क्या फिर से होगी नीट की परीक्षा या होगी शुरू होगी काउंसलिंग, सुप्रीम कोर्ट में बड़ा फैसला आज

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आज नीट यूजी परीक्षा में सम्मिलित 24 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं के लिए अहम दिन है।नीट परीक्षा को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ये फैसला दे सकता है कि नीट यूजी की परीक्षा फिर कराई जाए या आगे नीट काउंसलिंग शुरू होगी। इससे पहले नीट पेपर लीक मामले में केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। सरकार का कहना है कि डेटा विश्लेषण से बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का कोई संकेत नहीं मिला है। इसलिए वो नीट यूजी री-एग्जाम के समर्थन में नहीं है। जुलाई के तीसरे हफ्ते से नीट काउंसलिंग शुरू होगी। इसी मामले में एनटीए ने भी सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में गुरुवार को सुनवाई करेगा।

इस संबंध में 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने सुनवाई की थी। आज दूसरी बार सीजेआई की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए, सरकार, सीबीआई और छात्रों से इस मामले में कुछ सवालों के जवाब मांगे थे। चारों की तरफ से इस मामले में जवाब दाखिल होने के बाद आज दोबारा सुनवाई होनी हैं। नीट परीक्षा में तकरीबन 24 लाख अभ्‍यर्थी शामिल हुए थे। ऐसे में इस परीक्षा और रिजल्‍ट पर होने वाली सुनवाई पर सबकी निगाहें टिकीं हुई है। परीक्षा में प्रश्न-पत्र लीक होने और 4 जून को घोषित परिणामों में कथित अनियमितताओं को लेकर इसे रद्द करने और फिर से आयोजित किए जाने की मांग वाली सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई 38 याचिकाओं पर निर्णय आज आ सकता है।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है किनीट से संबंधित आंकड़ों पर आईआईटी मद्रास ने व्यापक तकनीकी मूल्यांकन किया है। डेटा विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि असामान्य स्कोर के कारण किसी भी स्थानीय उम्मीदवार को लाभ नहीं मिला है। इसके समाधान के लिए हर संभव कदम और तंत्र स्थापित करने के लिए चौतरफा प्रयास किया जा रहा है। सरकार ने कहा है कि एक तरफ ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि कदाचार के दोषी किसी भी उम्मीदवार को कोई लाभ न मिले। दूसरी तरफ यह सुनिश्चित किया जाए कि 23 लाख छात्रों पर केवल आशंकाओं के आधार पर एक नई परीक्षा का बोझ न डाला जाए। केंद्र सरकार मजबूत परीक्षा प्रक्रिया बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

एनटीए ने भी सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। अपने हलफनामे में एनटीए ने कहा है कि पटना में हुए कथित पेपर लीक मामले में लगातार कार्रवाई की गई है। पुलिस के साथ साथ इस मामले की जांच सीबीआई भी कर रही है। इसके अलावा एनटीए ने भी यह भी हलफनामे में मेरिट लिस्‍ट में 61 स्‍टूडेंटस के 720 में 720 अंक कैसे आए इसका भी जवाब दिया है।

इसके अतिरिक्त पिछली सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा था कि परीक्षा में सम्मिलित करीब 24 लाख छात्र-छात्राओं की बड़ी संख्या के देखते हुए रीटेस्ट पर आदेश दिया उचित नहीं होगा।

आरएसएस ने “धार्मिक असंतुलन” को लेकर जताई चिंता, बताई जनसंख्या नियंत्रण कानून की क्यों है जरूरत

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपने वीकली मैगजीन में राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की मांग की है। विश्‍व जनसंख्‍या दिवस पर आरएसएस से जुड़ी पत्रिका ने देश के कुछ इलाकों में मुस्लिम आबादी बढ़ने के साथ 'जनसांख्यिकीय असंतुलन' बढ़ने का दावा करते हुए कहा कि एक व्यापक राष्ट्रीय जनसंख्या नियंत्रण नीति की जरूरत है। आरएसएस ने दावा किया है कि यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि जनसंख्या वृद्धि किसी भी धार्मिक समुदाय या क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव न डाले, जिससे अन्यथा “सामाजिक-आर्थिक असमानताएं और राजनीतिक संघर्ष हो सकते हैं।”

ऑर्गनाइजर के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी एंड डेस्टिनी नामक लेख में लिखा है। संपादकीय के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर जनसंख्या स्थिर होने के बावजूद यह सभी धर्मों और क्षेत्रों में समान नहीं है। कुछ क्षेत्रों खासकर सीमावर्ती जिलों में मुस्लिम आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसमें लिखा गया है कि पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और उत्तराखंड जैसे सीमावर्ती राज्यों में सीमाओं पर 'अवैध विस्थापन' की वजह से 'अप्राकृतिक' तरीके से जनसंख्या वृद्धि हो रही है।

पत्रिका में लिखा गया है कि पश्चिम और दक्षिण के राज्य जनसंख्या नियंत्रण उपायों को लागू करने में अपेक्षाकृत बेहतर काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें जनगणना के बाद आबादी में बदलाव होने पर संसद में कुछ सीट कम होने का डर है।संपादकीय के अनुसार, लोकतंत्र में जब प्रतिनिधित्व के लिए संख्या महत्वपूर्ण होती हैं और जनसांख्यिकी भाग्य का फैसला करती है, तो हमें इस प्रवृत्ति के प्रति और भी अधिक सतर्क रहना चाहिए।  

पत्रिका के अनुसार, 'हमें यह सुनिश्चित करने के लिए नीतियों की जरूरत है कि जनसंख्या वृद्धि से किसी एक धार्मिक समुदाय या क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े जिससे सामाजिक-आर्थिक असमानता और राजनीतिक संघर्ष की स्थिति बन सकती है। उसने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय संगठनों, शोध संस्थानों और परामर्शदात्री एजेंसियों के माध्यम से आगे बढ़ाए जा रहे बाहरी एजेंडे से प्रभावित होने के बजाय हमें देश में संसाधनों की उपलब्धता, भविष्य की आवश्यकताओं और जनसांख्यिकीय असंतुलन की समस्या को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक राष्ट्रीय जनसंख्या नीति बनाने का प्रयास करना चाहिए और उसे सभी पर समान रूप से लागू करना चाहिए।

संपादकीय में आरोप लगाया गया है, 'राहुल गांधी जैसे नेता यदा-कदा हिंदू भावनाओं का अपमान कर सकते हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस्लामवादियों द्वारा महिलाओं पर किए गए अत्याचारों को स्वीकार करते हुए भी मुस्लिम कार्ड खेल सकती हैं और द्रविड़ पार्टियां सनातन धर्म को गाली देने में गर्व महसूस कर सकती हैं क्योंकि उन्हें जनसंख्या असंतुलन के कारण विकसित तथाकथित अल्पसंख्यक वोट बैंक के एकजुट होने पर भरोसा है।

बता दें कि इससे पहले आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत भी इस तरह की चिंता जाहिर कर चुके हैं। मोहन बागवत ने ने 2022 में विजयादशमी के अवसर पर अपने भाषण में कहा था, "एक व्यापक जनसंख्या नियंत्रण नीति होनी चाहिए , जो सभी पर समान रूप से लागू हो और एक बार इसे लागू कर दिया जाए, तो किसी को भी कोई रियायत नहीं मिलनी चाहिए।" "जब 50 साल पहले (जनसंख्या) असंतुलन हुआ था, तो हमें गंभीर परिणाम भुगतने पड़े थे। यह सिर्फ हमारे साथ ही नहीं हुआ है। आज के समय में, पूर्वी तिमोर, दक्षिण सूडान और कोसोवो जैसे नए देश बने हैं। इसलिए, जब जनसंख्या असंतुलन होता है, तो नए देश बनते हैं। देश विभाजित होते हैं।"

ऑस्ट्रिया से एक बार फिर मोदी ने दिया शांति संदेश, आतंकवाद पर किया कड़ा प्रहार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिवसीय दौरे के लिए ऑस्ट्रिया में हैं। बुधवार को पीएम मोदी ने ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वैन डेर बेलेन के साथ बैठक की। इसके बाद एक ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर के साथ संयुक्त वार्ता को संबोधित किया।इस दौरान पीएम मोदी ने एक बार फिर शांति का संदेश दिया और आतंकवाद की कड़ी निंदा की साथ ही आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। 

संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र और कानून के शासन जैसे मूल्यों में साझा विश्वास भारत-ऑस्ट्रिया संबंधों की मजबूत नींव हैं। मुझे खुशी है कि मुझे प्रधानमंत्री के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ऑस्ट्रिया आने का मौका मिला। मेरी यह यात्रा ऐतिहासिक और विशेष है। 41 वर्ष के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया का दौरा है। यह भी सुखद संयोग है कि यह यात्रा उस समय हो रही है, जब हमारे आपसी संबंधों के 75 वर्ष पूरे हुए हैं। लोकतंत्र और कानून के शासन जैसे मूल्यों में आपसी विश्वास हमारे संबंधों की नींव हैं। आपसी विश्वास से हमारे रिश्तों को बल मिलता है। आज मेरे और चांसलर नेहमर के बीच बहुत सार्थक बातचीत हुई। हमने आपसी सहयोग को और मजबूत करने के लिए नई संभावनाओं की पहचान की है। हमने फैसला लिया कि संबंधों को रणनीतिक दिशा प्रदान की जाएगी। 

पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज मेरे और चांसलर नेहमर के बीच बहुत सार्थक बातचीत हुई। हमने आपसी सहयोग को और मजबूत करने के लिए नई संभावनाओं की पहचान की है।हमने निर्णय लिया है कि संबंधों को रणनीतिक दिशा प्रदान की जाएगी।हम दोनों आतंकवाद की कठोर निंदा करते हैं।हम इस बात पर सहमत हैं कि यह किसी भी रूप में आतंकवाद स्वीकार्य नहीं है। 

पीएम मोदी ने कहा, मैंने पहले भी कहा है कि यह युद्ध का समय नहीं है। समस्याओं का समाधान रणभूमि में नहीं हो सकता। मानवता में विश्वास रखने वाला हर व्यक्ति तब दुखी होता है जब किसी की जान चली जाती है। मासूम लोगों के जान की हानि स्वीकार्य नहीं है। भारत और ऑस्ट्रिया शांति और स्थिरता की बहाली के लिए हर संभव सहयोग देने को तैयार हैं।

ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर ने एक्स पर पोस्ट कर पीएम मोदी की ओर से कहे गए कई मुद्दों पर सहमति जताई। उन्होंने कहा, पश्चिम और दक्षिण के देशों को स्विट्जरलैंड में शांति शिखर सम्मेलन में चुने गए रास्ते को आगे बढ़ाने के लिए एकजुट होना चाहिए। इस संबंध में भी भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर ने कहा, यूक्रेन में हो रहा युद्ध अब समाप्त होना चाहिए। इसके लिए ऑस्ट्रिया संवाद स्थापित करने के लिए हर संभव कोशिश करेगा।

ईडी ने केजरीवाल के साथ “आप” को भी बनाया आरोपी, सप्‍लीमेंट्री चार्जशीट में हुए कई बड़े खुलासे*
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द‍िल्‍ली शराब घोटाले मामले में मुख्‍यमंत्री अरव‍िंद केजरीवाल की मुस‍ि‍बतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने बुधवार को चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट में ईडी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाया है। चार्जशीट में ईडी ने अरविंद केजरीवाल को घोटाले में किंगपिन और साजिशकर्ता बताया है। इतना ही नहीं ईडी ने दावा किया है कि गोवा इलेक्शन में रिश्वत के पैसों का इस्तेमाल होने की भी जानकारी उन्हें थी। चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल 37वें नंबर पर ईडी की चार्जशीट में बड़े खुलासे हुए हैं। इस चार्जशीट में कुल 38 आरोपी हैं। इस चार्जशीट में 37वें नंबर पर अरविंद केजरीवाल हैं और 38वें नंबर पर आम आदमी पार्टी आरोपी है। चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल और आरोपी विनोद चौहान के वॉट्स एप चैट का डिटेल दिया गया है। आरोप है कि के कविता के पीए ने विनोद के जरिए 25.5 करोड़ रुपए गोवा चुनाव के जरिए आम आदमी पार्टी को पहुंचाए थे। चैट से ये साफ है कि विनोद चौहान के अरविंद केजरीवाल के साथ अच्छे रिश्ते थे। चार्जशीट में ईडी ने प्रोसीड ऑफ क्राइम का जिक्र चार्जशीट में ईडी ने प्रोसीड ऑफ क्राइम का भी जिक्र किया है, जिसमे बताया गया है कि आरोपी विनोद चौहान के मोबाइल से हवाला नोट नंबर के काफी स्क्रीन शॉट बरामद हुए है, जोकि इनकम टैक्स ने भी पहले बरामद किए थे। ये स्क्रीन शॉट दर्शाते हैं कि कैसे विनोद चौहान प्रोसीड ऑफ क्राइम यानी अपराध से अर्जित पैसे को दिल्ली से गोवा हवाला के जरिए ट्रांसफर कर रहा था। इस पैसे का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी द्वारा गोवा चुनाव में इस्तेमाल किया जाना था। हवाला से गोवा पहुंचे पैसे को वहां मौजूद चनप्रीत सिंह मैनेज कर रहा था। बता दें क‍ि विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल सातवीं चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद तिहाड़ जेल में बंद केजरीवाल को व्यक्तिगत रूप से पेश करने का निर्देश जारी किया। संघीय जांच एजेंसी ने इस वर्ष 17 मई को दाखिल सप्‍लीमेंट्री चार्जशीट में केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया है। इस बीच, अदालत ने एजेंसी के आठवें सप्‍लीमेंट्री चार्जशीट पर भी संज्ञान लिया है, जिसमें विनोद चौहान और आशीष माथुर को मामले में आरोपी बनाया गया है। अदालत ने 12 जुलाई को माथुर को तलब किया और उसी दिन के लिये चौहान के लिए पेशी वारंट जारी किया।
एक बार फिर रूस ने निभाई दोस्ती, भारत में 6 न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने में करेगा मदद, नौ समझौतों पर हुआ हस्ताक्षर

 पीएम नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय रूस यात्रा के चलते, नई दिल्ली और मॉस्को ने व्यापार, ऊर्जा, जलवायु और अनुसंधान सहित विभिन्न क्षेत्रों में 9 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस के चलते, दोनों देशों ने कई अहम परियोजनाओं पर सहमति व्यक्त की, जिसमें रूस के सहयोग से भारत में 6 नए परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण की योजना सम्मिलित है। रूस की परमाणु ऊर्जा एजेंसी रोसाटॉम (Rosatom) इन संयंत्रों के निर्माण में भारत की सहायता करेगी। गौरतलब है कि रोसाटॉम पहले भी कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (KKNPP) की स्थापना में भारत की मदद कर चुकी है।

अपनी यात्रा के चलते, पीएम मोदी ने क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने चाय पर चर्चा की तथा बाद में द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमें रोसाटॉम ने 6 नए परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण के लिए भारत को सहायता की पेशकश की। इसके अतिरिक्त, रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष ने फार्मा, जहाज निर्माण और शिक्षा क्षेत्र में भारत के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए। रूस के दूसरे सबसे बड़े बैंक ने व्यापार बढ़ाने के लिए पेमेंट फ्लो को आसान बनाने के प्रयासों पर चर्चा की।

रोसाटॉम ने एक बयान में कहा कि भारत के साथ सहयोग के नए क्षेत्रों पर चर्चा की जा रही है, जिसमें एक नई साइट पर रूसी डिजाइन की 6 हाई-पावर न्यूक्लियर यूनिट्स का निर्माण एवं कुछ छोटे परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने का भी प्रस्ताव है। इसी वर्ष मई में, रोसाटॉम ने भारत को फ्लोटिंग परमाणु ऊर्जा संयंत्र (FNPP) की तकनीक ऑफर की थी। रूस वर्तमान में दुनिया का एकमात्र देश है जिसके पास पानी पर तैरता हुआ परमाणु ऊर्जा संयंत्र है। इस संयंत्र को एकेडेमिक लोमोनोसोव जहाज (Akademik Lomonosov) पर असेंबल किया गया है, जिससे रूस के पेवेक शहर में बिजली सप्लाई हो रही है।

रोसाटॉम एवं भारत उत्तरी समुद्री मार्ग (Northern Sea Route) की ट्रांजिट क्षमता को विकसित करने पर भी चर्चा कर रहे हैं। यह मार्ग नॉर्वे से अलास्का तक फैला हुआ है एवं रूस को उम्मीद है कि इसके माध्यम से 2030 तक 150 मिलियन मीट्रिक टन का परिवहन किया जा सकेगा, जो इस वर्ष 80 मिलियन मीट्रिक टन रहा है। कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (KKNPP) भारत का सबसे बड़ा न्यूक्लियर पावर स्टेशन है, जो तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में स्थित है। भारत और रूस के बीच हुए समझौते के तहत इस संयंत्र की पहली दो इकाइयों का निर्माण 2002 में आरम्भ हुआ था, लेकिन स्थानीय विरोध के कारण इसे देरी का सामना करना पड़ा। इस संयंत्र में रूसी द्वारा डिजाइन किए गए VVER-1000 रिएक्टरों का उपयोग होता है और इसकी योजना 6,000 मेगावाट बिजली उत्पन्न करने की है।

यूनिट 1 को 2013 में और यूनिट 2 को 2016 में पावर ग्रिड के साथ सिंक्रनाइज किया गया। यूनिट 3 और 4 का निर्माण कार्य जारी है। कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र का विरोध भी हुआ था, खासकर 2011 में जापान के फुकुशिमा दाइची परमाणु दुर्घटना के बाद। स्थानीय लोगों ने संयंत्र के खिलाफ प्रदर्शन किया और सुरक्षा चिंताओं को उठाया। हालांकि, 2013 में सर्वोच्च न्यायालय ने कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट को जनहित में मान्यता दी और इसके निर्माण की अनुमति दी।

केजरीवाल को विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका, आप पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री समेत कई पार्षद BJP में शामिल

 दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद भाजपा में शामिल हो गए। लोकसभा चुनाव से पूर्व दिल्ली सरकार पर अनुसूचित जाति विरोधी बताते हुए मंत्री पद के साथ ही आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।

आनंद ने बसपा की टिकट पर लड़ा था लोकसभा चुनाव

वह बसपा में शामिल होकर लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन पराजय का सामना करना पड़ा। बुधवार को वह भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह और दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उनका पार्टी में स्वागत किया।

छतरपुर के विधायक करतार सिंह भी बीजेपी में हुए शामिल 

छतरपुर के आम आदमी पार्टी विधायक करतार सिंह तंवर ने भी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। पटेल नगर से पूर्व विधायक वीणा आनंद, छतरपुर से पार्षद उमेश सिंह फोगाट हिमाचल प्रदेश के आप प्रभारी रतनेश गुप्ता और सह प्रभारी सचिन राय भी भाजपा में शामिल हुए।

यह राजकुमार आनंद वहीं हैं, जो दिल्ली सरकार में सामाजिक कल्याण मंत्री थे। जब केजरीवाल जेल में थे, तब इन्होंने आप पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर पार्टी से बाहर आ गए थे और बीएसपी ज्वाइन कर ली थी।

इसके बाद बीएसपी ने इन्हें नई दिल्ली सीट से लोकसभा का टिकट दिया। हालांकि बीएसपी का दिल्ली में जनाधार नहीं हैं। इस तरह वह मुकाबले से पहले ही बाहर हो गए।

BJP छोड़ दो वरना हम दुनिया से उठा देंगे’, चंडीगढ़ में भाजपा नेताओं को मिला धमकी भरा पत्र, पुलिस को दी शिकायत

 चंडीगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के 4 बड़े नेताओं को जान से मारने की धमकी मिली है। ये 4 नेता पंजाब से है तथा सिख हैं। हत्या की धमकी की चिट्ठी चंडीगढ़ में स्थित भाजपा कार्यालय में भेजी गई है, इसके साथ ही कुछ ज्वलनशील पदार्थ भी मिले हैं। चिट्ठी में भाजपा नेताओं को चेतावनी दी गई है कि वे भाजपा छोड़ दें या फिर दुनिया छोड़ दें। चिट्ठी में खालिस्तान एवं पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लिखे गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी के जिन नेताओं को धमकी मिली है, उनमें भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा, भारतीय जनता पार्टी सिख समन्वय समिति व राष्ट्रीय रेलवे कमेटी के सदस्य तेजिंदर सिंह सराँ एवं बीजेपी महासचिव परमिंदर बराड़ सम्मिलित हैं। इसके अतिरिक्त इसमें भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन महासचिव श्रीनिवासुलु का भी नाम है। 

धमकी भरा पत्र मिलने के पश्चात् भारतीय जनता पार्टी नेताओं ने इस बारे में चंडीगढ़ पुलिस को शिकायत दी है। तत्पश्चात, पुलिस ने पत्र में मिली सामग्री को जाँच के लिए भेज दिया है। तेजिंदर सिंह सरां ने कहा वो इस मामले में पंजाब तथा चंडीगढ़ के डीजीपी से मिलेंगे। भारतीय जनता पार्टी नेता​ परमिंदर सिंह बराड़ एवं तेजिंदर सराँ को लिखा गया है कि हमने पहले भी सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से आपको चेतावनी दी थी कि आप लोगों ने अपने सिर पगड़ी में बाँध रखी हैं। आप भारतीय जनता पार्टी एवं RSS के साथ मिलकर सिखों और पंजाब के लोगों को धोखा दे रहे हैं। आप RSS के साथ सिख मामलों में दखल दे रहे हैं, हमने आपको पहले भी चेतावनी दी थी। आप या तो भारतीय जनता पार्टी छोड़ दें या हम आपको इस दुनिया से उठा देंगे।

चिट्ठी में लिखा है, “आपने भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर किसान आंदोलन को तोड़ने का काम किया। आप सिख धर्म के गद्दार हैं। आप भाजपा-RSS की सहायता से पंजाब के लोगों को गुमराह कर रहे हैं एवं लोगों को भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित होने के लिए कहने की योजना बना रहे हैं। आप सिखों एवं मुसलमानों के रिश्ते खराब करने का काम कर रहे हैं, भारतीय जनता पार्टी एवं RSS आपका उपयोग करने के बाद आपको बाहर निकाल देंगे। कई लोग सिखों एवं पंजाब को बर्बाद करने आए और भगा दिए गए। न तो सिख खत्म हो पाए और न ही पंजाब। तुमने पंजाब को बर्बाद कर दिया है। जिसे हम अब साफ कर देंगे और बहुत जल्द हम तुमसे मिलेंगे।” चिट्ठी में लिखा गया है कि चंडीगढ़ में बैठकर तुम हमारे खिलाफ साजिश कर रहे हो तथा हम जल्द ही इसका बदला लेंगे। मनजिंदर सिरसा भी RSS की भाषा बोलता है, हम उसे भी सबक सिखाएँगे। मनजिंदर सिरसा ने दिल्ली एसजीपीसी को भारतीय जनता पार्टी RSS को सौंप दिया। हम उसे कभी नहीं छोड़ेंगे। हम जल्द ही दिल्ली डीएसजीएमसी के गुरुद्वारों को भारतीय जनता पार्टी से मुक्त कराएँगे। तुम जैसे कई गद्दारों ने भारतीय जनता पार्टी सरकार के साथ मिलकर कनाडा पाकिस्तान एवं भारत में हमारे भाइयों को मारा है और हम इसका बदला लेंगे।

चिट्ठी में लिखा गया, “हम बीजेपी प्रदेश संगठन महामंत्री श्रीनिवासुलू को भी चेतावनी देते हैं कि वह शीघ्र ही पंजाब छोड़ दें क्योंकि हमारी उनसे कोई दुश्मनी नहीं है किन्तु हम सिखों के किसी भी गद्दार को नहीं छोड़ेंगे। खालिस्तान जिंदाबाद है और रहेगा।” पत्र के अंत में खालिस्तान जिंदाबाद, पाकिस्तान जिंदाबाद खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, हरदीप निज्जर जिंदाबाद, अवतार सिंह खंडा जिंदाबाद, परमजीत सिंह पंजवड जिंदाबाद, मौलाना रहीम उल्ला तारिक जिंदाबाद, पीर बशीर अहमद जिंदाबाद, मौलाना जीआर रहमान जिंदाबाद लिखा गया है।

मुझे बचा लो, मेरी पत्नी के 5 पति', एमपी के छतरपुर में शिकायत लेकर एसपी दफ्तर पहुंचा शख्स

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मध्य प्रदेश के छतरपुर एसपी दफ्तर से एक अनोखी घटना सामने आई. यहाँ एक शख्स ने शिकायती आवेदन देकर कहा कि उसकी पत्नी के कई पति हैं तथा सभी को किसी न किसी मामले में फंसा चुकी है एवं अब मेरी बारी है. आवेदक फूलचंद कुशवाहा ने बताया, विनीता उर्फ बृजेश उर्फ सलमा ने मुझे अपनी प्रेम जाल में फंसा कर 2011 में शादी की थी. शादी के पश्चात् पता चला कि विनीता ब्यूटी पार्लर का चलाती है तथा उस व्यवसाय की आड़ में अनेक सामाजिक तत्वों से उसके संबंध हैं. 

फरियादी ने बताया कि वह अपनी पत्नी के ब्यूटी पार्लर संबंधी व्यवसाय के खिलाफ था. इसी के चलते पत्नी ने सिविल लाइन थाना छतरपुर में उसकी झूठी रिपोर्ट दर्ज करवा दी. फूलचंद ने बताया, मेरी पत्नी विनीता उर्फ बृजेश एवं सलमा ने वर्ष 2000 में रामवीर तोमर से शादी की थी. रामवीर तोमर की धन संपत्ति हड़पकर साल 2006 में महिला ने अपना नाम और धर्म परिवर्तन कर सलमा रख लिया तथा भूरे खान नाम के व्यक्ति से निकाह कर लिया. भूरे खान की संपत्ति हड़पने के बाद फिर विनीता सिंह बन गई तथा वर्ष 2008 मैं अजय खरया निवासी टीकमगढ़ से पुनः हिंदू बनकर शादी की. 

वही इसी बीच, वर्ष 2009 में छतरपुर निवासी जगदीश प्रसाद सिंह से शादी कर ली तथा इसके बाद 2011 में आवेदक से शादी कर अब आवेदक को अपने प्रेमियों से जान से मारने एवं थाने में झूठी रिपोर्ट लिखवाने की धमकी दे रही है.

उन्नाव में भीषण सड़क हादसा: बस में सवार 18 लोगों की मौत, एक झपकी और उजड़ गए कई परिवार

 सीतामढ़ी से चल कर बुधवार की

सुबह दिल्ली जा रही डबल डेकर बस में सवार तीन परिवार उजड़ गए. दो परिवार तो पूरी तरह से खत्म हो गए हैं. इनमें एक परिवार बिहार के शिवहर जिले में हिरागा निवासी लाल बाबू दास का है. वहीं दूसरा परिवार मुलहारी जिले में शिवोली के रहने वाले मो. शफीक का परिवार है. इन दोनों ही परिवारों के चार चार लोग इस हादसे में मारे गए हैं. इसी प्रकार दिल्ली में रहने वाली शबाना और उनकी बेटी नगमा की मौत हुई है. यह हादसा मंगलवार-बुधवार की भोर में करीब साढ़े 4 बजे हुआ है.

उन्नाव के बेहटा मुजावर थाना क्षेत्र में यह हादसा आगरा से करीब 247 किमी पहले हुआ है. इस हादसे में डबल डेकर बस का एक हिस्सा पूरी तरह साफ हो गया है. वहीं इस हिस्से की ओर सो रहे लोगों की मौत हो गई है. सीओ बांगरमऊ के मुताबिक इस हादसे में अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें 14 लोगों की पहचान भी हो गई है. इनमें भी 11 लोग तीन परिवारों के हैं.उन्होंने बताया कि बिहार के शिवहर जिले में हिरागा के रहने वाले लालबाबू दास का परिवार रोजी रोटी के लिए दिल्ली में रहता है.

उनके बच्चे यहीं पर पढ़ाई भी करते हैं. ये लोग गर्मी की छुट्टियों में गांव गए थे और छुट्टियां खत्म होने के बाद इस डबल डेकर बस में सवार होकर दिल्ली लौट रहे थे. इस हादसे में लालबाबू दास, उनके बेटे राम प्रवेश, भरत भूषण और बाबू दास की मौत हुई है. इसी प्रकार बिहार के ही मुलहारी में शिवोली की रहने वाली चांदनी का पूरा परिवार इस हादसे में मारा गया है. इस बस में चांदनी के साथ ही उनके पति शफीक, बेटा तौफीक और बहू मुन्नी सवार थी. इन सभी की मौत हो गई है. तीसरा परिवार दिल्ली के भजनपुरा में रहने वाली शबाना का है. इस हादसे में शबाना के साथ ही उनकी बेटी नगमा की भी मौके पर मौत हो गई है.

पुलिस के मुताबिक यह हादसा ओवरटेकिंग के दौरान हुआ हो सकता है. दरअसल दूध का टैंकर मध्यम गति से आगरा की ओर जा रहा था. इतने में पीछे से तेज रफ्तार में डबल डेकर बस आ गई. पुलिस का दावा है कि उस समय दो परिस्थितियां बनी होंगी. एक तो यह कि डबल डेकर बस के ड्राइवर को नींद आ गई हो और उसने कंटेनर में टक्कर मार दी हो. दूसरी परिस्थिति यह भी हो सकती है कि डबल डेकर बस के ड्राइवर ने कंटेनर को ओवरटेक करने की कोशिश की हो और उसी दौरान कंटेनर के ड्राइवर ने भी उसी दिशा में गाड़ी मोड़ दी हो.

इस हादसे में बस का बायां साइड कंटेनर से टकराया है. चूंकि कंटेनर की स्पीड कम थी और बस की ज्यादा थी. ऐसे में कंटेनर की बॉडी को रौंदते हुए बस आधा से अधिक अंदर घुस गई. इसके चलते बस का बायां हिस्सा बुरी तरह से डैमेज हो गया. इस हादस में बस के बाएं साइड में सवार सभी लोगों की मौत तो हुई ही है, दाहिनी ओर नींद का झोंका ले रही सवारियां भी प्रभावित हुई. इनमें भी ज्यादातर लोगों की मौत हुई है. पुलिस के मुताबिक यह संयोग ही था कि टक्कर बाएं साइड में हुआ है. यदि यही टक्कर दाहिनी साइड में होता तो मौत का आंकड़ा और भी बढ़ सकता था.

मोदी-पुतिन मुलाकात पर क्या रहा विदेशी मीडिया का रूख?

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रूस दौरा खत्म हो गया है, लेकिन चर्चा जारी है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार शाम रूस की राजधानी मॉस्को पहुंचे थे। दोनों नेताओं के बीच पुतिन के निजी आवास नोवो ओगारियोवो में अनौपचारिक बैठक हुई। इस दौरान पुतिन ने पीएम दी का गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों दोस्तों ने क दूसरे को गले लगाया। रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ पीएम मोदी की मीटिंग पर पूरी दुनिया की नजर रही। 

दुनियाभर के मीडिया ने इस खबर को खास जगह दी। जानते हैं पीएम मोदी की इस यात्रा को लेकर कहां-क्या छपा...

अमेरिकी अखबार 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने लिखा है कि पीएम मोदी की मॉस्को यात्रा से पुतिन को अलग-थलग करने की कोशिश कमजोर हुई है। न्यूयॉर्क टाइम्स लिखता है कि भारतीय प्रधानमंत्री की ये यात्रा वास्तविक सच्चाई को दिखाती है। भले ही पश्चिमी देश रूस को कमजोर करने की कोशिश में जुटे हैं, मगर जिस तरह से रूस, अन्य देशों से अपने संबंध बना रहा है इससे उसकी अर्थव्यवस्था और मजबूत ही हुई है। भारत ने रूस से भारी मात्रा में सस्ता तेल खरीदा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध झेल रहे रूस की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है। अखबार ने आगे लिखा है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन के लिए पीएम मोदी का ये दौरा यह दिखाने का तरीका है कि अमेरिका से भारत के मजबूत होते रिश्तों के बावजूद रूस और भारत के बीच गहरा रिश्ता बरकरार है।

ब्रिटिश अखबार द गार्जियन में हना पीटरसन ने लिखा है कि यूक्रेन संकट के बावजूद मोदी और पुतिन ने अपनी दोस्ती के रिश्ते को और मजबूत किया है। पुतिन ने मोदी से मुलाकात के दौरान कहा कि वे उन्हें देखकर बहुत खुश हैं। सोमवार रात हुई बातचीत में पीएम मोदी ने पुतिन को सलाह दी कि युद्ध के मैदान से शांति का रास्ता नहीं निकलता है, लेकिन फिर भी पुतिन की महत्वाकांक्षा पर मोदी के शब्दों का कोई असर होगा, ऐसा नहीं लगता।

चीन की मीडिया ने भी रूसी यात्रा पर लगातार नजर रखी। उसने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के गले मिलने की एक तस्वीर को लेकर सवाल खड़ा किया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया, शक्ति कूटनीति के खेल में शब्दों की तुलना में अक्सर आपके शारीरिक हावभाव अधिक खुलासा करते हैं। बीजिंग, नई दिल्ली और मॉस्को के नेताओं के मिलने की दो तस्वीरों ने उनके त्रिपक्षीय संबंधों की स्थिति को प्रभावी ढंग से व्यक्त किया है। रिपोर्ट में आगे कहा गया, जहां पीएम मोदी गर्मजोशी और गले मिलने की कूटनीति के लिए प्रसिद्ध हैं। वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग और रूसी राष्ट्रपति पुतिन को हाथ मिलाने के लिए ज्यादा जाना जाता है। शायद यही कारण है कि ये तस्वीरें अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आ गई हैं। इससे यूक्रेन के खिलाफ पुतिन की आक्रामक नीति को संभव बनाने में बीजिंग और नई दिल्ली की भूमिका की जांच करने के लिए वाशिंगटन और उसके सहयोगी देशों को प्रेरित किया है।

चीन की एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में भी पीएम मोदी की इस यात्रा को अमेरिका के लिए एक निराशाजनक कदम बताया है। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में विश्लेषकों का कहना है कि रूस और भारत के बीच घनिष्ठ संबंधों का मतलब है कि यूक्रेन संकट शुरू होने के बाद से रूस को रोकने और अलग-थलग करने के अमेरिका के निरंतर प्रयास विफल हो गए हैं। हालांकि, भारत की संतुलित कूटनीति न केवल अपने हितों के अनुरूप है, बल्कि वैश्विक रणनीतिक संतुलन में भी योगदान देती है, जिसे लंबे समय से अमेरिकी नेतृत्व से चुनौती मिली है।