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Apr 29 2024, 15:40

कर्नाटक सेक्स स्कैंडल में नया खुलासा, भाजपा के एक नेता का दावा, उन्हें अश्लील वीडियोज से भरी पेन ड्राइव मिलने की प्रदेश अध्यक्ष को दी थी सूचना

 कर्नाटक सेक्स स्कैंडल में एक ओर नया खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने दावा किया है कि उन्हें अश्लील वीडियोज से भरी एक पेन ड्राइव पहले मिली थी, जिसके बारे में प्रदेश अध्यक्ष को सूचित कर दिया गया था। खास बात है कि इस विवाद में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते और सांसद प्रज्वल रेवन्ना का नाम सामने आ रहा है।

खबर है कि साल 2023 में होलनरसीपुरा से भाजपा उम्मीदवार रहे देवराज गौड़ा ने प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र को पत्र लिखा था। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने लिखा था, 'जेडीएस के एनडीए उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना समेत एचडी देवगौड़ा परिवार के कई नेताओं के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं।'

देवराज का कहना था कि पेनड्राइव में कुल 2976 वीडियो हैं और इनमें नजर आ रहीं कुछ महिलाएं सरकारी अधिकारी हैं। कहा गया कि इन वीडियोज 'का तब इस्तेमाल ऐसी यौन गतिविधियों को जारी रखने के लिए ब्लैकमेल करने के लिए किया जाता था।' रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा नेता ने दावा किया है कि एक और पेनड्राइव में ऐसे वीडियोज और फोटोज थे, जो कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं के पास पहुंचे थे।

रिपोर्ट के अनुसार, देवराज गौड़ा ने पत्र में लिखा था, 'अगर हम जेडीएस के साथ जाते हैं और अगर हम हासन से लोकसभा चुनाव के लिए जेडीएस उम्मीदवार को नॉमिनेट करते हैं, इन वीडियोज का इस्तेमाल ब्रह्मास्त्र की तरह हो सकता है और हमारी पार्टी पर बलात्कारियों के परिवार के साथ जुड़े का धब्बा लग सकता है। राष्ट्रीय स्तर पर यह हमारी पार्टी की छवि के लिए बड़ा झटका होगा।'

रेवन्ना को हटाने की मांग

रविवार को ही जेडीएस विधायक शरणगौड़ा कंकुर ने एचडी देवगौड़ा को पत्र लिखकर रेवन्ना को पार्टी से बाहर करने की मांग की थी। उन्होंने लिखा था, 'बीते कुछ दिनों में पूरे राज्य में यौन गतिविधियों वाले वीडियो सर्कुलेट हो रहे हैं, जिसकी वजह से पार्टी को बहुत शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है।'

उन्होंने लिखा, 'ऐसा लगता है कि यह प्रज्वल रेवन्ना है, क्योंकि वह वीडियो के कुछ हिस्सों में नजर आया है। ऐसा लगता है कि वह अपराधी है। इसलिए मैं आपसे उसे तत्काल पार्टी से बाहर करने का अनुरोध करता हूं।'

क्या था मामला

हाल ही में 47 वर्षीय एक महिला ने प्रज्वल और उसके पिता एचडी रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। महिला रेवन्ना के घर पर काम करती थी। महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया था। 

शिकायत के अनुसार, 'काम शुरू करने के 4 महीने बाद रेवन्ना मुझे अपने कमरे में बुलाता था। घर में 6 महिला कर्मचारी थीं और सभी ने कहा था कि जब प्रज्वल रेवन्ना घर आता था तो वे डर जाती थीं। घर के पुरुष कर्मचारियों ने भी महिला कर्मचारियों को सतर्क रहने के लिए कहा था।' महिला ने कहा, 'जब एचडी रेवन्ना की पत्नी घर पर नहीं होती थी, तो वह महिलाओं को स्टोर रूम में बुलाता था और फल देने के दौरान छूता था। वह साड़ी की पिन निकालता था और महिलाओं के साथ यौन हिंसा करता था।' महिला ने यह भी दावा किया है कि प्रज्वल रेवन्ना ने उसकी बेटी के साथ भी गलत हरकत करने की कोशिश की थी।

इस मामले में जेडीएस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, '...किसने इन्हें 3 दिन पहले रिलीज किया और ये पहले रिलीज क्यों नहीं किए गए? चुनाव के समय पुराने मुद्दों को क्यों उठाया जा रहा है...। SIT गठित कर दी गई है, सच्चाई को बाहर आने दीजिए और जो भी गलती करेगा उसे कानून के हिसाब से परिणाम भुगतने होंगे।'

उन्होंने कहा, 'हासन चुनाव में हमारे उम्मीदवार (प्रज्वल रेवन्ना) जीतेंगे। सभी यह कहते हैं...। मैं कांग्रेस नेताओं से पूछना चाहता हूं कि आप क्यों परिवार का नाम इसमें शामिल कर रहे हैं। व्यक्ति के बार में बात कीजिए, यह पारिवारिक मुद्दा नहीं है...। यह रेवन्ना परिवार का है, हमारा इससे कोई लेना देना नहीं है। वे अलग रहते हैं।'

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Apr 29 2024, 15:37

फिर विवादों में जस्टिन ट्रूडो, खालिस्तान जिंदाबाद के नारे पर मुस्कुराते दिखे कनाडाई पीएम

#canada_pro_khalistan_slogans_raised_in_front_of_trudeau 

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का भारत विरोधी रवैया और खालिस्तानी प्रेम एक बार फिर सामने आया है। कनाडा के टोरंटो में खालिस्तान जिंदाबाद की नारेबाजीकी गई, हैरानी वाली बात ये है कि ये नारेबाजी प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मौजूदगी में हुई है। यही नहीं इस दौरान जस्टिन ट्रूडो मुस्कुराते हुए नजर आए। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उनके सामने भारत विरोधी नारे लगाए जा रहे हैं और वे मु‍स्‍कुरा रहे हैं। इस वीडियो के जरिए कनाडा सरकार का भारत विरोधी रवैया एक बार फिर जग जाहिर हो गया है।

कनाडा के टोरंटो में खालसा दिवस मनाया गया, जिसमें काफी संख्या में सिख समुदाय के लोग एकत्र हुए। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने उनको संबोधित करते हुए कहा कि आपके अधिकारों की रक्षा के लिए हम मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि कनाड़ा की सबसे बड़ी शक्ति यहां की विविधता है। उन्होंने कहा कि यहां कई मतभेद हैं, लेकिन यही मतभेदों के कारण ही मजबूत भी हैं। देश में सिख समुदाय आठ लाख लोग हैं, जिनके अधिकारों की रक्षा के लिए हम हमेशा मौजूद हैं। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि वे हमेशा सिख समुदाय की नफरत और भेदभाव से उनकी रक्षा करेंगे। उन्होंने सिख समुदाय के लोगों से कहा कि वे बिना डर के अपने धर्म का पालन करें, कनाडाई चार्टर में मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता की गारंटी है, और इसके लिए वे उनके साथ हैं। 

इसी दौरान मौजूद भीड़ ने खालिस्तान के नारे लगाने शुरू कर दिए। पीएम ट्रूडो ने कहा कि मुझे पता है कई लोग अपने परिजनों, रिश्तेदारों से मिलना चाहते हैं, लेकिन इसलिए वे भारत सरकार से नए समझौते पर बातचीत करेंगे। जिसमें दोनों देशों के बीच वायुमार्ग को वापस पटरी पर लाया जा सके। अमृतसर सहित अन्य शहरों की उड़ान भर सके।

बता दें कि पिछले साल कनाडा और भारत के बीच रिश्तों में तनाव देखने को मिला है। कनाडा में आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर लगाया था। उनका खालिस्तान प्रेम तब भी दिखा था। भारत की ओर से लगातार जस्टिन ट्रूडो से इन दावों को लेकर सबूत मांगे जाते रहे हैं, जो कनाडाई सरकार ने आज तक नहीं दिए हैं। इसके बाद से दोनों देशों के संबंध में खटास आ गई।

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Apr 29 2024, 15:35

मेघालय में घरों से उठाकर आदिवासी लड़कियों का सामूहिक बलात्कार कर रहे रोहिंग्या..! पीड़ित परिवारों ने NCPCR से लगाई गुहार

मेघालय के चेंगा बेंगा मेला बलात्कार मामले में, जिसमें दक्षिण पश्चिम गारो हिल्स जिले के गांधीपारा गांव में दो नाबालिग लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था, अब तक 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पहले की चार गिरफ्तारियों में से एक को राजबाला, वेस्ट गारो हिल्स में एक बस में, जो गुवाहाटी जा रही थी, दूसरी गिरफ्तारी तेपोरपारा (असम-मेघालय सीमा) में की गई थी, और दो अन्य को असम पुलिस द्वारा हत्सिंगिमारी, दक्षिण सलमारा, असम में अरेस्ट किया गया था।

28 अप्रैल को, एसपी विकाश कुमार ने बताया कि मामला दर्ज किया गया है और अंपति महिला पुलिस स्टेशन में जांच की जा रही है। अमपाती महिला पीएस केस नंबर 09(04)2024 के रूप में दर्ज इस मामले में नाबालिग के अपहरण, आपराधिक धमकी, मारपीट और सामूहिक बलात्कार के आरोप शामिल हैं। यह घटना 16 अप्रैल को चेंगा बेंगा मेला में घटी थी। पुलिस ने कहा कि, "अपराध स्थल पर आपत्तिजनक सबूत एकत्र किए गए थे, और जीवित बचे लोगों के खातों, मेडिकल जांच रिपोर्ट और अन्य सबूतों के आधार पर नौ आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।"

पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए सभी आरोपी असम के तेपोरपारा गांव के रहने वाले हैं, जो अपराध स्थल के पास है और ये गिरफ्तारियां दक्षिण सलमारा जिला पुलिस की मदद से की गईं। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से सात मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं और पुलिस ने डेटा का विश्लेषण किया है। एसपी कुमार ने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि अपराधियों ने एक व्यक्ति से मोबाइल फोन लिया था और दूसरे व्यक्ति से धमकी देकर पैसे वसूले थे। इस संबंध में, दो संज्ञेय मामले, अंपति पीएस केस नंबर 36(04)2024 धारा 392/323/506/34 आईपीसी के तहत और अंपति पीएस केस नंबर 34(04)2024 धारा 341/395/384/506 के तहत आईपीसी दर्ज कर जांच की जा रही है। 

अधिकारी ने बताया कि बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। पुलिस ने स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि अगर उनके पास इन मामलों में शामिल अपराधियों के बारे में कोई जानकारी हो तो वे पुलिस को सूचित करें। 

NCPCR ने किया क्षेत्र का दौरा

इससे पहले, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने एक समिति का गठन किया था जिसने जिले का दौरा किया और बाल सुरक्षा और इन मुद्दों के समाधान पर चर्चा करने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस, चिकित्सा विभाग, सीडब्ल्यूसी और समाज कल्याण विभाग से मुलाकात की। इस बीच, NCPCR के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने भी पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। हालाँकि पुलिस ने आरोपी व्यक्तियों की पहचान के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी है, लेकिन NCPCR अध्यक्ष ने एक एक्स पोस्ट में कहा कि रोहिंग्या घुसपैठिये मेघालय में युवा लड़कियों का यौन उत्पीड़न कर रहे हैं। कानूनगो की पोस्ट से पता चलता है कि राज्य में स्थानीय आदिवासी लड़कियों को उनके घरों से अपहरण करने और उसके बाद रोहिंग्या घुसपैठियों द्वारा यौन शोषण की घटनाएं प्रचलित हैं।

NCPCR अध्यक्ष ने पोस्ट में लिखा कि, “मेघालय के अमपाती जिले में महिलाओं ने बताया कि कैसे रोहिंग्या घुसपैठिए उनके घरों से मासूम लड़कियों का अपहरण कर रहे हैं और उन्हें यौन हिंसा का शिकार बना रहे हैं। भारत के संसाधन इन घुसपैठियों को देने वाले सावधान हो जाएं, भारत की बेटियां रोहिंग्या घुसपैठियों की हवस का संसाधन नहीं हैं। हर अत्याचारी से सख्ती से निपटा जाएगा।” जैसा कि पहले बताया गया था, पुलिस ने कहा था कि पीड़ितों में दो नाबालिग लड़के और दो नाबालिग लड़कियां शामिल हैं, यह घटना इस साल 16 अप्रैल को हुई थी, लेकिन इसकी सूचना दो दिन बाद 18 अप्रैल को दी गई। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के नाम का खुलासा नहीं किया है। पहले खबर आई थी कि ज्यादातर आरोपी 22-25 साल की उम्र के हैं।

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Apr 29 2024, 15:33

एमपी के सीएम मोहन यादव ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर बोला हमला, कहा, वोट पाने के लिए वह ‘नकली’ गांधी बनकर फिर रही हैं

लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टियों का प्रचार अभियान जोरों पर है। तमाम दलों के नेता एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने का कोई भी अवसर नहीं चूक रहे हैं। जनसभा में मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा पर उनके गांधी उपनाम को लेकर जमकर निशाना साधा। मोहन यादव ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर हमला बोलते हुए दावा किया कि वह ‘नकली’ गांधी हैं और वोट पाने के लिए इस ‘उपनाम’ का उपयोग कर रही हैं।

 गुना लोकसभा क्षेत्र के म्याना कस्बे में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम मोहन यादव ने कांग्रेस महासचिव पर निशाना साधते हुए कहा कि अपनी प्रपौत्री के मंगलसूत्र नहीं पहनने को लेकर पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू की आत्मा आंसू बहा रही होगी। सीएम ने गांधी उपनाम का उपयोग करने को लेकर भी नेहरू-गांधी परिवार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां बेटी के विदा होते ही वहां (उसके ससुराल) का सरनेम (उपनाम) लगा देते हैं, किन्तु ये वोट के भूखे लोग वोट के चक्कर में अपना सरनेम भूल रहे हैं तथा आज भी गांधी उपनाम का उपयोग कर रहे हैं।’ उन्होंने दावा किया कि प्रियंका भी गांधी हो गईं। उनका उपनाम कहां से आया? यादव ने कहा कि असली गांधी के परिवार के लोग आज न जाने कहां होंगे? ये नकली गांधी लोग गांधी के नाम पर वोट ले रहे हैं।

मोहन यादव के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के मीडिया सलाहकार के. के. मिश्रा ने दावा किया कि सीएम ने कहा है कि प्रियंका गांधी ने दूसरे धर्म में शादी की है। उन्होंने कहा, ‘क्या यह असंवैधानिक है या फिर कोई अपराध है? यादव को इस बात पर भी आपत्ति है कि प्रियंका जी शादी के पश्चात् गांधी उपनाम क्यों लगाती हैं? मुख्यमंत्री, कृपया उनका ‘एक्स’ अकाउंट देखिये, उनके उपनाम के बाद वाड्रा भी लिखा है।’

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Apr 29 2024, 15:27

भाजपा के 400 पार वाले नारे पर राजद ने कसा तंज, समीर महासेठ ने कहा, 400 से ज्यादा तो 420 भी होता है, जनता को मूर्ख मत बनाएं

लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत एनडीए के सभी नेता 400 से ज्यादा लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने दावा करते हैं। यह नारा लगाया जाता है अबकी बार 400 पार। इस नारे पर राजद ने बड़ा तंज कसा है। पार्टी के नेता और नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री रहे समीर महासेठ ने कहा है कि 400 से ज्यादा तो 420 भी होता है। समीर महासेठ मधुबनी में महागठबंधन के प्रत्याशी अली अशरफ फातमी के लिए कैंपेनिंग कर रहे हैं। 

इंडिया गठबंधन के के उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए राजद नेता विभिन्न क्षेत्रों में जनसंपर्क कर रहे हैं। रविवार को मधुबनी में आयोजित प्रेस वार्ता में समीर महासेठ ने कहा कि प्रधानमंत्री जी कहते हैं अबकी बार 400 पार। इस पर हमारा सिर्फ यही कहना है कि 400 से ज्यादा तो 420 भी होता है। नरेंद्र मोदी जी जनता को मूर्ख बना रहे हैं और बिहार की सभी 40 सीटों पर अपनी दावेदारी कर रहे हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि मोदी सरकार 420 है। मोदी जी जनता को मूर्ख मत बनाइए।

राजद नेता समीर महासेठ ने कहा कि बिहार के लोगों ने बीजेपी की झोली में 39 सांसद दिए। लेकिन इतने एमपी होते हुए भी जनता को क्या मिला? बिहार और झारखंड मिलाकर 54 एमपी होते हैं लेकिन, गुजरात के मात्र 26 एमपी हैं। इन 26 सांसदों को जितना मिला उसकी तुलना में दोनों राज्य मिलाकर मोदी जी ने कुछ नहीं दिया। समीर महासेठ ने कहा कि मंचों से पीएम मोदी और बीजेपी व एनडीए के नेता बिहार के विकास के लिए बड़ी बड़ी बातें करते हैं लेकिन काम करने में पीछे हट जाते हैं। बिहार सरकार के पूर्व मंत्री समीर महासेठ ने कहा कि पीएम मोदी की योजना के अनुसार देश भर के सांसदों ने अपने अपने इलाके के गांवों को गोद लिया। लेकिन झंझारपुर और मधुबनी लोकसभा में गोद लिए गए किसी भी गांव में कितना काम हुआ यह जरा दिखा दीजिए।

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Apr 29 2024, 15:25

चुनाव के बीच कर्नाटक के चामराज से BJP सांसद का निधन, 4 दिन से थे ICU में भर्ती, मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो गया था

कर्नाटक के चामराजनगर से भाजपा सांसद वी श्रीनिवास प्रसाद का रविवार रात बेंगलुरु के हाॅस्पिटल में निधन हो गया। वे 76 साल के थे और पिछले 4 दिनों से आईसीयू में भर्ती थे। जानकारी के अनुसार श्रीनिवास कई बीमारियों से पीड़ित थे। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें बेंगलुरु के मणिपाल हाॅस्पिटल लाया गया। जहां पर मल्टी ऑर्गन फेल्योर के कारण उनका निधन हो गया।

बता दें कि उन्होंने हाल ही में चुनावी राजनीति से संन्यास लिया था। वे चामराजनगर से 7 बार सांसद और 2 बार विधायक रहे। श्रीनिवास ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1976 में जनता पार्टी से की थी। इसके बाद 1979 में वे कांग्रेस में चले गए। भाजपा में आने से पहले वे जेडीएस, जेडीयू और समता पार्टी में भी रह चुके थे।

श्रीनिवास का जन्म 6 जुलाई 1947 को मैसूर के अशोकपुरम में हुआ था। उन्होंने पहला चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़ा। वे बचपन से ही संघ और एबीवीपी में सक्रिय रहे। उन्होंने अपने जीवनकाल में कुल 14 चुनाव लड़े, जिसमें से 8 में जीत दर्ज की। उन्होंने चामराजनगर से 9 लोकसभा चुनाव लड़े और 6 में जीत दर्ज की। दिवंगत भाजपा सांसद 1999 में तत्कालीन पीएम अटल बिहारी की वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे। इसके अलावा वे कर्नाटक के राजस्व मंत्री भी रहे।

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Apr 29 2024, 14:54

अमेरिका में तेज हुआ इजरायल विरोधी प्रदर्शन, हार्वर्ड विश्वविद्यालय में लगाया गया फिलीस्तीन का झंडा

#anti_israel_protesters_at_us_universities

अमेरिका के विश्वविद्यालयों में फिलीस्तीनी समर्थक प्रदर्शन और तेज हो गए हैं। अमेरिका की 30 से ज्यादा यूनिवर्सिटियों में इन दिनों फिलीस्तीन के लिए प्रदर्शन चल रहे हैं। इस बीच रविवार को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में छात्रों ने फिलिस्तीनी झंडा फहराया।यूनिवर्सिटी में जॉन हार्वर्ड के स्टैच्यू के ऊपर जहां अमेरिका का झंडा फहराया जाता है, वहां रविवार को फिलिस्तीनी झंडा दिखा।

गाजा में इजरायल के हमलों के विरोध में अमेरिका में बवाल मचा हुआ है।गाजा में पैदा हुई मानवीय परिस्थितियों को लेकर अमेरिका में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। देशभर में लोग इजराइल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। अमेरिका की शिक्षण संस्थाओं में फलस्तीनियों के समर्थन वाला आंदोलन फैलता जा रहा है।30 से ज्यादा यूनिवर्सिटियों में इन दिनों फिलीस्तीन के लिए प्रदर्शन चल रहे हैं।कई विश्वविद्यालयों और कालेजों में आंदोलन को बलपूर्वक कुचलने और सैकड़ों छात्र-छात्राओं की गिरफ्तारियां की गई हैं।न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक देशभर में अब तक 900 छात्रों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 

इस बीच इजरायल विरोधी प्रदर्शनकारियों ने जॉन हॉवर्ड के उस मूर्ति के ऊपर फिलीस्तीन का झंडा फहराया जहाँ सिर्फ और सिर्फ अमेरिका झंडे को ही फहराने की अनुमति होती है।यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने कहा, "यह हमारी पॉलिसी के खिलाफ है। इसके लिए जिम्मेदार छात्रों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।"

इस हरकत की वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में अलग-अलग समय पर मूर्ति के हाथ में झंडा और फिर सिर के ऊपर झंडा साफ देखा जा सकता है। 

बता दें कि इस समय अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी, येल यूनिवर्सिटी इंडियाना यूनिवर्सिटी, अरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी और वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी सहित कई यूनिवर्सिटियों में फिलीस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन चल रहे हैं। हावर्ड की घटना से पहले सदर्न कैनिफोर्निया कैंपस में सैंकड़ों छात्रों ने टेंट लगाकर प्रदर्शन किया था।

लॉस एंजिल्स की यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैलिफोर्निया में रविवार को फिलिस्तीन और इजराइल समर्थक गुटों में झड़प भी हुई। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, यूनिवर्सिटी में दोनों गुटों को एक-दूसरे से दूर रखने के लिए बैरियर लगाया गया था, जिसे प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया। इस दौरान विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ भी हुई। विरोध प्रदर्शनों पर रविवार को व्हाइट हाइस के नेशनल सिक्योरिटी प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन को मामले से जुड़े अपडेट्स दिए जा रहे हैं। हालांकि, मामले को संभालने की जिम्मेदारी फिलाहल लोकल प्रशासन पर ही छोड़ी गई है।

बोस्टन की नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के कैंप उखाड़ दिए। इस दौरान 100 लोगों को हिरासत में लिया गया। अलजजीरा के मुताबिक यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने बताया कि धरने के दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'यहूदियों की हत्या करो' के भी नारे लगाए। यह लाइन क्रॉस करने जैसा था और इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

अमेरिका की यूनिवर्सिटीज में हो रहे प्रदर्शन कनाडा, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया तक भी पहुंच गए हैं। कनाडा की मेकगिल यूनिवर्सिटी में शनिवार को छात्रों ने गाजा में नरसंहार रोकने की मांग के साथ कैंपिंग की। वहीं सिडनी की यूनिवर्सिटी में टेंट लगे नजर आए।

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Apr 29 2024, 13:49

सूरत के बाद इंदौर लोकसभा सीट पर भी “खेला”, आखिरी दिन कांग्रेस कांग्रेस प्रत्याशी ने नामांकन वापस लिया

#indore_congress_candidate_akshay_bam_withdrew_nomination

मध्य प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। इंदौर में कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय बाम ने अपना नामांकन वापस ले लिया।बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला के साथ कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने नॉमिनेशन जाकर वापस लिया है। बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला के साथ कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने नॉमिनेशन जाकर वापस लिया है। नामांकन वापस लेने के बाद अक्षय कांति बम बीजेपी में शामिल हो गए। इसके साथ ही इंदौर लोकसभा क्षेत्र से अब कांग्रेस मैदान में नहीं है।इससे यहां भाजपा की जीत का रास्ता साफ माना जा रहा है।  

कांग्रेस प्रत्याक्षी अक्षय बम सोमवार सुबह कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। उनके साथ भाजपा विधायक रमेश मेंदोला और एमआईसी मेंबर जीतू यादव थे। अक्षय ने नाम वापस लिया और फिर मेंदोला के साथ कार्यालय के बाहर निकल गए। नॉमिनेशन वापस लेने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। वह एमपी सरकार के कद्दावर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ उनकी गाड़ी में नजर आए हैं। कैलाश विजयवर्गीय ने गाड़ी में उनकी साथ सेल्फी ली है। साथ ही उसकी तस्वीर शेयर की है।

कैलाश विजयवर्गीय ने फेसबुक पर अक्षय के साथ फोटो पोस्ट करते हुए लिखा कि अक्षय का भाजपा में स्वागत है। उन्होंने लिखा, इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है। बताया जा रहा है कि इस राजनीतिक घटनाक्रम में कैलाश विजयवर्गीय की बड़ी भूमिका रही है।

दरअसल, विधानसभा चुनाव में इंदौर में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। इंदौर में किसी सीट पर कांग्रेस को जीत नहीं मिली थी। वहीं, बीजेपी के सामने चुनाव लड़ने के लिए भी कोई नहीं बचा था। इसके बाद पार्टी ने अक्षय कांति बम पर दांव लगाया था। नॉमिनेशन दाखिल करने के बाद अक्षय कांति बम लगातार चुनाव प्रचार कर रहे थे। आज नामांकन वापस लेने का आखिरी वक्त था। कलेक्ट्रेट जाकर अक्षय कांति बम ने नॉमिनेशन वापस ले लिया है।

कलेक्टर आशीष सिंह के अनुसार कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम समेत कुल तीन उम्मीदवारों ने नामांकन फार्म वापस लिए हैं। आज दोपहर तीन बजे तक नाम वापसी की प्रक्रिया जारी रहेगी। फिलहाल, इंदौर में 23 उम्मीदवार बचे हैं। लेकिन, सूत्रों का कहना है कि तीन बजे तक कई और उम्मीदवार अपने नाम वापस लेंगे।

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Apr 29 2024, 11:51

लोकसभा चुनावः दूसरे फेज में पहले से भी कम रही वोटिंग, क्या है वजह और इस ट्रेंड का किस पर पड़ेगा असर?

#voting_percentage_low_in_india

देश में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। सात चरणों में होने वाले चुनाव के दो चरण की वोटिंग पूरी हो चुकी है। कुल 543 सीटों में से 190 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। 19 अप्रैल को पहले चरण में 102 सीटों पर वोटिंग हुई। इनमें औसत मतदान 65.5% रहा, जो 2019 में इन्हीं सीटों के औसत वोटर टर्नआउट से 4.4% कम है। वहीं, 26 अप्रैल को दूसरे चरण में 88 सीटों पर 61% वोटिंग हुई, जो 2019 के मुकाबले 7% कम है। दोनों चरण में इस बार मतदान घटने का ट्रेंड साफ तौर पर दिख रहा है।गिरते वोट प्रतिशत ने सभी दलों को बेचैन कर दिया है।

लोकसभा चुनाव के पहले चरण की तरह दूसरे चरण में भी वोटिंग 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले कम हुई है। पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर 64 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में उन सीटों पर भी 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुए थे। ऐसे ही इस बार दूसरे चरण में 13 राज्यों की 88 लोकसभा सीटों पर करीब 63 फीसदी वोट पड़े। यह 2019 के लोकसभा चुनाव में 70.09% मतदान के मुकाबले काफी कम रहा। यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में वोटिंग उम्मीद से काफी कम रही। यूपी में 54.85%, बिहार में 55.08% , महाराष्ट्र में 57.83% , एमपी में 57.88 % वोटिंग हुई। सबसे अधिक वोट त्रिपुरा, मणिपुर, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में पड़े।त्रिपुरा और मणिपुर में मतदान प्रतिशत सबसे अधिक - 75 प्रतिशत से अधिक रहा। पहले चरण में भी दोनों राज्यों में अपेक्षाकृत अधिक मतदान हुआ।

वोट करने के लिए लोगों के घरों से बाहर नहीं निकलने को लेकर राजनीतिक दलों को साथ-साथ चुनाव आयोग की भी चिंता बढ़ा दी है। खासकर हिंदी भाषी राज्यों में तो मतदाता वोटिंग को लेकर जैसे नीरस हो गए हैं। पूरे उत्तर भारत में इन दिनों मौसम का तापमान काफी बढ़ गया है। लू और गर्म हवाओं ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त किया हुआ है। लोगों के वोट करने को लेकर घर से बाहर नहीं निकलने की ये भी एक वजह बताई जा रही है। वहीं चुनाव में विपक्षी पार्टियों की कम सक्रियता से भी कम वोटिंग प्रतिशत को जोड़कर देखा जा रहा है।

मौसम विभाग का कहना है कि इस साल अप्रैल से जून तक देश के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। विशेष रूप से मध्य भारत और पश्चिमी प्रायद्वीपीय भारत में इस बार अधिक गर्मी पड़ेगी। लोकसभा चुनाव के दो चरण पूरे हो चुके हैं। अब 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को क्रमश: तीसरा, चौथे, पांचवे, छठे और सातवें चरण का चुनाव होना है। इस दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में गर्मी के साथ लू का असर बना रहेगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के मुताबिक लोकसभा चुनाव के दौरान, लगभग 72% निर्वाचन क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 35°C या इससे अधिक हो सकता है। विशेष रूप से, 59 सीटों पर 40-42 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान का सामना करना पड़ सकता है। जबकि 194 सीटों पर 37.5-40 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान देखा जा सकता है।

हालांकि, एक्सपर्ट का मानना है कि मौसम के साथ ही विपक्षी दलों की कम सक्रियता भी वोटिंग प्रतिशत में कमी की एक वजह है। इसके अलावा आजकल जमीन से अधिक प्रचार सोशल मीडिया पर ही चल रहा है। इससे भी वोटिंग में पहले जैसा उत्साह नहीं दिख रहा है। कई लोगों का मानना है कि बीजेपी वोटरों और कार्यकर्ताओं के बीच अति आत्मविश्वास भी कम वोटिंग की वजह हो सकता है। उनको लग रहा है कि चुनाव परिणाम तो लगभग तय ही है। दूसरी तरफ आएगा तो मोदी ही, नारे विपक्षी मतदाताओं में उत्साह कम हो सकता है। इसके अलावा राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजपूत/जाट जैसे जाति समूहों का असंतोष भी कम वोटिंग की वजह हो सकती है।

अब सवाल है कि इस बार कम वोटिंग परसेंटेज से किसे नुकसान होने वाला है।कुछ जानकारों का कहना है कि कम मतदान से सत्ताधारी दलों को फायदा हो सकता है, क्योंकि लोगों की सोच होती है कि सरकार अच्छा काम कर रही है और वो बदलाव नहीं चाहते। इसीलिए वो वोट के लिए घर से बाहर नहीं निकलते।पिछले 12 में से 5 चुनावों में वोटिंग प्रतिशत कम हुए हैं और इनमें से चार बार सरकार बदली है। 1980 के चुनाव में मतदान प्रतिशत कम हुआ और जनता पार्टी को हटाकर कांग्रेस ने सरकार बनाई। वहीं 1989 में मत प्रतिशत गिरने से कांग्रेस की सरकार चली गयी। केंद्र में बीपी सिंह के नेतृत्व में सरकार बनी। 1991 में भी मतदान में गिरावट के बाद केंद्र में कांग्रेस की वापसी हुई। हालांकि 1999 में वोटिंग प्रतिशत में गिरावट के बाद भी सत्ता नहीं बदली। वहीं 2004 में एक बार फिर मतदान में गिरावट का फायदा विपक्षी दलों को मिला।

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Apr 29 2024, 10:38

हांगकांग और सिंगापुर के बाद भारतीय मसालों पर अब अमेरिका भी अलर्ट, इन दो कंपनियों को लग सकता है बड़ा झटका

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भारतीय मसालों के दो सबसे पॉपुलर ब्रांड एवरेस्ट और एमडीएच को लेकर अब अमेरिका में भी सवाल खड़े हो रहे हैं।सिंगापुर और हांगकांग में कार्रवाई के बाद भारतीय मसालों पर संकट बढ़ता जा रहा है। सिंगापुर और हांगकांग ने इन मसालों में कथित तौर पर कैंसर पैदा करने वाले कीटनाशक पाए जाने की बात कही थी। इसके बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने इनकी जांच के लिए देश भर से सैंपल मंगाने का आदेश दिया था। लेकिन इन मसालों का मामला थमता नहीं दिखाई दे रहा है। अब अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारी भी इस मामले में हरकत में आ गए हैं। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने दोनों भारतीय मसालों में कैंसर वाले केमिकल का पता लगाने के लिए जांच शुरू की है।

FDA के एक प्रवक्ता ने रॉयटर्स को बताया, “FDA रिपोर्टों से अवगत है और स्थिति के बारे में अतिरिक्त जानकारी इकट्ठा कर रहा है।” हांगकांग और सिंगापुर के कदमों के बाद भारत में दो सबसे लोकप्रिय मसाला ब्रांड भी गुणवत्ता मानकों के लिए भारतीय नियामक की जांच के दायरे में हैं।

हांगकांग ने इस महीने फिश करी के लिए तीन एमडीएच मसाला मिश्रण और एक एवरेस्ट मसाला मिश्रण की बिक्री निलंबित कर दी है। वहीं, सिंगापुर ने एवरेस्ट मसाला मिश्रण को वापस लेने का आदेश देते हुए कहा कि इसमें एथिलीन ऑक्साइड का उच्च स्तर है, जो इंसानों के इस्तेमाल के लिए फिट नहीं है और लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से कैंसर का खतरा है। हांगकांग ने एडीएच के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला मिक्स पाउडर और करी पाउडर मिक्स्ड मसाला पर बैन लगाया है। जबकि सिंगापुर ने अपने नागरिकों को एवरेस्ट के फिश करी मसाला पाउडर इस्तेमाल करने से रोक दिया है। साथ कंपनी को इसे बाजार से वापस लेने का आदेश दिया है।

इस बीच खबर आई है कि भारत के पड़ोसी देश मालदीव ने भी एमडीएच और एवरेस्ट मसालों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। मालदीव फूड एंड ड्रग अथॉरिटी ने ये आदेश जारी किया है।

ईयू ने जारी की 527 प्रोडक्ट्स की लिस्ट

इस बीच यूरोपीय यूनियन ने 527 ऐसे भारतीय प्रोडक्ट्स की लिस्ट जारी की है, जिनमें एथिलीन ऑक्साइड या अन्य केमिकल्स की मौजूदगी पाई गई है. इनमें भारत से निर्यात होने वाले बादाम, मसाले, जड़ी-बूटी और यहां तक कि ऑर्गेनिक सर्टिफिकेट वाले कई प्रोडक्ट्स भी मौजूद हैं। यूरोपीय यूनियन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत से मंगाए गए 527 फूड प्रोडक्ट्स में से 313 ड्राई फ्रूट्स और तिल से बने आइटम्स, 60 तरह की जड़ी-बूटियों और मसाले, 48 डायट्री फूड और सप्लीमेंट आइटम्स और बाकी 34 अन्य प्रोडक्ट्स में भी कैंसर पैदा करने वाले केमिकल मिले हैं।

भारत सरकार कर रही समीक्षा

हांगकांग और सिंगापुर के बैन और यूरोपीय यूनियन की लिस्ट जारी होने के बीच भारत सरकार पूरे मामले को लेकर सजग है। सरकार ने सख्त आदेश दिए हैं कि सिंगापुर और हांगकांग जाने वाले प्रोडक्ट्स की जांच की जाए. वहीं भारतीय मसाला बोर्ड हांगकांग और सिंगापुर के बैन की समीक्षा कर रहा है। इतना ही नहीं भारत के फूड सेफ्टी रेग्युलेटर ‘भारतीय खाद्य संरक्षा और सुरक्षा मानक प्राधिकरण’ (एफएसएसएआई) ने देशभर से अलग-अलग ब्रांड्स के मसाला प्रोडक्ट्स जारी करने शुरू कर दिए हैं। वह इन सभी का क्वालिटी चेक्स कर रहा है। एफएसएसएआई का कहना है कि वह समय-समय पर ऐसे चेक्स करता रहता है।