*नवरात्र की तैयारियां शुरु, चल रहा मां के मंदिरों की साफ सफाई काम,बाजार भी गुलजार*

रायबरेली- चैत्र की नवरात्र आगामी नौ अप्रैल को शुरु होगी।

इसके लिए शहर से लेकर गांव कस्बों में तैयारियां शुरु हो गई हैं। भक्तों ने अपनी मां के मंदिरों की साफ सफाई शुरु कर दी है।सनातन धर्म में नवरात्र का पर्व मां दुर्गा को समर्पित है। नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की विशेष पूजा करने का विधान है। साथ ही सुख और शांति के लिए व्रत भी किया जाता है। पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्र की शुरुआत 9 अप्रैल से होगी और खरमास का समापन 13 अप्रैल को होगा। चैत्र नवरात्र के शुरुआत के पांच दिनों तक खरमास का साया रहेगा। ऐसे में 9 अप्रैल से लेकर 13 अप्रैल तक मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी। खरमास के समापन के बाद मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।

खरमास में नही होते ये काम

खरमास के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, खरमास में इन कार्यों को करने से शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। इसके अलावा खरमास में सगाई और शादी नहीं नहीं करनी चाहिए। कोई संपत्ति खरीदना और घर खरीदना नहीं करना चाहिए। खरमास में तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। खरमास की अवधि में बिजनेस की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।

कब से कब तक है खरमास

पंचांग के अनुसार, इस बार 14 मार्च से खरमास की शुरुआत की हो गई है और इसका समापन 13 अप्रैल को होगा। इस दिन सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। इसी के साथ खरमास की अवधि समाप्त होगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बार 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्र शुरू होंगे और 17 अप्रैल को समापन होगा। नवरात्रि की दुर्गा नवमी भी 17 अप्रैल को है। इस दिन राम नवमी भी मनाई जाएगी।ये नवरात्रि का आखिरी दिन होता है। इस दिन मां दुर्गा के 9वें स्वरूप देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।कन्या पूजन, हवन और समस्त धार्मिक अनुष्ठानों की समाप्ति के बाद इसी दिन नवरात्रि व्रत का पारण किया जाता है।

चैत्र नवरात्रि की नवमी का महत्व

महानवमी पर देवी सिद्धिदात्री की पूजा करने से हर कार्य सिद्ध हो जाते हैं।मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए न सिर्फ देवता बल्कि राक्षस, गंधर्व, ऋषि मुनि भी कठोर तपस्या करते हैं।

लाल चुनरी चढ़ा कर दूर होते हैं दुःख

स्वंय शिव जी ने भी मां सिद्धिदात्री की कृपा से 9 सिद्धियों को प्राप्त की थी। मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के आखिरी दिन माता रानी को लाल चुनरी चढ़ाने से सारे दुख, दर्द, दोष दूर हो जाते हैं।इस दिन हवन करने से नवरात्रि का पूजन सफल हो जाता है।साथ ही कन्या पूजन से देवी प्रसन्न होती है।

चैत्र नवरात्रि की नवमी पर राम जन्मोत्सव

शारदीय और चैत्र नवरात्रि दोनों में ही नवमी तिथि का श्रीराम से गहरा संबंध बताया गया है। शारदीय नवरात्रि की नवमी पर भगवान राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्ति की थी। चैत्र नवरात्रि की महानवमी पर राजा दशरथ के घर पुरुष अवतार लेकर श्रीराम ने जन्म लिया था।

नवरात्र में बाजार गुलजार

नवरात्र में शहर और कस्बों बाजार गुलजार हो गए हैं सभी भक्त अपनी जरूरतों के अनुसार खरीददारी कर रहे हैं। लोग अपने हिसाब से धार्मिक सामग्री की खरीददारी कर रहे हैं।

*महज शो पीस बनकर रह गई सौर ऊर्जा संचालित पानी की टंकियां, प्यासे लोग, उदासीन अधिकारी*

ऊंचाहार- तहसील क्षेत्र में कौन कहता है गांव का मौसम गुलाबी है? ये दावे झूठे हैं ये दावा किताबी है ,मशहूर कवि अदम गोंडवी की ये पंक्तिया वर्तमान के सरकारी सिस्टम पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं।रोहनिया ब्लाक क्षेत्र की ग्राम पंचायत ऐहारी बुजुर्ग में पाइप लाइन बिछाकर लोगों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तकरीबन एक वर्ष पूर्व लाखों की लागत से सांसद निधि द्वारा सौर ऊर्जा से संचालित पानी की टंकी का निर्माण कराया गया था।ताकि लोगों को शुद्ध जल मुहैया कराया जा सके,लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता व लापरवाही के चलते ये टँकी सफेद हाथी साबित हो रही है।

ग्रामीण राजनारायण पाण्डेय, दुर्गा सिंह, विष्णु पाण्डेय, केवला देवी आदि लोगों का कहना है कि शुरूआत में तो कुछ दिनों तक लगाई गई टोटियों में पानी आया लेकिन कुछ दिनों बाद ये आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई। आज हालात ये हैं की कभी लोगों की प्यास बुझाने वाली टोटियां एक एक बूंद पानी को तरस गई और खुद प्यासी रहकर दम तोड़ गई। कई बार इसकी शिकायत कई बार की गई, लेकिन आज तक कोई भी इसे देखने तक नहीं आया।

*बच्चों की पीठ पर बढ़ रहा बस्ते का बोझ,हर साल बढ़ जाता किताबों का बोझ*

रायबरेली- सरकार के तमाम दावे और सुधार के बावजूद नौनिहालों के कंधे बस्ते के बोझ से झुके जा रहे हैं। हर साल बच्चों के बस्ते का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग कई बार एडवायजरी भी जारी कर चुका है दूसरी तरफ एचआरडी ने भी विभिन्न कक्षाओं के लिए बस्ते का वजन कितना होना चाहिए इसको लेकर भी गाइडलाइन दे चुका है।

इसके तहत कक्षा एक के बच्चे का बस्ता डेढ़ किलो, तीन से पांचवीं तक दो से तीन किलो और आठवीं से नौवी तक चार से साढ़े चार किलो होना चाहिए। बावजूद इसके नौनिहालों का बचपन बस्ते के बोझ से दबा जा रहा है।

इसके लिए जब पड़ताल की गई तो पता चला की सबसे अधिक बैग का भार प्राइवेट विद्यालय के बच्चो पर है। वर्तमान में सभी स्कूलों में पुस्तकों और नोटबुक की संख्या में वृद्धि हुई है। खासकर निजी स्कूलों में डायरी से शुरू होने वाली किताबों की संख्या ज्यादा है। नतीजतन, स्कूल बैग का वजन स्वाभाविक रूप से बहुत बढ़ जाता है। भारी स्कूल बैग के दबाव के कारण बच्चा अपने बचपन के आराम को खो रहा है। स्कूली बच्चे बैग के वजन से थक रहे हैं, जो बच्चे के स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय है।

कितना हो स्कूल बैग का अधिकतम वजन

विशेषज्ञों के अनुसार स्कूल बैग का वजन बच्चे के शरीर के वजन का अधिकतम 10-15 प्रतिशत होना चाहिए। यानी अगर किसी बच्चे का वजन 25 किलो है तो उसकी किताबों के साथ स्कूल बैग का वजन ढाई से तीन किलो होना चाहिए। प्रथम और द्वितीय श्रेणी के बच्चों के स्कूल बैग का वजन डेढ़ से दो किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। कक्षा तीन से पांच तक के बच्चों के स्कूल बैग का वजन अधिकतम तीन से साढ़े तीन किलोग्राम तक हो सकता है। कक्षा आठ से दस तक के छात्रों के स्कूल बैग का वजन अधिकतम पांच से छह किलो तक हो सकता है।

स्कूल बैग कैसे ले जाना चाहिए हड्डी रोग विशेषज्ञों के अनुसार, स्कूल बैग का वजन बच्चे के दोनों कंधों पर समान रूप से वितरित होना चाहिए। स्कूल बैग का सारा वजन किसी भी तरह से शरीर के एक तरफ नहीं होना चाहिए। इससे बच्चे के शरीर का संतुलन बिगड़ सकता है। स्कूल बैग का बैग किसी भी तरह से बच्चे की कमर के नीचे नहीं जाना चाहिए।

माता पिता भी दें ध्यान

माता-पिता को अपने बच्चों पर अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत है। सुनिश्चित करें कि बच्चे के स्कूल बैग का वजन ज्यादा न हो। स्कूल की किताबें, कोचिंग की किताबें सब एक बैग में न दें। माता-पिता और स्कूल अधिकारियों दोनों को बच्चे की भलाई और उज्जवल भविष्य के लिए अतिरिक्त जिम्मेदारियां निभाने की जरूरत है। दोनों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बचपन में भारी स्कूल बैग से बच्चों को नुकसान न हो।

जिले के अधिकांश स्कूलों में किताबो के बोझ से थक रहे बच्चे

गुरुवार को की पड़ताल में में शहर से लेकर गांव तक खुले स्कूल के बच्चे बैग के बोझ तले दबे नजर आए। गौरा कस्बे के एक अभिभावक सुरेश ने बताया की कक्षा एक के बच्चे के बैग का वजन करीब दो से ढाई किलो है। इसी तरह दो के बच्चे के बैग का वजन करीब चार किलो व तीन से पांच तक के बच्चो के बैग का वजन पांच से दस किलो तक बढ़ गया है। यदि विद्यालयों में वाहन न चलाए जाएं तो बच्चे उस बैग को ले ही न जा पाए। वहीं पैदल चलने वाले बच्चो की हालत तो बहुत ही खराब हो रही है। जगतपुर कस्बे के एक विद्यालय के प्रिंसिपल ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की कमीशन के चक्कर में प्रबंधक बस्ते का वजन बढ़ा देते हैं। हम लोग क्या कर सकते हैं।

भारी बैग से क्या हो सकता है नुकसान

● विशेषज्ञों के अनुसार सिर्फ थकान ही नहीं, भारी स्कूल बैग कई और शारीरिक समस्याओं का मार्ग प्रशस्त करते हैं। भारी स्कूल बैग के दबाव से बच्चे के शरीर की संरचना क्षतिग्रस्त हो सकती है।

● ज्यादा देर तक भारी बैग लेने से कंधे की मांसपेशियां सख्त या सख्त हो जाती हैं। नतीजतन, रक्त परिसंचरण बाधित होता है और गर्दन में दर्द, कंधे का दर्द, पीठ दर्द और घुटने का दर्द होता है।

● शरीर के एक तरफ भारी बैग ले जाने से दोनों कंधों पर संतुलन बिगड़ जाता है। इससे बच्चे की रीढ़ की हड्डी थोड़ा दाएं या बाएं या सामने की ओर झुक सकती है।

● अतिरिक्त वजन के बैग ले जाने से बच्चे का सिर और गर्दन आगे की ओर झुक सकता है। नतीजतन, बच्चे का शारीरिक विकास बाधित हो सकता है।

● भारी बैग ले जाने से बच्चे का पोस्चर बिगड़ सकता है। इससे बच्चे का शरीर अपना संतुलन खो सकता है।

● अधिक वजन का बैग ले जाने से बच्चे की गर्दन और कंधे की मांसपेशियों में पुरानी चोट लग सकती है।

थेरेपिस्ट बोले, शरीर की मुद्रा को बदल सकता है भारी बैग

फिजियोथेरेपी चिकित्सक अखिलेश त्रिवेदी का मानना है कि भारी स्कूल बैग शरीर की मुद्रा को बदल सकते हैं और इस तनाव की भरपाई के लिए मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम को अत्याधिक प्रतिक्रिया देनी होती है। कुछ बच्चे हमेशा अपना बैग एक कंधे पर रखते हैं। लेकिन ऐसा करने या बैग को गलत तरीके से उठाने से जटिलताएं हो सकती हैं। हर दिन इन गतिविधियों को दोहराने से रीढ़ की हड्डी को नुकसान हो सकता है और स्थायी संरचनात्मक विकृति हो सकती है। भारी स्कूलों के बैग की वज़ह से पोस्चरल असंतुलन सबसे चिंताजनक पहलू है।

क्या बोले बेसिक शिक्षाधिकारी

बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया यदि शासन की मंशा के अनुरूप बैग का बोझ अधिक है तो इसकी जांच कर कार्रवाई की जायेगी।

*अनियंत्रित कार ने मारी टक्कर, दो घायल*

रायबरेली- मिल एरिया थाना क्षेत्र में रायबरेली- सुल्तानपुर हाईवे पर अनियंत्रित हुई एक तेज रफ्तार कार ने सड़क के किनारे दो युवकों को टक्कर मारने के बाद सड़क के किनारे खड़ी पांच बाइक व दो कारों में टक्कर मारते हुए एक ठेले में घुस गई । घटना के बाद मौके पर अफरा तफरी मच गई। मौके पर पहुंचे यातायात पुलिस के एक जवान ने घायल दोनों युवकों को जिला अस्पताल पहुंचाया।सूचना पुलिस को दी गई।मौके पर पहुंची पुलिस ने कार चालक को कार समेत कब्जे में लेकर छानबीन शुरू कर दी है।

घटना मिल एरिया थाना क्षेत्र में रायबरेली-सुल्तानपुर रोड पर बैंक ऑफ़ बडौ़दा मलिक मऊ के पास की है। जहां अमेठी जनपद के जायस निवासी इशरत हुसैन पुत्र अब्दुल अपनी कार से जायस की ओर जा रहा था। तभी दोपहर तकरीबन 1:30 बजे बैंक ऑफ़ बड़ौदा की मलिक मऊ शाखा के पास उसकी कार अनियंत्रित हो गई। अनियंत्रित हुई तेज रफ्तार कार ने सड़क के किनारे खड़े महाराजगंज थाना क्षेत्र के संतोषपुर गांव निवासी गया प्रसाद पुत्र किशन के अलावा एक अन्य युवक को जोरदार टक्कर मार दी । जिससे दोनों युवक घायल हो गए। वही अनियंत्रित हुई कार ने सड़क के किनारे खड़ी तीन कारों में टक्कर मारते हुए 5 बाइक में भी टक्कर मारी। तेज रफ्तार का सड़क के किनारे एक ठेले में जाकर घुस गई।

घटना में तीन कार और पांच बाइक क्षतिग्रस्त हो गई । यातायात पुलिस के जवान अशोक कुमार ने घायल दोनों लोगों को जिला अस्पताल पहुंचाया। सूचना पुलिस को दी गई।

मौके पर पहुंची पुलिस ने कार चालक इशरत हुसैन को उसकी कार समेत कब्जे में ले लिया है।इस संबंध में इंस्पेक्टर संजय कुमार सिंह ने बताया इशरत ने बताया झपकी आने के कारण दुर्घटना हुई है । तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा । घायलों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।

*भाजपा ने धूमधाम से मनाया पार्टी का स्थापना दिवस*

रायबरेली- भारतीय जानता पार्टी ज़िला कार्यालय अटल भवन में पंडित दीनदयाल उपाध्याय व श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पार्टी का 44 वाँ स्थापना दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जानता पार्टी की स्थापना हुई जहां 1984 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की दो सीटो पर जीत हुई थी वही 2019 के लोकसभा चुनाव में लगभग 303 सीटो पर जीत हुई। भारतीय जानता पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में जानी जाती है।

ज़िलाध्यक्ष बुद्धिलाल ने डिडौली में लाभार्थियों से विशेष संपर्क व सरकार की नीतियों पर चर्चा की।

राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि जब से जनसंघ बना जब से भाजपा बनी, भाजपा के करोड़ों कार्यकर्ता निस्वार्थ भाव से काम कर रहे है। जिन्होंने जनसंघ रूपी पौधा रोपा है जो भारतीय जानता पार्टी के रूप में विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बन गई।

राज्य मंत्री ने अहिया रायपुर में विशेष संपर्क के दौरान लाभार्थियों से संपर्क एवं मोदी सरकार की उपलब्धियों पर चर्चा की।

कार्यक्रम के इसी क्रम में लोकसभा प्रभारी वीरेंद्र तिवारी ने लालगंज मण्डल में पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जनसंपर्क किया व ज़िला प्रभारी पीयूष मिश्रा ने बेला भेला मण्डल में लाभार्थियों से जनसंपर्क किया।

ज़िला मीडिया प्रभारी विनय शुक्ला ने बताया कि स्थापना दिवस के अवसर पर पूर्व लोकसभा प्रत्याशी अजय अग्रवाल व कार्यक्रम संयोजक शिवेंद्र सिंह,पुष्पेन्द्र सिंह,पूर्व प्रत्याशी उँचाहार विधान सभा अंजलि मौर्या,निवर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष पूर्णिमा श्रीवास्तव, पूर्व ज़िलाध्यक्ष आर बी सिंह, ज़िला उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह, ज़िला मंत्री विजय सिंह,विवेक शुक्ला,युवा मोचा अनुज मौर्य,मुकेश श्रीवास्तव, मण्डल अध्यक्ष अखिलेश तिवारी,पंकज सिंह,सुनील मौर्य,संदीप जैन,परम जीत सिंह गांधी, आशुतोष पांडेय,सुमित पांडेय सहित सभी पदाधिकारी कार्यकर्ता मौजूद रहे।

अब गर्मी के साथ उपभोक्ताओं को रुलायेगी बिजली कटौती

रायबरेली। गर्मी का दौर शुरू होते ही बिजली कटौती शुरू हो गई है। अप्रैल महीने में गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली विभाग में कटौती का आदेश जारी कर दिया जिसके कारण उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वही लोकल फाल्ट भी परेशानियों का सबक बने हुए हैं।

बिजली विभाग लोगों को 24 घंटे बिजली देने का दम भर रहा है लेकिन हकीकत बिल्कुल अलग है। अप्रैल महीने में ही बिजली विभाग बिजली आपूर्ति नहीं कर पा रहा है जिसके कारण उपभोक्ता बहुत परेशान है। वही वही गर्मियों के मौसम में मच्छरों का प्रकोप अधिक बढ़ जाता है जिसके कारण लोगों को बिजली पर ही निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में बिजली विभाग में एक अप्रैल से कटौती का आदेश जारी कर दिया है। आदेश मिलते ही कटौती का सिलसिला शुरू हो गया है। सबसे खराब हालत ग्रामीण क्षेत्र की है जहां कटौती के साथ-साथ दिन में तेज हवाएं चलने के कारण लाइन भी ब्रेकडाउन हो रही हैं संविदा कर्मी हवा बंद होने पर ही लाइनों की मरम्मत करते हैं। वहीं बिजली विभाग की रिवैप डिस्ट्रीब्यूशन योजना के तहत चलने वाला काम भी बहुत धीमा चल रहा है।

जिसके चलते अभी 40 प्रतिशत भी काम पूरा नहीं हो सका।वहीं ग्रामीण क्षेत्र की जर्जर लाइनों के ना तो तार बदले गए ना ही खंबे अधिकारियों के उदासीनता के कारण रिवैप योजना रफ्तार नहीं पकड़ सकी। वही लोकल फाल्ट बढ़ाने के कारण उपभोक्ताओं को दिन और रात में भी बिजली नहीं मिल पा रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है की बिजली विभाग 24 घंटे बिजली देने का दम भरने वाला था। अब गर्मी आते ही पोल खुलनी शुरू हो गई है।

क्या कहते हैं उपभोक्ता

उपभोक्ता राम नरेश ,शिवबरन, कमलेश , रामदुलारे, मोती लाल आदि ने बताया कि बिजली कटौती से परेशानी बढ़ गयी है। ?शाम होते ही मच्छरों का प्रकोप भी बढ रहा है। ऐसे समय में कटौती से दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा,

क्या है आदेश

लखनऊ कंट्रोल डिवीजन के अधीक्षण अभियंता ने जो पत्र जारी किया है उसके अनुसार एक अप्रैल से 30 तक ग्रामीण क्षेत्रों में 6 घंटे तहसील मुख्यालय में 2.30 घंटे तथा नगर पंचायत में 2.30 घंटे कटौती होनी है।

ग्रामीण क्षेत्र में पहले से ही हो रही कटौती

आग पर नियंत्रण पाने और ग्रामीण क्षेत्रों में गेहूं की पकी फसल को आग से बचाने के लिए बिजली विभाग दोपहर में तीन घंटे कटौती कर रहा है जिससे फसल को बचाया जा सके।इस पर एक और आदेश से ग्रामीण क्षेत्र के लोग परेशान हैं।

क्या बोले जिम्मेदार

कटौती का मैसेज आया है सभी जगह रोस्टर के अनुसार बिजली दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं।ग्रामीण इलाकों में हवा चलने पर ही बिजली काटी जायेगी।

रामकुमार अधीक्षण

अभियंता विद्युत वितरण

मंडल द्वितीय

नवोदय क्लासेस नाथनगर में शिक्षणरत 48 में से 27 बच्चों का चयन नवोदय प्रवेश परीक्षा में हुआ

रमेश दुबे, संत कबीर नगर जनपद के धनघटा विधानसभा क्षेत्र के नाथनगर में स्थित नवोदय क्लासेस में तैयारी कर रहे 48 में से 27 छात्र छात्राओं का जवाहर नवोदय प्रवेश परीक्षा में चयन हुआ है । मैनेजिंग डायरेक्टर अखिलेश सर के निर्देशन में इस इंस्टिट्यूट में छात्र-छात्राओं को समय परक शिक्षा दी जाती है। छात्र-छात्राओं की लगातार मॉनिटरिंग की जाती है जिसकी देन है कि जवाहर नवोदय प्रवेश परीक्षा में 48 छात्र-छात्राओं में से 27 छात्र-छात्राओं का चयन हुआ है।

इंस्टिट्यूट परिसर में छात्र-छात्राओं को अखिलेश सर तथा अन्य अध्यापकों द्वारा मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया गया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई। इस मौके पर छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए अखिलेश सर ने कहा कि उनकी कोचिंग से इतने बच्चों का एक साथ जवाहर नवोदय प्रवेश परीक्षा में सफल होना बड़ी बात है। लगातार छात्रों को समय परक, विषय परक ,तथ्यपरक शिक्षा दी जाती है। उन्होंने सभी चयनित छात्र-छात्राओं को उज्वल भविष्य की कामना की।

पिछले वित्तीय वर्ष में आरेडिका ने 1684 कोच बनाकर तोड़ा पिछले वर्ष का रिकॉर्ड

रायबरेली।आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना रायबरेली ने बीते वित्त वर्ष के दौरान 1684 कोचों का उत्पादन कर बीते वित्तीय वर्ष में रेलवे बोर्ड के द्वारा दिए गए लक्ष्य को प्राप्त किया है। इन 1684 कोचों में विभिन्न प्रकार के कोच हैं जिसमें पहली बार निर्मित मेमू के 8 कोच, वातानुकूलित 3टीयर के 240 कोच, 2टीयर के 202 कोच, 3टीयर इकोनोमिक के 271 कोच, दीनदयालु के 332 कोच, पार्सलवैन, तेजस के 58 कोच, एसी चेअरकार, स्लीपर के 341 कोच, भारत गौरव आदि कोचों का निर्माण किया गया है, निर्मित कोचों में 953 एसी कोच तथा 731 नॉन एसी कोच है। कुल उत्पादित कोचों में से 57 प्रतिशत वातानुकूलित कोच हैं, जो निर्माण कार्य की दक्षता और गुणवत्ता को दशार्ता है। निर्माण कार्य के तहत प्रत्येक स्तर पर कार्य की गुणवत्ता और समयबद्धता को बनाए रखने में आरेडिका के विभिन्न विभागों का सामंजस्य रहा है।

पिछले वर्ष से छ: गुना अधिक हुआ निर्माण

वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान आरेडिका ने दीनदयालु के 332 कोचों का निर्माण किया है जो पिछले वर्ष 2022-23 में बने 46 कोच से लगभग 6 गुना से अधिक है। स्लीपर के 341 कोचों का निर्माण किया है जो पिछले वर्ष में बने 190 कोच से 1.5 गुना से अधिक है तथा तेजस के 58 कोचों का निर्माण किया है जो पिछले वर्ष में बने 30 कोच से 2 गुना है।

पहली बार आरेडिका में इस वर्ष अपने उत्पादन में वृद्धि कर एक नये चरण में प्रवेश किया। जिसमें 3-फेज मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (मेमू) का निर्माण कर उत्तर पूर्वी रेलवे के लिए भेजा गया इसमें जीपीएस एवं ऊर्जा दक्ष एलईडी वाले 6 टीसी एवं 2 डीएमसी कोच सहित कुल 8 कोच लगे हैं। 3-फेज मेमू में अत्याधुनिक मल्टीफंक्शन व्हीकल बस (एमवीबी) आधारित ट्रेन कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम (टीसीएमएस) है जो उन्नत नियंत्रण सुविधाएँ प्रदान करता है, यह 3-फेज मेमू ट्रेन 110 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति के लिए डिजाइन की गई है। टीसी कोचों में 84 यात्रियों के बैठने तथा 241 यात्रियों के खड़े होने एवं डीएमसी कोचों में 55 यात्रियों के बैठने तथा 171 यात्रियों के खड़े होने की व्यवस्था की गयी है

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बढ़ाया कदम

आरेडिका ने भारतीय रेल के साथ-साथ मोजाम्बिक रेलवे के लिए भी 11 कोचों का उत्पादन करके अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने कदम को आगे बढ़ाया है। इन निर्माण कार्यों के कारण आरेडिका की कीर्ति विश्व पटल पर स्थापित हुई है। इस अवसर पर श्री मिश्रा ने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और यूनियनों के प्रतिनिधियों, एवं संविदा कर्मचारियों को बधाई दी और आगे भी इसी तरह से कार्य करने के लिए प्रेरित किया। आरेडिका में मेमू वन्देभारत ट्रेन सेट्स के उत्पादन का कार्य प्रगति पर है।

क्या बोले जिम्मेदार

आरेडिका के महाप्रबंधक प्रशान्त कुमार मिश्रा ने बताया कि उत्पादन का यह लक्ष्य आरेडिका के सभी प्रधान मुख्य विभागाध्यक्षों के नेतृत्व और टीम एमसीएफ के कोच उत्पादन के प्रति समर्पण की भावना से संभव हुआ है। इस वर्ष का उत्पादन पिछले वित्तीय वर्ष के उत्पादन 1461 से लगभग 15 प्रतिशत अधिक है।

परिश्रम ही सफलता की एकमात्र कुंजी : पं• विजय प्रकाश मिश्रा

रायबरेली । वार्षिक परीक्षाफल वितरण समारोह समारोह पं• आर एस एम पब्लिक स्कूल व पं• रामशरण मिश्र इंटर कॉलेज मिश्रापुर , जगतपुर के परिसर में आयोजित किया गया । इसके साथ ही वर्ष भर में विभिन्न गतिविधियों में स्थान प्राप्त करने वाले छात्र - छात्राओं को भी पुरस्कृत किया गया ।

प्रबंध निदेशक पं• विजय प्रकाश मिश्र ने कहा कि परिश्रम ही सफलता की एकमात्र कुँजी है और प्रत्येक छात्र - छात्रा के अंदर प्रतियोगिता की भावना होने से उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा भी मिलती है ।

पं• आर एस एम पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या निशा सिंह ने बताया कि कक्षा 8 में अंशिका पांडे , कक्षा 7 में अर्पिता सिंह , कक्षा 6 में फलक बानो , कक्षा 5 में दिव्यांशी , कक्षा 4 में नैंसी पांडे ने प्रथम स्थान प्राप्त किया इन सभी छात्राओं को पुरस्कृत किया गया । इस अवसर पर तनवीर फातिमा , प्रीति शुक्ल , फरहान बानो , अदीपा , अमृता सिंह , सूर्यमणि त्रिपाठी , शिवचन्द्र तिवारी , दिलीप कुमार , राम शिरोमणि , रंजीत कुमार , दिलीप कुमार , राजेश यादव , रंजीत मौर्य , अनीता पांडे , अभिषेक मिश्र , निरुपमा समेत बड़ी संख्या में छात्र - छात्राएं व अभिभावक उपस्थित रहे ।

रायबरेली : दो हफ्ते में एक ही गांव में सात लोगों की रहस्यमय मौत

रायबरेली। जनपद में एक ही परिवार के पांच व्यक्तियों सहित सात लोगों की रहस्यमय ढंग से मौत हो गई है। प्रशासन औऱ स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंचकर जांच कर रही है। पूरे गांव के लोगों की जांच की जा रही है।सलोन थाना क्षेत्र के ममुनी गांव के पूरे डंडी में पिछले दो हफ्ते में एक ही परिवार के पांच लोगों समेत सात लोगों की रहस्यमय बीमारी मौत हो गई है। मरने वाले मृतकों की उम्र 50 से 65 के बीच की है। अचानक हो रही मौतों से गांव में दहशत है। रविवार को ग्रामीणों की सूचना पर स्वास्थ विभाग की टीम ने गांव पहुंची और जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

जानकारी के मुताबिक सलोन क्षेत्र के ममुनी ग्राम सभा स्थित पूरे दांडी गांव निवासी वृद्ध जगदीश मौर्य की आठ मार्च को मौत हो गई थी। इसके बाद इसी परिवार के शिव बहादुर की 17 मार्च, ठाकुरदीन की 26 मार्च और राम नारायण की 28 मार्च और रामेश्वर की 30 मार्च को मौत हो चुकी है। मारने वाले सभी मृतक एक ही परिवार के पट्टीदार हैं।

इसके अलावा इसी गांव से सटे पूरे जुड़ावन का पुरवा गांव में 19 मार्च को राम कुमार पासी और 22 मार्च को राज लाल पटेल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। एक के बाद एक हो रही ताबड़तोड़ मौतों से ग्रामीणों को कोरोना काल की यादें ताजा कर दी है। वहीं दहशत के साये में ग्रामीण जीने को विवश हैं। ग्रामीणों की सूचना पर रविवार को स्वास्थ विभाग की सयुंक्त टीम ने गांव का दौरा किया। इसके बाद एहतियातन दवा का छिड़काव कराया गया है।

सत्यपाल विश्वकर्मा ने बताया कि उन्होंने स्वास्थ विभाग की टीम को सूचित कर रहस्यमय मौतों की जानकारी दी थी। दो हफ्ते में सात मौतों से गांव में खौफ का मंजर है। इस सम्बंध में सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर भावेश कुमार का कहना है कि ग्रामीणों की सूचना पर स्वास्थ विभाग की टीम गांव गई हुई थी। सभी मृतक किसी ना किसी बीमारी से ग्रसित थे। उन्हें पांच मौतों की ही सूचना मिली थी। फिर भी गांव में लोगों की जांच कराई गई है। रिपोर्ट आने पर ही मौतों की वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा।