मां दुर्गा का मोहक रुप है देवी महागौरी, इनकी पूजा से बढ़ती है सकारात्मक ऊर्जा
नितेश श्रीवास्तव ,भदोही।नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। आदिशक्ति श्री दुर्गा का अष्टम रुप श्री महागौरी है। मां महागौरी का रंग अत्यंत गौरा है इसलिए इन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है। मान्यता के अनुसार अपनी कठिन तपस्या से मां ने गौर वर्ण प्राप्त किया था।
तभी से इन्हें उज्ज्वला स्वरुपा महागौरी,धन ऐश्वर्य प्रदायिनी,चैतन्यमयी त्रैलोक्य पूज्य मंगला, शारीरिक मानसिक और सांसारिक ताप का हरण करने वाली माता महागौरी का नाम दिया गया। मां दुर्गा की आठवीं शक्ति देवी महागौरी है। इनका स्वरूप अत्यंत सौम्य है।
मां गौरी का ये रुप बेहद सरस, सुलभ और मोहक है। देवी महागौरी का अत्यंत गौर वर्ण हैं। इनके वस्त्र और आभूषण आदि भी सफेद ही हैं। इनकी चार भुजाएं हैं। महागौरी का वाहन बैल हैं। देवी के दाहिने ओर के ऊपर वाले हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले हाथ में त्रिशूल है। बाएं ओर के ऊपर वाले हाथ में डमरू और नीचे वाले हाथ में वर मुद्रा है।
इनका स्वभाव अति शांत है।नैत्र नवरात्र के आठवें दिन मंगलवार को आदि शक्ति मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी विधि-विधान से पूजी गईं। देवी मंदिरों से लेकर लोगों के घरों तक देवी मंत्रों से गांव और नगर गुंजायमान रहे। घंट-घड़ियाल की आवाज से पूरा वातावरण देवीमय हो गया।
कड़ी धूप के बाद भी आस्था में डूबे भक्त मां की एक झलक पाने को बेताब रहे। साधकों ने मां जगत जननी जगदंबा के महागौरी के स्वरूप में पूजन -अर्चना की। देवी मंदिरों में दर्शन पूजन में भक्तों की सुबह से ही लंबी कतार लगी रही।
अष्टमी पर ज्यादातर देवी भक्तों ने व्रत रखा और वे माता रानी के पूजन- अर्चन में लगे रहे। नगर के घोपइला माता मंदिर पर भोर से ही आदि शक्ति के दर्शन को भक्तों की कतार लगी रही शुक्रवार को घोपइला मंदिर में भंडारे का आयोजन किया गया है। जिसमें भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ेगी।
Apr 16 2024, 18:17