प्रदेश मुख्यालय में बैठे मुखिया नैतिकता के आधार पर ले हार की जिम्मेदारी: विकास राजपूत भाजपा नेता
फर्रुखाबाद । उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में मिली शिकस्त को लेकर भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता एवं समाजसेवी विकास राजपूत ने पत्रकारों से बात करते हुए ।
कहा कि उत्तर प्रदेश में पार्टी को जो नुकसान हुआ है उसकी समीक्षा कर उत्तर प्रदेश में प्रदेश कार्यकारणी में बदलाव की जरूरत है उन्होंने सीधे तौर पर न कह कर उ o प्र o भाजपा प्रदेश मुख्यालय में जिम्मेदारों को हटाने की बात कही, उन्होंने कहा पार्टी के पदाधिकारीयो ने जनता के मुद्दों पर और सरकार द्वारा कराई गई उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जनता को अवगत न करा कर विकसित भारत का लाप गाते रहे और 80 पार का नारा लगाते रहे । जहां सड़के टूटी हुई थी ।
नालिया नहीं बनी थी बुनियादी सुविधाओं की कमी थी उन सबको नजरअंदाज कर सिर्फ और सिर्फ 80 पार का लाप गाते रहे । उन्होंने कहा भारत कैसे विकसित भारत की तरफ आगे बढ़ रहा है उसके बारे में जनता को अवगत नहीं कराया गया । बल्कि पोस्टर बैनर लगाकर विकसित भारत बनाने में लगे रहे । ग्रामीण क्षेत्र की जनता विकसित भारत की चर्चा से ज्यादा अपने रोज मर्रा की सुविधाओं पर ध्यान देती नजर आयी । पार्टी के पदाधिकारियों ने चुनाव के समय में ग्रामीणों की समस्या को अगर कैंप लगाकर सुना होता तो आज नजारा कुछ और होता और हम इस स्थिति में न होते ।
भाजपा संघ और संगठन का एक मिश्रण है । जब जब पार्टी इन दोनों से दूरी बनाती नजर आयी। पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ा है । पार्टी के कुछ नेताओं ने खुले आम संविधान बदलने की बात कही कही न कहीं विपक्षी दलों ने उसी बात का फायदा उठा कर जनता को गुमराह किया । उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में जिस तरीके से 10 सालो में रिकॉर्ड तोड़ विकास हुआ । उस विकास को जनता ने स्वयं रोकने का काम किया है। पिछली सरकारों ने इतने वर्षों तक अयोध्या को खंडहर बनाकर रखा । जिस अयोध्या नगरी में कारसेवकों पर गोलिया चलाई गई । कारसेवकों के इतने बड़े बलिदान के बाद आज जो अयोध्या में हुआ है उसकी समीक्षा करने की जरूरत है। केंद्र और प्रदेश सरकार के प्रयास से अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर ही नहीं बल्कि एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट अयोध्या नगरी को स्मार्ट सिटी का दर्जा, आधुनिक सुविधाओं के साथ रेलवे स्टेशन न जाने कितनी ट्रेनो की शाैगात एवं सरयू घाटों का सुंदरीकरण। जैसे न जाने कितनी शाैगाते अयोध्या नगरी को मिली । उसके बाद भी आज हम अयोध्या में हार गए जिसके लिए कही न कहीं हमारा संगठन जिम्मेदार है । जो की अति-अत्मविश्वास में मात खा गया। जिन सभी सीटों पर 10 हजार के कम मार्जिन पर जीत हुई है उन सभी जगहों की जनता का आत्मविश्वास जितना भविष्य के लिए बहुत जरूरी है जिसपे काम करना चाहिए।
Jun 07 2024, 18:21