मध्यप्रदेश के इंदौर में भीषण सड़क हादसा, डंपर से टकराई कार, 8 लोगों की मौत
इंदौर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे पर हुए भीषण सड़क हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई। बुधवार देर रात दो वाहनों की टक्कर के बाद आठ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक शख्स के घायल होने की खबर है। हादसे के बारे में मध्य प्रदेश पुलिस ने बताया कि इंदौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर घाटाबिल्लौद के पास एक जीप की अज्ञात वाहन से टक्कर हो गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) रूपेश कुमार द्विवेदी ने बताया, हादसे में आठ लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि एक अन्य व्यक्ति घायल है।
जानकारी के मुताबिक दर्दनाक सड़क हादसा इंदौर अहमदाबाद रोड पर बेटमा के समीप हुआ है। इसमे एक MP 43 BD 1005 नंबर की कार रोड पर खड़े डंपर में जा घुसी। आशंका है कि डंपर रेती से भरा हुआ था, क्योंकि घटना स्थल पर रेती बिखरी हुई है। हादसे में कार में सवार आठ लोगो की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि एक वृद्ध घायल है, जिसका नाम भोगों पिता दलसिंह सामने आया है। जानकारी मिली है कि ये लोग बाग टांडा से गुना जा रहे थे, तभी हादसे का शिकार हो गए।
घटना के बाद जिस वाहन से कार टकराई थी वो वाहन चालक भाग निकला। मृतक में शामिल एक शख्स कमलेश के पास से पुलिस का कार्ड भी मिला है। इसमें शिवपुरी में पोस्टिंग होने की बात सामने आई है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर अज्ञात वाहन की तलाश में जुटी है। उन्होंने बताया कि घायल व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। द्विवेदी ने बताया कि अज्ञात वाहन का चालक दुर्घटना के बाद घटनास्थल से फरार हो गया। आठ शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। उन्होंने बताया कि सड़क हादसे की विस्तृत जांच की जा रही है।






नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित से जमात-ए-इस्लामी से प्रतिबंध हटाने की मांग की है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र को जमात-ए-इस्लामी पर से प्रतिबंध हटा देना चाहिए ताकि संगठन जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में हिस्सा ले सके। इससे पहले दिन में, संगठन के पूर्व प्रमुख गुलाम कादिर वानी ने कहा था कि अगर केंद्र 2019 में संगठन पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा लेता है तो उनका संगठन विधानसभा चुनाव में भाग लेगा। उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के टंगमर्ग में चुनाव प्रचार के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वो केंद्रीय गृह मंत्री से आग्रह करते हैं कि जमात-ए-इस्लामी पर से फौरन प्रतिबंध को हटा लिया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी जो वो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से दूसरी पार्टियों या उम्मीदवारों के लिए काम करती है उसे भी चाहिए कि वो चुनावी मैदान में वह अपने उम्मीदवार उतारकर अपनी किस्मत आमाए। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मरकज से उनकी गुजारिश है कि जमात-ए-इस्लामी पर जो प्रतिबंध लगाया गया है उसे हटा देना चाहिए ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव जो जुलाई-अगस्त में होने हैं उसमें इस संगठन की तरफ से उनके अपने उम्मीदवार खड़े हो सकें। उन्होंने कहा कि कई बार खबरें ऐसी खबरें सामने आई हैं कि जमात-ए-इस्लामी ने कई उम्मीदवारों की या पार्टियों की मदद की है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जमात को आगे होवे वाले चुनावों में पूरे जोर के साथ हिस्सा लेना चाहिए। इससे पहले जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर के पूर्व प्रमुख गुलाम कादिर वानी ने भी बुधवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार 2019 में संगठन पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा देती है तो उनका संगठन आगामी विधानसभा चुनावों में भाग ले सकता है। श्रीनगर लोकसभा सीट पर बीते सोमवार को मतदान करने बाद वानी ने कहा था कि उनका संगठन लोकतांत्रिक प्रक्रिया में यकीन रखता है, और पहले हुए चुनावों में भी हिस्सा ले चुका है।



May 16 2024, 13:15
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