कहां है हाथरस में “मौत का सत्संग” करने वाला बाबा? भगदड़ से तबाही के बाद एफआईआर दर्ज, लेकिन फरार बाबा का नाम नहीं
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यूपी के हाथरस में मंगलवार को हाहाकार मच गया। सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मच गई। भगदड़ ऐसी कि देखते ही देखते लाशों का अंबार लग गया। हाथरस कांड में 121 लोग मर गए। सभी भोले बाबा का प्रवचन सुनने सत्संग में आए थे। हाथरस की इस घटना से सबको झकझोर दिया। अस्पताल के बाहर लाशों के ढेर पड़े हैं। पुलिस-प्रशासन और सरकार जख्मों रोते-बिलखते परिजनों के जख्मों पर मरहम लगाने में जुट गई है। अगर कोई नजर नहीं आ रहा है तो वो है हाथरस में “मौत का सत्संग” कराने वाला बाबा और उसके सेवादार।
देश को सदमे में डालने वाली इस घटना में 'भोले बाबा' के नाम से मशहूर आध्यात्मिक नेता नारायण साकार हरि फरार है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस में सत्संग आयोजित करने वाले 'भोले बाबा' की तलाश तेज कर दी है। मैनपुरी जिले के राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में तलाशी अभियान चलाया। जहां भगदड़ मच गई जिसमें 121 लोगों की जान चली गई। मैनपुरी के डीएसपी सुनील कुमार सिंह ने कहा, हमें परिसर के अंदर बाबा नहीं मिले, वे यहां नहीं हैं। ऐसी जानकारी है कि हादसे के बाद भोले बाबा मैनपुरी स्थित अपने आश्रम में पहुंचे थे। यूपी पुलिस हादसे की बाद भोले बाबा की तालाश में आश्रम में सर्च ऑपरेशन चलाया, बाबा वहां नहीं मिले। बाबा अब आश्रम से फरार हो गए हैं।
वहीं, 116 लोगों की मौत के बाद इस मामले में पुलिस ने मुख्य सेवादार देव प्रकाश और अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। लेकिन पुलिस की इस एफआईआर पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इसमें सत्संग करने वाले भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है।
इस बीच, आगरा प्रशासन ने भोले बाबा के सत्संग पर रोक लगा दी है। यह सत्संग 4 जुलाई को होना था। आयोजकों ने इसकी तैयारी भी कर ली थी। उप जिलाधिकारी की ओर से अनुमति भी ले ली गई थी। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

						
 



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दिया। अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव के परिणामों को लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला किया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के दौरान कांग्रेस पर हमला करने के लिए फिल्म शोले के डायलॉग का इस्तेमाल किया। दरअसल, अगर आपने 'शोले' देखी होगी तो अच्छी तरह जानते होंगे कि फिल्म 'शोले' की एक चरित्र मौसी और जय (अमिताभ बच्चन) के बीच एक संवाद होता है। इसमें जय अपने दोस्त वीरू (धर्मेंद्र) के कमियों को अच्छाई बताकर पेश करता है। कांग्रेस पर हमला करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'शोले' के इसी सीन का इस्तेमाल किया।
  
  
  
  
  
  
  
  
Jul 03 2024, 10:59
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