कलकत्ता हाईकोर्ट से ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका,2010 के बाद दिए गई सभी ओबीसी सर्टिफिकेट को रद्द

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लोकसभा चुनावों के बीच ममता बनर्जी सरकार को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 2010 के बाद बनाई गई सभी ओबीसी सर्टिफिकेट को रद्द कर दिया है।हाईकोर्ट के इस आदेश के परिणामस्वरूप करीब पांच लाख ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द कर दिए गए। हालांकि, साथ ही हाईकोर्ट ने कहा, इस प्रमाणपत्र के जिन उपयोगकर्ताओं को पहले ही मौका मिल चुका है, उन पर इस फैसले का असर नहीं होगा। 

कलकत्ता हाई कोर्ट का कहना है कि 2010 के बाद जितने भी ओबीसी सर्टिफिकेट बनाए गए हैं, वे कानून के मुताबिक ठीक से नहीं बनाए गए हैं। इसलिए उस प्रमाणपत्र को रद्द किया जाना चाहिए, लेकिन साथ ही हाईकोर्ट ने कहा है कि इस निर्देश का उन लोगों पर कोई असर नहीं होगा जो पहले ही इस सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी पा चुके हैं या नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं। अन्य लोग अब उस प्रमाणपत्र का उपयोग रोजगार प्रक्रिया में नहीं कर सकेंगे।

रद्द हो जाएंगे पांच लाख ओबीसी सर्टिफिकेट

कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश से 2010 के बाद बनाई गई सभी ओबीसी सर्टिफिकेट रद्द हो जाएंगे। इसके चलते राज्य में करीब 5 लाख ओबीसी सर्टिफिकेट रद्द होने की संभावना है। हालांकि कलकत्ता हाईकोर्ट का कहना है कि 2010 से पहले घोषित ओबीसी वर्ग के लोगों के प्रमाण पत्र वैध हैं। इसके साथ ही जिन्हें 2010 के बाद ओबीसी आरक्षण के कारण नौकरी मिल गई है या भर्ती की प्रक्रिया में हैं, वे भी वैध हैं।

सर्टिफिकेट के आधार पर जिन्हें नौकरी मिली उनका क्या?

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा कि साल 2010 के बाद बनाए गए ओबीसी प्रमाणपत्र में कानून का पूरी तरह से अनुपालन नहीं किया गया। इस फैसले के बाद यह सवाल उठा है कि क्या इन सर्टिफिकेट के आधार पर जिन्हें नौकरी मिली है, उन पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इस पर कोर्ट ने साफ कहा कि पहले जारी ओबीसी सर्टिफिकेट से जिन्हें नौकरी मिली है। उन पर इस फैसले का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और न ही इस फैसले का उन पर कोई प्रभाव पड़ेगा, जो नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं।

चारधाम यात्रा : अब 20 घंटे खुला रहेगा बाबा केदार का दरबार, भक्तों का सैलाब देखकर लिया गया बड़ा फैसला

उत्तराखंड सरकार की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार चारधाम यात्रा में इस साल अबतक 39 यात्रियों की मौत हुई है। इन 39 मौतों में से सबसे ज्यादा मौतें केदारनाथ धाम में हुई हैं जहां अब तक 18 लोगों की जान जा चुकी है, इसके बाद यमुनोत्री धाम में 12 मौतें, बद्रीनाथ धाम में 7 मौतें और गंगोत्री धाम में दो मौतें हुई हैं। खराब स्वास्थ्य से हो रही मौतों के बाद सरकार तीर्थयात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग पर फोकस कर रही है, साथ ही उसने उचित अनुकूलन अवधि के बाद ही लोगों को यात्रा का विकल्प चुनने की सलाह दी है।

सोमवार शाम तक सवा सात लाख से ज्यादा तीर्थयात्री चार धामों में पहुंच चुके हैं, जिनमें केदारनाथ के लिए 3,19,193, यमुनोत्री के लिए 1,38,537, बद्रीनाथ के लिए 1,39,656 और गंगोत्री के लिए 1,25,777 यात्री शामिल हैं। उधर चार धाम की यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए सरकार द्वारा हर तरह की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दे रखे हैं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखने के लिए कहा गया है कि उनसे सामान की ज्यादा कीमत ना वसूली जाए।

पिछले साल हुई थी कुल 245 मौतें

पिछले साल चार धाम यात्रा के दौरान 245 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी। इनमें से सबसे ज्यादा 120 मौतें केदारनाथ धाम के रास्ते में हुई थीं। बद्रीनाथ धाम रूट पर 46, गंगोत्री धाम रूट पर 30 और यमुनोत्री धाम रूट पर 39 मौतें हुई थीं। साथ ही हेमकुंड साहिब मार्ग पर भी नौ यात्रियों की जान गई थी।

स्वास्थ्य सचिव ने श्रद्धालुओं के लिए उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए

उत्तराखंड सरकार के स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार फिलहाल रुद्रप्रयाग के तीन दिवसीय दौरे पर हैं, उन्होंने मंगलवार को अपने दौरे के दूसरे दिन केदारनाथ मार्ग पर स्वास्थ्य और अन्य यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को तीर्थयात्रियों को सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया, ‘राज्य सरकार का उद्देश्य चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को सभी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है ताकि वे परेशानी मुक्त और सुविधाजनक यात्रा कर सकें साथ ही वे अपने साथ उत्तराखंड का सुखद अनुभव लेकर जाएं।’

50 साल से ज्यादा उम्र वालों की स्वास्थ्य जांच पर विशेष फोकस

कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर तीर्थयात्रियों की चिकित्सा जांच करने का निर्देश दिया गया है। विभाग विशेष रूप से 50 वर्ष से अधिक की उम्र वाले श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और रोगियों को केदारनाथ की पैदल यात्रा से बचने की सलाह दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘तीर्थयात्रियों को उचित अनुकूलन अवधि के बाद ही यात्रा का विकल्प चुनने की सलाह दी गई है।’

सुनिश्चित करें की हर दुकान पर सामान की रेट लिस्ट लगी हुई हो

स्वास्थ्य सचिव ने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि तीर्थयात्रियों को अधिक कीमत पर सामान न बेचा जाए, इसके लिए उन्होंने खाद्य सुरक्षा विभाग को निर्देश दिए कि वे यह देखें कि यात्रा मार्ग की प्रत्येक दुकान में रेट लिस्ट लगी हुई हो और तीर्थयात्रियों को मिलावटी खाना नहीं परोसा जाए। उन्होंने अधिकारियों को कड़ी निगरानी रखने और यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर सेवाओं का विकल्प चुनने वाले तीर्थयात्रियों के साथ कोई धोखाधड़ी न हो।

यह भी ध्यान रखें की जानवरों के साथ किसी तरह की क्रूरता ना हो

केदारनाथ यात्रा मार्ग पर चलने वाले खच्चरों और घोड़ों के प्रति अपनी चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने पशुपालन विभाग को भी यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि कोई भी संचालक जानवरों के खिलाफ क्रूर व्यवहार न करे। साथ ही कहा कि ‘केदारनाथ यात्रा मार्ग पर किसी भी स्थिति में खच्चरों और घोड़ों को डबल चक्कर नहीं लगाना चाहिए और पूरे यात्रा मार्ग पर साफ-सफाई बनाए रखनी चाहिए।’

 यात्रा मार्ग पेयजल की व्यवस्था का निर्देश

स्वास्थ्य सचिव ने सोनप्रयाग के पास यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्रियों से भी बातचीत की और तीर्थयात्रियों द्वारा दिए गए सुझावों को नोट किया। इस दौरान गुजरात के विद्यानगर से आईं तीर्थयात्री कुसुमबेन (35) ने बताया कि सोनप्रयाग में मेरी मेडिकल स्क्रीनिंग की गई और मेडिकल स्टाफ से हरी झंडी मिलने के बाद, मैं गौरी कुंड से केदारनाथ की पैदल यात्रा पर निकलूंगी।

उधर राजस्थान के बाड़मेर से आए हकीकत सिंह (50) ने कहा कि तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए पूरे यात्रा मार्ग पर वाटर एटीएम की व्यवस्था की जानी चाहिए। जिसके बाद स्वास्थ्य सचिव ने जल संस्थान विभाग के अधिकारियों को पूरे यात्रा मार्ग पर पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था करने का निर्देश दिया, साथ ही बिजली विभाग के अधिकारियों को केदारनाथ की बिजली लाइन में आने वाली किसी भी खराबी को ठीक करने का निर्देश दिया।

ममता बनर्जी के विरोध में साधु समाज, 24 मई को कोलकाता में रैली निकालने का लिया निर्णय

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने शनिवार को रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के साधुओं को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनके इस टिप्पणी के विरोध में बंगाल के साधुओं ने 24 मई को कोलकाता में रैली निकालने का फैसला किया। दरअसल, ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि रामकृष्ण मिशन के कुछ भिक्षुओं ने आसनसोल में भक्तों से भाजपा के पक्ष में वोट करने के लिए कहा था। वहीं, भारत सेवाश्रम संघ के एक भिक्षु ने टीएमसी एजेंट को बहरामपुर में एक मतदान केंद्र पर बैठने से मना किया था। बनर्जी का आरोप था कि दोनों मठ भाजपा के निर्देशों के तहत काम कर रहे हैं।

विश्व हंदू परिषद और पश्चिम बंगाल में साधुओं की शीर्ष संस्था बंगीय संन्यासी समाज के सदस्यों द्वारा संत स्वाभिमान यात्रा का आयोजन किया जाएगा। वीएचपी नेता सौरिस मुखर्जी ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, "वोट वैंक की राजनीति के लिए मुख्यमंत्री ऐसी टिप्पणी कर रही हैं। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। इस टिप्पणी के विरोध में पश्चिम बंगाल के साधु रैली निकालेंगे।"

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर पीएम मोदी ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि टीएमसी रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के खिलाफ झूठ फैला रही हैं। यह हद से पार है। अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए ममता बनर्जी धार्मिक संगठनों को धमका रही हैं।

बाद में ममता ने सफाई पेश करते हुए कहा कि वह किसी संस्था के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन राजनीति में शामिल होने के लिए एक या दो लोगों की आलोचना की है। बता दें कि कुछ अज्ञात लोगों ने जलपाईगुड़ी में रामकृष्ण मिशन के परिसर पर हमला किया और साधुओं को बंदूक दिखा कर उन्हें डराने की भी कोशिश की।

ममता बनर्जी के विरोध में साधु समाज, 24 मई को कोलकाता में रैली निकालने का लिया निर्णय

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने शनिवार को रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के साधुओं को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनके इस टिप्पणी के विरोध में बंगाल के साधुओं ने 24 मई को कोलकाता में रैली निकालने का फैसला किया। दरअसल, ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि रामकृष्ण मिशन के कुछ भिक्षुओं ने आसनसोल में भक्तों से भाजपा के पक्ष में वोट करने के लिए कहा था। वहीं, भारत सेवाश्रम संघ के एक भिक्षु ने टीएमसी एजेंट को बहरामपुर में एक मतदान केंद्र पर बैठने से मना किया था। बनर्जी का आरोप था कि दोनों मठ भाजपा के निर्देशों के तहत काम कर रहे हैं। विश्व हंदू परिषद और पश्चिम बंगाल में साधुओं की शीर्ष संस्था बंगीय संन्यासी समाज के सदस्यों द्वारा संत स्वाभिमान यात्रा का आयोजन किया जाएगा। वीएचपी नेता सौरिस मुखर्जी ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, "वोट वैंक की राजनीति के लिए मुख्यमंत्री ऐसी टिप्पणी कर रही हैं। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। इस टिप्पणी के विरोध में पश्चिम बंगाल के साधु रैली निकालेंगे।" मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर पीएम मोदी ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि टीएमसी रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के खिलाफ झूठ फैला रही हैं। यह हद से पार है। अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए ममता बनर्जी धार्मिक संगठनों को धमका रही हैं। बाद में ममता ने सफाई पेश करते हुए कहा कि वह किसी संस्था के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन राजनीति में शामिल होने के लिए एक या दो लोगों की आलोचना की है। बता दें कि कुछ अज्ञात लोगों ने जलपाईगुड़ी में रामकृष्ण मिशन के परिसर पर हमला किया और साधुओं को बंदूक दिखा कर उन्हें डराने की भी कोशिश की।
बांग्लादेश के गायब सांसद का शव कोलकाता में मिला, इलाज कराने आए थे भारत*
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भारत में 9 दिन से लापता बांग्लादेश के सांसद अनवारुल अजीम अनार कोलकाता के एक फ्लैट में मृत मिले। बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुज्जमां खान ने कोलकाता पुलिस के हवाले से इसकी पुष्टि की है। कोलकाता पुलिस ने बताया कि सांसद अनवारुल का शव न्यू टाउन इलाके में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। पुलिस ने इस मामले में 3 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही इसे प्री-प्लान मर्डर बताया है। बताया गया है कि अनवारुल अजीम अनार 12 मई को इलाज कराने पश्चिम बंगाल पहुंचे थे। इसके बाद वे अचानक ही गायब हो गए। उनकी आखिरी ज्ञात लोकेशन कोलकाता के राजरहाट में स्थित संजीवा गार्डन्स थी। पुलिस ने इस मामले में शिकायत मिलने के बाद गुमशुदगी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। हालांकि, बुधवार को बांग्लादेश के गृह मंत्री असद्दुजमां खान ने एलान किया कि अजीम की हत्या हुई है। उन्होंने बताया कि आवामी लीग के सांसद अजमी अंसार, जो कि भारत में लापता हो गए थे, उनकी कोलकाता में एक फ्लैट में हत्या हो गई। अब तक यह सामने आया है कि उनके हत्यारे बांग्लादेशी हैं। उन्होंने साजिश रचकर सांसद की जान ली। मंत्री ने बताया कि बांग्लादेश पुलिस ने 56 वर्षीय सांसद की हत्या के मामले में तीन को गिरफ्तार किया है। जब उनसे शव को लेकर सवाल किया गया, तो मंत्री ने कहा कि उन्हें अभी इसकी जानकारी मिलनी बाकी है। असद्दुजमां ने कहा कि वे जल्द ही इस मामले में हत्या की वजहों का खुलासा करेंगे। इस मामले में भारत की पुलिस भी जानकारी जुटा रही है। वहीं, कोलकाता में सांसद के दोस्त गोपाल विश्वास ने 18 मई को पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद कोलकाता पुलिस एक्टिव हुई। अजीम बांग्लादेश के ट्रांसपोर्ट यूनियन से जुड़े हुई थे। उनका खुद ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है। बताया गया है कि कल अजीम के मैनेजर के पास फिरौती के लिए फोन आया था और बड़ी रकम की मांग की गई थी।
चुनाव आयोग की कांग्रेस-भाजपा को नसीहत, चुनाव प्रचार में मर्यादा बनाए रखने को कहा*
#election_commission_notice_to_jp_nadda_and_mallikarjun_kharge लोकसभा चुनाव के बीच राजनीतिक दलों के नेताओं की बयानबाजी का सिलसिला भी जारी है। चुनाव आयोग द्वारा लगातार ऐसे मामलों पर कार्रवाई भी की जा रही है। इस बीच चुनाव आयोग ने कांग्रेस और बीजेपी को नसीहत दी है।चुनाव आयोग ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को स्टार प्रचारकों को उनके भाषण को सही करने सावधानी बरतने और शिष्टाचार बनाए रखने के लिए फॉर्मल नोट जारी करने का निर्देश दिया है । चुनाव आयोग ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों के चुनाव प्रचार की गुणवत्ता में बेहद गिरावट आई है जिसके मद्देनजर यह आदेश जारी किए गए है। आयोग ने जाति, समुदाय, भाषा और धर्म के आधार पर प्रचार करने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों को आड़े हाथों लिया। आयोग ने भाजपा को निर्देश दिए हैं कि पार्टी के नेता अपने भाषणों के दौरान धार्मिक और सांप्रदायिक बयानबाजी न करें। यह भी कहा गया है कि समाज को बांटने वाले बयानों से बचें। चुनाव आयोग ने इस बात पर भी जोर दिया कि चुनाव के समय सत्तारूढ़ दल पर अतिरिक्त जिम्मेदारी होती है। वहीं, चुनाव आयोग ने कांग्रेस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि स्टार प्रचारक ऐसे बयान न दें जो गलत धारणाएं देते हों। इसके अलावा, अग्निवीर योजना पर बोलते समय, चुनाव निकाय ने कांग्रेस प्रचारकों या उम्मीदवारों से रक्षा बलों का राजनीतिकरण न करने और रक्षा बलों की सामाजिक-आर्थिक संरचना के बारे में संभावित विभाजनकारी बयान न देने के लिए कहा है। ईसीआई ने दो टूक कहा कि दोनों बड़ी पार्टियों (भाजपा और कांग्रेस) को मतदाताओं के चुनावी अनुभव की विरासत को कमजोर करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. दोनों दलों के प्रमुख अपने-अपने स्टार प्रचारकों के लिए औपचारिक सलाह जारी करें, जिससे वो सावधानी बरतें और शिष्टाचार बनाए रखें. देश के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
इलाज के लिए कोलकाता आए बांग्लादेश के सांसद लापता, 9 दिनों से नहीं हो सका संपर्क

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कोलकाता पहुंचे बांग्लादेश के सांसद अनवारूल अजीम अनार पिछले कुछ दिनों से लापता हैं। बांग्लादेश उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि सत्तारूढ़ पार्टी आवामी लीग के सांसद अनार 13 मई से लापता हैं।सांसद के परिवारवालों के मुताबिक लापता होने के दो दिनों तक वह परिवार और पार्टी दोनों के संपर्क में थे उसके बाद से संपर्क नहीं हो रहा है। 

बांग्लादेश की सत्तारूढ़ अवामी लीग के सांसद अनार 13 मई से लापता हैं। अधिकारियों ने बताया कि वह इलाज के लिए 12 मई को कोलकाता आए थे और शहर के उत्तरी इलाके में बारानगर में अपने दोस्त के घर पर रह रहे थे। 13 मई को वह किसी से मिलने गए, लेकिन वापस नहीं लौटे। उनके दोस्त ने बाद में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस के अनुसार उनकी अंतिम मोबाइल लोकेशन बिहार की मिली है।

बंगाल पुलिस के मुताबिक उनकी अंतिम लोकेशन बिहार में मिली है। उनका फोन 14 मई से बंद है। वहीं पुलिस का कहना है कि हालांकि अनार पिछले आठ दिनों से लापता है, लेकिन उनके फोन से परिवार के सदस्यों को संदेश भेजे गए थे कि वह नई दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं। उनकी बेटी ने भी शिकायत की है। बांग्लादेशी सांसद की तलाश में बंगाल पुलिस बिहार पुलिस से भी मदद ले रही है।

एमडीएच और एवरेस्ट मसालों को क्लीन चिट, FSSAI को नहीं मिला 'खतरनाक' केमिकल एथिलीन ऑक्साइड
#fssai_finds_no_ethylene_oxide_traces_in_mdh_and_everest_spices
देश के दो बड़े मसाला ब्रांड एवरेस्ट और MDH की गुणवत्ता को लेकर विदेश में सवाल उठने लगे हैं।एमडीएच और एवरेस्ट के मसालों में प‍िछले द‍िनों एथिलीन ऑक्साइड म‍िलने का दावा क‍िया गया था। इसके बाद दोनों ब्रांड के मसालों की हांगकांग, सिंगापुर और नेपाल में ब‍िक्री बंद कर दी गई थी। लेक‍िन अब एफएसएसएआई की तरफ से दावा क‍िया गया है क‍ि एमडीएच और एवरेस्ट के मसालों के सैंपल में एथिलीन ऑक्साइड का कोई अंश नहीं मिला है। एफएसएसएआई के एक अधिकारी ने बताया कि एमडीएच और एवरेस्ट ब्रांड के मसालों के ऐसे सैंपल ज‍िनको उनकी फैक्ट्रियों से इकट्ठा किया गया था, उनमें इथिलीन ऑक्साइड की क‍िसी तरह की म‍िलावट नहीं म‍िली है।मसालों के कुल 34 सैंपल ल‍िये गए थे, इनमें से 28 की र‍िपोर्ट आ चुकी है। यह भी बताया गया क‍ि लैबोरेट्री र‍िपोर्ट की जांच FSSAI के साइंट‍िस्‍ट पैनल की तरफ से की गई थी। बता दें कि हांगकांग खाद्य प्राधिकरण द्वारा महाशियान डि हट्टी प्राइवेट लिमिटेड (एमडीएच) और मेसर्स एवरेस्ट फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (एवरेस्ट) द्वारा बेचे जाने वाले कुछ मसालों में लिमिट से अधिक ईटीओ स्तर की चिंता जताए जाने के बाद जांच की गई थी। पिछले महीने FSSAI ने गुणवत्ता संबंधी चिंताओं को देखते हुए देश भर से एमडीएच और एवरेस्ट सहित सभी ब्रांडों के पाउडर के रूप में मसालों के नमूने लेना शुरू कर दिया था। हांगकांग प्राधिकरण द्वारा प्रोडक्ट्स को वापस लेने और सिंगापुर के साथ दोनों कंपनियों के कुछ उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के बाद FSSAI ने पिछले महीने एक निरीक्षण अभियान शुरू किया था।हॉन्ग कॉन्ग के खाद्य सुरक्षा केंद्र (सीएफएस) ने अनुमति सीमा से ज्यादा एथिलीन ऑक्साइड होने की बात कहते हुए एमडीएच के मद्रास करी पाउडर, एवरेस्ट फिश करी मसाला, एमडीएच सांभर मसाला मिश्रित मसाला पाउडर और एमडीएच करी पाउडर मिश्रित मसाला पाउडर ना खरीदने के लिए कहा था। दो देशों की आपत्तियों के बाद खाद्य सुरक्षा आयुक्तों और FSSI के अधिकारियों ने पूरे देश में ऑपरेशन चलाया था।जिसमें पूरे देशभर के बाजार में मौजूद दोनों मसाला ब्रांन्ड्स के नमूनों का सैंपल लेकर उसकी जांच की गई थी।
अफ्रीकी देश नाइजीरिया के एक गांव में बंदूकधारियों ने की अंधाधुंध फायरिंग, हमले में 40 लोगों की मौत, कई घरों में लगाई आग, मची चीख पुकार

अफ्रीकी देश नाइजीरिया के एक गांव में बंदूकधारियों ने हमला कर दिया। हमले में 40 लोगों की मौत हो गई। आरोपियों ने गांव में अंधाधुंध गोलीबारी की। निवासियों का कहना है कि आरोपियों ने कई घरों को आग के हवाले कर दिया। कई लोगों का अपहरण भी कर लिया। बता दें, यहां किसानों और चरवाहों के बीच अक्सर झड़प होती रहती है। घटना नाइजीरिया के उत्तर-मध्य में स्थित पठारी राज्य की है। 

मृतकों की संख्या में हो सकता है इजाफा

पठारी पुलिस के प्रवक्ता अल्फ्रेड अलाबो ने बताया कि पठारी बंगलाला के जंगलों में सुरक्षा एजेंटों के हमलों से भाग रहे डाकुओं ने सोमवार देर रात जुराक और डाकाई गांव पर हमला कर दिया। सुरक्षा एजेंटों ने सात हमलावरों को ढेर कर दिया। वहीं, भागते हुए डाकुओं ने नौ लोगों की जान ले ली। गांव के निवासियों का कहना है कि मरने वालों की संख्या काफी अधिक है। बंदूकधारी दर्जनों की संख्या में थे। उन्होंने बाइक पर गांव में धावा बोला था। उन्होंने अंधाधुंध गोलीबारी की। उन्होंने कई लोगों का अपहरण कर लिया और कई घरों को फूंक दिया।  मैंने किसी तरह अपनी जान बचाई

जुराक के निवासी बबांगीदा अलीयू ने बताया कि जैसे ही वे लोग हमारे गांव में घुसे, उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। बिना किसी दया भाव के उन्होंने 40 से अधिक लोगों की हत्या कर दी। मैं किसी तरह उनके चंगुल से भाग कर अपनी जान बचा पाया था। मैंने अभी तक अपने परिवार को नहीं देखा। वहीं, एक अन्य निवासी टिमोती हारुना ने बताया कि आरोपियों ने कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया। उन्होंने कई लोगों का अपहरण कर लिया। उन्होंने हमारे घरों में आग लगा दी।

चारधाम यात्रा : सुगम यात्रा के सरकारी दावे फेल, बिना दर्शन घर लौटने लगे तीर्थयात्री, अब तक 4000 ने की वापसी

चारधाम की सुगम यात्रा के लिए शासन-प्रशासन की कोशिशें रंग नहीं ला पा रही हैं। तीर्थयात्रा को आए कई श्रद्धालु धामों के दर्शन किए बिना ही घरों को लौटने लगे हैं। प्रशासन ने अस्थायी पंजीकरण व्यवस्था भी शुरू की, लेकिन अब तक करीब चार हजार तीर्थयात्री ऋषिकेश से घर लौट गए। लौटने वाले तीर्थयात्रियों का कहना था कि उत्तराखंड में पहुंचने के बाद भी धामों के दर्शन न कर पाना दुर्भाग्य है। यह उनके जीवन का सबसे बुरा अनुभव है। बता दें कि ये लोग अस्थायी पंजीकरण के लिए रोके गए थे फिर यह व्यवस्था भी बंद कर दी गई।

ऑफलाइन पंजीकरण बंद होने पर ऋषिकेश में रोके गए करीब 12 हजार तीर्थयात्रियों को धामों के दर्शन कराने के लिए प्रशासन ने अस्थायी पंजीकरण व्यवस्था की। प्रशासन की योजना थी कि अस्थायी पंजीकरण कर इन यात्रियों को धामों के लिए रवाना किया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो पाया। सोमवार शाम करीब पांच बजे प्रशासन ने अस्थायी पंजीकरण व्यवस्था भी बंद कर दी।

ट्रांजिट कैंप प्रशासन के मुताबिक, 12 हजार के सापेक्ष छह हजार यात्रियों का ही अस्थायी पंजीकरण कराया जा सका। शेष छह हजार में से करीब चार हजार तीर्थयात्री बिना दर्शन लौट गए हैं। करीब ढाई हजार तीर्थयात्री अब भी ट्रांजिट कैंप परिसर व धर्मशालाओं में ठहरे हैं।

800 यात्री देंगे ध्रुव परीक्षा

प्रशासन ने 31 मई तक ऑफलाइन पंजीकरण बंद रखने का निर्णय लिया है। ट्रांजिट कैंप में रुके यात्रियों में से करीब 800 यात्रियों ने ऑफलाइन पंजीकरण शुरू होने तक यहीं रुकने का प्रण लिया है। उनका कहना है कि ध्रुव ने अनिश्चित समय के लिए भगवान की प्रतीक्षा की। हम भी ऑफलाइन पंजीकरण शुरू होने का इंतजार कर लेंगे। प्रशासन का कहना है कि इन यात्रियों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था की गई है।

ऋषिकेश में बने 16,953 ट्रिप कार्ड

ऋषिकेश एआरटीओ कार्यालय में चार अप्रैल से ग्रीन कार्ड बनने शुरू हुए थे। 20 मई तक यहां से 23,063 ग्रीन कार्ड और 16,923 वाहनों के ट्रिप कार्ड बन चुके हैं। इन वाहनों से अब तक ऋषिकेश से 1,52,963 यात्री धामों की यात्रा के लिए गए हैं। परिवहन विभाग के मुताबिक, 11,520 वाहन रवाना हुए हैं। यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर विभाग ने 1,400 वाहनों का चालान व 20 वाहन सीज भी किए हैं।

अस्थायी पंजीकरण व्यवस्था भी बंद कर दी गई है। क्या बेहतर किया जा सकता है इसके लिए उच्च स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है।