मौसम का हाल : बिहार के 18 जिलों में मानसून की दस्तक, राजधानी पटना में झमाझम बारिश ने प्रचंड गर्मी से दी बड़ी राहत*

डेस्क : प्रचंड गर्मी की मार झेल रहे बिहारवासियों को मानसून के दस्तक से बड़ी राहत मिली है। प्रदेश के 18 जिलों में मानसून की दस्तक के कारण हुई बारिश ने भीषण गर्मी से लोगों को राहत दी है। बीते गुरुवार को राजधानी पटना में मानसून के प्रवेश करते ही झमाझम बारिश हुई। सुबह से ही बादल मंडराने लगे थे, लेकिन दोपहर में पहले हल्की फिर झमाझम बारिश हुई। बारिश से लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली। वहीं शहर के कई इलाकों में जलजमाव का भी सामना करना पड़ा। मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को पटना में 43 मिमी बारिश हुई। आज शुक्रवार को भी गरज और चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है। मानसून ने गुरुवार को पटना और वैशाली में दस्तक दी। इसके साथ ही राज्य के 18 जिलों में मानसून पहुंच गया है। प्रदेश में मानसून के प्रसार की परिस्थितियां धीरे-धीरे अनुकूल बन रही हैं। गुरुवार को पटना और वैशाली में मानसून के प्रसार के साथ राज्य के 11 जिलों के 30 स्थानों पर झमाझम बारिश हुई। बिहार में 20 जून को मानसून किशनगंज और पूर्णिया के रास्ते प्रवेश करते हुए 14 जिलों में फैला था। इसके बाद मानसून कमजोर पड़ गया, लेकिन 24 जून को एक बार फिर सक्रिय होकर आगे बढ़ाने लगा। राज्य के शेष 20 जिलों में रविवार तक मानसून के दस्तक देने की उम्मीद है। *गुरुवार को झमाझम बारिश* मौसम विभाग के अनुसार पटना, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सुपौल, मुजफ्फरपुर, किशनगंज, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, वैशाली जिलों में 30 जगहों पर 108.2 से 27.2 मिमी बारिश हुई। *इन जिलों में आज हल्की बारिश का अलर्ट* वहीं मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, बक्सर, आरा, पटना, बेगूसराय, अरवल, जहानाबाद, नालंदा, लखीसराय, शेखपुरा, नवादा, गया, औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर में गरज व चमक के साथ हल्की बारिश के आसार हैं।
कल 29 जून को दिल्ली में जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की होगी बैठक, आज सीएम नीतीश कुमार दिल्ली के लिए होंगे रवाना*


डेस्क : मुख्यमंत्री सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने दिल्ली में अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कल यानि 29 शनिवार को पूर्वाह्न 11.30 बजे से बुलायी है। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीन दिवसीय दौरे पर आज शुक्रवार की दिल्ली के लिए रवाना होंगे। बताया जा रहा है कि बैठक में कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिये जा सकते हैं। साथ ही लोकसभा चुनाव परिणाम, भविष्य की रणनीति आदि पर मुख्य रूप से विचार-विमर्श होंगे। बैठक के अगले दिन 30 जून को मुख्यमंत्री पटना लौट आएंगे। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद खान ने बताया कि सुबह 10.30 बजे पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक होगी। इसमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी के एजेंडें तय किये जाएंगे। फिर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी। बैठक में पार्टी के सभी मंत्री, सांसद, सभी प्रदेशों के अध्यक्ष और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भाग लेंगे। मालूम हो कि संसद सत्र चल रहा है, जिसको लेकर पार्टी के सभी सांसद पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं। बैठक में भाग लेने वाले अन्य सभी नेता शुक्रवार तक दिल्ली पहुंच जाएंगे। *जदयू कार्यकारिणी की बैठक में लिए जाते रहे हैं अहम फैसले* जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठकों में अहम फैसले होते रहे हैं। ठीक छह माह पहले पहले 29 दिसंबर, 2023 को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी, जिसमें नीतीश कुमार सर्वसम्मति से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये गये थे। तब ललन सिंह ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। तीन सितंबर, 2002 को पटना में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी, जिसके दो दिनों बाद ही नीतीश कुमार विपक्षी नेताओं से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे थे। इसके पहले 31 जुलाई, 2021 को दिल्ली में र्हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था। तब, तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। वहीं, 27 दिसंबर, 2020 को पटना में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान सौंपी थी।

अब सुप्रीम कोर्ट से भी बिहार के नियोजित शिक्षकों को लगा बड़ा झटका : सक्षमता परीक्षा को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कही यह बड़ी बात


डेस्क : बिहार के नियोजित शिक्षकों को हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के प्रारंभिक शिक्षक संघों की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने सक्षमता परीक्षा को रद्द करने की मांग की थी। 

गौरतलब है कि इससे पहले नियोजित शिक्षकों ने सरकार के फैसले को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने उनकी याचिकाओं का खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद शिक्षक संघ ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सख्त लहजे में कहा कि सरकार के नियमों के मुताबिक, उन्हें सक्षमता परीक्षा देनी ही होगी, अगर परीक्षा नहीं दे सकते तो उन्हें नौकरी छोड़ देनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने दोनों शिक्षक संघों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि शिक्षक राष्ट्र के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं और उन्हें अपने कौशल को और भी बेहतर करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।

शीर्ष अदालत ने सख्त लहजे में कहा कि हम देश और खासकर बिहार के बच्चों की शिक्षा के प्रति काफी गंभीर हैं। ऐसे में अगर कोई शिक्षक नियमों के अनुसार नहीं चलना चाहते हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। सुनवाई के दौरान बिहार सरकार ने स्पष्ट किया कि नियोजित शिक्षकों से ली जाने वाली सक्षमता परीक्षा पूरी तरह से वैकल्पिक है। 

इस परीक्षा को पास करने वाले नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा लेकिन जो शिक्षक परीक्षा नहीं देना चाहते हैं उन्हें सरकार नौकरी से नहीं निकालेगी। 

बता दें बिहार प्रारंभिक शिक्षक संघ और परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने बिहार सरकार के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें सरकार ने नियोजित शिक्षकों को स्थाई करने के लिए सक्षमता परीक्षा आयोजित करने का फैसला लिया था।

नीट पेपर लीक मामले पर बिहार में जमकर हुई सियासत : अब मामला सीबीआई के हाथ*

डेस्क : बिहार में नीट पेपर लीक मामले को लेकर राजनीतिक घमासान जारी है। विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगा रहा है। वही सत्ता पक्ष इसमें विपक्ष की संलिप्तता बता रहा है। वहीं बीते दिनों बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के गंभीर आरोप के बाद तेजस्वी यादव ने भी ताबड़तोड़ पलटवार किया। तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से केंद्र और बिहार सरकार को चुनौती दे डाली। हालांकि बिहार की नीतीश सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिया और वहीं सीबीआई को जांच सौंपे जाने से पहले बिहार में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनो ओर से इस मामले को लेकर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाया गया। उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने तेजस्वी पर निशाना साधा था कि उनके आप्त सचिव प्रीतम कुमार ने सिकन्दर यादवेंदु के लिए एनएचएआई का गेस्ट हाउस बुक कराया था। विजय सिन्हा ने पूरे मामले में तेजस्वी से सफाई मांगी थी। वहीं तेजस्वी ने विजय सिन्हा के बयान पर कहा कि उनको कोई ज्ञान नहीं है। वे गलत तरीके से बातों को ब्रीफ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरे मामले को डायवर्ट किया जा रहा है और हमसे जोड़ा जा रहा है। हम तो स्पष्ट तौर पर बोलते हैं कि जिनको जो जांच करनी है कर लें। मामला यहां तक ही नही थमा राजद ने भी बीजेपी के तर्ज पर उसे घेरा है। राजद ने बिहार के उप मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी की तस्वीर जारी की। जिसमें सम्राट चौधरी पेपरलीक के आरोपी अमित आनंद के साथ दिख रहे हैं। इतना ही नहीं इस मामले का मास्टर माइंड बताए जा रहे नालंदा निवासी संजीव मुखिया की पत्नी ममता देवी के साथ सीएम नीतीश कुमार की फोटो को भी राजद की ओर से जारी किया गया और विपक्ष की ओर से इसका जवाब मांगा गया। जिसपर बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि हम हमेशा जनता के बीच रहते हैं. साथ में फोटो खिंचवाने पर कोई रोक नहीं है। पेपर लीक मामले में जो भी लोग संलिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इन सब घमासान के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले की ईओयू की जगह सीबीआई को सौंप दी। सीबीआई जांच का जिम्मा लेते ही पूरे एक्शन में है। नीट पेपर लीक कांड की जांच कर रही सीबीआई ने बिहार में पहला बड़ा एक्शन लिया है। सीबीआई की टीम ने पूछताछ के बाद पेपर लीक कांड के दो आरोपियों को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने दोनों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था और पूछताछ के बाद सीबीआई की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। नीट पेपर लीक कांड की जांच कर रही सीबीआई ने मनीष प्रकाश और आशुतोष को पूछताछ के लिए बुलाया था। सीबीआई का मानना है कि दोनों की पेपर लीक में संलिप्तता है। कहा जा रहा है कि मनीष प्रकाश ने ही पटना के खेमनीचक स्थित लर्न एंड प्ले स्कूल में अभ्यर्थियों को ठहराया था और उसने ही अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र लाकर दिया था। प्ले स्कूल में चार मई की रात अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र का उत्तर रटवाया गया था।

वाल्मीकिनगर में 120 करोड़ की लागत से बने अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर और गेस्ट हाउस का सीएम नीतीश कुमार ने किया लोकार्पण, अच्छा काम करने पर डीएम, एसडीएम और संवेदक को किया सम्मानित

डेस्क : आज भारी बारिश के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बगहा पुलिस जिला के वाल्मिकि नगर पहुंचे। जहां उन्होंने 120 करोड़ की लागत से बने अंतरराष्ट्रीय कन्वेशन सेंटर के साथ अतिथि गृह का लोकार्पण किया। । साथ ही सीएम ने इस परिसर में स्थापित महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा का लोकार्पण कर वहां पौधारोपण किया। साथ ही नीतीश कुमार ने कन्वेशन सेंटर का निरीक्षण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ भवन निर्माण मंत्री जयंत राज और जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी शामिल रहे। 

मुख्यमंत्री ने कन्वेंशन सेंटर के निर्माण में कुशल मानिटरिंग करने व गुणवत्ता पूर्ण काम करने के लिये डीएम, एसडीएम, संवेदक को अच्छा काम करने पर उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया। 

बता दें 6 मई 2022 को मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर का शिलान्यास वीसी के माध्यम से किया गया था। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने अपने दोनों उप मुख्यमंत्रियों के साथ सीएम आवास से मार्च में ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया था। 25 एकड़ में निर्मित कन्वेंशन सेंटर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है और इसका निर्माण 120 करोड़ की लागत से किया गया है। कन्वेंशन सेंटर की क्षमता 500 लोगों की है। 

कन्वेंशन सेंटर में बहुउद्देशीय सभागार, आधुनिक ऑडियो और वीडियो उपकरण लगाए गए हैं। पार्किंग की भी विशेष व्यवस्था की गई है। पूरे भवन को भूकंप रोधी बनाया गया है साथ हीं इस कन्वेंशन सेंटर में बराज के किनारे 100 कमरों का अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस अतिथि ग्रह का निर्माण कराया गया है। सबसे बड़ी बात यह है की यहां ठहरने वाले पर्यटक अपने कमरों से हीं जल, जंगल और पहाड़ का दीदार कर सकेंगे।

ई-शिक्षाकोष मोबाइल एप के माध्यम से शिक्षकों को हाजिरी बनाने में हो रही परेशानी को लेकर बीईपी ने उठाया बड़ा कदम, संबंधित एजेंसी को चेतावानी के साथ लगाया अर्थ दंड


डेस्क : बिहार के शिक्षा विभाग ने 25 जून से शिक्षकों की हाजिरी ई-शिक्षाकोष मोबाइल एप के माध्यम से करने का निर्देश दिया है पर एप के ठीक से कार्य नहीं करने से शिक्षकों को ऑनलाइन हाजिरी बनाने में दिक्कत हो रही है। स्थिति यह रही कि सर्वर डाउन होने के कारण बीते बुधवार 25 जून को पहले दिन महज 16 फिसद शिक्षक ही इस एप से अपनी हाजिरी बना पाए। 

इधर इस परेशानी को लेकर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीईपी) ने बड़ा कदम उठाया है। परिषद ने संबंधित एजेंसी को निर्देश दिया कि 28 जून तक एप में आ रही कठिनाई दूर करें। साथ ही एजेंसी पर 50 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है।

बीईपी ने एजेंसी पर बीईपी ने अपने पत्र में साफ कहा है कि मोबाइल एप ठीक से काम नहीं कर रहा है। लोकेशन की भी समस्या आ रही है। बहुत सारे मोबाइल में एप का नया वर्सन इंस्टॉल करने के बाद भी कैमरा कार्य नहीं कर रहा है। शिक्षक के हाजिरी बना लेने के बाद उनके आईडी से उपस्थिति दर्ज दिखती है, पर स्कूल के आईडी में वे अनुपस्थित दिखाई देते हैं। बहुत सारे मोबाइल में एप खुल ही नहीं रहा है। हाजिरी का सर्वर भी बहुत धीमा कार्य कर रहा है। 28 तक तकनीकी समस्याओं का निदान नहीं हुआ तो एजेंसी पर आर्थिक दंड लगाया जाएगा। 

एजेंसी को लिखे एक-दूसरे पत्र में बीईपी ने कहा है कि ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर हाजिरी बनाने में आ रही दिक्कत पर बात करने के लिए आपके प्रतिनिधि को बुधवार को कार्यालय में बुलाया गया था, पर वे उपस्थित नहीं हुए। इस कारण आपकी एजेंसी पर 50 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया जाता है।

मौसम का मिजाज : अगले दो-तीन दिनों में मानसून के अपने असली रंग में आने के आसार, प्रदेश के इन जिलों में आज भारी बारिश का अलर्ट*

डेस्क : उत्तर बिहार की ओर बारिश का दायरा बढ़ने के बावजूद अब भी राज्य में मानसून अपने असली रंग में नहीं आया है। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो-तीन दिनों में राज्य के अधिकतर जिलों में आंधी-पानी और बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी। उत्तर बिहार में बारिश की तीव्रता में इजाफा होगा, जबकि दक्षिण बिहार में आंधी और वज्रपात की घटनाओं में बढ़ोतरी होगी। पटना सहित कुछ जगहों पर बारिश के प्रबल आसार हैं। इधर, मौसम विभाग ने गुरुवार को सुपौल, अररिया और किशनगंज में भारी बारिश की चेतावनी है। मानसून की ट्रफ अभी बिहार में रक्सौल के आसपास से गुजर रही है। इस हफ्ते अधिकतर जिलों में उमस बढ़ेगी, लेकिन हीट वेव और प्रचंड गर्मी से राहत रहेगी। *बीते बुधवार को इन जिलो में हुई बारिश* मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार बीते बुधवार को सूबे में मानसून की बारिश की गतिविधियां छह जिलों के 17 स्थानों तक सीमित रहीं। राज्य में इसके प्रसार के लिए अनुकूल परिस्थिति बन रही है। बुधवार को जारी सूचना के अनुसार किशनगंज के बहादुरगंज में सर्वाधिक 280 मिमी, दिघलबैंक में 116.2 मिमी बारिश हुई। तैयबपुर में 85.6 मिमी, ठाकुरगंज में 77.2 मिमी बारिश हुई है। और टेढ़ागाछ में 62.4 मिमी बारिश हुई। वहीं अररिया के फारबिसगंज में 55.8 मिमी, सुपौल के भीमनगर में 54.6 मिमी, अररिया के नरपतगंज में 50.2 मिमी, अररिया के सिकटी में 46.2 मिमी, पूर्व चंपारण के ढाका में 45.2 मिमी, किशनगंज के पोठिया में 44.4 मिमी, भागलपुर के सुल्तानगंज में 43.2 मिमी, सीतामढ़ी के ढेंगलब्रिज में 42 मिमी, किशनगंल के गलगलिया में 40.4 मिमी और रोहतास के इंद्रपुरी में 36.8 मिमी बारिश हुई। *आज गुरुवार उत्तर बिहार के कई जिलों में बारिश* मौसम विभाग के अनुसार आज गुरुवार 27 जून को उत्तर बिहार के सभी जिलों में अनेक स्थानों पर बारिश की संभावना, दक्षिण बिहार में कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम से बारिश होगी। जबकि 28 जून को राज्यभर में कई स्थानों पर बारिश की स्थिति बनने के आसार हैं। इस दिन अधिकतर जिलों में एक या दो स्थानों पर आंधी, मेघ गर्जन और वज्रपात की चेतावनी है। वहीं 29 जून को फिर से बादलों की सक्रियता बढ़ेगी। सुपौल, मधेपुरा, अररिया और किशनगंज में भारी बारिश की चेतावनी है। इस दिन उत्तर और दक्षिण पूर्व बिहार के सभी जिलों में कई जगहों पर झमाझम बारिश होगी। वहीं, पटना सहित दक्षिण बिहार के शेष जिलों में एक या दो जगहों पर हल्की बारिश होगी। राज्य में दो जुलाई तक 25 जिलों में बारिश की गतिविधियां बनी रहेंगी।
दो दिनों में वज्रपात से 8 लोगों की मौत पर सीएम नीतीश कुमार जताया दुख, मुआवजे का किया एलान*

डेस्क : बरसात का मौसम आते ही आकाशीय बिजली का कहर शुरु हो गया है। पिछले दो दिनों में राज्य में वज्रपात से आठ लोगों की मौत हुई है। इधर वज्रपात से हुई मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुख जताया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि आपदा कि इस घड़ी में वे प्रभावित परिवारों के साथ हैं। वहीं मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजन को शीघ्र चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया है। साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि खराब मौसम होने पर वज्रपात से बचाव के लिए आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी किये गये सुझावों का अनुपालन करें। खराब मौसम में घरों में रहें और सुरक्षित रहें। *इन छह जिलों के लोगों की वज्रपात से हुई है मौत* बता दे प्रदेश के जिन छह जिलों में वज्रपात से मौत हुई है उनमें मुंगेर, भागलपुर, जमुई, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण और अररिया जिला शामिल है। इनमें मुंगेर और भागलपुर में दो-दो तथा जमुई, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण और अररिया में एक-एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है।
लोकसभा स्पीकर को लेकर हुए घमासान पर चिराग पासवान ने विपक्ष को दिया करारा जवाब, जैसा वर्ताव करेंगे वैसा वापस मिलेगा

डेस्क : आज लोकसभा के स्पीकर पद के लिए निर्विरोध रुप से आखिरकार ओम बिरला चुन गए। वहीं विपक्ष स्पीकर पद को लेकर सत्ता पक्ष के सामने जो डिप्टी स्पीकर की मांग रखी थी वह भी विपक्ष को नहीं मिल पाया। इधरर डिप्टी स्पीकर को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच हुए घमासान को लेकर हाजीपुर सांसद और लोजपा (रामविलास) के सुप्रीमो व केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को बिना नाम लिए सदन में जमकर सुनाया। 

सबसे पहले चिराग ने ओम बिरला को स्पीकर बनने पर बधाई दी और कहा कि जिस तरह से आपको फिर से यह जिम्मेवारी मिली है हम सब उसका स्वागत करते हैं। 17वीं लोकसभा के दौरान जिस तरह से आपने सभी सांसदों को प्रोत्साहित किया और मौका दिया, उम्मीद है कि आप मेरी पार्टी की महिला और युवा सांसदों को भी उसी तरह से मौका देंगे।

सदन में बोलते हुए चिराग ने अपने पिता रामविलास पासवान को याद किया और कहा कि उनके ही आदर्शों को लेकर उनकी पार्टी आगे बढ़ रही है। आपने पांच साल में तमाम विचारों को सदन में रखने का मौका दिया। पिछले पांच साल में आपने जो भी फैसले लिए संविधान की मर्यादा को बढाने का काम किया और लोकतंत्र को और मजबूती दिया।

वहीं राहुल गांधी का नाम लिए बिना चिराग पासवान ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि आज स्पीकर सर को बधाई देने के लिए खड़े हुए हैं लेकिन कई बार विपक्ष की ओर से कई बातें कही जाती हैं। इतना जरूर कहूंगा कि जब आप किसी की तरफ एक अंगुली उठाते हैं तो बाकी अंगुलियां आपकी तरफ होती हैं। 

उन्होंने कहा कि आप सत्ता पक्ष से एक आचरण की उम्मीद रखते हैं तो वहीं उम्मीद हम भी आपके राज्य में रखते हैं। कई राज्यों में ऐसे उदाहरण हैं, जिनका मैं नाम नहीं लेना चाहता हूं। आप जब स्पीकर या डिप्टी स्पीकर की बात करते हैं तो कई राज्य ऐसे हैं जहां ये दोनों पद आपके पास हैं। "जैसा बर्ताव आप हमारे साथ करेंगे, वैसा ही बर्ताव हम आपके साथ करेंगे।" "विपक्ष लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का पद मांग रहा है।" "लेकिन इनलोगों ने अपने राज्य की विधानसभा में NDA को कितने डिप्टी स्पीकर के पद दिए, एक भी नहीं।" ऐसे में उम्मीद के साथ अगले पांच साल आपका मार्गदर्शन उतनी ही खूबसूरती के साथ मिलता रहेगा।

कभी पेयजल के लिए तरसते थे लखीसराय जिले के इस पंचायत के लोग : सरकार ने समस्या का निवारण किया तो ऐसे कर रहे दुरुपयोग

डेस्क : ग्रामीण क्षेत्र के लोग बड़े ही आसानी से किसी समस्या के लिए सरकार पर दोषारोपण करने लगते है। इतना ही नहीं इसके लिए वे सड़क पर उतर हंगामा भी करते है। लेकिन जब सरकार उस समस्या का निवारण करती है तो उसी का वे दुरुपयोग करने लगते है। कुछ ऐसा ही मामला है लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड के बुधौली और उरना पंचायत का। 

जिले के इस पंचायत में सदियों से गंभीर जल संकट रहा है। पहाड़ी इलाका होने के वजह से यहां भू-जल की बड़ी समस्या है। आलम यह है कि यहां तकरीबन 10 किमी दूर इलाके में भू-जल का स्तर मिलता है। यहां के 22 वार्ड गंभीर पेयजल के संकट से जूझते रहे है। गर्मी के दिनों लोगों को पानी के लिए 1000 मीटर दूर कुआं पे आर्शित रहना पड़ता था। ग्रामीणों की इस समस्या से निजात दिलाने के लिए पीएचईडी के द्वारा बहु ग्रामीण बुधौली बंकर जलापूर्ति योजना शुरु की गई। 

बुधौली बंकर एवं उरैन पंचायत में पीएचईडी ने बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत पेयजल की समस्या का स्थाई समाधान कर लिया गया। इसके लिए 14 करोड़ 75 लाख रुपये की योजना तैयार कर उसपर तेजी से कार्य दैताबांध के समीप चार बोरिंग कराया गया। साथ ही उरैन पंचायत के नवकाडीह एवं बुधौली बनकर पंचायत के लय और नौकाडीह गांव में जलमीनार का निर्माण कराया गया। पाइप लाइन बिछाकर बुधौली बंकर एवं उरैन पंचायत के लोगों के घर-घर शुद्ध पेयजल की सीधी जलापूर्ति भी की जाने लगी।

बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजना से बुधौली बंकर एवं उरैन पंचायत के 22 वार्ड के लोगों को इससे लाभान्वित किया गया है। इसमें बुधौली बनकर पंचायत के लय गांव स्थित वार्ड संख्या 10, 11 एवं 12, धबोखर गांव स्थित वार्ड संख्या 13, मंझियांवा गांव स्थित वार्ड संख्या छह एवं सात, चंपानगर गांव स्थित वार्ड संख्या आठ एवं नौ तथा खैरा गांव स्थित वार्ड संख्या 14, 15 एवं 16 जबकि उरैन पंचायत के उरैन गांव स्थित वार्ड संख्या एक, दो, तीन, चार, पांच, छह, सात एवं आठ, नवकाडीह गांव स्थित वार्ड संख्या नौ एवं 10 तथा बसुहार गांव स्थित वार्ड संख्या 11 शामिल हैं

लेकिन अब इस योजना का यहां के ग्रामीण दुरुपयोग कर रहे है। सरकार के तरफ से इनके घर तक पानी पीने और घरेलू काम के लिए पहुंचाया गया तो लोग उस पानी को बरबाद कर रहे हैं। पीने और घरेलू कामों में उपयोग की जगह इससे लोग खेत का पटवन कर रहे है। पीएचईडी की ओर से जो पाइप लाइन इनके घरों तक घरेलू उपयोग के लिए पहुंचाया गया है उसमें मोटर जोड़कर उससे खेतों का पटवन और अन्य दूसरा काम कर रहे। जिसकी वजह से जल दबाव कम होने लगा है और इसकी वजह से कई घरों में जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। 

इस समस्या को लेकर कई बार अधिक्षण अभियंता बेगूसराय, कार्यपालक अभियंता, लखीसराय, सहायक अभियंता लखिसाराय, कनिया अभियंता लखीसराय, संवेदक प्रतिनिधी और प्रशासन के द्वारा लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं है। नतीजा यह है कि एकबार फिर से दोनो पंचायतों में पानी की काफी किल्लत होनी शुरु हो गई है।