गोल्डी बराड़ की हत्या की खबरों से अमेरिका का इनकार, जानें क्या है सच्चाई
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सिद्धू मूसेवाला के मर्डर का मास्टरमाइंड गोल्डी बराड़ जिंदा है। भारत के मोस्ट वांडेट आतंकी गोल्डी बराड़ की हत्या की खबरों को अमेरिका ने गलत बताया है। बुधवार को सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड की साजिश रचने के आरोपित आतंकी गोल्डी बराड़ की अमेरिका में हत्या की खबरें आई। हालांकि,इन खबरों पर देर रात विराम लग गया।अमेरिका में कैलिफोर्निया के फ्रेस्नो पुलिस विभाग ने गोल्डी बराड़ के मारे जाने की खबरों का खंडन किया। पुलिस ने बताया कि हत्या तो हुई है, लेकिन गोल्डी बराड़ की नहीं। बल्कि, हूबहू उसकी तरह दिखने वाले अफ्रीकी शख्स की।
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बुधवार यानी 1 मई को यह खबर आग की तरह फैल गई कि मोस्ट वांटेड गैंगस्टर गोल्डी बराड़ की अमेरिका में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। हालांकि कोई आधिकारिक पुष्टि न होने की वजह से यह महज दावा करार दिया गया। अब इस दावे की पुष्टि हो गई है। गोल्डी की जगह अमेरिका में एक अफ्रीकी शख्स की हत्या हुई है।
बताया जा रहा है कि कि अमेरिका के फेयरमोंट और होल्ट एवेन्यू में मंगलवार शाम 5:25 बजे अफ्रीकी लोगों के दो समूहों के बीच लड़ाई हुई थी। इस लड़ाई के दौरान जो शख्स नीचे गिरा उसने खुद को बचाने के लिए तमंचे से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस घटना में दो लोगों के पेट और सीने में गोली लगी और उनकी मौत हो गई। इनमें से मारा गया एक शख्स गोल्डी बराड़ जैसा दिखता था, इसलिए वहां से गुजर रहे एक पंजाबी ने अफवाह फैला दी कि गोल्डी बराड़ की हत्या हो गई है।
बता दें, गोल्डी बराड़ मूल रूप से पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब का रहने वाला है। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद उसका नाम मीडिया में चर्चा में है। 29 मई 2022 को पंजाब के मानसा जिले के जवाहरके गांव के पास पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या की जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ ने ली थी। बराड़ के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर रखा था। गोल्डी बराड़ कनाडा के ब्रैम्पटन में रह रहा था लेकिन भारत सरकार द्वारा आतंकवादी घोषित कर दिए जाने के बाद वह कनाडा से भाग गया। खबर है कि गोल्डी इन दिनों अमेरिका में छिपकर रह रहा है। गोल्डी बराड़ खालिस्तानी आतंकवादी समूह बब्बर खालसा से जुड़ा है। गोल्डी बराड़ शार्प-शूटरों की आपूर्ति के अलावा सीमा पार से गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री की तस्करी के अलावा हत्या करने के सभी सामानों की आपूर्ति करता था।






उत्तर प्रदेश की रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीट पर नामांकन की प्रक्रिया शुरू है और पर्चा भरने की अंतिम तारीख तीन मई है। बीजेपी की तरफ से स्मृति ईरानी ने अमेठी सीट से नामांकन भी दाखिल कर दिया है। कांग्रेस से दोनों सीट पर चेहरा कौन होगा, इसका फैसला पार्टी अभी तक नहीं ले सकी है। अमेठी और रायबरेली क्षेत्र गांधी परिवार की परंपरागत सीट मानी जाती है, जिस पर चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस में सस्पेंस बना हुआ है। नामांकन के लिए अब बस 2 ही दिन रह गए। ऐसे में जिले में कांग्रेस कैंप में हलचल तेज हो गई है। उम्मीद की जा रही है कि प्रत्याशी के नाम का एलान गुरुवार दोपहर तक हर हाल में हो जाएगा। उत्तर प्रदेश की अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट पर पांचवें चरण के तहत 20 मई को वोटिंग होगी। सभी की नजर अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस उम्मीदवार की घोषणा पर टिकी है। माना जा रहा है कि अगले 24-30 घंटे में इन दोनों सीटों पर उम्मीदवारों का एलान कांग्रेस पार्टी कर सकती है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि कोई भी डरा हुआ नहीं है। कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति ने पार्टी अध्यक्ष को अमेठी और रायबरेली सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने का अधिकार दे दिया है। अगले कुछ घंटों में मल्लिकार्जुन खड़गे नाम पर फैसला लेंगे और एलान भी कर देंगे। माना जा रहा था कि अमेठी से राहुल गांधी व रायबरेली से प्रियंका लड़ सकती हैं। मौके-बे-मौके कांग्रेस नेताओं ने भी यही दावे किए। चर्चा हुई कि वायनाड चुनाव के बाद राहुल व प्रियंका के नाम की घोषणा होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एक दिन अचानक अमेठी में पोस्टर लग गए कि अमेठी मांगे रॉबर्ट वाड्रा। तब चर्चा हुई शायद रॉबर्ट वाड्रा चुनाव लडेंगे, फिर से चर्चा बदली कि राहुल ही आएंगे। इसके बाद फिर एकाएक चर्चा हुई कि अमेठी से प्रियंका व रायबरेली से राहुल गांधी मैदान में आएंगे, लेकिन अब इन चर्चाओं पर भी विराम लगता दिख रहा है। अब सियासी गलियारों में यह चर्चा आम हो रही है कि अमेठी व रायबरेली से गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ेगा। बता दें कि अमेठी लोकसभा सीट पर गांधी परिवार के संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी तक सांसद रहे. लंबे समय तक यहां पर कांग्रेस का ही दबदबा रहा है। अब भी यहां की पहचान गांधी परिवार के रूप में ही होती है, लेकिन अमेठी से ज्यादा रायबरेली सीट गांधी परिवार के लिए ज्यादा अहम मानी जा रही है। मोदी लहर में अमेठी सीट कांग्रेस ने गंवा दी थी, लेकिन रायबरेली का दुर्ग बचा रहा।
सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं की शादी को लेकर अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंदू विवाह एक संस्कार है, जिसे भारतीय समाज में पवित्र संस्था का दर्जा हासिल है। यह नाचने गाने का आयोजन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा, हिंदू विवाह को वैध बनाने के लिए इसे उचित संस्कारों व रीतियों के साथ किया जाना चाहिए।मैरिज सर्टिफिकेट होने से शादी नहीं मानी जा सकती, जब तक सात फेरों के प्रमाण न हों। अदालत ने यह टिप्पणियां एक पत्नी की याचिका पर सुनवाई के दौरान की। महिला ने तलाक कार्रवाई के ट्रांसफर की मांग की है। मुकदमा जारी रहते हुए ही, पति और पत्नी ने संयुक्त रूप से यह घोषणा कर दी कि उनकी शादी वैध नहीं है। दावा किया कि उन्होंने कोई विवाह नहीं किया है क्योंकि उन्होंने कोई रीति-रिवाज, संस्कार या अनुष्ठान नहीं किया है। हालांकि, कुछ परिस्थितियों और दबावों के कारण उन्हें शादी का रजिस्ट्रेशन कराना पड़ा। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह की बेंच ने एक अहम फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के आधार पर एक ऐसी शादी को रद्द कर दिया है, जिसमें मैरिज सर्टिफिकेट पर पति-पत्नी के हस्ताक्षर तो थे, लेकिन दोनों के बीच विवाह की कोई रस्म नहीं हुई थी। दोनों की शादी का रजिस्ट्रेशन घर वालों ने ‘किसी वजह से’ करा दिया था, लेकिन अब उस कपल ने सुप्रीम कोर्ट से शादी को रद्द करने की गुहार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस शादी में मैरिज सर्टिफिकेट तो बन गया है, क्योंकि उसके लिए अपील की गई थी, लेकिन शादी की प्रक्रिया ही नहीं पूरी की गई, ऐसे में इस शादी का कोई आधार ही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने मैरिज सर्टिफिकेट को खारिज करते हुए दोनों की शादी को रद्द कर दिया।कोर्ट ने दर्ज किए मुकदमों को भी रद्द कर दिया। *“सिर्फ रजिस्ट्रेशन कराने से शादी वैध नहीं हो जाती”* सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि युवाओं को विवाह से पहले संस्था की पवित्रता ध्यान में रखनी चाहिए। अदालत ने कहा कि हिंदू विवाह एक संस्कार है जिसकी अपनी पवित्रता है। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, शादी कोई 'नाच-गाने' और 'खाने-पीने' का आयोजन नहीं है। अदालत ने कहा कि सिर्फ रजिस्ट्रेशन कराने से शादी वैध नहीं हो जाती। विवाह पूर्ण होने के लिए सभी रिवाजों (मंत्रोच्चार, सप्तपदी इत्यादि) का पालन जरूरी है। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि सभी जोड़ों को हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 7 में बताए गए प्रचलित रीति-रिवाजों और समारोहों में सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। वर और वधू सभी रीति-रिवाज पूरे करें, यह शादी कराने वाले पुजारी का भी दायित्व है। *“युवा जानें भारतीय समाज में विवाह कितना पवित्र”* पीठ ने कहा, यदि हिंदू विवाह रीति-रिवाज के अनुसार नहीं किया गया है, तो पंजीकरण नहीं हो सकता। वैध हिंदू विवाह के अभाव में पंजीकरण अधिकारी अधिनियम की धारा 8 के प्रावधानों के तहत ऐसी शादी को पंजीकृत नहीं कर सकता। शीर्ष कोर्ट ने कहा, युवा पुरुषों व महिलाओं से आग्रह है, वे विवाह करने से पहले गहराई से जानें कि भारतीय समाज में विवाह कितना पवित्र है।

May 02 2024, 11:03
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