रौजागाव चीनी मिल ने किसानों से किया अपील
अयोध्या।गन्ना फसल से भरपूर पैदावार लेने के लिए जरूरी है कि समय पर बुवाई की जाये, उचित समय पर आधारभूत मात्रा में तथा उचित विधि द्वारा खादों का प्रयोग, कीट नाशकों एवं फफूंद नाशकों का प्रयोग किया जाये, आवश्यकता अनुसार सिंचाई एवं निकाई-गुड़ाई, मिट्टी चढाई, गन्ना बंधाई तथा समय पर कटाई की जाये, आदि का बहुत महत्व है।
गन्ने की फसल से भरपूर उत्पादन लेने के लिए जितना महत्व उपरोक्त वर्णित कृषण क्रियाओं का है उससे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आपके खेत में गन्नों की संख्या कितनी होनी चाहिए एवं गन्ना बुवाई की विधि (दूरी) जिससे कि प्रत्येक गन्ने से आपको अच्छा वजन मिलें तथा गन्ना फसल से अच्छी पैदावार मिलें। यें निश्चित है कि खेत में गन्नों की उचित संख्या ही भरपूर पैदावार आधार है।
यें संख्या कितनी होनी चाहिए, आइये समझने की कोशिश करते हैं ।
यदि आप एक एकड़ (•400 हेक्टेयर) में पारम्परिक तरीके से गन्ने की बुवाई करते हैं तो लाईन से लाईन की दूरी 02 से 2.25 फीट रखते हैं तथा (गन्ने टुकड़ा) तीन आंख वाले लगभग 20000 पै़डे/टुकड़े लाइनों में डालते हैं, इस तरह से कुल 60000 आंखें प्रति एकड़ बुवाई में डाली गई है। तीन आंखों वाले पैंडे बुवाई करने पर 30 - 35% ही जमाव मिलता है (आंखें 60000 का 35% = 21000)
यानि आपको एक एकड़ में कुल 21000 मदर शूट (मातृ कल्ले) मिलें,।
यदि हम एक मदर शूट से पांच कल्लों का औसत माने तो आपके एक एकड़ में कुल कल्लों/पौधो की संख्या 105000 मिली तथा आपको उपज मिली औसतन 250 - 300 कुन्टल प्रति एकड़ । आपको औसत पैदावार 250 - 300 कुंटल प्रति एकड़ क्यों मिली क्योंकि आपने एक एकड़ खेत में ज्यादा बीज भी डाला, ज्यादा आंखें भी डाली, कम जमाव के बावजूद भी कल्लों/पौधों की संख्या भी ज्यादा बनी। लेकिन सभी कल्लें/पौधे गन्ने नहीं बनें जबकि जो गन्ने बने, उन्हें पर्याप्त भोजन नहीं मिल सका क्योंकि उनका भोजन गन्ने नहीं बनने वाले कल्ले/पौधे अवशोषित कर मर गये। इस कारण से आपको जो गन्ने मिले वो भी सामान्य से बहुत कम वजन के मिले, जिस कारण पैदावार भी कम मिली।प्रति एकड़ 500 कुन्टल या अधिक पैदावार लेने के लिए कितने गन्नों की आवश्यकता है।
मात्र 50000 गन्नों की आवश्यकता है यानि पारम्परिक विधि (105000) से आधे। इसके लिए आपको गन्ने की प्रजाति, बीज का चुनाव एवं लाईन से लाईन के बीच की दूरी 4 - 5 फीट करनी होगी तथा बुवाई में दो आंख के टुकडो का ही प्रयोग करने होगें, इस तरह से बीज की बचत होगी यानि आधा बीज लगेगा तथा जमाव प्रतिशत दुगुना (60 - 65%) होगा।
किसान भाईयों, आपको एक एकड़ में दो आंखों वाले मात्र 12000 पैंडे/टुकड़े बुवाई में प्रयोग करने है।
जिनसे 24000 आँख बुवाई में प्रयोग होगी यानि आंखें 24000 जमाव 60% = लगभग 14400 मदर शूट
एक आंख से मदर शूट सहित चार कल्ले/पौधे लेने है यानि (57600) जैसे ही औसतन चार कल्ले नजर आये, पहली हल्की मिट्टी चढ़ा दें ताकि कल्लो का उगना रुक जाये। इस तरह से आपको एक एकड़ में (मृत्यु उपरांत भी) औसतन 50000 स्वस्थ पौधे मिलेंगे जो स्वस्थ गन्ने बनेंगे, समय-समय पर समस्त कृषण क्रियाऐ (intercultural operation) करते रहे तो निश्चित रुप से एक गन्ने का वजन एक किलो या ज्यादा मिलेगा, इस तरह से आपको एक एकड में, (50000 गन्ने × 1 किलो/गन्ना = 500 कुं/एकड़, 1.25 किलो/गन्ना = 625 कु़/एकड़), 500 कुन्टल या अधिक उपज निश्चित रुप से मिलेगी।
*किसान भाईयों, गन्ने की फसल से अच्छी पैदावार लेने के लिए जरूरी है कि प्रति इकाई निर्धारित संख्या में ही गन्ने लिये जाये, तभी उनका अच्छा लालन-पालन होगा तथा आपको मन माफिक पैदावार के साथ साथ भरपूर लाभ भी मिलेगा ।
Feb 16 2024, 18:35