विधायक ने लेडिज पार्लर और ब्यूटीशियन ट्रेनिंग सेंटर का उद्घाटन किया

खजनी गोरखपुर। हर व्यक्ति स्वस्थ्य और सेहतमंद रहने के बाद अपने रूप रंग और साज सज्जा पर विशेष ध्यान देता है। महिलाएं हों या पुरुष खुद को अप टू डेट रखना समय की मांग है, इस दिशा में कैरियर बनाने और कौशल विकास की बेशुमार संभावनाएं हैं।

यह बातें आज क्षेत्रीय विधायक प्रदीप शुक्ला ने खजनी कस्बे में स्थित ग्लैम अप ब्यूटी पार्लर सैलून और ट्रेनिंग सेंटर के उद्घाटन के अवसर पर कहीं वैदिक मंत्रों के साथ पूजन के बाद फीता काट कर शुभारंभ करते हुए उन्होंने बताया कि टेक्निकल,मेहनत,मजदूरी, खेती और पशुपालन के काम न हों तो आॅफिस,बैंकिंग आदि सेक्टर में हमारा फिजिकल फिटनेस और लुक अर्थात सुंदर दिखना बहुत महत्व रखता है।

सेंटर के प्रबंधक अनंत मिश्रा ने बताया कि ट्रेनिंग सेंटर में एक महीने से लेकर 6 महीने तक प्रशिक्षण कोर्स हैं। जिसमें मेकअप, हेयर स्टाइल, मेंहदी और स्किन (त्वचा) से संबंधित विभिन्न पार्लर के कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाएगा कोर्स पूरा होने पर उसका सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा साथ ही साथ सेंटर में नियमित रूप से पार्लर से जुड़ी सभी प्रकार की सेवाएं उपलब्ध होंगी। बहनें और बेटियां ट्रेनिंग लेकर आत्मनिर्भर बन सकती हैं।

इस अवसर पर विधायक के साथ पिपरौली ब्लॉक के प्रमुख दिलीप यादव भाजपा मंडल अध्यक्ष राम प्रकाश चौरसिया, दिलीप शुक्ला, उदय नारायण, आनंद नारायण, सुरेश शुक्ला, विपिन पांडेय, मनीष वर्मा, अंकिता शुक्ला,अंजली मिश्रा, सचिन गुप्ता, विवेक चतुवेर्दी समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे।
साफ करने के बहाने गहने ले कर भागे उचक्के,सिकरीगंज के मलांव गांव की घटना

खजनी गोरखपुर।तहसील क्षेत्र के सिकरीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले मलांव गांव में तांबे पीतल के बर्तन चमका कर साफ करने के बहाने पहुंचे उचक्कों ने महिला के सोने के गहनों को भी चमकाने का झांसा दिया और उसे लेकर भाग निकले। घटना की फुटेज सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। पीड़ित महिला की तहरीर पर सिकरीगंज पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है।



सिकरीगंज थाने से महज एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित मलांव गांव में दोपहर 12.15 बजे तांबा पीतल के बर्तनों को चमकाने पहुंचे दो युवकों ने गांव की निवासी महिला स्वर्गीय सत्येंद्र ओझा की पत्नी माया ओझा के घर पहुंचे पहले युवकों ने महिला के पीतल के पुराने लोटे को अपने साथ लेकर आए पावडर से रगड़ कर नए जैसा चमकदार बना दिया। महिला को झांसे में लेकर युवकों ने उसके हाथों में पहने चार सोने के कंगन और गले में पहनी हुई सोने की चैन निकाल कर देने और तुरंत चमकदार बना कर देने का दावा किया।

युवकों ने कहा कि पसीने से गहने काले हो रहे हैं तुरंत चमक उठेंगे महिला ने जैसे ही गहने उतार कर दिए हांथ में आते ही दोनों भाग निकले। महिला चीखती चिल्लाती रह गई। इस दौरान अपने मानसिक दिव्यांग बेटे के साथ महिला अपने घर में अकेली थी। उसकी बहु किसी काम से बाहर गई थी।
दिनदहाड़े अपने ही घर में ठगी का शिकार हुई महिला ने थाने में पहुंच कर घटना की जानकारी दी। पड़ोस के घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में युवकों के आने और घटना को अंजाम देने के बाद भागते हुए वापस जाने की वारदात कैद हो गई है। फुटेज के आधार पर पुलिस ने घटना की छानबीन शुरू कर दी है।
गोरखपुर के लाल ने किया कमाल महज 19 घण्टे में फतह किया माउंट किनाबलू

गोरखपुर। अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही नीतीश ने 19 घंटे में फतह किया माउंट किनाब्लू और भारत के सबसे तेज चढ़ने का ख़िताब हासिल किया।

मलेशिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट किनाबालू 4095 मी फहराया तिरंगा।।अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही नीतीश सिंह ने अपनी पांचवी अंतरराष्ट्रीय चोटी को किया फतह।।गोरखपुर शहर के लाल के नाम से जाने जानेवाले अंतरराष्ट्रीय युवा पर्वतारोही नीतीश सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मलेशिया देश की सबसे ऊंची चोटी माउंट किनाबालू 4095 मी. की चढाई के लिए दिल्ली से 5 जुलाई को मलेशिया के लिए हवाई जहाज रवाना हुआ, 6 जुलाई को मलेशिया के कोटा किनाबालू शहर पहुंचा।


अगले दिन 7 जुलाई को डॉक्यूमेंटेशन कार्य पूरा किया। मलेशिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट किनाबालू की चोटी को फतह कि तैयारी पूरी करने के बाद माउन्ट किनाबालू के लिए 8 जुलाई को सुबह 9.45 बजे नेशनल पार्क से चढाई कि शुरूआत किया एवं लगातार चढ़ाई करने के बाद पहले कैंप पर 3100 मीटर पर दोपहर 2.30 बजे पहुच गया ।। लगातार बारिश एवं बड़े चट्टान रास्ते के रोड़ा बन रहे थे लेकिन मजबूत इरादे के आगे चट्टान टिक न सके न बारिस हौंसला को डिगा सकी।।

9 जुलाई कि रात के 2:30 बजे 3100 मीटर से अपनी मंज़िल की और बढ़ा पर बारिश हल्की हुई और मैं मलेशिया कि सबसे ऊँची चोटी माउन्ट किनाबालू के लिए निकल गया कठिन चढ़ाई व खड़ी चढ़ाई को पार करते हुए सुबह 5:30 मलेशिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट किनाबालू 4095 मी को फतह करके भारत का गौरव शाली तिरंगा झंडा फहराया।।

उन्होंने कहा कि माउन्ट किनाबालू की ऊँची चोटी पर एच.पी.सी.एल. का लोगो भी लगाया है।। एचपीसीएल के कार्यकारी निदेशक राजीव गोयल ने भी नीतीश को सफलतापूर्वक चढ़ाई के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी।साथ ही सांसद रविकिशन शुक्ल, महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव,विधायक पिपराइच महेंद्र पाल सिंह, क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय सहित कई गणमान्य लोगों ने बधाई देकर मेरा उत्साहवर्धन किया। मैं उन सभी का हृदय से धन्यवाद करता हु जिन्होंने मेरा सहयोग किया।।मैं गोरखपुर के समस्त मिडियाकर्मियो का आभारी हु जिन्होंने समय समय पर मेरा मनोबल बढ़ाया और मेरे हर सफलता के साक्षी बने।।

26 वर्षीय पर्वतारोही नीतीश ने आगे बताया कि अभी तक जितने पर्वतो को फतह किया है हर पर्वत से एक न एक जन-जागरूकता का सन्देश दिया है चाहे वह सर्व शिक्षा अभियान हो, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ या हमारे बिच का तीसरा समुदाय ट्रांसजेंडर समुदाय हो, नीतीश हर पर्वत से कुछ न कुछ सन्देश देते आये है, इस बार इस अभियान मे ग्रीन गोरखपुर का संदेश दिया,नीतीश जितने मीटर क्लाइंब करंगे उतना पौधा गोरखपुर मे एचपीसीएल के साथ मिलकर लगाएंगे।।

उन्होंने आगे बताया कि पर्वतारोही नीतीश सिंह के इस मिशन के लिए 4 जुलाई को हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड गोरखपुर के डीजीएम आशीष शर्मा ने एचपीसीएल का लोगो भेट किया, एवं इस अभियान के सफलता पूर्वक चढाई पूरी करने के बाद  नीतीश सिंह को बधाई दी है ।।

आपको बताया कि अभी तक इन मुख्य चोटियों पर लहराया तिरंगा एवं जन जागरूकता के लिए दिये संदेश

1. 2018 में माउंट एवरेस्ट पर 17598 फिट बेस कैंप से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया।

2. 2018 लेह लद्दाख स्थित माउंट स्टॉक कांगड़ी 6124 मीटर एवं सर्व शिक्षा अभियान, सब पढ़े सब बढ़े का संदेश दिया।

3. 2019 मध्यप्रदेश के इंदौर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट क्लाइंबिंग में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया।।

4. अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो(19340फिट)पर तिरंगा फहरा चुके है जहा से उन्होंने थर्ड जेंडर किन्नर समाज के सम्मान हेतु संदेश दिया।।

5. यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस(18510फिट)पर तिरंगा फहरा चुके है,जहा से उन्होंने वैश्विक महामारी के प्रति जागरूकता का संदेश दिया।।

6.अफ्रीका महाद्वीप की पांचवी सबसे ऊंची चोटी माउंट मेरु(14980फिट) को फतह किया।।

7. टर्की देश की सबसे ऊँची चोटी माउंट आरारत (16854फिट) को फतह किया है

पर्वतारोही नीतीश सिंह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के राजेंद्र नगर पश्चिमी न्यू कॉलोनी के निवासी हैं। उनका मूल निवास ग्राम सभा - रामपुर गोपालपुर (गोनरपुरा) विकासखंड - चरगांवा, जिला गोरखपुर है। नीतीश सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई किये है।
भूमि विवाद में मारपीट जज के पिता का सर फूटा

खजनी गोरखपुर।रजिस्ट्री की जमीन पर कब्जे को लेकर हुए विवाद में दो पक्षों में हुई मारपीट में लगभग आधा दर्जन लोग घायल हो गए। घायलों में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में जज (एडीजे) के पिता और स्वजन भी हैं। भूमि विवाद में संभ्रांत जनों के बीच सड़क पर मारपीट होते देख मौके पर भीड़ जमा हो गई।

112 की सूचना पर पहुंची खजनी पुलिस ने विवाद शांत कराया। थाने में पहुंचे दोनों पक्षों ने तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है।

मिली जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के विश्वनाथपुर गांव के निवासी ओमप्रकाश राम त्रिपाठी, विजय सागर राम त्रिपाठी की मऊं धरमंगल गांव के मौजा सिंगरा चौबे में खजनी बांसगांव मुख्य मार्ग पर जमीन है। जिसमें से कुछ हिस्सा नैपुरा गांव के निवासी जगरनाथ चौबे और बांसगांव थाना क्षेत्र के कैथवलियां गांव की निवासी सीमा पांडेय पत्नी विनोद पांडेय ने बैनामा करा लिया है।

खतौनी में नाम दर्ज होने के बाद आज सबेरे लगभग 9.30 बजे बाउंड्री वॉल का निर्माण कराने पहुंचे थे।

इस दौरान दूसरे पक्ष ने न्यायालय में विचाराधीन वाद और स्थगन आदेश का अनुपालन करने का हवाला देकर उन्हें निर्माण करने से रोक दिया। विवाद बढ़ते ही दोनों पक्षों के बीच मारपीट शुरू हो गई। मुख्य सड़क पर मारपीट होते देख मौके पर तमाशबीनों की भीड़ लग गई। थाने में पहुंचे दोनों पक्षों के द्वारा तहरीर दी गई, इस दौरान थाना परिसर में समर्थकों की भीड़ लगी रही।

मारपीट में ओमप्रकाश, चंद्रप्रकाश, प्रशांत, सुधीर, गोपेश, जगरनाथ चौबे, विनोद पांडेय आदि लगभग आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हुए।

बताते चलें कि घायलों में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में एडीजे (न्यायाधीश) के पद पर कार्यरत आलोक राम त्रिपाठी के पिता और स्वजन हैं,वहीं दूसरे पक्ष से निवर्तमान सांसद प्रतिनिधि तहसील के एडवोकेट हैं। संभ्रांतजनों के बीच सरेराह भूमि विवाद के लिए हुई मारपीट की घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।

थानाध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार शुक्ला ने बताया कि तहरीर मिली है विधिक कार्रवाई की जा रही है।

पूरी शानो शौकत से निकला मियां साहब का दसवीं मोहर्रम का शाही जुलूस

गोरखपुर। मियां बाजार स्थित इमामबाड़ा स्टेट में पिछले 325 सालों से अपनी रवायत को कायम रखते हुए परंपरागत 10वीं मोहर्रम का शाही जुलूस पूरी शानो शौकत के साथ निकाला मियां साहब के जुलूस में सबसे आगे इस्लामी परचम शहनाई, आलम ढोल ताशे और मियां साहब के निजी सिपासालार के साथ कोतवाली पुलिस भी मौजूद रही हिंदू मुस्लिम एकता का मरकज़ इमामबाड़ा स्टेट में सभी धर्म संप्रदाय के लोग अपनी अक़ीदत रखते हैं छोटे मियां साहब अयान अली शाह की कियादत (नेतृत्व) में दसवीं मोहर्रम का शाही जुलूस इमामबाड़ा स्टेट की पश्चिमी गेट से निकाला जो बक्शीपुर अलीनगर चरणलाल चौराहा बेनीगंज जाफरा बाजार होते हुए कर्बला पहुंचा।

छोटे मियां साहब का जगह-जगह स्वागत किया गया जहां पर कुछ देर ठहरने के बाद फिर जुलूस कर्बला से निकलकर घासी कटरा मिर्जापुर खूनीपुर नखास कोतवाली रोड होते हुए दक्षिण फाटक से इमामबाड़ा स्टेट पहुंचा जहां पर मर्सिया खाना के पास फतिया पढ़ने के बाद जुलूस समाप्त हुआ जुलूस के समापन के बाद अयान अली शाह छोटे मियां साहब ने जुलूस में शामिल सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया खास तौर से पुलिस प्रशासन जिला प्रशासन नगर निगम और मीडिया को उन्होंने धन्यवाद दिया कहा कि सभी के सहयोग से मोहर्रम का त्यौहार सकुशल संपन्न हुआ है अपनी रवायत को बरकरार रखते हुए पुरानी परंपरा को कायम रखे हुए पूरी शानो शौकत के साथ शहर के विभिन्न क्षेत्रों से जुलूस गुजरा जहां पर लोगों ने इस्तकबाल किया।

बड़े मियां साहब ने भी सभी का शुक्रिया अदा किया है छोटे मियां साहब के साथ उनके मामू जान सैय्यद शकील, सैयद शहाब, पार्षद समद गुफरान, तौकीर आलम, मंजूर आलम, सोहराब खान, फैजी बाबा, कुर्बान अली, हाजी कलीम अहमद, फ़र्ज़न्द, राजू, नेहाल, नबी हुसैन समेत तमाम लोग उनके साथ कदम से कदम मिलाकर जुलूस को सकुशल संपन्न कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

आज जो कुछ हूं देवतुल्य जनता की वजह से - रवि किशन

गोरखपुर।फिल्म स्टार और गोरखपुर के सांसद रवि किशन शुक्ला का आज 55 वां जन्मदिन दिन है। इस अवसर पर उन्होंने गोरखनाथ मंदिर मे भगवान गोरखनाथ जी का दर्शन पूजन किया और तारा मंडल मे हनुमान मंदिर व गोलघर काली मंदिर पर भंडारे का आयोजन किया गया।

सांसद बुधवार को गोरखपुर एयरपोर्ट पहुंचे यहां समर्थकों की भीड़ पहले से ही उनका इंतजार कर रही थी। सांसद का जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद सांसद ने बुढ़िया माता का दर्शन किया। इसके साथ ही उन्होंने देवरिया बाईपास पर स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर और गोलघर काली मंदिर में भी पूजा अर्चना की।

इस असर पर विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। जिसमे भरी संख्या में समर्थक मौजूद रहे।

सांसद ने बेतियाहाता स्थित कुष्ठ आश्रम में बच्चे और बुजुर्गों के साथ अपना जन्मदिन मनाया। इस दौरान उन्होंने इनमें भोजन और वस्त्र भी वितरित किया।

सांसद रवि किशन ने कहा कि आज मैं जो भी जनता की बदौलत हूं। जनता की सेवा ही मेरी प्राथमिकता है। गरीबों को सेवा के लिए ही मेरा जन्म हुआ है। मैं इस जिम्मेदारी को ईमानदारी से पूरा करता रहूंगा।

पीएम मोदी, सीएम योगी सहित इन्होंने दी शुभकामनाएं

सांसद रवि किशन ने बताया कि मेरे जन्मदिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ, गृह मंत्री अमित शाह, कई प्रदेश के मुख्यमंत्रियों सहित शीर्ष संगठन के पदाधिकारियों ने शुभकामनाएं दी। मैं आप सभी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। आप सबका मार्गदर्शन और स्नेह ही मेरी ताकत है।

भविष्य के अनुकूल होगी धान और गेहूं की खेती, घटेगी लागत, बढ़ेगी उत्पादकता

गोरखपुर। अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (इरी) के सहयोग से पूर्वी उत्तर प्रदेश में धान और गेहूं की खेती भविष्य के अनुकूल होगी। इससे खेती की लागत घटेगी और उत्पादकता बढ़ेगी। इरी ने इस दिशा में महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) चौक माफी पीपीगंज और गोरखनाथ मंदिर के चौक बाजार (महराजगंज) स्थित 500 एकड़ के फार्म के साथ अनुसंधान परियोजना पर काम शुरू कर दिया है।

इस परियोजना के सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं। इरी ने महायोगी केवीके चौक माफी और चौक बाजार, महराजगंज स्थित फार्म के एक हिस्से पर इस सीजन में धान की सीधी बुआई कराई। इससे खर पतवार से मुक्ति तो मिली ही है, रोपाई का खर्च भी बच गया है।

इरी के साउथ एशिया रीजनल सेंटर (वाराणसी) के डायरेक्टर डॉ. सुधांशु सिंह के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने बुधवार को चौक बाजार स्थित फार्म पर धान की खेती का निरीक्षण किया और अब तक किए गए प्रयोग/अनुसंधान के परिणाम का मूल्यांकन किया। निरीक्षण और मूल्यांकन के बाद डॉ. सुधांशु सिंह ने बताया कि फार्म के एक हिस्से पर समय रहते मशीन से धान की सीधी बुआई कराई गई थी। इसके कारण फसल में खर पतवार नहीं लगे हैं।

सीधी बुआई से रोपाई की लागत बच गई है। रोपाई में खर पतवार का पनपना आम समस्या भी है। उन्होंने बताया कि समय पर धान की सीधी बुआई करा दी जाए तो प्रति एकड़ 10 से 15 हजार रुपये की लागत कम हो जाएगी। साथ ही खर पतवार की समस्या से भी निजात मिल जाएगी।

इरी के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. सुधांशु सिंह के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, महायोगी गोरखनाथ केवीके के साथ मिलकर धान की ऐसी खेती की प्रविधि पर काम कर रहा है जिससे मीथेन का उत्सर्जन कम हो, खाद और सिंचाई की लागत घटे और उत्पादकता में गुणात्मक और मात्रात्मक वृद्धि हो। इसके लिए धान की कई किस्मों को लेकर अनुसंधान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि गेहूं की बुआई समय पर होनी चाहिए। 15 नवंबर के बाद गेहूं की बुआई करने पर 40 से 45 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर प्रति दिन की उत्पादकता गिरती है। डॉ. सुधांशु ने बताया कि इरी पूर्वी उत्तर प्रदेश में सहफसली और मिश्रित खेती को लेकर भी विशेष परियोजना पर काम कर रहा है। आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के साथ कालानमक धान की खेती पर अनुसंधान किया जा रहा है। साथ ही उन्नत, क्लाइमेट स्मार्ट और बायोफर्टिफाइड धान की किस्मों को भी, जिसमें हाई जिंक प्रमुख है, को वर्टिकल कैफेटेरिया में भी लगाया गया है। सभी परियोजनाओं के प्रारंभिक परिणाम सुखद और उत्साहवर्धक आए हैं।

चौक बाजार स्थित फार्म पर धान की खेती का निरीक्षण करने के दौरान डॉ. सुधांशु सिंह के साथ भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह, इरी के सीनियर एसोसिएट साइंटिस्ट डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव, महायोगी गोरखनाथ केवीके चौक माफी के अध्यक्ष डॉ. आरके सिंह, वैज्ञानिक डॉ. शैलेंद्र प्रताप सिंह, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव आदि भी मौजूद रहे।

बुद्धि परीक्षण का भारतीय संस्करण भारतीय परिवेश के मुताबिक: निदेशक जितेंद्र यादव

गोरखपुर। सीआरसी गोरखपुर के निदेशक जितेंद्र यादव ने सीआरसी गोरखपुर और राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान सिकंदराबाद के संयुक्त तत्वाधान में इंडियन टेस्ट ऑफ इंटेलिजेंस विषय पर आयोजित तीन दिवसीय सतत पुनर्वास कार्यक्रम के समापन के दौरान कही।

बता दे उक्त विषयक सीआरई कार्यक्रम तीन दिन से सीआरसी गोरखपुर में चल रहा था। बतौर संयुक्त कार्यक्रम समन्वयक राजेश कुमार और डॉ सुनीता देवी ने कार्यक्रम का समन्वय किया। कार्यक्रम में देश के अलग-अलग भागों से नैदानिक और पुनर्वास मनोवैज्ञानिकों के साथ-साथ पुनर्वास व्यवसायिकों ने प्रतिभाग किया। बतौर रिसोर्सपर्सन डाॅ सुनीता देवी एवं डॉ सरोज आर्या मैडम ने टेस्ट की बारीकियों के बारे में प्रतिभागियों से विस्तृत चर्चा किया।

जिसमें टेस्ट के लिए एकत्र किए गए नमूने और उनकी वैधता तथा परीक्षण के संचालन की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। बता दें सीआरई कार्यक्रम के माध्यम से भारतीय पुनर्वास परिषद में पंजीकृत व्यावसायिक अपने पंजीकरण प्रमाण पत्र का नवीनीकरण करवाते हैं।

टीबी का लक्षण हो तो दस्तक की टीम को बताएं, इलाज में मदद पाएं

गोरखपुर।जिले में इस समय चल रहे दस्तक अभियान के दौरान टीबी के नये मरीजों को खोजने पर विशेष जोर है। इकतीस जुलाई तक चलने वाले इस अभियान के दौरान आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को घर घर जाने का निर्देश दिया गया है। भ्रमण के जरिये वह बुखार के रोगियों को सूचीबद्ध करेंगी, संचारी रोगों से बचाव के उपाय बताएंगी, डायरिया रोको अभियान के तहत ओआरएस का पैकेट देंगी और साथ ही साथ टीबी, फाइलेरिया और कुष्ठ के मरीजों को भी खोजेंगी।

वर्ष 2025 तक जिले में टीबी का उन्मूलन हो सके, इसके लिए विभागीय प्रयासों के साथ समुदाय के स्तर से सहयोग मिलना नितांत आवश्यक है। लोगों से अपील है कि वह घर घर घूम रही आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को टीबी के संभावित लक्षण वाले मरीजों के बारे में जरूर बताएं। इस टीम की मदद से मरीजों की न केवल जांच हो सकेगी, बल्कि सम्पूर्ण इलाज भी संभव होगा।’’

यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने दी। वह एक चेस्ट फिजिशियन भी हैं। उन्होंने बताया कि अगर किसी को दो सप्ताह से अधिक की खांसी आ रही है तो वह टीबी का मरीज भी हो सकता है। ध्यान रखना है कि खांसी का ऐसा हर मरीज टीबी का रोगी नहीं होता है, लेकिन अगर यह लक्षण है तो टीबी की जांच करूर कराई जानी चाहिए। इसके अलावा बलगम में खून, सांस फूलना, तेजी के साथ वजन गिरना, भूख न लगना, रात में पसीने के साथ बुखार आना जैसे लक्षण भी टीबी में नजर आते हैं। अगर किसी के परिवार का कोई सदस्य या पड़ोसी व रिश्तेदार इन लक्षणों से ग्रसित है तो उसे जांच के लिए प्रोत्साहित करना है।

अगर ऐसे लोगों की समय से जांच हो जाए और इलाज हो तो वह न केवल वह ठीक हो जाते हैं, बल्कि दूसरे लोग भी टीबी संक्रमित होने से बच जाते हैं।

डॉ दूबे ने बताया कि सामाजिक भेदभाव के डर से टीबी मरीज जांच व इलाज के लिए कई बार सामने नहीं आते हैं। अगर एक मरीज की समय से पहचान कर इलाज न हो तो वह वर्ष में दस से बारह लोगों को टीबी संक्रमित कर सकता है, लेकिन यदि ऐसे मरीज को खोज कर तुरंत दवा शुरू कर दी जाए तो वह तीन हफ्ते बाद किसी को भी संक्रमित नहीं करता है। सरकारी अस्पतालों में टीबी की समस्त जांचे व इलाज की सुविधा उपलब्ध है । मरीजों को इलाज के साथ सही पोषण देने के लिए पांच सौ रुपये प्रति माह की दर से उनके खाते में भी दिये जाते हैं। इस तरह ड्रग सेंसिटिव टीबी मरीज छह माह में, जबकि ड्रग रेसिस्टेंट (डीआर) टीबी मरीज डेढ़ से दो साल में ठीक हो जाता है।

इन स्थानों पर है सुविधा

 सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर बलगम संग्रह कर पीएचसी से जांच कराई जाती है

 सीएचसी पर बलगम के साथ एक्स रे जांच की सुविधा

 पीएचसी पर बलगम जांच की सुविधा

 जिला क्षय रोग केंद्र, बड़हलगंज और बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सीबीनॉट जांच की सुविधा

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कल्चर डीएसटी जांच की सुविधा

नौ हजार से ज्यादा मरीज उपचाराधीन

सीएमओ ने बताया कि जिले में इस समय टीबी के करीब नौ हजार से अधिक मरीज उपचार ले रहे हैं। जो मरीज जरूरतमंद हैं उन्हें निःक्षय मित्रों के जरिये एडॉप्ट भी कराया जा रहा है ताकि उनकी अच्छी देखभाल हो सके।

बेलघाट क्षेत्र का एक 'भूत' बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जाते ही हो गया काबू, जाने क्या है पूरा मामला

गोरखपुर के बेलघाट क्षेत्र का एक 'भूत' बीआरडी मेडिकल कॉलेज में काबू में आ गया। इसके कारण एक परिवार पिछले आठ महीने से परेशान था। परिवार में अजब-गजब घटनाएं हो रही थीं। रात को किचन के बर्तन टूटे मिलते। घर की खिड़कियों के शीशे टूट जाते।

घर के बाहर खड़ी गाड़ियों के टायर पंक्चर हो जाते। आधी रात को छत से आवाजें आतीं। परिवार की युवती ही ये सब हरकतें कर रही थी। साल भर बाद डॉक्टर असल मर्ज का पता लगा पाए। इस दौरान युवती की तबीयत भी बिगड़ने लगी। वह अनाप- शनाप बोलने लगी। शाम होते ही उसका व्यवहार बदल जाता। परिजनों को लगा कि उस पर जिन्न का प्रकोप हो गया है। परिवार ने पहले झाड़-फूंक कराई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। करीब तीन महीने से बीआरडी मेडिकल कॉलेज में उसका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों को अब जाकर मर्ज का पता चला है।

युवती को है इश्क का बुखार

बताया जाता है कि पीड़िता अल्पसंख्यक परिवार की है। परिवार में माता-पिता के अलावा एक भाई भी है। पीड़िता को रिश्तेदारी के एक युवक से प्रेम है। वहीं भाई को भी रिश्तेदारी के एक युवती से इश्क हो गया है। परिवार ने बेटे के रिश्ते को मंजूर कर लिया, निकाह की बात चल रही है। वहीं युवती के इश्क पर परिवार को ऐतराज है।

मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आमिल हयात खान ने बताया कि परिवार के इनकार के बाद युवती को तगड़ा मानसिक आघात लगा है। वह डिसोसिएशन की शिकार हो गई है। यह एक मानसिक बीमारी है। उसके शरीर में ऐंठन होने लगती है। दिमाग में फितूर भर जाता है। ऐसी स्थिति में मरीज को अजीब तरह की हरकतें करने में मजा आता है। इलाज के साथ ही युवती की काउंसलिंग भी की जा रही है। इसका असर हो रहा है। परिजनों को भी समझाया गया है।