तीन शिफ्ट में लगेगी चिकित्सकों की ड्यूटी, सात जुलाई से शुरू होगा मेला, घाटों पर तैनात रहेंगे गोताखोर, लगेंगी बैरिकेडिंग
नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। मां सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी में आयोजित होने वाला साप्ताहिक लव-कुश मेला आगामी सात जुलाई से शुरू होगा। लव-कुश की जन्मोत्सव पर आयोजित होने वाला यह मेला 15 जुलाई तक चलेगा। मेले में तीन शिफ्टों में चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई जाएगी। वहीं गंगा में बैरिकेडिंग के साथ-साथ घाटों पर गोताखोरों की तैनाती होगी।
लवकुश जन्मोत्सव नवमी मेला जिले का सबसे बड़ा मेला है। मुख्य मेले के दिन पूर्वांचल के कई जनपदों करीब तीन से चार लाख श्रद्धालु सीतामढ़ी पहुंचते हैं। मेले को लेकर प्रशासनिक स्तर से तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत मेले में बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती होगी। जिसमें महिला पुलिस, जल पुलिस, पीएसी, फायर ब्रिगेड अपनी-अपनी भूमिका में होंगे। मेले में साफ-सफाई की जिम्मेदारी गोपीगंज नगर पालिका के जिम्मे होगी।मेले में सुचारू रूप से विद्युत आपूर्ति को लेकर बिजली निगम को सभी जर्जर तारों को बदले जाने का निर्देश दिया गया है। मेले में पानी की समुचित व्यवस्था के लिए सात टैंकर लगाए जाएंगे। वहीं मेले में बिकने वाले खाद्य सामानों पर भी विशेष निगरानी होगी। मेले में नौ दिनों तक महर्षि वाल्मीकि आश्रम और श्री सीताधाम मौनी बाबा आश्रम में श्री राम कथा का आयोजन होगा।
इसी वाल्मिकी आश्रम में लव-कुश कुमारों का जन्म मान्यता है कि सीतामढ़ी स्थित वाल्मिकी आश्रम में ही आषाढ़ शुक्ल पक्ष नवमी तिथि को लव-कुश का जन्म हुआ था। सीतामढ़ी में पुरातन काल से ही आषाढ़ शुक्ल पक्ष नवमी के दिन लव-कुश कुमारों का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। समय के साथ धार्मिक मेले का महत्व बढ़ता गया और अब यह मेला काफी बृहद रूप ले चुका है। इस दिन गंगा स्नान कर दर्शन-पूजन की परंपरा है। महर्षि वाल्मीकि आश्रम के महंत पंडित हर प्रसाद मिश्रा शास्त्री ने बताया कि लव-कुश जन्मोत्सव मेले का उद्घाटन वैदिक परंपरा से सात जुलाई को होगा। मुख्य मेला 15 जुलाई को होगा।
Jul 05 2024, 17:18