एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के इलाज में आवश्यक सहयोग कर रहा एआरटी सेंटर
एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के इलाज में आवश्यक सहयोग कर रहा एआरटी सेंटर पिछले चार साल से एचआईवी मरीजों के निःशुल्क इलाज के लिए केएनपी प्लस द्वारा किया गया सम्मानित - पूर्णिया एआरटी सेंटर से 2488 एचआईवी मरीजों का हो रहा इलाज - पूर्णिया के साथ साथ आसपास के जिलों से भी उपलब्ध होते हैं एचआईवी मरीज - एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को शारीरिक सुरक्षा के लिए दवा सेवन आवश्यक - एचआईवी संक्रमित व्यक्ति और उनके बच्चों को प्रदान किया जाता है सहायता राशि - एचआईवी के लक्षण दिखाई देने पर कराएं जांच पूर्णिया, 06 मई एड्स एक गंभीर और संक्रामक बीमारी है, इसकी चपेट में आने पर संक्रमित व्यक्ति जीवनभर इससे उबर नहीं सकते हैं। लेकिन अगर संक्रमित व्यक्ति समय पर इसकी पहचान करते हुए इसका इलाज शुरू करते हैं तो वे सामान्य रूप से अपना जीवनयापन कर सकते हैं। एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को स्वास्थ्य विभाग से जोड़ते हुए उन्हें नियमित इलाज सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एचआईवी से पीड़ित लोगों का राष्ट्रीय गठबंधन (एंसीपीआई प्लस) के अंतर्गत कार्यरत संस्था एचआईवी एड्स से पीड़ित लोगों के लिए कटिहार नेटवर्क (केएनपी प्लस) द्वारा एआरटी सेंटर पूर्णिया के चिकित्सा अधिकारी डॉ सौरभ कुमार को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। केएनपी+ राज्य/जिले में एचआईवी लोगों के समुदाय के समग्र विकास के लिए काम करता है और समुदाय को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करता है। संस्था के द्वारा डॉ सौरभ कुमार को राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में संचालित एआरटी सेंटर के माध्यम से पिछले चार साल से पूर्णिया जिला के साथ साथ आसपास के जिलों के एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की इलाज और सहयोग प्रदान करने के लिए धन्यवाद ज्ञापन पत्र सौंपा गया है। इस दौरान एआरटी सेंटर चिकित्सा अधिकारी डॉ सौरभ कुमार के साथ डीपीएम एड्स सोनिक प्रकाश, केएनपी प्लस प्रोग्राम डायरेक्टर सोनी कुमारी, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर अरुण कुमार झा, केएनपी प्लस जिला स्वास्थ्य प्रवर्तक मुकुल कुमार चौधरी, एआरटी सेंटर काउंसेलर प्रीति कुमारी, एचआईवी एसटीडीसी संतन कुमार के साथ केएनपी प्लस प्रखंड स्वास्थ्य प्रवर्तक मनोरंजन कुमार, अरविंद कुमार, जितेंद्र कुमार, सोनी देवी और रूपेश कुमार उपस्थित रहे। पूर्णिया एआरटी सेंटर से 2488 एचआईवी मरीजों का हो रहा इलाज : मेडिकल कॉलेज एआरटी सेंटर के चिकित्सा अधिकारी डॉ. सौरभ कुमार ने बताया कि दिसंबर 2019 से मेडिकल कॉलेज में एचआईवी संक्रमण से सुरक्षा के लिए एआरटी सेंटर संचालित किया जा रहा है। जिसमें पूर्णिया जिला के साथ साथ आसपास के जिलों के बहुत से लोगों का इलाज किया जा रहा है। इन सभी लोगों को जिसमें महिला, पुरुष व बच्चे शामिल हैं। उन्हें एआरटी सेंटर द्वारा एड्स से सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक दवा उपलब्ध कराई जाती है। डॉ. सौरभ ने बताया कि वर्तमान में एआरटी सेंटर में एचआईवी पॉजिटिव के कुल 2710 मरीज रजिस्टर हैं। इसमें से 2488 मरीजों को एड्स कंट्रोल के लिए एआरटी सेंटर द्वारा आवश्यक दवा उपलब्ध कराई जाती है। शेष अन्य लोगों में से कुछ लोगों की मृत्यु हो गई है तो कुछ लोगों द्वारा कहीं अन्य जगह से इलाज कराया जा रहा है। एआरटी सेंटर से इलाज करवाने वाले लोगों में से सिर्फ पूर्णिया जिले के 1393 एड्स संक्रमित मरीज शामिल हैं। इसके अलावा एआरटी सेंटर पूर्णिया से अररिया के 653 मरीज, किशनगंज के 445 मरीज, मधेपुरा के 67 मरीज, सुपौल के 20 मरीज, दरभंगा के 02 मरीज, कटिहार के 43 मरीज, खगड़िया के 05 मरीज, सीतामढ़ी के 01 मरीज, भागलपुर के 02 मरीज के साथ अन्य क्षेत्रों के 15 मरीज का इलाज सुविधा उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्ति को सामान्य व्यक्ति की तरह जीवनयापन करने के लिए हर दिन एड्स नियंत्रण के लिए दिए गए दवा का सेवन करना आवश्यक है। दवा सेवन करने से चुकने पर व्यक्ति एचआईवी के अगले स्टेज में पहुँच सकते और उनका जान जोखिम में पड़ सकता है। इसलिए लोगों को एचआईवी पॉजिटिव होने पर तत्काल उनके लिए एआरटी सेंटर पर जांच करा कर अपनी दवाओं का सेवन करना चाहिए। एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को शारीरिक सुरक्षा के लिए दवा सेवन आवश्यक : जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (सीडीओ) डॉ कृष्ण मोहन दास ने बताया कि एचआईवी संक्रमित होने पर लोग इससे पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो सकते लेकिन अगर समय पर इसकी पहचान कर लें तो इसे कंट्रोल किया जा सकता है। एचआईवी पॉजिटिव होने पर लोगों को इससे सुरक्षा के लिए आवश्यक दवा का पूरा जीवन सेवन करना आवश्यक है। इससे लोग एड्स जैसी गंभीर स्थिति से सुरक्षित रह सकते हैं। इसके साथ ही एचआईवी की पहचान होने और आवश्यक इलाज कराने पर संक्रमित व्यक्ति और उनके बच्चों को सरकार द्वारा सहायता राशि भी प्रदान की जाती है। सरकार द्वारा 18 वर्ष से कम उम्र के एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति या उनके बच्चे को परवरिश योजना के तहत 1000 रुपये प्रतिमाह दिया जाता है। 18 वर्ष से अधिक उम्र के एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को बिहार शताब्दी योजना के तहत 1500 रुपये प्रतिमाह का पोषण भत्ता दिया जाता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को पूरी तरह जांच करने और इसके बाद पूरा जीवन संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक दवाओं का उपयोग करना आवश्यक है। डॉ दास ने बताया कि वर्तमान में पूर्णिया एआरटी सेंटर से इलाजरत 1200 एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को शताब्दी योजना के तहत और 950 एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के बच्चों को परवरिश योजना के तहत मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को सरकार द्वारा श्रम योजना के तहत एकमुश्त 25 हजार रुपए का सहयोगी राशि भी प्रदान किया जाता है। एआरटी सेंटर पूर्णिया से 04 एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को श्रम योजना के तहत सहयोगी राशि उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू किया गया है। विभागीय अनुमति के बाद बहुत जल्द ही संबंधित मरीज को सहयोगी राशि प्रदान किया जाएगा। एचआईवी के लक्षण दिखाई देने पर कराएं जांच : प्रभारी सिविल सर्जन डॉ ओ पी साहा ने बताया कि असुरक्षित यौन संबंध बनाने, नशीली दवाओं का सेवन करना और सुई या सिरिंज साझा करना, एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के खून से सामान्य व्यक्ति का खून मिलने से लोग एचआईवी पॉजिटिव हो सकते हैं। लगातार बुखार, खांसी, वजन कम होना, दस्त होना आदि एचआईवी होने के लक्षण हो सकते हैं। ऐसा होने पर लोगों को एचआईवी जांच करवानी चाहिए। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर तत्काल एआरटी सेंटर से सम्पर्क कर अपना नियमित इलाज करवाना चाहिए।
May 07 2024, 09:41