वरिष्ठ कांग्रेस नेता रौशन सिंह चंदन ने दिया पार्टी से इस्तीफा
संजीव सिंह बलिया ।उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को एक और बड़ा झटका लगा है। प्रदेश उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (सहकारिता प्रकोष्ठ) रौशन सिंह चंदन ने कांग्रेस के सभी पदों सहित कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया।
श्री चंदन ने त्यागपत्र कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को प्रेषित किया है। उसकी प्रति प्रदेश अध्यक्ष को भी भेजा है।त्यागपत्र देने के बाद मीडिया से मुखातिब श्री चंदन ने कांग्रेस से नाता तोड़ने के कारण को विस्तार से बताया। कहा अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस पार्टी के स्टैण्ड से मैं बेहद ही क्षुब्ध हूँ।
रघुवंशी श्रीराम व सास्वत सनातन धर्म का विरोध मुझे स्वीकार नहीं है। कहा जब मैंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन किया, तब मेरा मानना था कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है। जहाँ पर युवा, बौद्धिक लोगों की, उनके आइडिया की कद्र होती है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से मुझे महसूस हुआ कि पार्टी का मौजूदा स्वरूप नये आइडिया वाले युवाओं के साथ खुद को एड्जस्ट नहीं कर पाती।
कहा भावुक हूं, मन व्यथित है, काफी कुछ कहना चाहता हूँ, लिखना चाहता हूँ, बताना चाहता हूँ लेकिन मेरे संस्कार ऐसा कुछ कहने से मना करते है, जिससे दूसरों को कष्ट पहुंचे, फिर भी मैं अपनी बातों को आपके समक्ष रख ही रहा हूं कारण क्योंकि मुझे लगता है कि सच को छुपाना भी अपराध है और अपराध का भागी नहीं बनना चाहता। कहा मैं सन् 1995 में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण किया। उसके बाद एनएसयूआई अध्यक्ष बलिया युवा कांग्रेस अध्यक्ष बलिया, प्रदेश सचिव युवा कांग्रेस, प्रदेश महासचिव युवा कांग्रेस, प्रदेश संगठन मंत्री/ प्रभारी आजमगढ़ मण्डल सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ, प्रदेश महासचिव उप्र कांग्रेस कमेटी (विचार विभाग), प्रदेश उपाध्यक्ष उप्र कांग्रेस कमेटी (सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ) पर्दो पर रहा। वर्तमान में प्रदेश उपाध्यक्ष उप्र कांग्रेस कमेटी (सहकारिता प्रकोष्ठ) पद पर हूं।
कहा पिछले कुछ दिनों से पार्टी के स्टैण्ड से असहज महसूस कर रहा हूँ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय के भाई की जिसने हत्या की, उस हत्यारे की मौत पर प्रदेश अध्यक्ष की कमेटी के पदाधिकारी ही शोक संवेदना व्यक्त करने, उस हत्यारे के घर गए जो कि बेहद ही निंदनीयहै। प्रदेश अध्यक्ष अपनी कुर्सी बचाने के लिए के लिए ऐसे पदाधिकारियों के आगे अपने आपको गिरवी रख चुके है। मैं अपने सम्मान से समझौता नहीं कर सकता।
कहा मैं जन्म से हिन्दू व सनातन धर्म से हूँ, पार्टी व गठबन्धन से जुड़े कई लोग सनातन व गौ माता के विरोध में बोलते है, और पार्टी का उस पर चुप रहना, उसे मौन स्वीकृति देने जैसा है। पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उससे में खुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूँ और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर को गाली दे सकता हूँ इसलिए में कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूँ।
Apr 14 2024, 10:25