प्रख्यात संत प्रेमानंद की अचानक तबीयत बिगड़ी, सीने में दर्द की शिकायत पर शिष्यों ने उन्हें रामकृष्ण मिशन अस्पताल में भर्ती करवाया


वृंदावन। प्रख्यात संत प्रेमानंद की शुक्रवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। सीने में दर्द की शिकायत पर शिष्यों ने उन्हें रामकृष्ण मिशन अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करवाया। जहां चिकित्सकों की टीम संत प्रेमानंद का गहन परीक्षण कर रही है।

राधावल्लभीय संप्रदाय के संत प्रेमानंद की शुक्रवार की शाम अचानक तबीयत बिगड़ी। शाम करीब 7 बजकर 15 मिनट पर संत प्रेमानंद के अनुयायी उन्हें लेकर रामकृष्ण मिशन पहुंचे। जहां अस्पताल के चिकित्सकों की टीम ने संत प्रेमानंद का गहन परीक्षण शुरू कर चिकित्सीय राहत देना शुरू कर दिया।

सीने में दर्द के कारण अस्पताल में कराया गया भर्ती

संत प्रेमानंद के बारे में बताया कि शाम को अचानक उनके सीने में दर्द उठा और ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ था। ऐसे में संत के अनुयायी तत्काल उन्हें लेकर रामकृष्ण मिशन पहुंचे। अस्पताल प्रबंधन का कहना है की हालात सामान्य है। संत प्रेमानंद किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं और उनकी डायलिसिस भी होती रहती है।

बावजूद, इसके रात दो बजे वे अपने निज आवास श्रीकृष्ण शरणम् से पैदल ही रमणरेती स्थित राधाकेलि कुंज आश्रम पहुंचते हैं और देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन देने के साथ आध्यात्मिक प्रवचन भी करते हैं। संत प्रेमानंद के दर्शन के लिए रात एक बजे से ही सड़क पर हजारों श्रद्धालु उमड़ते हैं।

आज ही के दिन जलियांवाला बाग में ,जब गई थी, हजारों मासूमों की जान। उस हत्याकांड को याद कर सिहर उठता है हिंदुस्तान


 13 अप्रैल को देश भर में बैसाखी का त्यौहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। लेकिन 1919 का जलियांवाला बाग कांड भी इसी दिन से जुड़ा हुआ है। जिसने समूचे भारत को हिला कर रख दिया था। 

उन दिनों भारत पर ब्रिटिश आधिपत्य था और भारत गुलाम देश था।1919 में रॉलेट एक्ट के विरोध में पूरे भारत में प्रदर्शन हो रहे थे। 13 अप्रैल, 1919 को बैसाखी के दिन स्वर्ण मंदिर (अमृतसर) के निकट जलियांवाला बाग में एक सभा का आयोजन किया गया था। जिसका उद्देश्य अहिंसात्मक ढंग से अंग्रेजों के प्रति अपना विरोध दर्ज कराना था।

-जलियांवाला बाग हत्याकांड को 13 अप्रैल 1919 को अंजाम दिया गया था। जलियांवाला बाग अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पास का एक छोटा सा बगीचा है। 1919 में ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर के नेतृत्व में अंग्रेजी फौज ने गोलियां चला के निहत्थे, बूढ़ों, महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों लोगों को मार डाला था। इस हत्या़कांड में करीब 1000 से ज्यादा लोग मारे गए और 2000 से अधिक लोग घायल हुए थे।

10 मिनट में चलीं 1650 राउंड गोलियां 120 लोगों के शव उस कुएं से निकाले गए। जिसमें लोग जान बचाने के लिए कूद गए थे। हत्याकांड के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया। जिसकी वजह से कई जख्मी अस्पताल नहीं पहुंच सके। अंग्रेज अफसर ब्रिगेडियर जनरल डायर के आदेश पर 10 मिनट तक 1650 राउंड गोलिया बरसाई गईं थीं। दीवारों पर गोलियों के निशान आज भी मौजूद हैं। बता दें, कि पंजाब के तत्कालीन गवर्नर माइकल ओ डायर ने अपने ही उपनाम वाले जनरल डायर को आदेश दिया कि, वह भारतीयों को सबक सिखाए।

उधम सिंह ने लिया बदला--

इस हत्याकांड के बाद अंग्रेजों के विरुद्ध चलने वाली गतिविधियां और तेज हो गईं। उधम सिंह को भी गोली लगी थी। निहत्थे लोगों पर गोलियां बरसाने की इस घटना का बदला लेने के लिए उधम सिंह ने लंदन में 13 मार्च, 1940 को गवर्नर माइकल ओ डायर को गोली मार दी थी। इसके बाद ऊधमसिंह को 31 जुलाई, 1940 को दंडस्वरूप फांसी पर चढ़ा दिया गया था।

रबीन्द्रनाथ टैगोर ने लौटाई ‘नाइटहुड’ की उपाधि

 जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड का विरोध जताते हुए गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर ने ‘नाइटहुड ‘ की उपाधि लौटा दी थी।

इस हत्याकांड को आज भी जलियांवाला बाग स्मृति-दिवस के रूप में स्मरण किया जाता है।

इस हत्याकांड ने तब 12 वर्ष की उम्र के भगत सिंह की सोच पर गहरा प्रभाव डाला था। इसकी सूचना मिलते ही भगत सिंह अपने स्कूल से 12 मील पैदल चलकर जलियांवाला बाग पहुंच गए थे।

संयुक्त राष्‍ट्र की एजेंसी अंतरराष्‍ट्रीय नारकोटिक्‍स कंट्रोल बोर्ड के लिए दोबारा चुनी गईं जगजीत पवाडिया

नई दिल्ली। संयुक्त राष्‍ट्र की एजेंसी अंतरराष्‍ट्रीय नारकोटिक्‍स कंट्रोल बोर्ड (आइएनसीबी) के लिए फिर से भारत के जगजीत पवाडिया को पुनर्निर्वाचित किया गया है। उन्हें सामाजिक परिषद (ईसलीओएसओसी) द्वारा आयोजित अत्याधिक प्रतिस्पर्धी चुनाव में सबसे ज्यादा वोट हासिल किए।

विदेश मंत्री ने की यूएन में स्थायी मिशन टीम की तारीफ

इस बात की जानकारी देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लिखा, आज, भारत की उम्मीदवार जगजीत पवाडिया को न्यूयॉर्क में हुए चुनावों में 2025-2024 की अवधि के लिए अंतरराष्ट्रीय कंट्रोल बोर्ड के लिए फिर से चुना गया।एस जयशंकर ने आगे जानकारी दी कि भारत ने बोर्ड के सभी निर्वाचित सदस्य देशों के बीच सबसे अधिक वोट हासिए किए। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन और विदेश मंत्रालय की टीम की सराहाना की। भारत को ECOSOC को 53 वोटिंग सदस्यों में से 41 वोट प्राप्त हुए।

कौन हैं जगजीत पवाडिया?

पवाडिया वर्ष 2015 से आइएनसीबी की सदस्‍य हैं। वर्ष 1954 में जन्‍मी पावडिया ने 1988 में दिल्‍ली विश्‍वविद्याल से विधि स्‍नातक किया। इसके बाद इ‍ंडियन इंस्‍टीट्यूट से पब्लिक एडमिनिस्‍ट्रेशन में मास्‍टर डिप्‍लोगा किया। 2015 से अंतरराष्ट्रीय नारकोटिक्‍स कंट्रोल बोर्ड के सदस्य बनीं।पा‍वडिया ने भारत सरकार के 35 वषों के लिए भारतीय राजस्‍व सेवा में कई वरिष्‍ठ पदों पर काम किया और जिम्‍मेदारियां सभालीं। वह नारकोटिक्‍स ड्रग्‍स,वियना के आयोग में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की सदस्‍य भी रहीं। वह भारत के नारकोटिक्‍स कमिश्‍नर, सेंट्रल ब्‍यूरो ऑफ नारकोटिक्‍स में शामिल थीं।

सुप्रीम कोर्ट ने DMRC के पक्ष में सुनाया फैसला, DAMEPL को नहीं करना होगा 8000 करोड़ रुपये का भुगतान

 नई दिल्ली। अनिल अंबानी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली मेट्रो से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने DMRC को राहत दी है।उचचतम न्यायालय ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को बड़ी राहत प्रदान करते हुए कहा कि वह ‘दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड’ को 8,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं है। यह कंपनी अनिल अंबानी की है।

डीएमआरसी को 2017 में यह आदेश सुनाया गया था। ‘दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड’ रिलाइंस इंफ्रास्ट्रक्चर की कंपनी है।

सुप्रीम कोर्ट ने डीएमआरसी की ओर से दाखिल क्यूरेटिव याचिका को मंजूरी देते हुए अनिल अंबानी को ये बड़ा झटका दिया है। भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसले के खिलाफ उसकी पुनरीक्षण याचिका को खारिज किए जाने के विरूद्ध दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की सुधारात्मक याचिका को विचारार्थ की अनुमति दी।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया यह आदेश 

फैसले में कहा गया कि डीएमआरसी द्वारा अब तक जमा की गई राशि वापस कर दी जाएगी और पार्टियों को उनकी स्थिति में बहाल कर दिया जाएगा, जिस स्थिति में वे दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले की घोषणा की तारीख पर थे। विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा है।

पत्नी के प्रेम में बाधा बन रहे पति को पत्नी ने प्रेमी से करा दी हत्या,पुलिस ने इस हत्या से उठाया पर्दा,पत्नी के साथ प्रेमी गिरफ्तार

गाजियाबाद। दौलतपुरा में रहने वाले ई-रिक्शा चालक की पत्नी ने प्रेम संबंध में बाधक बनने पर प्रेमी से पति की हत्या करवा दी। शव को लावारिस हालत में ग्रेटर नोएडा के दादरी क्षेत्र में फेंक दिया गया। शक न हो, इसलिए महिला ने पति की गुमशुदगी थाने में दर्ज कराई। सिहानी गेट पुलिस ने मामले का पर्दाफाश करते हुए आरोपित महिला को उसके प्रेमी के साथ गिरफ्तार किया है।

एसीपी नंदग्राम रवि कुमार सिंह ने बताया कि दौलतपुरा में ई-रिक्शा चालक मनोज रहता था, जो पत्नी राधा के साथ अक्सर मारपीट करता था। वहां किराए पर रहने वाला ट्रक चालक राजेश दोनों का बीच-बचाव करता था। इससे नजदीकियां बढ़ीं और राधा व राजेश के बीच प्रेम संबंध बन गए।

पति को हो गई थी जानकारी

इसकी जानकारी मनोज को हो गई, वह इसका विरोध करता था। प्रेम संबंध में बाधक बनने पर राधा ने प्रेमी राजेश के साथ मिलकर पति की हत्या की साजिश रची। साजिश के तहत रुपये लेने के लिए उसने सात अप्रैल को मनोज को राजेश के पास लालकुआं भेजा।

ट्रक में छिपाकर लाया शव

जहां मनोज को राजेश ने अपने ट्रक में बैठाया और दादरी की ओर ले गया। रास्ते में उसे शराब पिलाई, नशे में होने पर पहले कपड़े फिर रस्से से गला दबाकर उसने मनोज की हत्या कर दी। शव को ट्रक के केबिन में ही छिपा दिया। इसके बाद ट्रक लेकर वह माल लोड करने के लिए दादरी गया।

एक्सप्रेस-वे की रेलिंग से फेंका शव

माल लोड करने के बाद आठ अप्रैल की सुबह साढ़े चार बजे वह ट्रक लेकर हरियाणा के झज्जर के लिए निकला। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर उसने जहां डासना की दूरी 17 किमी. होने का बोर्ड लगा था, वहां पर शव को एक्सप्रेस-वे की रेलिंग के पार फेंक दिया और ट्रक लेकर झज्जर चला गया।

हत्या के बाद राधा से पति की गुमशुदगी दर्ज कराने को कहा

हत्या की जानकारी उसने राधा को दी और पति की गुमशुदगी दर्ज कराने की सलाह दी, नौ अप्रैल को राधा ने सिहानी गेट थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला की आठ अप्रैल को दादरी में एक व्यक्ति का शव मिला है, शव के फोटो मंगाकर अलीगढ़ के अतरौली में रहने वाले मनोज के पिता रामखिलाड़ी को दिखाए तो उन्होंने बेटे के रूप में उसे पहचाना।

उन्होंने अपनी पुत्रवधू और उसके प्रेमी के खिलाफ साजिश के तहत मनोज की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई, पुलिस ने बुधवार को दोनों को सिहानी गेट थानाक्षेत्र से गिरफ्तार किया है। इसके बाद आरोपित राजेश की निशानदेही पर ट्रक के केबिन से मनोज का मोबाइल, पेनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, हत्या में इस्तेमाल रस्सा और शव छिपाने के लिए इस्तेमाल किया गया कंबल बरामद किया है, घटनास्थल से मृतक के जूते भी बरामद किए हैं।

तोता कर रहा था जीत हार का भविष्यवाणी,तोते के मालिक को पुलिस ने किया गिरफ्तार

 तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले में एक तोते के मालिक को तब गिरफ्तार कर लिया गया जब वह तोता इस चुनाव को लेकर भविष्यवाणी कर रहा था। तमिलनाडु के कोड्डालोर में एक ये तोता ज्योतिषी की तरह कार्ड के जरिए लोगों का भविष्य बता रहा था।यहां एक नेता ने लोकसभा चुनाव को लेकर तोते से अपना भविष्य पूछा। इस मामले का वीडियो भी सामने आया है, जिसके बाद तोते का मालिक मुश्किल में पड़ गया तोते ने तमिलनाडु की कुड्डालोर लोकसभा सीट से पीएमके उम्मीदवार थंकर बच्चन की जीत की भविष्यवाणी की। जिसके बाद तोते के मालिक को पक्षी को कैद में रखने के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। 

यह था पूरा मामला 

मामले के अनुसार कुड्डालोर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से पीएमके प्रत्याशी थंगर बच्चन चुनाव लड़ रहे हैं। बच्चन ने दो दिन पहले तेन्नामबक्कम क्षेत्र में मंदिर में दर्शन किए और उसके बाद मंदिर के बाहर सड़क किनारे ज्योतिषी तोते से मिले और चुनाव में उनका भविष्य पूछा। तोते ने भविष्यवाणी की वे जीतेंगे।

कुड्डालोर लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को मतदान

तमिलनाडु की कुड्डालोर लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को मतदान होगा। कुड्डालोर लोकसभा पर नामांकन की प्रक्रिया खत्म हो चुकी है और अब मतदान की तैयारी चल रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा-केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव ठीक नही

नई दिल्ली। सूखा राहत फंड जारी ना करने को लेकर केंद्र और कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कर्नाटक सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं होनी चाहिए। इस मामले में कर्नाटक सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से दो हफ्ते में जवाब मांगा है।

पीठ कर्नाटक सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें राज्य सरकार ने आरोप लगाया गया था कि केंद्र सरकार कुछ क्षेत्रों में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए राज्य को वित्तीय 

सहायता नहीं दे रही है। कोर्ट ने मामले को दो सप्ताह के बाद सुनवाई के लिए पोस्ट किया गया है।

पीठ ने कही ये बात...

केंद्र की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरामनी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ को बताया कि वे इस मामले में निर्देश मांगेंगे। पीठ ने कहा, "हमने देखा है कि विभिन्न राज्य सरकारों को अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा है।"

इतने रुपये की मांगी गई सहायता

वकील डीएल चिदानंद के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि खरीफ 2023 सीज़न के लिए संचयी रूप से, 48 लाख हेक्टेयर से अधिक में कृषि और बागवानी फसल के नुकसान की सूचना मिली है, जिसमें 35,162 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान (खेती की लागत) है। वहीं, इसमें कहा गया है कि एनडीआरएफ के तहत भारत सरकार से मांगी गई सहायता 18,171.44 करोड़ रुपये है।

हेल्थ टिप्स:रातभर अलसी के बीज भिगोकर खाने से मिलेंगे कई तरह के फायदे


दिल्ली: - आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हेल्‍थ का ख्‍याल रखना बेहद जरूरी हो गया है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि जल्‍दबाजी में खान-पान की गलत आदतें सेहत को बहुत प्रभावित कर रही हैं। जिससे शरीर में कई तरह की बीमारियां घेर लेती है।लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्‍योंकि आज भी कुछ ऐसे सुपरफूड्स हैं, जिन्‍हें थोड़ी मात्रा में अपनी डाइट में शामिल करके आप हेल्‍दी रह सकती हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही सुपरफूड के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी सिर्फ 1 चम्‍मच लेने से आप न केवल खुद को हेल्‍दी रख सकती हैं बल्कि कई तरह की बीमारियां से भी खुद को सुरक्षित रख सकती हैं।

अलसी के बीज सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।अलसी के बीज पोषक तत्वों का पावरहाउस हैं। ये शरीर के लिए जरूरी कई विटामिन और मिनरल्स, डाइट्री फाइबर, ओमेगा-3,6 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं इनमें प्रोटीन भी अधिक मात्रा में मौजूद होते हैं। यही कारण हैं, कि अलसी के बीज का सेवन न सिर्फ शरीर को जरूरी पोषण प्रदान करता है बल्कि इसके नियमित सेवन से सेहत को अद्भुत लाभ भी मिलते हैं। लेकिन हम में से ज्यादातर लोग यह नहीं जानते हैं कि अलसी के बीज पचने में भारी होते हैं, साथ इनमें कुछ एंटी-न्यूट्रिएंट्स भी होते हैं, जो अलसी में मौजूद पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा बनते हैं। यही कारण हैं कि कुछ लोग इन बीजों के सेवन के बाद पेट संबंधी समस्याओं का सामना करते हैं। साथ ही उन्हें अलसी के बीज का पूर्ण लाभ नहीं मिल पाता है। ऐसे में लोगों के मन में अक्सर यह सवाल आता है कि अलसी के बीज के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए इनका सेवन कैसे करें?

चिकित्सक की मानें तो अलसी के बीज खाने का सबसे आसान और सुरक्षित तरीका हैं इन्हें भिगोकर खाना है। अगर आप रात में 1 चम्मच अलसी के बीज पानी में भिगोकर रख देते हैं और सुबह खाली पेट इनका सेवन करते हैं तो इससे आपको अधिकतम लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि पानी में अलसी के बीजों को भिगोने से इन में मौजूद एंटी-न्यूट्रिएंट्स नष्ट हो जाते हैं, साथ ही यह पचने में भी आसान हो जाते हैं। रात भर पानी में भिगोए अलसी के बीज खाने से सेहत को भी कई लाभ मिल सकते हैं, आइए जानते है अलसी के बीज खाने के फायदे।

अलसी के बीज भिगोकर खाने के फायदे- *

1. मेटाबॉलिज्म होता है बूस्ट

सुबह भीगे अलसी के बीज खाने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है। इसके अलावा भीगने के बाद इनका आकार भी बढ़ जाता है, जिससे यह आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराते हैं। इस तरह आपको वजन प्रबंधन में भी

2. आंत को रखे स्वस्थ

अलसी में मौजूद डाइट्री फाइबर, लिगनेन और ओमेगा 3 फैटी आंत स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे होते हैं। यह आंत में सूजन कम करने, अच्छे बैक्टीरिया बढ़ाने और पेट संबंधी कई जैसे कब्ज, अपच, गैस आदि से बचाव में भी मदद करते हैं।

3. बालों को रखे हेल्दी

अगर आप बालों से जुड़ी समस्याओं से परेशान हैं, तो सुबह अलसी के बीज खाने से आपको बालों को स्वस्थ रखने में मदद मिलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि इनमें बालों के लिए जरूरी विटामिन ई, ओमेगा 3 फैटी एसिड, विटामिन बी आदि प्रचुर मात्रा में होते हैं। साथ ही इनमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी मौजूद होते हैं, जो बालों की कई समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं।

4. त्वचा में लाए ग्लो

अलसी के बीज त्वचा के टेक्सचर में सुधार करते हैं, इनमें मौजूद अल्फा लिनोलेनिक एसिड (एएलए) और एंटीऑक्सीडेंट मुंहासों, त्वचा की एलर्जी, फाइन लाइन्स, दाग-धब्बे और झुर्रियों से बचाते हैं और आपको एक स्वस्थ-दमकती त्वचा प्रदान करते हैं।

5. डायबिटीज रखे कंट्रोल

डाइट्री फाइबर की अच्छी मात्रा होने की वजह से यह ब्लड शुगर में स्पाइक रोकने और कंट्रोल रखने में भी मदद करते हैं। इसलिए डायबिटीज रोगियों को इनका सेवन करने की सलाह दी जाती है।

दिल्ली के सदर बाजार इलाके में बड़ा हादसा, घर में लगी आग, बाथरूम में फंसे गयी दो लड़कियां,मौत

नयी दिल्ली : दिल्ली के सदर बाजार इलाके में बड़ा हादसा हुआ है। बताया जा रहा है कि यहां एक घर में भयंकर आग लग गई। इस आग की वजह से दो लड़कियों की जान चली गई है।

 पुलिस ने बताया है कि सदन बाजार थाने को फोन के जरिए सूचना मिली थी कि यहां घर संख्या C-363 में आग लग गई है।

इसके बाद दमकल विभाग की टीमें मौके पर आग बुझाने पहुंचीं। फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियां मौके पर पहुंची थीं।

पुलिस ने बताया कि पूरे फ्लोर पर धुआं फैल गया था। फायर टीम किसी तरह घर में घुसने में सफल हो सकी। घर के अंदर जाने के लिए फायर टीम ने मास्क का इस्तेमाल किया था। 

जिन दो लड़कियों की मौत हुई है उनके नाम गुलशना और अनन्या बताया जा रहा है। 14 साल की गुलशना और 12 साल की अनन्या के पिता का नाम सलीम है।

जानकारी के मुताबिक, दोनों ही नाबालिग लड़कियां पहले तले के बाथरूम में फंस गई थीं। उन दोनों को वहां से निकाल कर जीवन माला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।

 क्राइम टीम को भी मौके पर बुलाया गया है और आगे की जांच की जा रही है। दिल्ली पुलिस की तरफ से कहा गया है कि आग पर काबू पा लिया गया है।

इसका एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में नजर आ रहा है कि फायर ब्रिगेड की टीम इस आग को बुझाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रही है। वीडियो में सीढ़ी के सहारे फायर कर्मचारी मकान के ऊपर पहुंचने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं। इस दौरान कई अन्य लोग भी वहां मौजूद नजर आ रहे हैं।

दुनिया का एक ऐसा इकलौता देश, जहां मुस्लिम तो है पर नही है एक भी मस्जिद


नयी दिल्ली: दुनिया में सबसे बड़ी आबादी ईसाई धर्म के अनुयायियों की है। फिर वो लोग हैं जो इस्लाम यानी मुस्लिम धर्म को मानते हैं। दुनिया के हर देश में आपको मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग मिल जाएंगे।

इसके साथ ही आप मुस्लिम बस्तियों में मस्जिदें भी देख सकते हैं, जहां मुस्लिम धर्म के लोग दिन में पांच बार नमाज पढ़ने जाते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं जहां मुस्लिम रहते हैं लेकिन उनके नमाज पढ़ने के लिए कोई मस्जिद नहीं है। इतना ही नहीं इस देश में मस्जिद बनाने की इजाजत भी नहीं दी जाती है.

दरअसल, स्लोवाकिया दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां मुस्लिम होने के बावजूद एक भी मस्जिद नहीं है। 

आपको बता दें कि यहां रहने वाले मुस्लिम या तो तुर्क हैं या उगर। ये मुसलमान 17वीं सदी में यहां आकर बस गये थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2010 तक यहां मुसलमानों की आबादी महज पांच हजार के आसपास थी। देश यूरोपीय संघ का आखिरी सदस्य बन गया है. इस देश में मस्जिद बनाने को लेकर विवाद चल रहा है. साल 2000 में स्लोवाकिया की राजधानी में एक इस्लामिक सेंटर के निर्माण को लेकर विवाद हुआ था।

ब्रातिस्लावा के मेयर ने स्लोवाक इस्लामिक वक्फ फाउंडेशन के सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया। साल 2015 में यूरोप के लिए शरणार्थियों का पलायन एक बड़ा मुद्दा बना रहा। उस समय स्लोवाकिया ने 200 ईसाइयों को शरण दी, लेकिन मुस्लिम शरणार्थियों के आगमन पर प्रतिबंध लगा दिया। 

इस पर सफाई देते हुए स्लोवाकिया के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उनके देश में मुसलमानों के लिए कोई पूजा स्थल नहीं है, जिसके कारण मुसलमानों को शरण देने से देश में कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं, हालांकि इस फैसले की यूरोपीय संघ ने भी आलोचना की थी। 

इतना ही नहीं, 30 नवंबर 2016 को स्लोवाकिया ने एक कानून पारित कर इस्लाम को आधिकारिक धर्म का दर्जा देने पर प्रतिबंध लगा दिया। यह देश इस्लाम को धर्म के रूप में स्वीकार नहीं करता। इतना ही नहीं, स्लोवाकिया यूरोपीय संघ का एकमात्र देश है जहां एक भी मस्जिद नहीं है। इतना ही नहीं, स्लोवाकिया ने ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त कानून भी लागू किया है। इस देश में आप सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक किसी से बात नहीं कर सकते और ना ही शोर मचा सकते हैं। ऐसी हरकत करने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करती है और उनसे भारी जुर्माना वसूला जाता है।