फ्रंटल संगठनों के नव मनोनीत जिला अध्यक्षों का सपा जिलाअध्यक्ष ने फूलमालाओं के साथ किया भव्य स्वागत

गोरखपुर। समाजवादी पार्टी के बेतियाहाता स्थित कार्यालय पहुंचे फ्रंटल संगठनों के नवमनोनित जिलाध्यक्षो युवजन सभा के जिलाध्यक्ष राहुल यादव, छात्र सभा के जिलाध्यक्ष संतोष मौर्या, मुलायम सिंह यूथ बिग्रेड के जिलाध्यक्ष अविनाश तिवारी, लोहिया वाहिनी के जिलाध्यक्ष हरेंद्र यादव हैरी का स्वागत पार्टी के जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम की अगुवाई में फूल मालाओं से लादकर किया गया।

जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम ने कहा कि फ्रंटल संगठनो के सभी नवमनोनित पदाधिकारीयों के मनोनयन से पार्टी संगठन को मजबूती मिलेगी फ्रंटल संगठनों के सभी नवमनोनित जिलाध्यक्षो ने कहा कि नेतृत्व ने जो जिम्मेदारी सौंपी है उसका बखूबी निर्वहन करेंगे इस दौरान प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरैशी जिला महासचिव रामनाथ यादव पूर्व विधायक विजय बहादुर यादव अमरेन्द्र निषाद संजय पहलवान मैंना भाई सुरेंद्र निषाद नीरज शाही आज़म लारी गवीश दुबे चर्चिल अधिकारी सुनील कुमार मनमोहन यादव विक्की मिश्रा फिरदौस आलम प्रशांत कुमार विक्रांत उपाध्यक्ष अभिषेक यादव रवि यादव राजाराम वेलदार रामसजीवन मौर्य आदित्य यादव शमीमुद्दीन, मन्नु खान, बृजनाथ मौर्य मनोज पासवान रमाशंकर यादव राजेंद्र कुमार कमर कुरैशी राजू श्रीकांत यादव महेंद्र यादव अखिलेश मौर्य अजय मौर्य सन्तोष यादव रामाज्ञा मौर्य विनोद यादव सुनील कन्नौजिया किसन यादव चंदन निषाद संजय मझवार आलोक सिंह आर एन गौतम अमरजीत यादव गोविंद गौड़ मोहम्मद आलिम ओमवीर यादव अतुल अरूण बबलू मुन्ना धीरज विजय अमित रणविजय बृजेश अभिषेक पवन सौरभ राहुल अशोक गौरव अरविंद पुरुषोत्तम प्रशांत योगेंद्र शुभेंदु शिवानंद आदि मौजूद रहे।

पूर्व विधायक का हरिद्वार पांडे का 85 वर्ष में हुआ निधन, कांग्रेसियों में शोक की लहर

गोरखपुर। कांग्रेस पूर्व विधायक मानीराम हरिद्वार पाण्डेय ने 15 फरवरी को लखनऊ स्थित अपने आवास पर अन्तिम सांस ली।

विधायक स्व0 हरिद्वार पाण्डेय उम्र लगभग 85 वर्ष के थे। इन्होंने अपने जीवनकाल में स्व0 इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी सहित तमाम वरिष्ठ नेताओं के साथ पार्टी के लिए संघर्ष कर चुके हैं। उनकी मृत्यु की खबर सुनते ही कांग्रेसजनों में शोक की लहर व्याप्त है।

प्रदेश सचिव/बस्ती जनपद प्रभारी दिलीप कुमार निषाद ने कहा कि स्व0 हरिद्वार पाण्डेय संघर्षशील एवं जुझारू तेवर के कांग्रेस के नेता थें कांग्रेस पार्टी के सच्चे सिपाही थे जब तक जीवित रहें उन्होंने कांग्रेस पार्टी के लिए संघर्ष करते रहें। ऐसे महान नेता के आकस्मिक मृत्यु से पार्टी को भारी क्षति हुई है। इनकी कमी को पूरा नहीं किया जा सकता।

शोक व्यक्त करने वालों में सर्वश्री पूर्व विधायक लालचन्द निषाद, निर्मला पासवान, आशुतोष तिवारी, अरूण अग्रहरी, दिनेशचन्द्र श्रीवास्तव, डाॅ0 सुरहिता करीम, राजेश तिवारी, देवेन्द्र निषाद धनुष, डाॅ0 वजाहत करीम, आलोक शुक्ला, नवीन सिन्हा, अनवर हुसैन, तौकीर आलम, एस. इकबाल, प्रभात चतुर्वेदी, प्रमोद निषाद, बादल चतुर्वेदी, अशोक निषाद, राजीव कुमार सिंह, विख्यात भट्ट, अशोक कश्यप, रत्नेश भट्ट आदि लोग रहे।

गोरखपुर एम्स के डॉक्टर ने 10 वर्षो के रिसर्च के बाद लिखी पुस्तक ए कांसिस टेक्स्ट बुक का स्लिप वर्कअप में जाने नींद से होने वाली समस्याए व निदान

गोरखपुर। यदि आपको कम या ज्यादा नींद आती है तो आप सचेत हो जाए, 6 से 8 घंटे नींद लेने वाला व्यक्ति भी यदि अपने आप को स्वस्थ। समझता है तो वह गलत है नींद आना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और नींद ना पूरा होना या नींद में खर्राटे आना सहित अन्य समस्याएं आपको गंभीर बीमारियों की तरफ खींच सकती है।

जी हां यह हम नहीं बल्कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान गोरखपुर के फिजियोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ अनिल कुमार गंगवार द्वारा लिखित पुस्तक ए कांसिस टेक्स्ट बुक ऑफ स्लिप वर्कअप में पिछले 10 वर्षों के रिसर्च के बाद लिखा है। उन्होंने इस पुस्तक में लिखा है कि भारत में नींद संबंधी विकार बड़ी सार्वजनिक समस्या है। लंबे समय तक नींद की कमी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक परिणाम का कारण बन सकती है।

यह पुस्तक सामान्य नींद संबंधी विकारों के बारे में बुनियादी अवधारणाओं और नींद के अध्ययन के लिए एक उत्कृष्ट मार्गदर्शीका के रूप में है। यह पुस्तक नींद के रहस्यों को उजागर करती है। यह पुस्तक व्यापक और समझने में आसान है। यह पुस्तक उन शुरुआती लोगों के लिए उपयोगी होगी जो नींद के क्षेत्र में स्लिप टेक्नोलॉजिस्ट, स्लिप फिजिशियन, शोधकर्ता या प्रशिक्षु के रूप में करियर शुरू करना चाहते हैं। क्योंकि इस पुस्तक से वे स्लीप फिजियोलॉजी और नींद संबंधी विकार के मूल्यांकन के तकनीकी और निदान के पहलू के बारे में अधिक से अधिक जान सकेंगे।

केआईपीएम के वार्षिक उत्सव के अवसर पर कल आयोजित होगा कवि सम्मेलन

गोरखपुर। विगत वर्षों की तरह इस वर्ष भी केआईपीएम के वार्षिक उत्सव के अवसर पर एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन कल होगा |जिसमें राष्ट्रीय स्तर के कवि अपनी कविता और शायरी के माध्यम से विद्यार्थियों का मनोरंजन करेंगे |

इस अवसर पर डॉक्टर सत्यमवादा शर्मा, प्रेमनाथ मिश्रा (कुशीनगर), भावना द्विवेदी (देवरिया), सलीम मजहर गोरखपुरी, आशिया गोरखपुरी जबकि कार्यक्रम का संचालन मिन्नत गोरखपुरी करेंगे |यह जानकारी केआईपीएम परिवार की तरफ से दिया गया |

लॉजिस्टिक के क्षेत्र में शुरू होगा बीबीए ऑनर्स का कोर्स

गोरखपुर । स्किल इंडिया मिशन के तहत महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, गोरखपुर में सत्र 2024-25 से लॉजिस्टिक के क्षेत्र में बीबीए (ऑनर्स) का पाठ्यक्रम शुरू होगा। लॉजिस्टिक अप्रेंटिशशिप प्रोग्राम के तहत इस कोर्स को शुरू करने के लिए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने लॉजिस्टिक सेक्टर स्किल काउंसिल से समझौता करार (एमओयू) किया है।

गुरुवार को लॉजिस्टिक सेक्टर स्किल काउंसिल के प्रो. एस. गणेशन, प्रो. गायत्री एच, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव, प्रशासनिक अधिष्ठाता प्रो.राजेंद्र भारती, अधिष्ठाता प्रो .सुनील कुमार सिंह, अधिष्ठाता कृषि डॉ. विमल कुमार दुबे और परीक्षा नियंत्रक अमित सिंह की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर कर इसका आदान प्रदान किया गया।

समझौता करार के बाद लॉजिस्टिक सेक्टर स्किल काउंसिल के विशेषज्ञों ने बीबीए लॉजिस्टिक कोर्स के बारे में जानकारी दी। उन्होंने हुए बताया कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यूजीसी के मानकों पर आधारित स्किल्ड बेस्ड पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है।

भारत सरकार के स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत युवाओं को स्किल्ड बनाने के लिए बीबीए लॉजिस्टिक पाठ्यक्रम से युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

इस पाठ्यक्रम की खासियत बताते हुए प्रो. एस. गणेशन ने कहा कि हर्ष का विषय है कि लॉजिस्टिक सेक्टर स्किल काउंसिल, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए रोजगार गारंटी योजना के लिए अनुबंध कर रहा है। इससे युवाओं को पढ़ाई के दौरान स्किल ट्रेनिंग के साथ शत प्रतिशत रोजगार के प्रति संकल्पित किया जायेगा। युवाओं को पढ़ाई के दौरान ही 'सीखते हुए कमाएं' यानी (अर्निंग बाई लर्निंग) की तरफ अग्रसर किया जाएगा।

इस अवसर पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने लॉजिस्टिक सेक्टर स्किल के साथ हुए समझौता पत्र पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय कृत संकल्पित है।

शिक्षा के साथ उन्हे रोजगार के प्रति उन्मुख करने के लिए लॉजिस्टिक सेक्टर स्किल से आज समझौता करार किया गया है। पूर्ण विश्वास है स्किल्ड बेस्ड पाठ्यक्रम से युवाओं में आत्मविश्वास का संचार होगा, जिससे उन्हें शिक्षा के साथ स्वयं को रोजगार के लिए तैयार कर कैरियर में शत प्रतिशत संभावना को तलाशने में सहायता मिलेगी।

महिला आत्मनिर्भर तो समाज स्वतः होगा सशक्त : सीएम योगी

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यदि एक महिला आत्मनिर्भर होती है तो समाज स्वतः सशक्त होता है। जिस समाज में महिला सशक्त होती है, उस समाज को आगे बढ़ने से कोई नही रोक सकता।

वर्ष 2047 में जब देश आजादी का 100वां वर्ष पूरा करेगा तो हमे एक विकसित भारत मिलेगा जिसमें देश की आधी आबादी अपना विकास करेगी। महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार प्रत्येक स्तर पर प्रयास करेगी ताकि उनकी सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन का कार्य सुनिश्चित रहे।

सीएम योगी गुरुवार को योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में नारी शक्ति वंदन सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) से जुड़ी लाभार्थी महिलाओं से संवाद और 3617 स्वयं सहायता समूहों को 54 करोड़ 25 लाख रुपये का अंशकालिक ऋण भी वितरित किया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि आधी आबादी को विकसित करके ही सरकार विकास की नई ऊंचाईयों को प्राप्त कर पायेगी। सरकार सभी महिलाओं को आश्वस्त करती है कि उनके हितो के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करेगी। शासन की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य पूरी जिम्मेदारी के साथ करेगी।

पीएम मोदी के नारी सम्मान व सुरक्षा के विजन के अनुसार गोरखपुर के सभी महिला स्वयं सहायता समूहों एवं एनजीओ, राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन के तहत अपने पैरों पर खड़ा होकर स्वावलम्बन का जीवन व्यतीत कर रही हैं।

संसद व विधानसभा में बढ़ेगी आधी आबादी की भागीदारी

सीएम योगी ने कहा कि पिछले लोकसभा सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा व विधानसभा में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित किया। इसके तहत अब लोकसभा व विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का लाभ प्राप्त होगा।

विगत समय से लोकसभा व विधानसभाओं में देश की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व बहुत कम था। अब बिना किसी भेदभाव के उनका 33 प्रतिशत स्थान आरक्षित रहेगा।

महिला सशक्तिकरण के लिए शुरू हुए कई कार्यक्रम

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न कार्यक्रम शुरू किये हैं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, मातृ वंदना योजना आदि की केन्द्र बिन्दु महिलाएं रही हैं।

प्रधानमंत्री के विजन के अनुसार आज हर, महिला, किसान को बिना भेदभाव के सभी सुविधाओं का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिनके पास आवास नहीं होता वे बहुत कष्ट में रहते है, महिलाएं उससे और कष्ट में रहती हैं। शासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के माध्यम से केवल गोरखपुर में 61556 पात्रों को आवास का लाभ मिला है। मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत गोरखपुर में 38866 लोगों को आवास का लाभ प्राप्त हुआ है।

महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य कर रही डबल इंजन की सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत गोरखपुर में कुल गठित स्वयं सहायता समूह की संख्या 20847 है, जिसमें 3 लाख 5 हजार से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई हैं। जनपद में 63563 महिलाएं निराश्रित पेंशन, 54062 महिलएं वृद्धा पेंशन तथा 6094 महिलाएं दिव्यांगजन पेंशन योजना में लाभान्वित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत 2 लाख 91 हजार महिलाओं को निःशुल्क गैस का कनेक्शन प्राप्त हुआ है।

56 स्वयं सहायता समूह राशन की दुकानों का संचालन कर रही हैं जिसमें 438 महिलाएं जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि पहले महिलाओं को घर से बाहर नहीं जाने दिया जाता था किन्तु आज स्वयं सहायता समूह के माध्यम से वे सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा रही हैं। डबल इंजन की सरकार ने उनके उत्थान के लिए कई कार्यक्रम प्रारम्भ किये हैं।

बढ़ाने जा रहे कन्या सुमंगला योजना की धनराशि

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कन्या सुमंगला योजना के तहत बेटी के जन्म से स्नातक तक की पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता दे रही है। इस योजना के अन्तर्गत अप्रैल माह से इसकी धनराशि 25 हजार की जायेगी। इस योजना के अन्तर्गत 17 लाख से अधिक बेटियों को जोड़ा जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सम्मान के दिशा में प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत 3 लाख से अधिक बेटियों की शादी का कार्य सम्पन्न किया है। स्वामित्व योजना के तहत 90 लाख महिलाओं को घर का मालिकाना अधिकार दिलाया गया है। उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह हर विकास खण्ड में पोषण अभियान के लिए अच्छा आहार भी तैयार कर वितरित कर सकती हैं। इससे वे अधिक मुनाफा कमा सकती हैं।

बीसी सखी ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक की कमी को दूर कर रही है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के बाद हमें किसी भी स्तर पर भेदभाव स्वीकार नही करना चाहिए। यह नारी शक्ति सम्मेलन इसी बात को प्रदर्शित करता है। इसका उद्देश्य यह है कि जो लाभान्वित हैं वे बोले तथा जिनको लाभ नहीं मिला, उन्हें लाभान्वित किया जाये।

विकसित राष्ट्र बनाने में सबको देना होगा योगदान

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव का यह प्रथम वर्ष है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगले 25 वर्षो अर्थात 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रयास में हम सबको कार्य करना होगा। इस काल में हर किसान, नौजवान खुशहाल और आत्म निर्भर हो तथा देश की आधी आबादी बिना किसी भेदभाव के सुरक्षित व सम्मानित महसूस कर सके इसके लिए हम सबको प्रयास करना होगा।

इस अवसर पर सांसद रविकिशन शुक्ल तथा महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने भी लोगों को सम्बोधित किया। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह, महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, विधान परिषद सदस्य डॉ धर्मेंन्द्र सिंह, विधायक प्रदीप शुक्ल, विपिन सिंह, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय, जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह आदि भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

आजादी के बाद से नहीं बनी पक्की सड़क,कच्चे मार्ग पर आवागमन में दुश्वारियां झेल रहे लोग

गजनी गोरखपुर।आजादी के बाद से अब तक नहीं बन पाया है कटया -भलुआ मार्ग, कच्चे मार्ग से आना जाना स्थानीय लोगों की विवशता बनी हुई है। बरसात के 4 महीने लोग लगभग 6 किलोमीटर लंबे मार्ग से घूम कर खजनी तहसील मुख्यालय तक

पहुंचते हैं लोग।

स्थानीय लोगों ने बताया कि भलुआ-कटया मार्ग यदि पक्की (पीच सड़क) बन जाती तो कटसहरा,पचौरी,भलुआ,भेलाभार, भदरखी, सिंहवलियां समेत दर्जनों गांवों के लोग साइकिल से महज आधे घंटे में ही खजनी तहसील तक पहुंच जाते।

बता दें कि तहसील क्षेत्र का यह कटयां-भलुआ मार्ग वर्षों पहले प्रमुख मागों में गिना जाता था। किंतु उपेक्षा के कारण इस मार्ग का निर्माण नहीं हुआ है। कटयां गांव के निवासी 58 वर्षीय शिक्षक गणेश शुक्ला तथा भलुआ के 70 वर्षीय देवेन्द्र दुबे ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व पर लोग इसी रास्ते से प्रसिद्ध तामेश्वरनाथ शिव मंदिर तक जलाभिषेक के लिए जाते हैं।

इतना ही नहीं खजनी क्षेत्र के रामपुर, सुरैनी, खरहरी,विशुनपुरा,

सिंसई,सहुलाखोर,बंगला पांडेय, पल्हईपार, साखडाड़ बाबू समेत दर्जनों गांवों के लोग पैदल बाइक और साइकिल से होकर इसी मार्ग से आते जाते हैंं। सबेरे से लेकर देर रात तक इस रास्ते पर लोगों का आवागमन बना रहता है। लेकिन सड़क न बनने के कारण अब इस कच्चे रास्ते से लोगों का आना जाना मुश्किल हो गया है।

जिससे अब ज्यादातर नए यात्रियों को इस मार्ग की जानकारी ही नहीं है, और अब तो लोगों ने इस मार्ग को लगभग भुला ही दिया है।वर्षों पहले सहजनवां विधानसभा क्षेत्र के तत्कालीन विधायक टीपी शुक्ला ने भलुआ गांव के आखरी छोर पर ईंट का खड़ंजा मार्ग और पुलिया का निर्माण कराया था।

यदि उन्हें और वक्त मिला होता तो संभवतः यहां पर पक्की सड़क बन गई होती। किंतु कालांतर में नए परिसीमन के बाद विधायकों का यह क्षेत्र बदल गया। अब यह क्षेत्र खजनी विधानसभा एवं लोकसभा क्षेत्र संतकबीर नगर हो गया है।

बताया जाता है कि इस मार्ग के निर्माण पर किसी जनप्रतिनिधि ने ध्यान नहीं दिया। क्षेत्र के ठाकुर मिश्रा,अवध बिहारी मिश्रा,अजय दुबे, केशव मिश्रा, श्रीधर पांडेय, संतोष मिश्रा,जेपी त्रिपाठी,राम दरश सहित दर्जनों स्थानीय लोगों ने इस कच्चे मार्ग पर पक्की सड़क बनाने की मांग की है।

इंसेफेलाइटिस नियंत्रण देश-दुनिया का सफलतम मॉडल : सीएम योगी

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से छह-सात वर्षों में पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस पूरी तरह नियंत्रित और समाप्त हो चुका है। इसके उन्मूलन की बस घोषणा बाकी है। इंसेफेलाइटिस नियंत्रण देश और दुनिया का एक सफलतम मॉडल है। स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाकर तैयार किए गए इस सफलतम मॉडल का केंद्र गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज है।

सीएम योगी गुरुवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्रों के लिए 60 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले नए प्रशासनिक भवन का शिलान्यास तथा मेडिकल कॉलेज में सोलर रूफटॉप प्लांट के लोकार्पण के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस इंसेफेलाइटिस से हर साल बारह सौ से पंद्रह सौ मौतें होती थीं, आज उसे पूरी तरह कंट्रोल करते हुए हम लोग मासूम बच्चों को बचाने में सफल हुए हैं।

स्वाभाविक रूप से उसके लिए जो मैनपावर लगता था, उसमें जो संसाधन लगते थे, उसको हम क्वालिटी ऑफ हेल्थ के लिए अन्य लोगों को भी उपलब्ध कराने में उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंसेफेलाइटिस नियंत्रण के सफलतम मॉडल का केंद्र बिंदु बीआरडी मेडिकल कॉलेज बना क्योंकि सबसे ज्यादा बोझ इसी पर रहता था। उन्होंने कहा कि हमनें इंसेफेलाइटिस का चरम भी देखा है और आज उसे समाप्त होते भी देख रहे हैं।

मॉडल बनाने में मीडिया ट्रायल तक झेलना पड़ा

सीएम योगी ने कहा कि 1977-78 से लेकर 2017 तक इंसेफेलाइटिस को समाप्त करने के बारे में सरकारें सोचती तक नहीं थीं। 2017 में मुख्यमंत्री बनने पर मैंने समाप्त करने, इसके उन्मूलन के बारे में मॉडल तैयार करने पर विचार किया। इसी सिलसिले में कुशीनगर मुसहरों के बीच जाकर स्वच्छता अभियान चलाया।

उन्हें स्वच्छता के तरीके समझाए, साबुन के प्रयोग की जानकारी दी। तब मुझ पर तीन दिन मीडिया ट्रायल चला। मीडिया में हंसी उड़ाई गई कि एक मुख्यमंत्री गरीबो को साबुन बांट रहा है। पर, जब कोरोना आया तो ट्रायल करने वाले मीडिया के साथियों को भी साबुन और स्वच्छता की बात समझ में आई।

सफाई खुद में कई रोगों की रोकथाम

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता पर ध्यान कई बीमारियों का समाधान है। इसे इंसेफेलाइटिस समाप्त करने की दिशा में मिशन मोड में बढ़ाया गया तो परिणाम सामने आया। 1997 98 से 2017 तक देखा आज परिणाम। बीमारी का चरम भी देखा और आज समाप्त होते भी।

काफी उतार चढ़ाव देखे हैं बीआरडी मेडिकल कॉलेज ने

सीएम योगी ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज का अपना गौरवशाली इतिहास है। इस मेडिकल कॉलेज ने अनेक उतार-चढ़ाव भी देखे हैं। वह भी दौर देखा है जब इस मेडिकल कॉलेज में यह पूर्वी यूपी का स्वास्थ्य का एकमात्र केंद्र हुआ करता था और वह भी संसाधनों के अभाव से जूझता था।

न डॉक्टर थे, न पैरामेडिक्स थे, न नर्सिंग स्टाफ था और न अन्य कार्यों के लिए जरूरी मैनपावर। इस मेडिकल कॉलेज पर 1997-98 में मान्यता का संकट आया था। तब अतिरिक्त प्रयास करने पड़े थे। एमसीआई ने 1998-99 में एक बार फिर से मान्यता को एक प्रकार से वापस ले लिया था। तब मैं तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री को लेकर दिल्ली गया था, शपथ पत्र दिलवाया था कि हम यहां की आवश्यकता को पूरा करेंगे। तब कहा था कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज इस पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का बैकबोन है। उसको बंद कर देंगे तो सबकुछ बंद हो जाएगा।

जो हजारों मौतें इंसेफेलाइटिस से होती हैं, इन मौतों को नियंत्रित कर पाना कठिन हो जाएगा। उस समय शासन की लापरवाही थी, अनदेखी थी। उस समय फैकल्टी अपने स्तर पर प्रयास करते थे लेकिन संसाधन काफी कम थे। एक-एक बेड पर चार मरीज लेटाये जाते थे। पीडिया वार्ड का टॉयलेट चोक था। सुधार के लिए सांसद के रूप में सरकार से अपील की, संसद में आवाज उठाई। 2017 के बाद यहां आए बदलाव की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यहां बाल रोग संस्थान प्रारंभ हो चुका है।

पीडिया वार्ड सुसज्जित और इंफ्रास्ट्रक्चर से संपन्न हो गया है। इसी परिसर में रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर भी क्रियाशील हो चुका है। सुपर स्पेशियलिटी का ब्लॉक बन चुका है। एक समय सीट आधी हो गई थी, मान्यता पर संकट था। जबकि आज बढ़ी हुई सीट के लिए सरकार स्वयं आपके पास आकर इंफ्रास्ट्रक्चर दे रही है।

बीआरडी की प्रतिस्पर्धा एम्स गोरखपुर से

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीआरडी मेडिकल की प्रतिस्पर्धा किसी मेडिकल कॉलेज से नहीं है। यह काफी आगे बढ़ चुका है। अब इसे एम्स गोरखपुर से प्रतिस्पर्धा करनी है। क्वालिटी दोनों की समानांतर चल रही है। थोड़ा प्रयास करेंगे तो एसजीपीजीआई लखनऊ और एम्स दिल्ली की तरह ही बीआरडी मेडिकल कॉलेज तथा एम्स गोरखपुर एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी हो जाएंगे। इसके लिए दोनों के बीच नॉलेज का आदान-प्रदान होना चाहिए।

धैर्य और अध्ययन से निकालना होगा समाधान

सीएम योगी ने चिकित्सकों, चिकित्सा शिक्षा के विद्यार्थियों से आग्रह करते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों में उन पर वर्क लोड हो सकता है लेकिन धैर्य खोए बिना काम करिए। तभी अच्छा चिकित्सक बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि हर मरीज की अपनी एक हिस्ट्री, फैमिली बैकग्राउंड, आर्थिक, सामाजिक भौगोलिक परिस्थितियां होती हैं। उनको नोट करते हुए अच्छी स्टडी करेंगे तो मेडिकल क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला पाएंगे। उन्होंने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ बिहार और नेपाल तराई के मरीज भी बड़ी संख्या में आते हैं।

स्टडी से इन सबकी पृष्ठभूमि को समझने में आपको मदद मिलेगी। धैर्य और अध्ययन से समाधान के रास्ते निकलेंगे। उन्होंने चिकित्सकों से नवाचार और शोध के साथ जुड़ने का आह्वान किया।

अब क्लीन एंड ग्रीन एनर्जी का समय

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब हम क्लीन एंड ग्रीन एनर्जी की तरफ आगे बढ़कर एक नए मॉडल के साथ आगे बढ़ रहे हैं। क्लीन एंड ग्रीन एनर्जी भविय की आवश्यकता है। 2017 में जब उनकी सरकार बनी थी तब पीएम मोदी ने इसका मंत्र दिया था।

उसका अनुसरण कर सरकार ने प्रदेश में बिना रुपया खर्च किए 16 लाख स्ट्रीट लाइट लगवा दी है। इससे बिजली भी बच रही है और कार्बन उत्सर्जन भी कम हो रहा है। ग्रीन हाउस इफेक्ट को नियंत्रित करने में सफलता मिल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पॉलिसी बनाई है कि सोलर पैनल लगाने वाले से उसके उपयोग के बाद बची बिजली खरीद कर उसे इसका रुपया दे दिया जाएगा। उन्होंने रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज द्वारा ली गई लीड की सराहना की।

सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी का विजन है कि 2070 तक देश पूरी तरह क्लीन एंड ग्रीन एनर्जी की तरफ जाएगा।

10 लाख करोड़ रुपये के निवेश का होगा एकसाथ शिलान्यास

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज एक नया उत्तर प्रदेश सबके सामने है। इसी माह 19 तारीख को देश का सबसे बड़ा निवेश यूपी में होने जा रहा है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में पीएम मोदी दस लाख करोड़ की निवेश परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। ऐसा करने वाला यूपी देश का पहला राज्य होगा।

मेडिकल कॉलेज में हुए कार्यक्रम में सांसद रविकिशन शुक्ल, सांसद कमलेश पासवान, जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, महेंद्रपाल सिंह, डॉ. विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ल, धर्मेंद्र सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थसारथी सेन शर्मा, मेडिकल कॉलेज में सोलर रूफटॉप प्लांट लगाने वाली फर्म ओएमसी पॉवर के एमडी रोहित चंद्रा, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुनील आर्या आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

ग्राउंड प्लस फाइव फ्लोर का होगा प्रशासनिक भवन

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 60 करोड़ रुपये से बनने वाला प्रशासनिक भवन ग्राउंड प्लस फाइव फ्लोर का होगा। इसका निर्माण यूजी (एमबीबीएस) की 50 सीटों की वृद्धि के दृष्टिगत कराया जा रहा है।

सोलर रूफटॉप प्लांट से विद्युत व्यय में 72 लाख रुपये की सालाना बचत

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एक मेगावाट क्षमता के जिस सोलर रूफटॉप प्लांट का लोकार्पण आज मुख्यमंत्री ने किया है, उस पर करीब पांच करोड़ रुपये की लागत आई है। इससे मेडिकल कालेज के विद्युत व्यय में प्रति वर्ष 72 लाख रुपये की बचत होगी।

दस श्रेणी में है नाम तो मातृ शिशु पोषण के लिए है सरकारी सहायता का प्रावधान

गोरखपुर, प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत सरकार गर्भधारण और पहला बच्चा होने पर दो किस्तों में पांच हजार रुपये की आर्थिक मदद मातृ शिशु पोषण के लिए दे रही है । यह लाभ दूसरा बच्चा होने पर भी मिलता है बशर्ते वह बिटिया हो । इस स्थिति में जन्म के 270 दिन के भीतर पंजीकरण करवाने पर एकमुश्त छह हजार रुपये दिये जा रहे हैं ।

इस योजना का लाभ दिलवाने में बस्ती जनपद 75.77 फीसदी पंजीकरण करवा कर प्रदेश के टॉप टेन जिलों में शामिल हो चुका है । योजना के प्रावधानों के मुताबिक यह सहायता उन्हीं लाभार्थियों को मिल रही है जो दस में से किसी एक श्रेणी में आते हैं । निजी अस्पतालों में भी प्रसव के लाभार्थी योजना का लाभ ले सकते हैं ।

बस्ती शहर के चइयाबारी मोहल्ले की शिवांगी (26) को इस योजना का लाभ बेटी होने के छह माह बाद भी मिला है । वह बताती हैं कि उनके पति प्राइवेट नौकरी करते हैं । करीब आठ साल पहले उनकी शादी हुई थी। दो वर्ष पहले जब गर्भधारण किया तो मायके चली गयीं और आशा कार्यकर्ता से सम्पर्क में नहीं रह सकीं।

प्रसव जिला महिला अस्पताल में ही हुआ लेकिन योजना की जानकारी न होने से पहले बच्चे में इसका लाभ भी नहीं पा सकीं। संस्थागत प्रसव के लिए उस समय 1000 रुपये उनके खाते में दिये गये । शिवांगी ने बताया कि जब दूसरी बार उन्होंने गर्भधारण किया तो आशा कार्यकर्ता प्रियंका को सबसे पहले यह बात बताई।

आशा ने प्रसव पूर्व जांच करवाया और (टिटनेस डिफ्थीरिया) टीडी का टीका भी लगवाया । छह माह पहले बिटिया पैदा हुई । आशा प्रियंका ने ही उन्हें बताया कि अगर दूसरी शिशु बेटी है तो पीएमएमवीवाई योजना के तहत 6000 रुपये अच्छे खानपान और बिटिया के पोषण के लिए मिलेंगे ।

आशा ने टीकाकरण कार्ड और आधार कार्ड व बैंक डेटिल लेकर फार्म भरवाया और छह हजार रुपये उनके खाते में आ गये।

आशा कार्यकर्ता प्रियंका का कहना है कि पहले बच्चे की स्थिति में लास्ट मंथ ऑफ पीरियड (एलएमपी) के छह माह के भीतर कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच करवा लेने के बाद 3000 रुपये लाभार्थी को मिलते हैं। इसका उद्देश्य गर्भावस्था में मां को हरी साग सब्जियां, प्रोटीन युक्त भोजन और बेहतर पोषण की सुविधा देना है ।

पंजीकरण के लिए आशा की मदद ली जा सकती है । बच्चे के जन्म लेने और प्रथम चक्र के टीकाकरण के बाद लाभार्थी को खाते में 2000 रुपये और मिलते हैं जिससे मां का पौष्टिक आहार जारी रहे और मां के स्तनपान के जरिये बच्चे को अच्छा पोषण मिल सके । दूसरा बच्चा अगर लड़की है और उसका टीककारण पूरा हो गया है तो भी लाभार्थी को एकमुश्त छह हजार रुपये मिलेंगे।

अधिकाधिक पंजीकरण के निर्देश

बस्ती मंडल के अपर निदेशक चिकित्सा एवं परिवार कल्याण डॉ नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि बस्ती जनपद में 11569 गर्भवती और धात्री का वर्तमान वित्तीय वर्ष में पंजीकरण कर योजना का लाभ दिया गया । सिद्धार्थनगर जिले में 8190 गर्भवती और संतकबीरनगर जिले में 3274 लाभार्थी का पंजीकरण हुआ है।

सभी जिलों से अधिकाधिक पंजीकरण कर योजना का लाभ दिलवाने को कहा गया है । प्रदेश में बेहतर प्रदर्शन के लिए बस्ती जिले के योजना से जुड़े जिला कार्यक्रम समन्वयक और उनकी टीम प्रशंसा की पात्र है ।

इन दस श्रेणियों को मिलता है लाभ

• परिवार की वार्षिक आय आठ लाख से कम हो

• मनरेगा कार्ड धारक महिला

• किसान सम्मान निधि की लाभार्थी

• ई श्रम कार्ड की लाभार्थी

• आयुष्मान भारत योजना की लाभार्थी

• 40 फीसदी या पूरी तरह से दिव्यांग महिला

• अनुसूचित जाति की महिला

• अनुसूचित जनजाति की महिला

• गर्भवती व धात्री आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

• बीपीएल राशन कार्ड धारक

सरस्वती पूजा और मातृ सम्मेलन का आयोजन

खजनी गोरखपुर।वसंत पंचमी पर्व पर विद्या की अधिष्ठात्री मां देवी सरस्वती के प्राकट्य के अवसर पर विभिन्न शिक्षण संस्थानों में सरस्वती पूजन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर खजनी में मातृ सम्मेलन का आयोजन हुआ।

जिसमें उपस्थित छात्र छात्राओं की माताओं से सुझाव लिए गए तथा विद्यालय परिवार को उनके विचारों का पाथेय मिला। इस दौरान विद्यालय के नन्हें मुन्ने विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए,जिसे सभी उपस्थित जनों ने सराहा।

मुख्य अतिथि डाॅक्टर दुर्गा सिंह, विशिष्ट अतिथि डॉक्टर गौरव सिंह, हरिकेश राम त्रिपाठी ने वंदनिया मातृ शक्ति के प्रति आभार जताते हुए आयोजन के उद्देश्य से अवगत कराया। अध्यक्षता कर रहे बृजकिशोर उर्फ गुलाब त्रिपाठी ने कहा कि विद्यालय निरंतर प्रगति कर रहा है जिसमें मातृ शक्ति का महत्वपूर्ण योगदान है।

इस दौरान प्रधानाचार्य बृजराज मिश्रा, आचार्य सूर्यदेव तिवारी, अशोक तिवारी, रंजना शर्मा,मोनी, गोरख तिवारी समेत सभी शिक्षक अभिभावक माताएं और स्थानीय गणमान्य लोग उपस्थित रहे।