आंगनबाड़ी सहायिका ने सीडीपीओ पर रिश्वत मांगने का लगाया आरोप
राममुरारी शुक्ला ,राजेपुर फर्रुखाबाद 16 मई। योगीराज में कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त हुई है। अराजक तत्वों ने कानून के खौफ से या तो अराजकता छोड़ दी है या फिर उन्होंने अपना ठिकाना जेल में बना रखा है।
परंतु नौकरशाही में जो भ्रष्टाचार पनप रहा है क्या उसके विरुद्ध भी योगी का हंटर चलेगा या फिर कर्मचारी अधिकारी और जनता भ्रष्टाचार के इस काले साये में अपना जीवन जीने के लिए मजबूर रहेगी। विकास खण्ड राजेपुर के ग्राम भुसेरा निवासी आंगनवाड़ी सहायिका नीलम देवी का पहले मानदेय रोका और उसके बाद मानदेय दिलाने के नाम पर सीडीपीओ ने पाँच हजार की घूस मांगी है।
इस संबंध मे नीलम देवी ने डी एम से इसकी शिकायत दर्ज कराई है।सहायिका नीलम देवी पत्नी शैलेन्द्र सिंह जनपद फर्रुखाबाद के गांव भुसेरा में बाल विकास विभाग मे आंगनबाडी सहायिका के पद पर कार्यरत है। नीलम देवी ने बताया कि 17 मई 2023 को तत्कालीन सीडीपीओ राजेपुर श्री संजय सचान व सुपरवाईजर श्रीमती सोना भदौरिया द्वारा आंगनबाडी केन्द्र का निरीक्षण किया गया था।
जिसमें निरीक्षण के दौरान नीलम देवी उपस्थित मिली थी।कुछ समय बाद नीलम देवी अपना मानदेय निकालने के लिए एस०बी०आई० शाखा अमृतपुर में गयी तो वहां पता चला कि उनका मानदेय रूका हुआ है। उन्होने इस सम्बन्ध में जिला कार्यक्रम अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया। लेकिन मानदेय नही मिला।
मानदेय के लिए परेशान नीलम देवी ने वर्तमान समय में तैनात सीडीपीओ नवीन चन्द्र यादव से अपनी समस्या बताई तो उन्होने मानदेय दिलाने के लिए पाँच हजार रुपये मांगे। सहायिका का कहना है उन्होने सीडीपीओ को पैसे दे दिये। इसके बाद आश्वासन मिला कि जनवरी 2024 मे आपका मानदेय आ जायेगा।लेकिन जब जनवरी के मानदेय मे पुराने मानदेय का भुगतान नही हुआ तो नीलम के पति ने सीडीपीओ से फोन पर जानकारी मांगी। परंतु अधिकारी ने नीलम के पति के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करना शुरू कर दिया।
जिसकी काल रिकार्डिंग नीलम के पास उपलब्ध है।अब इस संबंध मे डीएम के आदेश पर डीपीओ ने सीडीपीओ से कार्यालय मे उपस्थित होकर सबूतो के साथ लिखित जवाब मांगा है। अब देखना है कि क्या मात्र 4 हजार रुपये मानदेय पर कार्य करने वाली सहायिका को मानदेय का भुगतान हो सकेगा या फिर ऐसे भ्रस्ट सीडीपीओ के खिलाफ कोई सख्त कार्यवाही होगी।
May 17 2024, 10:27