समंदर में बढ़ी भारत की ताकत, सुपरसोनिक मिसाइल 'SMART' का सफल परीक्षण, दुश्मन की पनडुब्बियों पर टूटेगा काल बनकर
#smart_03_missile_successfully_tested
देश की ताकत में हुआ इजाफा
दुश्मन देशों की नींद उड़ाने को तैयार
जमीन से हवा में प्रहार करने के लिए स्मार्ट 3 मिसाइल तैयार
समुद्र में दुश्मन की पनडुब्बियों का खात्मा आसान
अपनी ताकत बढ़ने में लगे भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। डीआरडीओ ने आज ओडिशा के तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड से सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (SMART) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। बुधवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सुपरसोनिक मिसाइल सिस्टम ने उड़ान भरी। आज जैसे ही इस मिसाइल को जमीन से हवा की ओर उड़ाया गया। यह मिसाइल अपने लक्ष्य को या फिर टारगेट को ध्वस्त करने में कामयाब रहा।यह अगली पीढ़ी का मिसाइल सिस्टम है, जो लाइटवेट टॉरपीडो डिलीवरी सिस्टम पर आधारित है। इसे डीआरडीओ द्वारा ही डिजाइन और विकसित किया गया है।
यह मिसाइल बैलिस्टिक मिसाइल को उनके उड़ान पथ के माध्यम में रोकने के लिए हिट टू कील का इनेटिक कील वाहन का उपयोग करता है। पहले इस मिसाइल को पानी जहाज में तैनात के लिए बनाया गया था। आज इसका परीक्षण जमीन से हवा के लिए किया गया है। आज इसके परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा अंतरिम परीक्षण परिषद (आइटीआर) से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों और वैज्ञानिकों का दल मौके पर मौजूद था। इस मिसाइल को बहुत घातक मिसाइल बताया गया है।
इस मिसाइल सिस्टम के आ जाने से समुद्र में दुश्मन की पनडुब्बियों का खात्मा आसान हो जाएगा और भारत की समुद्री सीमाएँ और भी सुरक्षित हो जाएंगी।SMART मिसाइल सिस्टम की खासियत यह है कि यह सुपरसोनिक गति से दुश्मन की पनडुब्बी का पता लगाकर उसे नष्ट कर सकती है. इस मिसाइल में एक टॉरपीडो लगा होता है जो पानी के अंदर जाकर दुश्मन की पनडुब्बी को तबाह कर देता है। यह मिसाइल दुश्मनों के किसी भी मिसाइल को बीच रास्ते में ही मार गिराने की ताकत रखता है।
पनडुब्बी रोधी युद्ध में यह मिसाइल सिस्टम बेहद अहम है। यह मिसाइल लंबी दूरी के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। SMART मिसाइल को युद्धक जहाज के साथ ही तटीय इलाकों से भी लॉन्च किया जा सकता है। यह मिसाइल अपनी अधिकांश उड़ान कम ऊंचाई पर हवा में पूरी करती है और अपने लक्ष्य के नजदीक जाकर मिसाइल से टॉरपीडो रिलीज होकर पानी के भीतर लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।
बता दें कि भारत इसी महीने के अंत तक आधा दर्जन से ज्यादा नए और पुराने मिसाइल का जिसमें बैलिस्टिक सीरीज की और क्रूज सीरीज की मिसाइल शामिल हैं, परीक्षण करने वाला है। कई पुराने मिसाइल में आधुनिकरण किया गया है तो कई ऐसी नई मिसाइलें शामिल हैं जिनका पहला परीक्षण होगा। यानी आने वाले वक्त में बारतीय सेना की ताकत में अभूतपूर्व इज़ाफ़ा होने वाला है।







केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो मामले ने सियासी पारे को बढ़ाने का काम किया है। दिल्ली पुलिस इस मामले में लगातार एक्शन में है।पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट ने इस मामले में 8 राज्यों के 16 लोगों को समन भेजा है। फर्जी वीडियो मामले में पुलिस ने तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी को भी तलब किया है। इस बीच कांग्रेस ने अमित शाह से बड़ा सवाल किया है। कांग्रेस ने पूछा है कि पूर्व में जब राहुल गांधी के कई फर्जी वीडियो बनाए गए और वायरल किए गए तो क्या कार्रवाई की थी। *राहुल गांधी के फर्जी वीडियो मामले में क्या कार्रवाई हुई-खेड़ा* कांग्रेस ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पूछा कि अतीत में जब राहुल गांधी के कई फर्जी वीडियो बनाए गए और सोशल मीडिया पर फैलाए गए तो उन्होंने क्या कार्रवाई की। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिन लोगों ने पूर्व में राहुल गांधी के ऐसे कई फर्जी वीडियो बनाए थे, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? कई कैबिनेट मंत्रियों ने राहुल गांधी के फर्जी वीडियो शेयर किए थे। ऐसे फर्जी वीडियो साझा करने वाले कैबिनेट मंत्रियों पर आप कब कार्रवाई करेंगे? *बीजेपी और कांग्रेस के लिए कानून अलग-अलग क्यों-खेड़ा* पवन खेड़ा ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस के लिए कानून अलग-अलग क्यों है? उन्होंने आगे कहा कि अपने डीप-फेक वीडियो के मामले में कार्रवाई करने के बजाय अमित शाह बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों के मन में डर पैदा कर रहे हैं क्योंकि भाजपा को एहसास हो गया है कि वह आम चुनाव हार जाएगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एडिटेड वीडियो मामले में जांच तेज हो गई। दिल्ली पुलिस इस मामले में लगातार एक्शन में है।बडे़ पैमाने पर जांच शुरू की गई है। पुलिस की जांच का दायरा कई राज्यों तक फैल गया है. एडिटेड वीडियो की जांच के लिए झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, नागालैंड के लिए दिल्ली पुलिस की अलग- अलग टीमें भेजी गई हैं। पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट ने इस मामले में 8 राज्यों के 16 लोगों को समन भेजा है। सभी को आज आईएफएसओ यूनिट में पेश होना है।फर्जी वीडियो मामले में पुलिस ने तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी को भी तलब किया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पुलिस कहना है कि फर्जी वीडियो को एक्स पर डालने वाले 25 से ज्यादा लोगों के नाम सामने आ चुके हैं। इनमें ज्यादातर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हैं। 16 लोगों को भेजे गए समन में से 6 लोग तेलंगाना कांग्रेस के सदस्य हैं, जिनमें मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी शामिल हैं। पुलिस ने सभी को संबंधित दस्तावेज और सबूत के तौर पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (मोबाइल-लैपटॉप) लाने को कहा है। रेवंत रेड्डी के अलावा समाजवादी पार्टी नेता, झारखंड और नगालैंड के 2 कांग्रेस नेता। असम के 3 अपोजिशन लीडर को नोटिस भेजा गया है। दिल्ली पुलिस ने अपनी टीमों को झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और नगालैंड में जांच के लिए भेजा है। आईएफएसओ की टीम सोशल मीडिया के सभी माध्यमों को देखकर यह पता करने की कोशिश कर रही है कि 27 अप्रैल से किन-किन राज्यों में किन लोगों ने अब तक एक्स पर वीडियो पोस्ट किया है। पुलिस फर्जी वीडियो पोस्ट करने वालों की पहचान व नोटिस भेजने की कार्रवाई में जुटी हुई है। *क्या है अमित शाह का डीपफेक वीडियो मामला?* 27 अप्रैल को सोशल मीडिया पर अमित शाह का एक फेक वीडियो वायरल हुआ। इसे तेलंगाना कांग्रेस और सीएम रेवंत रेड्डी ने शेयर किया था। इसमें वे एससी-एसटी और ओबीसी के आरक्षण को खत्म करने की बात करते दिख रहे हैं। पीटीआई की फैक्ट चैक यूनिट ने कहा कि मूल वीडियो में अमित शाह ने तेलंगाना में मुसलमानों के लिए असंवैधानिक आरक्षण हटाने की बात कही थी।

May 01 2024, 16:12
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