दिल्ली-एनसीआर के 100 से ज्यादा स्कूलों में बम की धमकी, सामने आया विदेशी कनेक्शन!
#delhincrschoolbombthreatpolicerussia_connection
![]()
देश की राजधानी दिल्ली और उससे सटे नोएडा-ग्रेटर नोएडा के करीब 100 स्कूलों को धमकी भरे ईमेल मिले हैं, इन ईमेल में स्कूलों में बम रखे होने की बात है, स्कूलों में बम की सूचना से हड़कंप मच गया। इन स्कूलों में दिल्ली पब्लिक स्कूल जैसे कई हाई प्रोफाइल स्कूल शामिल हैं। दिल्ली के दर्जनों स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिलने के बाद पूरा अमला एक्टिव हो गया है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला से मुलाकात की है। मुलाकात के बाद उन्होंने पूरी स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने गृह सचिव को पुलिस की तमाम कार्रवाई की भी जानकारी दी। आईबी चीफ भी बैठक में मौजूद रहे।
दिल्ली पुलिस इंटरपोल की मदद से जांच में जुट गई है। अब तक की तफ्तीश में पता चला है की सभी स्कूलों को एक जैसी ही मेल आई है। अब तक की तफ्तीश में पता चला है कि सभी स्कूलों को एक जैसी ही मेल आई है। धमकी का मेल सभी को CC किया गया है और RU लिखा गया, जो रूस की तरफ इशारा करता है। सभी को एक ही मेल आइडी से मेल भेजा जा रहा है जो जांच एजेंसी के मुताबिक रशियन सर्वर की मदद से भेजे जा रहे हैं।
खुफिया एजेंसी का क्या कहना है?
जांच एजेंसियों के मुताबिक, ये जरूरी नहीं है कि सभी मेल रूस से दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को भेजी गई हो। यह भारत मे बैठकर भी साजिश की जा सकती है। एजेंसियों के मुताबिक यह साजिश प्राथमिक तौर पर किसी इंडिविजुअल की लग रही है, जिसका मकसद पैनिक क्रिएट करना है। दिल्ली और नोएडा में जिस तरीके से ई-मेल भेजा गया है और ई-मेल की जो बॉडी है उसे देखकर जांच एजेंसियां यही अंदाजा लगा रही हैं कि किसी एक शख्स ने ही इतनी लंबी बॉडी कंपोज करके मैसेज भेजा है।
पुलिस कमिश्नर से मांगी गई डिटेल रिपोर्ट
वहीं, बम कॉल पर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से इस पर डिटेल रिपोर्ट मांगी है। उपराज्यपाल ने ट्वीट कर कहा, "पुलिस कमिश्नर से बात की और दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में बम की धमकी पर डिटेल रिपोर्ट मांगी है। दिल्ली पुलिस को स्कूल परिसर में तलाशी लेने, दोषियों की पहचान करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि मामले में किसी तरह की कोई चूक न हो।"
गृह मंत्रालय ने की ये अपील
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। मंत्रालय ने कहा, "घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा लगता है कि यह फर्जी ईमेल था। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।"
धमकीभरे ई-मेल में ये लिखा
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर के कई स्कूलों को धमकी भरे ईमेल मिले हैं, जिनमें स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। बताया जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर के 100 के करीब स्कूलों में बम की धमकी मिली है। जिसमें डीपीएस, एमिटी, मदर मैरी स्कूल समेत कई बड़े स्कूल शामिल हैं। धमकी भरे ई मेल में लिखा है "हमारे हाथों में जो लोहा है वह हमारे दिलों को गले लगाता है। इंशाअल्लाह, हम इन्हें हवा में उड़ा कर तुम्हारे शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर देंगे। तुम्हारे घिनौने शरीरों को चीर देंगे। हम तुम्हारी गर्दन और चेहरे को फाड़ देंगे। अल्लाह की मर्जी हुई तो हम तुम्हें आग की लपटों में डाल देंगे। जिससे तुम्हारा दम घुट जाएगा। काफिरों के लिए जहन्नुम में अलग आग है। काफिरों, इंशाअल्लाह, तुम इसी आग में हमेशा के लिए जल जाओगे। आगे लिखा कि आपके द्वारा पैदा की गई बुराई से धुआं आसमान में उतरेगा। आपके पास बहुत सारा खाली लोहा है, किसी भी मात्रा में किसी भी शून्य में कोई शक्ति नहीं है, यह सब दूर जा रहा है। क्या तुमने सच में सोचा था कि बचपन से तुमने जो भी बुराइयां की हैं, उसका कोई जवाब नहीं होगा, हमारे दिलों में जिहाद की आग जला दी गई है। हम वह आग बन गए हैं, इंशाअल्लाह जो सिर्फ बदले की वकालत करता है।"







केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो मामले ने सियासी पारे को बढ़ाने का काम किया है। दिल्ली पुलिस इस मामले में लगातार एक्शन में है।पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट ने इस मामले में 8 राज्यों के 16 लोगों को समन भेजा है। फर्जी वीडियो मामले में पुलिस ने तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी को भी तलब किया है। इस बीच कांग्रेस ने अमित शाह से बड़ा सवाल किया है। कांग्रेस ने पूछा है कि पूर्व में जब राहुल गांधी के कई फर्जी वीडियो बनाए गए और वायरल किए गए तो क्या कार्रवाई की थी। *राहुल गांधी के फर्जी वीडियो मामले में क्या कार्रवाई हुई-खेड़ा* कांग्रेस ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पूछा कि अतीत में जब राहुल गांधी के कई फर्जी वीडियो बनाए गए और सोशल मीडिया पर फैलाए गए तो उन्होंने क्या कार्रवाई की। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिन लोगों ने पूर्व में राहुल गांधी के ऐसे कई फर्जी वीडियो बनाए थे, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? कई कैबिनेट मंत्रियों ने राहुल गांधी के फर्जी वीडियो शेयर किए थे। ऐसे फर्जी वीडियो साझा करने वाले कैबिनेट मंत्रियों पर आप कब कार्रवाई करेंगे? *बीजेपी और कांग्रेस के लिए कानून अलग-अलग क्यों-खेड़ा* पवन खेड़ा ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस के लिए कानून अलग-अलग क्यों है? उन्होंने आगे कहा कि अपने डीप-फेक वीडियो के मामले में कार्रवाई करने के बजाय अमित शाह बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों के मन में डर पैदा कर रहे हैं क्योंकि भाजपा को एहसास हो गया है कि वह आम चुनाव हार जाएगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एडिटेड वीडियो मामले में जांच तेज हो गई। दिल्ली पुलिस इस मामले में लगातार एक्शन में है।बडे़ पैमाने पर जांच शुरू की गई है। पुलिस की जांच का दायरा कई राज्यों तक फैल गया है. एडिटेड वीडियो की जांच के लिए झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, नागालैंड के लिए दिल्ली पुलिस की अलग- अलग टीमें भेजी गई हैं। पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट ने इस मामले में 8 राज्यों के 16 लोगों को समन भेजा है। सभी को आज आईएफएसओ यूनिट में पेश होना है।फर्जी वीडियो मामले में पुलिस ने तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी को भी तलब किया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पुलिस कहना है कि फर्जी वीडियो को एक्स पर डालने वाले 25 से ज्यादा लोगों के नाम सामने आ चुके हैं। इनमें ज्यादातर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हैं। 16 लोगों को भेजे गए समन में से 6 लोग तेलंगाना कांग्रेस के सदस्य हैं, जिनमें मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी शामिल हैं। पुलिस ने सभी को संबंधित दस्तावेज और सबूत के तौर पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (मोबाइल-लैपटॉप) लाने को कहा है। रेवंत रेड्डी के अलावा समाजवादी पार्टी नेता, झारखंड और नगालैंड के 2 कांग्रेस नेता। असम के 3 अपोजिशन लीडर को नोटिस भेजा गया है। दिल्ली पुलिस ने अपनी टीमों को झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और नगालैंड में जांच के लिए भेजा है। आईएफएसओ की टीम सोशल मीडिया के सभी माध्यमों को देखकर यह पता करने की कोशिश कर रही है कि 27 अप्रैल से किन-किन राज्यों में किन लोगों ने अब तक एक्स पर वीडियो पोस्ट किया है। पुलिस फर्जी वीडियो पोस्ट करने वालों की पहचान व नोटिस भेजने की कार्रवाई में जुटी हुई है। *क्या है अमित शाह का डीपफेक वीडियो मामला?* 27 अप्रैल को सोशल मीडिया पर अमित शाह का एक फेक वीडियो वायरल हुआ। इसे तेलंगाना कांग्रेस और सीएम रेवंत रेड्डी ने शेयर किया था। इसमें वे एससी-एसटी और ओबीसी के आरक्षण को खत्म करने की बात करते दिख रहे हैं। पीटीआई की फैक्ट चैक यूनिट ने कहा कि मूल वीडियो में अमित शाह ने तेलंगाना में मुसलमानों के लिए असंवैधानिक आरक्षण हटाने की बात कही थी।


May 01 2024, 14:22
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
8.4k