मानसून सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने बंग्लादेशी घुसपैठ के मामले पर सरकार से मांगा जबाब*

कहा आदिवासियों की माटी, रोटी, बेटी के सवाल पर सरकार की रहस्यमय चुप्पी क्यों?

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखण्ड विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने राज्य के कई जिलों मे हो रहे बंग्लादेशी घुसपैठ के मामले पर सरकार से जबाब मांगा। 

उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि जेएमएम, कांग्रेस एवं राजद वाली सरकार विशेष कर आदिवासियों की माटी, रोटी, बेटी के सवाल पर रहस्यमय चुप्पी साधे हुए है। सरकार विपक्ष के सवालों को अनदेखा कर रही है। झारखंड की सरकार यहां के आदिवासियों की जमीन लूटने दे रही है और बेटियों पर अत्याचार होने दे रही है।

उन्होंने कहा कि संथाल परगना में आदिवासियों की जनसंख्या में अप्रत्याशित गिरावट हुई है और यह समस्त झारखण्ड में हो रहा है। पाकुड़ के महेशपुर थाना क्षेत्र के गायबथान में जामरन हेम्ब्रम और होपनी मरांडी की जमीन लूट ली गयी और जब वे अपने जमीन पर वापस काबिज होने की कोशिश किये तो उनके साथ बंग्लादेशियों ने मारपीट की और उन्हे खदेरा गया। 

वहीं उन्होंने कहा कि जब इसके खिलाफ के के एम कॉलेज के छात्रों ने इस लूट के खिलाफ 27 जुलाई को जनआक्रोश रैली निकालने का प्रयास किया, तो एक रात पहले पुलिस और गुंडों ने छात्रो पर देर रात हमला कर उनके साथ मारपीट की। इतना ही नहीं पुलिस ने इस पूरे मामले को अपहरण का मामला बताते हुए पुरे मामले को बदलने की कोशिश भी की।

ऩेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह सरकार सिर्फ अपने चेहरे पर आदिवासियों के हितैशी होने का मुखौटा लगाये हुए है, जब कि सच्चाई कुछ और है जो किसी से छिपी नहीं है।

अमर बाबरी ने कहा यह सरकार न सिर्फ आदिवासी बल्की अनुसूचित जाति समाज के लोगों का भी हक अधिकार मार कर ऐसे घुसपैठियों को बसाने में लगी है। सरकार के अधिकारी बंग्लादेशियों का फर्जी आधार कार्ड, वोटर कार्ड, जाति प्रमाण पत्र बना कर उन्हे बसाने का काम कर रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि पूरे संताल परगना में एसपीटी एक्ट लागु है, बावजुद इसके सरकार फर्जी तरीके से अनाबाद जमीन जो सरकारी जमीन होती है उसपर घुसपैठियों को बसा रही है। उन्होंने बताया कि साहिबगंज अंचल के खाता संख्या 187, खेसरा 241, 243, 244, 258, 269, 272, 273, 293, 84, 86, 88, अन्य खाता संख्या सहित 17 एकड़ की जमीन जिसपर पहले से तालाब बना था वहां मस्जिद और कब्रिस्तान बना कर घुसपैठियों को बसाया गया है। ऐसे कई हजार एकड़ अनाबाद जमीन पर कब्जा किया गया है और इसका म्युटेशन भी किया जा रहा है।

 हेमंत सरकार आदिवासियों के नाम पर ही सत्ता में आयी थी इसलिए राज्य सरकार माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों को भी खारिज करते हुए आदिवासियों को पीट रही है और हकीकत को भी छिपा रही है। नेता प्रतिपक्ष ने मांग किया कि इन विषयों पर सरकार जवाब दे और एक एसआईटी गठन कर पूरे मामले की जांच कराये। यदि सरकार ऐसी मंशा नही रखती है तो सदन में सरकार लिखित में दे और भारतीय जनता पार्टी केन्द्र सरकार की मदद से केन्द्रीय एजेंसी से पूरे मामले की जांच करवा कर सभी घुसपैठियों को चिन्हित कर उन्हे यहां से उनके देश भेजने का काम करेगी।

सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने कहा- न्यायालय सर्वोपरि है, जहां अंधकार नहीं है

कल्पना सोरेन ने कहा -हेमंत जी के 5 महीने कौन वापस करेगा..?

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : सुप्रीम कोर्ट से झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की उस याचिका को खारिज किया, जिसमें हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत देने के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत के बाद मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि मुझे ऐसे दिखलाया गया जैसे मैंने राज्य की सम्पति को लेकर फरार हो गया हूं , मुझे जेल में डाल दिया गया , सोरेन परिवार पर तरह तरह के आरोप लगा , मेरा बहुमूल्य कीमती समय को बर्बाद किया गया। अगर हमारा कीमती वक़्त जाया नही किया जाता तो जनता का बहुत काम हो गया होता।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईडी की याचिका खारिज किए जाने और उन्हें राहत दिए जाने पर मानसून सत्र के स्थगित होने के बाद बाहर निकलते हुए कहा कि न्यायालय सर्वोपरि है , यह वह स्थान है जहां अंधकार नहीं है , उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोग ऐसे भी है जो बेवजह काम करने वाले लोग को दबाने का ,आवाज को बंद करने के लिए येन केन प्रकारेण प्रयास करते रहते है , कोर्ट का फैसला सबके सामने है। वही उनके साथ उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी थी उन्होंने भी बड़ा सवाल रखते हुए कहा कि हेमंत जी के 5 महीने कौन वापस करेगा

बरहाल झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान जैसे ही ये खबर आयी सत्ता पक्ष के बीच खुशी की लहर दौड़ गयी। झारखंड के सत्ताधारी दलों के लगभग सभी नेताओं ने इसका स्वागत किया और बीजेपी पर चुनी हुई सरकार को षडयंत्र के तहत गिराने की कोशिश बताया। वही देखने वाली बात यह होगी कि इस मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष आगामी विधानसभा सभा में क्या जनता के बीच रखती?

छात्रसंघ ने जाति विशेष बयानबाजी के खिलाफ कॉलेज में किया धरना प्रदर्शन, विवि प्रशासन ने डीएसडब्ल्यू को किया सस्पेंड


रांची: डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में आयोजित एक मीटिंग में डीएसडब्लयू डॉ अब्बास ने धर्म विरोधी बयान बाजी की. जिसमें कहा कि विवि की बर्बादी का कारण भूमिहार, राजपूत व ब्राह्मण जाति के छात्र हैं. जिसे लेकर सोमवार को हिंदू छात्रसंघ ने धर्मविरोधी बयानबाजी के खिलाफ जोरदार धरना प्रदर्शन किया. 

छात्रों का कहना है कि विवि के डीएसडब्ल्यू (डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर) द्वारा की गई कथित धर्मविरोधी टिप्पणी ने उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. जबकि, जिस मीटिंग में डॉ अब्बास ने बयान दिया, उस दौरान विवि प्रशासन के कई बड़े अधिकारी भी मौजूद थे. 

वहीं, हिन्दू छात्र संघ के कार्यकर्ताओं ने बताया कि हमारे डीएसडब्ल्यू द्वारा की गई टिप्पणी न केवल अनुचित थी, बल्कि उन्होंने हमारे धार्मिक विश्वासों का अपमान किया है. साथ ही, विवि में जाति का नाम लेते छात्रों के बीच द्वेष की भावना उत्पन्न करने की कोशिश की है. हम चाहते हैं कि विवि प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से ले और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे. धरना प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में छात्र जुटे और नारेबाजी की.

 छात्रों ने मांग की कि डीएसडब्ल्यू को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए और इस मामले की निष्पक्ष जांच हो. बता दें कि, विवि प्रशासन ने छात्रों की मांग को ध्यान में रखते हुए त्वरित कार्रवाई की और डीएसडब्ल्यू को सस्पेंड कर दिया. विवि प्रशासन ने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की है.

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन भी सदन के अंदर और बाहर हंगामा


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को सदन के अंदर और बाहर भाजपा विधायकों ने राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ, मुस्लिम तुष्टिकरण और पाकुड़ के कॉलेज हॉस्टल के छात्रों की पुलिस द्वारा पिटाई के मुद्दे पर जोरदार हंगामा किया।

झारखण्ड विधानसभा के मानसून सत्र में डेमोग्राफिक चेंज को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पाकुड़ की घटना को लेकर भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गए। स्पीकर रबींद्रनाथ महतो हंगामा कर रहे विधायकों से सीट पर बैठने का आग्रह करते रहे, लेकिन विधायकों पर कोई असर नहीं हुआ।

 

हंगामे के बीच नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने पाकुड़ की घटना का जिक्र करते हुए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि बीते 18 जुलाई को एक आदिवासी परिवार को पीटा गया। इसका वीडियो भी है। अपराधियों पर कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में आदिवासी हॉस्टल के छात्र आंदोलन करने को तैयार हुए। लेकिन प्रशासन ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को बेरहमी से पीटा। उनमें से कई का इलाज चल रहा है।

 

उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण संथाल परगना में रोज घटनाएं हो रही हैं। न्यायालय ने भी कहा है कि डेमोग्राफी चेंज हो रहा है। ऐसे में जरूरी है कि सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित करे। कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि पूर्व में भाजपा की सरकार थी, तब क्या कर रहे थे? इस बार भाजपा वाले बांग्लादेशी घुसपैठ को मुद्दा बनाना चाह रहे हैं।

 

कांग्रेस की ही शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि अगर बांग्लादेशी घुसपैठ कर रहे हैं तो यह नेशनल सिक्योरिटी का मामला है, आखिर केंद्र की मिनिस्ट्री क्या कर रही है? झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक सुदिव्य सोनू ने कहा कि भाजपा के लोग झारखंड को बांट रहे हैं।

झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला तूल पकड़ा


राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने संथाल परगना के डेमोग्राफी पर खोला रिपोर्ट का पिटारा

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ और संथाल के कई जिलों में डेमोग्राफी चेंज का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है। संथाल परगना में घुसपैठियों के मामले पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य आशा लकड़ा ने भी आवाज बुलंद करते हुए कहा कि पूरे संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों की नजर है।

बांग्लादेशी मुसलमान वहां कि आदिवासी युवतियों से शादी कर उनकी जमीन हड़प रहे हैं। स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि बांग्लादेशी मुसलमानों के करण वहां के आदिवासी समुदाय के लोग उनके खिलाफ न तो कुछ बोल पा रहे हैं और न ही उनके खिलाफ थाना में एसटी केस दर्ज करा पा रहे हैं। मैं आपके समक्ष कुछ उदाहरण  प्रस्तुत कर राजी हूं, जिससे स्पष्ट हो जाएगा कि बांग्लादेशी मुसलमान कैसे संथाल परगना की भोली-भाली आदिवासी युवतियों से शादी कर डेमोग्राफी को चेंज कर रहे हैं।

 संथाल परगना में बेटी, रोटी और माटी लूटी जा रही है। उनकी जमीन गलत तरीके से खरीदी जा रही है। उन्होंने कहा की साहिबगंज और गोड्डा में बांग्लादेशी घुसपैठ कर आदिवासियों और संथाल समाज के लोगों को निशाना बना रहे हैं , आयोग की टीम को क्षेत्र भ्रमण में पता चला कि साहिबगंज के बरहेट में आदिवासियों की 12 एकड़ भूमि, जहां जाहेरथान था उसे कब्रिस्तान बनाने की तैयारी थी। आयोग के संज्ञान में मामला आने के बाद उसे रद्द करने का आदेश दिया गया है , इस तरह कई जमीन वहां लूटी और हड़पी जा रही है ।  

आशा लकड़ा ने पाकुड़ में हुई घटना का भी जिक्र करते हुए कहा कि पाकुड़ में दो दिन पहले आदिवासी हॉस्टल में 150 पुलिस कर्मियों ने बेरहमी से आदिवासी छात्रों की पिटाई कर दी। शराब के नशे में धुत एक पुलिस कर्मी घटना से पूर्व आदिवासी हॉस्टल पहुंचा और उसने एक गायब लड़की के हॉस्टल में होने की बात कही थी। इसके संबंधित पुलिस कर्मी ने 150 पुलिस कर्मियों को बुलाकर आदिवासी छात्रों की बेरहमी से पिटाई की। आयोग की ओर से इस मामले को संज्ञान में लेते हुए मुख्य सचिव, डीजीपी, डीसी और एसपी को नोटिस जारी कर तीन दिनों में विस्तृत जानकारी मांगी गई है।

पाकुड़ में आदिवासी हॉस्टल पर देर रात हमला, कई छात्र हुए जख्मी, भाजयुमो ने रांची में किया पुतला दहन


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : पाकुड़ के कुमार कालीदास मेमोरियल कॉलेज के आदिवासी छात्रावास में कल देर रात पुलिस और छात्रों के बीच हुई हिंसक झड़प। पुलिस के पिटाई से लगभग एक दर्जन छात्र घायल हो गये हैं। जिसका इलाज पाकुड़ के सदर अस्पताल में चल रहा है। वहीं थाना प्रभारी के मुताबिक, सब इंस्पेक्टर अभिषेक कुमार, नागेंद्र कुमार, एक चालक और एक जवान भी घायल हुए हैं। पाकुड़ की यह घटना अब राजनीतिक रंग ले चुका है।

छात्रावास में घुसकर छात्रों पर किए गए बर्बरता पूर्ण कार्रवाई के विरोध में आज भारतीय जनता युवा मोर्चा रांची महानगर अध्यक्ष रोमित नारायण सिंह के नेतृत्व में लालपुर चौक में झारखंड सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए पुतला जलाया गया। मौके पर भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष शशांक राज ने कहा लगातार झारखंड में जेएमएम कांग्रेस की सरकार के नेतृत्व में छात्रों पर लाठी चार्ज और बर्बरता पूर्ण कार्रवाई की जा रही हैं। इस सरकार ने युवाओं को रोजगार के नाम पर ठगा किसी को रोजगार तो नहीं दिया लेकिन लाठी डंडा सबको दिया। जिस तरीके से पाकुड़ की घटना घटित हुई है इसको लेकर पूरे आदिवासी समाज में आक्रोश है। वही भाजयुमो कार्यकताओं ने हेमंत सोरेन और सरकार के खिलाफ जम कर नारे बाजी की। 

भाजयुमो रांची जिला अध्यक्ष रोमित नारायण सिंह ने कहा जिस तरीके की घटना पाकुड़ में हुई है यह डेमोक्रेसी के लिए काला अध्याय है। लगातार ऐसे लोगों के ऊपर इस सरकार में कार्रवाई की जा रही है जो समाज के लिए काम करना चाह रहे हैं । आज संथाल के क्षेत्र में जिस तरीके से डेमोग्राफी बदल रही है बांग्लादेश की ओर से बांग्लादेशियों का घुसपैठ झारखंड में हो रहा है और इस सरकार में उन घुसपैठियों को संरक्षण दिया जा रहा है।

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : पाकुड़ के कुमार कालीदास मेमोरियल कॉलेज के आदिवासी छात्रावास में कल देर रात पुलिस और छात्रों के बीच हुई हिंसक झड़प। पुलिस के पिटाई से लगभग एक दर्जन छात्र घायल हो गये हैं। जिसका इलाज पाकुड़ के सदर अस्पताल में चल रहा है। वहीं थाना प्रभारी के मुताबिक, सब इंस्पेक्टर अभिषेक कुमार, नागेंद्र कुमार, एक चालक और एक जवान भी घायल हुए हैं। पाकुड़ की यह घटना अब राजनीतिक रंग ले चुका है।

छात्रावास में घुसकर छात्रों पर किए गए बर्बरता पूर्ण कार्रवाई के विरोध में आज भारतीय जनता युवा मोर्चा रांची महानगर अध्यक्ष रोमित नारायण सिंह के नेतृत्व में लालपुर चौक में झारखंड सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए पुतला जलाया गया। मौके पर भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष शशांक राज ने कहा लगातार झारखंड में जेएमएम कांग्रेस की सरकार के नेतृत्व में छात्रों पर लाठी चार्ज और बर्बरता पूर्ण कार्रवाई की जा रही हैं। इस सरकार ने युवाओं को रोजगार के नाम पर ठगा किसी को रोजगार तो नहीं दिया लेकिन लाठी डंडा सबको दिया। जिस तरीके से पाकुड़ की घटना घटित हुई है इसको लेकर पूरे आदिवासी समाज में आक्रोश है। वही भाजयुमो कार्यकताओं ने हेमंत सोरेन और सरकार के खिलाफ जम कर नारे बाजी की। 

भाजयुमो रांची जिला अध्यक्ष रोमित नारायण सिंह ने कहा जिस तरीके की घटना पाकुड़ में हुई है यह डेमोक्रेसी के लिए काला अध्याय है। लगातार ऐसे लोगों के ऊपर इस सरकार में कार्रवाई की जा रही है जो समाज के लिए काम करना चाह रहे हैं । आज संथाल के क्षेत्र में जिस तरीके से डेमोग्राफी बदल रही है बांग्लादेश की ओर से बांग्लादेशियों का घुसपैठ झारखंड में हो रहा है और इस सरकार में उन घुसपैठियों को संरक्षण दिया जा रहा है।

9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर विभिन्न युवा आदिवासी संगठन रांची की सड़कों पर निकलेगी बाइक रैली


रैली के माध्यम से क्या संदेश देंगे जान यहां

रिपोर्टर जयंत कुमार 

 रांची ; राजधानी रांची के विभिन्न आदिवासी युवा संगठन के द्वारा आगामी 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर रांची की सड़कों पर बाइक रैली निकालेगी। "संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसम्बर 1994" को अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस 9 अगस्त को मनाने को ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया गया है। इसके बाद देश में आदिवासी दिवस मनाया जाने लगा।  

इस अवसर पर पिछले कई वर्षों से आदिवासी समाज अपने अपने तरीके से व्यापक स्तर पर कई कार्यक्रम करते है। आदिवासी युवाओं ने भी झारखंड में आदिवासियों के ऊपर हो रहे अत्याचार एवं शोषण को लेकर चिंता जाहिर की।

 कहां राज्य में आदिवासियों के लिए बने सपीटी - सीएनटी एक्ट, पेसा कानून, आदिवासियों का आरक्षण जैसे कई कानून राज्य में है फिर भी इसे सही तरीके से लागू नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि हम युवा आदिवासी बाइक रैली के माध्यम से रांची के आदिवासियों को जागरूक करने का प्रयास करेंगे।

विधानसभा सत्र से पहले सदस्यता समाप्त करने पर झामुमो के पूर्व विधायक लोबिन हेम्ब्रम हुए नाराज

कहा सोची समझी साजिश के तहत किया गया 

लोबिन हेम्ब्रम ने भी माना कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ हो रहा है

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने विधायक लोबिन हेम्ब्रम और जेपी पटेल की सदस्यता समाप्त कर दी है। स्पीकर न्यायाधिकरण ने दल-बदल कानून के तहत गुरुवार को यह बड़ी कार्रवाई की। 

झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र के शुरू होने से ठीक पहले आए इस फैसले से लोबिन हेम्ब्रम काफी नाराज नजर आ रहे है। उन्होंने कहा कि साजिश के तहत मेरी सदस्यता रद्द की गई है। लोबिन हेम्ब्रम को विधायकी समाप्त करने के खिलाफ कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है। 

दरअसल बोरियो के झामुमो विधायक लोबिन पार्टी में रहते हुए विगत लोकसभा चुनाव में दल के प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़े थे, जबकि मांडू के भाजपा विधायक जेपी पटेल हजारीबाग संसदीय सीट से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था। इसी तरह विधायक चमरा लिंडा भी पार्टी के विरुद्ध निर्दलीय लोकसभा का चुनाव लड़ा था। इसी को लेकर लोबिन हेम्ब्रम ने कहा की कार्रवाई सिर्फ हम दोनों पर ही क्यों चमड़ा लिंडा पर क्यों नहीं मैं तो पार्टी छोड़कर नहीं निर्दलीय चुनाव लड़ा था ऐसे में यह दसवीं अनुसूची में भी नहीं आता है। 

भाजपा के साथ-साथ अब लोबिन हेंब्रम भी बांग्लादेशी घुसपैठ का दावा करते नजर आ रहे है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार की भी यह जिम्मेदारी बनती है। बॉर्डर से अगर अंदर घुस जाते हैं तो यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती है उन्हें चिन्हित करना। लोबिन ने कहा कि घुसपैठ के कारण झारखंड में आदिवासियों की संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है। उनकी जमीन भी लूटी जा रही है।

मुंडा समाज के सात एकड़ जमीन पर दबंगों का जबरन कब्जा।

पूर्व विधायक सत्येन्द्रनाथ ने एक प्रभावशाली व्यक्ति पर संरक्षण देने का लगाया आरोप


अभय तिवारी 

गढ़वा :- गढ़वा जिला में भी आदिवासियों का जमीन पर दबंगों का कब्जा । मुंडा समाज के सात एकड़ भूमि पर कर लिया गया है कब्जा, ग्रामीणों ने की पूर्व विधायक सतेंद्रनाथ तिवारी के साथ जाकर जिला समाहरणालय में गढ़वा डीडीसी पशुपति नाथ मिश्रा से की शिकायत।मामला गढ़वा जिले के रमकंडा थाना क्षेत्र उदयपुर पंचायत के सबाने गांव के मुंडा परिवार का है ।

जो सात एकड़ भूमि पर पंचायत के एक व्यक्ति द्वारा जबरन कब्जा कर लिया है। मुंडा परिवार के लोगों ने इसकी शिकायत पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी से किया। पूर्व विधायक ग्रामीणों को न्याय दिलाने के लिए उपायुक्त से मिलने समाहरणालय पहुंचे। 

मौके पर उपस्थित उप विकास आयुक्त पशुपतिनाथ मिश्रा से ग्रामीणों को न्याय दिलाने के लिए पहल करने की बात कही। मौके पर पूर्व विधायक ने कहा कि झारखंड में आदिवासी, गरीब, दलित व शोषित लोग ही सुरक्षित नहीं है। एक प्रभावशाली व्यक्ति पर संरक्षण देने का आरोप लगाया है। 

 उन्होंने कहा कि रमकंडा के सबाने गांव में मुंडा परिवार को मंत्री के ही संरक्षण प्राप्त व्यक्ति द्वारा कब्जा किया जा रहा है। उक्त भूमि पर पहले तालाब का निर्माण कराया। जिसके बाद वह मछली पालन कर खुद ही फायदा ले रहा है। वहीं पूरे सात एकड़ भूमि पर कब्जा जमा लिया है। पूर्व विधायक ने कहा कि वर्तमान झारखंड सरकार आदिवासी की हितैशी की बात करती है और आदिवासी को ही दबाया जा रहा है। गढ़वा-के एक जनप्रतिनिधि पर दिन रात लूटने का आरोप लगाया। वहीं इनके आदमी भी भोली-भाली जनता को परेशान कर रहे हैं। 

अंग्रेजो ने गढ़वा व पलामू के लोगों को जितना परेशान नहीं किया होगा। उतना कुछ लोग कर रहे हैं। 

गढ़वा का दुर्दशा के कारण चारो तरफ हाहाकार मची हुई है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के कारण आदिवासी परिवार का जमीन नही लूट जा सकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को अगर जिला प्रशासन से न्याय मिला, तो बाध्य होकर राज्यपाल और केन्द्रीय गृह मंत्रालय से मिलेंगे । लेकिन सबसे बड़ी बात यह है की आखिर कब तक आदिवासियों को दबाया जायेगा और उनके जमीन को कब तक लूटा जायेगा । यह अब झारखण्ड की सरकार ही बेहतर बता सकती है ।सच बात यह है कि झारखण्ड को बिहार से अलग भी इसलिए किया गया था की बिहार रहते आदिवासियों का विकास नहीं हो सकता लेकिन झारखंड बनाने के बाद भी आखिर क्यों आदिवासियों का हक और उनके जमीन को लुटा जा रहा है ।

 यह सब अब बेहतर झारखण्ड सरकार ही बता सकता है की आखिर इस तरह के कार्य क्यो हो रहा है और कैसे विराम लगेगा ।मौके पर ग्रामीण सामगर मुंडा, सिंगराय मुंडा, रामसहाय मुंडा, कैरा मुंडा, गुंगा मुंडा, सोमा मुंडा, दशय मुंडरी, हुली देवी आदि ने बताया कि हमलोग 50 वर्षों से अधिक समय से उक्त भूमि की रसीद भी कट रही है। 

खतियान से लेकर जमीन की सभी कागजात मौजूद है। बावजूद इस जमीन पर जबरन भूमि पर कब्जा कर लिया। खेती करने पहुंचने पर मारपीट पर उतारू हो जाता है। हमलोगों की बातों को कोई भी सुनने को तैयार नहीं है। जबकि हमलोग खेती कर ही परिवार का भरण-पोषण करते हैं। इधर डीडीसी ने कहा कि ग्रामीणों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने एसडीओ को मोबाइल पर बात कर जांचोपरांत कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

नीति आयोग की बैठक में नहीं शामिल हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, इंडिया गठबंधन ने किया बहिष्कार, ममता की मौजूदगी ने चौकाया

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : आज 27 जुलाई को दिल्ली में हो रही नीति आयोग की बैठक चल रही है।जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। लेकिन इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस बैठक में नहीं हुए शामिल। 

दरअसल सभी राज्यों के इंडिया गठबंधन के मुख्यमंत्रियों ने इस बैठक का बहिष्कार कर दिया है। दरअसल बजट से नाराज नेताओं ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि वह बैठक में शामिल नहीं होंगे। वही चौंकाने वाली बात यह है कि इंडिया गठबंधन के ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली पहुंची हैं। वह शुक्रवार शाम ही दिल्ली के लिए रवाना हो गयी थी। 

लेकिन वह बैठक बीच में छोड़कर ही बार आ गईं। सीएम बनर्जी का कहना है कि मीटिंग के दौरान उनको बोलने से रोक दिया गया।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नीति आयोग के बैठक में शामिल होने को लेकर संशय पहले से ही बरकरार था।शनिवार सुबह तक जब वह बैठक में नहीं पहुंचे तो यह स्पष्ट हो गया कि वह बैठक में शामिल नहीं होंगे। हालांकि

 सीएम ने पिछले दिनों अपने दिल्ली दौरे के दौरान कहा था कि नीति आयोग की बैठक में वह जाएंगे और झारखंड का बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये की मांग करेंगे। 

इंडिया गठबंधन के बहिष्कार के बाद फिलहाल संशय की स्थिति बनी हुई थी। हालांकि, नीति आयोग की इस मीटिंग का बहिष्कार करने वाले हेमंत इकलौते मुख्यमंत्री नहीं हैं। हेमंत से पहले देश के 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस बैठक का बहिष्कार कर दिया था।

आखिर वक्त में हेमंत सोरेन ने इस मीटिंग का बायकॉट क्यों किया? यहां बड़ा सवाल उठता,, झारखंड में अब से 3 महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में सीधे मुकाबला हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन का भारतीय जनता पार्टी से नजर आ रहा है। हेमंत ने हाल ही में केंद्रीय बजट पर सवाल उठाया है और उनकी पार्टी बीजेपी के विरोध में कैंपेन चला रही है। जानकारों की माने तो इस स्थिति में हेमंत अगर मोदी के साथ नीति आयोग की मीटिंग में शामिल होते तो इसका गलत प्रभाव पड़ सकता था। हेमंत को झारखंड में ओडिशा जैसा खेल भी होने का डर सता रहा था। ओडिशा में बीजेपी से करीबी होने का आरोप और स्थानीय राजनीति के दांवपेच ने ओडिशा में नवीन पटनायक की सत्ता हिला दी।