एशियन सेंटर फॉर न्यूरो सर्जरी ब्रेन ट्यूमर एवं गंभीर चोटों का अत्यधिक उन्नत हॉस्पिटल
धनबाद: एशियन जालान सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के एशियन सेंटर फॉर न्यूरोसर्जरी विभाग में भारत के अनुभवी एवं विशेषज्ञ न्यूरो सर्जन डॉ. नवोदय कुमार जिंदल ब्रेन ट्यूमर, रीढ़ की हड्डी व नसों का दबाब, सर्वाइकल फिक्सेशन, पार्किंसन, स्ट्रोक, ट्रामा रोड एक्सीडेंट व अन्य दुर्घटनाओं से हुई दिमाग में गंभीर चोट की समस्याओं के परामर्श व सफल इलाज के जाने-माने प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन है। सर्जरी से पहले अत्याधुनिक तकनीकी युक्त सिटी स्कैन, एमआरआई, इइजी व हर जरूरी डायग्नोस्टिक टेस्ट का उपयोग करते हैं। एशियन अस्पताल में शनिवार को न्यूरो सर्जरी की नवीनतम अनुसंधान और सफल एवं सुरक्षित इलाज की चुनौतियों पर विशेष बैठक में अस्पताल के सेंटर हेड डॉ. सी राजन, डॉ. नवोदय कुमार जिंदल, मो. ताजुद्दीन समेत अन्य डॉक्टर्स उपस्थित थे। इस दौरान डॉक्टर जिंदल ने बताया कि पिछले 7 वर्षों में उन्होंने खुली सर्जरी, माइक्रो सर्जरी,एंडोस्कोपिक सर्जरी, क्रोनिक दर्द निवारण प्रक्रियाएं,न्यूनतम इन्नोवेटिव सर्जरी चिकित्सा के अलावा ट्रामा के उन्होंने बहुत ही गंभीर रूप से घायल मरीजों का ऑर्थोपेडिक एवं अन्य विभागों के विषेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के साथ चुनौतीपूर्ण सफल सर्जरी कर चुके हैं। उन्होंने बताया की हाल ही में हॉस्पिटल में आए एक मरीज का एक्सीडेंट में गंभीर चोट के कारण ब्रेन में ब्लड क्लॉटिंग का उन्होंने सफल सर्जरी किया,इस मरीज का अगर हॉस्पिटल आने में एक घंटा भी विलंब हो जाता तो मरीज की मृत्यु हो जाती। पिछले दिनों पाथरडीह की रहने वाली एक लड़की के सर पर छत गिर गया था और उसकी दिमाग की सारी हड्डियां फ्रैक्चर हो गई थी उसका ऑपरेट करके सॉरी फ्रैक्चर हड्डियों को निकाल दिया और महज 10 दिनों बाद बच्ची को अस्पताल से रिलीज कर किया गया अब वह बच्ची में कोई कॉम्प्लिकेशन नहीं है और अब वह कॉन्फिडेंस पूर्वक अपना पढ़ाई लिखाई, खेलकूद और घर का अन्य सारा कार्य कर रही है। हाल ही में धनबाद के एक सज्जन, जिनका मेमोरी (याददास्त) रिस्पांस बहुत ही कम था उनको सिर्फ दवाओं और मनोवैज्ञानिक पद्धति से पूर्ण उपचार किया। अब वे मानसिक रूप से बहुत स्वस्थ है।सर्वाइकल स्पाइन उपचार के बारे में उन्होंने बताया कि कई मरीजों का जो हमेशा बिस्तर पर लेटे रहते थे उनका उन सबों का उन्होंने सफलतापूर्वक उपचार किया जिससे वह अब चल फिर रहे हैं और अपना सभी काम कर रहे हैं।आगे डॉक्टर जिंदल ने बताया कि सैकड़ों ब्रेन के मरीजों का जिनको विभिन्न कॉम्प्लिकेटेड इन्फेक्शन के कारण लंबे समय बुखार के कारण बीमार रहते थे,उनका इलाज भी उन्होंने गहनता पूर्वक जांच कर बिना सर्जरी किए सिर्फ जरूरी दवाओं से किया है। कई मरीजों के डिप्रेशन के कारण मानसिक बीमारियों का सफलता पूर्वक मनोवैज्ञानिक पद्धति एवं दवाओं से इलाज कर चुके हैं अब वे सारे मरीज सामान्य जिंदगी जी रहे हैं। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, व अस्थमा की तरह मिर्गी भी ऐसी बीमारी है इसे कंट्रोल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सैकड़ो मिर्गी रोगियों को उन्होंने स्वास्थ्य किया है एंटी एपीलेक्टिक ट्रीटमेंट लेने के बाद मिर्गी बंद हो जाती है मिर्गी से परेशान होने की जरूरत नहीं है इलाज से इसे बेहतर तरीके से कंट्रोल कर सामान्य जीवन दिया जा सकता है। अस्पताल के बैठक में उपस्थित सेंटर हेड डॉक्टर सी.राजन ने बताया कि अस्पताल के एशियन सेंटर फॉर न्यूरोसर्जरी विभाग में ब्रेन रीढ़ एवं परिधीय नसों को प्रभावित करने वाले विकारों की रोकथाम, निदान, उपचार और पुनर्वास से संबंधित है। इस विभाग में उपचार की श्रेणी में ब्रेन सर्जरी शामिल है। स्कल बेस सर्जरी, बाल चिकित्सा सर्जरी, मिर्गी सर्जरी, एंडोस्कोपिक सर्जरी, हाइड्रोसेफलस सर्जरी भी की जाती है।रीढ़ की सर्जरी में सर्वाइकल और लम्बर डिस्क सर्जरी, स्पाइन ट्यूमर के लिए सर्जरी , स्पाइनल इंजरी, फ्रैक्चर,इमेज गाइडेड और कीहोल सर्जरी की जाती है।एशियन हॉस्पिटल के अनुभवी एवं विशेषज्ञ न्यूरोसर्जन डॉक्टर नवोदय कुमार जिंदल इनके उपचारों के लिए उपलब्ध हैं। साथ ही कार्डियोलॉजिस्ट शादाब अहमद, ऑर्थोपेडिशियन डॉ.विमल मंडल, सर्जन डॉ. बरनवाल , डॉ. सुनील नायक एवं अन्य विभागों के डॉक्टर भी मरीजों की सेवा में 24/7 उपलब्ध है।
Jul 27 2024, 18:26