अभ्यर्थियों को अपने आपराधिक मामलों का स्वयं कराना होगा प्रचार-प्रसार
महेश चंद्र गुप्ता,बहराइच। उच्चतम न्यायालय द्वारा आपराधिक प्रवृत्ति के निर्वाचन लड़ने वाले उम्मीदवारों के सम्बन्ध में रिट याचिका संख्या 536 ऑफ 2011 में 25 सितम्बर 2018 को पारित आदेश के अनुपालन में भारत निर्वाचन आयोग की ओर से राजनैतिक दलों तथा अभ्यर्थियों के सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी किये गये हैं।
आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार लोकसभा/राज्यसभा/विधानसभा या विधान परिषद के निर्वाचन में ऐसे अभ्यर्थी जिनके विरूद्ध आपराधिक मामले या तो लम्बित हैं, या जिनमें दोष सिद्ध हो गये हैं, ऐसे मामलों को निर्वाचन क्षेत्र में व्यापक रूप से प्रचलन वाले समाचार पत्रों में प्रारूप-सी-1 में अभ्यर्थितायें वापस लेने की अन्तिम दिनांक से लेकर मतदान होने की दिनांक के 02 दिन पहले कम से कम 03 अलग-अलग दिनों में प्रकाशित करायेंगे।
आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार मान्यता/अमान्यता प्राप्त राजनैतिक दल भी अपनी वेबसाइट के साथ-साथ टी.वी. चैनलों तथा राज्य में व्यापक सर्कुलेशन वाले समाचार पत्रों में प्रारूप-सी-2 में प्रकाशित करेंगे। अभ्यर्थियों को रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष यह घोषित करना होगा कि उन्होंने अपनी पार्टी को अपने आपराधिक मामलों के बारे में सूचित कर दिया है।
रिटर्निंग ऑफिसर ऐसे अभ्यर्थियों को समाचार-पत्रों व टी.वी. चैनलों में व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए प्रारूप-सी-3 पर लिखित अनुस्मारक देंगे। ऐसे अभ्यर्थी जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्वाचन व्यय लेखा के साथ उन समाचार पत्रों की प्रतियॉ भी जमा करेंगे, जिनमें घोषणा प्रकाशित की गयी है।
Apr 18 2024, 18:31