हमारे मुस्लिम राष्ट्र में..! सरेआम महिला की पिटाई पर बोले TMC विधायक हमीदुल रहमान, बंगाल की शासन व्यवस्था पर उठे सवाल
पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा में बाहुबली TMC नेता तजीमुल हक़ द्वारा एक महिला को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारने के कुछ घंटों बाद, राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक हमीदुल रहमान ने एक ऐसा बयान दिया, जिससे सियासी हंगामा मच गया और बंगाल की शासन व्यवस्था पर सवाल उठने लगे। दरअसल, TMC विधायक ने रविवार (30 जून) को हुई तालिबान शैली की दरिंदगी को जायज ठहराया और इसे 'मुस्लिम राष्ट्र' करार दिया। बताया जा रहा है कि, आरोपी तजीमुल, इन्ही TMC विधायक का खास है।
मीडिया के समक्ष हमीदुल रहमान ने दावा किया कि, महिला ने तो कोई (पिटाई की) शिकायत नहीं की है, लेकिन आप लोग (मीडियाकर्मी) अभी भी इसे लगातार उठा रहे हैं। यही नहीं TMC विधायक ने सरेआम मार खाने वाली महिला को ही चरित्रहीन बता दिया, उन्होंने कहा कि, महिला अपने पति की अनुपस्थिति में असामाजिक कार्य कर रही थी। उसकी गतिविधियों को लेकर गांव वालों ने एक बैठक की और सामूहिक निर्णय लिया गया। हमीदुर रहमान ने महिला की पिटाई को कम आंकते हुए कहा कि, हां। उन्होंने (आरोपी ने) कुछ हद तक गलत किया है। हम मानते हैं। हम मामले की जांच कर रहे हैं। लेकिन, महिला या उसके पति ने मामले में शिकायत नहीं की है। उसे उसकी इच्छा के विरुद्ध मजबूर नहीं किया गया है। रहमान ने आगे कहा कि, महिला समाज को खराब कर रही थी और इसलिए ग्रामीणों ने एक्शन लिया। उन्होंने जो किया वह थोड़ा ज़्यादा है और हम निराश हैं। अब हम ऐसे कदम उठा रहे हैं जिससे ऐसी घटनाएं आगे न हों।
जब उनसे पूछा गया कि क्या आरोपी जेसीबी (तजीमुल हक़) टीएमसी का सदस्य है, हमीदुल रहमान ने कहा कि, केवल वो ही क्यों? हमें चोपड़ा में 1 लाख से ज़्यादा वोटों की बढ़त मिली है। इसलिए, वहाँ मौजूद हर कोई हमारा समर्थक है। कोई नुकसान नहीं है। TMC विधायक ने पीड़िता के चरित्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि, हम सभी स्वीकार कर रहे हैं कि गांव वालों ने गलत किया है। महिला ने भी गलत किया है। उसने अपने पति और बच्चों को छोड़ दिया और वह एक बदचलन महिला बन गई। यही नहीं TMC विधायक हमीदुल रहमान ने यहाँ तक कह दिया कि चोपड़ा, जहां यह घटना हुई, वह 'मुस्लिम राष्ट्र' है। उन्होंने कहा कि, हमारे मुस्लिम राष्ट्र में आचरण और दंड के कुछ नियम कानून हैं।
बता दें कि, इस साल लोकसभा चुनाव में TMC नेता हामिदुल रहमान ने लोगों को भाजपा को वोट न देने की धमकी दी थी। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के उत्तर दिनाजपुर जिले के माझियाली गांव में एक जनसभा में उन्होंने कहा था कि, केंद्रीय अर्धसैनिक बल 26 तारीख तक यहां रहेंगे। उसके बाद, आपको हमारे बल (TMC गुंडों का जिक्र करते हुए) के साथ ही रहना होगा। हमीदुर ने आगे कहा था कि, अपना वोट बर्बाद करने और शरारत करने की जुर्रत मत करना। केंद्रीय बल 26 तारीख को चले जाएंगे और आप हमारे बलों के साथ यहां रह जाएंगे।
यही नहीं TMC नेता ने धमकी देते हुए कहा था कि, उस समय, अपने भाग्य पर आने वाली त्रासदी के बारे में शिकायत मत करना। हमीदुल रहमान ने मतदाताओं को 2021 के विधानसभा चुनावों और 2023 के पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा के TMC के खेला के बारे में याद दिलाया था, जब भाजपा समर्थकों पर जमकर हिंसा हुई थी। इससे पहले मार्च 2021 में इसी TMC नेता ने भाजपा समर्थकों को 'नमकहराम' कहा था और घोषणा की थी कि चुनाव के बाद उनसे सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा था कि, हमारे पूर्वजों ने कहा है कि जो आपको खिलाते हैं, उनके साथ धोखा मत करो, चुनाव के बाद, हमें उनसे मिलना होगा जो हमें धोखा देंगे। बेईमान लोगों के साथ खेला होबे (हिंसा का खेल खेला जाएगा)। हम चाहते हैं कि दीदी (ममता बनर्जी) ही सीएम बनें।





कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बाद समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेता अखिलेश यादव लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया। राहुल गांधी की ही तरह अखिलेश ने भी पेपर लीक, अग्निवीर और ईवीएम जैसे मुद्दों पर सरकार को निशाने पर लिया। पेपर लीक को लेकर अखिलेश ने कहा कि सरकार इसलिए पेपर लीक करवा रही है ताकि किसी को नौकरी न देना पड़े। साथ ही ईवीएम को लेकर अखिलेश ने कहा कि हम इसके समर्थन में कभी नहीं थे और इसके खिलाफ हम संघर्ष करते रहेंगे। अखिलेश ने अग्निवीर योजना को खत्म किए जाने की बात कही। *400 पार पर समझदार जनता को धन्यवाद-अखिलेश* लोकसभा की कार्यवाही एक बार फिर मंगलवार को शुरू हुई। केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, नीट और अग्निपथ जैसे मुद्दों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा। इस दौरान दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सांसद अखिलेश यादव स्पीकर ओम बिरला को बोलने का मौका देने पर धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले उन सभी मतदाताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने लोकतंत्र को एकतंत्र बनाने से रोका। चुनाव के समय ऐसा कहा गया कि 400 पार पर समझदार जनता को फिर से धन्यवाद। उन्होंने कहा, 'आवाम ने तोड़ दिया हूकुमत का गुमार, दरवार तो लगा है, मगर बड़ा गमगीन बेनूर है और पहली बार ऐसा लग रहा है कि हारी हुई सरकार विराजमान है। जनता कह रही है कि चलने वाली नहीं, यह गिरने वाली सरकार है। क्योंकि ऊपर से जुड़ा कोई तार नहीं, नीचे कोई आधार नहीं, अधर में जो लटकी, वो तो कोई सरकार नहीं।' *अब मनमर्जी नहीं जनमर्जी चलेगी-अखिलेश* अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा, 2024 के लोकसभा चुनाव का परिणाम ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए जिम्मेदारी का संदेश देता है और यह परिणाम सांप्रदायिक राजनीति का अंत कर सामुदायिक राजनीति की शुरुआत करने वाला है। उन्होंने कहा, जो लोग चुनाव को अपनी तरह से मोड़ते हैं। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि इस चुनाव के परिणाम में तोड़ने वाली राजनीति की हार हुई है। वहीं जोड़ने वाली राजनीति की जीत हुई है। इस चुनाव में धन, छल, बल की नकारात्मक राजनीति की शिकस्त हुई है। यह चुनाव सकारात्मक का दौर शुरू हुआ है। संविधान ही संजीवनी है। यह संविधान मंथन में हैं। संविधान रक्षकों की जीत हुई है। मैं कहना चाहता हूं कि देश किसी की निजी महत्वाकांक्षा से नहीं, बल्कि जन आंकाक्षा से चलेगा। मतलब अब मनमर्जी नहीं जनमर्जी चलेगी। *10 साल में शिक्षा माफिया का जन्म- अखिलेश* पेपर लीक मामले में सरकार पर बड़ा हमला करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नौजवान जब तैयारी करके परीक्षा देने जाता था और बाद में उसके पता चलता था कि पेपर लीक हो गया है। उत्तर प्रदेश में केवल एक पेपर लीक नहीं हुआ है, जितनी भी परीक्षाएं हुई हैं, सब लीक हुई हैं. सिर्फ यूपी ही नहीं देश के कई अन्य प्रदेश भी हैं जहां पर पेपर लीक हुई है। 4 जून को परिणाम आने के बाद देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा का भी पेपर लीक हो गया। उन्होंने आगे कहा कि आखिरकार ये पेपर लीक क्यों हो रहे हैं? सच्चाई तो यह है कि ये सरकार ऐसा इसलिए कर रही है ताकि उसे युवाओं को नौकरी न देनी पड़े। पिछले 10 सालों में सरकार की उपलब्धि यही रही है कि एक शिक्षा माफिया का जन्म हुआ। ऐसा लगता है कि परीक्षा-शिक्षा माफिया ने अमृतकाल में युवाओं की आशा को जहर दे दिया है। *अर्शव्यवस्था पर सरकार आंकड़े क्यों छिपा-अखिलेश* सपा प्रमुख ने आगे कहा कि सरकार कहने को तो कहती है कि यह पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। मगर सरकार आंकड़े क्यों छिपा रही है कि अगर यह सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तो हमारे देश की प्रति व्यक्ति आय किस स्थान पर पहुंची है। हमने देखा है कि अगर दिल्ली सरकार ने कहा होगा पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगी, तो जहां से पीएम से चुनकर आती है, तो वहां की प्रदेश सरकार कह रही है कि हम एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बना लेंगे। अगर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनना है तो 35 फीसदी की ग्रोथ चाहिए। मुझे नहीं लगता है कि इतनी ग्रोथ हो पाएगी। *अयोध्या में बीजेपी की हार पर तंज* सपा सांसद ने अयोध्या में बीजेपी की हार पर तंज कसा। अखिलेश यादव ने कहा कि जनता का जागरण काल आ गया है। देश में एक जीत और हुई है। हम तो बचपन से यही सुनते आए हैं, होइहीं सोई जो राम रची राखा। अयोध्या की जीत देश के परिपक्व मतदाताओं की जीत है। अयोध्या की जीत हमारी मर्यादा की जीत है। ये उसका फैसला है जिसकी लाठी में आवाज नहीं होती. जो करते थे उसको लाने का दावा, वो खुद किसी के सहारे के हैं लाचार। *आरक्षण के साथ खिलवाड़-अखिलेश* अखिलेश यादव ने सदन में कहा कि हम जातिगत जनगणना के पक्ष में हैं, क्योंकि इसके बिना सामाजिक न्याय संभव नहीं है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के साथ अग्निवीर योजना लागू कर समझौता किया गया है। हम अग्निवीर योजना को स्वीकार नहीं करते, जब कभी ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आएगा, तो हम इस योजना को खत्म कर देंगे।
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का जवाब दे सकते हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने आज पहली बार आज पहली बार एनडीए सांसदों के साथ बैठक की और उन्हें संबोधित किया। तीसरी बार प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद मोदी ने पहली बार सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों को संबोधित किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संसद भवन परिसर स्थित पार्लियामेंट लाइब्रेरी बिल्डिंग के जीएमसी बालयोगी ऑडिटोरियम में एनडीए सांसदों की बैठक हुई। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए के सांसदों को संबोधित करते हुए खास मंत्र दिया। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए सांसदों से संसदीय नियमों का पालन करने और अपने मुद्दे प्रभावी ढंग से उठाने को कहा है। पीएम मोदी ने एनडीए सांसदों से गैरजरूरी बयानबाजी से बचने की भी सलाह दी है। उन्होंने कहा कि सभी सांसद देशसेवा के लिए आए हैं और सभी सांसदों को देश सेवा को सर्वोपरि रखना है। पीएम मोदी ने संसदीय दल की बैठक में कहा कि सांसदों का व्यवहार और आचरण ठीक रखना चाहिए। अपने अपने क्षेत्र के विषयों को ठीक से रखना चाहिए। सांसदों को संसद के नियम के अनुसार आचरण करना चाहिए। सांसदों को जिन विषयों में विशेष रुचि है, उसको शेयर करना चाहिए। हर एमपी को अपने जड़ से जुड़ा रहना चाहिए, इधर उधर भाषण की बजाए बेहतर ढ़ंग से अपनी बात उचित फोरम पर रखना चाहिए। पीएम ने संसदीय दल बैठक में नए सांसदों को हिदायत दी कि उनसे कई लोग चिपकने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे लोगों को वेरिफिकेशन के बाद ही अपने साथ लाएं या संपर्क रखें। मीडिया में अनावश्यक बयानबाजी से बचें. उन्होंने सांसदों से कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों को पूरा समय दें और तैयारी के साथ ही संसद में आएं। बैठक के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा नेहरू के बाद कई पीएम रहे, कुछ प्रत्यक्ष तो कुछ रिमोट से। गांधी परिवार ये सहन नहीं कर पा रहा है कि उनके परिवार के बाहर कोई प्रधानमंत्री कैसे बन सकता है। उनको ये बेचैनी है कि नेहरू के बाद तीन बार लगातार जीतने का काम जो वो नहीं कर पाए, वो एक चायवाले ने कैसे कर दिया और उनकी ये छटपटाहट दिख भी रही है।
मेटा के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप ने बड़ा एक्शन लिया है। व्हाट्सएप का दावा है कि उसने मई में भारत में 66 लाख से ज़्यादा अकाउंट्स को बैन कर दिया है। व्हाट्सएप ने सोमवार को कहा कि उसने मई में भारत में 66 लाख से ज़्यादा अकाउंट्स को देश के कानूनों का उल्लंघन करने के लिए प्रतिबंधित कर दिया। व्हाट्सएप ने ये भी बताया कि इन 66 लाख अकाउंट्स में से 12 लाख से ज़्यादा अकाउंट्स को यूजर्स की किसी शिकायत के पहले ही कंपनी ने खुद ही बंद कर दिया था। भारत सरकार के आईटी नियमों के तहत कंपनियों को हर महीने अपनी रिपोर्ट देनी होती है। इसमें कंपनियां हर प्रकार का डेटा पेश करती हैं। इसी में व्हाट्सऐप की तरफ से दावा किया गया है कि उन्होंने कई अकाउंट्स पर एक्शन लिया है और उन्हें बैन करने का फैसला लिया गया है। इसमें बताया गया कि उन्हें 13 हजार से ज्यादा शिकायतें मिली थीं, लेकिन इसमें 31 शिकायतों पर ही कार्रवाई की गई है। व्हाट्सएप की रिपोर्ट में बताए गए "कार्रवाई किए गए" अकाउंट्स वो हैं जिनपर यूजर्स की शिकायत के बाद व्हाट्सएप ने कोई ना कोई कदम उठाया है। इसमें अकाउंट बंद करना या फिर कोई पाबंदी लगाना शामिल हो सकता है। इसके अलावा, व्हाट्सएप को देश की एक समिति से भी 11 शिकायतें मिली थीं, जिनपर उन्होंने जरूरी कार्रवाई की। कंपनी का कहना है कि वो भविष्य में भी इतनी ही ट्रांसपेरेंसी बनाए रखेंगे और अपनी रिपोर्ट में किए गए कार्यों की जानकारी देते रहेंगे। व्हाट्सऐप के भारत में 550 मिलियन से ज्यादा यूजर्स हैं। इसमें व्हाट्सऐप को अगर किसी अकाउंट की शिकायत मिलती हैं तो उस पर कार्रवाई की जाती है। ऐसी ही कार्रवाई अप्रैल के महीने में की गई थी जब 71 लाख अकाउंट को बैन कर दिया गया था। मार्च में व्हाट्सऐप को 10,554 शिकायतें मिली थीं। ॉ

Jul 02 2024, 14:07
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