रूट डायवर्जेन नहीं आया काम नेशनल हाईवे पर लगा लंबा जाम
अमृतपुर फर्रुखाबाद । महाभारत काल मे पाण्डवो की तप स्थली रहे पांचाल घाट गंगा तट पर गंगा दशहरा पर श्रद्धालुओं का आगमन शनिवार शाम से ही शुरू हो गया था। आसपास के कई जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु निजी वाहनों व पब्लिक ट्रांसपोर्ट से फर्रुखाबाद पहुंचने लगे थे।सुबह तड़के से ही गंगा स्नान कर पूजा अर्चना का क्रम शुरू हो गया।
हजारों की संख्या में श्रद्धालु तडके सुवह तक स्नान कर चुके थे। बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते रूट डायवर्जेंन भी कारगर साबित नहीं हुआ। इटावा बरेली नेशनल हाईवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया।थाना कादरी गेट क्षेत्र स्थित पांचाल घाट गंगा तट पर रविवार को गंगा दशहरा पर भागीरथी में स्नान हेतु भारी संख्या में भक्त सुबह से उमड़ने लगे।सुबह चार बजे से ही पांचाल घाट गंगा तट हर-हर गंगे उद्घोष से गूंजने लगा।
भक्तों ने मां गंगा के पावन जल में डुबकी लगाकर, पूजन कर आरती की। पुरोहितों से सत्यनारायण की कथा, हवन पूजन भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओ ने कराया।पांचाल घाट पर दुर्वासा ऋषि आश्रम से लेकर पुल तक गंगा तट पर भारी भीड़ रही।घाटों पर गहरे पानी से लोगों को बचाने के लिए बांस-बल्ली से की गई बैरीकेडिंग सुबह ही टूट गई। प्रशासन के गहरे पानी में स्नान न करने के हिदायत के बाद लोग चेतावनी झंडी को पार कर मझधार में स्नान करते दिखे।सुबह चार बजे से ही पांचाल घाट गंगा तट पर हर-हर गंगे, जय मां गंगे का उद्घोष गूंजने लगे। भक्तों ने भागीरथी में डुबकी लगाई और पूजन कर आरती की।
पुरोहितों से सत्यनारायण की कथा, हवन पूजन कराया।पांचाल घाट पर दुर्वासा ऋषि आश्रम से लेकर पुल तक गंगा तट पर भारी भीड़ रही। गंगा पुत्र प्रदीप नारायण ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन हस्त नक्षत्र में गंगा स्वर्ग से धरती पर आई थी। गंगा दशहरा पर दान और स्नान का अधिक महत्व बताया गया है। इस साल गंगा दशहरा 16 जून यानी आज मनाया जा रहा है। सनातन धर्म के अनुसार गंगा स्नान हजारों पाप कर्मों से मुक्ति प्रदान करता है।इस दिन विष्णुपदी, पुण्यसलिला मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ।यह दिन 'गंगा दशहरा' या जेठ का दशहरा के नाम से भी प्रचलित है। गंगा दशहरा पर गंगाजल के स्पर्श से स्वर्ग की प्राप्ति होती है। हर सनातनी को गंगा दशहरा पर अवश्य मां गंगा के पावन तट पर स्नान करना चाहिए।
Jun 16 2024, 15:25