रॉबर्ट वाड्रा, प्रियंका गांधी को हाशिये पर डाल रहा है राहुल गाँधी खेमा - बीजेपी
किशोरी लाल शर्मा द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए अमेठी से नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके "शिविर" ने उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा और बहनोई को हाशिये पर डाल दिया है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा कि यूपी शहर में लोकप्रियता का दावा करने के बाद भी "राहुल गांधी खेमे" ने अमेठी सीट के लिए रॉबर्ट वड्रा की अनदेखी की।अमित मालवीय ने कहा कि प्रियंका गांधी वड्रा जल्द ही कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर सकती हैं।
"रॉबर्ट वाड्रा , जिन्होंने अमेठी में अपार लोकप्रियता का दावा किया बावजूद इसके इस सीट के लिए उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया । यह स्पष्ट है कि राहुल गांधी खेमा कांग्रेस में प्रियंका वाड्रा और उनके पति दोनों को व्यवस्थित रूप से हाशिए पर डाल रहा है। उन्होंने शनिवार सुबह एक्स पर लिखा।
रॉबर्ट वाड्रा ने क्या कहा था?
पिछले महीने रॉबर्ट वाड्रा ने दावा किया था कि वह अमेठी में लोकप्रिय हैं। उन्होंने कहा कि देश चाहता है कि वह सक्रिय राजनीति में रहें। जहां तक सक्रिय राजनीति में मेरी भूमिका का सवाल है, जब मैंने लोगों के लिए काम किया है तो उन्होंने मुझे हमेशा मजबूत किया है...देश चाहता है कि मैं सक्रिय राजनीति में रहूं। अगर कांग्रेस पार्टी को लगेगा कि मैं बदलाव ला सकता हूं तो मैं सक्रिय राजनीति में आऊंगा। यह जरूरी नहीं है कि मैं अमेठी से चुनाव लड़ूंगा, मैं मोरादाबाद और हरियाणा से भी चुनाव लड़ सकता हूं।" समाचार एजेंसी एएनआई ने वाड्रा के हवाले से कहा।
रॉबर्ट वाड्रा की टिप्पणी से अटकलें शुरू हो गई थीं कि वह कांग्रेस पार्टी के पूर्व गढ़ अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। राहुल गांधी ने लोकसभा में तीन बार अमेठी का प्रतिनिधित्व किया। हालांकि, 2019 में वह बीजेपी की स्मृति ईरानी से सीट हार गए। राहुल गांधी ने कांग्रेस के एक अन्य गढ़ रायबरेली से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है, जिसे उनकी मां सोनिया गांधी ने खाली किया था।
इस बीच पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दावा किया कि प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ साजिश रची जा रही है।उन्होंने एएनआई से कहा, "राहुल गांधी अगर अमेठी से चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे तो उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ना चाहिए था।"सोनिया गांधी के सीट छोड़ने के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी।










दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के मुताबिक, सिसोदिया हफ्ते में एक दिन अपनी बीमार पत्नी से मुलाकात कर सकते हैं. इस दौरान वो कस्टडी में ही रहेंगे। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका पर ईडी-सीबीआई से जवाब मांगा है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 8 मई को होगी। दरअसल, राउज एवेन्यू कोर्ट ने 30 अप्रैल को उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने सिसोदिया की ईडी और सीबीआई दोनों ही मामलों में जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट में सिसोदिया ने राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। बता दें कि दें कि राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दूसरी बार सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, इसी मामले के फैसले को लेकर मनीष सिसोदिया ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जानकारी दे दें कि मनीष सिसोदिया ने एक अर्जी दायर कर मांग की थी कि उनकी जमानत याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान, ट्रायल कोर्ट के आदेश को जारी रखा जाए, जिसमें उन्हें सप्ताह में एक बार अपनी बीमार पत्नी से मिलने की इजाजत मिली थी। इस मामले पर ईडी की ओर से कहा गया कि अगर ट्रायल कोर्ट का आदेश जारी रहता है तो जांच एजेंसी को कोई आपत्ति नहीं है। मनीष सिसोदिया की ओर से वकील ने पहले हाईकोर्ट में कहा कि सिसोदिया को निचली अदालत ने अपनी बीमार पत्नी से मुलाक़ात के लिए हफ्ते में एक दिन की कस्टडी परोल दी थी लेकिन सिसोदिया की ज़मानत अर्जी खारिज होने के बाद वो पत्नी से नहीं मिल पा रहे है। जब तक उनकी ज़मानत अर्जी दिल्ली हाईकोर्ट में पेंडिंग है, तब तक उन्हें एक दिन की कस्टडी परोल जारी रहने की इजाज़त होनी चाहिए। बता दें कि दिल्ली शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई ने पिछले साल 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।दिल्ली शराब घोटाला मामले में तिहाड़ में बंद सिसोदिया ने कुछ दिन पहले जेल से चिट्ठी लिखी थी। उसमें उन्होंने ये उम्मीद जताई दी थी कि वो जल्द जेल से बाहर आएंगे। सिसोदिया ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि अंग्रेजों को भी अपनी सत्ता का बहुत घमंड था। अंग्रेज भी झूठे आरोप लगाकर लोगों को जेल में बंद करते थे। अंग्रेजों ने गांधी-मंडेला को भी जेल में डाला। अंग्रेज शासकों की तानाशाही के बावजूद आजादी का सपना साकार हुआ।
May 04 2024, 12:52
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