्रिया का निर्णय भी राज्य सरकार द्वारा लिया जाएगा।

संशोधन में यह भी प्रावधान किया गया है कि नगरपालिका की किसी बैठक में राज्य सरकार के किसी नियम या निर्देश के खिलाफ या उससे असंगत प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जाएगा। इस प्रकार के प्रस्ताव पर मुख्य पार्षद अथवा पीठासीन पदाधिकारी द्वारा विचार नहीं किया जाएगा। यदि इस प्रकार का प्रस्ताव नगरपालिकों के किसी बैठक में लाया जाता है तो इसे मुख्य नगरपालिका पदाधिकारी द्वारा विचार के लिए राज्य सरकार को भेजा जाएगा। इस संबंध में राज्य सरकार का निर्णय अंतिम होगा।

राजधानी पटना में चल रहे कोचिंग संस्थानों की हुई जांच, कई संस्थानों में सामने आई बुनियादी सुविधाओं का अभाव*

डेस्क : दिल्ली के कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्र-छात्राओं की मौत के बाद बिहार में प्रशासन सतर्क हो गया है। राजधानी पटना में उक्त घटना के बाद विशेष सतर्कता बरती जा रही है। पटना जिले में चल रहे बड़े-छोटे 20 हजार कोचिंग संस्थानों की जांच के आदेश दिए। सोमवार को पटना जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने अनुमंडल पदाधिकारियों के नेतृत्व में छह टीमें गठित की। वहीं बीते मंगलवार को डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारियों के नेतृत्व में गठित टीम के द्वारा पटना के कोचिंग संस्थानों की जांच की गई। इस दौरान कई संस्थानों में खामियां मिलीं। कई कोचिंग में बुनियादी सुविधाओं का अभाव दिखा। पटना सदर, दानापुर, बाढ़, पटना सिटी और मसौढ़ी के एसडीओ ने जांच की। इस दौरान कई कोचिंग में बेसमेंट, पार्किंग, शौचालय, पेयजल, निकास और प्रवेश द्वार की पर्याप्त व्यवस्था नहीं दिखी। एसडीओ प्रदीप कुमार सिंह ने दानापुर अनुमंडल क्षेत्र में स्थित कोचिंग संस्थानों में सगुना मोड़, बेली रोड और गोला रोड स्थित कोचिंग का निरीक्षण किया। संस्थानों में बुनियादी सुविधाएं जिसमें बेसमेंट, पार्किंग, शौचालय, फायर ऑडिट, बिल्डिंग बायलॉज, कोचिंग संस्थाओं का विधिवत निबंधन और संस्थान में प्रवेश एवं निकास की पर्याप्त व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया। जांच में पाया गया कि कई संस्थानों में वाश रूम, शौचालय, पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है। संस्थानों में आने जाने के रास्ते आपात स्थिति से निपटने के अनुरूप नहीं हैं। बेली रोड स्थित एक कोचिंग इंस्टीट्यूट के अलावा किसी कोचिंग संस्थान के द्वारा निबंधन साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया। एसडीओ ने बताया कि जिन संस्थानों की जांच की गई है उसकी रिपोर्ट डीएम को भेज दी गई है। जिलाधिकारी से आदेश मिलने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी। संचालकों को निर्देश दिया गया कि निबंधन करा संस्थान का संचालन करें। बता दें गठित जांच टीम द्वारा 2 सप्ताह के अंदर डीएम को रिपोर्ट सौंपनी है। रिपोर्ट में यदि कोचिंग संस्थान मानक के अनुसार संचालित नहीं पाया जाता है तो उसे बंद किया जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करते ही एक्शन में आए दिलीप जायसवाल, दोनो डिप्टी सीएम समेत बीजेपी कोटे के सभी मंत्रियों के दिए यह टॉस्क

डेस्क : बिहार भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष कार्यभार संभालते ही पूरे एक्शन में आ गए है। उन्होंने दोनो डिप्टी सीएम समेत बीजेपी कोटे से सभी मंत्रियों को बड़ा टास्क दिया है। अब बीजेपी प्रदेश  कार्यालय में एक अगस्त से फिर सहयोग कार्यक्रम शुरू होगा।

रविवार को छोड़कर सप्ताह के सभी छह दिन दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा सहित विभिन्न विभागों के मंत्री जनता की शिकायतें सुनेंगे और मौके पर ही उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करेंगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के निर्देश पर प्रदेश मुख्यालय प्रभारी ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। यह कार्यक्रम सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक चलेगा।

पार्टी के मुताबिक दोनों उप मुख्यमंत्री अपने-अपने आवास पर समस्याएं सुनेंगे। मंगलवार को सम्राट चौधरी 11 एम स्ट्रैंड रोड स्थित अपने आवास पर समस्याएं सुनेंगे, शुक्रवार को विजय सिन्हा के तीन स्टैंड रोड स्थित सरकारी आवास पर जनता दरबार लगेगा।

इसके अलावा सोमवार को मंगल पांडे, केदार गुप्ता और कृष्णनंदन पासवान, बुधवार को रेणु देवी, नीतीश मिश्रा और दिलीप जायसवाल, गुरुवार को नितिन नवीन, संतोष सिंह और सुरेंद्र मेहता जबकि शनिवार को प्रेम, नीरज बबलू, जनक राम और हरि सहनी भाजपा प्रदेश कार्यालय में सुबह 11 से एक बजे तक बैठेंगे।

प्रदेश अध्यक्ष ने फरियादियों का रजिस्टर मेंटेन करने का भी निर्देश दिया है।
बिहार-बंगाल की एसटीएफ और सारण पुलिस ने मिनी गन फैक्ट्री का किया खुलासा, मौके से भारी मात्रा में अर्द्ध निर्मित हथियार के साथ पांच गिरफ्तार

डेस्क : बिहार के छपरा जिले में एक मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा हुआ है। मौके से भारी मात्रा में अर्द्ध निर्मित हथियार एवं हथियार बनाने का सामान बरामद किया है। वहीं पांच लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। यह मिनी गन फैक्ट्री जिले के मढ़ौरा थाना में चलाया जा रहा था। जिसका खुलासा बंगाल एसटीएफ, बिहार एसटीएफ एवं सारण पुलिस द्वारा की गई संयुक्त कार्रवाई में हुआ है।

इस संबंध में सारण एसपी डॉ. कुमार आशीष ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि जिले के मढ़ौरा थाना क्षेत्र के रूप रहीमपुर क्षेत्र में एक मिनी गन फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है। गुप्त सूचना के आधार पर कलकत्ता एसटीएफ, बिहार एसटीएफ एवं सारण जिला पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए मढ़ौरा के रुप रहीमपुर क्षेत्र में स्थित एक पेवर ब्लांक फ्लाईएश ईंट फैक्ट्री की आड़ में संचालित मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। जहां से पुलिस ने भारी मात्रा में अर्द्ध निर्मित हथियार एवं हथियार बनाने का सामान बरामद किया है। साथ ही कारोबार में संलिप्त सरगना अखिलेश कुशवाहा सहित चार और लोगों को गिरफ्तार किया है। अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ होने के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करके मामले की हर एंगल से जांच शुरू कर दी है। सारण पुलिस मामले की जांच के लिए अन्य एजेंसियों से भी संवाद कर रही है।

उहोंने बताया कि हर्ष फायरिंग और अवैध हथियार के विरुद्ध सारण पुलिस द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है।  इसी क्रम में 29 जुलाई को मढ़ौरा  थाना पुलिस को सूचना मिली कि  मढ़ौरा थाना अंतर्गत ग्राम  रूपराहिमपुर में अखिलेश कुमार कुशवाहा एवं अनिल राय द्वारा अवैध रूप से आग्नेयास्त्र का निर्माण एवं तस्करी की जा रही है। सूचना पर मढ़ौरा अंचल स्तरीय एक टीम बनाकर कोलकता एस०टी०एफ० एवं बिहार एस०टी०एफ० के साथ संयुक्त रूप से छापामारी दल का गठन कर ग्राम रूपराहिमपुर स्थित अखिलेश कुमार कुशवाहा के  सिमेन्ट ईंट फैक्ट्री का घेराबंदी कर छापामारी की गई।

छापामारी के क्रम मे 1 अखिलेश कुमार कुशवाहा, पिता- स्व० राजेन्द्र प्रसाद कुशवाहा, सा०- रूपराहिमपुर ,थाना मढ़ौरा, जिला सारण को गिरफ्तार किया गया एवं उनके सिमेन्ट ईंट फैक्ट्री मे संचालित मिनी गन  फैक्ट्री का उद्भेदन किया गया। घटनास्थल से हथियार बनाने के कई  लोहे के उपकरण, अर्ध -निर्मित पिस्टल सहित जनरेटर, पानी  का मोटर, जक , लेथ मशीन, मिलिंग  मशीन, ड्रील मशीन सहित 01 पूर्ण निर्मित पिस्टल और 03 जिंदा कारतूस को बरामद किया गया। साथ ही हथियार बनाते 4 अन्य अपराधी को भी  गिरफ्तार  किया गया.गिरफ्तार अपराधकर्मियों द्वारा स्वीकार किया गया कि उनके द्वारा निर्मित हथियार को तस्करी की जाती है।   इस संबंध में मढ़ौरा थाना कांड संख्या- 439/24, दिनांक- 30.07.2024, धारा-25(1-A)/25(1-AA)/25(1-B)a/26/35 आर्म्स एक्ट  दर्ज कर  अन्य फरार अपराधकर्मियों की गिरफ़्तारी हेतु अग्रतर कार्यवाई की जा रही है।

*गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम पता :-*

1 अखिलेश कुमार कुशवाहा, पिता- स्व० राजेन्द्र प्रसाद कुशवाहा, सा०- रूपराहिमपुर ,थाना मढ़ौरा, जिला सारण
2. मो० चांद पे० मी० कमाल मैहरून, सा० हैदरतगंज 12 खानका रोड, थाना कासिम बाजार, जिला मुंगेर
3. मो० परवेज पे० स्व० मो० कमरूद्वीन, सा० हजरतगंज खनका रोड, थाना कासिमबाजार, जिला मुंगेर
4. मो० साहील आलम पे० मो० समी आलम, सा० हजरतगंज खनका रोड, थाना कासिमबाजार, जिला मुंगेर
5. मो० इरफान पे० मो० नाजीमुद्दीन  सा० हजरतगंज खनका रोड, थाना कासिमबाजार,जिला मुंगेर


*जप्त/बरामद सामानों की विवरणी :-*

(1) लोहे का पिस्टल बनाने वाला बॉडी का ढाँचा 18 पीस जिसकी लंबाई 6 अंगुली (2) बैरल 19 पीस लोहे का जिसका माप 7 अगुली (3) पिठीया 43 पीस लोहे का. (4). लोहे का पिस्टल बनाने वाला अर्द्धनिर्मित सलाईडर 75 पीस लोहे का जिसका माप 9 अंगुली लम्बा 02 अंगुली चौडा, (5) लोहे का अर्द्धनिर्मित बैरल बनाने याला लोहा कुल 36 पीस जिसका माप 06 अंगुली लम्बा 01 अंगुली चौड़ा सभी पर दाँत बना हुआ (6) कटर प्लाटिक का कभर लगा हुआ 30 पीस (7). वर्मा ग्रील 04 पीस, (8). बॉडी फर्मा पत्तर का दो पीस, (9) सवा सुता यर्मा लोहे का 10 पीस. (10) मैनीयर दो पीस मापने वाला, (11). बटम लोहे का (1) एक पीस मापने वाला, (12) ऐगील बटम एक पीस स्टील का. (13) बैरल मापने वाला एक पीस लोहे का. (14) बिलिडंग मशीन 01 पीस पुराना खराब, (15) पिस्टल बनाने में प्रयुक्त होने वाला लोहा का पीस 190 पीस (छोटा बड़ा चौड़ा में), (16) बिलिडग छड़ 1 पीस. (17), अलटिनेटर जनरेटर 1 पीस. (18) मोटर पानी वाला 01  पीस पुराना, (19) जक 01 पीस (20) एक पिस्टल जिसकी बट की लम्बाई 05 अंगुल, बैरल की लम्बाई 08 अंगुल  (21). कारतूस जिन्दा-03 (7.65), (22) मोबाईल-01 (23) लेथ मशीन-01. (24) मिलिग मशीन-02, (25) ड्रील मशीन-01. (26) गलैमर मोटरसाईकिल ब्लू एवं काला का बिना रजि० नं, (27) अपाची मोटरसाईकिल 01                

*छापामारी दल में शामिल सदस्य :-*

नरेश पासवान, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, मढ़ौरा-1,  मुकेश  कुमार, पु०नि०-सह -थानाध्यक्ष मढ़ौरा  थाना, पु०नि० विपीन कुमार पर्यवेक्षी पदाधिकारी मढ़ौरा अंचल पु०नि० अजय कुमार, अंचल निरीक्षक मढ़ौरा अंचल , पु०अ० नि० 3 चंदेश्वर यादव , पु०अ०नि० अनिल राम प्र०पु०अ०नि० संदीप कुमार, स०अ०नि० अमरेन्द्र कुमार, स०अ ०नि० जितेन्द्र कुमार कोलकाता  STF एवं बिहार STF की टीम।
बिहार में बेखौफ अपराधियों का तांडव : सीतामढ़ी में स्वर्ण व्यवसायी को मारी गोली, सीवान दिन-दहाड़े ज्वेलरी दुकान में घूस की गोलीबारी

डेस्क : बिहार में अपराधी पूरी तरह से बेखौफ हो गये है। उन्हें पुलिस और कानून का कोई भय नहीं रह गया है। बेखौफ अपराधी दिन-दहाड़े लूट, हत्या जैसी वारदात को अंजाम देकर आराम से चलते बन रहे है। प्रदेश का कोई ऐसा जिला नहीं बचा है जहां से अपराध की खबर नहीं मिल रही है। आज एकबार फिर अपराधियों ने जमकर तांडव मचाया है।

पहली खबर सीतामढ़ी जिले से सामने आई है, जहां बदमाशों ने एक स्वर्ण कारोबारी को दिनदहाड़े गोली मार दी। कारोबारी जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए रजिस्ट्री ऑफिस जा रहा था, तभी बदमाशों ने गोली मार दी।अपराधियों की गोली से घायल कारोबारी की पहचान गाढ़ा थाना क्षेत्र के मानिक चौक निवासी श्यामबाबू प्रसाद के रूप में की गई है। बताया जा रहा है कि 16 कट्ठा 10 धुर जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए श्यामबाबू अपने एक साथी के साथ बाइक से निकला ही था कि इसी दौरान रास्ते में बाइक सवार दो अपराधियों ने श्याम बाबू प्रसाद को रोका और पहले उनका नाम पूछा फिर अपराधियों ने गोली चला दी। घायल अवस्था में कारोबारी को इलाज के लिए अस्पताल मे भर्ती कराया गया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

वहीं दूसरी खबर सीवान जिले से सामने आई है, जहां बेखौफ अपराधियों ने शहर के बीचोबीच स्थित एक ज्वेलर्स की दुकान पर अंधाधुंध फायरिंग कर इलाके में सनसनी फैला दी। दिनदहाड़े हुई फायरिंग की इस घटना के बाद हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस मामले के छानबीन में जुट गई है।

घटना नगर थाना क्षेत्र के कसेरा टोली मोड़ के पास की है, जहां अमन ज्वेलर्स में हर दिन की तरह आज मंगलवार को भी ग्राहकों की भीड़ मौजूद थी। खरीद-बिक्री का काम चल रहा था, तभी दो बदमाश दुकान में पहुंचे और दुकान के मालिक दिलीप सोनी से उलझ गए। दुकानदार औ बदमाशों के बीच बकझक शुरू हो गई।

इसी दौरान बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी हालांकि गनीमत की बात रही कि किसी को गोली नहीं लगी। दिनदहाड़े गोलीबारी से मौके पर अफरा-तफरी मच गई और लोग जान बचाकर इधर उधर भागने लगे। इसी दौरान दोनों बदमाश मौके से फरार हो गए।

घटना की जानकारी मिलते ही नगर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन कर रही है। अपराधियों की पहचान के लिए पुलिस दुकान में लगे सीसीटीवी के फुटेज को खंगाल रही है। पुलिस ने अपराधियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लेने का भरोसा दिलाया है। गोलीबारी की घटना के पीछे का कारण पुलिस तलाश रही है।
झारखंड में हुए रेल हादसे पर सियासत शुरू, लालू प्रसाद और उनकी बेटी रोहिणी ने केन्द्र सरकार पर कसा तंज

डेस्क : देश में लगातार हो रहे रेल हादसों ने विपक्ष को बैठे बिठाए बड़ा मुद्दा दे दिया है। लाख कोशिशों के बावजूद रेलवे हादसों को रोकने में विफल साबित हो रही है। लगातार हो रहे रेल हादसों में लोगों की असमय ही जान जा रही है। इसको लेकर रेलवे और केंद्र सरकार पर विपक्ष हमलावर है।

वही आज एकबार फिर झारखंड में हुए रेल हादसे के बाद अब इसको लेकर सियासत शुरू हो गई है। राजद सुप्रीमो बिहार के पूर्व सीएम व पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने इस हादसे को लेकर केन्द्र सरकार पर  तीखा हमला बोला है। लालू ने प्रसाद ने अपने सोशल मीडिया के एक्स पर लिखा, “13 दिनों में 7 रेल दुर्घटनाएँ! नियमित होती रेल दुर्घटनाएँ बेहद चिंताजनक है। सरकार ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था के मूलभूत कदम भी नहीं उठा रही है। भारतीय रेलवे इतनी असुरक्षित हो चुकी है कि ट्रेनों पर चढ़ने से पहले यात्री प्रार्थना करते हैं कि यह यात्रा उनकी अंतिम यात्रा ना हो। रेल के डिब्बे आज चलते फिरते ताबूत बनकर रह गए हैं”।

वही लालू प्रसाद से पहले उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि, “न तो पुल-पुलिया-सडकों के धंसने-टूटने व दरकने का सिलसिला थम रहा है और ना ही दुःखद रेल-दुर्घटनाओं का। जान-माल की क्षति निरंतर जारी है। पिछले दस सालों से देश की बागडोर जिन लोगों के हाथों में है, उन लोगों को इन सब की तनिक भी परवाह नहीं है, कोरी बयानबाजी की आड़ में भ्रष्टाचार ही इनके शासन का सार है”।
बिहार के भवन निर्माण से जुड़े निबंधित कामगारों के लिए खुशखबरी, अब तय सीमा के अंदर सरकारी योजनाओं का मिलेगा लाभ*

डेस्क : राज्य के भवन निर्माण से जुड़े निबंधित कामगारों के लिए एक खुशखबरी है। उनको अब सरकारी योजनाओं का लाभ तय समय में मिलेगा। श्रम संसाधन विभाग ने कामगारों को आवेदन करने की समय सीमा तय कर दी है। इन आवेदनों का निबटारा भी तय समय में होगा। विभाग के इस आदेश का लाभ 26 लाख कामगारों को होगा। बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के सचिव श्याम बिहारी मीणा की ओर से इस बाबत आदेश जारी किया गया है। गौरतलब है कि अब तक कामगारों के लिए आवेदन करने की कोई समय सीमा तय नहीं थी। ऐसे में कामगार किसी अनुदान के लिए महीनों-वर्षों बाद भी आवेदन दिया करते थे। पुराना मामला होने के कारण अधिकारी उन आवेदनों पर सकारात्मक तरीके से सुनवाई नहीं कर पाते थे। इस कारण बोर्ड से निबंधित लाखों कामगार के बावजूद सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वालों की संख्या महज हजारों में है। अब विभाग ने समय सीमा तय कर दी है। पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि लाभुकों से योजना के लिए प्राप्त ऑनलाईन आवेदन की जांच कर लें कि वह निर्धारित समय-सीमा के अंदर किया गया है या नहीं। भवन से जुड़े कामगारों को इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए कल्याण बोर्ड से निबंधित होना जरूरी है। निबंधन नहीं होने पर आवेदक को बोर्ड के वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन पत्र के साथ आधार कार्ड, बैंक पासबुक, रंगीन नवीनतम पासपोर्ट साईज फोटो व विगत एक वर्ष में नियोजक द्वारा निर्गत 90 दिन कार्य करने का प्रमाण पत्र अथवा 90 दिनों के कार्य करने से संबंधित स्व-घोषणा पत्र अपलोड करना होगा। सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए भवन मरम्मति का अनुदान लेने के लिए कामगारों को भवन की मरम्मत करने के छह माह के भीतर आवेदन करना होगा। साइकिल व औजार खरीदने के तीन माह के भीतर तो मृत्यु लाभ में मृत्यु की तिथि से दो वर्ष के भीतर आवेदन करना होगा। दाह संस्कार के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता के लिए दो वर्ष के भीतर तो विवाह के एक वर्ष के भीतर आवेदन करने पर विवाह सहायता राशि दी जाएगी। इसी तरह मातृत्व लाभ प्रसव के एक वर्ष के भीतर, पितृत्व लाभ पत्नी के प्रसव के एक वर्ष के भीतर, विकलांगता व दिव्यांगता पेंशन प्रमाण-पत्र के निर्गत होने की तिथि से दो वर्ष के भीतर, पेंशन 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने से छह माह पूर्व और 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने के दो वर्ष के भीतर, पारिवारिक पेंशन पेंशनधारी की मृत्यु के दो वर्ष के अंदर तो नकद पुरस्कार अंक-पत्र निर्गत होने के एक वर्ष के अंदर आवेदन करने पर मिलेगा। शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता शिक्षण संस्थान द्वारा नामांकन व शिक्षण शुल्क निर्गत होने की तिथि से एक वर्ष के अंदर आवेदन करने पर मिलेगा।
जल्द ही इन इलेक्ट्रॉनिक गजट से लैस होंगे बिहार पुलिस के जांच अधिकारी, तकरीबन 200 करोड़ रुपये होंगे खर्च*

डेस्क : देश में तीन नए कानूनों के लागू होने के बाद पुलिस का डिजिटल कामकाज बढ़ गया है। ऐसे में अब बिहार पुलिस को स्मार्ट बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। बिहार पुलिस के इंवेस्टिगेटिंग अफसर अब लैपटॉप और स्मार्टफोन से लैस होंगे, जिससे डिजिटल कामकाज में तेजी आएगी। पुलिस महकमे के जांच पदाधिकारियों को लैपटॉप और मोबाइल जल्द मिलेंगे। गृह विभाग इससे संबंधित प्रस्ताव जल्द कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजेगा। अभी पुलिस में जांच पदाधिकारियों की संख्या 23 हजार है। इस वर्ष के अंत तक संख्या करीब 25 हजार हो जाएगी। इसके अलावा डीएसपी रैंक के सुपरविजन अधिकारियों की संख्या भी करीब दो हजार है। पहले चरण में 10 हजार जांच पदाधिकारियों यह दिया जाएगा। फिर शेष पदाधिकारियों को आपूर्ति होगी। इस पर 200 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। विभाग में इस बात पर भी मंथन चल रहा है कि जांच पदाधिकारियों को इसके लिए निर्धारित राशि दी जाए। पदाधिकारी मानक के अनुरूप पसंद के इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीद सकेंगे। इसे संभालने की जवाबदेही भी अधिकारी की ही होगी। उनका जहां तबादला होगा, वहां साथ ले जाएंगे। पद से हटने, पोस्टिंग या प्रोन्नति होने पर गैजेट उत्तराधिकारी को सौंपकर जाना होगा।