शेयर बाजार में आज रही मजबूत क्लोजिंग; सेंसेक्स 526 अंक चढ़ा, निफ्टी 22100 के पार

 बुधवार के कारोबारी सेशन के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में मजबूती दिखी। वहीं, फाइजर के शेयरों में 16% जबकि आईआईएफएल के शेयरों में 10 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। 

शेयर बाजार में हफ्ते दूसरे कारोबारी दिन मजबूत क्लोजिंग हुई है। बुधवार को सेंसेक्स 526.01 (0.72%) अंकों की मजबूती के साथ 72,996.31 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं दूसरी ओर, निफ्टी 118.96 (0.54%) अंकों की बढ़त के साथ 22,123.65 के स्तर पर बंद हुआ। बुधवार के कारोबारी सेशन के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में मजबूती दिखी। वहीं, फाइजर के शेयरों में 16% जबकि आईआईएफएल के शेयरों में 10 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।

उत्तराखंड में पीएम मोदी समेत भाजपा के कई दिग्गज नेता प्रचार गरमाने आएंगे, 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी, पढ़िए कौन कौन हैं शामिल

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड में चुनाव प्रचार गरमाएंगे। चुनाव अभियान को गति देने के लिए भाजपा ने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। उत्तराखंड में चुनाव प्रचार के लिए प्रदेश भाजपा ने केंद्रीय नेतृत्व को पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत 16 दिग्गजों की डिमांड भेजी थी।

स्टार प्रचारकों की इस सूची के लिए संगठन ने केंद्रीय नेतृत्व से अनुरोध किया था। आज बुधवार को पार्टी की ओर से 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की गई। राज्य की पांच लोकसभा सीटों पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, स्मृति ईरानी, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह समेत कई केंद्रीय नेता आएंगे।

लोकसभा स्तर पर होने वाली रैलियों, सभाओं एवं रोड शो की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। केंद्र से स्टार प्रचारक तय होने के साथ ही अब रैलियां व रोड शो कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। पार्टी प्रत्याशियों के नामांकन के बाद अब चुनाव अभियान तेज गति से पकड़ेगा।

भारत ने अमेरिकी राजनयिक को किया तलब, जानें क्या है मामला

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दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर अमेरिका की टिप्पणी पर भारत ने नाराजगी जताई है। दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने बुधवार को अमेरिका के कार्यवाहक मिशन उपप्रमुख ग्लोरिया बर्बेना को तलब किया। दरअसल, केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अमेरिका की तरफ से कहा गया था कि इस मामले पर उनकी कड़ी नजर है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा था कि वो भारत के अहम विपक्षी दल के नेता की गिरफ्तारी और मामले में एक्शन पर निष्पक्ष जांच की उम्मीद जता रहे हैं। 

अमेरिका के बयान के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने सख्त रुख दिखाया है। भारत सरकार ने बुधवार को अमेरिका के कार्यवाहक मिशन उप प्रमुख ग्लोरिया बर्बेना को तलब किया। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "भारत में कुछ कानूनी कार्यवाहियों के बारे में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर हम कड़ी आपत्ति जताते हैं। कूटनीति में किसी भी देश से दूसरे देशों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करने की अपेक्षा की जाती है। अगर मामला सहयोगी लोकतांत्रिक देशों का हो तो यह जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। ऐसा ना होने पर गलत उदाहरण पेश होते हैं।

विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, अगर 2 देश लोकतांत्रिक हों तो इसकी उम्मीद और बढ़ जाती है, नहीं तो अव्यवस्था की स्थिति बन सकती है। भारत में कानूनी प्रक्रिया एक स्वतंत्र न्यायपालिका पर आधारित हैं। उस पर कलंक लगाना या सवाल उठाना स्वीकार नहीं किया जाएगा।

जर्मनी ने भी की थी केजरीवाल की गिरफ्तारी पर टिप्पणी

अमेरिका से पहले जर्मनी ने भी केजरीवाल की गिरफ्तारी के मामले में टिप्‍पणी की थी। जर्मनी ने कहा था, 'भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हमें उम्मीद है कि यहां न्यायालय आजाद है। केजरीवाल के मामले में भी लोकतंत्र के उसूलों का पालन किया जाएगा। केजरीवाल को बिना रुकावट कानूनी मदद मिलेगी। जब तक दोष साबित न हो तब तक किसी भी शख्स को निर्दोष मानने के कानूनी सिद्धांत का पालन होना चाहिए।'

जर्मनी के दूतावास के डिप्टी चीफ किए गए थे तलब

भारत ने इसका करारा जवाब देते हुए ने जर्मनी के दूतावास के डिप्टी चीफ को तलब किया था। भारत ने कहा था कि यह हमारा आंतरिक मामला है, इसमें हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं। बता दें कि जर्मनी ने केजरीवाल के लिए कहा था कि वह आरोपों का सामना कर रहे किसी भी अन्य भारतीय नागरिक की तरह, निष्पक्ष और निष्पक्ष सुनवाई के हकदार थे।

ईडी की कस्टडी में हैं केजरीवाल

दिल्ली शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 28 मार्च तक ईडी की रिमांड पर भेजा दिया गया था। हालांकि, ईडी अदालत से 10 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन जांच एजेंसी को 6 दिन की रिमांड दी गई। अब केजरीवाल को 28 मार्च की दोपहर 2 बजे कोर्ट में पेश किया जाएगा।

*महुआ मोइत्रा को ईडी का एक और समन, फेमा मामले में पूछताछ के लिए बुलाया, हीरानंदानी को भी समन*

#ed_summons_mahua_moitra_darshan_hiranandani  तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढती ही जा रही है। ईडी ने एक बार फिर फेमा मामले में टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा और दर्शन हीरानंदानी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समन जारी किया है। दोनों को 28 मार्च को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया गया है। ईडी की तरफ से महुआ को भेजा गया ये तीसरा समन है। इससे पहले महुआ ने ईडी को चिट्ठी लिखकर पेशी के लिए मोहलत मांगी थी। मोइत्रा को ‘रिश्वत लेकर सवाल पूछने’ के मामले में दिसंबर में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। भाजपा के नेता निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकपाल में भी शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने टीएमसी सांसद पर संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे लेने का आरोप लगाया था। उन्होंने मोइत्रा पर आर्थिक लाभ के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का भी आरोप लगाया था। लोकसभा स्पीकर को लिखे अपने पत्र में दुबे ने कहा था कि उन्हें वकील और महुआ के पूर्व दोस्त जय अनंत का एक पत्र मिला है, जिसमें उन्होंने मोइत्रा और जाने-माने बिजनेस टाइकून दर्शन हीरानंदानी के बीच सवाल पूछने के लिए रिश्वत के आदान-प्रदान के सबूत साझा किए हैं। इसके आधार पर निष्कर्ष निकाला गया कि मोइत्रा ने संसद में उनके द्वारा पूछे गए कुल 61 में से लगभग 50 प्रश्न दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों को बचाने के लिए थे। टीएमसी नेता के खिलाफ लोकपाल की तरफ से शिकायत करने के बाद सीबीआई ने प्राथमिक जांच शुरू की थी। लोकपाल की तरफ से निर्देश दिए जाने के बाद शनिवार को सीबीआई ने इस संबंध में मोइत्रा के परिसर की तलाशी ली थी।
*आतंकी पन्नू का चौंकाने वाला दावा, केजरीवाल की “आप” को खालिस्तानियों ने दिए 133 करोड़*

#sfj_chief_pannu_aap_kejriwal_took_16_million_from_khalistanis  आम आदमी पार्टी मुश्किलों के दौर से गुजर रही है। एक-एक कर पार्टी के बड़े नेता जेल जा चुके हैं। आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इन दिनों ईडी की कस्टडी में हैं। वहीं खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो जारी कर केजरीवाल को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है। आतंकी पन्नू नेआरोप लगाया है कि उसने केजरीवाल को 2014-2022 के बीच लगभग 133 करोड़ दिए है। *केजरीवाल ने न्यूयार्क में खालिस्तानियों से किया ये वादा!* सिख फॉर जस्टिस से जुड़े और भारत में वांछित आतंकी पन्नू ने अमेरिका से वीडियो जारी किया है। ढाई मिनट के इस वीडियो में कहा है कि, अरविन्द केजरीवाल खुद को ईमानदार हिन्दू कहते हैं लेकिन वह बेईमान हिन्दू हैं। जब 2014 में उनके पास सत्ता नहीं थी, तब उन्होंने अमेरिका आकर न्यूयार्क में खालिस्तानियों से वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनी तो प्रोफेसर देविंदर पाल सिंह भुल्लर को 5 घंटे के भीतर छोड़ दिया जाएगा। *खालिस्तानियों ने आप की सरकार बनाने के लिए की फंडिंग* पन्नू ने केजरीवाल पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। पन्नू ने कहा कि भुल्लर को तो नहीं छोड़ा गया लेकिन खालिस्तानियों की बात करने वालों को पंजाब में भगवंत मान की सरकार रोक रही है। इसके बाद पन्नू ने आरोप लगाया कि भगवंत मान और केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के लिए खालिस्तानियों से मोटी रकम ली है। पन्नू ने कहा, “2014-2022 के बीच खालिस्तानियों ने आप की सरकार बनाने के लिए 16 मिलियन डॉलर (₹133 करोड़) की मदद दी।” *पहले भी आप पर लगे थे आरोप* पन्नू के इन आरोपों पर आम आदमी पार्टी की तरफ से अभी कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है। आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों का अभी कोई जवाब भी नहीं दिया है। इसके पहले भी आम आदमी पार्टी पर पंजाब में कट्टरपंथी खालिस्तानियों के साथ गठजोड़ के आरोप लग चुके हैं। बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च, 2024 को दिल्ली शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार कर लिया था। वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में हैं। इस बीच पन्नू ने उनकी पार्टी और उन पर यह गंभीर आरोप जड़े हैं। लोकसभा चुनाव के पहले पन्नू के इस खुलासा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। जिसका बड़ा नुकसान आप को झेलना पड़ सकता है। पन्नू इसके पहले भी जनवरी में आम आदमी पार्टी और केजरीवाल पर इसी तरह का आरोप लगा चुका है।
भारत नेदक्षिण चीन सागर में फिलीपींस के रूख का खुलकर किया समर्थन, तिलमिलाया चीन, जानें क्या कहा?

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चीन अपने पड़ोसी देशों को कैसे देखता है, ये किसी से छुपा नहीं है।चीन एक ऐसा देश है, जो अपने पड़ोसी मुल्कों की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर सबसे ज्यादा विवादों में रहता है। दरअसल चीन दुनिया के नक्शे पर सबसे ज्यादा, 14 देशों के साथ अपनी सीमा साझा करता है। ड्रैगन ने अपनी विवादास्पद विस्तार वादी नीति के तहत सभी पड़ोसी देशों की जमीन पर या तो कब्जा कर रखा है या कब्जे का प्रयास करता रहता है। हालांकि भारत जैसे देश ड्रैगन को आइना दिखाने से भी नहीं चूकते। इसी क्रम में चीन और फिलीपींस में तनाव के बीच भारत ने फिलीपींस की संप्रुभता का पुरजोर समर्थन किया है। अब चीन ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।

चीन ने कहा-तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं

फिलीपींस के साथ चल रहे समुद्री सीमा विवाद को लेकर चीन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने भारत से दक्षिण चीन सागर पर चीन के संप्रमुभता के दावों का सम्मान करने की अपील भी की है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि समुद्री विवाद संबंधित देशों के बीच का मुद्दा है और कोई भी तीसरा पक्ष इसमें हस्तक्षेप करने की स्थिति में नहीं है।हम संबंधित पक्ष से दक्षिण चीन सागर के मुद्दों के तथ्यों का सामना करने, चीन की संप्रभुता और समुद्री हितों और दक्षिण चीन सागर में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए क्षेत्रीय देशों द्वारा किए गए प्रयासों का सम्मान करने का आग्रह करते हैं।

एस जयशंकर का फिलीपींस को समर्थन

इससे पहले मंगलवार को दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ फिलीपींस के विवाद के बीच भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने बयान दिया था। जयशंकर ने मनीला में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम अपना सहयोग बढ़ाने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा मैं इस अवसर पर फिलीपींस की राष्ट्रीय संप्रभुता को बनाए रखने के लिए भारत के समर्थन को दोहराता हूं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे दुनिया बदल रही है। यह जरूरी है कि भारत और फिलीपींस उभरते मॉडल को आकार देने में अधिक निकटता से सहयोग करें।विदेश मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रत्येक देश को अपनी राष्ट्रीय संप्रभुत्ता को बनाए रखने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि हमने इस पर भी चर्चा की है। जयशंकर ने कहा कि हाल ही में भारत और फिलीपींस के बीच द्विपक्षीय संबंधों में बहुत उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

क्या है चीन और फिलीपींस विवाद?

चीन और फिलीपींस के बीच लंबे समय से साउथ चाइना सी में सीमा को लेकर विवाद चल रहा है। फिलीपींस जिस हिस्से को पश्चिमी फिलीपींस सागर में अपना बताता है वहीं चीन उसे साउथ चाइना सी के तमाम हिस्सों की तरह ही अपना जताने में लगा है। साउथ चाइना सी के आयुनगिन शाओल आइलैंड को चीन सेकंड थामस शाओल के नाम से पुकारता है। दिलचस्प यह है कि साउथ चाइना सी का यह आइलैंड फिलीपींस के तट से महज़ 200 किलोमीटर की दूरी पर है जबकि वो चीन के तट से 1000 किलोमीटर से अधिक दूरी पर है।

कथित शराब घोटाले का पैसा कहां है? केजरीवाल 28 मार्च को कोर्ट में करेंगे खुलासा, प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्नी सुनीता का दावा

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा दावा किया। सुनीता केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि 28 मार्च को अरविंद केजरीवाल कोर्ट में खुलासा करेंगे की शराब घोटाले का पैसा कहां गया। बता दें कि सीएम केजरीवाल ईडी की कस्टडी में हैं। 28 मार्च तक वह जांच एजेंसी की हिरासत में रहेंगे। कथित शराब घोटाले मामले में ईडी ने उन्हें हिरासत में लिया है।

सुनीता केजरीवाल ने कहा कि इस तथाकथित शराब घोटाले की जांच में ईडी ने पिछले दो साल में 250 से ज्यादा छापेमारी की है।अरविंद केजरीवाल इस तथाकथित शराब घोटाले का पैसा ढूंढ रहे हैं। अभी तक किसी भी छापेमारी में एक भी पैसा नहीं मिला है। ईडी ने मनीष सिसोदिया के यहां छापेमारी की, संजय सिंह के यहां छापेमारी की। लेकिन एक भी पैसा नहीं मिला।उन्होंने कहा कि ईडी ने हमारे यहां भी छापेमारी की, उन्हें मात्र 75,000 रुपये मिले। तो इस घोटाले का पैसा हैं कहां? सीएम की पत्नी ने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वे इसका खुलासा 28 मार्च को कोर्ट के सामने करेंगे।वे सारे देश को सच बताएंगे कि इस तथाकथित शराब घोटाले का पैसा कहां है? इसका सबूत भी दिया जाएगा।

केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने कहा कि कल शाम मैंने अरविंद जी से जेल में मुलाकात की। दो दिन पहले उन्होंने दिल्ली की जल मंत्री आतिशी को संदेश भेजा था कि पानी और सीवर की समस्याओं का समाधान होना चाहिए। इस बात पर केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री पर केस कर दिया, क्या वे दिल्ली को तबाह करना चाहते हैं?

पत्नी के जरिए अपने संदेशों को पहुंचाने के पीछे क्या है संकेत?

इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने जेल से जनता के लिए अपना संदेश अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल के माध्यम से ही सुनाया था। इस संदेश में उन्होंने जल्द जेल से बाहर आने का भरोसा दिखाया। साथ ही, आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं से दिल्ली सरकार की योजनाओं को आगे चालू रखने की बात भी कही थी। लेकिन जिस तरह उन्होंने अपना संदेश देने के लिए किसी दूसरे नेता की बजाय अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल को चुना है, उससे यह संकेत मिल गए कि यदि अरविंद केजरीवाल को जेल जाने के कारण इस्तीफा देना पड़ता है, तो मुख्यमंत्री पद पर सुनीता केजरीवाल ही उनकी पहली पसंद हो सकती हैं।

अमित शाह का बड़ा बयान, बोले-जम्मू-कश्मीर से अफस्पा हटाने पर करेंगे विचार

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर को लेकर बड़ा दिया है। अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर से आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर्स एक्ट (AFSPA) हटाने पर विचार करेंगे। वहां मौजूद जवानों को वापस बुलाने का भी प्लान बनाया जा रहा है। इसके अलावा अमित शाह ने राज्य में सितंबर से पहले विधानसभा चुनाव कराने की भी बात कही है।

अब पुलिस बड़े ऑपरेशन लीड कर रही-शाह

अमित शाह ने एक मीडिया ग्रुप को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि सरकार वहां से सैनिकों को वापस बुलाने और कानून व्यवस्था को अकेले जम्मू-कश्मीर पुलिस पर छोड़ने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता था लेकिन अब वे विभिन्न ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे हैं।  

फारूक-महबूबा को आतंकवाद पर बोलने का अधिकार नहीं-शाह

साक्षात्कार के दौरान, शाह ने विपक्षी नेता फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधा। शाह ने कहा कि दोनों नेताओं पर आतंकवाद पर बोलने का अधिकार नहीं है। अमित शाह ने कहा कि जब यहां आतंकवाद का दौर था, तब अब्दुल्ला इंग्लैंड के दौरे पर चले जाते थे। जितनी फर्जी मुठभेड़ें उनके समय में हुईं हैं, इतनी कभी नहीं हुईं हैं। पिछले पांच वर्षों में एक भी फर्जी मुठभेड़ नहीं हुई। बल्कि फर्जी मुठभेड़ों में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। हम कश्मीर के युवाओं के साथ बातचीत करेंगे न कि उन संगठनों के साथ जिनकी जड़ें पाकिस्तान में हैं। 

आतंकवाद से जुड़े 12 संगठन बैन किए-शाह

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने 12 संगठनों को बैन किया है, जिनके तार आतंकवाद से जुड़े थे। हमारी सरकार में टेरर फंडिंग से जुड़े 22 केस दर्ज किए गए हैं। 150 करोड़ की संपत्ति भी सीज की है। साथ ही 134 बैंक अकाउंट भी फ्रीज किए हैं।

क्या होता है एएफएसपीए

बता दें, एएफएसपीए सशस्त्र बलों के उन जवानों को अधिकार देता है, जो अशांत क्षेत्रों में काम कर रहे हैं कि अगर "सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव" के लिए उन्हें जरूरत पड़ती है तो वे तालाशी, गिरफ्तारी और गोली चला सकतें हैं। सशस्त्र बलों के संचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए अफस्पा के तहत किसी क्षेत्र या जिले को अशांत घोषित किया जाता है।

वाराणसी सीटः पिछले तीन दशक से हर चुनाव में हावी रहा जातीय समीकरण

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उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट यूपी की ही नहीं देश की सबसे वीवीआईपी सीट है। इस सीट से पिछले दो बार से लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद रहे हैं। पीएम मोदी तीसरी बार भी वाराणसी से ही चुनाव लड़ेंगे। देश का प्रधानमंत्री जिस सीट से सांसद हो तो उस लोकसभा क्षेत्र की बात ही जुदा है। वाराणसी पूर्वांचल के साथ बिहार की कई सीटों का राजनीतिक केंद्र बन गया है। बीजेपी इस सीट पर एक बार से पीएम मोदी की बड़ी जीत की तैयारी में जुटी हुई है।

वाराणसी संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र- वाराणसी उत्तर, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी कैंट, सेवापुरी और रोहनिया शामिल है। वाराणसी में कुल 18,56,791 मतदाता है। इनमें पुरुष मतदाता 8 लाख 29 हजार 560 जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 10 लाख 27 हजार 113 है, वहीं थर्ड जेंडर वोटर्स 118 हैं। 

वाराणसी में जातीय समीकरण

• 3 लाख ब्राह्मण वोटर्स

• 3 लाख मुस्लिम वोटर्स

• 3 लाख से ज्यादा गैर यादव ओबीसी वोटर

• 2 लाख से ज्यादा कुर्मी जाति के वोटर

• 2 लाख वैश्य वोटर

• 1.5 लाख भूमिहार वोटर

• 1 लाख यादव वोटर

• 1 लाख अनुसूचित जातियों के वोटर

अगर बनारस के जातीय समीकरण की बात करें को यहां कुर्मी समाज के मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। रोहनिया और सेवापुरी में कुर्मी मतदाता काफी संख्या में हैं। इसके अलावा ब्राह्मण और भूमिहारों की भी अच्छी खासी तादाद है। वाराणसी के लिए वैश्य यादव और मुस्लिम मतदातों की संख्या भी जीत के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।

यहां 3 लाख से ज्यादा गैर यादव ओबीसी वोटर हैं। 2 लाख से ज्यादा वोटर कुर्मी जाति के हैं। 2 लाख वैश्य वोटर हैं। डेढ़ लाख भूमिहार वोटर हैं इसके अलावा वाराणसी में एक लाख यादव और एक लाख अनुसूचित जातियों के वोटर हैं।

वाराणसी और आसपास की सीटों पर पिछले तीन दशक से हर चुनाव में जातीय समीकरण हावी रहा है। इसके आगे विकास और बेहतरी के दावे भी असर नहीं कर पाते। इसलिए भाजपा का पूरा ध्यान इस ओर भी है कि सभी जातियों के मतदाताओं को अपने पक्ष में किया जाए। ब्राह्मण, बनिया और ठाकुर को बीजेपी का परंपरागत वोट माना जाता है। अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल एस और बीजेपी के बीच गठबंधन है। ऐसे में कुर्मी वोटर्स भी बीजेपी और पीएम मोदी के पक्ष में वोट देंगे। वाराणसी में राजभर समाज के वोटर की संख्या अच्छी खासी है। कुछ दिन पहले ही ओम प्रकाश राजभर को यूपी के योगी सरकार मंत्री बनाया गया है। जिसका फायदा इस चुनाव में मिलना तय है।

आग की घटना से उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन ने लिया सबक, अब 30 मार्च को रंगपंचमी के लिए नए निर्देश जारी


होली उत्सव के दौरान उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती में गुलाल उड़ाने के दौरान आग भड़कने से 14 लोगों के घायल होने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के जवाब में, प्रशासन ने विभिन्न एहतियाती उपाय लागू करने का निर्णय लिया है। आगामी 30 मार्च को रंगपंचमी का त्यौहार है। इन उपायों का उद्देश्य ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकना है।

उज्जैन के जिला मजिस्ट्रेट, नीरज कुमार सिंह ने घोषणा की है कि रंगपंचमी के दौरान महाकालेश्वर मंदिर परिसर के अंदर केवल हर्बल रंगों, विशेष रूप से टेसू (पलाश) के फूलों से बने रंगों की अनुमति होगी। श्रद्धालुओं को बाहर से रंग लाने की अनुमति नहीं होगी। इसके अतिरिक्त, सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुबह की भस्म आरती में भाग लेने वाले भक्तों की संख्या को नियंत्रित किया जाएगा।

राज्य के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने होली के दौरान मंदिर में आग लगने के लिए रसायन युक्त गुलाल जिम्मेदार होने की संभावना पर चिंता व्यक्त की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आश्वासन दिया कि आग के कारणों का पता लगाने के लिए गहन जांच की जा रही है, जिसमें यह जांचना भी शामिल है कि क्या गुलाल में अभ्रक या किसी रसायन की मौजूदगी इस घटना का कारण बनी।

इस बीच, इंदौर में श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसएएमएस) के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. विनोद भंडारी ने घायल व्यक्तियों के बारे में जानकारी दी। मंदिर में लगी आग से प्रभावित चार और लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिससे इलाज करा रहे मरीजों की कुल संख्या 12 हो गई है। डॉ. भंडारी ने कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में सभी मरीजों की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार हो रहा है।