आने वाला है एक और चक्रवाती तूफान, तेज रफ्तार से बढ़ रहा ‘रेमल’, IMD का अलर्ट

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बंगाल की खाड़ी में तूफान विकसित हो रहा है जिसके कारण चक्रवात आने की संभावना है। यह भीषण तूफान 26 मई पश्चिम बंगाल और उससे सटे बांग्लादेश में भयंकर तबाही ला सकता है। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी से उठने वाला यह इस सीजन का पहला तूफान होगा।हिंद महासागर में चक्रवातों के नामकरण की प्रणाली के तहत इसका नाम ‘रेमल’ दिया गया है। इसका सुझाव ओमान ने दिया है। 

मौसम विभाग ने अभी चक्रवात के लैंडफॉल से संबंधित कोई भी आधिकारिक रूप से जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई है। हालांकि, विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मौसम शोध मॉड्यूल का दावा है कि 26 मई यानी रविवार को रेमल लैंडफॉल कर सकता है। दावा किया जा रहा है कि प्राथमिक रूप से यह तूफान बांग्लादेश में लैंडफॉल करता दिखाई दे रहा है, लेकिन यह कभी भी अपना रास्ता बदल सकता है। इसका लैंडफॉल बांग्लादेश के सुंदरवन से लेकर ओडिशा के समुद्र तट में से कहीं भी हो सकता है।

मौसम विभाग का कहना है कि चक्रवात के कारण 25 मई को पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से और बांग्लादेश में 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की आशंका है। मौसम विभाग ने 26-27 मई को पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा, मिजोरम, त्रिपुरा और दक्षिण मणिपुर के तटीय जिलों में बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। तूफान के 25 मई (शनिवार) को गहरे दबाव में और 26 मई को गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। आईएमडी ने कोलकाता, हावड़ा, नादिया, झाड़ग्राम, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

आईएमडी ने 26 और 27 मई को उत्तरी उड़ीसा, बंगाल, त्रिपुरा, दक्षिण मणिपुर और मिजोरम में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन बढ़ने और गर्मी के कारण समुद्र की सतह का तापमान बढ़ रहा है। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार समुद्री सतह का तापमान 27 डिग्री और उससे अधिक होना जरूरी है। फिलहाल बंगाल की खाड़ी में समुद्री सतह का तापमान 30 डिग्री के आसपास है।

भारत ने रचा इत‍िहास, जानें कौन है काम्या जिसने सबसे कम उम्र में फतह किया एवरेस्ट

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मुंबई में रहनेवाली काम्या कार्तिकेयन दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बन गई हैं। उन्होंने यह उपलब्धि 16 साल की उम्र में हासिल की है।12वीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे अमूमन स्कूल पूरा करने के बाद करियर के बारे में सोचना शुरू करते हैं। मगर मुंबई के एक स्कूल में पढ़ने वाली काम्या कार्तिकेयन ने महज 16 साल की उम्र में इतिहास रच दिया है। वो दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर पहुंचने वाली दूसरी सबसे कम उम्र की लड़की बन गई हैं।

भारतीय नौसेना अधिकारी की बेटी काम्या मुंबई के नेवी चिल्ड्रन स्कूल में बारहवीं की छात्रा हैं। उनके पिता कमांडर एस. कार्तिकेयन भारतीय नौसेना में अधिकारी हैं।काम्या ने अपने पिता और भारतीय नेवी के कमांडर एस. कार्तिकेयन के साथ एवरेस्ट की चोटी को फतह किया।बाप-बेटी ने 20 मई को एवरेस्ट की 8,849 मीटर ऊंची चोटी पर पहुंचे।

हालांकि एवरेस्ट जीतने से पहले भी काम्या ने कई बड़े पहाड़ों को फतह किया है। काम्या ने सात महाद्वीपों में से छह सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ाई करने में सफलता पाई है। उनका लक्ष्य इस साल दिसंबर में अंटार्कटिका के माउंट विंसन मैसिफ पर चढ़ना है, ताकि वह दुनिया की सात सबसे ऊंची चोटियों को फतेह करने की चुनौती पूरा करने वाली सबसे कम उम्र की लड़की बन सकें।

काम्या कार्तिकेयन ने महज सात साल में ही पहाड़ चढ़ने शुरू कर दिए थे। 2015 में उन्होंने 12 हजार फीट ऊंचा चंद्रशिला पर्वत फतह किया था। काम्या की ट्रेकिंग का सिलसिला तभी से जारी है। इसके बाद उन्होंने हर की दून (13,500 फीट), केदारकांठा (13,500 फीट) और रूपकुंड लेक (16,400 फीट) को भी जीता। 2017 में वो नेपाल में मौजूद 17,600 फीट ऊंचे एवरेस्ट के बेस कैंप तक भी गईं। 2019 में उन्होंने भृगु लेक (14,100 फीट) और हिमाचल प्रदेश में मौजूद 13,850 फीट ऊंचे सर पास का भी ट्रेक पूरा किया था।

काम्या प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार से सम्मानित की जा चुकी हैं। यह पुरस्कार देश में बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धि के लिए दिया जाता है। टीएसएएफ ने बताया कि काम्या अपनी टीम के साथ 6 अप्रैल को काठमांडू पहुंचीं। अनुकूलन और कई दिनों की योजना के बाद, उनकी अंतिम शिखर चढ़ाई 16 मई को एवरेस्ट आधार शिविर से शुरू हुई और 20 मई की सुबह शिखर की ओर अंतिम चढ़ाई शुरू की।

चुनाव के बाद पैदा हुआ तीसरा बच्चा, गुजरात में छिन गई बीजेपी के दो पार्षदों की कुर्सी

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गुजरात में सत्तारूढ़ बीजेपी को झटका लगा है। अमरेली के दामनगर नगरपालिका के दो पार्टी पार्षद अयोग्य घोषित कर दिए गए हैं। दोनों को गुजरात नगर पालिका अधिनियम, 1963 का उल्लंघन कर तीसरा बच्चे पैदा करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक अमरेली जिला कलेक्टर अजय दहिया के कार्यालय ने सोमवार को एक आदेश जारी कर खीमा कासोटिया और मेघना बोखा को शहरी स्थानीय निकाय के पार्षदों के रूप में तत्काल प्रभाव से अयोग्य घोषित कर दिया।

दोनों ही पार्षदों के खिलाफ उनके तीसरे बच्चे के जन्म को लेकर शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें बताया गया था कि साल 2021 के चुनाव के समय दोनों ही सदस्यों के 2 बच्चे थे, जिसके बाद दोनों पार्षदों में से एक का तीसरा बच्चा 10 मई 2023 और दूसरे पार्षद को 14 मार्च 2023 को हुआ। इस शिकायत की जानकारी के बाद कलेक्टर ने अपना आदेश जारी किया जिसमें कहा कि दोनों ही पार्षद पद के लिए अयोग्य हैं क्योंकि दोनों ने गुजरात नगर पालिका अधिनियम की धारा 11(1)(एच) का उल्लंघन किया है। दरअसल, इस एक्ट को साल 2005 में संशोधित किया गया था, जिसके मुताबिक, चुनाव जीतने के बाद जिन लोगों का तीसरा बच्चा पैदा हुआ है वो नगरपालिका के सदस्य बनने के लिए अयोग्य है।

चुनाव के वक्त अपने हलफनामे और रेकॉर्ड में उन्होंने दो- दो बच्चे होने की जानकारी दी थी। बच्चों का बर्थ सर्टिफिकेट नगरपालिका के रेकॉर्ड में रखा है। बाद में दोनों पार्षदों का एक-एक बच्चा और हुआ। खिमा तीसरी बार पिता और मेघना तीसरी बार मां बनी। इसके बाद हीरा पॉलिश करने वाले एक कारोबारी छगन भाक्सर ने 16 जनवरी को दोनों पार्षदों की शिकायत की। भाक्सर के आवेदन के बाद कलेक्टर ऑफिस ने इसकी जांच शुरू की। पहले दोनों पार्षदों ने शिकायत का विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि चुनाव के बाद तीसरे बच्चे का कानून लागू नहीं होता है। कलेक्टर ने उनकी आपत्तियों को खारिज करते हुए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया।

छठे चरण की वो लोकसभा सीटें जिनपर लगी हैं लोगों की निगाहें*
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लोकसभा चुनाव के छठे चरण में आठ राज्यों की 58 सीटों पर कल यानी 25 मई को मतदान होना है। कांग्रेस, बीजेपी सहित तमाम राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी जीत के लिए पूरी ताकत लगाई है। छठे चरण में आधा दर्जन लोकसभा सीटें किसी दल को डरा रही हैं तो किसी को जीत के लिए उम्मीद जगा रही हैं।इन सीटों पर कुछ वोटों के इधर से उधर होने पर सियासी दलों का गणित बिगड़ सकता है। इनमें से कई दिग्गज चेहरे हैं जिनकी सीटों पर पूरे देश की निगाहें हैं। तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के भाग्य का फैसला इसी चरण में है।आइए जानते हैं छठे चरण की 15 हाई-प्रोफाइल सीटों के बारे में, जिन पर पूरे देश की निगाहें होंगी। *सुल्तानपुर लोकसभा सीट* उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर लोकसभा सीट से मेनका गांधी चुनाव मैदान में हैं। मेनका गांधी आठ बार लोकसभा का चुनाव जीत चुकी हैं। उनके खिलाफ बसपा ने उदराज वर्मा को उतारा है। समाजवादी पार्टी ने रामभुआल निषाद को टिकट दिया है। निर्दलीय समेत कुल नौ प्रत्याशी चुनावी मुकाबले में हैं। *आजमगढ़ लोकसभा सीट* उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ लोकसभा सीट से भोजपुरी सुपर स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ भाजपा की टिकट पर चुनावी रण में उतरे हैं। सपा से अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव चुनाव लड़ रहे हैं। निरहुआ ने पिछला चुनाव धर्मेंद्र यादव को हराया था। बसपा ने मशहूद सबीहा अंसारी को टिकट दिया है। तीन निर्दलीय समेत कुल नौ प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। *रोहतक लोकसभा सीट* हरियाणा की रोहतक लोकसभा सीट पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं, क्योंकि यह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ रहा है और पिछले चुनाव में उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा को बहुत की कम मार्जिन से शिकस्त खानी पड़ी थी।रोहतक लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा कांग्रेस की टिकट से चुनाव मैदान में हैं। उनका मुकाबला मौजूदा सांसद और भाजपा प्रत्याशी अरविंद शर्मा से है। जजपा ने रविंद को टिकट दिया है। 15 निर्दलीय समेत कुल 26 प्रत्याशी मैदान में हैं। *पुरी लोकसभा सीट* पुरी लोकसभा सीट पर भी सभी की निगाहें लगी हुई हैं।ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट से भाजपा नेता संबित पात्रा चुनाव मैदान में हैं। बीजू जनता दल ने अरूप मोहन पटनायक को टिकट दिया है। कांग्रेस से जयनारायण पटनायक मैदान में हैं। पिछला चुनाव संबित पात्रा यहां से हार गए थे। इस बार दो निर्दलीय समेत कुल सात प्रत्याशी मुकाबले में हैं। *संबलपुर लोकसभा सीट* ओडिशा की संबलपुर लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने नागेंद्र कुमार प्रधान और बीजू जनता दल ने प्रणब प्रकाश दास को उतारा है। चार निर्दलीय समेत कुल 14 प्रत्याशी मैदान में हैं। *अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट* जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती चुनाव मैदान में हैं। उनके खिलाफ नेशनल पैंथर्स पार्टी (भीम) ने अर्शीद अहमद लोन को टिकट दिया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस से मियां अल्ताफ अहमद चुनाव लड़ रहे हैं। यहां 10 निर्दलीय समेत कुल 20 प्रत्याशी मैदान में हैं।
अभ‍िनेत्री लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्‍यारे “पिता” को मिली सजा-ए-मौत, 13 साल बाद मिला इंसाफ

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अपनी सौतेली बेटी और एक्ट्रेस लैला खान समेत समेत 5 लोगों का कत्ल करने के इल्जाम में परवेज टाक को मुंबई सेशन कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है।13 साल बाद कोर्ट ने इस केस में सजा का ऐलान किया है।परवेज टाक मृतक लैला खान का सौतेला पिता है। फरवरी 2011 में महाराष्ट्र के इगतपुरी में एक फार्म हाउस पर परवेज टाक ने लैला खान और उसके परिवार के पांच अन्य लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी और शव को जमीन के अंदर गाड़ दिया था।

लैला खान मर्डर केस में 9 मई को सेशन कोर्ट ने परवेज टाक को दोषी करार दिया था और सजा के ऐलान पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। दरअसल, प्रॉपर्टी को लेकर हुए विवाद के बाद परवेज टाक ने अपनी सौतेली बेटी लैला खान की हत्या कर दी थी। इतना ही नहीं, कातिल परवेज ने लैला की मां समेत 6 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।

क्या था मामला?

घटना 2011 की है। कातिल ने एक्ट्रेस लैला खान, उनकी मां, और उनके 4 भाई-बहनों को मौत के घाट उतार दिया था और बाद में शवों को फार्म हाउस में दफन कर दिया था। मामला तब खुला जब लैला के पति ने मुंबई के ओशिवारा पुलिस थाने में परवेज टाक और उसके साथी आसिफ शेख पर अपहरण का मामला दर्ज कराया था।मुम्बई के ओशिवारा पुलिस स्टेशन में 6 लोगों की मिसिंग की शिकायत दर्ज हुई थी। यह मामला काफी समय तक काफी उलझा रहा। हालांकि, पुलिस ने इगतपुरी के फार्म हाउस से जुलाई 2012 में 6 कंकाल बरामद किए थे। उसी साल अक्टूबर 2012 में लैला खान मर्डर केस में मुम्बई पुलिस ने अपनी चार्जशीट दायर की थी। इस मामले में दूसरा आरोपी शकीर हुसैन अब भी फरार है। उसे अब तक पुलिस नहीं पकड़ पाई है।

इस केस में शुरु में आतंकी घटना से जुड़ा एंगल की बात कही गई थी, जिसके लिए महाराष्‍ट्र एटीएस ने भी इसकी जांच की; लेकिन बाद में एटीएस ने इसे नकार दिया और केवल हत्‍या का मामला बताया था।बाद में जांच में पता चला कि परवेज ने प्रॉपर्टी विवाद को लेकर लैला की मां सेलिना हत्‍या की थी। उसने लैला व बाकी अन्‍य की हत्‍या इसलिए की, क्‍योंकि उन्‍होंने उसे हत्‍या करते हुए देख लिया था। उसका यह भी कहना था कि वे लोग उसके साथ नौकरों जैसा व्‍यवहार करते थे।

क्या बीसीसीआई ने पोंटिंग और लैंगर को दिया मुख्य कोच बनने का ऑफर? जय शाह ने दी जानकारी
#team_india_head_coach_bcci_jay_shah_reaction हाल ही में कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि बीसीसीआई ने रिकी पोंटिंग और जस्टिन लैंगर से मुख्य कोच बनने का ऑफर दिया।वहीं, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज कप्तान रिकी पॉन्टिंग ने हाल ही में दावा किया था कि आईपीएल 2024 सीजन के दौरान कुछ लोगों ने उनसे संपर्क किया था और उनसे आमने-सामने बात हुई थी जिसमें टीम इंडिया का कोच बनने को लेकर उनके इंटरेस्ट को जानने की कोशिश की गई थी। हालांकि, अब बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने इन दावों को खारिज कर दिया है। टी20 विश्व कप 2024 के बाद राहुल द्रविड़ का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। ऐसे में टीम इंडिया का मुख्य कोच बदला जाएगा। बीसीसीआई ने हाल ही में इस पद के लिए आवेदन मंगाए थे। इस बीच कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि बीसीसीआई ने रिकी पोंटिंग और जस्टिन लैंगर को मुख्य कोच बनने का ऑफर दिया। पॉन्टिंग ने हाल ही में आईसीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि कुछ लोगों ने उनसे टीम इंडिया का कोच बनने को लेकर संपर्क किया था और उनकी इच्छा जाननी चाही थी। पॉन्टिंग ने हालांकि सीधे शब्दों में बीसीसीआई का नाम तो नहीं लिया लेकिन ये जरूर कहा था कि निजी तौर पर आमने-सामने कुछ लोगों से बात हुई थी। पॉन्टिंग के इस दावे के एक दिन बाद ही अब भारतीय बोर्ड के सचिव जय शाह ने सच सबके सामने रख दिया है। शाह ने सीधे-सीधे तो पॉन्टिंग का नाम नहीं लिया लेकिन, शाह ने कहा कि बीसीसीआई या खुद उन्होंने किसी भी पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर से टीम इंडिया का कोच बनने के लिए संपर्क नहीं किया। शाह ने सीधे शब्दों में कहा कि मीडिया में ऐसी जो भी खबरें फैली थीं, वो एकदम गलत थीं। उन्होंने साफ किया कि टीम इंडिया का हेड कोच ढूंढ़ना एक विस्तृत और सटीक प्रक्रिया है। जय शाह ने साथ ही बताया कि कैसे शख्स को टीम इंडिया का कोच बनाया जाएगा। बीसीसीआई सचिव ने कहा कि बोर्ड ऐसे आदमी को कोच बनाना चाहता है, जिसे भारतीय क्रिकेट की गहरी समझ हो और अलग-अलग स्तर से उठकर आया हो। उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि भारतीय टीम का कोच बनने के लिए भारत के डॉमेस्टिक क्रिकेट की समझ और ज्ञान होना भी जरूरी है। शाह ने बोर्ड की सोच को साफ करते हुए बताया कि टीम इंडिया के स्तर को और ऊपर उठाना सबसे अहम है।
बच्चों के लिए खतरनाक है सोशल मीडिया, अब एलन मस्क ने चेताया, कहा-हर हाल में रखें दूर

#elon_musk_warns_about_social_medias_impact_on_kids

आज सोशल मीडिया हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। सोशल मीडिया के माध्यम से लोग अपने विचारों को एक-दूसरे के साथ साझा कर एक नई बौद्धिक दुनिया का निर्माण कर रहे हैं।अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र का एक अहम पहलू है। इस अधिकार के उपयोग के लिये सोशल मीडिया ने जो अवसर नागरिकों को दिये हैं, एक दशक पूर्व उनकी कल्पना भी किसी ने नहीं की होगी। हालांकि, ये माध्यम बच्चों को बूरी तरह से प्रभावित कर रहा है। अमेरिका के अरबपति व्यव्सायी एलन मस्क ने हाल ही में सोशल मीडिया का बच्चों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की है। मस्क ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग बच्चों के लिए हानिकारक है।

पेरिस में विवाटेक फेयर में एलन मस्क ने बच्चों पर सोशल मीडिया के प्रभाव को लेकर बातें की। वर्चुअल इवेंट में एलन मस्क ने सोशल मीडिया के नुकसान के बारे में खास तौर पर बताया। उन्होंने कहा, 'मैं सभी पैरेंट्स से आग्रह करता हूं कि बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखें। बच्चे AI एल्गोरिदम के प्रति संवेदनशील होते हैं, जो डोपामाइन के स्तर को अधिकतम करके यूजर्स जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किए गए हैं।'

एलन मस्क ने इस कॉन्फ्रेंस का एक वीडियो भी एक्स पर शेयर किया है। एलन मस्क ने तर्क दिया है कि सोशल मीडिया कंपनियों की प्रतिस्पर्धी प्रकृति युवा दिमागों के लिए हानिकारक परिणामों का कारण बन रही है। उन्होंने कहा कि बच्चे खासतौर पर खतरे में हैं क्योंकि सोशल मीडिया कंपनियां लोगों को ज्यादा से ज्यादा देर तक ऐप इस्तेमाल करने के लिए खास तकनीक (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का इस्तेमाल करती हैं। ये तकनीक दिमाग में खुशी का एहसास पैदा करने वाला रसायन 'डोपामाइन' बढ़ा देती है। मस्क का कहना है कि 'मुझे लगता है कि माता-पिता को बच्चों को सोशल मीडिया कम देखने देना चाहिए क्योंकि उन्हें ऐसी तकनीक से प्रोग्राम किया जा रहा है जो सिर्फ खुशी का एहसास दिलाने पर ध्यान देती है।'

एलन मस्क का कहना है कि सोशल मीडिया कंपनियां लोगों का ध्यान खींचने के लिए आपस में लड़ती रहती हैं, जिसका बच्चों के दिमाग पर बुरा असर पड़ता है।

यह पहला मौका नहीं है जब एलन मस्क ने बच्चों पर सोशल मीडिया के प्रभाव को लेकर कुछ कहा है। पहले भी कई बार वे बच्चों पर फेसबुक और इंस्टाग्राम के प्रभाव को लेकर चिंता जता चुके हैं। पिछले साल दुबई में हुए एक सम्मेलन में उन्होंने कहा था कि मैंने अपने बच्चों को कभी भी सोशल मीडिया इस्तेमाल करने से नहीं रोका जो कि मेरी गलती थी।

बच्चों के लिए खतरनाक है सोशल मीडिया, अब एलन मस्क ने चेताया, कहा-हर हाल में रखें दूर
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आज सोशल मीडिया हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। सोशल मीडिया के माध्यम से लोग अपने विचारों को एक-दूसरे के साथ साझा कर एक नई बौद्धिक दुनिया का निर्माण कर रहे हैं।अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र का एक अहम पहलू है। इस अधिकार के उपयोग के लिये सोशल मीडिया ने जो अवसर नागरिकों को दिये हैं, एक दशक पूर्व उनकी कल्पना भी किसी ने नहीं की होगी। हालांकि, ये माध्यम बच्चों को बूरी तरह से प्रभावित कर रहा है। अमेरिका के अरबपति व्यव्सायी एलन मस्क ने हाल ही में सोशल मीडिया का बच्चों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की है। मस्क ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग बच्चों के लिए हानिकारक है। पेरिस में विवाटेक फेयर में एलन मस्क ने बच्चों पर सोशल मीडिया के प्रभाव को लेकर बातें की। वर्चुअल इवेंट में एलन मस्क ने सोशल मीडिया के नुकसान के बारे में खास तौर पर बताया। उन्होंने कहा, 'मैं सभी पैरेंट्स से आग्रह करता हूं कि बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखें। बच्चे AI एल्गोरिदम के प्रति संवेदनशील होते हैं, जो डोपामाइन के स्तर को अधिकतम करके यूजर्स जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किए गए हैं।' एलन मस्क ने इस कॉन्फ्रेंस का एक वीडियो भी एक्स पर शेयर किया है। एलन मस्क ने तर्क दिया है कि सोशल मीडिया कंपनियों की प्रतिस्पर्धी प्रकृति युवा दिमागों के लिए हानिकारक परिणामों का कारण बन रही है। उन्होंने कहा कि बच्चे खासतौर पर खतरे में हैं क्योंकि सोशल मीडिया कंपनियां लोगों को ज्यादा से ज्यादा देर तक ऐप इस्तेमाल करने के लिए खास तकनीक (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का इस्तेमाल करती हैं। ये तकनीक दिमाग में खुशी का एहसास पैदा करने वाला रसायन 'डोपामाइन' बढ़ा देती है। मस्क का कहना है कि 'मुझे लगता है कि माता-पिता को बच्चों को सोशल मीडिया कम देखने देना चाहिए क्योंकि उन्हें ऐसी तकनीक से प्रोग्राम किया जा रहा है जो सिर्फ खुशी का एहसास दिलाने पर ध्यान देती है।' एलन मस्क का कहना है कि सोशल मीडिया कंपनियां लोगों का ध्यान खींचने के लिए आपस में लड़ती रहती हैं, जिसका बच्चों के दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। यह पहला मौका नहीं है जब एलन मस्क ने बच्चों पर सोशल मीडिया के प्रभाव को लेकर कुछ कहा है। पहले भी कई बार वे बच्चों पर फेसबुक और इंस्टाग्राम के प्रभाव को लेकर चिंता जता चुके हैं। पिछले साल दुबई में हुए एक सम्मेलन में उन्होंने कहा था कि मैंने अपने बच्चों को कभी भी सोशल मीडिया इस्तेमाल करने से नहीं रोका जो कि मेरी गलती थी।
नासा ने जून तक बढ़ाया बोइंग स्टारलाइनर परीक्षण की अवधि

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने गुरुवार को घोषणा की कि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स द्वारा संचालित बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान का पहला चालक दल प्रक्षेपण अब 1 जून को लक्षित किया जा रहा है।

अंतरिक्ष एजेंसी ने एक बयान में कहा, नासा, बोइंग और यूएलए (यूनाइटेड लॉन्च एलायंस) के मिशन प्रबंधक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट (सीएफटी) लॉन्च करने की दिशा में आगे बढ़ने के मार्ग का मूल्यांकन करना जारी रखते हैं। टीमें अब दोपहर 12:25 बजे लॉन्च अवसर की दिशा में काम कर रही हैं। शनिवार, 1 जून को ईटी, 2 जून, 5 जून और 6 जून को अतिरिक्त अवसरों के साथ।

स्टारलाइनर के सेवा मॉड्यूल पर हीलियम रिसाव के कारण अंतरिक्ष यान के मनुष्यों को ले जाने वाले पहले मिशन में देरी हुई थी, जिसे शुरू में 7 मई के लिए योजनाबद्ध किया गया था, लेकिन लगातार देरी के साथ इसे पीछे धकेल दिया गया।

बोइंग के स्टालिनर अंतरिक्ष यान को अंतिम परीक्षण के हिस्से के रूप में सुनीता 'सुनी' विलियम्स और साथी नासा अंतरिक्ष यात्री बैरी 'बुच' विल्मोर को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, इससे पहले कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी आईएसएस से नियमित मिशन के लिए स्टारलाइनर को प्रमाणित कर सके। स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से रॉकेट कंपनी यूनाइटेड लॉन्च अलायंस (ULA) के एटलस 5 रॉकेट पर अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।

पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका में पृथ्वी पर लौटने से पहले नए अंतरिक्ष यान और उसके सिस्टम का मूल्यांकन करने के लिए दोनों लगभग दो सप्ताह तक परिक्रमा प्रयोगशाला में रुकेंगे।

प्रबंधक स्टीव स्टिच ने कहा, "सेंटूर सेल्फ रेगुलेटिंग वाल्व को बदलने और स्टारलाइनर सर्विस मॉड्यूल हीलियम मैनिफोल्ड लीक का निवारण करने के लिए संयुक्त नासा, बोइंग और यूएलए टीमों द्वारा पिछले दो हफ्तों में असाधारण विश्लेषण और परीक्षण किया गया है।" अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा जारी एक बयान में उन्होंने कहा, "यह महत्वपूर्ण है कि हम स्टारलाइनर प्रणोदन प्रणाली की अनावश्यक क्षमताओं और हमारे अंतरिम मानव रेटिंग प्रमाणन पर किसी भी प्रभाव सहित प्रत्येक मुद्दे की सभी जटिलताओं को समझने में अपना समय लें।"

उन्होंने कहा, "आगामी डेल्टा एजेंसी फ़्लाइट टेस्ट रेडीनेस रिव्यू में पूरे समुदाय द्वारा टीमों की प्रगति और उड़ान तर्क की समीक्षा करने के बाद हम इस परीक्षण मिशन पर बुच और सुनी को लॉन्च करेंगे।"

अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर दोनों स्टारलाइनर सिमुलेटर में अभ्यास करना जारी रखते हैं और जो दल पृथक-वास में है, वह नई लॉन्च तिथि के करीब फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लिए उड़ान भरेगा।

बोइंग स्टारलाइनर की क्रूड टेस्ट फ्लाइट (सीएफटी) के मिशन प्रबंधकों ने एटलस 5 रॉकेट के ऊपरी चरण में वाल्व की गड़बड़ी के कारण निर्धारित लॉन्च से सिर्फ दो घंटे पहले 7 मई को मिशन बंद कर दिया। बोइंग ने अपने बयान में कहा कि वाल्व को 11 मई को सफलतापूर्वक बदल दिया गया और यह पुष्टि करने के लिए परीक्षण किया गया कि यह ठीक से काम कर रहा है।

बाद में 14 मई को, नासा ने घोषणा की कि 17 मई के लिए निर्धारित सीएफटी मिशन को अंतरिक्ष यान के सेवा मॉड्यूल में "छोटे हीलियम रिसाव" के कारण 21 मई से आगे बढ़ा दिया गया है। 17 मई को अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि प्रक्षेपण को आगे बढ़ाकर 25 मई कर दिया गया। मानव दल के साथ बोइंग के पहले स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान मिशन को चिह्नित करने वाली उड़ान, नासा के वाणिज्यिक क्रू कार्यक्रम का हिस्सा है, जो अमेरिकी धरती से अमेरिकी रॉकेट और अंतरिक्ष यान पर अंतरिक्ष यात्रियों को लॉन्च करने के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारी के माध्यम से अमेरिकी एयरोस्पेस उद्योग के साथ काम कर रही है।

नासा ने संयुक्त राज्य अमेरिका से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक चालक दल को ले जाने के लिए सितंबर 2014 में बोइंग और स्पेसएक्स को चुना। ये एकीकृत अंतरिक्ष यान, रॉकेट और संबंधित प्रणालियाँ नासा मिशनों पर चार अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाएंगी, और परिक्रमा प्रयोगशाला पर वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए समर्पित समय को अधिकतम करने के लिए सात अंतरिक्ष स्टेशन के चालक दल को बनाए रखेंगी।

दिसंबर 2019 में एक असफल प्रयास के बाद, बोइंग ने 2022 में एक सफल अनक्रूड ऑर्बिटल फ्लाइट टेस्ट 2 (ओएफटी-2) आयोजित किया। एयरोस्पेस कंपनी के अनुसार, इसके स्टारलाइनर को छह महीने के टर्नअराउंड समय के भीतर दस मिशनों के लिए पुन: प्रयोज्य होने की उम्मीद है। एलोन मस्क के स्वामित्व वाली स्पेसएक्स कंपनी के क्रू ड्रैगन ने 30 मई, 2020 को अपने पहले लॉन्च के बाद से 12 क्रू मिशनों को अंजाम दिया है। स्टारलाइनर को विकसित करने के लिए बोइंग को अमेरिकी संघीय निधि से 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक प्राप्त हुए, जबकि स्पेसएक्स को लगभग 2.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्राप्त हुए।

केदारनाथ में टला बड़ा हादसा, श्रद्धालुओं के लेकर जा रहे हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग
#kedarnath_dham_helicopter_emergency_landing उत्तराखंड के बाबा केदारनाथ धाम में आज सुबह सुबह एक बड़ा हादसा होने से बच गया।केदारनाथ धाम में यात्रियों से भरे हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई है। दरअसल, केदारनाथ धाम के लिए जारी हेली सेवा में लोगों के ले जा रहे हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आ गई, जिसके बाद उसकी इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। हालांकि राहत की बात रही कि किसी भी तरह का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। जानकारी के मुताबिक, हेलिकॉप्टर का रूडल खराब हो गया था। इसके कारण हेलिकॉप्टर को दूर तक नहीं ले जाया जा सकता था। हालांकि, पास में ही हेलीपैड था। फिर, पायलट ने सुझबूझ दिखाते हुए खाली जगह की तलाश की। फिर वहां पर हेलिकॉप्टर की सुरक्षित लैंडिंग कराई। हालांकि, थोड़ी ही दूरी पर ही खाई थी। इस दौरान हेलिकॉप्टर में बैठे श्रद्धालु भगवान से सलामती की दुआ मांगते रहे। दरअसल, क्रिस्टल एविएशन का हेलीकॉप्टर में अचानक खराबी आ गयी और पायलट ने किसी तरह इंमरजेंसी लैंडिंग करायी, जिससे पायलट सहित छह लोगों की जिंदगी बाल-बाल बच गयी। हेलीकॉप्टर यात्रियों को लेकर सिरसी हेलीपैड से श्री केदारनाथ धाम आ रहे केस्ट्रेल एविएशन कंपनी के हेली को कुछ तकनीकी समस्या के कारण श्री केदारनाथ धाम के हेलीपैड से लगभग 100 मीटर पहले आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। वहीं पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची और सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया। चार धाम यात्रा 10 मई से शुरू है। हालांकि, चार धाम यात्रा के लिए 31 मई तक ऑफ लाइन पंजीकरण पर रोक है, जिसके चलते हजारों श्रद्धालु ऐसे हैं, जो हफ्तों से ऋषिकेश-हरिद्वार में अपने पंजीकरण का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उनका पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। श्रद्धालुओं का कहना है कि हफ्तों से इस आस में थे कि बाबा केदारनाथ का दर्शन होगा, लेकिन यह आस टूटती जा रही है। फिलहाल हर दिन धाम में 25 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं को धाम तक पहुंचाने के लिए 9 हेलिकॉप्टर कंपनियां लगातार लगी हैं।