नवागत प्रदेश सचिव का सपा कार्यालय पर जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में हुआ भव्य स्वागत

गोरखपुर। समाजवादी पार्टी का प्रदेश सचिव नामित होने पर पार्टी कार्यालय पहुंचे कृष्ण कुमार त्रिपाठी का जोरदार स्वागत पार्टी के जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम की अगुवाई में पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं द्वारा फूल मालाओं से लादकर किया गया।

जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम ने कहा कि कृष्ण कुमार त्रिपाठी को प्रदेश सचिव बनाए जाने से पार्टी संगठन को मजबूती मिलेगी कृष्ण कुमार त्रिपाठी ने कहा कि नेतृत्व ने जो जिम्मेदारी सौंपी है उसका बखूबी निर्वहन करूंगा।

इस दौरान प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरैशी रामनाथ यादव अवधेश यादव अमरेन्द्र निषाद मनुरोजन यादव कबीर आलम मिर्जा कदीर बेग जयप्रकाश यादव अखिलेश यादव अशोक चौधरी सच्चिदानंद यादव धनंजय सिंह सैथवार अरविंद शुक्ल अनवार आलम हीरालाल यादव बृजनाथ मौर्य चंद्रभान प्रजापति खुद्दुस अली क़मर कुरैशी लालजी यादव रफीउल्लाह सलमानी जावेद खान आफताब निजामी सलमान दानिश अभिषेक पाण्डेय अफसैन हैदर अली हुसैन मैंना सन्तोष यादव राजू यादव खालिक सोनू राजपति यादव भीम निषाद फिरदौस आलम जनार्दन सिंह आदि मौजूद रहे।

रोगियों की सेवा ही परिचारिका का सबसे बड़ा धर्म : प्रो. एके सिंह

गोरखपुर। चिकित्सक सिर्फ दवा लिखते हैं जबकि परिचारिकाएं रोगियों के पास सर्वाधिक समय व्यतीत करते हुए उन्हें दवा देती हैं। उनकी देखभाल करती हैं। रोगी को स्वस्थ करने उन्हें मानसिक रूप से लड़ने को तैयार करने में परिचारिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वास्तव में परिचारिकाओं की भूमिका हमें यह बताती है कि रोगियों की सेवा से बढ़कर कोई और धर्म नहीं है।

यह बातें महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह ने कहीं। वह बुधवार को बसंत पंचमी के पावन अवसर पर गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग के 'दीप प्रज्वलन एवं सेवा शपथ ग्रहण समारोह' में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

प्रो. सिंह ने कहा कि एक सफल एवं कुशल परिचारिका के लिए अनुरक्ति, सत्यता, दक्षता और बुद्धिमता जैसे गुण आवश्यक होते हैं। उन्होंने नर्सों की मेडिकल क्षेत्र में भूमिका को समझाते हुए शपथ समारोह में शामिल छात्राओं को पूर्ण मनोयोग और निष्ठा से काम करने के लिए प्रेरित किया।

समारोह की विशिष्ट अतिथि अपर मुख्य सचिव अल्पसंख्यक कल्याण विभाग डॉ. मोनिका एस. गर्ग ने कहा कि गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज आफ नर्सिंग से पढ़कर निकली परिचारिकाएं अन्य संस्थानों की परिचारिकाओं की अपेक्षा अधिक प्रभावी, अधिक दक्ष और अधिक सेवाभावी होंगी।

कारण, यहां की प्रशिक्षित परिचारिकाएं संस्थान के पाठ्यक्रम के साथ धर्म-अध्यात्म के बल पर सेवा की जो प्रेरणा प्राप्त कर रही हैं वह बेमिसाल है। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित गुरु श्री गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज के निदेशक कर्नल (डॉ.) राजेश बहल ने कहा कि नर्सिंग प्रशिक्षुओं ने आज जिस प्रज्वलित दीप के समक्ष जो प्रतिज्ञा की है, वह सेवा संकल्प का दीप है। सेवा के इस प्रतिज्ञा दीप से चिकित्सा जगत अधिक संपन्न और प्रकाशित होगा।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल बाजपेयी ने कहा कि श्रीगोरक्षपीठ की तरफ से चिकित्सा एवं शिक्षा के लिए 1932 में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज ने ऐसा दीप जलाया जो आज विस्तृत फलक पर प्रकाशित हो रहा है।

इस दीप को ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज और उनके बाद इस विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलाधिपति गोरक्षपीठाधीश्वर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रकाशित किया है। उन्होंने कहा कि नर्सिंग प्रशिक्षुओं का दीप प्रज्वलन समारोह उसी सात्विक परंपरा में सेवा शपथ का हिस्सा है जो श्रीगोरक्षपीठ की संस्थाएं लोक कल्याण के लिए लेती रहती हैं।

इस अवसर पर गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग की प्रिंसिपल डॉ. डीएस अजीथा ने विभिन्न पाठ्यक्रमों के तीन सौ प्रशिक्षुओं को सेवा शपथ दिलाई। इस अवसर पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आरोग्यधाम के कुलसचिव डॉ प्रदीप कुमार राव समेत सभी शिक्षक, विद्यार्थी उपस्थित रहे। आभार ज्ञापन पैरा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल रोहित कुमार श्रीवास्तव ने किया।

जाखां इंटरकॉलेज में हुआ राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य मंच का गठन

खजनी गोरखपुर।ब्लॉक क्षेत्र के जाखां गांव में स्थित इंटरमीडिएट कॉलेज में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य मंच का गठन किया गया। जिसमें उपस्थित इंटरकॉलेज के सभी विद्यार्थियों को स्वास्थ्य रक्षा और विभिन्न प्रकार की बिमारियों से बचाव के लिए अपनाए जाने वाले सभी उपायों की विस्तार सहित जानकारियां दी गईं।

इस दौरान इंटरकाॅलेज में आयोजित प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार दिव्यांश सिंह,द्वितीय पुरस्कार कुमकुम को और तृतीय पुरस्कार शालिनी यादव को दिया गया। साथ ही अन्य 10 बच्चों को अतिरिक्त सांत्वना पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान खजनी पीएचसी के आरबीएसके टीम के नोडल प्रभारी डाक्टर त्रिवेणी कुमार द्विवेदी डॉ.सी.बी. यादव,विकास कुमार,विजय,सुबेश राय एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य रमेश चंद्र सिंह,पवन यादव, देवनारायण यादव सरोज कुमार गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

परीक्षा देने जा रही युवती से छेड़खानी,उलहना देने पहुंची बहन का सर फोड़ा

खजनी गोरखपुर।थाना क्षेत्र के गांव की रहने वाली युवती गोरखपुर विश्वविद्यालय में परीक्षा देने जा रही थी।आरोप है कि कस्बा संग्रामपुर उनवल के निवासी आशीष पुत्र स्वर्गीय ओमप्रकाश उससे छेड़खानी करने लगे और अश्लील गंदी बातें करने लगे छेड़खानी से परेशान युवती सब कुछ बर्दाश्त कर के परीक्षा देने चली गई।

परिवारीजनों को मामले की जानकारी होने के बाद इसकी शिकायत युवक के परिजन से की तो नाराज युवक ने युवती की दूसरी बहन के सर में ईंट मारकर उसे लहुलुहान कर दिया। युवती के पिता की तहरीर पर खजनी पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच में जुट गई है।

खजनी तहसील के अभिलेखों का अपर आयुक्त ने की जांच

खजनी गोरखपुर।गोरखपुर मंडल के अपर आयुक्त हरिओम शर्मा ने मंगलवार को जिले की सबसे बड़ी खजनी तहसील का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सभी अधीनस्थों को आवश्यक विभागीय दिशा निर्देश दिए।गोरखपुर मंडल के अपर आयुक्त हरिओम शर्मा ने मंगलवार को पुर्वाह्न 11 बजे के बाद खजनी तहसील के निरीक्षण के लिए पहुंचे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सभी अधीनस्थों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। उन्होंने तहसील में पत्रावलियों के समुचित रखरखाव पर भी टिप्पणी की।

अपर आयुक्त हरिओम शर्मा ने अपराह्न करीब 2.55 बजे तक खजनी तहसील परिसर में रूक कर परिसर और सभी कार्यालयों की साफ सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने एसडीएम न्यायालय, एसडीएम न्यायिक कोर्ट, तहसीलदार न्यायालय,नायब तहसीलदार न्यायालय,भूलेख अभिलेखागार, संग्रह कार्यालय एवं अभिलेखागार, भूलेख कंप्यूटर,नजारत आदि सभी विभागों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने तहसील मुख्यालय से सरकार द्वारा संचालित विभिन्न सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की सिलसिलेवार पड़ताल की और जानकारियां लीं।

उन्होंने धारा 24, धारा 116, धारा 80, धारा 34, धारा 38(1) आदि की पत्रावलियों का भी गहनता से अवलोकन किया। साथ ही जनसमस्याओं के प्रभावी निस्तारण की स्थिति पर चिंता जताते हुए उनकी लंबित सूची पर उप जिलाधिकारी राजू कुमार को शीघ्र और पारदर्शिता पूर्ण समाधान कराने के लिए सख्त निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने सभी अधीनस्थों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

अपर आयुक्त के निरीक्षण के दौरान एसडीएम राजू कुमार,तहसीलदार दीपक कुमार गुप्ता, नायब तहसीलदार खजनी व सिकरीगंज रामसूरज प्रसाद क्षेत्राधिकारी खजनी ओंकार दत्त तिवारी तथा तहसील के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।इस पूर्व अपर आयुक्त के तहसील में पहुंचते ही एसडीएम के नेतृत्व में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनका स्वागत अभिवादन किया।

महायोगी गोरखनाथ विवि में गठित होगी अंतरराष्ट्रीय सलाहकार समिति : डॉ. जीएन सिंह

गोरखपुर। भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. जीएन सिंह ने कहा कि नर्सिंग व मेडिकल क्षेत्र की वैश्विक आवश्यकताओं के दृष्टिगत महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में जल्द ही एक अंतरराष्ट्रीय सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा।

इस समिति में यूएसए, रूस, ओमान, जर्मनी, फ्रांस, श्रीलंका, वियतनाम, थाईलैंड, सिंगापुर समेत कई देशों के विषय विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा।

डॉ. सिंह मंगलवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन वर्चुअल माध्यम से प्रतिभागियों और व्याख्यान देने वाले अतिथियों से संवाद कर रहे थे।

उन्होंने बताया अंतरराष्ट्रीय सलाहकार समिति गठित हो जाने से नर्सिंग व मेडिकल के अन्य क्षेत्रों में न केवल समय के अनुकूल पाठ्यक्रमों को परिमार्जित किया जा सकेगा बल्कि वैश्विक स्तर पर कुशल नर्सिंग व संबद्ध मेडिकल स्टाफ का समुचित समायोजन हो सकेगा।

डॉ. सिंह ने कहा कि बहुत कम समय में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय और इससे जुड़े नर्सिंग व अन्य कॉलेजों ने शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं।

गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन प्रथम सत्र में 'भारतीय ज्ञान प्रणाली का वैश्वीकरण' विषय पर ओएस फार्मा यूएसए के संस्थापक डॉ. ओंकारनाथ सिंह का विशिष्ट व्याख्यान हुआ।

यूएसए से वर्चुअल माध्यम से जुड़े डॉ. ओंकारनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा प्राचीनकाल से ही वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से ओतप्रोत है। ज्ञान, विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में यह समृद्ध विरासत से परिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मेडिकल सेवा एक टीम वर्क है जिसमें डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ सबकी भूमिका एक दूसरे से जुड़ी हुई है।

अमेरिका में नर्सिंग व फार्मेसी की सेवा डॉक्टर की सेवा के बराबर ही सम्मानजनक है। डॉ. सिंह ने बताया कि भारतीय ज्ञान प्रणाली में प्रशिक्षित नर्सों की पूरे विश्व में जरूरत महसूस की जाती है।

उपचार के साथ जागरूक भी करती है नर्स : सुबेदी

संगोष्ठी के दूसरे दिन के एक अन्य विशिष्ट व्याख्यान में फोर्ट वर्थ टेक्सास, यूएसए की नर्स प्रैक्टिशनर पायस सुबेदी भी ऑनलाइन जुड़ीं। उन्होंने अमेरिका में नर्सिंग सेवा के विभिन्न आयामों की विस्तार से जानकारी दी। पायस सुबेदी ने कहा कि नर्स सिर्फ रोगी का उपचार ही नहीं करती है बल्कि आगे स्वास्थ्य की देखभाल के लिए जागरूक भी करती है। नर्सिंग एक एडवोकेसी जॉब है। रोगों को लेकर नर्स की भूमिका रोगी के साथ एडवोकेट के रूप में होती है।

ज्ञान व कौशल के आधार पर हो स्वस्थ प्रतिस्पर्धा : गायत्री

एक दूसरे सत्र में सऊदी अरब से ऑनलाइन माध्यम से जुड़ीं श्रीमती गायत्री जयापुनु राज ने नर्सिंग सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का आह्वान किया। साथ ही समझाया कि यह प्रतिस्पर्धा ज्ञान और कौशल का आधार पर होना चाहिए, व्यक्ति नहीं। गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. अलका सक्सेना ने शोधार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए नर्सिंग सेवा के टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि नर्सिंग सेवा में जागरूकता और उत्साह का होना अपरिहार्य है। इसमें डिग्री के साथ व्यावहारिक ज्ञान भी जरूरी है।

एआई से मेडिकल सेवा में हो रहा बदलाव : डॉ. रोहित

एक तकनीकी सत्र में स्वास्थ्य क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)के महत्व पर चर्चा करते हुए मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर के सहायक आचार्य डॉ रोहित कुमार तिवारी ने कहा कि चिकित्सा प्रदाताओं, अस्पतालों, फार्मास्युटिकल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से काफी बदलाव हो रहा है। स्वास्थ्य सेवा उद्योग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सकारात्मक परिणाम आ रहे है। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग में सतर्कता भी आवश्यकता पर भी जोर दिया। जबकि एजुकेशनल गवर्नेंस इन मॉडर्न एरा विषय पर आधारित सत्र में यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी में नर्सिंग सलाहकार डॉ. नीतू देवी ने नर्सिंग कोर्स व सिलेबस तैयार करने में जरूरी नीति निर्धारक बिंदुओं की जानकारी दी। सभी सत्रों में शोधार्थियों ने अपने शोध पत्रों का वाचन किया।

संगोष्ठी में आए अतिथियों का स्वागत महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव और गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्या डॉ. डीएस अजीथा ने किया। अलग-अलग सत्रों में गुरु श्री गोरखनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्राचार्य डॉ. मंजूनाथ एनएस समेत कई शिक्षकों, प्रशिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

मदरसा बोर्ड परीक्षा शुरु, पहले दिन 437 परीक्षार्थी रहे गैर हाजिर

गोरखपुर। मंगलवार को उप्र मदरसा शिक्षा परिषद की वार्षिक परीक्षाएं जिले के छह परीक्षा केंद्रों पर शुरु हुईं। परीक्षा में 42 मदरसों के 1795 परीक्षार्थी हिस्सा ले रहे हैं। नकलविहीन व शांतिपूर्ण परीक्षा सम्पन्न कराने के लिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कमलेश कुमार मौर्य के नेतृत्व में सचल दल ने परीक्षा केंद्रों का जायजा लिया।

सीसीटीवी की निगरानी में सुबह आठ बजे से 11 बजे तक पहली पाली और दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक दूसरी पाली की परीक्षा हुई। परीक्षा केंद्रों पर इंटरनेट की व्यवस्था रही जिससे परीक्षा की वेब कास्टिंग भी हुई।

पहले दिन 1795 में से 1358 हाजिर व 437 परीक्षार्थी गैर हाजिर रहे। पहली पाली में मुंशी/मौलवी (सेकेंडरी) की परीक्षा हुई। पहली पाली में 1105 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। जिसमें 735 परीक्षार्थी हाजिर व 370 गैर हाजिर रहे।

दूसरी पाली में आलिम (सीनियर सेकेंडरी), कामिल व फाजिल की परीक्षा हुई। दूसरी पाली में 690 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। जिसमें 623 परीक्षार्थी हाजिर व 67 गैर हाजिर रहे।

सीआरसी गोरखपुर में आयोजित हुआ अभिभावक प्रशिक्षण कार्यक्रम

गोरखपुर। दिव्यांग बच्चों के संवेदी, भाषा-वाणी एवं व्यवहार परिमार्जन की गृह आधारित तकनीकी पर एक दिवसीय अभिभावक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सीआरसी गोरखपुर में किया गया। जैसा कि सीआरसी में नियमित रूप से आने वाले दिव्यांग बच्चों के लिए संवेदी प्रशिक्षण, व्यवहार परिमार्जन भाषा विकास और विशेष शिक्षा से संबंधित सेवाएं उनको मिल रही हैं।

परंतु उनके समुचित विकास के लिए उनका उनके घर पर प्रबंधन आवश्यक है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सीआरसी गोरखपुर में अभिभावक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें राजेश कुमार, सहायक प्राध्यापक, नैदानिक मनोविज्ञान विभाग ने बच्चों के परिमार्जन हेतु घर में छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने के लिए अभिभावकों को कहा।

उन्होंने कहा कि यदि आपके घर में कोई अतिथि आते हैं तो बच्चों को सामाजिक व्यवहार सीखने के लिए उनको आगे लाना चाहिए। उनको नमस्ते जैसा सामान्य सामाजिक व्यवहार सीखाने हेतु प्रेरित करना चाहिए। इसी प्रकार रॉबिन ने भाषा और वाणी के विकास हेतु छोटे-छोटे क्रियाकलाप बताएं।

ताकि बच्चों का ध्यान भी विकसित हो। संजय प्रताप सिंह ने बच्चों के संवेदी प्रशिक्षण हेतु घर में क्रियाकलाप करने के लिए बताया। सीआरसी गोरखपुर के निदेशक जितेंद्र यादव ने कहा कि यदि अभिभावकों को प्रशिक्षित किया जाए तो वे सीआरसी की गतिविधियों को अपने घर पर भी बच्चों के साथ कर सकते हैं। जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास अवश्य होगा।

कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक अरविंद कुमार पांडे ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में दिव्यांगजन और उनके अभिभावकों ने प्रतिभाग किया।

हाथीपांव के मरीजों के लिए वरदान बन रहा प्रभावित अंग का बेहतर प्रबंधन


गोरखपुर, फाइलेरिया जिसे बोलचाल की भाषा में हाथीपांव भी कहते हैं । अगर एक बार हो जाए तो यह ठीक नहीं होता है। इसके कारण हुए हाथ और पांव के सूजन को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता है लेकिन अगर बेहतर प्रबन्धन किया जाए तो इस सूजन को नियंत्रित कर सकते हैं ।

ऐसा करके फाइलेरिया मरीज सामान्य जीवन जी रहे हैं और इस कार्य में स्वास्थ्य विभाग मोरबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसएबिलिटी प्रिवेंशन (एमएमडीपी) किट देकर उनकी मदद कर रहा है। मरीजों को एमएमडीपी किट देने के साथ साथ प्रभावित अंग के प्रबन्धन और व्यायाम का तरीका भी सिखाया जाता है।

गोरखपुर जिले में हाथीपांव के चिन्हित 2869 मरीजों में से 2153 मरीजों को 10 फरवरी तक यह किट वितरित की जा चुकी है।

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि हाथीपांव के मरीजों को बताया जाता है कि उन्हें प्रभावित अंग को सामान्य पानी से धुलना है। हाथ में साबुन पानी का झाग बना कर धीरे धीरे लगाना है।

अंग को रगड़ना नहीं है । फिर पानी से धुलने के बाद साफ तौलिये से थपकी देकर अंग को सुखाना है । अगर अंगुलियों के बीच कोई घाव बन जाता है तो उसके लिए एंटीफंगल क्रीम भी दी जाती है । साथ ही हाथीपांव के मरीज को पैरों के एडियों को दीवार के सहारे ऊपर उठा कर व्यायाम करने के बारे में बताया जाता है ।

इस तरीके से प्रभावित अंग की देखभाल करने से बीमारी बढ़ती नहीं है और सूजन में भी आराम मिलता है । ऐसा करने वाले मरीज फाइलेरिया के एक्यूट अटैक से भी सुरक्षित रहते हैं। एक्यूट अटैक की स्थिति में तेज बुखार और दर्द समेत मरीज को कई अन्य परेशानियां झेलनी पड़ती है ।

पिपराईच ब्लॉक के सरण्डा गांव के 60 वर्षीय संतराज पेशे से फेरी लगाते हैं । वह बताते हैं कि दो वर्ष पहले उनके बायें पैर में सूजन के साथ बुखार आया । पहले तो चौराहे की दवा ली और फिर चार महीने बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिपराईच गये ।

उन्हें फाइलेरिया का मरीज बता कर बुखार की दवा दी गयी । इसी बीच उनके गांव में लक्ष्मी सरण्डा फाइलेरिया समूह का गठन हो रहा था जिसके बारे में ब्लॉक से पता चला । जब संतराज समूह की बैठक में गये तो वहां सिखाया गया कि पैर की ठीक से देखभाल की जाए तो बुखार नहीं होगा और बीमारी भी नहीं बढ़ेगी ।

उन्हें एमएमडीपी किट दिया गया जिसमें टब, बाल्टी, मग, तौलिया, साबुन और एंटी फंगल क्रीम थी। वह बाल्टी में पैर रख कर नियमित साफ सफाई करने लगे । व्यायाम भी शुरू कर दिया। उन्हें काफी आराम है और अब बुखार नहीं आता है । उनके अति बुजुर्ग पिता के दोनों पैरों में पहले से ही चौथे चरण का हाथीपांव था ।

उन्होंने अपने पिता को भी यही अभ्यास कराया । रात में सोते समय तकिया लगाते हैं। पैर ज्यादा देर लटका कर नहीं बैठते हैं । पिता के पैरों का भी सूजन कम हुआ है और दोनों लोग सामान्य जीवन जी पा रहे हैं ।

की जा रही है मदद

गोरखपुर मंडल के सभी जिलों में हाथीपांव के मरीज हैं। उनको एमएमडीपी किट देने के साथ साथ प्रभावित अंग के प्रबन्धन की भी जानकारी दी जा रही है । जून 2023 के आंकड़ों के मुताबिक कुशीनगर जनपद में 1315, देवरिया में 1636 और महराजगंज में 498 हाथीपांव के मरीज हैं।

नये मरीजों को भी स्क्रिनिंग के जरिये ढूंढ कर प्रबन्धन सिखाया जा रहा है । गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया जनपद में फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्य नये मरीजों को ढूंढने और उन्हें जागरूक करने में भी निरंतर योगदान दे रहे हैं ।

इमामे आज़म अबू हनीफ़ा का मनाया गया उर्स-ए-पाक

गोरखपुर। मदीना मस्जिद रेती चौक, सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार, मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर व चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में मंगलवार को हज़रत सैयदना इमामे आज़म अबू हनीफ़ा रदियल्लाहु अन्हु का उर्स-ए-पाक मनाया गया। कुरआन ख्वानी, फातिहा ख़्वानी व दुआ ख़्वानी की गई।

मदीना मस्जिद में मुफ्ती मेराज अहमद क़ादरी ने कहा कि हज़रत इमामे आज़म अबू हनीफ़ा का नाम नोमान है। आप अबू हनीफ़ा के नाम से मशहूर है। आपकी पैदाइश 80 हिजरी में इराक़ के कूफा शहर में हुई। आपके वालिद का नाम साबित था। आप हज़रत अली की दुआ है।

इल्म-ए-हदीस की मारूफ शख्सियत आमिर शाबी कूफी के मशवरे पर इल्मे कलाम, इल्मे हदीस और इल्मे फिक़ह की तरफ ध्यान दिया और ऐसा कमाल पैदा किया कि इल्मी व अमली दुनिया में इमामे आज़म कहलाए।

सब्जपोश हाउस मस्जिद में हाफ़िज रहमत अली निज़ामी ने कहा कि हज़रत इमामे आज़म अबू हनीफ़ा ने क़ुरआन-ए-करीम और हदीस के ज़खीरे से उम्मते मुस्लिमा को इस तरह मसाइले शरइया से वाक़िफ कराया कि 1300 साल गुज़र जाने के बाद भी तक़रीबन 75 फीसद उम्मते मुस्लिमा उस पर चल रही है और ताकयामत चलती रहेगी। इमाम अबू हनीफ़ा को हदीस-ए-रसूल सिर्फ दो वास्तो (सहाबी और ताबई) से मिली है। बल्कि कई हदीस इमाम अबू हनीफ़ा ने सहाबा-ए-किराम से बराहे रास्त भी रिवायत की है।

चिश्तिया मस्जिद में मौलाना महमूद रज़ा क़ादरी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अपनी हयात में ही हज़रत इमाम अबू हनीफ़ा के बारे में बशारत दी थी। उस दौर के उलमा आपके बारे में कहते थे कि कूफा के इमाम अबू हनीफ़ा और उनका फिक़ह पर हमें रश्क है। इमाम अबू हनीफ़ा पेचीदा मसाइल को सब अहले इल्म से ज़्यादा जानने वाले थे।

इमाम अबू हनीफ़ा के पास वह इल्म था जिसको अहले ईमान के दिल क़बूल करते है। खलीफा-ए-वक्त ने 146 हिजरी में आपको क़ैद कर लिया। आपकी मक़बूलियत से खौफज़दा खलीफा-ए-वक़्त ने इमाम साहब को ज़हर दिलवा दिया। जिस वजह से 150 हिजरी में सहाबा व बड़े-बड़े ताबेईन से रिवायत करने वाला एक अज़ीम मुहद्दिस व फक़ीह दुनिया से रुखसत हो गया।

मकतब इस्लामियात में हाफिज अशरफ रज़ा ने कहा कि हज़रत इमाम अबू हनीफ़ा के उस्ताद शेख हम्माद, शेख इब्राहीम नखई व शेख अल्क़मा है। शेख हम्माद की सोहबत में इमाम अबू हनीफ़ा 18 साल रहे।

शेख हम्माद के इंतकाल के बाद कूफा में उनकी मसनद पर इमाम अबू हनीफा को ही बैठाया गया। गरज़ ये कि इमाम अबू हनीफ़ा हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसूद रदियल्लाहु अन्हु के इल्मी वरसा के वारिस बने। मुहद्दिसीन की एक जमात ने 8 सहाबा से इमाम अबू हनीफ़ा का रिवायत करना साबित किया है। अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क व मिल्लत के लिए दुआ की गई।

इस मौके पर अयान, हाफिज अरीब, हाफिज अब्दुल कय्यूम, फूल मुहम्मद, हाफिज सुब्हान, शहजाद, आसिफ, हाफिज अजमत अली आदि मौजूद रहे।