कांग्रेस में होता है नारियों का अपमान, तंदूर कांड इनके ही नेता ने किया : CM साय

रायपुर/बगिया- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने गृह ग्राम बगिया में सपरिवार मतदान किया। मतदान के बाद पत्रकारों से चर्चा के दौरान सपा नेता रामगोपाल यादव द्वारा राम मंदिर के वास्तु शास्त्र पर सवाल उठाए जाने पर सीएम साय ने कहा कि ये राम विरोधी लोग हैं, जो कुछ भी बोलते हैं। इन्होंने तो राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण भी ठुकरा दिया था, तो इनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं। जबकि निमंत्रण किसी का भी हो उसे स्वीकार किया जाता है। उन्होंने कहा कि राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाले आज ऐसी बातें कर रहे हैं।

लालू यादव द्वारा मुस्लिमों को आरक्षण दिये जाने की मांग पर साय ने कहा कि लालू यादव जैसे लोगों की पार्टियां तुष्टीकरण की राजनीति करने के कारण ही अब विलुप्ति की कगार पर है।

कांग्रेस में राष्ट्रीय प्रवक्ता रही राधिका खेड़ा के उनके पार्टी के नेता द्वारा अपमान पर श्री साय ने कहा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है। जो बोलते हैं ठीक उसके विपरीत ये लोग करते हैं। ये नारी सम्मान की बात करते हैं, लेकिन कांग्रेस में हमेशा नारियों का अपमान हुआ है। महिला को काट-काट कर तंदूर में जलाने का काम भी कांग्रेसियों ने किया है। राष्ट्रीय प्रवक्ता होने के बावजूद भी राधिका खेड़ा को अपने ही घर कांग्रेस भवन में इतना प्रताड़ित किया गया की उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके देश दुनिया के सामने कांग्रेस का जो चरित्र है, उसे उजागर किया।

विष्णु देव साय ने कहा कि एक मुख्यमंत्री होने के नाते प्रदेश की 75 विधानसभाओं में 100 से अधिक चुनावी कार्यक्रमों में मैं शामिल हुआ। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने भी दौरे किए, साथ ही छत्तीसगढ़ भाजपा के बड़े नेताओं ने चुनावी सभाओं में शिरकत की। जहां जनता का अटूट विश्वास भारतीय जनता पार्टी के लिए दिखा एवं विशाल जनसैलाब उमड़ा। इसलिए मैं कह सकता हूं कि अभी तृतीय चरण का जो लोकसभा का चुनाव हो रहा है इसकी सातों सीट सहित सभी 11 सीटें भारतीय जनता पार्टी जीतेगी। उन्होंने 4 जून को भाजपा के सीटों की संख्या 400 पार होने की भी बात कही।
लोकसभा चुनाव के बीच सोनिया गांधी का वीडियो मैसेज, कांग्रेस और इंडिया गठबंधन को बताया संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए समर्पित
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देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के बीच कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने देश की जनता के नाम संदेश जारी किया है।उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर देश की जनता से कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपील की है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को जनता से झूठ व नफरत फैलाने वालों को खारिज करने और सभी के लिए ‘अधिक समान और उज्ज्वल’ भविष्य सुनिश्चित करने के वास्ते कांग्रेस को वोट देने की अपील की। उन्होंने वीडियो संदेश में कहा, ‘हाथ’ (कांग्रेस का चुनाव चिह्न) का बटन दबाएं’ आइए मिलकर शांति और सद्भाव के साथ सभी के लिए एक मजबूत व अधिक एकजुट भारत का निर्माण करें।”

सोनिया अपने वीडियो में बीजेपी पर भी हमलावर नजर आईं।उन्होंने कहा कि  आज देश के हर कोने में युवाओं को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है, महिलाओं को अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है, दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यकों को भयानक भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। यह माहौल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की मंशा के कारण है । उनका ध्यान केवल किसी भी कीमत पर सत्ता हासिल करने पर है। उन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए नफरत को बढ़ावा दिया है।

कांग्रेस से राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी और मैंने हमेशा सभी की प्रगति, वंचितों को न्याय और देश को मजबूत करने के लिए लड़ाई लड़ी है। कांग्रेस और इंडिया गठबंधन संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए समर्पित है। सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए कांग्रेस को वोट दें और साथ मिलकर एक मजबूत भारत का निर्माण करें।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि युवा बेरोजगारी की दर, महिलाओं के खिलाफ अपराध और दलितों, आदिवासियों व अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने दावा किया कि ये चुनौतियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा की ‘नीयत और नीति’ से उपजी हैं, जिनका लक्ष्य समावेशिता और संवाद को खारिज करते हुए सत्ता हासिल करना है।

सोनिया गांधी ने कहा, ‘हमारा संविधान और लोकतंत्र के खतरे में होने, गरीबों को पीछे छोड़ दिए जाने और हमारे समाज के ताने-बाने को कमजोर किए जाने का दृश्य मुझे पीड़ा से भर देता है।’ उन्होंने कहा, ‘आज मैं एक बार फिर आपका समर्थन मांगती हूं। हमारे ‘न्याय पत्र’ (घोषणापत्र) और गारंटी का उद्देश्य हमारे देश को एकजुट करना और भारत के गरीबों, युवाओं, महिलाओं, किसानों, श्रमिकों और वंचित समुदायों के लिए काम करना है।
सुनीता विलियम्स के तीसरे अंतरिक्ष मिशन की लॉन्चिंग टली, जानें क्यों रोकी गई उड़ान
#sunita_williams_boeing_third_space_mission_called_off भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स ने दुनियाभर में अपनी खास पहचान बनाई है। सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में रिकॉर्ड 322 दिन बिता चुकी हैं और उनके पास सबसे ज्यादा घंटे तक स्पेसवॉक करने वाली महिला वैज्ञानिक होने का रिकॉर्ड है। सुनीता नासा (NASA) की तरफ से पहले दो बार स्पेस मिशन के लिए अंतरिक्ष की यात्रा कर चुकी हैं। अब अपने तीसरे स्पेस मिशन पर अंतरिक्ष जाने की तैयारी में थी।सुनीता विलियम्स की तीसरी अंतरिक्ष यात्रा टल गई है। दरअसल तकनीकी खराबी के चलते उड़ान भरने से 90 मिनट पहले मिशन को रोकने का फैसला किया गया।

सुनीता विलियम्स मंगलवार को तीसरी बार अंतरिक्ष यात्रा पर जाने वाली थीं। सुनीता बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्षयान से फ्लोरिडा के कैप कॉर्निवाल स्थित केनेडी स्पेस सेंटर से भारतीय समय के अनुसार, सुबह 8.04 बजे उड़ान भरने वाली थीं। हालांकि उड़ान भरने से 90 मिनट पहले वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष यान के ऑक्सीजन वाल्व में तकनीकी खामी का पता चला, जिसके चलते उड़ान को रोक दिया गया। सुनीता विलियम्स के साथ नासा के वैज्ञानिक बैरी विल्मोर भी बोइंग के अंतरिक्षयान से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन जाने वाले थे।


सुनीता विलियम्स इससे पहले अब तक दो बार अंतरिक्ष की यात्रा कर चुकी हैं. इससे पहले वो 2006 और 2012 में अंतरिक्ष जा चुकी हैं।नासा के मुताबिक, उन्होंने अंतरिक्ष में कुल 322 दिन बिताए हैं। 2006 में सुनीता ने अंतरिक्ष में 195 दिन और 2012 में 127 दिन बिताए थे।पहली यात्रा के दौरान उन्होंने चार बार स्पेस वॉक की थी। 2012 के मिशन की खास बात ये थी कि सुनीता ने तीन बार स्पेस वॉक की थी।सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष की यात्रा करने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं। उनसे पहले कल्पना चावला अंतरिक्ष जा चुकी थीं।
केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर नहीं हुआ कोई फैसला, सुप्रीम कोर्ट की ओर से कोई आदेश नहीं
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दिल्ली शराब घोटाले में जेल में बंद दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई, लेकिन सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच बिना कोई आदेश दिए उठ गई।इस मामले में कोर्ट की ओर से कोई आदेश नहीं जारी किया गया और सुनवाई 9 मई या अगले हफ्ते में पूरी होगी।केजरीवाल ने कोर्ट में अंतरिम जमानत देने की मांग की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए 3 मई को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा था कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार किया जा सकता है।

आज सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं। सुप्रीम कोर्ट ने तमाम दलीलें सुनने के बाद 2ः30 बजे सीएम केजरीवाल पर फैसला सुनाने की बात कही थी। मगर आखिरी समय में सुप्रीम कोर्ट की बेंच बिना फैसला सुनाए ही उठ गई। अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत आज खत्म हो गई थी और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके अंतरिम जमानत की अर्जी डाली थी। वहीं सीएम की रिहाई के खिलाफ ईडी के वकील ने भी कई दलीलें पेश की, जिसके बाद कोर्ट इस नतीजे पर पहुंची है।

मामले की सुनवाई के दौरान ईडी ने कोर्ट को बताया कि अरविंद केजरीवाल साल 2022 में गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान 7 स्टार ग्रैंड हयात होटल में ठहरे थे और होटल के बिल का भुगतान चनप्रीत सिंह द्वारा किया गया था। चनप्रीत सिंह पर आरोप है कि गोवा चुनाव में आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार के लिए उन्हें ही कथित तौर पर फंड मिला था। ईडी के वकील एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि 'यह राजनीति से प्रेरित मामला नहीं है। हम इस मामले में हो रही राजनीति को लेकर चिंतित नहीं हैं, लेकिन हमारी चिंता सबूतों को लेकर है। शुरुआत में अरविंद केजरीवाल पर हमारा फोकस नहीं था और न ही ईडी केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई का विचार कर रही थी, लेकिन जैसे जैसे जांच आगे बढ़ी तो केजरीवाल की भूमिका साफ हो गई।'

जमानत पर सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि लोकसभा चुनाव चल रहा है। यह एक असाधारण मामला है। केजरीवाल चुने हुए मुख्यमंत्री हैं। वह किसी अन्य मामले में शामिल नहीं हैं। एसजी तुषार मेहता ने कहा कि कृपया मामले को पूरा सुनें। हम क्या उदाहरण स्थापित कर रहे हैं। वह एक मुख्यमंत्री हैं और प्रचार करना चाहते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कैंपेन से कोई नुकसान नहीं है। एसजी ने कहा कि अगर एक किसान को अपने खेत की देखभाल करनी है और एक किराना दुकान के मालिक को अपनी दुकान पर जाना है तो एक मुख्यमंत्री को आम आदमी से अलग कैसे माना जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक लोगों के साथ अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम केस की मेरिट पर नहीं जा रहे हैं, सिर्फ अंतरिम जमानत पर दलील रखिए. ये लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक कार्यकारी को लेकर है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हमने फैसला सुरक्षित रखा तो उसे सुनाना भी पड़ेगा। यदि हम फिर से याचिका स्वीकार करने का निर्णय लेते हैं तो चुनाव प्रचार का यह दौर चला जाएगा।

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अगर अदालत हमें अंतरिम जमानत का जवाब देने के लिए कहती है तो इस अदालत को उनकी भूमिका पर सुनवाई करनी चाहिए। अगर वह प्रचार नहीं करेंगे तो आसमान नहीं गिर जाएगा। सिर्फ इसलिए कि उनके पास समय खत्म हो रहा है। एसजी ने कहा कि हम राजधानी के सीएम के साथ काम कर रहे हैं और वह 6 महीने तक समन से बचते रहे हैं। कृपया कोई अपवाद न बनाएं, क्योंकि यह एक वास्तविक आम आदमी को हतोत्साहित करेगा।

अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सीएम को जमानत देने की तरफ इशारा किया था। कोर्ट ने सीएम केजरीवाल के वकील से पूछा कि जमानत मिलने के बाद केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय का कोई काम नहीं करेंगे। इसपर सीएम के वकील ने हलफनामा दायर करके कोर्ट की शर्त पूरी करने की गारंटी दी थी। ऐसे में कोर्ट ने 2ः30 बजे फैसला सुनाने की बात कही। मगर अब सुप्रीम कोर्ट की बेंच बिना फैसला सुनाए ही उठ गई। सीएम की याचिका पर अगली सुनवाई 9 मई को होगी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत पर एससी में चल रही सुनवाई




दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दी जाए या नहीं, सुप्रीम कोर्ट आज इस बात पर विचार कर रहा है. अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश हुए एएसजी एसवी राजू ने दलीलें रखीं. एएसजी राजू ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मनीष सिसोदिया की जमानत रद्द होने के बाद 1100 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई है. इस पर जस्टिस खन्ना ने पूछा कि अपराध की आय 100 करोड़ थी.. यह 2-3 सालों में 1100 करोड़ कैसे हो गई. यह रिटर्न की एक अभूतपूर्व दर होगी.

जस्टिस खन्ना की इस टिप्पणी पर एएसजी राजू ने कहा कि 590 करोड़ थोक व्यापारी का मुनाफा है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंतर लगभग 338 करोड़ था और यह पूरी चीज अपराध की आय नहीं हो सकती. इसके बाद ईडी की ओर से एएसजी राजू ने कहा कि जब हमने जांच शुरू की तो हमारी जांच सीधे तौर पर उनके (अरविंद केजरीवाल) खिलाफ नहीं थी. जांच के दौरान उनकी भूमिका सामने आई. इसीलिए शुरुआत में उनके बारे में एक भी सवाल नहीं पूछा गया. जांच उन पर केंद्रित नहीं थी. मामले में दोनों ओर से जिरह और सुनवाई जारी है।
तानाशाह कौन ? वायरल हुआ पीएम मोदी और सीएम ममता का एक जैसा वीडियो, दो गुटों में बंट गया सोशल मीडिया










सोशल मीडिया पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का वीडियो साझा करने पर एक पूर्व ट्विटर यूज़र को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देने वाला कोलकाता पुलिस का ट्वीट हटा दिया गया है। पुलिस के ट्वीट के बाद कई यूजर्स ने इसे शेयर किया और वीडियो शेयर न करने की चेतावनी देते हुए कहा कि बंगाल पुलिस आपके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। हालांकि, ट्वीट वायरल होते ही कोलकाता पुलिस ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। लेकिन, इसी बीच एक दिलचस्प घटनाक्रम हुआ। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी ठीक वैसा ही एक वीडियो सामने आया, जैसा सीएम ममता बनर्जी का था।

वीडियो देखने के बाद पीएम मोदी ने न सिर्फ इसे अपने अकाउंट से शेयर किया बल्कि इसे मनोरंजक, सोशल मीडिया यूजर्स को प्रभावित करने वाला और क्रिएटिविटी को प्रोत्साहित करने वाला भी बताया। पीएम मोदी और बंगाल पुलिस की प्रतिक्रियाओं में इस विरोधाभास ने एक नई बहस छेड़ दी कि, असली तानाशाह कौन है? लोग कह रहे हैं कि, ममता बनर्जी द्वारा पीएम मोदी पर तानाशाह होने के लगाए गए आरोप उनके संबंधित राज्यों में ऐसे वीडियो की प्रतिक्रिया को देखते हुए पाखंडी नज़र आते हैं। दरअसल, ममता बनर्जी का वीडियो शेयर करने वाले यूज़र को टैग करते हुए कोलकाता पुलिस ने कहा था कि, आप फ़ौरन अपनी पहचान उजागर करें, नाम और एड्रेस के साथ, आप पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। वहीं, पीएम मोदी ने इस क्रिएटिविटी की तारीफ की, और कहा कि, मुझे भी खुद को नाचते देखकर अच्छा लगा.   


इसके बाद सोशल मीडिया पर एक जोरदार बहस छिड़ गई, जिसमें पीएम मोदी की तुलना की गई, जो ऐसे वीडियो को मजाकिया मानते हैं और उन्हें साझा करते हैं, जबकि ममता सरकार, जो उन्हें कानून और व्यवस्था के लिए खतरा मानती है, और महत्वपूर्ण ट्वीट हटा देती है। दरअसल, पीएम मोदी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने ऊपर लगे तानाशाही के आरोपों पर बात की. उन्होंने कहा कि जहां कुछ लोग उनकी और उनके परिवार की रोजाना आलोचना करते हैं, वहीं जब वे जवाब देते हैं तो उन्हें तानाशाह करार दिया जाता है। उन्होंने यह निर्धारित करने के लिए वैज्ञानिक विश्लेषण का सुझाव दिया कि 100 पॉइंट बनाकर एक वैज्ञानिक विश्लेषण किया जाए, फिर बताया जाए कि, कांग्रेस और भाजपा में से कौन तानाशाही में लगा हुआ है।


इसके अलावा, पीएम मोदी ने मुस्लिम समुदाय के बीच भाजपा के खिलाफ नफरत पैदा करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने मुसलमानों को भाजपा कार्यालयों में जाने और उनके कामकाज का निरीक्षण करने के लिए प्रोत्साहित किया। पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी समाज को डर में नहीं रहना चाहिए, बंधुआ मजदूर की तरह नहीं रहना चाहिए।  उन्होंने मुस्लिम समुदाय से निराधार धमकियों से नहीं डरने का आग्रह किया। पीएम मोदी के खिलाफ तानाशाही के आरोपों के विपरीत, ऐसा प्रतीत होता है कि जो लोग उनका विरोध करते हैं वे तानाशाही प्रथाओं का सहारा ले रहे हैं, असहमति को दबा रहे हैं और आलोचकों के खिलाफ हिंसा का सहारा ले रहे हैं।


हाल की घटनाएं, जिनमें उद्धव ठाकरे का कार्टून साझा करने पर एक पूर्व नौसेना अधिकारी पर हमला होना और सोनिया गांधी के बारे में बोले जाने पर पुलिस ने एक पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया था, और हाल में ये ममता बनर्जी की आलोचना से जुड़ा मामला है, जिसमे पुलिस ने यूज़र को कार्रवाई की चेतावनी दी थी। ये उदाहरण, असहमति की आवाजों के प्रति असहिष्णुता को उजागर करते हैं। तानाशाही का सही अर्थ समझने के लिए, आपातकाल जैसे ऐतिहासिक उदाहरणों को देखने की जरूरत है, जब सत्ता बनाए रखने और विपक्ष को दबाने के लिए मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था।
वोटिंग के बीच बड़ा खेला, भाजपा को लगा तगड़ा झटका, इस दिग्गज ने छोड़ा कमल का साथ





लोकसभा चुनाव के तहत तीसरे चरण का मतदान शुरू हो चुका है। मगर इसी बीच हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बड़ा झटका लगा है। हरियाणा भाजपा सरकार के पूर्व सिंचाई मंत्री नरेंद्र शर्मा ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया है। वहीं आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह की मौजूदगी में उन्होंने ‘आप’ से हाथ मिला लिया है।
मतदान केंद्र पहुंचते ही PM मोदी ने सबसे पहले इस शख्स के छुए पैर, भावुक हुए लोग, पीएम ने मीडिया से भी कहा, अपनी सेहत का रखें ध्यान








देश की 11 राज्यों की 93 सीटों पर आज यानी मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए वोट डाले जा रहे हैं. इसमें गुजरात की 25 सीटें भी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के अहमदाबाद में वोट डाला. पीएम मोदी सुबह सात बजे मतदान शुरू होने के कुछ ही देर बाद अहमदाबाद शहर के रानिप इलाके में स्थित निशान पब्लिक स्कूल में बनाए गए मतदान केंद्र पर पहुंचे और अपना वोट डाला. पीएम मोदी जब मतदान केंद्र पहुंचे तो उन्होंने सबसे पहले एक बुजुर्ग शख्स का पैर छुआ. कौन है वो शख्स, आइए जानते हैं.

वोटिंग सेंटर पर अमित शाह के अलावा पीएम मोदी के बड़े भाई सोमाभाई मोदी मौजूद थे. मतदान केंद्र पर पहुंचते ही पीएम मोदी ने उनका पैर छुआ. सोमभाई पीएम मोदी के सबसे बड़े भाई हैं. वह हेल्थ डिपार्टमेंट में कार्यरत थे और अब रिटायर हो चुके हैं. सोमाभाई के बाद अमृतभाई मोदी हैं. इनके बाद नंबर आता है पीएम मोदी का. पीएम मोदी प्रह्रलाद और पंकज से बड़े हैं.


पीएम मोदी इससे पहले 2022 गुजरात विधानसभा चुनाव में जब वोट डाले थे तब भी उन्होंने सोमाभाई से मुलाकात की थी. पीएम मोदी के बाद उन्होंने भी वोट डाला था. तब मीडिया से बात करते हुए सोमाभाई भावुक हो गए थे. उन्होंने कहा था कि मैंने पीएम मोदी से कहा कि आप देश के लिए बहुत मेहनत करते हैं, मैं इतना कहना चाहूंगा कि उनको परिश्रम करते देखना अच्छा लगता है.

वोट डालने के बाद पीएम मोदी ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा, ‘आज तीसरे चरण का मतदान है. हमारे देश में ‘दान’ का बहुत महत्व है और उसी भावना से देशवासियों को ज्यादा से ज्यादा वोट करना चाहिए. 4 चरण की वोटिंग बाकी है. यह एकमात्र स्थान है जहां मैं नियमित रूप से मतदान करता हूं और अमित शाह भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में यहां से चुनाव लड़ रहे हैं.


प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया से कहा, इस गर्मी में आप लोग दिन रात दौरा कर रहे हैं. आप अपनी सेहत की चिंता करें. मीडिया में कंपीटशन है. आप लोगों को समय से आगे दौड़ना पड़ता है. उन्होंने कहा कि आज तीसरे चरण का मतदान है, मैं देशवासियों को आग्रह करूंगा कि लोकतंत्र में मतदान सामान्य दान नहीं है. हमारे देश में दान का एक महत्व है. देशवासी ज्यादा से ज्यादा मतदान करें. यही जगह है जहां मैं रेगुलर मतदान करता हूं. मैं कल रात को आंध्र से आया हूं. अभी गुजरता में हूं. मध्य प्रदेश जाना है. तेलंगाना भी जाना है.
मुसलमानों को पूरा आरक्षण मिलना चाहिए...पढ़िए, वोटिंग के बीच किस नेता ने खेल दिया ये बड़ा दांव







बिहार में तीसरे चरण की वोटिंग के बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने आरक्षण की बात कहकर चुनावी माहौल को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को आरक्षण मिलना चाहिए. लालू यादव ने कहा, 'वोट हमारे तरफ जा रहा है .. बीजेपी वाले डर गए है कि लोगों को सिर्फ भड़का रहे हैं. बीजेपी वाले संविधान को खत्म करना चाहते हैं. जनता समझ गई है बीजेपी को .. आरक्षण तो मिलना चाहिए मुसलमानों को पूरा.'

लालू यादव ने कहा, 'बहुत अच्छा वोटिंग हो रही है. हर तरफ बड़ी-बड़ी लाइनें लगी हुई हैं. हमारे पक्ष में सारा वोटिंग हो रहा है.  बीजेपी वाले भड़का रहे हैं क्योंकि वो डर गए हैं. आरक्षण का प्रावधान है... वो तो लोकतंत्र और संविधान को खत्म करना चाहते हैं. ये बात जनता समझ चुकी है.' लालू प्रसाद यादव के बयान के बीच मुस्लिम आरक्षण को लेकर लोजपा नेता चिराग पासवान का भी बयान सामने आया है, उन्होंने कहा, 'लोग कहते हैं कि पीएम मोदी मुद्दे की बात नहीं करते हैं, यह भी तो मुद्दे की बात नहीं करते हैं. हर चीज में हिंदू-मुस्लिम आरक्षण खत्म हो जाएगा, संविधान खत्म होने की बात करते हैं. किसने बोला आरक्षण खत्म हो जाएगा, संविधान खत्म हो जाएगा, किसने बोला कि लोकतंत्र खतरे में है. जिन लोगों ने सही मायने में देश में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या की, वह लोग लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं.यह लोगों को डराकर वोट हासिल करना चाहते हैं 2015 में भी इसी तरह से आरक्षण खत्म करने की बात कह कर हो-हल्ला मचाया था, एक तरफा चुनाव कर लिया था. मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं, गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं, वह संविधान को खत्म करने का प्रयास करेंगे'



आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना में एक जनसभा को संबोधित करते हुए  कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों पर धर्म के आधार पर आरक्षण देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और अन्य वंचित समूहों को मिलने वाले आरक्षण को धर्म के आधार पर मुसलमानों को नहीं देने देंगे.

उन्होंने दावा किया कि जब तेलंगाना की 26 जातियां ओबीसी स्टेटस की मांग कर रही हैं, कांग्रेस ने इनकी मांग पर गौर नहीं किया और रातोरात मुस्लिमों को ओबीसी कैटेगरी में शामिल कर दिया. पीएम मोदी ने तल्ख अंदाज में कहा- कांग्रेस वाले सुन लें, उनके चट्ट-बट्टे सुन लें, उनकी पूरी जमात सुन ले कि जब तक मोदी जिंदा है, दलितों का, एससी-एसटी और ओबीसी का आरक्षण धर्म के आधार पर मुसलमानों को नहीं देने दूंगा.



पीएम मोदी और बीजेपी पिछले कुछ समय से अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम समाज से संवाद की रणनीति पर चल रहे थे. 'स्नेह यात्रा', 'न दूरी है न खाई है, मोदी हमारा भाई है' जैसे अभियानों के जरिए बीजेपी मुस्लिम वर्ग के बीच अपनी सियासी जमीन तैयार करने की कवायद में थी. चुनाव प्रचार जैसे-जैसे परवान चढ़ता गया, बीजेपी और पीएम मोदी ने अपनी रणनीति बदल ली. अब सवाल ये भी उठ रहे हैं कि पीएम मोदी खुलकर मुस्लिम आरक्षण के विरोध में क्यों उतर आए? इसके पीछे बीजेपी की रणनीति जातिगत जनगणना और आरक्षण विरोधी ठहराने की विपक्षी कोशिशों की धार कुंद करने की है.
दोपहर एक बजे तक देशभर में 40 फीसदी वोटिंग, बंगाल में सबसे ज्यादा, तो महाराष्ट्र में सबसे कम मतदान

#lok_sabha_elections_2024_phase_3_voting

लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण में आज 11 राज्यों की 93 सीटों पर मतदान जारी है।मतदान का समय सुबह 7:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक है।हालांकि, कुछ लोकसभा सीटों पर मतदान शाम 4 बजे खत्म हो जाएगा।देश में दोपहर एक बजे तक 39.92 फीसदी मतदान हुआ है।

किस राज्य में कितना मतदान (प्रतिशत में)

असम - 45.88

यूपी- 38.12

कर्नाटक- 41.59

गुजरात- 37.83

गोवा- 49.04

छत्तीसगढ़- 46.14

दादरा और नगर हवेली व दमन-दीव- 39.94

पश्चिम बंगाल- 49.27

बिहार- 36.69

एमपी- 44.67

महाराष्ट्र-31.55