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Jun 23 2024, 11:55

होस्टल, नोटिस और दूध पर एक टैक्स, रेलवे की सेवाओं में छूट, फेक इनवॉइस पर लगाम, GST काउंसिल की बैठक में जानिए क्या हुए बड़े ऐलान

 वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की 53वीं मीटिंग के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीटिंग के मिनिट्स की जानकारी दी और अहम फैसलों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि, सोलर कूकर पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने को मंजूरी दे दी गई है.

वहीं, जीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत जारी किए गए डिमांड नोटिस के लिए ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश की गई है. इसके अलावा फेक इनवॉइस पर रोक लगाने के लिए चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन लागू किया जाएगा. बता दें कि शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल की बैठक की और इस दौरान अहम फैसले लिए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम सीमित विषयों पर ही विचार कर सकते थे. बजट सत्र के बाद एक और जीएसटी बैठक आयोजित की जाएगी.

इस बार की बैठक में व्यापार सुविधा, करदाताओं को राहत से संबंधित निर्णय लिए गए. जीएसटी अपील न्यायाधिकरण के लिए 20 लाख रुपये की मौद्रिक सीमा की सिफारिश की गई है. छोटे करदाताओं के लिए जीएसटीआर-4, वित्त वर्ष 24-25 के लिए समय सीमा 30 जून तक बढ़ा दी गई है. बता दें कि यह बैठक आठ महीने के अंतराल के बाद हुई है. जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक सात अक्टूबर, 2023 को हुई थी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि फेक इनवॉइस पर रोक लगाने के लिए चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन लागू किया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि 2017-18, 2018-19, 2019-20 के लिए डिमांड नोटिस पर ब्याज और जुर्माना माफ कर दिया जाएगा, अगर 31 मार्च 2025 तक टैक्स का भुगतान किया जाता है. इसके अलावा अन्य एजेंडों पर चर्चा के लिए काउंसिल की अगली बैठक अगस्त में आयोजित करने का फैसला लिया गया है.

"काउंसिल ने सभी सोलर कुकर पर 12% जीएसटी निर्धारित करने की सिफारिश की है, चाहे इसमें एकल या दोहरी ऊर्जा स्रोत हो. भारतीय रेलवे द्वारा आम आदमी को प्रदान की जाने वाली सेवाएं, प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री, रिटायरिंग रूम, वेटिंग रूम, क्लाकरूम सेवाओं, बैटरी चालित कार सेवाओं को जीएसटी से छूट दी जा रही है. शैक्षणिक संस्थानों के बाहर के छात्रों के लिए छात्रावासों को भी छूट दी जा रही है. आवास सेवाओं की आपूर्ति का मूल्य प्रति व्यक्ति प्रति माह 20,000 रुपये तक है. ये सेवाएं न्यूनतम 90 दिनों की निरंतर अवधि के लिए आपूर्ति की जाती हैं."

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Jun 23 2024, 11:49

कामाख्या मंदिर में अंबुबाची मेला शुरू, ब्रह्मपुत्र नदी का पानी बदलेगा रंग, तांत्रिक शक्तियों का केंद्र, पहुंच रहे देश भर के श्रद्धालु

गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर में 22 जून से वार्षिक अंबुबाची मेला शुरू होने के कारण देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। पूरे भारत में देवी की 51 शक्तिपीठ हैं, जिसमें से एक कामाख्या देवी का मंदिर भी हैं।इस मंदिर में हर साल मेले का आयोजन होता है। देशभर से लाखों लोग इसमें शामिल होने आते हैं.मेला 26 जून तक चलेगा.गौरतलब है, यहां कामाख्या देवी को मां दुर्गा के रूप में पूजा जाता है.मान्यता है कि यहां पर माता सती की योनि का भाग गिरा था। अंबुबाची मेले की समाप्ति के बाद मंदिर का मुख्य द्वार तीन दिनों के लिए बंद कर दिया जाएगा। अंबुबाची मेले की निवृत्ति 26 जून को की जाएगी और मंदिर का मुख्य द्वार 26 जून की सुबह खोला जाएगा।

ब्रह्मपुत्र नदी का पानी बदलता है रंग

मान्यता है कि जब मां कामाख्या रजस्वला होती हैं तो उस दौरान नदी का पानी लाल हो जाता है। कहते हैं कि ब्रह्मपुत्र नदी का पानी 3 दिन के लिए लाल हो जाता है। इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद रहते हैं। माना जाता है कि देवी कामाख्या पारंपरिक महिलाओं की तरह मासिक धर्म में तीन दिनों तक आराम करती हैं।

तांत्रिक शक्तियों का केंद्र

अम्बुबाची मेले में देश भर से बड़ी संख्या में तांत्रिक आते हैं क्योंकि कामाख्या मंदिर को तांत्रिक शक्तिवाद का केंद्र कहा जाता है। लाखों तीर्थयात्री, जिनमें पश्चिम बंगाल के साधु, संन्यासी, अघोरी, बाउल, तांत्रिक, साध्वी आदि शामिल हैं, आध्यात्मिक गतिविधियों का अभ्यास करने आते हैं। तांत्रिको के लिए अम्बूवाची का समय सिद्धि प्राप्ति का अनमोल समय होता है।

मंदिर में दर्शन के लिए नहीं होगा कोई VIP पास

असम के पर्यटन मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने कहा कि सभी संबंधित विभागों ने वार्षिक उत्सव के लिए तैयारियां कर ली हैं। उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार और विभिन्न विभाग इस पर काम कर रहे हैं। 26 और 27 जून को कामाख्या मंदिर के कपाट खुलेंगे। इस दिन मंदिर में दर्शन के लिए कोई VIP पास नहीं होगा।’

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Jun 23 2024, 11:47

जो कहा, कर दिखाया...किसानों को बड़ी सौगात, इस राज्य की सरकार ने किया 2 लाख तक का कर्जा माफ करने का ऐलान

हाल ही में लोकसभा चुनाव सम्पन्न हुए है. तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने किसानों का दो लाख रुपये तक का सभी कर्ज माफ करने का ऐलान किया है. पार्टी का कहना है कि किसान न्याय के संकल्प को पूरा करने की दिशा में ये कदम उठाया गया है. रेवंत रेड्डी कैबिनेट ने दो लाख रुपये तक का कृषि कर्ज माफ करने का फैसला किया है. पिछली सरकार ने अपने दस साल के कार्यकाल में सिर्फ 28 हजार करोड़ रुपये तक का कृषि कर्ज माफ किया था.  

इस कर्जमाफी के बाद राहुल गांधी ने कहा कि तेलंगाना के किसान परिवारों को बधाई. कांग्रेस सरकार ने आपके दो लाख रुपये तक के सभी ऋण माफ कर किसान न्याय के संकल्प को पूरा करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है, जो 40 लाख से ज्यादा किसान परिवारों को कर्ज मुक्त बनाएगा. जो कहा, करके दिखाया- यही नियत और आदत भी है.

राहुल ने कहा कि कांग्रेस सरकार का मतलब है- राज्य का खजाना किसानों और मजदूरों समेत वंचित समाज को मजबूत बनाने में खर्च होने की गारंटी, जिसका उदाहरण है तेलंगाना सरकार का यह फैसला. हमारा वादा है- कांग्रेस जहां भी सरकार में होग, हिंदुस्तान का धन हिंदुस्तानियों पर खर्च करेगी, पूंजीपतियों पर नहीं.

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी ने किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था. उस वादे को पूरा करते हुए हमारी तेलंगाना सरकार ने फैसला लिया है कि किसानों के कर्ज माफ किए जाएंगे. इससे कर्ज में डूबे 40 लाख किसानों को राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस मानती है कि देश का सारा धन देश की जनता का है और उसे जनता की भलाई में ही खर्च होना चाहिए. हमने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी किसानों का कर्ज माफ किया था. जब केंद्र में हमारी सरकार थी तो देश भर के किसानों का 72,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया था. कांग्रेस पार्टी किसानों, मजदूरों, आदिवासियों, दलितों, वंचितों और मध्य वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है.

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Jun 23 2024, 11:46

मप्र-छत्तीसगढ़ में भारी बारिश का अलर्ट, दिल्ली में छाए रहेंगे बादल, इन जगहों के लिए ऑरेंज अलर्ट किया गया जारी, जानिए पूरे देश में मौसम का हाल

 देश के कई राज्यों में मॉनसून का आगमन हो चुका है, जिससे लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है. हालांकि, उत्तर भारत के कुछ राज्यों में अभी भी मॉनसून का इंतजार है. मौसम विभाग की मानें तो आज यानी 23 जून को पश्चिमी यूपी के कुछ इलाकों में लू चलने की आशंका है. वहीं मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है. 

मध्यप्रदेश के मौसम का हाल

मध्यप्रदेश में मानसून के पहुंचने के बाद बारिश का दौर शुरू हो गया है. धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम मानसून सक्रिय हो जाएगा. मौसम विभाग ने आज बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, देवास, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट और पांढुर्ना में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. वहीं भोपाल, इंदौर, जबलपुर जिलों में हल्की बारिश की संभावना है. 

छत्तीसगढ़ का मौसम

छत्तीसगढ़ में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदलने वाला है. 24 घंटे के अंदर अधिकांश जगहों पर बारिश की संभावना है. एक-दो जगहों पर भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. 26 जून से प्रदेश में बारिश की गतिविधियां बढ़ने के साथ ही भारी बारिश के संकेत हैं. राजधानी रायपुर में आज बादल छाए रहेंगे. गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की संभावना है.

राजधानी दिल्ली में हीटवेव से राहत

देश की राजधानी दिल्ली में शनिवार को कुछ जगह आंशिक रूप से बादल छाए रहे. वहीं कुछ स्थानों पर हुई हल्की बारिश से दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिली और लोगों को हीटवेव से राहत मिली. मौसम विभाग के अनुसार, आज यानी 23 जून को दिल्ली में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और कुछ जगहों पर बूंदाबांदी भी हो सकती है. इस दौरान अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है. 

अगले 24 घंटों में इन राज्यों में भारी बारिश संभव

मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ, मराठवाड़ा, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश संभव है. वहीं मध्य महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश के उत्तरी तट, दक्षिण गुजरात, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पूर्वी गुजरात, पूर्वी राजस्थान, सिक्किम, ओडिशा और पूर्वोत्तर भारत में हल्की से मध्यम बारिश संभव है. इसके अलावा रायलसीमा, आंतरिक कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के गंगा के तटीय इलाकों, बिहार, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में हल्की बारिश हो सकती है. अगले 24 घंटों के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में लू चल सकती है और उसके बाद इसमें कमी आ सकती है.

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Jun 23 2024, 11:44

नीट पेपर लीक मामले में पंकु, बिट्टू, चिन्टु, काजु, अजीत कुमार और कारू ये 6 संदेही पर जांच एजेंसी ने कसा शिकंजा, खुल रही परत दर परत

नीट पेपर लीक मामले के तार झारखंड से भी जुड़ने लगे हैं। इस मामले में बिहार पुलिस ने देवघर से छह संदेही आरोपियों को कस्टडी में लिया है। सभी आरोपी देवघर में झुनू सिंह के मकान में बतौर किरायेदार रह रहे थे। झुनू सिंह का घर देवीपुर थाना क्षेत्र के एम्स के पास है। गिरफ्तार लोगों के नाम पंकु कुमार, परमजीत सिंह उर्फ बिट्टू, चिन्टु उर्फ बालदेव कुमार, काजु उर्फ प्रशांत कुमार, अजीत कुमार और राजीव कुमार उर्फ कारू बताये गये। सभी नालंदा, बिहार के रहने वाले हैं।

मीडिया में आई खबरों के अनुसार पेपर लीक के सरगना संजीव मुखिया के नीचे अमित आनंद और नीतीश काम कर रहे थे। अमित आनंद लाइजनर का काम करता है। नीतीश और अमित आनंद दोस्त हैं। वहीं, इस पूरे पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड सिकंदर यादवेंद्र बताया जा रहा है। सिकंदर ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसने 30 से 32 लाख रुपये में पेपर की डील की थी। इसके बाद चार कैंडिडेट्स को उसने पेपर 40-40 लाख रुपये में बेच दिया था। इनमें दानापुर पटना के आयुष कुमार, समस्तीपुर के अनुराग यादव, रांची के अभिषेक कुमार और गया के शिवनंदन कुमार शामिल हैं। सभी को बीते पांच मई को पुलिस ने पटना के बेली रोड से उठाया था। ये लोग झारखंड नंबर की एक गाड़ी पर सवार थे। इनके पकड़े जाने के बाद ही पेपर लीक का खुलासा हुआ था। सिकंदर ने खुलासा किया कि नीट का पेपर सबसे पहले झारखंड के हजारीबाग से लीक हुआ था। जानकारी के अनुसार सिकंदर का बेटा होमी आनंद रांची के हरमू में इन्फिनिटी स्पोर्ट्स नामक दुकान चलाता है। वहीं हाउसिंग कॉलोनी में सिंकदर का घर है।

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Jun 23 2024, 11:43

गोल्डन टेम्पल में योग करना लड़की को पड़ा भारी !
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी ने लड़की के खिलाफ पुलिस में की शिकायत। लड़की को जान से मारने की भी मिल रही धमकियां।

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Jun 23 2024, 11:39

National Testing Agency (NTA) Director Subodh Singh sacked by Central Govt for paper leaks.

He has been replaced by IAS Pradeep Singh Kharola.

Over the past two months, NTA has faced controversy over irregularities and paper leaks in two major exams:
NEET-UG & UGC-NET

Timely action by Modi Govt

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Jun 23 2024, 11:37

Why train accidents are happening ? Thanks to the RPF to stop one more accident.

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Jun 23 2024, 09:53

wondersoftheday

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Jun 22 2024, 17:44

9.5 करोड़ लेकर कांग्रेस सरकार को कमाई के तरीके बताएगी अमेरिकी फर्म, दूध, पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने के बाद अब कर्नाटक में क्या बढ़ेगा ?

 कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी के जनता से किए पांच प्रमुख वादे को गारंटी का नाम दिया गया था। इन वादों को पूरा करने के लिए कांग्रेस सरकार अब कई तरह के टैक्स बढ़ा रही है, जिसका असर कर्नाटक की जनता पर पड़ने लगा है। सरकार बनने के कुछ ही दिनों बाद कांग्रेस ने नंदिनी दूध पर 3 रुपए बढ़ा दिए थे, फिर बिजली की डालें ढाई रुपए यूनिट (200 से अधिक यूनिट) से बढ़ा दी थीं। हाल ही में डीजल और पेट्रोल पर टैक्स में 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी, और शराब और बीयर पर कर बढ़ाने की योजना है, साथ ही हाउस टैक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर भी टैक्स लगाने की तैयारी है। इसका सीधा मतलब होगा, जनता से एक हाथ से लेना और दूसरे हाथ से उसे वापस देकर अपनी चुनावी गारंटी पूरी करने का दावा करना। 

इसके अलावा, कांग्रेस सरकार ने अपनी कमाई बढ़ाने के उपाय बताने के लिए एक अमेरिकी फर्म बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) को काम पर रखा गया है, जिस पर छह महीने में राज्य को 9.5 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। कांग्रेस सरकार ने राज्य की वित्तीय स्थिति सुधारने और राजस्व बढ़ाने के लिए रणनीति बनाने के लिए BCG को काम पर रखा है। यह कदम चुनावी वादों को पूरा करने से जुड़ी उच्च लागतों के मद्देनजर उठाया गया है। BCG ने पहले ही राज्य सरकार को सुझाव देना शुरू कर दिया है। 

हालाँकि, सेवानिवृत्त IAS अधिकारी एमजी देवसहायम सहित कुछ आलोचक निजी सलाहकारों को काम पर रखने के खिलाफ तर्क देते हैं। देवसहायम का मानना ​​है कि भारत के कई अनुभवी IAS अधिकारी, जिनमें से कई की पृष्ठभूमि IIT और IIM में है, इन कार्यों को बेहतर ढंग से संभाल सकते हैं। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि मुफ्त सुविधाएं और गारंटी प्रदान करना अस्थिर है और राज्य की वित्तीय सेहत के लिए हानिकारक है। देवसहायम का ये भी कहना है कि, विदेशी सलाहकारों के पास भारतीय संसाधनों और स्थितियों को समझने का अभाव होता है, जिसके चलते वे केवल मोटी फीस लेकर खोखली रिपोर्ट बनाकर दे सकते हैं, इसके बजाए किसी भारतीय को ये काम सौंपा जा सकता था, जो हालातों से परिचित हो और योग्य हो।  

उल्लेखनीय है कि, कर्नाटक सरकार की पांच गारंटियों में सभी घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली (गृह ज्योति), परिवार की प्रत्येक महिला मुखिया को 2,000 रुपये प्रति माह (गृह लक्ष्मी), गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवारों को 10 किलो खाद्यान्न (अन्न भाग्य), बेरोजगार स्नातकों को दो साल के लिए 3,000 रुपये प्रति माह और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों को दो साल के लिए 1,500 रुपये प्रति माह (युवनिधि), और राज्य भर में सरकारी गैर-एसी बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा (शक्ति) शामिल हैं। इन वादों से 5.10 करोड़ लोगों को लाभ मिलने का दावा किया गया है और इनको पूरा करने से 2023-24 में राज्य पर 36,000 करोड़ रुपये का खर्च का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष के लिए इन योजनाओं के लिए आवंटित बजट 52,009 करोड़ रुपये है। 

हालांकि, 2024-25 के लिए राज्य का कुल राजस्व घाटा बजट 3,71,383 करोड़ रुपये है, जिसमें पहली बार राज्य की उधारी 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। स्थिति ये है कि, राज्य का खजाना खाली हो रहा है और विकास कार्य तो दूर, चुनावी गारंटियां पूरा करने में भी सरकार को मुश्किलें हो रहीं हैं। अब अधिक कमाई उत्पन्न करने के लिए, राज्य सरकार ने ईंधन की कीमतों में वृद्धि की है, जिससे पेट्रोल 102 रुपये प्रति लीटर से अधिक हो गया है। उन्होंने संपत्ति मार्गदर्शन मूल्यों में भी 15-30% का इजाफा किया, भारतीय निर्मित शराब (IML) पर 20% अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (AED) लगाया, बीयर पर AED को 175% से बढ़ाकर 185% किया और नए पंजीकृत परिवहन वाहनों पर 3% अतिरिक्त उपकर लागू किया। 25 लाख रुपये से अधिक की लागत वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) पर आजीवन टैक्स का प्रावधान किया और गैर-पंजीकरण-आवश्यक दस्तावेजों के लिए स्टांप शुल्क 200% से बढ़ाकर 500% कर दिया गया। ये तमाम चीज़ें, संपत्ति कर, जल कर और बस किराए में भविष्य में वृद्धि का भी संकेत देती हैं।

इसके अतिरिक्त, कांग्रेस सरकार बिक्री को बढ़ावा देने के लिए 1 जुलाई से प्रीमियम शराब ब्रांडों की कीमतों को कम करने की योजना बना रही है। इस रणनीति का उद्देश्य महंगी शराब और बीयर की खरीद को बढ़ावा देना है, जिससे शराब की बिक्री से राज्य की आमदनी बढ़ेगी। भाजपा ने इन राजस्व-उत्पादक उपायों की आलोचना की है, उनका तर्क है कि ये जनता पर अनुचित बोझ डालते हैं। हालांकि, आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने ऐसी योजनाओं का बचाव करते हुए उन्हें आवश्यक चुनावी रणनीति बताया है। 

हालांकि जब एक राज्य में चुनावी गारंटियां पूरी करने में प्रदेश सरकार का राजस्व रसातल में चला गया है, तो हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में भी जो कांग्रेस ने, करोड़ों महिलाओं को 'खटाखट' 1 लाख, बेरोज़गारों को भी सालाना 1 लाख, सभी फसलों पर MSP, हर बार किसानों के कर्जे माफ़ करने के जो वादे किए थे, उसे पार्टी कैसे पूरा करती ? क्या इसी तरह पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढाकर, टैक्स बढाकर, नंदिनी दूध, बिजली की दरें बढाकर, या फिर किसी विदेशी फर्म को हायर करके ये सब किया जाता ? फिर देश में शिक्षा, स्वास्थय, रक्षा, सड़क, जल और अन्य मुद्दों से जुड़े विकास कार्यों के लिए पैसा कहाँ से लाया जाता ? एक बार जब कांग्रेस विधायकों ने अपने क्षेत्रों में विकास कार्य के लिए राज्य सरकार से धन जारी करने के लिए कहा था, तो डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने ये कहते हुए मना कर दिया था कि चुनावी गारंटियों को पूरा करने में हमें फंड लगाना पड़ा है, इसलिए अभी विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं बचा है।

वैसे कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स लगाने का सुझाव दिया था, जिसमे व्यक्ति के मरने के बाद उसकी 55 फीसद संपत्ति सरकार ले लेती, या तो इसे लागू किया जाता। या फिर जो देशवासियों की संपत्ति की गिनती करके उसके पुनर्वितरण का वादा किया था, वो रास्ता अपनाया जाता। बहरहाल, कांग्रेस अभी केंद्र की सत्ता में नहीं है और जहाँ सत्ता में है, वहां खज़ाना खाली हो चुका है, राज्य सरकार ने चुनावी गारंटियां पूरा करने के लिए काफी कुछ बढ़ा दिया हैं, अभी और कुछ भी बढ़ सकता है, जिसकी सलाह अमेरिकी फर्म देगी। इसी साल जब राज्य में सूखा पड़ा था, तब भी राज्य सरकार के पास राहत कार्यों के लिए पैसे नहीं थे, उसने केंद्र से आर्थिक मदद मांगी। केंद्र ने उसे 3,454 करोड़ रुपये जारी किए।

हालाँकि, कांग्रेस के चुनावी वादों पर भी अर्थशास्त्रियों ने चिंता जताई थी कि मुफ्त की चीज़ों से सरकारी ख़ज़ाने पर बोझ बढ़ेगा और बाकी विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं बचेगा, लेकिन उस समय पार्टी ने इन बातों को नज़रअंदाज़ कर दिया था। यही नहीं, सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने अपनी मुफ्त की 5 चुनावी गारंटियों को पूरा करने के लिए SC/ST वेलफेयर फंड से 11 हजार करोड़ रुपये निकाल लिए थे। बता दें कि, कर्नाटक शेड्यूल कास्ट सब-प्लान और ट्रायबल सब-प्लान एक्ट के मुताबिक, राज्य सरकार को अपने कुल बजट का 24.1% SC/ST के उत्थान के लिए खर्च करना पड़ता है। लेकिन उन 34000 करोड़ में से भी 11000 करोड़ रुपए राज्य सरकार ने निकाल लिए। इसके बाद राज्य सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए एक योजना शुरू की, जिसमे उन्हें वाहन खरीदने पर 3 लाख तक की सब्सिडी देने का ऐलान किया था। उस योजना के अनुसार, यदि कोई अल्पसंख्यक 8 लाख रुपये की कार खरीदता है, तो उसे मात्र 80,000 रुपये का शुरूआती भुगतान करना होगा। 3 लाख रुपए राज्य सरकार देगी, यही नहीं बाकी पैसों के लिए भी बैंक ऋण सरकार ही दिलाएगी।

वहीं, इस साल के बजट में कांग्रेस सरकार ने वक्फ प्रॉपर्टी के लिए 100 करोड़ और ईसाई समुदाय के लिए 200 करोड़ आवंटित किए हैं, फिर मंदिरों पर 10 फीसद टैक्स लगाने का बिल लेकर आई थी, लेकिन भाजपा के विरोध के कारण वो बिल पास नहीं हो सका। जानकारों का कहना है कि, धन का सही प्रबंधन नहीं करने के कारण, राज्य सरकार का खज़ाना खाली हो गया और उसके पास विकास कार्यों और अपनी जनता को सूखे से राहत देने के लिए पैसा नहीं बचा। अब पार्टी ने एक विदेशी फर्म को कमाई बढ़ाने के लिए सलाह देने के काम पर रखा है, जो 6 महीने के 9.5 करोड़ लेगी।