मौसम विभाग की और से दी गई जानकारी के अनुसार आज से फिर शुरू होगा बारिश का दौर, अगले 5 दिन तक दिल्ली समेत इन जगहों पर अलर्ट


नयी दिल्ली : मौसम विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में एक पश्चिमी विक्षोभ पहुंच गया है जिसके असर से बारिश देखने को मिलेगी. इसके अलावा, 29 मार्च को एक और पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है, जो बारिश की गतिविधियों में तीव्रता लेकर आएगा. देशभर के राज्यों में मौसम करवट लेने वाला है।

आज यानी 27 मार्च को देश के अधिकतर हिस्सों में बारिश का दौर शुरू हो जाएगा. अगले पांच दिनों तक देश के अधिकतर राज्यों में गरज के साथ बारिश और पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी की गतिविधियां देखने को मिलेंगी।

मौसम विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में एक पश्चिमी विक्षोभ पहुंच गया है जिसके असर से बारिश देखने को मिलेगी. इसके अलावा, 29 मार्च को एक और पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है, जो बारिश की गतिविधियों में तीव्रता लेकर आएगा.

नई दिल्ली के मौसम का हाल

मौसम विभाग की मानें तो आज यानी 27 मार्च को नई दिल्ली में न्यूनतम तापमान 19 और अधिकतम तापमान 34 डिग्री दर्ज किया जा सकता है. इसी के साथ, नई दिल्ली में आज गरज के साथ हल्की बारिश देखने को मिल सकती है. 

मौसम विभाग की मानें तो नई दिल्ली में 28 और 29 मार्च को भी बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी. 30 मार्च को नई दिल्ली में दिल्ली में बादलों का डेरा रहेगा.  

27 मार्च को इन इलाकों में होगी बारिश

मौसम विभाग की मानें तो आज यानी 27 मार्च को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद में गरज के साथ बारिश और ओलावृष्टि की गतिविधियां देखने को मिलेंगी. वहीं, हिमाचल प्रदेश, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के सुदूर इलाकों में भी बारिश और ओलावृष्टि की गतिविधियां देखने को मिलेंगी. 

दिल्ली में आज बादलों का डेरा, पहाड़ों पर होगी भारी बारिश!

वेस्टर्न डिस्टरबेंस से फिर बदलेगा मौसम! इन राज्यों में होगी भारी बारिश, मैदानी इलाकों में होगा मौसम सुहावना मौसम।

कैसा रहेगा आपके शहर का मौसम, यहां जानिए अपडेट 

28 मार्च को इन इलाकों में बारिश

मौसम विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, 28 मार्च को हिमाचल प्रदेश में तेज हवाओं के साथ गरज और ओलावृष्टि देखने को मिल सकती है. इसी के साथ, पंजाब, गंगीय पश्चिमी बंगाल में तेज हवाओं के साथ बिजली चमकने की गतिविधियां देखने को मिलेंगी. वहीं, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हरियाणा और चंडीगढ़ के सुदूर इलाकों में बिजली चमकने के साथ-साथ हल्की बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं. 

29 मार्च को इन इलाकों में बदलेगा मौसम

मौसम विभाग की मानें तो 29 मार्च को हिमाचल प्रदेश में गरज के साथ बारिश और ओलावृष्टि की गतिविधियां देखने को मिलेगी. इसी के साथ, उत्तराखंड में भी बिजली चमकने के साथ-साथ ओलावृष्टि देखने को मिल सकती है. पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, गंगीय पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान के कुछ इलाकों में बिजली चमकने के साथ-साथ बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं. मौसम विभाग की मानें तो 29 मार्च को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में भारी बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।

आज का इतिहास : 27 मार्च 1977 को स्पेन में एक ही रनवे पर आए दो विमान और चली गयी 583 लोगों की जान


नयी दिल्ली : साल 1977 ये वो तारीख है जब दुनिया ने सबसे भीषण विमान हादसा देखा. स्पेन के टेनेराइफ के रनवे पर दो बोईंग 747 विमान आपस में भिड़ गए. इस हादसे में करीब 583 लोगों की जान चली गई.

एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि ये हादसा एक बड़े कम्युनिकेशन गैप के चलते हुआ था. जिन दो विमानों में टक्कर हुई थी उनमें एक था – KLM फ्लाइट 4805, जिसने एम्सटर्डम से उड़ान भरी थी, वहीं दूसरी थी Pan Am अमेरिकन फ्लाइट 1736, जो अमेरिका के लॉस एंजिलिस से आ रही थी. दोनों विमानों को एक ही एयरपोर्ट पर जाना था. लेकिन यात्री इलाके में एक छोटे विस्फोट होने के बाद वहां अफरातफरी फैल गई. जिसकी वजह से एयर ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया. इस चलते दोनों विमान एक ही रनवे पर उतरे थे लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी।खराब मौसम के दौरान ही KLM के विमान ने टेकऑफ के लिए रन करना शुरू कर दिया. और अमेरिकी विमान से जा टकराया.

इतिहास के दूसरे अंश में बात 'थिएटर' की करेंगे. आज यानी कि 27 मार्च को दुनिया भर में 'रंगमंच दिवस,' मनाया जाता है. साल 1961 में इंटरनेशनल थिएटर इंस्टिट्यूट ने इस दिन को मनाने की शुरुआत थी. बता दें आज के दिन इंटरनेशनल थिएटर इंस्टीट्यूट एक कॉन्फ्रेंस करता है जिसे दुनियाभर के 50 भाषाओँ में अनुवाद कर अखबारों में छापा जाता है. 1962 में फ्रांस के जीन काक्टे ने पहला मैसेज दिया था. वहीं, 2002 में गिरीश कर्नाड ने यह मैसेज दिया.

इतिहास के तीसरे अंश में बात 'वियाग्रा' की करेंगे. 27 मार्च साल 1998 में अमेरिका में पुरुष नपुंसकता को दूर करने वाली फाइजर कंपनी की दवा वियाग्रा को मंजूरी मिली थी. बता दें साल 2012 में कंपनी ने सिर्फ वियाग्रा से 2 अरब अमेरिकी डॉलर कमाए.

देश-दुनिया में 27 मार्च का इतिहास

2008ः अंतरिक्ष यान एंडेवर पृथ्वी पर सफलतापूर्वक सुरक्षित लौटा.

2003ः रूस ने घातक टोपोल आरएस-12 एम बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया.

1933ः जापान ने लीग ऑफ नेशंस (पहले विश्व युद्ध के बाद बनी संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी संस्था) से खुद को अलग कर लिया.

1899ः इतालवी आविष्कारक जी मारकोनी ने फ्रांस और इंग्लैंड के बीच पहला इंटरनेशनल रेडियो प्रसारण किया.

1884ः बोस्टन से न्यूयॉर्क के बीच पहली बार फोन पर लंबी दूरी की बातचीत हुई.

1871ः पहला अंतरराष्ट्रीय रग्बी मैच स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के बीच खेला गया.

1855ः अब्राहम गेस्नर ने केरोसिन (मिट्टी के तेल) का पेटेंट कराया.

1841ः पहले स्टीम फायर इंजन का सफल परीक्षण न्यूयॉर्क में किया गया.

1721: स्पेन और फ्रांस ने मैड्रिड समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

1668ः इंग्लैंड के शासक चार्ल्स द्वितीय ने बॉम्बे ईस्ट इंडिया कंपनी को सौंपा था.

हेल्थ टिप्स:सुबह खाली पेट लहसुन की दो कली खाने से सेहत रहेगी बुलंद,बीमारियों से मिलेगी मुक्ति


दिल्ली : सामान्य रूप से लहसुन हमारे किचन की महत्वपूर्ण सामग्री है लेकिन यह हमारी सेहत के लिए भी बड़ा फायदेमंद है। हम देखते हैं कि लहसुन का इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए खूब किया जाता है।

लेकिन क्या आपको मालूम है कि खाली पेट लहसुन का सेवन करने से सेहत को कई तरह के फायदे मिलते हैं। लहसुन का सेवन करने से आप खुद को कई तरह की बीमारियों से बचा सकते हैं।

लहसुन में प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट और फैट होता है जो सेहत को कई तरह के फायदे पहुंचाता है। आज हम आपको सुबह खाली पेट लहसुन खाने के फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं।

सुबह खाली पेट लहसुन खाने के फायदे

रोजाना सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन का सेवन करने से हार्ट से जुड़ी समस्याएं दूर होती है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से स्ट्रोक का खतरा कम होता है।

पेट के लिए

अगर आप पेट की समस्या से परेशान हैं तो सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

दांत दर्द के लिए

अगर आप दांत दर्द से परेशान हैं तो लहसुन की एक कली आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इसमें और दर्द निवारक गुण पाए जाते हैं जो दांत दर्द से राहत दिलाने में सहायक है।

ब्लड शुगर

डायबिटीज के मरीजों के लिए सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन का सेवन करना फायदेमंद साबित होता है। इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।

अरविंद केजरीवाल ने जेल जाने के बाद भी नही दिया इस्तीफा, गृह मंत्रालय कर रही मंथन,कैसे पद से हटाया जाए उन्हें


नई दिल्‍ली। दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। ईडी उनके खिलाफ जांच कर रही है। गृह मंत्रालय भी केजरीवाल के खिलाफ जांच कर रहा है। उनके खिलाफ बड़ा कदम उठाया जा सकता है।

ईडी के गिरफ्तार करने के बाद भी अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्‍तीफा नहीं दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय केजरीवाल के इस्तीफा नहीं देने के परिणामों की जांच कर रहा है।

कानूनी विशेषज्ञों ने कहा कि केंद्र को उन्हें निलंबित करना पड़ सकता है या पद से हटाना पड़ सकता है, क्योंकि वह एक लोक सेवक हैं। कानूनन मुख्‍यमंत्री भी लोक सेवक ही होता है।

गिरफ्तार किए जाने वाले सरकारी अधिकारियों के लिए भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है। गिरफ्तार लोक सेवा के 48 घंटे से अधिक समय पुलिस हिरासत में रहने पर उन्हें तत्काल सेवा से निलंबित करना अनिवार्य है।

गृह मंत्रालय के अरविंद केजरीवाल को निलंबित करने पर आम आदमी पार्टी न्‍यायालय का दरवाजा खटखटा सकती है। कई कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस्‍तीफा देना अनिवार्य नहीं है।

केंद्र सरकार या कोई आम आदमी लोकपाल के पास जा सकते हैं। अरविंद केजरीवाल को मुख्‍यमंत्री पद से हटाने की गुहार लगा सकता है। यह भारतीय लोकतंत्र का अब तक अनोखा कारनामा है। अब तक ऐसी स्थिति नहीं आई। कोई भी मुख्‍यमंत्री गिरफ्तार होने के तुरंत बाद इस्‍तीफा दे दिया है।

होलिका दहन के साथ शराब के नशे में एक शख्स ने आग में लगा दी छलांग, अस्पताल में भर्ती


गाजियाबाद :होली के रंग तो बिखरे लेकिन अनेक लोगों ने अपने अंग तक जला लिए। शराब के नशे में धुत्त 39 वर्षीय भगवान दास खुद को होलिका दहन के साथ जलने पर आमदा हो गए।

संजय नगर स्थित गुलधर के पास रविवार देर रात को जब होलिका दहन हो रहा था तो शराब के नशे में पहुंचे भगवान दास ने घोषणा की कि मैं भी होलिका दहन के साथ जलूंगा।

आसपास खड़े लोगों ने इसका विरोध किया और अनुरोध किया कि ऐसा मत करो, यह जान के लिए नुकसानदायक हो सकता है। वह नहीं माना और तेजी से होलिका दहन में कूद गया।

लोगों आग से खींचकर निकाला

जलती आग में उसके कूदते ही बुरी तरह से झुलस गया। बड़ी मुश्किल से उसे आग से लोगों ने खींचकर निकाल लिया और संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कर दिया।

इमरजेंसी में तैनात इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर गौरव कुमार ने प्राथमिक उपचार के बाद हालात बेहद खराब देखते हुए भगवान दास को तुरंत सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।

रविवार देर रात को ही इस घटना के बाद स्थानीय पुलिस भी सतर्क हो गई और इस पूरे मामले की जांच कर रही है। इसके साथ ही आईसीयू में भर्ती भगवान दास की हालत चिंताजनक बनी हुई है।

पहचानिए इस 51 साल की एक्ट्रेस को जो कभी आईएएस बनने का सपना देखी, फिर की होटल में काम, आज जी रही है एक कुंवारी मां की जिंदगी

 

नयी दिल्ली : ऐसे कई सफल एक्टर हैं, जिन्होंने छोटे पर्दे से सिल्वर स्क्रीन पर कदम रखा है. बॉलीवुड में शाहरुख खान, विद्या बालन और सुशांत सिंह राजपूत ये चुनिंदा वो नाम हैं, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत टेलीविजन शोज से की थी. बाद में उन्हें फिल्मों में मौका मिला और वे स्टार सेलिब्रिटी बन गए. इस एक्ट्रेस ने IAS अफसर बनने का सपना देखा था, लेकिन गुजारे के लिए उन्होंने होटल में भी काम किया. 51 की हो चुकी ये हसीना कुंवारी मां है. कौन है ये एक्ट्रेस चलिए आपको बताते हैं। 

आम हो या खास सफलता का स्वाद चखने के लिए इंसान को मेहनत तो करनी पड़ती हैं. हिंदी सिनेमा हो या साउथ सिनेमा, ऐसे कई कलाकार हैं, जिन्होंने टीवी से अपने करियर की शुरुआत की और बड़े पर्दे का रुख किया. किसी को सफलता अपने संबंधों पर मिल गई तो कोई सालों तक मेहनत करता रहा.

 टीवी से बॉलीवुड का रुख करने वाली एक एक्ट्रेस. टीवी पर जो संस्कारी बहू बनकर लोगों को लुभाती रही. लेकिन, उनके लिए ये सफर बिलकुल भी आसान नहीं था. कई चुनौतियों का सामना करते हुए, धीरे-धीरे वह एक्ट्रेस आगे बढ़ीं.

आमिर खान की ऑनस्क्रीन पत्नी बनकर इस एक्ट्रेस ने खूब तालियां बटौरीं, ये कोई और नहीं बल्कि टीवी से बॉलीवुड का रुख करने वाली साक्षी तंवर हैं, जिनको आज भी लोग टीवी की दुनिया की रॉकस्टार कहते हैं. साक्षी कभी आईएएस बनने का सपना देखती थीं, लेकिन फिर कैसे इस इंजस्ट्री में आ गईं।

आईएएस बनने का सपना देख होटल में काम करने के दौरान दिए गए ऑडिशन ने उनकी जिंदगी बदल दी. ग्लैमर की दुनिया में उन्होंने कदम रखा और टेलीविजन इंडस्ट्री ने उन्हें चमका दिया.

साक्षी तंवर लेडी श्री राम कॉलेज, नई दिल्ली से ग्रेजुएट हैं. 1990 में उन्होंने अपना प्री-यूनिवर्सिटी कोर्स पूरा किया था. उस समय वह एक फाइव स्टार होटल में सेल्स ट्रेनी के तौर पर काम करती थीं. एक पुराने इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उनकी पहली सैलरी 900 रुपये थी और उन्होंने उन पैसों से एक साड़ी खरीदी थी. कॉलेज में साक्षी तंवर ड्रामेटिक सोसायटी की सचिव और अध्यक्ष थीं. 1998 में, उन्होंने दूरदर्शन के फिल्मी गीत कार्यक्रम 'अलबेला सुर मेला' के लिए ऑडिशन दिया और उन्हें एंकर के रूप में मौका मिला।

टीवी की दुनिया में कदम रखने के बाद उन्होंने अपने डेब्यू के बाद से ही अच्छी प्रतिष्ठा हासिल की. 'कहानी घर घर की' में 'पार्वती' की भूमिका में वह नजर आई थी. यह सीरियल टेलीविजन पर काफी लंबे समय तक चला. भारी सफलता मिलने के बाद लोगों ने उन्हें 'पार्वती' कहना ही शुरु कर दिया था. उनके अन्य लोकप्रिय धारावाहिक 'कुड्डम', 'देवी', 'बड़े अच्छे लगते हैं'.

'बड़े अच्छे लगते हैं' में राम कपूर के साथ उनकी केमिस्ट्री को दर्शकों ने खूब पसंद किया. एकता कपूर का सीरियल 'बड़े अच्छे लगते है' एक रोमांटिक ड्रामा . इस कॉन्सेप्ट को दर्शकों ने खूब पसंद किया था. शो में राम कपूर और साक्षी तंवर के 17 मिनट लंबे किस सीन ने भी खूब विवाद मचाया था.

साल 2006 में उन्होंने 'ओ रे मनवा' से फिल्मों में कदम रखा था. इस फिल्म में उन्होंने संध्या का किरदार निभाया था. यह पहली फिल्म दर्शकों को प्रभावित करने में असफल रही. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, लेकिन साक्षी को बॉलीवुड में बड़ा ब्रेक आमिर खान की फिल्म 'दंगल' से मिला. 'दंगल' ने दुनिया भर में 2000 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया. इसमें आमिर की पत्नी, गीता फोगाट और बबीता फोगाट की मां का किरदार निभाया था.

'दंगल' की सफलता के बाद साक्षी तंवर ने अक्षय कुमार के साथ 'मोहल्ला अस्सी' और 'सम्राट पृथ्वीराज' जैसी बॉलीवुड फिल्मों में काम किया. ये दोनों फ्लॉप हो गए. बाद में ओटीटी पर आई वेब सीरीज 'माई' में भी काम किया. इसमें वह अपनी बेटी के हत्यारों को ढूंढने की कोशिश करती एक मां की भूमिका में नजर आईं,एन।एफ जिसको खूब सराहा गया.

साक्षी ने अपने करियर में 20 टीवी सीरियल्स, 9 फिल्मों और 4 वेब सीरीज में नजर आ चुकी हैं. साक्षी को लगातार करियर में सफलता मिल रही है. लेकिन, सफल करियर होने के बाद भी उन्होंने शादी न करने का फैसला किया. लेकिन एक मां बनने के लिए वह तैयार हो गईं. साल 2018 में उन्होंने एक बेटी को गोद लिया और मां बनने रे अपने सपने को पूरा किया. उनकी बेटी का नाम दित्या है. 51 साल एक्ट्रेस एक सिंगल मदर हैं.

आतंकी संगठन आईएस खुरासान द्वारा मास्को पर आतंकी हमला के पीछे क्या है कारण ,इस हमले में 90 लोग मारे गए 145 घायल हुए


नई दिल्ली। 22 मार्च की रात रूस की राजधानी मॉस्को बम और 

गोलीबारी से दहल उठा। क्रोकस सिटी हॉल कॉन्सर्ट स्थल में हुए हमले में चारों तरफ केवल आग धधक रही थी।

 गोलियों की आवाज के बीच डरे हुए स्थानीय लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे। इस हमले में कम से कम 90 मारे गए और 145 लोग घायल हुए है।

इन बम धमाकों के पीछे आतंकी संगठन आईएस (इस्लामिक स्टेट) खुरासान का हाथ है। व्हाइट हाउस ने इस बात की पुष्टि की है। दरअसल, हमले के कुछ ही घंटों बाद इस्लामिक स्टेट खुरासान ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। बता दें कि यह समूह अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट से संबद्ध इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत या आईएसआईएस-के ( ISIS-K) है। 

आखिर क्यों आईएसआईएस-के ने इस हमले को अंजाम दिया और क्या है यह आतंकवादी समूह? वहीं, यह कैसे संचालित होता है? आइये यहां सब जानें।

ISIS-K/आईएसआईएस-के कब आया? 

ISIS-K आतंकवादी समूह की स्थापना 2015 में पाकिस्तानी तालिबान के असंतुष्ट सदस्यों द्वारा की गई थी। अमेरिकी हवाई हमलें और अफगान कमांडो की छापेमारी के कारण इस समूह के कई नेता मारे गए। इस दौरान समूह ने 2021 तक अपने सैनिकों की संख्या लगभग 1,500 से 2,000 तक कर दिया था। 2021 में ही अफगानिस्तान की सरकार गिर गई और तालिबान ने यहां कब्जा कर लिया।

अफगानिस्तान, ईरान और पाकिस्तान को बनाया है अपना शिकार

इस दौरान अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी होने लगी इसी समय

 आईएसआईएस-के ने अगस्त 2021 में काबुल में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आत्मघाती बम विस्फोट किया, जिसमें 13 अमेरिकी सैनिक और 170 से अधिक नागरिकों की मौत हो गई। इस हमले के बाद आईएसआईएस-के अंतरराष्ट्रीय विषय बन गया।

तालिबान अफगानिस्तान में ISIS-K के खिलाफ कड़ी लड़ाई लड़ रहा है। अब तक, तालिबान की सुरक्षा सेवाओं ने समूह को क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए कई कड़े कदम उठाए है पूर्व तालिबान लड़ाकों को बड़ी संख्या में भर्ती करने से भी रोका है।

6 माह के भीतर बिना किसी चेतावनी के हमले कर सकता है 

अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल ई. कुरिल्ला ने गुरुवार को एक हाउस कमेटी को बताया कि आईएसआईएस-के छह महीने से भी कम समय में विदेशों में अमेरिकी और पश्चिमी हितों पर बिना चेतावनी के हमला करने की क्षमता और इच्छा रखता है।

जनवरी में अपने आधिकारिक टेलीग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट में, आईएसआईएस-के ने कहा कि उसके समूह ने ईरान के करमान में बम हमला किया था जिसमें 84 लोगों की मौत हो गई थी। आईएसआईएस-के ने ईरान में हुए पिछले कई हमलों की जिम्मेदारी ली है और अब इस समूह ने मॉस्को में हुए हमले की जिम्मेदारी ली है।

पुतिन की जमकर करते है आलोचना

न्यूयॉर्क स्थित सुरक्षा परामर्श फर्म सौफान ग्रुप के आतंकवाद विरोधी विश्लेषक कॉलिन पी. क्लार्क ने बताया कि आईएसआईएस-के पिछले दो सालों से रूस को निशाना बनाने की योजना बना रहा था। यह समूह अक्सर अपने प्रचार में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर वी. पुतिन की आलोचना करता है। आईएसआईएस-के अफगानिस्तान, चेचन्या और सीरिया में मॉस्को के हस्तक्षेप का हवाला देते हुए क्रेमलिन पर मुस्लिमों का खून होने का आरोप लगाता रहा है। 

भारतीय नौसेना ने 35 सोमाली समुद्री लुटेरे को किया गिरफ्तार, 3 महीने पहले जहाज को किया था हाईजैक


नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने लाल सागर के पूर्व में 100 दिनों के समुद्री डकैती विरोधी अभियानों के बाद शनिवार को 35 सोमाली समुद्री लुटेरों को भारत लाकर मुंबई पुलिस को सौंप दिया है। 

सोमालिया समुद्री डाकुओं द्वारा अपहरण किए गए मालवाहक जहाज से भारतीय नौसेना ने 35 डाकुओं को गिरफ्तार किया है।

एमवी रुएन मालवाहक जहाज को 14 दिसंबर, 2023 को सोमालियाई समुद्री डाकुओं द्वारा अपहरण कर लिया गया था। जहाज का जब अपहरण किया गया तो वह भारतीय तट से लगभग 1,400 समुद्री मील (2,600 किलोमीटर) दूर था।

 जिसके बाद अदन की खाड़ी और उत्तरी अरब सागर क्षेत्र में सबसे बड़ी राष्ट्रीय सेना ने सोमाली तट से अपहरण के तीन महीने बाद पिछले सप्ताह मालवाहक जहाज रुएन से समुद्री डाकुओं को गिरफ्तार कर लिया और मुंबई पुलिस को सौंप दिया।

यमन के ईरानी समर्थित हूती आतंकवादियों द्वारा लाल सागर में हमलों से शिपिंग की रक्षा करने पर पश्चिमी बलों के फोकस का लाभ उठाते हुए समुद्री लुटेरों ने नवंबर से अब तक 20 से अधिक अपहरण किए हैं या प्रयास किए हैं, जिससे बीमा और सुरक्षा लागत बढ़ गई है और वैश्विक शिपिंग कंपनियों के लिए संकट बढ़ गया है।

भारत की नौसेना ने कहा कि हमास के खिलाफ इजरायल के युद्ध के दौरान गाजा में फलिस्तीनियों के साथ एकजुटता का दावा करने वाले हूती आतंकवादियों के हमलों और समुद्री डकैती में वृद्धि के साथ, नवंबर के बाद से क्षेत्र के माध्यम से वाणिज्यिक यातायात आधा हो गया है, क्योंकि जहाज दक्षिणी अफ्रीका के आसपास लंबा रास्ता अपनाते हैं।

भारतीय कमांडो द्वारा पकड़े गए समुद्री डाकुओं के खिलाफ समुद्री डकैती रोधी अधिनियम 2022 के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस प्रावधान के तहत आजीवन कारावास की सजा का भी सामना करना पड़ सकता है। यह कानून नौसेना को खुले समुद्र में समुद्री डाकुओं को पकड़ने और गिरफ्तार करने में सक्षम बनाता है।

नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने ऑपरेशन के 100वें दिन के अवसर पर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सोमालियाई समुद्री डाकु अन्य जहाजों पर हमले करने के लिए रुएन को अपने "मदर शिप" के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे। वहीं, कमांडो ने चालक दल के सभी 17 सदस्यों को बचा लिया है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन की ओर से अरुणाचल प्रदेश को लेकर किए जा रहे दावे को बताया हास्यापद


नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन की ओर से अरुणाचल प्रदेश को लेकर बार-बार किए जा रहे दावे को हस्यास्पद करार देते हुए खारिज कर दिया। साथ ही ड्रैगन को खरी-खरी भी सुना दी। जयशंकर ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का स्वाभाविक हिस्सा है।

इन दिनों जयशंकर तीन दिवसीय सिंगापुर दौरे पर हैं और उन्होंने एक कार्यक्रम में अरुणाचल मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में कहा कि यह कोई नया मुद्दा नहीं है। मेरा मतलब है कि चीन ने अपने दावे को दोहराया है और यह नया मुद्दा नहीं है। ये दावे शुरू से ही हास्यास्पद रहे हैं और अभी भी हास्यास्पद ही बने हुए हैं।

एस जयशंकर, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (एनयूएस) के प्रतिष्ठित दक्षिण एशियाई अध्ययन संस्थान (आईएसएएस) में आयोजित एक कार्यक्रम में व्याख्यान देने पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने सवालों के जवाब में चीन को लेकर ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हम इस मुद्दे पर बहुत स्पष्ट, बहुत सुसंगत रहे हैं। आप जानते हैं कि यह कुछ ऐसा है, जो होने वाली सीमा चर्चा का हिस्सा होगा।"

भारत के लिए चुनौती

एक अन्य सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि "आज भारत के लिए चुनौती है कि वह दो उभरती शक्तियों के बीच स्थायी संतुलन कैसे बनाए, जो पड़ोसी भी हैं और जिनका एक इतिहास और आबादी है, जो उन्हें बाकी दुनिया से अलग करती है। जिनके पास क्षमताएं भी हैं। यह एक बहुत ही जटिल चुनौती है।"

जयशंकर ने मई 2020 में पैंगोंग झील के पास सीमा पर हुए चीन के साथ हिंसक झड़प के बारे में कहा कि "2020 में चीन ने जब सीमा पर कुछ करने का फैसला किया, तो यह भारत के लिए बड़े आश्चर्य के रूप में था, क्योंकि यह दोनों देशों की ओर से किए गए समझौतों का पूरी तरह से उल्लंघन था"।

द्विपक्षीय संबंधों में खटास

इस गतिरोध का परिणाम यह हुआ कि व्यापार को छोड़कर सभी मोर्चों पर भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंध लगभग बंद हो गए हैं। भारत, चीन की आर्मी पर देपसांग और डेमचोक से सैनिकों को हटाने के लिए दबाव डाल रहा है और उसका कहना है कि जब तक सीमाओं की स्थिति असामान्य बनी रहेगी, तब तक चीन के साथ उसके संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली नहीं हो सकती है।

रामलीला मैदान में किसान महापंचायत, जुटेंगे देशभर के किसान, कड़ी शर्तों के साथ मिली इजाजत

नई दिल्ली: अपनी मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है. इसी कड़ी में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने 14 मार्च को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में 'किसान महापंचायत' करने का ऐलान किया है. मोर्चा ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने ‘किसान मजदूर महापंचायत’ आयोजित करने की अनुमति दे दी है. महापंचायत में मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ लड़ाई तेज करने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा. वहीं, दिल्ली पुलिस ने कहा है कि कड़ी शर्तों के साथ रामलीला मैदान में महापंचायत की इजाजत दी गई है.

मोर्चा ने दावा किया है कि महापंचायत में उत्तर प्रदेश, पंजाब हरियाणा सहित देश के विभिन्न राज्यों से किसान और मजदूर शामिल होंगे. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि एमएसपी गारंटी कानून एक बड़ा मुद्दा है. स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट, भूमि अधिग्रहण, बिजली आदि के मुद्दे हैं. ऐसा नहीं है कि देश में एमएसपी गारंटी कानून लागू होता है तो किसानों की समस्या का समाधान हो जाएगा. 

पटवारी से लेकर अधिकारी तक किसानों के खिलाफ काम करते हैं. संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर 14 मार्च 2024 को दिल्ली में बड़ी महापंचायत होगी. एक दिन का प्रोग्राम है. सरकार से अपनी बात कह कर आएंगे. जगह-जगह आंदोलन करने पड़ेंगे. जरूरी नहीं की बड़ा आंदोलन हो तब ही किसान इकट्ठा हो. किसानों की वैचारिक लड़ाई है. 

जो किसान अपने खेत में बैठा हुआ है वह भी वैचारिक रूप से दिल्ली से जुड़ा है.

गांव-गांव जाकर किसानों को दे रहे न्यौताः पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने गांव-गांव जाकर दिल्ली में आयोजित होने वाली किसान मजदूर महापंचायत को सफल बनाने के लिए जनसंपर्क किया. यूनियन के गाजियाबाद जिला अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह का कहना है यूनियन के पदाधिकारी गांव में जाकर किसानों से महापंचायत में शामिल होने के लिए जनसंपर्क कर रहे हैं. बड़ी संख्या में किसान गाजियाबाद से दिल्ली में होने वाली महापंचायत में पहुंचेंगे. किसान ट्रैक्टर से नहीं बल्कि गाड़ियों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट से दिल्ली जाएंगे. जिले में किस किसी एक स्थान पर एकत्रित होंगे जहां से सब एक साथ दिल्ली के लिए रवाना होंगे.

चौधरी राकेश टिकैत के नेतृत्व में महापंचायतः "चौधरी राकेश टिकैत के नेतृत्व में पदाधिकारी और कार्यकर्ता गांव-गांव से दिल्ली पहुंचने की तैयारी में दिन रात जुटे हैं. आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अपने मुद्दों पर सरकार का ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करेंगे. एक दिवसीय किसान मजदूर महापंचायत में कश्मीर से कन्याकुमारी तक का किसान अपनी समस्याओं को लेकर बड़ी संख्या में ट्रेन, बस, कार आदि निजी वाहनों से महापंचायत में पहुंच रहे हैं. ट्रैक्टर से पहुंचने में दूर दराज से पहुंचने में असुविधा होती हैं.