गर्मी में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए 412 ट्रांसफार्मर तैयार

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। गर्मी में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए विद्युत निगम की ओर से तैयार शुरू कर दी गई है। 400 में अधिक ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ा दी गई है। विभिन्न क्षेत्रों में 200 ट्रांसफार्मर बदल दिए गए हैं। वर्कशॉप में 412 से अधिक ट्रांसफार्मर तैयार है। इनमें 10 से लेकर 250 केवी ट्रांसफार्मर शामिल हैं।

जिले की 546 ग्राम पंचायतों और सात नगर निकायों में दो फीडर भदोही और ज्ञानपुर के जरिए बिजली आपूर्ति की जाती है। दोनों फीडर से दो लाख 26 हजार उपभोक्ता जुड़े हैं। दोनों डिविजन में करीब 15 हजार ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं। गर्मी में लोड बढ़ने से ट्रांसफार्मर जल जाते हैं। निगमकर्मियों की ट्रांसफार्मर लगाने में कम से कम दो दिन समय लगता है।

इसमें उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। गर्मी के मौसम उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए बिजली निगम की तरफ से 400 से अधिक ट्रांसफार्मर चिन्हित किए गए थे। भदोही स्थित वर्कशॉप में प्रतिदिन 20 जले ट्रांसफार्मर पहुंचते हैं।

विभिन्न योजनाओं के तहत जिले को न‌ए ट्रांसफार्मर मिले हैं। ट्रांसफार्मर को चिन्हित स्थानों में लगवाया जा रहा है। वर्कशॉप में 412 से अधिक ट्रांसफार्मर तैयार है। जिससे म‌ई- जून महीने में उपभोक्ताओं को दिक्कत नहीं होगी। अशोक कुमार अधीक्षण अभियंता विद्युत

लोक सभा चुनाव सकुशल सम्पन्न कराने हेतु पुलिस अधिकारियों को दिया दिशा निर्देश

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। लोकसभा सकुशल सम्पन्न कराने हेतु अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन, वाराणसी द्वारा जनपद भ्रमण/निरीक्षण व गोष्ठी किया साथ ही पुलिस लाईन ज्ञानपुर सभागार कक्ष में प्रेसवार्ता की अपर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि व्यपारियो व संभ्रांत लोगो संघ बैठक कर सभी लोगो से जनपद में होने वाले चुनाव के दौरान परेशानियों से अवगत हुआ और उसके लिए जनपद के पुलिस अधिकारियों को निर्देशित भी किया गया है कि कोई भी व्यक्ति चुनाव के दौरान गड़बड़ी करता है तो उसके साथ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाय ।

अपर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि होने वाले लोकसभा चुनाव में निर्भीक होकर अधिक से अधिक मतदान करें जिससे कि एक मजबूत सरकार का गठन हो। पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि आगामी लोक सभा चुनाव को देखते हुए हमारे अंतर्गत आने वाले सभी जनपदों में इसतरह का भ्रमण किया जा रहा है और चुनाव से संबंधित सभी आवश्यक दिशा निर्देश दिया जारहा है।

एक सवाल के जवाब में एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया ने कहा आज जनपद के संभ्रांत लोगो व पुलिस अधिकारियों संग बैठक किया गया है और पुलिस अधिकारियों को यह निर्देशित किया गया है कि चुनाव में खलल डालने वाले शरारती तत्वो से सख्ती से निपटा जाय वही संम्भ्रात लोगो से निर्भीक होकर अधिक से अधिक मतदान करने को कहा। इस अवसर पर सभी नगर पंचायत अध्यक्ष व नगर पालिका अध्यक्ष उपस्थित रहे।

दूसरे प्रांतों में चला रहे अस्पताल, भदोही में अल्ट्रासाउंड सेंटर

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। जिले में अल्ट्रासाउंड सेंटरों के संचालन में बड़ा खेल चल रहा है और स्वास्थ्य महकमा भी अनजान बना है। जनपद में पंजीकृत 42 सेंटरों में अधिकतर ऐसे हैं, जिनका पंजीयन किसी और के नाम पर है और चला कोई और रहा है। जिन डाक्टरों के नाम अल्ट्रासाउंड सेंटर पंजीकृत है, वे ग्वालियर, दिल्ली, देवरिया और बस्ती में अपना अस्पताल चला रहे हैं।जिले की आबादी करीब 20 लाख है।

जिले के सरकारी चिकित्सालयों में भी अल्टसाउंड की सुविधा है, लेकिन भीड़ के कारण लोग निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों का रूख करते हैं। कई बार तो चिकित्सक ही उन्हें निजी अल्ट्रासाउंडों पर भेजते हैं। इसका नतीजा है कि जिले में तमाम अल्ट्रासाउंड सेंटर अप्रशिक्षित लोगों के हाथों में है। जिले में जितने अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित हो रहे हैं। उसमें अधिकतर गैर प्रांतों और जनपदों में रहने वाले चिकित्सकों की डिग्री पर संचालित हो रहे हैं।

वे डॉक्टर कभी कभार ही जिले में आते हैं। मतलब अल्ट्रासाउंड सेंटर चला कोई और रहा है और डिग्री किसी और की लगी है। बताया जाता है कि इन सेंटरों से हर महीने उनका कमीशन उनके पास पहुंचता है। सबसे गौर करने वाली बात है कि जो अप्रशिक्षित लोग अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट तैयार करते हैं। उसी रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सक मरीज को दवा देते हैं। ऐसे में देखा जाए तो अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के नाम पर मरीजों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है।

कहां कितने अल्ट्रासाउंड सेंटर

भदोही -23

ज्ञानपुर-12

औराई -07

हर तीन महीने में अल्ट्रासाउंड सेंटर का निरीक्षण किया जाता है। ऐसी कुछ भी जानकारी नहीं है। यदी ऐसा कुछ है शिकायत मिलने पर अल्ट्रासाउंड सेंटर की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

डॉ रामपाल यादव नोडल अल्ट्रासाउंड सेंटर भदोही

जिले के 53 क्रिटिकल बूथों पर पुलिस की नजर

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। जनपद में मौसम का पारा चढ़ने के साथ ही राजनीतिक चहल-पहल भी बढ़ती जा रही है। भाजपा, इंडिया गठबंधन ने अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है जबकि बसपा ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। उधर, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस ने भी तैयारियां शुरू कर दी है। खासकर क्रिटिकल बूथों पर विशेष इंतजाम मतदान के दिन रहेंगे। बता दें कि वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान जनपद में कुल क्रिटिकल बूथ 47 थे।

इस साल उनकी संख्या बढ़कर 53 हो गई है। साथ ही कुल मतदान केंद्र 720 तथा कुल बूथ 1253 है। वर्ष 2019 में मतदान के दिन भदोही कोतवाली क्षेत्र में उमरी गांव में जमकर मारपीट हो गई थी। आरोप था कि कुछ लोगों ने पुलिस के जवानों को दौड़ा कर पीटा था‌। मामले की जानकारी के कुछ ही देर बाद उस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक डॉ संजय कुमार भारी फोर्स संग पहुंचे थे।

प्रकरणों में दर्जनों की तादाद में लोगों पर केस दर्ज कराया गया था। अपर पुलिस अधीक्षक डॉ तेजवीर सिंह ने बताया कि लोकसभा चुनाव के मतदान के दिन 25 म‌ई को सभी मतदान केन्द्रों पर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम रहेंगे। लेकिन क्रिटिकल बूथों पर नजर रहेगी।

1253 बूथों पर होगा लोकसभा

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। लोकसभा चुनाव की तैयारी हर तरफ तीव्र वेग से चल रही है। इस वर्ष लोकसभा का चुनाव कुल 1253 बूथों पर होगा। हर मतदान बूथों पर एक पीठासीन अधिकारी, एक मतदान कार्मिक प्रथम व एक द्वितीय समेत तृतीय मतदान अधिकारी की तैनाती रहेगा। वहीं बूथों पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस व केंद्रीय सुरक्षा बल भी तैनात होंगे।

जिला निर्वाचन विभाग कार्यालय की मानें तो कुल 1253 बूथों पर 5512 पाठासीन अधिकारी उपस्थित तैनात रहे। लोकसभा चुनाव में इस वर्ष भदोही, ज्ञानपुर, औराई व प्रयागराज जिले में हंडिया एवं प्रतापपुर मिलाकर बीस लाख 24043 मतदाता वेटिंग करेंगे। मतदान को लेकर विभागीय स्तर से तैयारी तीव्र वेग से चल रही है। भदोही में कुल 436432 ज्ञानपुर विधानसभा में,396019 औराई विधानसभा में 382067 जिले के तीनों विधानसभा में कुल 1214518 वोटर हैं। जबकि प्रतापपुर में 408714 एवं हंडिया में 400811 समेत कुल 809525 मतदाता हैं।

हर बूथों पर एक पीठासीन अधिकारी एवं प्रथम, द्वितीय,व तृतीय मिलाकर कुल तीन मतदान अधिकारी समेत चार की तैनाती होगी। जबकि संवेदनशील मतदान केंद्रों पर एक माइक्रा आब्जर्वर की अतिरिक्त तैनाती होगी ‌

चार लाख की प्रेशर मशीन,रखे - रखे हुई कबाड़

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। सीवर की सफाई के लिए चार साल पहले नगर पंचायत ने चार लाख रुपए खर्च करके प्रेशन मीशन खरीदी भी जो अब कबाड़ हो गई है। जीआईसी के साथ सामने की पानी टंकी के पास उसे खुले में फेंक दिया गया है। ईओ का कहना है कि प्रेशर कम होने के कारण मशीन का इस्तेमाल नहीं हो सका। सभासदों ने गोलमाल का आरोप लगाने हुए। जांच की मांग की है।

नगर निकाय में सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए मशीनों की खरीद कर ली जाती है। लेकिन उनके इस्तेमाल की किसी को चिंता नहीं रहती है। वर्ष 2020 में तत्कालीन चेयरमैन हीरालाल मौर्य के कार्यालय में नगर के विभिन्न वार्ड में सीवर और नालियों की सफाई के लिए चार लाख रुपए खर्च करके प्रेशन मीशन खरीदी गई लेकिन इसका एक बार भी इस्तेमाल नहीं किया गया।

नगर पंचायत के अधिकारियो का कहना है कि क्षमता अधिक न होने से उससे सफाई नहीं हो पा रही है। इससे दुरुस्त कराने के लिए क‌‌ई बाद पत्र लिखा गया लेकिन मरम्मत नहीं हो पाई। सभासद रंजीत गुप्ता, आशीष, रमेश पासी ने आरोप लगाया कि प्रेशर मशीन की खरीद में में जनता के पैसे को बर्बाद किया गया है। जानबूझकर कम क्षमता की मशीन खरीदी गई। इसमें गोलमाल का भी अंदेशा है। पूरे मामले की जांच कराई जानी चाहिए।

सभासदों का कहना है कि जब से खरीदा गया है तब से ही यह इसी तरह निष्प्रयोज्य खड़ा है। वहीं दूसरी तरफ ईओ राजेन्द्र कुमार दूबे ने बताया कि 2020 में मशीन की खरीद हुई। प्रदेश कम होने से मलबे की सफाई में काम नहीं कर पा रही है। सफाई में काम नहीं कर पा रही है। इससे सुधार के लिए बजट मांग की गई है। अब सबसे बड़ा सवाल है कि अगर मशीन का प्रयोग ही नहीं हुआ तो इसके प्रेशन की जानकारी नगर पंचायत को कैसे हुई। दूसरी तरफ नगर पंचायत के ईओ ने बताया कि प्रेशर कम होने के कारण मशीन का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। इस बार में क‌ई बार पत्र लिखा गया। लेकिन संबंधी कंपनी ने प्रेशर दुरस्त नहीं कराया।

पुलिस ने 318 अवांछनीय को जारी किया रेड कार्ड

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद से ही जिले की पुलिस एक्शन मोड पर है। चुनाव के दिन किसी प्रकार का खलल न हो, ऐसे में 318 अवांछनीय तत्वों को चिन्हित करके रेड कार्ड जारी किया गया है। साथ ही 41 को जिला बदर व 349 के खिलाफ मिनी गुंडा एक्ट 110 की कार्रवाई कराई गई।

पुलिस अधीक्षक डॉ मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि छठवें चरण के तहत जिले में 25 म‌ई को मतदान की प्रक्रिया संपन्न होगी। आयोग की मंशा के अनुसार पुलिस काम कर रही है। जिले के नौ थानों में अब तक 318 अवांछनीय तत्वों को चिन्हित करके रेड कार्ड दिया गया है। ऐसे लोगों को बूथ के आसपास नजर आने से मना किया गया है। आदेश की अवहेलना करने पर जेल भेजे जाएंगे। इसके अलावा ऐसे लोग भी चिन्हित किए जा रहे,जो शांति व्यवस्था में खलल पैदा कर सकते हैं। कहा कि चुनाव को लेकर जिले में अब तक 12 हजार 658 व्यक्तियों को शांति भंग की आशंका में पाबंद किया गया है। प्रकिया मतदान की तिथि तक जारी रहेगा।

सिद्धिदात्री की उपासना के साथ नवरात्र संपन्न

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। नवरात्र पर्व के नौ दिनों में मां अंबे के नौ अलग-अलग स्वरूपों की आराधना करने की परंपरा है। आज चैत्र शुक्ल नवमी है। इस दिन भक्त मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना करते हैं।

पौराणिक ग्रंथों में मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना गया है। मां सिद्धिदात्री के पास अणिमा, महिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, गरिमा, लघिमा, ईशित्व और वशित्व यह आठ सिद्धियां हैं। मां सिद्धिदात्री भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं और उन्हें यश, बल और धन भी प्रदान करती हैं।

शास्त्रों के मुताबिक माता की कृपा से ही देवी-देवताओं को भी सिद्धियां प्राप्त हुईं। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही भगवान शंकर का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसके चलते उन्हें अर्द्धनारीश्वर की संज्ञा भी दी जाती है।देवी आराधना के पवित्र पर्व वासंतिक नवरात्र के नौवें दिन बुधवार को आदिशक्ति के सिद्धिदात्री स्वरूप की उपासना की गई। इसी के साथ भगवती आराधना के नौ दिनी अनुष्ठान का समापन हो गया।

नवरात्र में नौ दिन तक उपवास रखने वाले व्रतियों ने कन्या पूजन के साथ व्रत का पारण किया। चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन बुधवार को जिले के देवी मंदिरों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। वैदिक मंत्रोच्चार और देवीगीतों से चप्पा-चप्पा भक्तिभाव में लीन नजर आया। छोटे से लेकर बड़े मंदिरों तक पर बड़ी संख्या में पहुंचकर श्रद्धालुओं ने हवन-पूजन किया और मां भगवती से सुख-सौभाग्य की कामना की।

ज्ञानपुर से लगे घोपइला देवी मंदिर पर सुबह से ही दर्शन-पूजन और हवन आदि करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी। मंदिर पर दिन के 11 बजे से कन्यापूजन और उन्हें भोजन कराने का सिलसिला शुरू हो गया, जो शाम तक चलता रहा। कुंवारी कन्याओं को भोजन कराकर व्रतियों ने उन्हें दक्षिणा और फल आदि का दान किया।

पोषण पोटली नहीं आई काम , 12348 कुपोषित

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। कुपोषित बच्चों की हालत में सुधर नहीं हो रहा है। सुपोषण मिशन का कोई फायदा नहीं हो रहा है। हर महीने कुपोषितों की संख्या में इजाफा हो रहा है। पांच हजार से अधिक बच्चे अतिकुपोषित श्रेणी में हैं जबकि कुल कुपोषितों की संख्या 12 हजार 348 हो गई है।बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पौष्टिक आहार उपलब्ध करा रहा है। इसके बावजूद कुपोषण के मामले कम नहीं हो रहे हैं। वर्ष 2014 में प्रदेश सरकार ने सुपोषण मिशन की शुरुआत की थी। आंगनबाड़ी केंद्रों पर वजन दिवस आयोजित किए जाने लगे। आंगनबाड़ी केंद्रों से गर्भवती महिलाओं और किशोरियों के पौष्टिक आहार, टीकाकरण आदि की व्यवस्ता की गई। इसके बाद भी कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी नहीं आई।आईसीडीएस विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में कुपोषित बच्चों की संख्या जहां 10 हजार 540 थी जबकिफरवरी में यह बढ़कर 11 हजार 590 तक पहुंच गई। मार्च में हुए वजन दिवस के बाद 12 हजार 348 कुपोषित पाए गए। कुपोषण को खत्म करने के लिए शुरू की गई पोषण पोटली योजना भी कारगर नहीं साबित हो रही है। विभाग अब इसको बंद करने की तैयारी में कर रहा है।

पोषण पुनर्वास केेंद्र का भी मतलब नहीं

बच्चों के कुपोषण को खत्म करने के लिए जिला अस्पताल ज्ञानपुर में पोषण पुनर्वास केंद्र बनाया गया है। आंगनबाड़ी केंद्रों से गंभीर अति कुपोषित बच्चों को भर्ती किया जाता है। 10 बेड का केंद्र कभी कभार ही भरता है। कभी दो तो कभी तीन बच्चे ही यहां पहुंचते हैं। केंद्र के कर्मचारियों का कहना है कि आंगनबाड़ी एवं सहायिकाएं यहां बच्चों को लेकर नहीं आती। जिससे उनका उपचार नहीं हो पाता।

तीन महीने में कुपोषित बच्चों का आंकड़ा

माह मैम सैम अति कुपोषित

जनवरी 4520 1520 4500

फरवरी 4859 1740 4999

मार्च 5335 1954 5059

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एक नजर आईसीडीएस विभाग

आंगनवाड़ी केंद्र- 1496

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता- 1320

बच्चों की संख्या - 1,32, 805

आठ से 10 साल पूर्व कुपोषित बच्चों की संख्या 40 से 50 हजार तक होती थी। उस समय से काफी सुधार हुआ है। वर्तमान में मौसम बदला हुआ है, जिससे बच्चों की तबियत खराब चल रही है। इससे मार्च में मैम,सैम बच्चों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। - मंजू वर्मा , डीपीओ

आपरेशन काॅरिडोर नहीं, हिचकोले खा मरीज

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में ऑपरेशन कॉरिडोर न होने से मरीजों को ऑपरेशन थिएटर से ऊबड़-खाबड़ रास्तों से इमरजेंसी वार्ड तक ले जाया जाता है।

कॉरिडोर के लिए छह महीने पहले प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन मंजूरी नहीं मिल पाई है।जिला चिकित्सालय में हर दिन 800 से 900 मरीजों की ओपीड़ी होती है। हर महीने 10-15 ऑपरेशन किए जाते हैं। ज्यादातर ऑपरेशन प्रसव से संबंधी होते हैं। जनरल सर्जरी के मामले कम ही आते हैं।

आपरेशन के बाद मरीज को इमरजेंसी वार्ड में भेजना पड़ता है। जिला चिकित्सालय की बिल्डिंग पुरानी है। यहां संसाधनों की कमी है। ऑपरेशन थियेटर से इमरजेंसी की दूरी लगभग 80 मीटर है। यह रास्ता ऊबड़-खाबड़ है। चिकित्सकों का कहना है कि दोनों के बीच कॉरिडोर होना चाहिए। कॉरिडोर नहीं होने से आपरेशन के बाद मरीजों को परेशानी होती है।

वर्जन:

पूर्व में भेजा गया प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हो सका। कॉरिडोर के लिए कार्ययोजना शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के बाद काम शुरु किया जाएगा। पुरानी बिल्डिंग होने के कारण तमाम समस्याएं है, जिसे समाधान किया जा रहा है। -- डॉ. राजेंद्र कुमार, सीएमएस