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Jun 27 2024, 19:32

राष्ट्रपति के संबोधन पर बरसा विपक्ष, जानें किसने क्या कहा*
#opposition_leaders_on_president_s_address_to_parliament राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित का। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की बैठक को संबोधित करते हुए आपातकाल का जिक्र किया। उन्होंने आपातकाल को संविधान पर हमला बताया। अब विपक्षी गठबंधन ने इसे लेकर अपनी नाराजगी जताई है। राष्ट्रपति के अभिभाषण में आपातकाल का जिक्र आने के बाद विपक्षी दलों के कई नेताओं ने बयान दिया है। *सपा सुप्रीमो की प्रतिक्रिया* राष्ट्रपति के संबोधन के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने उन लोगों के लिए क्या किया, जिन्हें आपातकाल के दौरान जेल में डाला गया था? जबकि, समाजवादी पार्टी ने उन लोगों को सम्मान और पेंशन दी। अखिलेश यादव ने आगे कहा ‘सत्तारूढ़ दल द्वारा भारत को विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताया जाता है। क्या इसने देश के किसानों को समृद्धि बनाया? अगर भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है , तो इतने सारे युवा बेरोजगार क्यों हैं? देश में अग्निवीर योजना क्यों है? महंगाई पर लगाम क्यों नहीं लगाई जा रही? *राष्ट्रपति के अभिभाषण पर ओवैसी का बीजेपी पर निशाना* एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर सवाल उठाते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है। ओवैसी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कहीं भी अल्पसंख्यक शब्द का इस्तेमाल नहीं हुआ। साथ ही देश के बेरोजगार नौजवानों की हालत पर भी सवाल उठाया। ओवैसी ने कहा, 'बीजेपी अभी भी ये समझ रही है कि वो 2019 के नतीजों में है। इस पूरे राष्ट्रपति के भाषण में कहीं भी अल्पसंख्यक शब्द का इस्तेमाल नहीं हुआ। आखिर क्यों?...इतनी नफरत क्यों है? देश में सबसे ज्यादा बेरोजगार नौजवान हैं, उनके बारे में सिर्फ बातें हो रही हैं।' *राष्ट्रपति ने केंद्र द्वारा उपलब्ध स्क्रिप्ट पढ़ा-महुआ मोइत्रा* तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा का कहना है कि राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में ऐसी स्क्रिप्ट को पढ़ा, जिसे केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराया गया था। मोइत्रा ने कहा ‘भाजपा नेताओं को यह अहसास नहीं है कि उनके पास बहुमत नहीं है।’ *कांग्रेस ने क्या कहा?* कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि उनकी स्पीच में इसका कोई जिक्र नहीं है कि चुनाव किस तरह से कराए गए। प्रधानमंत्री को कोई पछतावा नहीं है. आज जो अघोषित आपातकाल लागू है, उसका क्या? कांग्रेस नेता तारिक अनवर का कहना है कि राष्ट्रपति के संबोधन में कुछ भी नया नहीं था। उन्होंने कहा ‘आपातकाल के बाद भी देश में कई बार लोकसभा चुनाव हुए और भाजपा को हार मिली। उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं बचा है। *राष्ट्रपति का संबोधन पूरी तरह से झूठ से भरा-सुदामा प्रसाद* सीपीआई (एमएल) सांसद सुदामा प्रसाद का कहना है कि राष्ट्रपति का संबोधन पूरी तरह से झूठ से भरा हुआ था। सुदामा प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रपति के संबोधन को सुनकर ऐसा लगा जैसे वह भाजपा को पूर्ण बहुमत की सरकार कह रहीं हों। उन्होंने आगे कहा कि यह गठबंधन की सरकार है। उन्होंने आगे कहा ‘राष्ट्रपति को मणिपुर के हालातों पर बात करनी चाहिए थी क्योंकि मणिपुर में हालात बहुत बुरे हो गए हैं। सुदामा प्रसाद ने मणिपुर के हालातों का हवाला देते हुए कहा कि ‘वर्ष 1995 के आपातकाल की पहले से घोषणा की गई थी लेकिन यह अघोषित आपातकाल है। सत्तारूढ़ दल के नेता बार बार आपातकाल की बात कर रहे हैं लेकिन इस समय देश उससे भी बड़े आपातकाल का सामना कर रहा है।’

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Jun 27 2024, 19:03

यूएन में पाकिस्तान ने फिर अलापा कश्मीर राग, भारत ने दिया ऐसा जवाब...*
#india_slams_pakistan_over_remarks_on_j&k_at_un संयुक्त राष्ट्र में खुली बहस के दौरान पाकिस्तान क बार फिर जम्मू कश्मीर को अपना “हथियार” बनाया। दरअसल, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के एक सत्र के दौरान जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाया। इस पर भारत की ओर से तीखी आलोचना की गई। भारत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर उसकी बेबुनियाद टिप्पणियां राजनीति से प्रेरित हैं। भारत ने कहा कि पाकिस्तान का ये बयान आदतन, राजनीति से प्रेरित और भारत के खिलाफ दुर्विचार रखने की वजह से है। भारत इस निराधार और बेतुके बयान को सिरे से खारिज करता है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान बार-बार संयुक्त राष्ट्र का ध्यान भटकाने के लिए इस मुद्दे को उठाता है। जबकि पाकिस्तान का आरोप निराधार, बेतुका और ध्यान भटकाने के लिए किया जाने वाला आदतन प्रयास है। पाकिस्तान अपने देश में बच्चों के साथ हो रहे घनघोर अपराधों से दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कर रहा है। बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आयोजित बहस के दौरान यूएन में भारत के उप-प्रतिनिधि आर. रविंद्रन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अलग हिस्से हैं। बहस के दौरान अपनी टिप्पणी समाप्त करने से पहले आर रवींद्र ने कहा, मैं इन आधारहीन टिप्पणियों को उस अवमानना के साथ स्पष्ट रूप से खारिज और निंदा करता हूं जिसके वे हकदार हैं। उन्होंने साफ कहा कि यह और कुछ नहीं बल्कि बच्चों के खिलाफ पाकिस्तान में गंभीर उल्लंघनों से ध्यान हटाने का एक और आदतन प्रयास है जो उनके अपने देश में बेरोकटोक जारी है। यह बात महासचिव की रिपोर्ट में भी उजागर हुई है। जहां तक केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का सवाल है, वे भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग थे, हैं, हमेशा रहेंगे, भले ही यह विशेष प्रतिनिधि या उनका देश कुछ भी मानता हो या इच्छा रखता हो। यूएनएससी में वर्षों से बच्चों पर होने वाली बहस ने सशस्त्र संघर्ष स्थितियों के चलते बच्चों पर आने वाली चुनौतियों को सामने लाकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद की है। लिहाजा अंतरराष्ट्रीय समुदाय बच्चों के खिलाफ होने वाले उल्लंघनों को रोकने और उसे समाप्त करने के महत्व को पहचाने।

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Jun 27 2024, 18:24

पेपर लीक विरोध नें कांग्रेस की छात्र इकाई के सदस्य एनटीए के ऑफिस में घुसे, जड़ा ताला

#nsui_workers_entered_nta_office_protesting_against_paper_leak_and_locked_office

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के कामकाज पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एनटीए की ओर से कराई गईं तमाम परीक्षाओं में गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। जिसके विरोध में देशभर में जमकर प्रदर्शन हो रहा है। इस बीच कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने गुरुवार को नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ियों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए दिल्ली स्थित नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के दफ्तर पर धावा बोल दिया। बताया गया है कि संगठन के कई सदस्य बिल्डिंग के अंदर घुस गए और यहां कई दरवाजे अंदर से ही बंद कर लिए। 

कार्यकर्ताओं ने भवन के मुख्य गेट पर अंदर से ताला लगा लिया और नारेबाजी की। इस दौरान दफ्तर में मौजूद पुलिस उनको रोक नहीं पाई।कार्यकर्ताओं से पुलिस की झड़प भी हुई।

बता दें कि पेपर लीक मामले को लेकर देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। बुधवार को जेएनयू छात्र संघ ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग की थी। बता दें कि जंतर मंतर पर हुए प्रदर्शन के दौरान कुछ छात्रों को हिरासत में भी लिया गया था।

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Jun 27 2024, 16:22

स्पीकर के बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी इमरजेंसी का जिक्र, क्या है मोदी सरकार की स्ट्रेटजी?

#president_draupadi_murmu_mentioned_1975_emergency_her_speech 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को संसद के दोनों सदनों के संयुक्त् सत्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन में मोदी सरकार के 10 साल की उपलब्धियां थीं, साथ पेपर लीक की घटनाओं और ईवीएम पर सवाल उठाने को लेकर विपक्ष के लिए नसीहत। इतना ही नहीं अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इमरजेंसी को संविधान पर सबसे बड़ा हमला बताया।राष्ट्रपति के इतना बोलते ही कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल ने इसका विरोध किया। कांग्रेस ने कहा कि देश में पिछले 10 साल से बीजेपी का शासन है। इन 10 सालों में बीजेपी ने अघोषित रूप से आपातकाल लगा रखा है।

अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने आपातकाल पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ महीनों में भारत एक गणतंत्र के रूप में 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है। भारतीय संविधान ने बीते दशकों में हर चुनौती और कसौटी पर खरा उतरा है। देश में संविधान लागू होने के बाद भी संविधान पर कई हमले हुए हैं। 25 जून 1975 को लागू किया गया आपातकाल संविधान पर सीधा हमला था। जब इसे लगाया गया तो पूरे देश में हाहाकार मच गया था, लेकिन देश ने ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त की है। 

राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में आगे कहा कि मेरी सरकार भी भारतीय संविधान को सिर्फ शासन का माध्यम नहीं बना सकती। हम अपने संविधान को जनचेतना का हिस्सा बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसी के साथ मेरी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। हमारे जम्मू-कश्मीर में संविधान पूरी तरह लागू किया गया है, जहां अनुच्छेद 370 के कारण स्थिति अलग थी।

इससे पहले बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने भी संसद सत्र की शुरुआत करने से पहले आपातकाल पर चर्चा की थी और इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए एक काला अध्याय बताया था। ओम बिरला ने कहा था कि भारत के इतिहास में 25 जून 1975 के उस दिन को हमेशा एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा। इसी दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगाई और बाबा साहब आंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान पर प्रचंड प्रहार किया था। भारत की पहचान पूरी दुनिया में लोकतंत्र की जननी के तौर पर है। भारत में हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों और वाद-संवाद का संवर्धन हुआ, हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों की सुरक्षा की गई, उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया गया। ऐसे भारत पर इंदिरा गांधी द्वारा तानाशाही थोप दी गई, भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला गया और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंट दिया गया।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान भारत के नागरिकों के अधिकार नष्ट कर दिए गए, नागरिकों से उनकी आजादी छीन ली गई। ये वो दौर था जब विपक्ष के नेताओं को जेलों में बंद कर दिया गया, पूरे देश को जेलखाना बना दिया गया था। तब की तानाशाही सरकार ने मीडिया पर अनेक पाबंदियां लगा दी थीं और न्यायपालिका की स्वायत्तता पर भी अंकुश लगा दिया था। इमरजेंसी का वो समय हमारे देश के इतिहास में एक अन्याय काल था, एक काला कालखंड था। आपातकाल लगाने के बाद उस समय की कांग्रेस सरकार ने कई ऐसे निर्णय किए, जिन्होंने हमारे संविधान की भावना को कुचलने का काम किया।

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Jun 27 2024, 15:44

चुनावी नतीजों ने बताया- भारत हिंदू राष्ट्र नहीं” लोकसभा चुनाव परिणाम पर अमर्त्य सेन का बीजेपी पर हमला

#nobel_laureate_amartya_sen_said_lok_sabha_election_results 

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित जाने-मानें लेखक अमर्त्य सेन लोकसभी चुनाव नतीजों के लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आम चुनाव के नतीजे यह दिखाते हैं कि भारत ‘हिंदू राष्ट्र' नहीं है।इस दौरान उन्होंने नई व्यवस्था के तहत लोगों को बिना मुकदमे सलाखों के पीछे डालने की जारी परंपरा पर भी नाराजगी व्यक्त की।अमेरिका से कोलकाता पहुंचे अमर्त्य सेन ने ये बयान दिया।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक बांग्ला समाचार चैनल से सेन ने कहा, 'भारत एक हिंदू राष्ट्र नहीं है, चुनाव परिणामों में यह जाहिर होता है।' उन्होंने कहा कि हम हमेशा हर चुनाव के बाद बदलाव देखने की उम्मीद करते हैं। पहले (भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के दौरान) जो कुछ हुआ, जैसे लोगों को बिना मुकदमे के सलाखों के पीछे डालना और अमीर-गरीब के बीच की खाई को बढ़ाना, वे अब भी जारी हैं। अमर्त्य सेन ने कहा, जब मैं छोटा था, मेरे कई चाचाओं और चचेरे भाइयों को बिना मुकदमा चलाए जेल में डाल दिया गया था। हमें उम्मीद थी कि भारत इससे मुक्त हो जाएगा, लेकिन यह नहीं रुका। इसके लिए कांग्रेस भी दोषी है। उन्होंने कहा कि यह बंद होना चाहिए। खासकर तब जब भारत एक धर्मनिरपेक्ष संविधान वाला एक धर्मनिरपेक्ष देश है।

यही नहीं, सेन ने नए केन्द्रीय मंत्रिमंडल पर भी टिप्पणी की। उनका मानना है कि नया केंद्रीय मंत्रिमंडल ‘‘पहले की ही नकल है। मंत्रियों के पास पहले वाले ही विभाग हैं। सेन ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बावजूद फैजाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा की हार पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि देश की असली पहचान को खत्म करने की कोशिश की गई। इस दौरान सेन ने यह भी कहा कि भारत में बेरोजगारी बढ़ रही है। प्राथमिक शिक्षा और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों की उपेक्षा की जा रही है।

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Jun 27 2024, 15:13

बस यहीं तक था गठबंधन का साथ! लोकसभा के चुनावी नतीजों से गदगद कांग्रेस अब अकेले लड़ेगी चुनाव? जानिए यह है पार्टी का प्लान

लोकसभा के चुनावी नतीजों से उत्साहित कांग्रेस एक बार फिर पुराना वैभव और खोई ताकत हासिल करने के लिए काम कर रही है. बीते 5 सालों में लोकसभा में अपनी ताकत दोगुनी करने वाली कांग्रेस अब राज्यों की सत्ता में वापसी के लिए मंथन कर रही है. ऐसे में इंडिया गठबंधन के बैनर तले कामयाबी हासिल करने वाली कांग्रेस विधानसभा चुनावों के लिए चौंकाने वाला फैसला ले सकती है. 

दरअसल 2024 के विधानसभा चुनावों के लिए स्टेट यूनिट्स के साथ पार्टी के बड़े नेताओं की बैठकें जारी हैं. इसी सिलसिले में झारखंड और हरियाणा के बाद आज जम्मू कश्मीर पर कांग्रेस का मंथन होना है, जहां फिलहाल चुनावों की घोषणा नहीं हुई है. हांलाकि चुनाव आयोग ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही वहां चुनावों का ऐलान हो सकता है. 

राज्यों के विधानसभा चुनावों को लेकर जारी बैठकों को लकर आज दीपक बाबरिया, राज बब्बर समेत कई नेताओं ने मंथन किया. विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस की रणनीति को लेकर दीपक बाबरिया ने कहा, 'कांग्रेस विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी, यही समझ आज हमारे पास है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल ने आज पार्टी की हरियाणा इकाई के 40 नेताओं के साथ बैठक की है. पिछले लोकसभा चुनाव यानी 2024 में हरियाणा में हमारा वोट शेयर बढ़कर 47.69% हो गया. राहुल गांधी ने वोट प्रतिशत बढ़ने की सराहना की है. उन्होंने राज्य में एकजुट होकर काम करने और राज्य विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने को कहा है. हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि हम राज्य विधानसभा चुनावों में जीतेंगे और 70 से अधिक सीटें हासिल करेंगे.'

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल के मुताबिक सभी नेताओं को निर्देश जारी किए गए हैं कि पार्टी के किसी भी मतभेद के संबंध में कोई भी सार्वजनिक बयानबाजी नहीं होनी चाहिए. माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व ने किरण चौधरी और उनकी पुत्री श्रुति चौधरी के कांग्रेस छोड़ने के बाद कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला की ओर से दिए गए बयानों की पृष्ठभूमि में ये निर्देश जारी किए हैं. इस अहम बैठक के बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘X’ पर लिखा- ‘हरियाणा के किसानों और नौजवानों को बीजेपी ने धोखा दिया है. कांग्रेस पार्टी के सभी नवनिर्वाचित सांसदों और हर एक कांग्रेस कार्यकर्त्ता को बहुत-बहुत बधाई. आने वाले चुनाव में हमें सभी छत्तीस बिरादरी के लोगों का विश्वास हासिल करना है.’

गुरुग्राम से लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद राज बब्बर लगातार हरियाणा कांग्रेस के कार्यक्रमों में एक्टिव हैं. आज की मीटिंग को लेकर राज बब्बर ने कहा, 'बैठक में आगामी (हरियाणा) विधानसभा चुनाव पर चर्चा हुई और सभी नेताओं ने अपने विचार रखे. हम हरियाणा को लेकर उत्साहित हैं.' वहीं जब उनसे पत्रकारों ने ये पूछा कि क्या राहुल गांधी का हरियाणा में कोई कार्यक्रम होने वाला है, तो उन्होंने इसका जवाब हां में दिया.

कांग्रेस ने हालिया लोकसभा चुनाव में हरियाणा की कुल 10 सीट में से पांच सीट पर जीत हासिल की. हरियाणा में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में कांग्रेस हरियाणा को लेकर ज्यादा मुखर होकर काम कर रही है. वहीं झारखंड की बात करें तो राज्य विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड बीजेपी की तरफ से गठबंधन की सरकार के खिलाफ आरोप पत्र लाने की तैयारी में है, ऐसे में उसे काउंटर करने के साथ कांग्रेस झारखंड में भी पूरी मेहनत कर रही है. 

झारखंड विधानसभा चुनाव राज्य विधानसभा की 81 सीटों पर चुनाव नवंबर या दिसंबर 2024 में प्रस्तावित झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को समाप्त होने वाला है. इसके अलावा महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव होने हैं. सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र में लोकसभा के नतीजों से उत्साहित कांग्रेस वहां भी अपनी रणनीति बनाने में व्यस्त है.

दरअसल लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा के बीच बीजेपी ने 2024 के विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है. शिवराज सिंह चौहान को झारखंड जीतने की जिम्मेदारी थमाते हुए बीजेपी नेतृत्व ने महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के लिए भी चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी भी लगातार 2024 के विधानसभा चुनावों पर फोकस बनाए हुए है.

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Jun 27 2024, 15:10

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु पर उनकी मंत्री फातिमा ने ही कर दिया 'काला जादू' ! हुईं गिरफ्तार, कोर्ट ने रिमांड पर भेजा

 मालदीव में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू की सरकार में पर्यावरण मंत्री फातिमा शमनाज़ अली सलीम को राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू पर कथित तौर पर काला जादू करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है। शमनाज़ के साथ दो अन्य व्यक्तियों को भी गिरफ़्तार किया गया है। गिरफ़्तारी के बाद शमनाज़ को अदालत में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें सात दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने शमनाज़ के घर पर छापा मारा था और वहां से काले जादू के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कई चीज़ें बरामद कीं थी। आरोपों से पता चलता है कि शमनाज़ का मकसद राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू का भरोसा जीतने और उनकी सरकार में एक प्रमुख मंत्री पद हासिल करने के लिए काले जादू का इस्तेमाल करना था। वहीं, कुछ रिपोर्ट्स में ये भी दावा है कि, हो सकता है कि राष्ट्रपति की पत्नी, प्रथम महिला ने बदला लेने के लिए शमनाज़ को फंसाया हो, क्योंकि शमनाज़ ने राष्टपति की पत्नी का पब में नाचने गाने का एक वीडियो लीक कर दिया था। पर्यावरण मंत्री बनने से पहले, शमनाज़ माले सिटी काउंसिल में हेनवेइरू साउथ की पार्षद थीं, उन्होंने अप्रैल में मुइज़्ज़ू की सरकार में शामिल होने के लिए इस पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। उन्होंने पहले राष्ट्रपति कार्यालय में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। शमनाज, जिन्होंने हाल ही में वरिष्ठ अधिकारी एडम रमीज से तलाक लिया है, के तीन बच्चे हैं, जिनमें सबसे छोटा बच्चा करीब डेढ़ साल का है।

बता दें कि 2015 में, मालदीव सरकार ने देश में काले जादू के बढ़ते मामलों के बारे में चेतावनी दी थी, लोगों से इस्लामी कानून के तहत गंभीर परिणामों के कारण इस तरह की प्रथाओं से बचने का आग्रह किया था। पिछले महीने, एक 60 वर्षीय व्यक्ति को सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से संसद के लिए चुनाव लड़ रहे एक युवक के खिलाफ काला जादू करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मालदीव में, काले जादू को स्थानीय रूप से फंडिता या शिहिरु के रूप में जाना जाता है, और इसका अभ्यास करने का दोषी पाए जाने पर कड़ी सजा दी जाती है।

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Jun 27 2024, 15:07

मां की ममता शर्मसार! यूपी में देवर के साथ रहने के लिए महिला ने 4 मासूम बच्चों को नदी में फेंका, 3 की मौत

मां की ममता को शर्मासार कर देने वाला मामला सामने आया है. यह मामला उत्तर प्रदेश के औरैया से सामने आया है. एक मां ने अपने चार मासूम बच्चों को नदी में फेंक दिया. इससे तीन बच्चों की मौत हो गई और एक बच्चा बच गया. तीनों बच्चों के शव बरामद कर लिए गए हैं. पुलिस ने आरोपी महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.

फफूंद थाना क्षेत्र के अटा बरूआ गांव की रहने वाली महिला पति की मौत के बाद अपने देवर के साथ रहती है. महिला के पति की डेढ़ साल पहले मौत हुई थी. देवर ने बच्चों को रखने से मना किया तो महिला ने अपने चार बच्चों को मारने के इरादे से नदी में फेंक दिया. जिससे तीन बच्चों की मौत हो गई. वहीं एक बच्चा नदी के पास रोता हुआ मिला. पास में तीन बच्चे पानी में डूबे पड़े थे. जबकि एक बच्चा और महिला को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है.

पुलिस अधीक्षक चारु निगम ने घटना स्थल पर पहुंचकर जांच पड़ताल की. जहां पर एक बच्चा मिला, जिससे जानकारी ली गई. एसपी ने बताया कि फफूंद थाना क्षेत्र के अटा बरुआ निवासी महिला प्रियंका पत्नी अवनीश कुमार अपने चार बच्चों के साथ केशमपुर घाट नदी पर गई हुई थी. जहां उसने अपने बच्चों को कुछ खिलाकर पानी में डुबो दिया और उन्हें छोड़ भाग गई. 

एक बच्चा सही सलामत मिला. बच्चों के मुंह से कुछ झाग से निकल रहा था. आरोपी महिला के पति की मौत करीब डेढ़ साल पहले हो चुकी है. वह अपने देवर के साथ रह रही थी. बच्चे ने बताया कि मां आज हम चार भाइयों को लेकर यहां आई और कुछ खिलाकर हमें पानी में डुबो दिया. मुझे भी डुबोया था, लेकिन मैं बचकर पानी से निकला आया.

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Jun 27 2024, 15:06

AIIMS से डिस्चार्ज हुए लालकृष्ण आडवाणी, तबीयत बिगड़ने के बाद कल रात कराया गया था भर्ती*
#bjp_veteran_leader_lk_advani_discharge_to_aiims
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को एम्स से छुट्टी मिल गई है। पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी को बुधवार देर रात अस्पताल में एडमिट कराया गया था। 96 वर्षीय आडवाणी को उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अस्पातल में भर्ती कराया गया। आडवाणी को जरियाट्रिक डिपार्टमेंट के डॉक्टर की निगरानी में रखा गया था। लालकृष्ण आडवाणी उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इस कारण घर पर ही उनका समय-समय पर चेकअप किया जाता है। बीती रात उन्हें कुछ दिक्कत महसूस हुई, जिसके चलते उन्हें दिल्ली एम्स लाया गया। एम्‍स के एमएस डॉ. संजय लालवानी की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी की हालत स्थिर होने के बाद उन्‍हें अस्‍पताल से छुट्टी दे दी गई है। डॉ. लालवानी ने कहा कि यूरोलॉजी संबंधी कुछ दिक्‍कत की वजह से पूर्व उप प्रधानमंत्री को एम्स के पुराने निजी वार्ड में भर्ती कराया गया था जहां यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर्स ने उनको निगरानी में रखा। फिलहाल आडवाणी की हालत स्थिर है और वे ठीक हैं। लालकृष्ण आडवाणी को 30 मार्च 2024 को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। उन्होंने इसके लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि यह न केवल उनका, बल्कि उनके आदर्शों और सिद्धांतों का भी सम्मान है। इससे पहले साल 2015 में लालकृष्ण आडवाणी को देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से नवाजा गया था।

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Jun 27 2024, 15:04

अब संसद में सेंगोल पर छिड़ी बहस, सपा सांसद ने उठाई ये मांग, जानें अखिलेश की प्रतिक्रिया*
#sp_mp_wants_constitution_to_replace_sengol_in_lok_sabha
उत्तर प्रदेश स्थित मोहनलालगंज से समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने एक नई बहस की शुरूआत कर दी है। 18 वीं लोकसभा सत्र की शुरुआत से ही संसद के अंदर हंगामा हो रहा है और अब लोकसभा में अध्यक्ष की कुर्सी के बगल में स्थापित किया गया ‘सेंगोल‘ को लेकर विवाद शुरू हो गया है।आज गुरुवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए संसद पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का स्वागत सेंगोल से किया गया। अब संसद में विपक्षी सांसदों के बीच यह सेंगोल भी एक मुद्दा बन गया है। दरअसल, समाजवादी पार्टी ने संसद भवन से सेंगोल को हटाए जाने की मांग रख दी है। सांसद आरके चौधरी ने एक चिट्ठी लिख कर मांग की है कि संसद में लगे सेंगोल को हटाया जाए। उन्होंने मांग की है कि उसके स्थान पर संविधान की प्रति स्थापित की जाए। उत्तर प्रदेश के मोहनलालगंज से समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने इस बारे में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र भी लिखा, जिसमें उन्होंने मांग की कि ‘सेंगोल’ को संविधान की प्रति से बदला जाना चाहिए। संसद से सेंगोल को हटाने की मांग करते हुए कहा कि सेंगोल के स्थान पर संविधान की प्रति स्थापित करनी चाहिए क्योंकि, संविधान लोकतंत्र का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सेंगोल का अर्थ है राजदंड यानी राजा का डंडा। आरके चौधरी ने कहा कि देश संविधान से चलता है राजा के डंडे से नहीं। उन्होंने कहा कि संविधान को बचाने के लिए वे सेंगोल को हटाने की मांग करते हैं। समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी के सेंगोल को लेकर की गई मांग के बाद से संसद में हड़कंप मच गया है, इसके साथ ही उनकी की जा रही इस मांग को लेकर अन्य लोग भी उन्हें समर्थन देते नजर आ रहे हैं।सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी चौधरी का समर्थन करते नजर आ रहे हैं।अखिलेश यादव ने कहा कि चौधरी ने से मांग इसलिए की होगी क्योंकि जब पहली बार सेंगोल की स्थापना की गई थी तो उस वक्त प्रधानमंत्री ने उसको बकायदा प्रणाम किया था, लेकिन इस बार शपथ लेते समय वह इस बात को भूल गए हैं जिसे याद दिलाने के लिए उन्होंने ऐसी मांग की होगी। उधर, आरके चौधरी की टिप्पणी की भाजपा ने कड़ी आलोचना की है। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि समाजवादी पार्टी भारतीय और तमिल संस्कृति के अभिन्न अंग का अपमान करने पर तुली हुई है। उन्होंने सवाल किया कि अगर सेंगोल राजशाही का प्रतीक था, तो पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने इसे क्यों स्वीकार किया? क्या वह उस प्रतीक और राजशाही को स्वीकार कर रहे थे। वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद चिराग पासवान ने भी पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस और कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों ने हमेशा ऐतिहासिक प्रतीकों को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, ये लोग सकारात्मक राजनीति नहीं कर सकते… ये लोग केवल विभाजन की राजनीति करते हैं।