रामेश्वरम ब्लास्ट के आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी नेता अमित मालवीय का बड़ा आरोप, कहा-आतंकियों के लिए पनाहगाह बना बंगाल

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कर्नाटक के बेंगलुरु में रामेश्वरम कैफे में हुए धमाके के मामले में एनआईए ने आज शुक्रवार को पश्चिम बंगाल से दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है। चुनावी माहौल में इसे “लपकते” हुए भारतीय जनता पार्टी ने हवा दे दी है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि ममता बनर्जी के राज में बंगाल आतंकियों के लिए सुरक्षित पनागाह बन गया है। हालांकि, पश्चिम बंगाल पुलिस ने उनके दावे को झूठ बताया है। वहीं पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भी भाजपा पर पलटवार किया है। 

भाजपा नेता और पश्चिम बंगाल भाजपा के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने बेंगलुरू विस्फोट के आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया। इस पोस्ट में भाजपा नेता ने लिखा कि 'एनआईए ने रामेश्वरम कैफे को दो मुख्य संदिग्धों को कोलकाता से गिरफ्तार किया है। जिनमें मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मतीन अहमद ताहा शामिल हैं। दोनों आईएसआईएस की शिवमोगा या पश्चिम बंगाल सेल से जुड़े हो सकते हैं। दुर्भाग्य से ममता बनर्जी के कार्यकाल में बंगाल आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है।'

बंगाल पुलिस ने मालवीय के दावे को खारिज किया

वहीं, पश्चिम बंगाल पुलिस ने मालवीय के दावे को खारिज कर दिया है। बीजेपी नेता के पोस्ट का जवाब देते हुए पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा, “झूठ अपने सबसे बुरे स्तर पर! अमित मालवीय के किए गए दावों के विपरीत तथ्य यह है कि पश्चिम बंगाल पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के संयुक्त अभियान में पूर्व मेदिनीपुर से रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है।”

पुलिस ने अपने अगले पोस्ट में कहा, “इस मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस की सक्रिय भूमिका को केंद्रीय एजेंसियों ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार भी किया है। पश्चिम बंगाल कभी भी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं रहा है और राज्य पुलिस अपने लोगों को नापाक गतिविधियों से सुरक्षित रखने के लिए हमेशा सतर्क रहेगी।”

टीएमसी का पलटवार

वहीं, टीएमसी ने भाजपा नेता के आरोपों पर पलटवार का है। अमित मालवीय के ट्वीट के कुछ ही देर बाद टीएमसी नेता कुणाल घोष ने दावा किया कि आरोपियों को बंगाल पुलिस की मदद से ही गिरफ्तार किया गया है। टीएमसी नेता ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि बंगलूरू विस्फोट मामले में बंगाल पुलिस ने अच्छा काम किया है। एनआईए ने भी बंगाल पुलिस की मदद को स्वीकारा है। किसी भी देश विरोधी ताकत के साथ सख्ती से निपटा जाएगा, लेकिन मैं भाजपा से पूछना चाहता हूं कि ये गिरफ्तारी कहां से हुई? कांथी से। हम सब जानते हैं कि भाजपा के किस नेता और उनके परिवार का वहां दबदबा है और कोंटाई से गैरकानूनी गतिविधियां चलाई जाती हैं। कांथी या कोंटाई भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी का क्षेत्र माना जाता है। टीएमसी नेता ने घटना की जांच की मांग की।

जम्मू कश्मीर को मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा, जल्द होंगे विधानसभा चुनाव', पीएम मोदी ने दिलाया भरोसा

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लोकसभा चुनाव को लेकर देशभर में प्रचार का शोर है। सभी पार्टियां जोर-शोर से प्रचार अभियान में जुटी हैं। 400 पार का आंकड़ा तय कर चुकी बीजेपी के लिए खुद प्रधानमंत्री मोदी मैदान में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्षी पार्टियों पर जमकर हमला बोला।आतंकवाद, अलगाववाद, पत्थरबाजी, सीमा पार से गोलीबारी इस बार दशकों के बाद जम्मू-कश्मीर में चुनाव का मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव बिना किसी डर के हो रहे हैं। वहीं, पीएम मोदी ने भरोसा दिलाया कि जम्मू कश्मीर को उसका राज्य का दर्जा वापस मिलेगा और वह समय दूर नहीं जब केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के उधमपुर में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के लिए प्रचार करने पहुंचे थे।इस दौरान उन्होंने एक जनसभा को भी संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा मैं उधमपुर पिछले कई दशकों से आ रहा हूं। जम्मू-कश्मीर की धरती पर मेरा आना जाना पिछले 5 दशक से चल रहा है। मुझे याद है 1992 में एकता यात्रा के दौरान यहां आपने भव्य स्वागत और सम्मान किया था। आप भी जानते हैं कि तब हमारा मिशन लाल चौक पर तिरंगा फहराने का था, तब यहां माताओं-बहनों ने बहुत आशीर्वाद दिया था। उन्होंने आगे कहा कि ‘साल 2014 में माता वैष्णो देवी के दर्शन करके आया था और इसी मैदान पर मैंने आपको गारंटी दी थी कि जम्मू कश्मीर की अनेक पीढ़ियों ने जो कुछ सहा है, उससे मुक्ति दिलाऊंगा। आज आपके आशीर्वाद से मोदी ने वो गारंटी पूरी कर दी है।

जम्मू कश्मीर के लोगों का मन बदल गया-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि दशकों बाद ये पहला चुनाव है, जब आतंकवाद, अलगाववाद, पत्थरबाजी, बंद, हड़ताल, सीमा पार से गोलीबारी, ये चुनाव के मुद्दे ही नहीं हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 साल में जम्मू-कश्मीर की तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि यहां के लोगों का मन बदल गया। पहले माता वैष्णो देवी यात्रा हों या अमरनाथ यात्रा, ये सुरक्षित तरीके से कैसे हों इसको लेकर ही चिंता होती थी।मगर आज स्थिति अलग है।

अब जम्मू कश्मीर में भ्रम की मायाजाल नहीं चल पा रहा- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि सत्ता के लिए कांग्रेस ने यहां 370 की दीवार खड़ी की थी। हमने 370 की दीवार गिरा दी। 370 के मलबे को भी हमने जमीन में गाड़ दिया। 370 को लेकर कांग्रेस ने भ्रम बनाकर रखा था। 370 के समर्थकों को जम्मू-कश्मीर की जनता ने नकार दिया।पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस की कमजोर सरकारों ने शाहपुर कंडी डैम को 10 साल तक लटकाए रखा। इसके चलते जम्मू के गांव सुख गए थे। कांग्रेस के दौर में हमारे हक का पानी जो रावी से निकलता था, वह पाकिस्तान जा रहा था। जब लोग उनकी असलियत को जान गए तो अब जम्मू कश्मीर में भ्रम की मायाजाल नहीं चल पा रहा है।

कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर साधा निशाना

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि अब जम्मू कश्मीर में स्कूल जलाए नहीं जाते, बनाए जाते हैं। उन्होंने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर परिवारवाद का आरोप लगाया और कहा कि दोनों पार्टियां परिवारवादी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी विकसित भारत के लिए विकसित जम्मू कश्मीर के निर्माण की गारंटी दे रहा है। लेकिन कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी, जम्मू कश्मीर को फिर उन पुराने दिनों की तरफ ले जाना चाहती हैं। इन परिवार चलित पार्टियों ने जम्मू कश्मीर का जितना नुकसान किया, उतना नुकसान किसी ने नहीं किया है। ये लोग भ्रष्टाचारी हैं।

रामेश्वरम कैफे विस्फोट के संदिग्धों को कोलकाता में किया गया गिरफ्तार

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बेंगलुरु में रामेश्वरम कैफे विस्फोट के कथित हमलावर और मुख्य साजिशकर्ता, दोनों को 12 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के कोलकाता के पास से गिरफ्तार किया गया था।  

गिरफ्तार किए गए व्यक्ति कथित मुख्य साजिशकर्ता 30 वर्षीय अब्दुल मथीन अहमद ताहा और 30 वर्षीय कथित हमलावर मुसाविर हुसैन शाज़िब हैं। बता दें कि 1 मार्च को बेंगलुरु के ब्रुकफील्ड में रेस्तरां को निशाना बनाया गया था। जिससे नौ लोग घायल हो गए थे। एनआईए ने हाल ही में उनकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को ₹10 लाख के इनाम की घोषणा की थी। 

दोनों ने एक आतंकी मॉड्यूल बनाया था, जिसे 'तीर्थहल्ली मॉड्यूल' कहा जाता है, जिसे 2020 से अंजाम दे रहे थे। मुसाविर हुसैन शाजिब पर कैफे में (आई. ई .डी.) रखने का संदेह है। अब्दुल मथीन अहमद ताहा पर विस्फोट को अंजाम देने और उसके बाद कानून के चंगुल से बचने की योजना बनाने का संदेह है।

एनआईए ने कहा कि दोनों को 12 अप्रैल की सुबह कोलकाता के पास उनके ठिकाने का पता लगाया गया था, जहां वे गलत पहचान के साथ रह रहे थे।एनआईए, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल की राज्य पुलिस के बीच समर्थन और सहयोग से एनआईए द्वारा यह लक्ष्य सफलतापूर्वक पूरा किया गया।''

कथित तौर पर उनके द्वारा कट्टरपंथी बनाए गए तीर्थहल्ली के युवा तीन आतंकी मामलों में शामिल थे - अक्टूबर 2020 में मंगलुरु में आतंकवाद समर्थक भित्तिचित्र सितंबर 2022 में शिवमोग्गा में तुंगा नदी के तट पर (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) का परीक्षण, विस्फोट और नवंबर 2022 में मंगलुरु में कुकर बम विस्फोट। इन मामलों में तीर्थहल्ली के चार युवकों को गिरफ्तार किया गया है। तीनों मामलों में ताहा और हुसैन को आरोपी बनाया गया था। 

अधिकारी ने कहा कि अब्दुल मथीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब ने पहले भी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए अपने रंगरूटों का इस्तेमाल किया था। लेकिन, हुसैन ने 1 मार्च को बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में आईईडी लगाया, जिससे संकेत मिलता है कि उनके पास खर्च करने लायक भर्तियां खत्म हो गई हैं। इससे यह उम्मीद जगी है कि मॉड्यूल में कोई भी नहीं बचा है और दोनों की गिरफ्तारी के साथ, मॉड्यूल को निष्क्रिय कर दिया गया है। इन दो सरगनाओं की गिरफ्तारी के साथ, उन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है जिनके बारे में हम जानते हैं कि वे इस मॉड्यूल के सदस्य हैं। हमें उम्मीद है कि यह इस मॉड्यूल को बेअसर कर देगा।

दिल्ली में लगने वाला है राष्ट्रपति शासन? आतिशी का दावा- केन्द्र सरकार कर रही बड़ी साजिश

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में बंद हैं। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से आम आदमी पार्टी लगातार केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमलावर है। इसी क्रम में दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया। आतिशी ने कहा कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के खिलाफ बड़ी साजिश रची जा रही है। केंद्र सरकार दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने वाली है।

आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी पर आरोपों की बौछार की। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार के खिलाफ बहुत बड़ा राजनीतिक षड्यंत्र प्लान किया जा रहा है। भाजपा को पता है कि चाहें वे कितना भी जोर लगा लें, वे दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को हरा नहीं सकते। दिल्ली के लोग अरविंद केजरीवाल से प्यार करते हैं, दिल्ली के लोग आप को पसंद करते हैं और दिल्ली के लोग भाजपा की हरसंभव कोशिश के बाद आप को ही वोट देते हैं। ये (भाजपा) दिल्ली में चुनाव जीतने वाले नहीं है, इसलिए ये साजिश कर रहे हैं कि दिल्ली की चुनी हुई अरविंद केजरीवाल की सरकार को गिराया जाए।

आप नेता ने कहा, दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने बैठक में शामिल होना बंद कर दिया है। दिल्ली में पिछले कई दिनों से किसी भी अफसर की पोस्टिंग नहीं हो रही है। दिल्ली में कई विभाग खाली हैं। एलजी साहब पिछले एक हफ्ते से एमएचए को बिना किसी कारण दिल्ली सरकार के खिलाफ चिट्ठी लिख रहे हैं। एक 20 साल पुराने केस को उठाकर दिल्ली के मुख्यमंत्री के सचिव को बर्खास्त कर दिया गया। इन सभी चीजों से पता चलता है कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार को गिराने और राष्ट्रपति शासन लागू करने की साजिश चल रही है।

आतिशी ने कहा, मैं भाजपा को चेतावनी देती हूं कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाना अवैध, असंवैधानिक और दिल्ली के लोगों के जनादेश के खिलाफ होगा। दिल्ली के लोगों ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को स्पष्ट जनादेश दिया है।

लोकसभा चुनाव -2042: 'स्कैन करें और घोटाला देखें..', तमिलनाडु में पीएम मोदी के खिलाफ स्टालिन की DMK ने लगाए पोस्टर

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में अब कुछ ही दिन बचे हैं, इसी बीच तमिलनाडु में कई जगहों पर केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर घोटाले का आरोप लगाने वाले पोस्टर देखने को मिले हैं। पोस्टर में सबसे ऊपर "G Pay" लिखा है, जिस पर पीएम मोदी की तस्वीर और एक क्यूआर कोड है। इसमें लिखा है, "कृपया स्कैन करें और घोटाला देखें।" पोस्टर को स्कैन करने से मोबाइल फोन उपयोगकर्ता को एक वीडियो मिल जाता है। वीडियो में, एक व्यक्ति को चुनावी बांड के माध्यम से भाजपा के कथित भ्रष्टाचार, CAG रिपोर्ट में उजागर अनियमितताओं, विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में कथित भ्रष्टाचार आदि के बारे में समझाते हुए सुना जा सकता है। वीडियो में यह भी दावा किया गया है कि भाजपा सरकार ने बड़े कॉरपोरेट्स के लाखों करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर दिए हैं। इसके बाद वीडियो मतदाताओं से भाजपा को खारिज करने और इंडिया ब्लॉक का समर्थन करने की अपील करता है। रिपोर्ट के अनुसार, ये पोस्टर तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी DMK पदाधिकारियों द्वारा लगाए गए थे। बता दें कि, 2024 के लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में होंगे। नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे। तमिलनाडु में 39 लोकसभा सीटों के लिए 19 अप्रैल को एक ही चरण में मतदान होगा।
नवरात्रि में सपने में आई देवी मां तो महिला ने काट कर चढ़ा दी अपनी जीभ, डिटेल में पढ़िए, फिर जो हुआ...

 मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, यहां एक महिला ने अपनी जीभ काटकर माता के चरणों में चढ़ा दी। लेकिन परिजन उस महिला को चिकित्सालय पहुंचाने की जगह वहां बैठकर कीर्तन करते रहे। बाद में जब महिला की हालत ज्यादा गंभीर हो गई तो उसे चिकित्सालय ले जाया गया। यहां चिकित्सकों ने बड़ी मुश्किल से महिला की जान बचाई। मामला जबलपुर के ग्वारीघाट थाना इलाके के संजय नगर का है।

कुसुम चौधरी नाम की महिला को सपने में देवी मां ने दर्शन दिए। तत्पश्चात, उसने ब्लेड से अपनी जीभ को काट कर पत्ते में रखा। फिर उसे घर के ही मंदिर में चढ़ा दिया। परिजनों ने जब उपचार के लिए कहा तो महिला ने उपचार करवाने से स्पष्ट मना कर दिया है। देखते ही देखते महिला के घर में भारी भीड़ एकत्रित हो गई तथा उसके घर पर लोग भजन कीर्तन करने में लग गए। परिवार वाले भी भजन कीर्तन करने लगे। महिला के बेटे राजा चौधरी ने बताया कि उसकी 55 वर्षीय मां कुसुम चौधरी ने देवी मां की भक्ति में बृहस्पतिवार को घर में बने मंदिर में ब्लेड से अपनी जीभ काटकर पान के पत्ते में रखी। फिर उसे माता को चढ़ा दिया। परिजनों की जब उस पर नजर पड़ी तो उन्होंने कुसुम को अस्पताल ले जाने का प्रयास किया। लेकिन देवी मां की भक्ति भाव में डूबी कुसुम चौधरी ने अस्पताल जाने से स्पष्ट इंकार कर दिया। कुसुम ने कहा कि मां शारदा ही उसे ठीक करेंगी। फिर परिजनों ने भी कोई जहमत नहीं उठाई। उन्होंने भी महिला की बात मान ली तथा भक्ति में लीन होकर वे लोग वहीं पर पूजा पाठ करने लगे।

वही इस बीच गांव के और लोग भी उनके घर पहुंचे। सभी भजन कीर्तन करने लगे। उन्हें भी लगा कि सच में कुसुम के सपने में माता आई होंगी। मगर बाद में महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो उसे चिकित्सालय ले जाया गया। चिकित्सकों ने उसकी जान किसी तरह बचा ली। लेकिन अभी पूरी तरह ठीक होने में उसे समय लगेगा। कुसुम की मानें तो बुधवार की रात को सपने में उसे शारदा माता ने दर्शन दिए। उन्होंने उसे आशीर्वाद दिया। तत्पश्चात, कुसुम ने मां के लिए अपनी जीभ काटी। फिर उसे पान के पत्ते में रखकर अपने पूजा घर में रख दिया। जहां माता की तस्वीर रखी थी। कुसुम ने बताया कि उसने ये सब सिर्फ भक्ति में किया है। और उसे इसका कोई दुख नहीं है। माता उसे ठीक कर देंगी।

अब विवादों में फंस गई अजय देवगन की 'मैदान', कोर्ट ने फिल्म पर लगाई रोक! लगे ये गंभीर आरोप, जानें पूरा मामला

 अजय देवगन अभिनीत फिल्म 'मैदान', जो पूर्व भारतीय फुटबॉल कोच सैयद अब्दुल रहिम के जीवन पर आधारित है, रिलीज से पहले विवादों में घिर गई है। कर्नाटक के एक राइटर अनिल कुमार ने फिल्म निर्माताओं पर कहानी चोरी का आरोप लगाया है।

अनिल कुमार का दावा है कि उन्होंने 2010 में 'मैदान' जैसी ही कहानी लिखी थी और 2018 में इसे रजिस्टर भी करवाया था। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने 2019 में अपनी कहानी को LinkedIn पर शेयर किया था, जिसके बाद फिल्म निर्माताओं ने उनसे संपर्क किया था। अनिल कुमार का आरोप है कि फिल्म निर्माताओं ने उनकी कहानी चुराई और बिना किसी क्रेडिट के फिल्म में इस्तेमाल किया।

बता दें कि, अनिल कुमार ने मैसूर कोर्ट में फिल्म के खिलाफ याचिका दायर की है। 10 अप्रैल, 2024 को सुनवाई के बाद, कोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने फिल्म निर्माताओं को नोटिस भेजने का निर्देश दिया है। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मैसूर बेस्ड राइटर अनिल कुमार ने पूर्व इंडियन फुटबॉल कोच सैयद अब्दुल रहिम पर बेस्ड फिल्म की कहानी चुराने का आरोप लगाया है। अनिल कुमार का कहना है- 'साल 2010 में, मैंने स्टोरी लिखनी शुरू की थी और 2018 में इसका एक पोस्ट भी पोस्ट किया था और मेरे लिंकडिन पोस्ट के जरिए मेरा कॉन्टेक्ट एड डायरेक्टर सुखदास सूर्यवंशी से हुआ।  

उन्होंने मुझे बॉम्बे (मुंबई) बुलाया और साथ स्क्रिप्ट लाने के लिए कहा. मेरे पास पूरी चैट हिस्ट्री है। उन्होंने मुझे कहा कि वह मुझे आमिर खान से मिलाएंगे, लेकिन मैं किन्हीं वजहों से उनसे मिल नहीं पाया। मैंने उन्हें स्टोरी दी और इसे स्क्रीन राइटर्स एसोसिएशन में रजिस्टर करा लिया। अनिल कुमार ने आगे कहा- 'हाल ही में मैंने सुना कि फिल्म आ रही है मैदान तो मैं हैरान हो गया क्योंकि मेरी यही स्टोरी है।  

जब मैंने टीजर और उनके स्टेटमेंट्स सुने, तब मुझे पता चला कि यह मेरी स्टोरी है। उन्होंने मेरी स्टोरी को थोड़ा ट्विस्ट कर दिया है। बता दें, अजय देवगन की फिल्म 'मैदान' 10 अप्रैल को सिनेमाघरों में दस्तक दे गई है। फिल्म की कहानी 1952-1962 तक भारत के फुटबॉल कोच रहे सैयद अब्दुल रहीम पर बेस्ड है। 'मैदान' में अजय देवगन के साथ प्रियामणि और गजराज राव लीड रोल में हैं।

गर्भगृह अग्निकांड : महाकाल भस्म आरती के बदले नियम! पुजारियों और श्रद्धालुओं के लिए एडवाइजरी जारी, पढ़िए, रिपोर्ट


 ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में होली पर हुए अग्निकांड के बाद मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था में कठोर कदम उठाए हैं। भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में पुजारियों की संख्या सीमित कर दी गई है। साथ ही पंडे, पुजारी तथा सेवकों के अनावश्यक रूप से मंदिर में घूमने पर रोक लगा दी गई है। श्रद्धालुओं का मंदिर में मोबाइल लेकर प्रवेश करना भी प्रतिबंधित किया गया है।

मंदिर प्रशासक मृणाल मीना ने बताया कि महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति तथा जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त द्वार से कार्रवाई की जा रही है। 

1. भस्म आरती के समय गर्भगृह में पुजारियों की संख्या सीमित कर दी गई है।

2. अनावश्यक पंडा, पुजारी तथा सेवकों का प्रवेश भी प्रतिबंधित किया गया है।

3. भस्म आरती दर्शन करने आने वाले दर्शनार्थियों को भी जांच पड़ताल के उपरांत ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है।

4. श्रद्धालुओं के मोबाइल लेकर आने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

5. इलेक्ट्रानिक उपकरण सहित अन्य संवेदनशील उपकरण जिनसे दुर्घटना की आशंका होती है, उन्हें अलग रखवाने के लिए काउंटर बनाए जा रहे हैं।

अन्य महत्वपूर्ण बदलाव

भस्म आरती के नाम पर श्रद्धालुओं से रुपये लेने वालों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित कराई जा रही है।

भस्म आरती के दौरान पहले लोग नंदीजी के सामने गेट तक बैठते थे। अब भक्तों को नंदीजी के पीछे से बैठाया जा रहा है।

गर्मी को दृष्टिगत रखते हुए मंदिर के द्वार से मंदिर तक छांव तथा कारपेट बिछाने की व्यवस्था की गई है।

यह बदलाव मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने और भविष्य में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए किए गए हैं।

कलेक्टरी छोड़ नेता बनने निकलीं निशा बांगरे का क्या हो गया 'मोए-मोए'? अब वापस मांग रही सरकारी नौकरी, लेकिन कांग्रेस ने नहीं दिया टिकट

 चुनाव लड़ने के लिए अपना इस्तीफा स्वीकार कराने वाली पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे अपनी सरकारी नौकरी वापस चाहती हैं। निशा बांगरे ने कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए अपना इस्तीफा दे दिया था। इस इस्तीफे को स्वीकार करने के लिए उन्होंने राज्य सरकार से लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस ने मुझे लोकसभा टिकट देने का वादा किया था, लेकिन पार्टी अपने वादे से मुकर गई।' यह पूछे जाने पर कि क्या ऑफर मिलने पर वह बीजेपी में शामिल होंगी। 

उन्होंने कहा, 'मुझे बीजेपी से कोई ऑफर नहीं मिला है। मैंने जनवरी में ही सामान्य प्रशासन विभाग को मुझे सेवा में वापस लाने के लिए लिखा था। मुझे वापस लेने का मेरा आवेदन सरकार के पास पेंडिंग है।' पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव के दौरान निशा बांगरे कांग्रेस के टिकट पर आमला सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं। हालांकि, जब तक सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार किया, कांग्रेस ने इस सीट से एक और उम्मीदवार की घोषणा कर दी थी।

उन्होंने कहा, 'मेरा परिवार चाहता है कि मैं सेवा में वापस आ जाऊं। मप्र सेवा नियम में इसका प्रावधान है। ऐसे भी उदाहरण हैं जहां सरकारी कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया, चुनाव लड़ा और चुनाव हारने के बाद सेवा में वापस आ गए।' छतरपुर जिले के लवकुश नगर की एसडीएम रही बांगरे ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 23 जून, 2023 को इस्तीफा दे दिया था, लेकिन जीएडी ने उनका इस्तीफा स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।

दलाई लामा से चीन को क्यों है इतनी चिढ़? ड्रैगन की करतूत जान आप भी रह जाएंगे दंग

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चीन अपनी हरकतों से बाज आने वाला नहीं है। एक बार फिर चीन ने तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को निशाना बनाने की कोशिश की है। पड़ोसी देशों की सीमाओं पर नजर गड़ाए रखना वाला चीन तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को अपना दुश्मन समझता है। दलाई लामा के खिलाफ हमेशा से जहर उगलते आ रहे ड्रैगन ने अब उनकी मौत की कामना की है। दरअसल, चीन तिब्बती मठों में दलाई लामा के खिलाफ आपत्तिजनक बुकलेट बांट रहा है। जिसमें ये कहा गया है कि दलाई लामा की मौत के बाद किसी तरह का धार्मिक अनुष्ठान न हो।

रेडियो फ्री एशिया (आरएफए) की 9 अप्रैल की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन के उत्तर पश्चिम प्रांत के गांसु के मठों में दलाई लामा की मृत्यु से संबंधित पारंपरिक प्रथाओं पर 10 प्रतिबंधों वाला एक मैनुअल वितरित किया गया है। कथित तौर पर मैनुअल में 10 नियमों को सूचीबद्ध किया गया है, जिनका बौद्ध भिक्षुओं को पालन करना होगा। बुकलेट के जरिए कहा गया है कि दलाई लामा की मौत के बाद बौद्ध भिक्षुओं को तिब्बती आध्यात्मिक नेता और अन्य धार्मिक गतिविधियों और अनुष्ठानों की तस्वीरें जारी करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। तिब्बती बौद्धों ने चीनी अधिकारियों की उस निर्देश के लिए निंदा की है जो दलाई लामा की मृत्यु के बाद आयोजित कुछ धार्मिक प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाने की बात करता है।

चीन ने दलाई लामा की मृत्यु के बाद होने वाले अनुष्ठानों को लेकर फरमान जारी किया है। ये बात काफी ये समझने के लिए चीन दलाई लामा से किस कदर चिढ़ता है? या यूं कहें की चीन एक वृद्ध धार्मिक नेता से खौफ खाता है। अब सवाल ये है कि आखिर कौन हैं दलाई लामा और क्‍यों चीन उनसे इतना चिढ़ता है?

बता दें कि 14वें दलाई लामा तिब्बत के आध्यात्मिक नेता है। तिब्‍बती मान्‍यता के मुताबिक दलाई लामा एक अवलौकितेश्‍वर या तिब्‍बत में जिसे शेनेरेजिंग कहते हैं, वही स्‍वरूप हैं। दलाई लामा को बोधिसत्‍व यानी बौद्ध धर्म का संरक्षक माना जाता है। बौद्ध धर्म में बोद्धिसत्‍व ऐसे लोग होते हैं तो जो मानवता की सेवा के लिए फिर से जन्‍म लेने का निश्‍चय लेते हैं। वर्तमान में जो दलाई लामा हैं, उनका असली नाम ल्‍हामो दोंडुब है। उनका जन्‍म नार्थ तिब्‍बत के आमदो स्थित एक गांव जिसे तकछेर कहते हैं, वहां पर छह जुलाई 1935 को हुआ था। ल्‍हामो दोंडुब की उम्र जब सिर्फ 2 साल थी तो उसी समय उन्‍हें 13वें दलाई लामा, थुबतेन ग्‍यात्‍सो का अवतार मान लिया गया था। इसके साथ ही उन्‍हें 14वां दलाई लामा घोषित कर दिया गया।

चीन तिब्बत पर अपना दावा पेश करता है। चीन दलाई लामा को अलगाववादी मानता है। वह सोचता है कि दलाई लामा उसके लिए समस्या हैं। 1950 में चीन ने तिब्‍बत पर हमला किया। साल 1954 में दलाई लामा ने चीन के राष्‍ट्रपति माओ त्से तुंग और दूसरे चीनी नेताओं के साथ शांति वार्ता के लिए बीजिंग गए। इस ग्रुप में चीन के प्रभावी नेता डेंग जियोपिंग और चाउ एन लाइ भी शामिल थे। साल 1959 में चीन की सेना ने ल्‍हासा में तिब्‍बत के लिए जारी संघर्ष को कुचल दिया। तब से ही दलाई लामा हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में निर्वासित जिंदगी बिता रहे हैं।

चीन को भारत में दलाई लामा को शरण मिलना अच्छा नहीं लगा। तब चीन में माओत्से तुंग का शासन था। दलाई लामा और चीन के कम्युनिस्ट शासन के बीच तनाव बढ़ता गया। दलाई लामा को दुनिया भर से सहानुभूति मिली लेकिन अब तक वह निर्वासन की ही ज़िंदगी जी रहे हैं।