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May 08 2024, 12:01

हरियाणा में खतरे में बीजेपी सरकार? 3 निर्दलीय विधायकों ने बदला पाला*
#naib_saini_government_crisis_in_haryana

हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार से मंगलवार को तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया, जिसके बाद सरकार अल्पमत में आ गई।भाजपा की सरकार से अपना समर्थन वापस लेने वालों में दादरी से विधायक सोमबीर सांगवान, नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर और पुंडरी से निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन के नाम शामिल हैं। ये सभी विधायक पहले बीजेपी के साथ थे। अब इन्होंने कांग्रेस को अपना समर्थन दे दिया है। बताया जा रहा है कि भाजपा से नाराज तीनों निर्दलीय विधायकों के सरकार से समर्थन वापसी के पीछे विधानसभा चुनाव की टिकट है। तीनों ही विधायकों को इस बात का आभास हो गया था कि सरकार को समर्थन देने के बावूजद भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में उनको टिकट नहीं देगी। इसलिए विधानसभा चुनाव में अपनी टिकट पक्की करने के लिए तीनों ने सरकार से बागी होते हुए कांग्रेस में अपनी टिकट पक्की करने की कोशिश की है। *निर्दलीय विधायकों ने क्या कहा?* कांग्रेस को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों का कहना है कि बीजेपी सरकार की नीति जन विरोधी रही है। इसके कारण उन्होंने कांग्रेस को बाहरी समर्थन देने का फैसला किया। वह अब कांग्रेस का पूर्ण रूप से समर्थन देने का काम करेंगे। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदय भान ने कहा कि बीजेपी सरकार जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार चला रही थी, लेकिन आज बीजेपी की प्रदेश सरकार अल्पमत में है। प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए। उन्हें अब सरकार में रहने का कोई अधिकार नहीं है। पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि तीन निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया है। यह जन समर्थन में फैसला लिया गया है। कांग्रेस लगातार प्रदेश में मजबूत हो रही है। *अल्पमत में बीजेपी की सरकार* बता दें कि हरियाणा विधानसभा 90 विधायकों वाली विधानसभा है। फिलहाल विधानसभा में 88 विधायक हैं। इसमें से बीजेपी के 40, कांग्रेस के 30 और जेजेपी के 10 विधायक हैं। इनके अलावा हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) के एक और इनेलो के एक विधायक भी हैं। वहीं 6 निर्दलीय विधायक भी विधानसभा में हैं। इस समय बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन टूट चुका है। वहीं निर्दलीय विधायकों के सहारे सरकार चला रही बीजेपी की प्रदेश सरकार की मुश्किल बढ़ गई है। बीजेपी से नाराज चल रहे तीन निर्दलीय विधायकों के कांग्रेस को समर्थन देने से बीजेपी की प्रदेश सरकार अल्पमत में आ गई है। अब बीजेपी के पास 40 अपने विधायक और 3 अन्य विधायकों का साथ है। *ऐसे समझें पूरा गणित* मौजूदा विधानसभा : 88 सदस्य बहुमत का आंकड़ा : 45 सदस्य सरकार के साथ : 43 MLA बहुमत के लिए कमी : 2 MLA (बीजेपी के अपने विधायक 40 हैं। दो निर्दलीय और HLP का एक विधायक बीजेपी के साथ हैं) (जेजेपी के बागी विधायकों से सरकार को उम्मीद)

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May 08 2024, 11:35

*एअर इंडिया एक्सप्रेस की 70 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल, 300 केबिन क्रू कैसे पड़े बीमार?*
#air_india_express_cancels_flights_due_to_cabin_crew_shortage

एयर इंडिया एक्सप्रेस लगातार विवादों में बना हुआ है। इस बीच एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस से उड़ान भरने वाले लोगों के लिए बुधवार की सुबह बेहद परेशानियों वाली रही। इन दोनों एयरलाइंस ने अपनी 70 से अधिक फ्लाइट्स कैंसल कर दी।12 घंटे में 70 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल होने की वजह जानकर आप हैरान हो जाएंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार एयरलाइन के सीनियर क्रू मेंबर ने आखिरी मिनट पर ‘मास सिक लीव’ ले लिया।ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर एयरलाइंस के इतने सारे कर्मचारियों ने अचानक से छुट्टी क्यों ले ली। एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए कहा कि एयरलाइन के केबिन क्रू के एक ग्रुप ने कल रात अंतिम समय में बीमार होने की सूचना दी है, जिसकी वजह से उड़ान में देरी होने के साथ फ्लाइट कैंसल करनी पड़ी हैं। जबकि हम इन घटनाओं के पीछे के कारणों को समझने के लिए क्रू के साथ बातचीत कर रहे हैं। एयरलाइन टीमें सक्रिय रूप से इस इश्यू को देख रही है और समस्या को हल करने का प्रयास कर रही है। इसके आगे वह कहते हैं कि हम इसके लिए अपने मेहमानों से माफी मांगते हैं। रद्दीकरण से प्रभावित मेहमानों को पूर्ण धन-वापसी या किसी अन्य तिथि के लिए मानार्थ पुनर्निर्धारण की पेशकश की जाएगी। आज हमारे साथ उड़ान भरने वाले मेहमानों से अनुरोध है कि वे हवाई अड्डे पर जाने से पहले यह जांच लें कि उनकी उड़ान प्रभावित हुई है या नहीं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, एयरलाइंस के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सिक लीव ली है, जिनकी संख्या तकरीबन 300 बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि नए अपॉइंटमेंट नियमों के बाद प्रोटेस्ट देखने को मिल रहा है, जिसके नतीजतन कल तकरीबन 300 केबिन क्रू ने सिक लीव ली है। सूत्रों के मुताबिक, एअर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस में विलय होने वाला है, इसलिए दोनों एयरलाइंस के पायलट और केबिन क्रू को लग रहा है कि उनकी जॉब खतरे में है। इसलिए सभी लोग प्रोटेस्ट कर रहे हैं। बीती रात से यह प्रोटेस्ट बड़ा हो गया है, जिसके कारण 70 से ज्यादा फ्लाइट कैंसल हुई हैं। इनमें मिडल ईस्ट और गल्फ देशों की सबसे ज्यादा फ्लाइट शामिल हैं।

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May 08 2024, 10:50

लोकसभा चुनाव: तीसरे चरण में भी कम हुई वोटिंग, मात्र 64.58 फीसदी मतदान, यूपी में पड़े सबसे कम वोट

#loksabhaelections2024votingpercentageinthirdphase

लोकसभा चुनावों के तीसरे चरण में 11 राज्यों की 93 लोकसभा सीटों के लिए मंगलवार को वोटिंग हुई। चुनाव आयोग के मुताबिक तीसरे चरण में करीब 64.58% वोटिंग दर्ज की गई। इससे पहले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 66% मतदान रिकॉर्ड किया गया था। यहां पहले दो चरणों की तरह, तीसरे दौर में भी 2019 की तुलना में कम मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया।

चुनाव आयोग के वोटर टर्नआउट ऐप पर रात 11.45 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, इस चरण में असम में 81.7% के साथ सबसे अधिक मतदान हुआ। सबसे कम उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर मतदान हुआ, जहां 2019 में 60% के मुकाबले 57.3% मतदान हुआ। इसके बाद बिहार (58.2%) और गुजरात (59.2%) का स्थान रहा। गुजरात में सूरत को छोड़कर सभी सीटों पर मतदान हुआ। सूरत सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए। जबकि पश्चिम बंगाल की चार सीटों पर 75.8% मतदान हुआ, यह पांच साल पहले हुए 81.7% से बहुत कम था।

कहां कितने पड़े वोट?

• कुल मतदान- 64.58 प्रतिशत

• उत्तर प्रदेश- 57.34 प्रतिशत

• बिहार- 58.18 प्रतिशत

• गुजरात- 59.51 प्रतिशत

• महाराष्ट्र- 61.44 प्रतिशत

• मध्य प्रदेश- 66.05 प्रतिशत

• दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव- 69.87 प्रतिशत

• कर्नाटक- 70.41 प्रतिशत

• छत्तीसगढ़- 71.06 प्रतिशत

• गोवा- 75.20 प्रतिशत

• पश्चिम बंगाल- 76.52 प्रतिशत

• असम- 81.71 प्रतिशत

तीसरे चरण के समापन के साथ अब 20 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 283 संसदीय क्षेत्रों में मतदान समाप्त हो गया है। चुनाव विश्लेषकों का कहना है कि तीनों चरणों में यूपी और बिहार में मतदान प्रतिशत सबसे कम रहा। हालांकि तीसरे चरण में छत्तीसगढ़, कर्नाटक और गोवा में मतदान प्रतिशत में वृद्धि देखी गई।जबकि अगले चार चरण 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को होंगे। मतगणना चार जून को होगी।

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May 08 2024, 10:03

*एस्ट्राजेनेका का बड़ा फैसला, दुनियाभर से कोरोना वैक्सीन वापस मंगाई गई
#astrazeneca_withdrawing_corona_vaccine सुरक्षा को लेकर उपजे विवाद के बीच दिग्गज दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका ने अपनी कोरोना वैक्सीन को वापस लेनी शुरू की है।कंपनी ने कहा है कि वह दुनियाभर से अपनी वैक्सजेवरिया वैक्सीन को वापस मंगा रही है। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही फर्मास्‍यूटिकल कंपनी एस्‍ट्राजेनेका ने एक कोर्ट में वैक्‍सीन के खतरनाक साइड इफेक्‍ट की बात स्‍वीकार की थी। इसके बाद कंपनी की ओर से यह कदम उठाया गया है।हालांकि, इसके लिए एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन के साइड इफेक्ट का तर्क नहीं दिया है बल्कि मार्केट में आई अपडेटेड वैक्सीन का हवाला दिया। साथ ही साथ कंपनी का दावा है कि उसकी वैक्सीन की मांग कम हो गई है। दिग्‍गज दवा निर्माता कंपनी एस्‍ट्राजेनेका ने कुछ दिनों पहले ही ब्रिटेन की एक अदालत में कोरोना वैक्‍सीन के साइड इफेक्‍ट की बात स्‍वीकार की थी। 50 से ज्‍यादा लोगों ने एस्‍ट्राजेनेका की ओर से विकसित कोरोना वैक्‍सीन के साइड इफेक्‍ट को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। एस्‍ट्राजेनेका की वैक्‍सीन वैक्‍सजेव्रिया को लेकर सवाल उठाए गए थे। हालांकि, कंपनी का कहना है कि वैक्सजेव्रिया वैक्‍सीन का साइड इफेक्‍ट रेयर है। टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले दिनों में ब्रिटेन और दूसरे देशों में भी वैक्सीन को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले दिनों में ब्रिटेन और दूसरे देशों में भी वैक्सीन को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। टेलीग्राफ के अनुसार, वैक्सीन वापस लेने के लिए कंपनी का आवेदन 5 मार्च को किया गया था और 7 मई को प्रभावी हुआ। कंपनी ने यह भी कहा कि वह यूरोप के भीतर वैक्सीन वैक्सजेवरिया के मार्केटिंग ऑथराइजेशन को वापस लेने के लिए आगे बढ़ेगी। एस्ट्राजेनेका ने कहा, ‘चूंकि कई प्रकार की कोविड वैक्सीन विकसित की गई हैं इसलिए उपलब्ध अपडेटेड टीकों की संख्या अधिक है। इससे वैक्सजेवरिया वैक्सीन की मांग में गिरावट आई है। इसकी वजह से अब इसकी मैन्युफैक्चरिंग या सप्लाई नहीं की जा रही है। ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मास्यूटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका का यह कदम ऐसे वक्त सामने आया है, जब कंपनी ने बीते दिनों ही स्वीकार किया है कि कुछ मामलों में कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट सामने आए हैं और इसकी वजह से कुछ लोगों में थ्रंबोसिस थ्रंबोसाइटोपीनिया सिंड्रोम बीमारी के लक्षण देखे गए हैं, जिसमें लोगों में खून के थक्के जमने लग जाते हैं। एस्ट्राजेनेका कंपनी कोविड वैक्सीन को लेकर कई मुकदमों का सामना कर रही है। आरोप है कि कोविड वैक्सीन लगने के बाद कई लोगों की जान गई है। जैमी स्कॉट नामक एक व्यक्ति ने एस्ट्राजेनेका के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। स्कॉट का आरोप है कि वैक्सीन लेने के बाद उसके शरीर में खून के थक्के जमने की समस्या हुई और दिमाग में भी ब्लीडिंग हुई। इससे उसके मस्तिष्क को नुकसान हुआ। ऐसे ही कंपनी के खिलाफ 50 से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं। कंपनी ने भी कोर्ट में लिखित दस्तावेजों में स्वीकार किया कि कोरोना वैक्सीन के कुछ दुर्लभ मामलों में साइड इफेक्ट दिख सकते हैं। बता दें कि यूके स्थित फार्मा कंपनी ने भारत सरकार को वैक्सीन देने के लिए वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से हाथ मिलाया। सीरम इंस्टीट्यूट ने कोविशील्ड नाम से वैक्सीन का निर्माण किया। भारत में 80 फीसदी लोगों को कोरोना की कोविशील्ड वैक्सीन लगाई गई है। वैक्सीन के साइड इफेक्ट की बात सामने आने के बाद देश में कई सवाल खड़े किए गए और केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की गई। इस बीच पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें कोविशील्ड वैक्सीन के दुष्प्रभावों की जांच के लिए एक मेडिकल एक्सपर्ट पैनल बनाने का निर्देश जारी करने की मांग की गई।

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May 07 2024, 20:30

ममता सरकार को हाई कोर्ट से राहत, बंगाल शिक्षक भर्ती मामले में हाई तोक्ट के फैसले पर लगाई अंतरिम रोक
#west_bengal_teacher_recruitment_scam

पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। इसमें शीर्ष कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि सीबीआई अपनी जांच जारी रखे, लेकिन कर्मचारी-उम्मीदवारों पर कोई एक्शन न ले। कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस साल 22 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों की 25 हजार 753 नियुक्तियों को अवैध करार दे दिया था। साथ ही इन शिक्षकों को 7-8 साल के दौरान मिली सैलरी 12% इंटरेस्ट के साथ लौटाने के निर्देश भी दिए थे। इसके लिए कोर्ट ने 6 हफ्ते का समय दिया था।

बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द करने के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि जब भर्ती प्रक्रिया पर पहले से सवाल उठ रहे थे तो नई नियुक्तियां क्यों की गईं?

अदालत में वकील नीरज कौशल कौल ने पश्चिम बंगाल सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि शिक्षकों और छात्रों के अनुपात को देखकर ही भर्तियां की गईं थीं। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने भी 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति को अवैध नहीं कहा है। राज्य सरकार के दूसरे वकील जयदीप गुप्ता ने हाईकोर्ट के फैसले को गलत करार देते हुए कहा कि यह शीर्ष अदालत के ही फैसले के विपरीत है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द करने का फैसला हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने सवाल पूछा कि शिक्षक भर्ती से जुड़ी कॉपियां क्यों खत्म की गईं? जिसके जवाब में वकील ने कहा कि कॉपियां अब नहीं मिल सकती। सुप्रीम कोर्ट ने फिर पूछा का आखिर ऐसा कैसे हो सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोग अपना भरोसा खो देंगे।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले को व्यवस्थागत धोखाधड़ी बताया। कोर्ट ने कहा कि आज नौकरियों की कमी है। अगर जनता का भरोसा चला गया तो कुछ नहीं बचेगा। कोर्ट ने फटकार लगाते हुए यह भी कहा कि राज्य सरकार के पास यह दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है कि डेटा उसके अधिकारियों ने मेनटेन किया था और इसकी उपलब्धता के बारे में पूछा गया था। बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच सुनवाई कर रही है।

पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती को रद्द करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाई है। कहा है कि वैध और अवैध भर्तियों को अलग करने की जरूरत है। तौर-तरीके पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से तय किए जाएंगे। सिर्फ उन्हीं अभ्यर्थियों को वेतन लौटाने की जरूरत है, जिनकी भर्ती अवैध है, यह हमारे फैसले पर निर्भर करेगा। 16 जुलाई से मामले में रेगुलर सुनवाई होगी।

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May 07 2024, 20:22

ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत, बंगाल शिक्षक भर्ती मामले में हाई तोक्ट के फैसले पर लगाई अंतरिम रोक
#west_bengal_teacher_recruitment_scam


पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। इसमें शीर्ष कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि सीबीआई अपनी जांच जारी रखे, लेकिन कर्मचारी-उम्मीदवारों पर कोई एक्शन न ले। कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस साल 22 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों की 25 हजार 753 नियुक्तियों को अवैध करार दे दिया था। साथ ही इन शिक्षकों को 7-8 साल के दौरान मिली सैलरी 12% इंटरेस्ट के साथ लौटाने के निर्देश भी दिए थे। इसके लिए कोर्ट ने 6 हफ्ते का समय दिया था।

बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द करने के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि जब भर्ती प्रक्रिया पर पहले से सवाल उठ रहे थे तो नई नियुक्तियां क्यों की गईं?

अदालत में वकील नीरज कौशल कौल ने पश्चिम बंगाल सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि शिक्षकों और छात्रों के अनुपात को देखकर ही भर्तियां की गईं थीं। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने भी 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति को अवैध नहीं कहा है। राज्य सरकार के दूसरे वकील जयदीप गुप्ता ने हाईकोर्ट के फैसले को गलत करार देते हुए कहा कि यह शीर्ष अदालत के ही फैसले के विपरीत है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द करने का फैसला हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने सवाल पूछा कि शिक्षक भर्ती से जुड़ी कॉपियां क्यों खत्म की गईं? जिसके जवाब में वकील ने कहा कि कॉपियां अब नहीं मिल सकती। सुप्रीम कोर्ट ने फिर पूछा का आखिर ऐसा कैसे हो सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोग अपना भरोसा खो देंगे।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले को व्यवस्थागत धोखाधड़ी बताया। कोर्ट ने कहा कि आज नौकरियों की कमी है। अगर जनता का भरोसा चला गया तो कुछ नहीं बचेगा। कोर्ट ने फटकार लगाते हुए यह भी कहा कि राज्य सरकार के पास यह दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है कि डेटा उसके अधिकारियों ने मेनटेन किया था और इसकी उपलब्धता के बारे में पूछा गया था। बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच सुनवाई कर रही है।

पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती को रद्द करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाई है। कहा है कि वैध और अवैध भर्तियों को अलग करने की जरूरत है। तौर-तरीके पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से तय किए जाएंगे। सिर्फ उन्हीं अभ्यर्थियों को वेतन लौटाने की जरूरत है, जिनकी भर्ती अवैध है, यह हमारे फैसले पर निर्भर करेगा। 16 जुलाई से मामले में रेगुलर सुनवाई होगी।

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May 07 2024, 19:37

व्लादिमीर पुतिन ने बनाया रिकॉर्ड, फिर बने रूस के राष्ट्रपति, पांचवीं बार ली शपथ
#vladimir_putin_oath_as_russia_president_fifth_times


व्लादिमीर पुतिन ने पांचवी बार मॉस्को में राष्ट्रपति पद की शपथ ली। इसके साथ ही एक बार फिर रूस की कमान अपने हाथ में ले ली।राष्ट्रपति चुनाव के लिए रूस में 15 से 17 मार्च तक मतदान हुए थे। जिसके बाद 18 मार्च को चुनाव के नतीजे सामने आए थे, जिसमें पुतिन ने 87 प्रतिशत वोट हासिल कर एक बार फिर सत्ता हासिल की।दुनिया के सबसे दिग्गज और ताकतवर नेताओं में शुमार रूस के राष्ट्रपति के रूप में व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को क्रेमलिन में एक भव्य समारोह में अपना पांचवां कार्यकाल शुरू किया।जोसेफ स्टालिन के बाद क्रेमलिन के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले नेता के रूप में, पुतिन का नया कार्यकाल 2030 तक चलेगा।

शपथ ग्रहण के बाद समारोह को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि रूस का नेतृत्व करना एक पवित्र कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि इस कठिन अवधि के बाद रूस एक बार फिर मजबूती के साथ उभरेगा।  पुतिन ने कहा कि रूस अन्य देशों के साथ संबंध विकसित करने के लिए तैयार है। रूस को हर खतरे और चुनौती को मुहंतोड़ जबाव देने के लिए तैयार होना होगा।

राष्ट्रपति के तौर पर पांचवीं बार शपथ लेने के साथ ही पुतिन ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। पुतिन ने शपथ लेने के बाद पहले पहले ही संबोधन में स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि यह पश्चिमी देशों पर निर्भर है कि वह रूस से बातचीत करना चाहते हैं या फिर रूस के विकास में बाधा डालने की कोशिश करते हुए हमारे गुस्से का शिकार होना चाहते हैं। पुतिन ने पश्चिम का नाम लेकर अप्रत्यक्ष तौर पर नाटो को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हम पर दबाव डालना जारी रखा तो तबाही के लिए तैयार रहें।

पुतिन ने कहा कि यदि वे बातचीत करना चाहते हैं तो उसमें सुरक्षा और रणनीतिक स्थिरता जैसे मुद्दे शामिल होने चाहिए. जो भी बातचीत हो वो समान शर्तों पर होनी चाहिए और उसमें अहंकार और खुद को सुपीरियर मानने जैसा भाव नहीं होना चाहिए।

बता दें कि देश में जनमत संग्रह के जरिए तीन दिन तक मतदान की प्रक्रिया चली थी। मतदान सर्वेक्षक संस्था पब्लिक ओपिनियन फाउंडेशन (एफओएम) के एग्जिट पोल के मुताबिक, पुतिन ने 87.8% वोट हासिल किए। यह रूस के सोवियत इतिहास के बाद का सबसे बड़ा परिणाम है। रशियन पब्लिक ओपिनियन रिसर्च सेंटर (वीसीआईओएम) ने पुतिन को 87% पर रखा है। नतीजों के अनुसार, कम्युनिस्ट उम्मीदवार निकोलाई खारितोनोव दूसरे स्थान पर रहे। निकोलाई को महज 4% वोट ही मिले। वहीं नवागंतुक व्लादिस्लाव दावानकोव तीसरे और लियोनिद स्लतस्की चौथे स्थान पर रहे।

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May 07 2024, 19:10

छत्तीसगढ़ में तीसरे चरण की 7 लोकसभा सीटों में मतदान समाप्त, जानिए कहां कितने प्रतिशत पड़े वोट


रायपुर- छत्तीसगढ़ में तीसरे चरण के लिए 7 लोकसभा सीटों रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, दुर्ग, जांजगीर-चांपा और सरगुजा में आज मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. सुबह 7 बजे से शुरू हुई मतदान प्रक्रिया शाम 6 बजे ख़त्म हो गई. अब जो लोग पोलिंग बूथ में हैं, वही मतदान कर सकेंगे.

बता दें कि छत्तीसगढ़ की सभी सात लोकसभा सीटों में 168 प्रत्याशी मैदान पर हैं. इन लोकसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ 39 लाख 01 हजार 285 है. इस बीच चुनाव आयोग ने सुबह 1 बजे के आंकड़े जारी कर दिए हैं. निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार छतीसगढ़ की 7 सीटों पर अब तक 66.87 % मतदान हुआ है. अब तक बिलासपुर में सबसे कम 60.05 % मतदान हुआ है. वहीं सबसे ज्यादा 75.84 % मतदान रायगढ़ में हुआ है.

*जानिए कहां कितना प्रतिशत हुआ मतदान*

बिलासपुर लोकसभा – 60.05 %

दुर्ग लोकसभा – 67.33 %

जांजगीर चम्पा लोकसभा – 62.44 %

कोरबा लोकसभा – 70.60 %

रायगढ़ लोकसभा – 75.84 %

रायपुर लोकसभा – 61.25 %

सरगुजा लोकसभा – 74.17 %

*साल 2019 में लोकसभा चुनाव के मतदान प्रतिशत*

बिलासपुर लोकसभा – 64.36 %

दुर्ग लोकसभा – 71.68 %

जांजगीर चम्पा लोकसभा – 65.58 %

कोरबा लोकसभा – 75.28 %

रायगढ़ लोकसभा – 77.78 %

रायपुर लोकसभा – 66.00 %

सरगुजा लोकसभा – 77.30 %

*किस लोकसभा सीट में हैं कितने प्रत्याशी*

रायपुर – 38

बिलासपुर – 37

कोरबा – 27

दुर्ग – 25

रायगढ़ – 13

सरगुजा – 10

जांजगीर-चांपा – 18

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May 07 2024, 18:59

आईएएस पी दयानंद और बसवाराजू ने किया मतदान…


रायपुर- लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में रायपुर लोकसभा क्षेत्र के लिए हुए मतदान में मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानंद और आईएएस बसवाराजू ने भी अपनी भागादारी सुनिश्चित की. दोनों अधिकारियों देवेंद्र नगर के आदर्श मतदान केंद्र में अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

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May 07 2024, 18:58

कांग्रेस में होता है नारियों का अपमान, तंदूर कांड इनके ही नेता ने किया : CM साय

रायपुर/बगिया- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने गृह ग्राम बगिया में सपरिवार मतदान किया। मतदान के बाद पत्रकारों से चर्चा के दौरान सपा नेता रामगोपाल यादव द्वारा राम मंदिर के वास्तु शास्त्र पर सवाल उठाए जाने पर सीएम साय ने कहा कि ये राम विरोधी लोग हैं, जो कुछ भी बोलते हैं। इन्होंने तो राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण भी ठुकरा दिया था, तो इनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं। जबकि निमंत्रण किसी का भी हो उसे स्वीकार किया जाता है। उन्होंने कहा कि राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाले आज ऐसी बातें कर रहे हैं।

लालू यादव द्वारा मुस्लिमों को आरक्षण दिये जाने की मांग पर साय ने कहा कि लालू यादव जैसे लोगों की पार्टियां तुष्टीकरण की राजनीति करने के कारण ही अब विलुप्ति की कगार पर है।

कांग्रेस में राष्ट्रीय प्रवक्ता रही राधिका खेड़ा के उनके पार्टी के नेता द्वारा अपमान पर श्री साय ने कहा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है। जो बोलते हैं ठीक उसके विपरीत ये लोग करते हैं। ये नारी सम्मान की बात करते हैं, लेकिन कांग्रेस में हमेशा नारियों का अपमान हुआ है। महिला को काट-काट कर तंदूर में जलाने का काम भी कांग्रेसियों ने किया है। राष्ट्रीय प्रवक्ता होने के बावजूद भी राधिका खेड़ा को अपने ही घर कांग्रेस भवन में इतना प्रताड़ित किया गया की उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके देश दुनिया के सामने कांग्रेस का जो चरित्र है, उसे उजागर किया।

विष्णु देव साय ने कहा कि एक मुख्यमंत्री होने के नाते प्रदेश की 75 विधानसभाओं में 100 से अधिक चुनावी कार्यक्रमों में मैं शामिल हुआ। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने भी दौरे किए, साथ ही छत्तीसगढ़ भाजपा के बड़े नेताओं ने चुनावी सभाओं में शिरकत की। जहां जनता का अटूट विश्वास भारतीय जनता पार्टी के लिए दिखा एवं विशाल जनसैलाब उमड़ा। इसलिए मैं कह सकता हूं कि अभी तृतीय चरण का जो लोकसभा का चुनाव हो रहा है इसकी सातों सीट सहित सभी 11 सीटें भारतीय जनता पार्टी जीतेगी। उन्होंने 4 जून को भाजपा के सीटों की संख्या 400 पार होने की भी बात कही।