एक मार्च से 26 मई तक कुल 50379.43 लाख रुपये कीमत की शराब, ड्रग, बहुमूल्य धातुएं व नकदी जब्त
लखनऊ। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में प्रवर्तन एजेन्सियों व उड़नदस्तों द्वारा अवैध शराब, नकदी आदि की जब्ती संबंधी आयोग के निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन किया जा रहा है।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 16 मार्च, 2024 को लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 की निर्वाचन तिथियों की घोषणा के साथ ही प्रदेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण, भयमुक्त, प्रलोभनमुक्त, समावेशी व सुरक्षित मतदान कराने के लिए पूरे प्रदेश में आदर्श आचार संहिता प्रभावी है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आबकारी, आयकर, पुलिस एवं नार्कोटिक्स विभाग एवं अन्य प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा 01 मार्च से 26 मई, 2024 तक कुल 50379.43 लाख रुपये कीमत की शराब, ड्रग, बहुमूल्य धातुएं व नकदी आदि जब्त किये गये। इसमें 9138.66 लाख रुपये नकद धनराशि, 5618.67 लाख रुपये कीमत की शराब, 24016.29 लाख रुपये कीमत की ड्रग, 2830.42 लाख रुपये कीमत की बहुमूल्य धातुएं, 5958.69 लाख रुपये कीमत के मुफ्त उपहार एवं 2816.68 लाख रुपये कीमत की अन्य सामग्री जब्त की गयी। आबकारी, आयकर, पुलिस एवं नार्कोटिक्स विभाग एवं अन्य प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा 26 मई, 2024 को कुल 293.90 लाख रुपये कीमत की शराब, ड्रग व नकदी आदि जब्त की गई। इसमें 0.60 लाख रुपये नकद धनराशि, 22.29 लाख रुपये कीमत की 8604.22 लीटर शराब, 53.31 लाख रुपये कीमत की 11098.25 ग्राम ड्रग, 211.97 लाख रुपये कीमत की 3041.80 ग्राम बहुमूल्य धातुएं एवं 5.73 लाख रुपये कीमत की 5259 अन्य सामग्री जब्त की गयी।
26 मई, 2024 को प्रमुख जब्ती में जनपद वाराणसी की वाराणसी कैन्ट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 1.63 करोड़ रुपये अनुमानित कीमत की 2368.30 ग्राम (2.36 किग्रा) बहुमूल्य धातु, जनपद लखनऊ की लखनऊ पूर्व विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 48.15 लाख रुपये अनुमानित कीमत की 673.50 ग्राम बहुमूल्य धातु पकड़ी गयी। इसके अतिरिक्त जनपद सीतापुर की लहरपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 24.40 लाख रुपये अनुमानित कीमत की 122 ग्राम ड्रग, जनपद बाराबंकी की रामनगर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 15.50 लाख रुपये अनुमानित कीमत की 310 ग्राम ड्रग पकड़ी गयी।






लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ का ग्रीष्मकालीन राज्य सम्मेलन एवं शौक्षिक विचार गोष्ठी का आयोजन 22 जून, 2024 को गान्धी भवन प्रेक्षागृह, लखनऊ में किया जा रहा है।
लखनऊ। देवर्षि नारद जयंती के पावन अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग और विश्व संवाद केन्द्र के संयुक्त तत्वाधान में लखनऊ विश्वविद्यालय के एपी सेन सभागार में राष्ट्रीय संगोष्ठी का देवर्षि नारद जी की वेदसम्मत नीतियां और वर्तमान भारतीय पत्रकारिता विषय पर आयोजन हुआ।
राष्ट्रीय संगोष्ठी की प्रस्तावना को आरंभ करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अवध प्रान्त के प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. अशोक दुबे ने कहा कि देवर्षि नारद जी के संचार के विविध सोपानो के माध्यम से हम जानते हैं। देवर्षि नारद ने हमेशा लोकमंगल की पत्रकारिता की। डॉ. दुबे ने बताया कि पत्रकारिता शब्द भारत का नहीं है बल्कि भारत में तो भौतिक समृद्धि के साथ साथ आध्यात्मिकता अधिष्ठान पर भी बल दिया गया है। हमारे यहां सामाजिक कार्यों में कार्य करते हुए विशेष पूजन होता है। पत्रकारिता के क्षेत्र में देवर्षि नारद हमारी संस्कृति में पूजनीय है। हजारों वर्षों के इतिहास काल में हमारे यहां विभिन्न संघर्षों के साथ अपने विचारो पर अडिग रहे। पत्रकारिता जगत में समाचार का विशेष योगदान है।
राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचार प्रमुख और मुख्य वक्ता सुभाष ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि देवर्षि नारद भगवान के मन है, विद्वान है और संचारक है। पत्रकारिता का मूल तत्व जिज्ञासा है। जिज्ञासा होगी तो जानकारी प्राप्त हो सकती है। सुभाष ने किसी भी प्राणिपाति व्यक्ति को स्वयं को जानना है। नारद संवाद शैली में पारंगत के साथ साथ समाज कल्याण के लिए आदर्श है। हमें अपनी पत्रकारिता के माध्यम से जनकल्याण की सूचनाओं को सामने लाना ही आदर्श पत्रकारिता है। सत्य की आराधना करने से जन कल्याण संभव हैं। सत्य के लिए भारत में कहा भी जाता है कि सत्यमेव जयते। देवर्षि नारद सत्य का आचरण, निष्ठा और आग्रह करना है। भारत के पत्रकारों ने सत्याग्रही बनकर अपनी लेखनी से समाज को जागरण का कार्य करते रहे। जिससे भारत के सफल लोकतंत्र की स्थापना हुई। सुभाष ने कहा कि हमारे यहां चिंतन व्यवहारिक होना चाहिए। देवर्षि नारद का शील ही संदेश है।
राष्ट्रीय संगोष्ठी के सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय ने कहा कि आज की पत्रकारिता में द्वंद है। पहले की पत्रकारिता मिशन थी, जबकि आज की पत्रकारिता अधर में ही लटकी हुई है। देवर्षि नारद की संचार शैली आज की संचार शैली से अलग है। आज की पत्रकारिता में समन्वय और संतुलन बनाए रखना है। आज लगभग नकारात्मक खबरें ही लीड खबर बनती है। दुनिया में भी लीड खबर की मूल अवधारणा में नकारात्मकता है। भारत के मीडिया को इस नैरेटिव से बाहर आने की आवश्यकता है। मानव सभ्यता का विकास विविधता में होता है। हमें देवर्षि नारद के सत्यान्वेषण की ओर ले जाना चाहिए।
May 27 2024, 13:19
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