कॉमेडी किंग सीपी भट्ट द्वारा वितरित किया गया नियुक्ति पत्र और आई - कार्ड

दिलीप उपाध्याय, संतकबीरनगर।आज "संत कबीर फ़िल्म एव टेलीविजन (SKFTW)" फ़िल्म संस्था की तरफ से संस्था के मुख्य उद्देश्यों को लेकर एक मीटिंग खलीलाबाद,संत कबीर नगर में रखी गई।मीटिंग से पहले संस्था के *राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भोजपुरी फिल्मों के मशूहर कॉमेडी किंग - सीपी भट्ट फ़िल्म संस्था के द्वारा आईकार्ड व नियुक्ति पत्र दिया गया।उसके बाद मीटिंग की शुरुआत करते हुए फ़िल्म संस्था के मुख्य उद्देश्यों को लेकर सम्पूर्ण भारत में फ़िल्म संस्था में दमदार पदाधिकारियो की प्रदेश,जिले में नियुक्ति कर संस्था को मजबूत करने व इसके कार्य को तेजी से बढ़ाने को लेकर तथा विशेष चर्चा में संस्था के इन के निम्न बातों को लेकर किया गया ।

जैसे - संपूर्ण भारत मे फ़िल्म उधोग से जुड़े उसमें कार्य करने वाले सिने कर्मियों और कलाकारों/टेक्नीशियनो को कानूनी/सलाह या सहायता से उनके हितों/अधिकारों/विशेषाधिकारों की रक्षा व सुरक्षा के लिए।फ़िल्म उधोग से जुड़े श्रमिकों और कलाकारों/टेक्नीशियनो की बेहतरी और उन्हें उनकी शिकायतो के समाधान के लिए।

इन्हें एक मंच दिलाने के लिए किया गया है।फ़िल्म संस्था की मीटिंग में शामिल पदाधिकारी धीरज श्रीवास्तव "प्रिंस" (राष्ट्रीय अध्यक्ष/फ़िल्म डायरेक्टर), सीपी भट्ट (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष/फ़िल्म एक्टर), विजय कुमार सैनी (राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी), शक़्क्ति श्रीवास्तव "बाबुल" (उत्तर प्रदेश अध्यक्ष), मनोज माही (जिलाध्यक्ष संत कबीर नगर/एक्टर)।

सूर्या ग्रुप के युवराज अखंड प्रताप चतुवेर्दी आईपीएल सीजन 4 का किए समापन

रमेश दूबे । संत कबीर नगर जनपद के प्रशिक्षित परिवार सूर्या ग्रुप के युवराज अखंड प्रताप चतुवेर्दी रविवार को अपनी टीम के साथ मुखलिसपुर कस्बा पहुंचे। जहां पिछले नौ दिनों से चल रही आईपीएल सीजन 4 क्रिकेट प्रतियोगिता के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। प्रतियोगिता के समापन समारोह में पहुंच कर श्री चतुवेर्दी ने खिलाड़ियों का उत्साह वर्धन किया। इससे पहले प्रतियोगिता स्थल पर पहुंचते ही युवाओं ने फूल मालाओं के साथ अखंड चतुवेर्दी का ऐतिहासिक इस्तकबाल किया। उन्होंने फीता काटकर खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया। बल्लेबाजी करके श्री चतुवेर्दी ने फाइनल मुकाबले का शुभारंभ कराया।

फाइनल मुकाबले की दोनो टीमों मुखलिसपुर और भैसहीजोत के खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन के लिए अपनी शुभकामनाएं भी प्रेषित किया। मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए अखंड प्रताप चतुवेर्दी ने कहा कि हमें अपनी पढ़ाई के साथ ही खेलकूद और सामाजिक सरोकारों के प्रति भी सजग रहना होगा। खेल से जहां हमें अनुशासन में रहकर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा सीखने को मिलती है वहीं हमारे भीतर आपसी भाईचारे की भावना का भी संचार होता है। श्री चतुवेर्दी ने कहा कि देश और समाज को बेहतर मुकाम पर ले जाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी हम सभी पढ़े लिखे युवाओं की है। हमे खुद को बेहतर मुकाम पर स्थापित करने के साथ ही देश और समाज की तरक्की के प्रति भी अपनी जिम्मेदारियों को निभाना होगा। उन्होंने खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन के लिए उन्हें शुभकामना प्रेषित किया। चतुवेर्दी परिवार की तीसरी पीढ़ी को सामाजिक सरोकार के क्षेत्र में परिपक्वता के साथ उतरता देख क्षेत्र के लोग भी हर्षित नजर आए। खिलाड़ियों के उत्साहवर्धन के लिए श्री चतुवेर्दी ने 51 सौ रुपए का पुरस्कार भी दिया। इस दौरान पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि रविन्द्र यादव, आयोजक प्रिंस यादव, शिवराज यादव, विनीत कुमार, निहाल, राजन, आयुष, सिद्धार्थ, मनीष भारती, हरिओम यादव, शंकर यादव, राकेश यादव सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

*देश के प्रजापति समाज की ओर से 62 लोकसभा क्षेत्र संतकबीरनगर पर ठोंकी गई ताल*

रमेश दुबे

संत कबीर नगर- भारतीय प्रजापति महासंघ एकीकरण महाअभियान भारत बर्ष रजि के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार प्रजापति ने एनडीए से राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा,प्रधानमंत्री, गृह मंत्री एवं मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश तथा इंडिया गठबंधन से राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव आदि को पत्र एवं ईमेल भेजकर कहा है कि सदियों से सर्वसमाज की सेवा करते चला आ रहा पुरे देश में निर्णायक आवादी में बसा प्रजापति समाज 1957 से लोकसभा प्रतिनिधित्व से वंचित हैं जो संवैधानिक व्यवस्था का हनन है। विभिन्न सामाजिक/राजनैतिक मुद्दों को लेकर 10 मार्च 2024 को प्रेस क्लब आफ इंडिया नई दिल्ली में राष्ट्रीय कुम्हार एकीकरण/समन्वय समिति के कोर कमेटी के चिन्तन बैठक में सभी प्रमुखों के मध्य आपसी पीड़ा व्यक्त करते हुए सर्वसम्मति से यह निर्णय हुआ है कि श्रृष्टि श्रृजन के आधार हम शिल्पकारो की उपेक्षा यदि इस चुनाव में खत्म नहीं हुई तो आक्रोश जाहिर करने के उद्देश्य से एकजुट होकर इस लोकसभा चुनाव 2024 में भागीदारी नहीं तो वोट नहीं नामक अभियान राज्यवार चलाया जाएगा। वैसे भी यहां से घोषित भाजपा के कर्तव्यहीन बाहरी उम्मीदवार सांसद प्रवीण निषाद का स्थानीय स्तर पर भयंकर विरोध है, सीट हार जाएंगे, सर्वे करा सकते हैं।

समाज के माथे से प्रजापति विहीन संसद होने का कलंक मिटाने हेतु उन्होंने दोनों फ्रंटो से 62 लोकसभा क्षेत्र संतकबीरनगर उत्तर प्रदेश सीट पर देश के प्रजापति समाज की ओर से हुए सामूहिक निर्णय के अनुरूप चुनाव लड़ाते हुए सामाजिक आर्थिक राजनैतिक एवं शैक्षिक रूप से कमजोर इस भूमिहीन मजदुरा कौम को भी संसद के प्रतिनिधित्व से अच्छादित करने की मांग किया है जिसका आभारी समस्त प्रजापति समाज सदैव रहेगा। इस सीट से दावेदारी कर रहे अनिल प्रजापति का कहना है कि पुरे देश के अतिपिछड़े वर्गों के जनसंख्या का अनुपात यदि देखा जाए तो कुम्हारों की आवादी किसी से कम नहीं है किन्तु गरीबी और लाचारी का दंश झेल रहा यह भारी भरकम समुदाय अपने पारिवारिक भरण पोषण में इतना उलझा रहता है कि अन्य संगठित वर्गों की भांति रोड पर उतर नहीं पाता और न ही आज तक इनके बीच कोई कुशल नेतृत्व पैदा हो सका। इस इंटरनेट के जमाने में आज का युवा जागरूक होकर हमारे नेतृत्व में अब अपना हक अधिकार और मान सम्मान खोजना शुरू किया है तो यैसे में हमारी जिम्मेदारी बनती है कि समाज द्वारा प्राप्त दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करु जैसा कि छात्र जीवन से करता चला आ रहा हूं। अतः यदि मौका मिला तो दुनिया में मानवता का संदेश देने वाले कबीर की इस पावन धरती को राष्ट्रीय लेवल पर व्यापक चर्चा में लाते हुए विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा तथा सर्वसमाज को मान सम्मान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ लेकर चलने का प्रयास करुंगा क्योंकि गरीबी की कोख से पैदा होकर व्यवस्था परिवर्तन को एकमात्र लक्ष्य बनाया हूं। इस देश में असली लड़ाई अमीरी और गरीबी की है तथा गरीब कमजोर आम जनमानस हर वर्ग धर्म और समुदाय में पाया जाता है।

महिला चढ़ी पानी की टंकी पर घंटो चला रेस्क्यू ऑपरेशन तब नीचे उतारने में मिली सफलता

रमेश दूबे,संत कबीर नगर। जनपद के महुली थाना क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नाथनगर के परिसर में बने पानी की टंकी पर सोमवार अचानक एक महिला सबसे ऊपर चढ़ गई । आसपास के लोगों की जब निगाह उस पर पड़ी तो लोगों ने शोर मचाया। महिला कूदने की धमकी देने लगी ।

किसी ने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दे दी । प्रभारी निरीक्षक इंस्पेक्टर महुली सतीश कुमार सिंह मय हमारह ,चौकी इंचार्ज मुखलिस पुर हरिकेश भारती के साथ मौके पर पहुंच गए। तुरंत इन्होंने इसकी सूचना अपने उच्च अधिकारियों को दे दी। थोड़ी ही देर में एसडीएम धधघटा उत्कर्ष श्रीवास्तव, तहसील धनघटा योगेंद्र पांडे फायर ब्रिगेड के साथ मौके पर पहुंच गए ।

पुलिस क्षेत्राधिकारी धनघटा अजय सिंह भी मौके पर पहुंच गए‌। महुली थाने के कांस्टेबल रमेश मिश्रा अन्य ग्रामीण के सहयोग से बिना महिला की जानकारी में चुपके-चुपके पानी की टंकी पर ऊपर पहुंच गए ।

सबसे बड़ी बात यह थी की महिला को अगर जानकारी होती कि उसे पकड़ने पुलिस वाले आ रहे हैं तो वह खुद भी सकती थी लेकिन महिला को बातों में उलझा कर पुलिसकर्मी रमेश मिश्रा ने काफी अदम्य साहस का परिचय दिया‌। जान की परवाह किए बिना महिला के पास चुपके से पहुंच गया और तुरंत महिला को अपने घेरे में ले लिया। घंटो माधमनवल के बाद किसी तरीके से महिला को नीचे उतारा गया।

इस दौरान मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई ।

इसके बाद महिला को अधीक्षक नाथनगर को उचित उपचार के लिए सौंप दिया गया। लेकिन जब तक महिला पानी की टंकी पर चढ़ी रही लोगों के सांसें अटकी रही। पुलिसकर्मी रमेश मिश्रा के साहस की लोक सराहना करते नजर आ रहे हैं। वहीं पुलिसकर्मी रमेश मिश्रा को उच्च अधिकारियों द्वारा पुरस्कृत भी किया गया। लोगों ने बताया यह महिला विक्षिप्त है जो काफी दिनों से इधर टहल रही थी।

फिल्म - फसल के रिलीज के अवसर पर पहलवान की भूमिका में दीपेंद्र मिश्रा से खास बातचीत

फिल्म - फसल

हीरो - दिनेश लाल निरहुआ

हिरोइन - अम्रपाली दुबे

प्रोड्यूसर - प्रेम राय

डायरेक्टर - पराग पाटिल

पहलवान की भूमिका में

दिपेंद्र मिश्रा

दिलीप उपाध्याय। संतकबीरनगर।आज जब पूरे देश में फिल्म फसल रिलीज हो रही है इस मौके पर

मधुकुंज थिएटर खलीलाबाद

संत कबीर नगर में फिल्म फसल के रिलीज के मौके पर स्ट्रीट बज न्यूज़ खलीलाबाद के ब्यूरो चीफ दिलीप उपाध्याय की खास बातचीत में पहलवान की भूमिका में अपना अहम रोल निभाने वाले दीपेंद्र मिश्रा ने कहा कि यह फिल्म किसानो के आत्महत्या पर आधारित है ।

यह फिल्म पूरी तरह पारिवारिक है उन्होंने सभी दर्शकों से इस फिल्म को देखकर अपना प्यार और आशीर्वाद देने की अपील की और होली की ढेर सारी शुभकामनाएं भी दिया।

त्योहारों को सरकारी गाइडलाइन के अनुसार मनाएं: डॉक्टर अखलाक अहमद

रमेश दूबे , संतकबीरनगर।

प्रसिद्ध समाजसेवी सहारा चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष अल शिफा नेचर वेदा क्लीनिक के संरक्षक सैकड़ो पुरस्कारों नवाजे गए डॉक्टर अखलाक अहमद ने रमजान और होली त्यौहार को लेकर जनपद संत कबीर नगर निवासियों एवं देशवासियों को हार्दिक शुभकामना दी है।

डॉ अखलाक अहमद ने कहा दोनों पवित्र त्यौहार है ।एक रंगों का पर्व है तो दूसरा भी पवित्र त्यौहार है। ऐसे में मिलजुल कर सरकारी गाइडलाइन के अनुसार त्योहारों को मनाए। डॉक्टर अखलाक ने कहा सोशल मीडिया का उपयोग समझ बूझ कर करें। इस समय चुनाव का दौर चल रहा है और त्योहारों का भी महीना है। ऐसे में सोशल मीडिया का प्रयोग सोच समझकर करें ।

ऐसी कोई प्रतिक्रिया न करें जिससे किसी धर्म भाषा मजहब को ठेस पहुंचे।

उदया इंटरनेशनल स्कूल के वार्षिक परीक्षा में अच्छे रैंक पाने वाले बच्चे हुए पुरस्कृत

दिलीप उपाध्याय

संत कबीर नगर: संत कबीर नगर खलीलाबाद से 9 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे पर स्थित भुजैनी चौराहे पर उदया इंटरनेशनल स्कूल पर वार्षिक परीक्षा के बाद आज सभी अच्छे रैंक पाने वाले बच्चों को विद्यालय के प्रबंध निदेशक उदय राज तिवारी के द्वारा पुरस्कृत किया गया ! कक्षा 9th में अंकिता गुप्ता,8th में अस्तित्व उपाध्याय,

7th में अदिति गुप्ता ने अपनी कक्षा में टॉप किया !

वहीं आदित्य उपाध्याय ने राम मंदिर का मॉडल बनाकर सभी को मनमुग्ध कर दिया ! कुछ ग्रुप के बच्चे अस्तित्व उपाध्याय, अंश भूषण पांडे, साकिब अंसारी, श्रेयांक त्रिपाठी, अमृत त्रिपाठी, शांतनु अग्रहरि न्यू स्मार्ट सिटी का मॉडल बनाकर सबकी वाह - वाही लूटी !

कक्षा NS से 9th तक के सभी अच्छे रैंक पाने वाले बच्चों में ट्रॉफी और सर्टिफिकेट वितरित करते हुए विद्यालय के प्रबंध निदेशक उदय राज तिवारी ने कहा कि हर वर्ष कुछ ना कुछ बच्चों के लिए नया करने की कोशिश की जाती है सभी के अभिभावक अपनी गाढ़ी कमाई से पैसे बचा कर बच्चों को पढ़ाते हैं विद्यालय का प्रयास है कि सभी के बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा प्रदान कराई जाए ! विद्यालय के प्रधानाचार्य एस.के.त्रिपाठी ने कहा ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण काफी चुनौती भरी स्थितियों का सामना करना पड़ता है किंतु उदया इंटरनेशनल स्कूल में आते ही बच्चों का सर्वांगीण विकास देखने को मिल रहा है !

उन्होंने अभिभावकों से अनुरोध करते हुए कहा कि घर पर अपने बच्चों की प्रगति की समीक्षा करके समय-समय पर हमें अवगत कराते रहें ! इस अवसर पर दिलीप उपाध्याय पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष, चन्द्रचूर्ण मिश्रा, अखिलेश यादव, कुलदीप पांडे, राजन ठाकुर, सुधीर रावत, सदफ मैम, किरण पांडेय, प्रवेश,सैफाली श्रीवास्तव,आदि लोग उपस्थित थे।

घटना की जानकारी होते ही मौके पर 112 नंबर की तरह पहुंची पशु विभाग की टीम गाय की बचाई जान

दिलीप उपाध्याय,संत कबीर नगर खलीलाबाद नेशनल हाईवे पर स्थित मड़या ओवरब्रिज के पश्चिम कार ने एक दुधारू गाय को जोरदार टक्कर मार कर घायल कर दिया उसे देखकर रास्ते से जा रही तीन महिलाओं में से एक लड़की गाय की हालत को देखकर रोते हुए बेहोश हो गई।

 तभी खलीलाबाद बाईपास के तरफ से दिलीप उपाध्याय पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष मौके पर पहुंचकर स्थितियों को देखकर भाजपा गौ सेवा प्रकोष्ठ के पूर्व जिला अध्यक्ष विश्व हिंदू महासंघ ( गौ रक्षा प्रकोष्ठ) संत कबीर नगर एवम जिला संयोजक श्याम नारायण त्रिपाठी को फोन करके अवगत कराया तत्काल मौके पर पूरे पशु विभाग की टीम को लेकर श्याम नारायण त्रिपाठी मौके पर 112 नंबर पुलिस की तरह तुरंत पहुचे जिसकी सराहना सारे लोगों ने किया मुख्य पशु चिकित्साधिकारी , संत कबीर नगर डाक्टर यशपाल सिंह पशु डॉक्टर सुरेंद्र चौधरी अपने अन्य सहयोगियों के साथ पहुंच कर पालतू गाय का उपचार किया ।

 साथ में निवेदन किया कि लोग पालतू जानवरों को रोड पर ना छोड़े ! मौके पर गाय के पालक आकर गाय को अपने घर ले गए डॉक्टरों की टीम ने कहा कि उनके घर पर ही टूटे हुए पैर का प्लास्टर किया जाएगा ।

होली त्यौहार और चुनाव को देखते हुए आबकारी विभाग की छापेमारी

रमेश दूबे, संतकबीरनगर।

जिलाधिकारी संत कबीर नगर महेंद्र सिंह तवर के निर्देशन पर, जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार के पर्यवेक्षण में कच्ची शराब कारोबार के खिलाफ आबकारी विभाग की टीम ने धनघटा थाना क्षेत्र में जबरदस्त छापेमारी की है।

आबकारी निरीक्षक राजकिशोर ने अपनी टीम के साथ छापेमारी की जिसमें 27 कुंतल महुआ लहन नष्ट किया गया। 5 लीटर कच्ची शराब भी बरामद की गई। इस क्रम में एक अभियोग भी पंजीकृत किया गया।

इस मौके पर आबकारी निरीक्षक राज किशोर, मुमताज अहमद, संजय चौरसिया,रतन लाल , उपनिरीक्षक चौकी इंचार्ज लोहरैया रविंद्र कुमार शर्मा, संदीप यादव पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

सीएए को लेकरभ्रांतियां और समाधान

रमेश दूबे संत कबीर नगर।भारतीय नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के माध्यम से नागरिकता कानून में कुछ परिवर्तन किए गए । इस अधिनियम के तहत धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों से जुड़े व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए विशेष प्रक्रियाएं स्थापित की गईं।

इसका लक्ष्य, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हुए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है।

नागरिकता कानून 2019 को धार्मिक आधार पर नागरिकता प्राप्ति के लिए विशेष प्रक्रियाएं स्थापित करने के लिए आरोप किया गया है। मुसलमानों के कथित रहनुमाओं के मुताबिक यह उनके खिलाफ एक भेदभावपूर्ण कदम है और संविधान के समानता और धार्मिक स्वतंत्रता के मूल्यों के खिलाफ है।कुछ मुसलमान समुदायों में विचार प्रवेशित कराया जा रहा है कि नागरिकता कानून उनके समुदाय को अलग करने और समाज को विभाजित करने का प्रयास है।

जिसके मुताबिक वे इसको एक राजनीतिक फैसले के रूप में देखते हैं जिसका उद्देश्य उन्हें मानवाधिकारों और समानता से वंचित करना है।

भारतीय नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 मुसलमानों को सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित नहीं करता है, और नागरिकता प्राप्ति के लिए किसी विशेष धार्मिक समुदाय को नहीं निर्दिष्ट करता है।

मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को यह अधिनियम नागरिकता प्राप्ति के लिए कोई नया प्रक्रियात्मक ढांचा नहीं लागू करता है और उनके समान अधिकारों और विशेषाधिकारों को यह अधिनियम किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं करता है।यह अधिनियम विभाजन के पश्चात भारत में अवैध प्रवासी समस्याओं का समाधान करने के लिए बनाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य एक निश्चित अवधि तक भारत में शरणार्थी के रूप में मौजूद,हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी समुदायों को नागरिकता प्रदान करना है।

इस अधिनियम का निर्माण विशेष रूप से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हुए अल्पसंख्यक समुदायों को, जो एक निश्चित अवधि तक भारत में शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं संरक्षित करने के लिए किया गया है।

जगह जगह किए जा रहे धरना और प्रदर्शनों में एक महत्वपूर्ण तथ्य का उल्लेख किया जा रहा था और वो था संविधान का प्रियेंबल यानी प्रस्तावना।जिसका उल्लेख करते हुए नागरिकता कानून 2019 के विरोधियों के द्वारा लगातार कैंपेन चलाए जा रहे थे । प्रस्तावना की दुहाई देते हुए नागरिकता कानून 2019 का विरोध किया जा रहा था।

संविधान की प्रस्तावना का आशय भारत के नागरिकों के लिए है। जिस नागरिकता कानून 2019 का विरोध उद्देश्य अथवा प्रस्तावना के आधार पर किया जा रहा था, उस कानून का कोई संबंध भारत के किसी भी नागरिक से नहीं है । उपरोक्त कानून में उन्हीं लोगों को जो पाकिस्तान,बांग्लादेश, अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समूह हैं,उनके उन शरणार्थियों जो सीएए की शर्तों के मुताबिक एक अवधि से भारत में निवास कर रहे हैं, उन लोगों को भारत की नागरिकता देने के लिए यह अधिनियम लागू किया गया है।

जहां तक सवाल यह इन तीन देशों के अल्पसंख्यक समुदाय को भारत की नागरिकता देने का वो मात्र इसलिए कि कहीं न कहीं इन देशों के धार्मिक अल्पसंख्यकों का जुड़ाव भारत से है और सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि इन तीनों देशों में इस्लामी चरमपंथी शक्तियों का प्रभुत्व है जो अपनी ही विपरीत विचारधारा के मुसलमानों को उन देशों में शांतिपूर्ण ढंग से जीने नहीं देती तो अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों का क्या हाल होगा इसका अंदाज़ा बखूबी लगाया जा सकता है।

अफगानिस्तान एक ऐसा देश है जहां शरीयत कानून लागू है और पाकिस्तान में इसे लागू करने के लिए बकायदा तौर पर आंदोलन किए जा रहे हैं । हिमायते इस्लामी नामक संगठन के द्वारा बकायदा इसके लिए समूहों की स्थापना कर दी गई है जो कैंपेन चला कर शरीयत निजाम को लागू करवाने के लिए आंदोलन किया जा रहा है जिसके मुताबिक शरीयत निजाम लागू करने पर गैर मुस्लिमो को जिम्मी करार देकर उनसे जिजिया वसूला जाएगा और शासन प्रशासन में उनकी कोई भूमिका नहीं होगी ।

जाहिर है उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक बनना होगा या पलायन करना होगा ऐसी स्थिति में सिवाय भारत के कोई ऐसा देश नहीं जहां वह अपनी आस्था पर रहते हुए स्वतंत्रता पूर्वक अपना जीवन जी सकें।

भारत के मुसलमानों को इस अधिनियम का स्वागत करना चाहिए ताकि कट्टरपंथियों द्वारा सताए गए इंसानों को न्याय और सुरक्षित पनाह मिले और उन शरणार्थियों के दिलों में मुसलमानों के प्रति सद्भावना जाग्रत हो,वो मैल निकल जाए जिसे कुछ कट्टरपंथी शक्तियों ने नागरिकता कानून की पूर्व में की गई हिंसा के कारण उन शरणार्थियों के दिलों में डालने का प्रयास किया है।

(सूफ़ी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी एडवोकेट)

राष्ट्रीय अध्यक्ष, सूफ़ी खानकाह एसोसियेशन

CAA में भारतीय अल्पसंख्यकों के हितों का पूरा ध्यान रखा गया है

भारतीय नागरिकता (संशोधन) कानून पर 5 साल पहले ही मुहर लग गई थी। हालांकि, यह अब तक लागू नहीं हो पाया है। सीएए को लेकर पूरे देश में प्रदर्शन हुए थे, जोकि सही तथ्यों की जानकारी के अभाव में हुए थे। सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट के लागू होने पर तीन पड़ोसी मुस्लिम बाहुल्य देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए उन लोगों को भारत की नागरिकता मिल जाएगी, जो दिसंबर 2014 तक किसी ना किसी प्रताड़ना का शिकार होकर भारत आए। यह तर्क दिया जा सकता है कि सीएए का उद्देश्य 31 दिसंबर, 2014 से पहले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए उत्पीड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को शरण प्रदान करना है। विचार यह है कि उन्हें भारत में नागरिकता और सुरक्षा प्रदान की जाए, और इसका भारत में मुस्लिम नागरिकों की नागरिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

इसके पक्ष में पहला तर्क मानवीय आधार पर है की सीएए पड़ोसी देशों में उत्पीड़न का सामना कर रहे धार्मिक अल्पसंख्यकों की दुर्दशा के प्रति एक मानवीय प्रतिक्रिया है। उन्हें भारतीय नागरिक बनने का मौका देकर, इस कानून को उन लोगों के लिए एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करने के तरीके के रूप में देखा जाता है जो धार्मिक उत्पीड़न से भाग गए हैं।

चूंकि जिन देशों (अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान) से सताए गए अल्पसंख्यकों को सुविधा दी जाएगी, वहां मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक है और वहां उन्हें धर्म के आधार पर प्रताड़ित नहीं किया जाता, इसलिए उन्हें इस अधिनियम से बाहर रखा गया है। दूसरे तथ्य के आधार पर अगर हम देखें तो ऐतिहासिक संदर्भों पर ध्यान दें तो इसमें हमें नजर आएगा कि सीएए सताए गए समुदायों को आश्रय प्रदान करने के भारत के ऐतिहासिक लोकाचार के अनुरूप है। ऐतिहासिक उदाहरणों का हवाला दिया जा सकता है जहां भारत उत्पीड़न का सामना करने वाले समुदायों के लिए शरणस्थली रहा है, जिसके कारण भारत में एक समन्वयवादी संस्कृति विकसित हुई।

नागरिकता प्रक्रिया को सुव्यवस्थित कर सीएए पात्र शरणार्थियों के लिए नागरिकता प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है, जिससे यह उन लोगों के लिए अधिक सुलभ और कम बोझिल हो जाता है जो उचित दस्तावेज के बिना भारत में रह रहे हैं, और बिना दस्तावेज के रहने वाले शरणार्थियों के बजाय सरकार द्वारा उनकी निगरानी में मदद मिलेगी। राष्ट्रीय सुरक्षा में भी CAA अहम योगदान दे सकता है, सीएए कुछ शरणार्थी समुदायों की स्थिति को औपचारिक बनाकर राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान देता है, जिससे देश के भीतर ऐसी आबादी की उपस्थिति को ट्रैक करना और प्रबंधित करना आसान हो जाता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य में वृद्धि होती है।

भारतीय संविधान में समानता और धर्मनिरपेक्षता निहित है क्योंकि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में मुसलमानों को धर्म के आधार पर प्रताड़ित नहीं किया जाता था। इससे भारतीय मुसलमानों की नागरिकता की स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। CAA को लेकर एक कथित भेदभाव की भावना को भी बढ़ावा दिया जा रहा है बल्कि ऐसा नहीं है चूंकि यह अधिनियम 2019 में अस्तित्व में आया और इसने अभी तक किसी भी भारतीय मुस्लिम की नागरिकता की स्थिति को प्रभावित नहीं किया है, इसलिए यह चिंताएं कि अधिनियम से मुसलमानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, निराधार हैं।