ब्लॉक क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों की हालत खराब,मरीजों को नहीं मिल रही सुविधा
शमशाबाद फर्रुखाबाद। ब्लॉक क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की अगर बात करें तो जांच और इलाज के संसाधन न होने से मरीज को परेशानी का सामना करना पड़ता है भी शमशाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हर रोज 100 से 150 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं ओपीडी में मरीजों की भीड़ भाड़ रहती है डॉक्टर की कमी से जूझ रहे अस्पताल में प्रमुख रोगों की जांच नहीं हो पा रही है ।
खासतौर पर सीबीसी की जांच लंबे समय से बंद चल रही है मशीन खराब है ऐसे में मरीजों को प्राइवेट लैब से जांच करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है सरकारी स्तर से जांच के लिए मरीज को या तो जिला मुख्यालय के अस्पताल या फिर कायमगंज के लिए जाना पड़ता है इसमें उन्हें 20 से 30 किलोमीटर की दौड़ लगानी पड़ती है जिससे मरीज और उसके तीमारदार को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नगर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र से मरीज बड़ी संख्या में हर रोज इलाज के लिए आते हैं ।
गंगा कटरी के नजदीक बसे गांव के लोग भी इलाज के लिए यही पहुंचते हैं अस्पताल में एच बी टाइफाइड मलेरिया डेंगू हीमोग्लोबिन आज की जांच होती हैं यहां पर नेट परीक्षण भी नहीं होता है दांत का भी कोई डॉक्टर नहीं है तो फिर मरीज को इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है अस्पताल में एक्स-रे की भी सुविधा नहीं है एक्सरे क रा ने के लिए मरीज को इधर-उधर जाना पड़ता है।
अल्ट्रासाउंड की बात ही छोड़ दो अल्ट्रासाउंड भी यहां नहीं होते हैं सरकारी में अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए जिला मुख्यालय जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है ओपीडी में मरीजों को इलाज करवाने के लिए इंतजार करना पड़ता है क्योंकि इस समय मौसम में जो उतार चढ़ाव है उस भीड़ हो रही है बुखार खांसी और पेट दर्द के मरीज को अस्पताल में भीड़ लगी रहती है मौसम में जो बदलाव हुआ है उसे खुजली के मरीज बढ़ रहे हैं ऐसे मरीजों को दवा के साथ-साथ बचाव के तरीके भी बताए गए हैं जिससे कि वह जल्द स्वस्थ हो सके इस समय खान-पान में जरा सी लापरवाही सेहत को बिगाड़ रही है जुकाम के सबसे ज्यादा मरीज आ रहे हैं परी चा काउंटर से लेकर डॉक्टर कक्ष तक भीड़ रहती है डॉक्टरों की कमी है।
इसलिए यहां इलाज करा ने के लिए इंतजार काफी देर तक करना पड़ता है वैसे तो यहां प्रस ब की भी सुविधा है महिलाएं इलाज को पहुंचती हैं यदि महिला की हालत गंभीर होती है तो तुरंत अस्पताल की ओर से लोहिया अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जाता है इस तरह से अस्पताल में कई तरीके की समस्याएं खड़ी हुई है एलटी लोकेंद्र कुमार ने बताया कि सीबीसी की मशीन काफी समय से खराब पड़ी हुई है इसलिए सीबीसी की जांच नहीं हो पा रही है अन्य जांच जो डॉक्टर सलाह देते हैं उनको किया जाता है और समय से मरीजों को उसकी रिपोर्ट भी दी जाती है वही भारतीय किसान यूनियन के जिला महासचिव संजय गंगवार का कहना है कि अस्पताल में स्पेशलिस्ट डॉक्टर की तैनाती हो जाए तो काफी बेहतर होगा अभी आंख और दांत की समस्या को लेकर बाहर जाना पड़ता है ।
इससे सफर में बड़ी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं अगर यहां पर जांच हो तो राहत मिलेगी सपा नेता दीपक श्रीवास्तव ने कहा कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड भी नहीं होते हैं जबकि बाजार में महंगा अल्ट्रासाउंड क रा ना पड़ता है अल्ट्रासाउंड यहां करवाए जाएं जिससे कि मरीजों को जो बाहर जाना पड़ रहा है उसे बचा जा सके अतुल राजपूत ने कहा कि सीबीसी की मशीन लंबे समय से खराब चल रही है इस कारण जांच कराने के लिए बाहर जाना पड़ता है वही एक्स-रे की जांच न होने से परेशानी होती है l कमजोर मरीज के सामने मुसीबतें खड़ी हो रही हैं यदि बेहतर सुविधा यहां मिल जाए तो राहत मिलेगी l अखिलेश राजपूत का कहना था कि स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर की जाए ग्रामीण क्षेत्र से जो मरीज अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं उन्हें अच्छा इलाज मिले जो व्यवस्थाएं या नहीं है वह पूरी हो जिससे कि लोगों को राहत मिल सके l
Apr 10 2024, 17:11