एंबुलेंस कांड से बाराबंकी में खुला था मुख्तार का आपराधिक खाता, बाराबंकी के फर्जी पते पर खरीदी थी एंबुलेंस
लखनऊ। मुख्तार अंसारी का बाराबंकी जिले में आपराधिक खाता दो अप्रैल 2021 को एंबुलेंस कांड से खुला था। इसी क्रम में मुख्तार अंसारी व उसके गिरोह के बदमाशों पर दूसरा मुकदमा 25 मार्च 2022 को दर्ज किया गया, जिसमें मऊ, गाजीपुर, लखनऊ और प्रयागराज के 12 बदमाशों को नामजद किया गया। बहुचर्चित एंबुलेंस कांड से जुड़े इन दोनों मुकदमों में पुलिस ने मुख्तार सहित सभी आरोपितों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है।
31 मार्च 2021 को पहली बार यह एंबुलेंस चर्चा में आई
गाजीपुर जिले के यूसुफपुर मोहम्मदाबाद का मूल निवासी मुख्तार अंसारी पंजाब जेल में निरुद्ध होने के दौरान निजी एंबुलेंस यूपी 41 एटी 7171 का प्रयोग करता था, जिससे वह न्यायालय पेशी पर जाता था। इसमें उसके साथ असलहाधारी बदमाश रहते थे। 31 मार्च 2021 को पहली बार यह एंबुलेंस चर्चा में आई, जिसके बाद दो अप्रैल 2021 दो तत्कालीन एआरटीओ पंकज सिंह ने मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालिका डा. अल्का राय पर जालसाजी का मुकदमा लिखाया था। 21 मार्च 2013 में पंजीकृत यह एंबुलेंस बाराबंकी कोतवाली नगर के मुहल्ला रफीनगर के मकान नंबर 56 के पते पर पंजीकृत कराई गई थी। पते के लिए लगाए गए वोटर कार्ड का सत्यापन किया गया तो पता ही गलत मिला। तत्कालीन सीओ नवीन सिंह इस एंबुलेंस को पांच अप्रैल 2021 को पंजाब से बाराबंकी लेकर आए थे, जो अब कोतवाली नगर के मालखाना में है।
चार जुलाई 2021 को पुलिस ने सभी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया
मुकदमे की विवेचना में पुलिस ने मुख्तार अंसारी को आइपीसी की धारा 120 (बी) के तहत साजिशकर्ता करार देकर नामजद किया था और इसके बाद उसके गिरोह के अन्य बदमाशों का नाम प्रकाश में आता गया। चार जुलाई 2021 को पुलिस ने सभी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। इसके बाद 25 मार्च 2022 में तत्कालीन नगर कोतवाल सुरेश पांडेय ने मुख्तार व उसके 12 साथी बदमाशों पर गैंगस्टर का मुकदमा कराया। गिरोह के सदस्यों की करोड़ों की संपत्ति को भी गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 (1) के तहत कुर्क किया जा चुका है।
यह लोग हुए नामजद
गैंगस्टर के मुकदमे में मऊ जिले के बलिया मोड़ स्थित श्याम संजीवनी अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर की संचालिका डा. अल्का राय, डा. शेषनाथ राय, थाना सरायलखंसी के अहिरौली निवासी राजनाथ यादव, ग्राम सरवां के आनंद यादव, गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद के मंगलबाजार यूसुफपुर के सुरेंद्र शर्मा, सैदपुर बाजार मुहल्ला रौजा के मो. शाहिद, फिरोज कुरैशी, अफरोज उर्फ चुन्नू, जफर उर्फ चंदा, सलीम, प्रयागराज के थाना करेली के वसिहाबाद सदियापुर के मो. सुहैब मुजाहिद और लखनऊ के वजीरगंज थाना के लारी हाता कालोनी के मो.जाफरी उर्फ शाहिद को नामजद किया गया। दोनों मुकदमों में न्यायालय में सुनवाई हो रही है
श्याम संजीवनी अस्पताल के नाम मुख्तार लिया था एम्बुलेंस
मुख्तार अंसारी मऊ की श्याम संजीवनी हॉस्पिटल के नाम पर एम्बुलेंस ले लिया था। इसका प्रयोग वह जेल से पेशी में जाने में करता था। पंजाब के रोपण जेल से मोहाली कोर्ट जाने में मुख्तार अंसारी ने इस ऐंबुलेंस का प्रयोग किया था। जिसका पंजीकरण बाराबंकी परिवहन विभाग में होना पाया गया। जांच के दौरान पता चला कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे वर्ष 2013 में ऐंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी। बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग ने जब इस ऐंबुलेंस की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि इसका रिनिवल ही नहीं कराया गया था और दस्तावेजों में डॉ. अल्का राय की फर्जी वोटर आईडी से पंजीकृत पाई गई। मामले में मुख्तार अंसारी समेत 12 अन्य लोगों पर जालसाजी और गैंगस्टर ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। जिस मुकदमे में आरोपियों की संपत्तियों पर कुर्की की कार्रवाई की गई।
Mar 29 2024, 17:42