सी एस पी संचालक की हत्या पर सांसद ने जताई संवेदना,एनडीए प्रतिनिधिमंडल पहुंचा रसाढ़


बनमनखी प्रखण्ड के रसाढ़ निवासी सीएसपी संचालक सुभाष मिश्र की हत्या अपराधियों की कायराना हरकत है जिसकी जितनी निंदा की जाय कम होगी।पुलिस प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लिया है।उम्मीद है अबिलम्ब अपराधियों की गिरफ्तारी होगी।सभी अपराधियों के खिलाफ स्पीडी ट्रायल चलाकर सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी।


मैं मुश्किल भरी इस घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ हूँ।मैं बहरहाल पूर्णिया से बाहर हूँ।वापस लौटकर पीड़ित परिवार का दुःख साझा करने का प्रयास करूंगा।उक्त बातें सांसद संतोष कुशवाहा ने सुभाष मिश्रा हत्याकांड प्रकरण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही है।श्री कुशवाहा ने कहा कि जब इस घटना की सूचना उन्हें मिली तो पुलिस अधीक्षक से लगातार संपर्क में रहे और उनसे कहा कि दोषियों के खिलाफ बिना बिलंब सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।



एसपी ने आश्वस्त किया है कि पुलिस अनुसंधान में जुटी है,शीघ्र ही मामले का उद्भेदन कर लिया जाएगा।श्री कुशवाहा ने कहा कि पूर्णिया में किसी भी कीमत में अपराधियों को पैर जमाने का मौका नही मिलेगा, यहां कानून का राज था और आगे भी रहेगा। सांसद श्री कुशवाहा के आग्रह पर भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश कुमार और जेडीयू जिलाध्यक्ष राकेश कुमार के संयुक्त नेतृत्व में एनडीए प्रतिनिधिमंडल शनिवार को रसाढ़ पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मिल भरोसा दिया कि शीघ्र ही अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा।स्थानीय लोगों ने बनमनखी-रसाढ़ के बीच पुलिस चौकी की स्थापना, पीड़ित परिवार को मुआवजा,दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई,अपराधियों की अबिलम्ब गिरफ्तारी आदि की मांग रखा।प्रतिनिधिमंडल ने वरीय अधिकारियों से मांगों से अवगत कराते हुए कार्रवाई करवाने का भरोसा दिलाया।



इस प्रतिनिधिमंडल में सामाजिक कार्यकर्ता शंकर कुशवाहा,संजय राय, राजेश गोस्वामी,दिलीप झा,भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष संतोष चोरसिया,जदयू प्रखंड अध्यक्ष दिलीप गुप्ता, विजय कुमार सिंह, सी एस पी संचालक यूनियन के नेता विकाश कुमार ,ग्रामीण प्रखंड अध्यक्ष भाजपा नवनीत कुमार सिंह,विश्व हिंदू परिषद् के शिव शंकर तिवारी, विद्यार्थी परिषद् के राष्ट्रीय सदस्य शशि शेखर कुमार,पंकज झा,अंजन कुमार सिंह, सहित अनेक एनडीए के कार्यकर्ता शामिल थे।
4 बदमाशों ने सीएसपी संचालक को गोलियों से भूना ,दहशत


पूर्णिया
4 बदमाशों ने सीएसपी संचालक को गोलियों से भूना ,दहशत बनमनखी थाना क्षेत्र के बनमनखी-रसाढ़ रोड पर दो बाइक पर सवार चार बदमाशों ने लूट के दौरान विरोध करने पर एक सीएसपी संचालक को गोलियों से भून डाला। बताया जा रहा है कि सीएसपी संचालक को 15 गोलियां मारी गई।वारदात के दौरान सुरक्षा के लिए एक चौकीदार भी सीएसपी संचालक के साथ था। लेकिन बदमाशों द्वारा बाइक रुकवाते ही वह फरार हो गया। मृतक सीएसपी संचालक सुभाष कुमार मिश्र रसाढ़ गांव का ही रहने वाला था।
उच्च रक्तचाप दिवस -जन-जागरूकता को लेकर पूर्णिया में कार्यक्रम का आयोजन



पूर्णिया,

हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) जैसी बीमारी से बचाव एवं सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर साल 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपस्थित लोगों की जांच करते हुए उन्हें उच्च रक्तचाप से सुरक्षित रहने के लिए चिकित्सकीय जानकारी दी जाती है। शुक्रवार को भी जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में उच्च रक्तचाप दिवस के रूप में मनाया गया। ज्यादा से ज्यादा लोगों को उच्च रक्तचाप के लिए जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 17 मई से 23 मई तक सभी स्वास्थ्य केंद्रों में निःशुल्क जांच सह चिकित्सा परामर्श शिविर का आयोजन किया जाएगा और उपस्थित लोगों की जांच करते हुए उन्हें चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जाएगी।



साइलेंट किलर के रूप में काम करता है उच्च रक्तचाप, लोगों को नियमित जांच की जरूरत : सीएस सिविल सर्जन डॉ ओ पी साहा ने बताया कि हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप धीरे-धीरे नजर आने वाला रोग है जिसकी जानकारी आम लोगों को कुछ समय के बाद मिलती है। सबसे अहम बात यह है कि वर्तमान समय में खराब जीवन शैली के कारण होने वाले उच्च रक्तचाप से 30 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र में व्यक्ति सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। कभी-कभी परिवार के अन्य सदस्यों के उच्च रक्तचाप के शिकार होने पर आनुवांशिक रूप से उनके बच्चे भी इसके शिकार हो जाते हैं। इससे सुरक्षित रहने के लिए सभी लोगों को 30 वर्ष की उम्र के बाद साल में एक बार अपनी स्वास्थ्य जांच आवश्य करवानी चाहिए। जांच के बाद अगर किसी का रक्तचाप ज्यादा है तो इसका इलाज कराना चाहिए। क्योंकि 80 से 85 प्रतिशत लोगों में उच्च रक्तचाप का कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है।



कभी-कभी कुछ लोगों को उच्च रक्तचाप की बीमारी जीवन के अंतिम समय में हृदयघात, लकवा, किडनी फेल के रूप में अटैक करता है और इससे लोगों की तत्काल मृत्यु भी हो जाती है। इसीलिए इस बीमारी को 'साइलेंट किलर' भी कहा जाता है। इससे सुरक्षित रहने के लिए 30 वर्ष की आयुसीमा के बाद सभी लोगों को साल में एक बार अपनी चिकित्सकीय जांच जरूर करवानी चाहिए। 16 हजार से अधिक उच्च रक्तचाप से ग्रसित मरीजों का एनसीडी क्लीनिक से हो रहा उपचार : एनसीडीओ जिला गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (एनसीडीओ) डॉ सुभाष कुमार सिंह ने बताया कि जिले में वर्ष 2023-24 में जिले के राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में संचालित एनसीडी क्लीनिक में 94 हजार 600 लोगों गैर संचारी रोगों से ग्रसित बीमारियों की स्क्रीनिंग की गई है। इसमें से 16 हजार 613 लोग उच्च रक्तचाप से ग्रसित पाए गए हैं। सभी उच्च रक्तचाप के ग्रसित मरीजों का एनसीडी क्लीनिक से नियमित जांच करते हुए चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के मार्च महीने में ही 1984 लोग उच्च रक्तचाप के शिकार पाए गए जिसमें से 1201 उच्च रक्तचाप से ग्रसित लोगों का अस्पताल से नियमित उपचार जारी है। जीएमसीएच के ओपीडी के अलावा जिले के एडीएच, रेफरल अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी, एपीएचसी, यूपीएचसी एवं एचडब्ल्यूसी पर चिकित्सकों द्वारा निःशुल्क रूप से बीपी, मधुमेह एवं कैंसर को लेकर उचित परामर्श दिया जाता है। एनसीडीओ ने बताया कि अधिक वजन या मोटापा, शराब/तम्बाकू का अत्यधिक सेवन, गुर्दा की बीमारी, अत्यधिक तनाव, अत्यधिक नमक का सेवन आदि लोगों के उच्च रक्तचाप से ग्रसित होने का कारण होता है। ऐसी स्थिति वाले लोगों को सुरक्षित रहने के लिए अपने नजदीकी अस्पताल में नियमित चिकित्सकीय जांच करवाते हुए स्वास्थ्य सहायता का लाभ लेना चाहिए। अनिवार्य रूप से रक्तचाप की नियमित तौर पर जांच करानी चाहिए : शुक्रवार को राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के एनसीडी क्लीनिक में उपस्थित लोगों की जांच कर रहे चिकित्सक डॉ आलोक कुमार ने कहा कि उच्च रक्तचाप के शिकार लोगों को बचाव के लिए खुद का ध्यान रखना जरूरी होता है।


इसके लिए हम सभी को अपना वजन नियंत्रित रखना, शारीरिक गतिविधियों में वृद्धि, संतुलित आहार, ताज़ा फल एवं हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन, रक्तचाप की नियमित जांच, चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार आवश्यक दवाओं का सेवन, शराब या तंबाकू का सेवन वर्जित करना, तनाव से दूर रहना, तेल, घी, अत्यधिक नमक का सेवन कम करना आदि का विशेष रूप से ध्यान रखना पड़ेगा।
निजी क्लीनिक में इलाज करा रहे मरीज की मौत के बाद हंगामा

पूर्णिया
पूर्णिया के लाइन बाजार में पैर की फ्रैक्चर हड्डी का इलाज कराने पहुंचे मरीज की मौत हो गई। मरीज की मौत से नाराज परिजनों ने शव के साथ निजी क्लीनिक के बाहर जमकर हंगामा किया। निजी क्लीनिक के कंपाउंडर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने लाइन बाजार रोड जाम कर दिया और जमकर बवाल काटा। वहीं निजी अस्पताल में परिजनों के हो हंगामे को देखते हुए तीन थाने की पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है और मामले को शांत कराने की कोशिश में जुट गई है।



मामला सहायक खजांची थाना क्षेत्र से जुड़ा है। मृतक की पहचान सदर थाना क्षेत्र के गुलाबबाग के शास्त्रीनगर निवासी केदार भगत 62 के रूप में हुई है। मरीज की मौत के बाद से परिजनों में चीख -पुकार मची है। घटना की जानकारी देते हुए मृतक के परिजनों ने बताया कि आज देर दोपहर घर में फिसलकर बुजुर्ग केदार भगत के जांघ की हड्डी फ्रैक्चर टूट गई थी। बढ़ते दर्द के बाद वे अपने मरीज को लेकर लाइन बाजार स्थित निजी क्लीनिक पहुंचे।



यहां डॉक्टर के बजाए उसकी गैर मौजूदगी में कंपाउंडर मरीज को ऑपरेशन थियेटर में ले गया। इंजेक्शन के ओवरडोज के कारण उनके मरीज की मौत हो गई। मगर मौत की बात छिपाते हुए कंपाउंडर ने मरीज को वेंटीलेटर पर लिटाए रखा। थक हारकर जब वे मरीज को देखने की जिद पर अड़ गए। इसके कुछ ही देर बाद कंपाइंडर ने मरीज की मौत की बात बताई। जिसका विरोध करने पर कंपाउंडर ने बाउंसर बुलवाकर मरीज की पत्नी विधा देवी और बहू लूसी जायसवाल से मारपीट की। जिसके बाद मरीज के परिजनों का गुस्सा भड़क गया। नाराज परिजनों ने निजी क्लीनिक के बाहर जमकर हंगामा किया। कंपाउंडर और बाउंसर को बुलाने की जिद की मांग करते हुए शव के साथ लाइन बाजार रोड को जाम कर दिया और घंटों प्रदर्शन किया।



वहीं परिजनों के बढ़ते बवाल को देखते हुए सहायक खजांची थानाध्यक्ष शशि कुमार भगत, के.हाट थानाध्यक्ष कौशल किशोर और सदर थानाध्यक्ष राजीव कुमार लाल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। परिजनों के बढ़ते बवाल और गुस्से को देखते हुए पुलिस आक्रांत परिजनों का गुस्सा शांत कराने में जुटी है। लाइन बाजार रोड को जाम से मुक्त करा लिया गया है। पुलिस नाराज परिजनों का गुस्सा शांत कराने में जुटी है। समूचे घटनाक्रम को लेकर पुलिस ने लिखित शिकायत देने को कहा है।
समारोह पूर्वक किलकारी के समर कैम्प का हुआ समापन


पूर्णिया
समारोह पूर्वक किलकारी के समर कैम्प का हुआ समापन... मुख्य अतिथि के रूप में जिलाधिकारी ने बच्चों का किया उत्साहवर्धन.... किलकारी, बिहार बालभवन, पूर्णिया के द्वारा आयोजित अठ्ठारह दिवसीय समर कैम्प 'चक धूम धूम' का समापन, समारोह पूर्वक बुधवार को हो गया। विगत 28 अप्रैल से 15 अप्रैल2024 तक चले इस समर कैम्प के समापन समारोह में, मुख्य अतिथि के रूप में पूर्णिया के जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने शिरकत किया,



वहीं विशिष्ट अतिथि के रुप मे जिला शिक्षा पदाधिकारी पूर्णिया, भ उपस्थित रहे ! अतिथियों का स्वागत किलकारी परिवार की ओर से, किलकारी पूर्णिया के प्रमंडल समन्वयक रवि भूषण कुमार उर्फ मुकुल ने किया । सर्वप्रथम मुख्य अतिथि के आगमन पर शंख ध्वनी, नगाड़ा और वैदिक मंत्र के उच्चारण के साथ मुख्य अतिथि को मंच पर आसन ग्रहण करवाया गया । तत्पश्चात मुख्य अतिथि समेत सभी अतिथियों को बुके, मंजूषा पेंटिंग ,पर्यावरण का प्रतीक एक पौधा और इस समर कैम्प में निर्मित ब्लैक पॉटरी की एक कलाकृति उपहार स्वरूप भेंट की गई ।साथ ही इस अवासर पर किलकारी के प्रति सहयोग पूर्ण भावना से, किलकारी क साथ आवश्यकता अनुसार कदम से कदम मिलाकर चलने वाले चार अलग-अलग क्षेत्र से संबंध रखने वाले विशिष्ट व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया , जिनमे, विद्या विहार आवासीय विद्यालय के निदेशक,



राजेश मिश्रा, सेंट पीटर हिंदी मीडियम स्कूल की प्रधान अध्यापिका, सिस्टर वन्दिता, मध्य विद्यालय,उफ्रैल की प्रधानाध्यापिका, अर्चना एवं इनारिका कंप्यूटर सेंटर के निदेशक, रविंद्र कुमार साह के नाम शामिल है। मौके पर अतिथियों का सम्मान करते हुए किलकारी पूर्णिया के प्रमंडल समन्वयक रवि भूषण ने कहा कि, हमने किलकारी पूर्णिया के तीन वर्षों के सफर में, जो भी उपलब्धियां हासिल की है,उसमें किलकारी के सभी बच्चों और उनके अभिभावकों का सहयोग अगर हमें नहीं मिल पाता तो, हम निरंतर यह प्रगति नहीं कर पाते, क्योंकि अगर यह बच्चे नहीं होते तो,किलकारी अपने स्वरूप के अनुकूल यहां कार्य ही नहीं कर पाती, मैं आभार व्यक्त करता हूं पूर्णिया के जिलाधिकारी महोदय का एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी महोदय का, आप श्रीमान ने अपने व्यस्त समय से समय निकालकर यहां आकर इन बच्चों के साथ-साथ हमारा भी उत्सवर्धन किया है । अगर श्रीमान का सहयोग हमें इसी तरह मिलता रहा तो भविष्य में भी हम छात्रों के सर्वांगिक विकास के लिए और भी आगे बढ़कर काम कर पाएंगे । जिलाधिकारी ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में कहा कि, किलकारी, बिहार बालभवन, पूर्णिया में जिस रूप में कार्य कर रहा है, उससे यह प्रतीत होता है कि,यह अपने उद्देश्य के अनुरूप पूर्णिया में कार्य करते हुए बिहार के दूसरे जगह के लिए एक संदेश प्रसारित कर रही है, जिस तरह से यहां आयोजित समर कैम्प में बच्चों ने खेल, कला और विज्ञान से जुड़े विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त किया और



अपने अंदर छुपी प्रतिभा को सामने लाया है, मैं इस मंच से कह रहा हूं, कि इनमे ऐसी संभावना दिखती कि यह बच्चे भविष्य में अपने लिए वह जगह बना बनाने में कामयाब होंगे, जिससे इन्हें एक नई पहचान मिल पाएगी । मैं इन सभी छात्र-छात्रओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं और किलकारी परिवार को बधाई देता हूं ,किलकारी परिवार ने बेहतरीन वातावरण में उत्कृष्ट कार्यक्रम का आयोजन कर गर्मी की छुट्टियों का सदुपयोग किया है। वहीं मौजूद सभी विशिष्ट कतिथियों ने भी अपने संबोधन में बच्चों का संबोधित करते हुए उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी । मंच के उद्घाटन सत्र की समाप्ति के बाद सभी अतिथि, अतिथि दीर्घा में आकर बैठ गए। फिर मंच पर शुरू हुआ कार्यक्रम का दौरा, जिसमें सर्वप्रथम छोटे बच्चों के द्वारा सोना रे सोना गीत पर मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति हुई । उसके उपरांत एक के बाद एक रविंद्र शास्त्रीय गायन, भजन की प्रस्तुति ने सभी उपस्थित जनों को मुग्ध कर दिया । उसके उपरांत, छोटे-छोटे बच्चों ने परंपरिक खेल आधारित नृत्य, हूला छुप की प्रस्तुति की,जो सभी को गुदगुदा गया। फिर एक अंदाज में मंजूषा पेंटिंग को हाथ में लेकर प्रतिभागियों ने रैंप वॉक किया, उसके उपरांत ट्रैक म्यूजिक पर जब बच्चे झूमे तो दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों का मान भी झूमने लगा । अपनी लोक परंपरा को दर्शाती हुई पारंपरिक नागपुरी नृत्य की प्रस्तुति नृत्य विधा के प्रतिभागियों के द्वारा की गई जो एक उत्कृष्ट प्रकृति के रूप में उभरी । वहीं उदय शंकर स्टाइल में मां गंगे को नमन करते हुए 'गंगा नृत्य'की प्रस्तुति भी मनभावन रही । किलकारी के द्वारा लांच किए गए बच्चा बैंड के प्रतिभागियों के छात्र समूह के द्वारा वेस्टर्न म्यूजिक की भी प्रस्तुति हुई । साथ ही लोक संगीत सजी गीतों की भी प्रस्तुति हुई! जिससे संगीत की दो अलग-अलग धाराओं को एक ही मंच पर दर्शकों ने महसूस किया और तारीफ भी की और अंत में किलकारी पूर्णिया के बच्चों के द्वारा, मौजूदा समय पर व्यंग करते हुए भारतेंदु हरिश्चंद्र द्वारा लिखित नाटक अंधेर नगरी चौपट राजा का मंचन किया गया, जो काफी सराहनीय रहा । कार्यक्रम में मंच संचालन ..... ने किया। कार्यक्रम की समाप्ति पर धन्यवाद ज्ञापन किलकारी पूर्णिया के सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी त्रिदीप शील ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सी.पी.सी रुचि कुमारी व संगीत गुरु पंडित अमरनाथ झा का अभी अहम योगदान रहा । जबकि किलकारी के अन्य सभी स्थानीय प्रशिक्षक भी जुटे रहे ।
पूर्व उपमुख्यमंत्री पूर्व राज्यसभा सांसद दिवंगत सुशील मोदी को भाजपा कार्यालय में दी गई श्रद्धांजलि

पूर्णिया
आज वनभाग स्थित भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यालय मे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री पूर्व राज्यसभा सांसद दिवंगत श्री सुशील मोदी जी की श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पार्टी के जिला अध्यक्ष श्रीमान राकेश कुमार किशनगंज जिला अध्यक्ष सुशांत गोप, पूर्व जिला अध्यक्ष प्रफुल्ल रंजन वर्मा, परमानंद मंडल,तारा साह,पल्लवी गुप्ता, डॉक्टर संजीव कुमार डॉ अनिल गुप्ता ,ज्ञानेंदु शेखर,मनोज सिंह सीनियर,इंदू सिंह, दिलीप कुमार दीपक संजय मिर्धा किशोर जैसवाल,सचिन राय,अरविंद कुमार साह, राजीव श्रीवास्तव,राजेश यादव,सुनील भंसाली, प्रकाश दास, अभ्यम लाल, जिला मीडिया प्रभारी सत्यम श्रीवास्तव, शुभम अन्य ज्येष्ठ श्रेष्ठ कार्यकर्ता ने नम आँखो से श्रद्धांजलि अर्पित किए
16 को मनाया जाएगा राष्ट्रीय डेंगू दिवस

पूर्णिया
16 को मनाया जाएगा राष्ट्रीय डेंगू दिवस, होंगे जागरूकता संबंधी कई कार्यक्रम आयोजित -जागरूकता से ही खत्म होगा डेंगू, मच्छरों के प्रजनन को रोकना जरूरी -आसपास के माहौल का स्वच्छ व सुंदर बनाये रखना जरूरी -"कनेक्ट विथ कम्युनिटी, कंट्रोल डेंगू" है इस साल के डेंगू दिवस का थीम पूर्णिया, 13 मई ।


मच्छर के काटने से होने वाले रोगों में डेंगू बेहद खतरनाक रोग है। इस घातक बीमारी की वजह हर साल देश में हजारों लोगों की जानें जाती हैं । डेंगू के सबसे अधिक मामले बारिश के दिनों में सामने आते हैं। लिहाजा इस समय डेंगू से बचाव को लेकर ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत होती है। डेंगू के प्रति आम लोगों में जनजागरूकता बढ़ाने के लिये हर साल 16 मई को राष्ट्रीय स्तर पर डेंगू दिवस का आयोजन किया जाता है।



मौके पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न आयोजनों के माध्यम से लोगों को रोग से बचाव संबंधी उपायों के प्रति जागरूक किया जाता है। इस साल भी डेंगू दिवस के मौके पर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में जागरूकता गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को डेंगू से सुरक्षित रहने के लिए जागरूक करने के लिए अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम डॉ अशोक कुमार द्वारा सभी जिले के सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी और जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी को पत्र जारी कर राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने का निर्देश दिया गया है। इस वर्ष राष्ट्रीय डेंगू दिवस का थीम "कनेक्ट विथ कम्युनिटी, कंट्रोल डेंगू" रखा गया है। जागरूकता से ही खत्म होगा डेंगू, मच्छरों के प्रजनन को रोकना जरूरी : सिविल सर्जन डॉ ओपी साहा ने बताया कि डेंगू का लार्वा मुख्य रूप से जमे हुए साफ पानी में पैदा होता है। मानसून के शुरू होते ही लोगों को डेंगू से ग्रसित होने का संभावना बढ़ जाता है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा मानसून के शुरुआती समय में ही स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को इसके लिए जागरूक किया जाता है जिससे कि लोग डेंगू से सुरक्षित रह सकें।



इसके लिए लोगों को रोग के लक्षण, उपचार, प्रतिरोध व सावधानियों की जानकारी दी जाती है और इसके लक्षण दिखाई देने पर स्वास्थ्य केन्द्र से स्वस्थ सुविधा का लाभ लेने के लिए जागरूक किया जाता है। पत्र के माध्यम से डेंगू दिवस के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ अन्य विभागों को भी शामिल करने का निर्देश दिया गया है। इसमें पंचायत,नगर पालिका, नगर निगम को भी जोड़ा जाएगा इसके माध्यम से लोगों को डेंगू से सुरक्षा के लिए जागरूक किया जाएगा। आसपास के माहौल का स्वच्छ व सुंदर बनाये रखना जरूरी : जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल ने बताया कि भारत में हर साल डेंगू के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही और इनमें से कुछ की तो मृत्यु तक हो जाती है। डेंगू के बुखार को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है। जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। मच्छर के द्वारा संचारित होने वाला यह बुखार कभी-कभी घातक भी सिद्ध होता है। इसके तीव्र लक्षण कभी-कभी कुछ समय बाद देखे या महसूस किए जाते हैं। हालांकि यदि इसकी समय पर पहचान कर ली जाए तब इससे बचाव या उपचार करने में मदद भी मिल सकती है। अक्सर डेंगू के लक्षण सामान्य फ्लू या वायरल बुखार से मिलते जुलते लगते हैं। इसलिए निम्न लक्षणों के आधार पर इनकी पहचान कर ली जानी चाहिए और सही पहचान के लिए ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जागरूकता से डेंगू के मामलों को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। डेंगू के मच्छर आम मच्छर से अलग होते हैं जो दिन के रोशनी में काटते हैं। मच्छरों को आसपास पनपने से रोकने के लिये जरूरी है कि हम आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ व सुंदर बनाए रखना चाहिए। नियमित रूप से जलजमाव वाले क्षेत्रों की सफाई करना, एसी, कूलर, फूल का गमला व अन्य जगहों पर पानी जमा नहीं होने देना आदि रोग से बचाव के लिहाज से महत्वपूर्ण है। ये हैं




डेंगू के लक्षण: - तेज बुखार,मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द,सिर दर्द,आखों के पीछे दर्द, - जी मिचलाना,उल्टी,दस्त - त्वचा पर लाल रंग के दाने डेंगू से बचाव के लिए जरूरी : - घर में एवं घर के आसपास पानी एकत्र होने से रोकें। - साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखें। - यदि घर में बर्तनों आदि में पानी भर कर रखना है तो ढककर रखें। - कूलर, गमले आदि का पानी रोज बदलते रहें। - ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर के अधिकतम हिस्से को ढक सकें। - मच्छर रोधी क्रीम, स्प्रे, लिक्विड, इलेक्ट्रॉनिक बैट आदि का- प्रयोग मच्छरों के बचाव के लिए करें।
बिजली की लचर व्यवस्था पर भड़के विधायक विजय खेमका

पूर्णिया

पूर्णिया में बिजली आपूर्ति की लचर व्यवस्था उत्पन्न होने से उद्यमी को हो रही कठिनायों को शीघ्र दूर करने के लिए सदर विधायक विजय खेमका ने विभाग के एसी एवं कार्यपालक अभियंता से वार्तालाप किया | विधायक ने विभागीय अधिकारी से स्पष्ट कहा कि विद्युत आपूर्ति बाधित होने से कल कारखाने चलाने वाले उद्यमी भाइयों को काफी क्षति हो रही है, जो चिंताजनक है |


हाल के दिनों में पूर्णिया में लचर विद्युत् आपूर्ति के कारण बिजली उपभोक्ताओं को भारी कठिनाई हो रही है | विधायक श्री खेमका ने विभाग के अधिकारी को बिजली आपूर्ति व्यवस्था को शीघ्र दुरुस्त कर उपभोक्ता को सुविधा देने को कहा |



विधायक ने पूर्णिया को ज्यादा बिजली आपूर्ति हो इस सम्बन्ध में पटना स्थित विभाग के उच्च अधिकारी से भी बातचीत की | विधायक ने बिजली विभाग के अधिकारी से पूर्णिया के उद्यमी एवं उपभोक्ता तक बिजली आपूर्ति को अतिशीघ्र सामान्य बनाने को कहा |
विहिप व दुर्गा वाहिनी ने ली नवजात लावारिस शिशु की सुधि


पूर्णिया


विहिप व दुर्गा वाहिनी ने ली नवजात लावारिस शिशु की सुधि। डगरूआ प्रखंड के कोचैली ग्राम की एक निसहाय महिला ने रविवार को एक बच्चे को जन्म देते ही शरीर में खून की कमी होने के कारण स्वर्ग सिधार गई। नवजात शिशु का लालन-पालन करने वाला कोई सामने नहीं आया। उक्त जानकारी जब दुर्गा वाहिनी संयोजिका सुश्री प्रिया कुमारी को हुई तो उन्होंने विहिप के वरिष्ठ अधिकारियों से विचार-विमर्श कर बच्ची को देखने जाने का निर्णय लेकर कोचैली डगरूआ गई।



उस परिवार के लोगों ने अपनी व्यथा बताते हुए संयोजिका प्रिया कुमारी को बताया कि मेरी बहु बच्चे को जन्म देते ही मर गई। पैसे के अभाव में महिला का इलाज भी नहीं करा पाया। हमलोग मजदूरी कर जीवन यापन कर रहे हैं। इस बच्ची को पालना हमलोगों के लिए संभव नहीं है। कहां से दवा दारू और खाने पीने का इंतजाम कर पाऊंगा। संयोजिका प्रिया कुमारी ने बच्ची के नानी को बुलाकर कहा कि आप इस बच्ची को अपने घर गुलाब बाग ले चलिए। हम संगठन के लोग इस बच्ची का भरन पोषण का भार उठाऊंगी।



आश्वासन मिलने पर नानी ने विहिप जिला कोषाध्यक्ष श्री रंजन कुणाल एवं दुर्गा वाहिनी संयोजिका प्रिया कुमारी के सहयोग से उक्त बच्ची को सदर अस्पताल पूर्णिया लाकर बच्चा रोग डाक्टर से दिखाकर व ईलाज पर्ची बनाकर नानी के घर ले आई। समाज के लोगों ने विश्व हिन्दू परिषद् एवं दुर्गा वाहिनी के इस सराहनीय पहल के लिए भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए रंजन कुणाल एवं प्रिया कुमारी के प्रति आभार व्यक्त किया।इस सराहनीय समाजोपयोगी सेवा कार्य में विहिप के जिला उपाध्यक्ष श्री निलाभ रंजन झा, जिला सम्पर्क प्रमुख श्री मृत्युंजय महान एवं मातृशक्ति की मुन्नी देवी का सराहनीय योगदान रहा। जिन्होंने अस्पताल में रहकर नवजात का इलाज और भरन पोषण स्वयं के खर्च पर करने का आश्वासन दिया।
पति-पत्नी की फंदे से लटकी मिली लाश


पूर्णिया में घर के अलग-अलग कमरे में पति-पत्नी की फंदे से लटकी लाश मिली। दोनों की शादी 6 माह पहले अक्टूबर में हुई थी। रविवार को किसी बात को लेकर दोनों में विवाद हुआ था। जिसके बाद पति ने आत्महत्या कर ली। मृतक की मां के अनुसार जब पत्नी ने अपने पति की लाश देखी तो उसने भी खुद को कमरे में बंद कर आत्महत्या कर ली।


मरने से पहले कहा था जब मेरे पति ही इस दुनिया में नहीं रहे तो मैं जी कर क्या करूंगी। पति-पत्नी के बीच किस बात को लेकर विवाद हुआ था ये अभी तक क्लियर नहीं है। मृतकों की पहचान मीरगंज थाना क्षेत्र के बाघवा गांव निवासी रिशु कुमार और उसकी पत्नी रंजना उर्फ रंजू देवी के रूप में हुई है।


घटना की सूचना पर मीरगंज थाना की पुलिस और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। मामले की तहकीकात में जुट गई है। घटना मीरगंज थाना क्षेत्र के बघवा गांव की है। मृतक की बहन काजल ने बताया कि फोन पर देर रात सूचना मिली कि मेरे भाई और भाभी ने फंदे लटक कर खुदकुशी कर ली है। दोनों का शव अलग-अलग कमरे में लटक रहा था।


सूचना मिलते ही आज सुबह गांव पहुंची। मृतक के रिश्तेदार ने कहा कि रविवार सुबह पति-पत्नी के बीच घरेलू विवाद हुआ था। इसी बीच मां ने अपनी बहू को खाना बनाने के लिए कहा तो वो अपने कमरे में सो गई। हम लोग खेत में चले गए थे। पति-पत्नी घर में अकेले थे। शाम करीब 6 बजे घर लौटे तो बेटे को खोजा। कमरे में सो रही बहू को उठाया और बेटे को कमरे से बुलाने को कहा। बहू ने बंद कमरे की खिड़की से झांक कर देखा तो शव फंदे पर लटका था। मृतक की पत्नी शोर मचाने लगी। जब तक हम लोग दरवाजा तोड़ कमरे में पहुंचे, तक तक उसकी मौत हो चुकी थी। इसके बाद बहू अपने कमरे में चली गई और वह भी फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली।