राहुल गांधी को मिला बड़ा पद, पहली बार संभाला कोई संसदीय पद, गांधी परिवार के बने तीसरे सदस्य, जानिए कितनी बढ़ी ताकत

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मंगलवार को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया. कांग्रेस के सांसद केसी वेणुगोपाल ने यह जानकारी दी. मीडिया से वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को खत लिखकर सूचित किया है कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे.

राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद संभालने वाले गांधी परिवार के तीसरे सदस्य होंगे. उनसे पहले उनके माता-पिता सोनिया और राजीव गांधी इस पद पर रह चुके हैं. हालांकि राहुल गांधी ने अपने राजनीतिक करियर में पहली बार कोई संसदीय पद ग्रहण किया है. 9 जून को कांग्रेस की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था कांग्रेस कार्य समिति (CWC) ने राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त करने का प्रस्ताव पारित किया था. CWC की बैठक के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि उन्हें फैसला लेने से पहले इस पर विचार करने के लिए कुछ वक्त चाहिए. इसके साथ ही कांग्रेस ने विपक्ष के नेता का पद फिर से अपने नाम कर लिया है.

कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी सीटों की संख्या लगभग दोगुनी करके 2019 में 52 से 99 कर ली है. 2014 के चुनावों में पार्टी सिर्फ़ 44 सीटें ही जीत पाई थी. 2014 और 2019 में भाजपा के बाद संसद में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद, कांग्रेस सदन में मुख्य विपक्षी दल के रूप में स्थापित होने के मानदंडों को पूरा नहीं कर पाई. 

जिस पार्टी के पास 10 प्रतिशत से कम सीटें हैं, वह निचले सदन में विपक्ष के नेता के पद का दावा नहीं कर सकती. इससे पहले दिन में राहुल गांधी ने लोकसभा में सांसद के रूप में शपथ ली. शपथ लेने के बाद राहुल गांधी ने संविधान की एक प्रति हाथ में लेकर "जय हिंद, जय संविधान" कहा. बीते दो दिनों में संसद में सभी सांसदों को शपथ दिलाई गई.

कोर्ट रूम में बिगड़ी CM अरविंद केजरीवाल की तबीयत, सुनवाई रोककर दूसरे रूम में ले जाया गया, लो हुआ शुगर लेवल

 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी के बाद तबीयत बिगड़ने की खबर आई है। जानकारी के मुताबिक कोर्ट से ही सीबीआई ने उनको गिरफ्तार किया और इसके बाद उनका शुगर लेवल सामान्य से कम हो गया, जिसके बाद उन्हें कोर्ट रूम से बाहर लाया गया और चाय व बिस्किट खिलाई गई। राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से केजरीवाल की रिमांड की मांग की। जांच एजेंसी ने कहा कि हमें केजरीवाल को हिरासत में ले जाकर पूछताछ करने की इजाजत दी जाए। 

केजरीवाल की बिगड़ती तबीयत को देखकर सुनवाई रोक दी गई और उन्हें अलग रूम में शिफ्ट किया गया। बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी केजरीवाल को आज सुबह तिहाड़ जेल से लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंची। अवकाशकालीन बेंच के जस्टिस अमिताभ रावत के समक्ष केजरीवाल को पेश किया गया। सीबीआई ने कोर्ट से उनकी कस्टडी की मांग की। 

CBI ने 25 जून को रात 9 बजे तिहाड़ जाकर शराब नीति में भ्रष्टाचार को लेकर केजरीवाल से पूछताछ की थी। इससे पहले, शराब नीति में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ED ने 21 मार्च को उन्हें गिरफ्तार किया था। वे पिछले 87 दिनों से तिहाड़ में बंद हैं। सीबीआई के वकील ने अदालत में दलील पेश करते हुए कहा कि केजरीवाल के वकील के आरोप गलत हैं। खुद आम आदमी पार्टी ने पॉलिसी डॉक्यूमेंट तैयार किए, वही नीति इन्होंने लागू की। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि हर बार जांच एजेंसी पर आरोप लगाया जाता है और इस परीक्षा को हम पार करते हैं।

मुझे उम्मीद है कि आप हमें अपनी आवाज उठाने देंगे', लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से बोले राहुल गांधी

 ओम बिरला को लोकसभा का नया स्पीकर चुन लिया गया है. इससे पहले सदन की कार्यवाही आरम्भ होते ही प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में लोकसभा स्पीकर के लिए ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका राजनाथ सिंह और ललन सिंह ने समर्थन किया. बुधवार को लोकसभा स्पीकर पद के लिए चुनाव का गवाह बनी जो 1976 के पश्चात् इस प्रकार का पहला मौका है. स्वतंत्र भारत में लोकसभा स्पीकर पद के लिए सिर्फ 3 बार 1952, 1967 तथा 1976 में चुनाव हुए. 

सपा के मुखिया एवं सांसद अखिलेश यादव ने ओम बिरला को लोकसभा का अध्यक्ष बनने पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि इस पद से बहुत सारी गौरवशाली परंपराएं जुड़ी हुई हैं तथा हम यही मानते हैं कि बिना पक्षपात के सदन आगे बढ़ेगा. अध्यक्ष के रूप में आप हर सांसद और दल को बराबरी का अवसर देंगे. हमारी अपेक्षा है कि किसी भी जनप्रतिनिधि की आवाज दबाई न जाए तथा न ही निष्काशन जैसी कार्रवाई से सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाएं.

वही लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने स्पीकर को बधाई देते हुए कहा कि विपक्ष भारत की आवाज है. मुझे उम्मीद है कि आप हमें अपनी आवाज उठाने देंगे. विपक्ष की आवाज को दबाना अलोकतांत्रिक होता है. उसको चुप कराकर संसद नहीं चला सकते हैं. विपक्ष सरकार के साथ सहयोग करना चाहता है. हमें बोलने का मौका मिलना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि आप जिस तरह से एक सांसद के रूप में कार्य करते हैं, वह भी जानने योग्य है और बहुत कुछ सीखने योग्य है.

मुश्किलों में घिरे कथावाचक प्रदीप मिश्रा, महापंचायत के बाद संत समाज ने दिया 3 दिनों का अल्टीमेटम, कहा- माफी मांगें वरना...

कथावाचक प्रदीप मिश्रा के राधा रानी को लेकर दिए गए बयान से संत समाज नाराज है. बरसाना में हुई महापंचायत में फैसला लिया गया कि अगर प्रदीप मिश्रा 3 दिन के अंदर माफी नहीं मांगते हैं तो उनको बरसाना के राधा रानी मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. इसके अलावा ब्रज चौरासी कोस के सभी मंदिरों में भी उनका प्रवेश वर्जित कर दिया जाएगा. साधु-संतों ने यह भी फैसला लिया है कि अगर प्रदीप मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया तो पुलिस प्रशासन का घेराव किया जाएगा. फिल्म महाराज का भी बहिष्कार किया गया है. राधा रानी को लेकर कथावाचक प्रदीप मिश्रा द्वारा दिए गए बयान से संत समाज आहत है. वैसे प्रदीप मिश्रा के इस बयान को लेकर प्रेमानंद जी महाराज कई बार अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं वहीं इस पर प्रदीप मिश्रा का बयान भी आ चुका है. हालांकि संत समाज का कहना है कि उन्हें राधारानी को लेकर दिए गए अपने बयान के लिए मथुरा के बरसाना आकर माफी मांगनी होगी. साधु-संतों की ओर से यह फैसला बरसाना में हुई महापंचायत में लिया गया है. दरअसल, मथुरा के बरसाना में इस बाबत सोमवार को महापंचायत में यह फैसला किया गया कि अगर प्रदीप मिश्रा 3 दिन के अंदर सोशल मीडिया के माध्यम से यह कहते हुए कि ''मेरी मति मारी गई थी मैंने इसलिए यह सब कहा, नहीं कहते हैं और उसके बाद बरसाना के राधा रानी मंदिर में आकर माफी नहीं मांगते हैं तो उनका बरसाना के राधा रानी मंदिर में घुसने और ब्रज चौरासी कोस के सभी मंदिरों में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा''. मथुरा के बरसाना में हुई साधू संत धर्माचार्य ने एक जुट होकर कथावाचक प्रदीप मिश्रा और यशराज फिल्म महाराज का विरोध किया. विरोध में प्रस्ताव पास कर यह फैसला लिया गया है कि वे माफी मांगें वरना पूरे देश में आंदोलन होगा. पंचायत ने फैसला लिया है कि ब्रज के पूरे इलाके में कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने माफी नहीं मांगी तो हाइवे जाम कर और रेल रोको आंदोलन करेंगे. संतों ने कहा, ''प्रदीप मिश्रा के खिलाफ उनका बहिष्कार किया जायेगा. उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जायेगा.'' साधू संतों ने अपने फैसले में कहा कि मुकदमा दर्ज नहीं होगा तो पुलिस प्रशासन का घेराव होगा. फिल्म महाराज का भी बहिष्कार किया गया. लोगों से अपील की कि उस फिल्म को नहीं देखें इसमें एक धर्म को बदनाम किया है.
लोकसभा में आपातकाल को लेकर हंगामा, जानें अध्यक्ष ओम बिरला ने इमरजेंसी पर क्या-क्या कहा?

#lok_sabha_speaker_om_birla_emergency_india_alliance_ruckus

18वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही जारी है। आज बुधवार को लोकसभा में ध्वनिमत से बिरला को लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुना गया। इस दौरान पीएम मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी परंपरा के अनुसार आसन तक लेकर गए। ओम बिरला ने 18वीं लोकसभा के अपने पहले संबोधन में आपातकाल को याद किया।लोकसभा अध्यक्ष का अध्यक्ष चुने जाने के बाद ओम बिरला ने साल 1975 में लगाई गई इमरजेंसी की कड़े शब्दों में निंदा की और कांग्रेस पर जमकर बरसे. साथ ही साथ सदन में दो मिनट का मौन रखा गया। इस बीच विपक्ष ने जमकर हंगामा किया।हंगामे को देखते हुए स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही कल तक स्थगित कर दी। 

आज लोकसभा में आपातकाल पर पेश किए गए प्रस्ताव पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, 'ये सदन 1975 में देश में आपातकाल(इमरजेंसी) लगाने के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करता है। इसके साथ ही हम, उन सभी लोगों की संकल्पशक्ति की सराहना करते हैं, जिन्होंने इमरजेंसी का पुरजोर विरोध किया, अभूतपूर्व संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया।

उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में 25 जून 1975 के उस दिन को हमेशा एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा। इसी दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगाई और बाबा साहब आंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान पर प्रचंड प्रहार किया था। भारत की पहचान पूरी दुनिया में लोकतंत्र की जननी के तौर पर है। भारत में हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों और वाद-संवाद का संवर्धन हुआ, हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों की सुरक्षा की गई, उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया गया। ऐसे भारत पर इंदिरा गांधी द्वारा तानाशाही थोप दी गई, भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला गया और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंट दिया गया।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान भारत के नागरिकों के अधिकार नष्ट कर दिए गए, नागरिकों से उनकी आजादी छीन ली गई। ये वो दौर था जब विपक्ष के नेताओं को जेलों में बंद कर दिया गया, पूरे देश को जेलखाना बना दिया गया था। तब की तानाशाही सरकार ने मीडिया पर अनेक पाबंदियां लगा दी थीं और न्यायपालिका की स्वायत्तता पर भी अंकुश लगा दिया था। इमरजेंसी का वो समय हमारे देश के इतिहास में एक अन्याय काल था, एक काला कालखंड था। आपातकाल लगाने के बाद उस समय की कांग्रेस सरकार ने कई ऐसे निर्णय किए, जिन्होंने हमारे संविधान की भावना को कुचलने का काम किया।

स्पीकर के आपातकाल पर दिए संबोधन और कल गुजरी आपातकाल की बरसीं पर मौन रखा गया। इस पर विपक्ष ने जमकर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे को देखते हुए स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही कल तक स्थगित कर दी।

ओम बिरला चुने गए लोकसभा के अध्यक्ष, पीएम मोदी ने कहा- आपसे बहुत कुछ सीखने योग्य

#ombirlaelectedspeakerofloksabha

लोकसभा में स्पीकर का पद एनडीए के हिस्से आ गया है। ओम बिरला स्पीकर पद के लिए चुन लिए गए हैं। इसके साथ ही मोदी सरकार अपनी पहली अग्निपरीक्षा में पास हो गई है।सत्ता पक्ष और विपक्ष में इस पद को लेकर तनातनी चलती रही और फैसला एनडीए के हिस्से आया है।बीजेपी से लगातार दूसरी बार एक ही व्यक्ति का स्पीकर चुने जाने का ये पहला मौका है।

आज सदन में एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिड़ला के नाम का प्रस्ताव रखा। केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत कई दिग्गजों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। विपक्ष की ओर से के. सुरेश के नाम का प्रस्ताव रखा गया।इसके बाद प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाते हुए प्रस्ताव का सभी के सामने रखा। ध्वनिमत के आधार पर उन्होंने ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के लिए आमंत्रित किया। 

इस दौरान खास बात यह भी रही कि आम बिरला को आसन तक ले जाने के लिए पीएम मोदी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के साथ नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी साथ आए। राहुल को बीती रात ही कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष घोषित किया है।

आपसे युवा सांसदों को प्रेरणा मिलेगी-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘आप (ओम बिरला) जिस प्रकार से एक सांसद के रूप में कार्य करते हैं, वह भी जानने योग्य है और बहुत कुछ सीखने योग्य है। मुझे विश्वास है कि एक सांसद के रूप में आपकी कार्यशैली हमारे फर्स्ट टाइमर और युवा सांसदों को जरूर प्रेरणा देगी। 18वीं लोकसभा में स्पीकर का कार्यभार दूसरी बार आपने संभाला है, ये अपने आप में एक नया रिकॉर्ड बनते हुए हम देख रहे हैं। श्रीमान बलराम जाखड़ जी ऐसे पहले अध्यक्ष थे, जिन्हें 5 साल का कार्यकाल पूरा करके, फिर दोबारा स्पीकर बनने का अवसर मिला था। उनके बाद आप हैं, जिन्हें 5 साल पूर्ण करने के बाद दोबारा इस पद पर आसीन होने का अवसर मिला है। अमृतकाल के इस महत्वपूर्ण कालखंड में दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष के रूप में एक बहुत बड़ा दायित्व आपको मिला है। हम सबको विश्वास है कि आप आने वाले 5 साल हम सब का मार्गदर्शन करेंगे और देश की आशाओं-अपेक्षाओं को पूर्ण करने के लिए ये सदन जो दायित्व निभाएगा, उसमें आपकी बहुत बड़ी भूमिका रहेगी।’

राहुल गांधी ने ओम बिरला को दी बधाई, कहा- विपक्ष देश की आवाज

पीएम मोदी के संबोधन के बाद राहुल गांधी ने सदन को संबोधित किया। सबसे पहले राहुल गांधी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को बधाई दी। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष देश की आवाज है। सरकार के पास ताकत है तो विपक्ष के पास देश की आवाज। उम्मीद है कि हमारी आवाज को सदन में नहीं दबाया जाएगा।हमें बोलने की आजादी मिलेगी।

शपथ ग्रहण के दौरान 'जय फिलिस्तीन' बोलने पर ओवैसी के खिलाफ शिकायत, राष्ट्रपति से उठी संसद सदस्यता खत्म करने की मांग

#complaint_filed_against_aimim_chief_owaisi_to_president

संसद में 18वीं लोकसभा के सत्र के दूसरे दिन नवनिर्वाचित सांसदों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम चल रहा था। इसी बीच तेलंगाना के हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने फिलिस्तीन का जयकार किया। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख ओवैसी ने बिसमिल्लाह के साथ उर्दू भाषा में शपथ ली। अपनी शपथ का समापन उन्होंने ‘जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन’ शब्दों के साथ किया।जिसके बाद विवाद शुरू हो गया है।अब उनके खिलाफ राष्ट्रपति से शिकायत की गई है।

सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने ट्वीट कर कहा, ‘हरि शंकर जैन ने भारत के राष्ट्रपति के सामने असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102 और 103 के तहत शिकायत दायर की है, जिसमें उन्हें संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है। वकील विष्णु शंकर जैन ने मंगलवार रात बताया कि एआईएमआईएम सांसद ओवैसी के खिलाफ राष्ट्रपति के समक्ष शिकायत दर्ज करवाई गई है। इसमें मांग की गई है कि ओवैसी को संसद सदस्य के तौर पर अयोग्य घोषित किया जाए।

वहीं, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शपथ के दौरान की गई नारेबाजी को लेकर अपना पक्ष भी रखा। संसद भवन के बाहर मीडिया से बात करते हुए ओवैसी ने कहा कि उन्होंने सदन के भीतर ‘जय फिलिस्तीन’ कहा है। उन्होंने आगे कहा कि अन्य सदस्यों ने भी अलग-अलग बातें कही हैं। मैंने कहा जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फलस्तीन। यह किस तरह से गलत हो सकता है। मुझे संविधान के प्रावधान बताएं? दूसरों की बातों को भी सुना जाना चाहिए।

खत्म नहीं हो रही है केजरीवाल की मुश्किलें, अब सीबीआई ने कसा शिकंजा, कर सकती है गिरफ्तार?

#cbi_arrest_cm_arvind_kejriwal_tihar_jail

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब खबरें रहीं है कि दिल्ली शराब घोटाले से संबंधित मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीबीआई गिरफ्तार कर सकती है।शराब घोटाला केस में केंद्रीय जांच एजेंसी ने तिहाड़ जेल में उनसे पूछताछ की है।एजेंसी ने उनसे सोमवार को भी पूछताछ की थी और जानकारी के मुताबिक, पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू कर दी है।सीबीआई को सीएम केजरीवाल को बुधवार को संबंधित ट्रायल कोर्ट में पेश करने की अनुमति भी मिल गई है। उन्हें बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। जबकि जमानत से जुड़े एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज ही सुनवाई होनी है।

सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने मुख्यमंत्री केजरीवाल से शराब घोटाले मामले में सोमवार के बाद मंगलवार को भी करीब डेढ़ घंटे लंबी पूछताछ की और उनके बयान रिकार्ड कर लिए। साथ ही सीबीआई से जुड़े सूत्रों ने पुष्टि की कि केजरीवाल को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है।पूछताछ के दौरान केजरीवाल ने जो कुछ बताया है, उसके आधार पर सीबीआई बुधवार को दिल्ली स्थित राउज एवेन्यू कोर्ट में मुख्यमंत्री के कस्टोडियल इंटेरोगेशन यानी गिरफ्तारी की मांग कर सकती है या फिर प्रोडक्शन वारंट की मांग कर सकती है।

आम आदमी पार्टी ने इस मामले में बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर नई साजिश रचने का आरोप लगाया। आप नेता संजय सिंह ने मंगलवार को आरोप लगाया कि बीजेपी ने सीएम केजरीवाल को ‘फर्जी मामले’ में फंसाने के लिए सीबीआई के अधिकारियों के साथ मिलकर साजिश रची है। सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की जमानत पर सुनवाई से पहले ये साजिश की जा रही है। ताकि केजरीवाल को जमानत न मिल सके। संयज सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो मैसेज में सवाल उठाया कि जब ऐसी चीजें हो रही हैं तो न्याय कैसे मिलेगा।

अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च, 2024 को उत्पाद शुल्क नीति मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह इस मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।हालांकि, लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें अंतरिम जमानत मिली थी।केजरीवाल को बेल मिलने के बाद उन्हें दो जून को फिर से अंतरिम जमानत खत्म होने के बाद तिहाड़ जेल जाना पड़ा था। अरविंद केजरीवाल को निचली अदालत ने जमानत दी थी, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगा दी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले के मद्देनज़र सोमवार को इस मामले की सुनवाई बुधवार के लिए स्थगित कर दी थी।

एकजुटता की परीक्षाः18वीं लोकसभा स्‍पीकर का चुनाव आज, जानें एनडीए और इंडिया में कौन जाने ताकतवर?*
#lok_sabha_speaker_election *

लोकसभा स्पीकर के पद को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई, जिसके कारण चुनाव कराने की नौबत आई है। आज 18वीं लोकसभा के स्पीकर के लिए चुनाव होने हैं।लोकसभा में स्पीकर चुनने के लिए सुबह 11 बजे वोटिंग होगी। सत्ता पक्ष यानी एनडीए की ओर से ओम बिरला और कांग्रेस की ओर से के सुरेश के बीच मुकाबला है।48 साल में पहली बार ऐसा होगा, जब आम सहमत‍ि नहीं बन पाने की वजह से स्‍पीकर के ल‍िए चुनाव कराया जाएगा। ऐसे में सबकी नजर संख्‍या बल पर होगी। भाजपा-कांग्रेस के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। एक-दूसरे के खेमे में सेंध लगाने की कोशिश भी हो सकती है। भाजपा के सामने जहां हर हाल में जीत के इतर राजग में एकजुटता बनाए रखने की चुनौती है, वहीं कांग्रेस के सामने इंडिया ब्लॉक में शामिल दलों को एकसूत्र में बांधे रखने की। दोनों ही खेमे एकदूसरे के गठजोड़ में सेंध लगाने की कोशिश में भी जुट गए हैं। विपक्ष के पास पर्याप्‍त नंबर नहीं हैं, फ‍िर भी कांग्रेस की अगुवाई में इंडिया अलायंस ताल ठोंक रहा है। गठबंधन के पास 236 सांसद हैं। इसके अलावा निर्दलीय समेत अन्य 13 सांसद हैं। अगर ये 13 सांसद इंडिया गठबंधन को वोट देते हैं, तब भी संख्या 249 रह जाएगी, लेकिन स्पीकर पद का चुनाव जीतने के लिए इंडिया गठबंधन को 271 वोटों की जरूरत होगी। उसके पास 22 सांसद कम हैं पहले कहा जा रहा था क‍ि शायद तृणमूल कांग्रेस स्‍पीकर के चुनाव में इंडिया अलायंस का साथ नहीं देगी, लेकिन रात में हुई बैठक में उनके नेता नजर आए। उधर, भाजपा के नेतृत्‍व में एनडीए के दल भी एकजुट नजर आ रहे हैं। संख्या बल की दृष्टि से भाजपा की अगुवाई वाले राजग को आरामदायक बहुमत हासिल है। एनडीए के पक्ष में 293 सांसद हैं जो जीत के लिए जरूरी संख्या से 21 ज्यादा हैं। आंकड़ों को देखें तो लोकसभा में अभी 240 अकेले बीजेपी के पास हैं। जबक‍ि टीडीपी के 16 और जेडीयू के 12 सांसदों समेत 53 सांसदों का उन्‍हें समर्थन है। उधर, आंध्र प्रदेश के जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी ने भी एनडीए के उम्‍मीदवार को समर्थन देने का ऐलान क‍िया है। इससे एनडीए के पास आंकड़ा बढ़कर 293 हो गया है। बीजेपी के नेताओं ने कुछ और दलों और निर्दलीय सांसदों से भी बात की है। सूत्रों के मुताबिक, आकाली दल, नगीने से सांसद चंद्रशेखर, शिलांग से सांसद डॉ रिक्की एंड्रयू भी NDA उम्मीदवार के समर्थन में वोट कर सकते हैं। भाजपा की चुनौती यह है कि मतदान के दौरान राजग में यह एकजुटता बनी रहे। एक भी दल का राजग उम्मीदवार से किनारा करना, गठबंधन में फूट पड़ने का संदेश देगा। यही वजह है कि स्पीकर चुनाव के पहले एनडीए फ्लोर मैनेजमेंट करने में लगी हुई है। आज एनडीए के नेता ब्रेकफास्ट पर बैठकें करेंगे। महाराष्ट्र के सभी सांसद महाराष्ट्र सदन में, तो यूपी के सांसद पंकज चौधरी के घर नाश्ते पर मिलेंगे। सर्बानंद सोनोवाल के घर पर असम समेत सभी पूर्वोत्तर सांसद और आंध्र प्रदेश के सांसद 50 अशोक रोड नाश्ते पर मिलेंगे। कर्नाटक के सांसद केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के घर नाश्ते पर मिलेंगे।
स्पीकर को लेकर को लेकर विपक्षी गठबंधन में दरार? जानें टीएमसी ने क्या कहा

#lok_sabha_speaker_is_there_split_in_the_india_alliance

18वीं लोकसभा के पहले ही सत्र में इंडिया गठबंधन के भीतर फूट पड़ती नजर आ रही है।लोकसभा स्पीकर चुनाव में कांग्रेस के एकतरफा फैसले ने गठबंधन के दो बड़े दल एनसीपी और टीएमसी को नाराज कर दिया है। ममता बनर्जी की पार्टी ने तो नाराजगी का खुलकर इजहार भी किया है।वहीं, टीएमसी की नाराजगी के बीच शरद पवार के एक बयान ने भी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी है।

विपक्षी गठबंधन की सहयोगी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का कहना है कि के. सुरेश के नाम पर पार्टी के किसी भी नेता के साथ चर्चा नहीं की गई। जिस समय के.सुरेश ने लोकसभा स्पीकर के चुनाव के लिए नामांकन भरा, उस समय तृणमूल कांग्रेस का कोई भी नेता वहां हस्ताक्षर करने के लिए मौजूद नहीं था। टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने स्पीकर चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पीकर पद पर लिए गए फैसले को एकतरफा बताया है। टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा, ''स्पीकर को लेकर कांग्रेस ने अभी तक कोई बातचीत नहीं की है, ये एकतरफा डिसिजन था। स्पीकर चुनाव पर फैसला ममता बनर्जी लेंगी।''

इधर, मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए सीनियर पवार ने के.सुरेश की दावेदारी से खुद को अनभिज्ञ बता दिया है। पवार ने यहां तक कह दिया कि विपक्ष को स्पीकर पद के लिए चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. हमेशा से यह पद सत्ताधारी दल के पास ही रहा है।

बता दें कि ओम बिरला और के. सुरेश ने मंगलवार को क्रमश: एनडीए और विपक्षी गठबंधन इंडिया के उम्मीदवारों के रूप में अपने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। पिछली लोकसभा में भी अध्यक्ष रह चुके बिरला को एनडीए की तरफ से सर्वसम्मति से उम्मीदवार बनाया गया है। अगर वह बुधवार को हुए मतदान में जीत जाते हैं तो 25 साल में इस पद पर दोबारा आसीन होने वाले पहले व्यक्ति होंगे। 

इससे पहले, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिए जाने की परंपरा रही है और यदि नरेन्द्र मोदी सरकार इस परंपरा का पालन करती है तो पूरा विपक्ष सदन के अध्यक्ष के चुनाव में सरकार का समर्थन करेगा।