सोनिया गांधी ने राजस्थान से भरा नामांकन, अशोक गहलोत ने कहा- प्रदेश के लिए खुशी की बात


पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्थान पर अब सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा सांसद बनेंगी। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी राज्यसभा चुनाव में राजस्थान से पार्टी की उम्मीदवार हैं और आज उन्होंने जयपुर में नामांकन भी भर दिया है। सोनिया के नामांकन के समय उनके साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी मौजूद रहे। इससे पहले सोनिया गांधी बुधवार सुबह जयपुर एयरपोर्ट पहुंची। जयपुर एयरपोर्ट पर पहुंचने पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली समेत कांग्रेस के नेताओं और विधायकों ने सोनिया गांधी का स्वागत किया।

अशोक गहलोत ने कहा- सोनिया गांधी का राजस्थान से दिल से जुड़ाव

सोनिया गांधी के राजस्थान से राज्यसभा जाने को लेकर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री पद का त्याग करने वाली सोनिया गांधी को कांग्रेस से राज्यसभा उम्मीदवार घोषित किए जाने का स्वागत है। सोनिया गांधी का राजस्थान से दिल से जुड़ाव का रिश्ता है, जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने थे तब सोनिया उनके साथ आदिवासी बाहुल्य जिलों के दौरे पर आईं थीं। राजस्थान में अकाल के समय प्रधानमंत्री के रूप में राजीवजी ने 3 दिन तक खुद गाड़ी ड्राइव कर 9 अकाल प्रभावित जिलों का दौरा किया था, तब भी सोनिया गांधी उनके साथ रहीं थी। मेरे प्रथम कार्यकाल में जब 4 बार भयंकर अकाल-सूखे का सामना करना पड़ा तब भी उन्होंने राहत कार्यों का जायजा लेने के लिए अनेकों जिलों के कई बार दौरे किए थे, जिन्हें राजस्थान की जनता अभी भूली नहीं है। गहलोत ने कहा कि यूपीए सरकार के समय राजस्थान में रिफाइनरी, मेट्रो जैसे बड़े प्रोजेक्ट लाने और केन्द्र से सहयोग दिलवाने में सोनिया ने एनएसी चैयरपर्सन के रूप में हमेशा राजस्थान के हितों की रक्षा कर मजबूती से पैरवी की। आज उनके राजस्थान से राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर घोषणा होना पूरे प्रदेश के लिए खुशी की बात है, इस घोषणा से सारी पुरानी यादें भी ताजा हो गई हैं। 

राजस्‍थान से राज्यसभा क्‍यों जा रहीं सोनिया?

सोनिया ने राज्यसभा जाने के लिए राजस्थान को यूं ही नहीं चुना। चर्चा है कि वह रायबरेली सीट अपनी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए छोड़ रही हैं। ठीक उसी तरह जैसे बेटे के लिए अमेठी सीट छोड़ी थी। राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव होना है। कांग्रेस वहां एक सीट जीतने की स्थिति में है। कर्नाटक और तेलंगाना के कांग्रेसियों ने भी खूब जोर आजमाया कि सोनिया उनके यहां से राज्यसभा जाएं। हालांकि, कांग्रेस ने खूब सोच-विचार के बाद सोनिया को दक्षिण से राज्यसभा न भेजने का फैसला किया।

राजस्थान में आती हैं 10 राज्यसभा सीटें

राजस्थान में 3 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं। जिनमें नामांकन दखिल करने की अंतिम तिथि 15 फरवरी है। विधानसभा में संख्या बल के बहुमत के हिसाब से इनमें से 2 सीटें बीजेपी और एक सीट कांग्रेस के खाते में जानी तय है। राजस्थान में 10 राज्यसभा सीटें आती हैं। इनमें से 6 पर कांग्रेस और 4 पर बीजेपी के सांसद हैं। हालांकि कांग्रेस के टिकट पर बाहरी व्यक्तियों को सांसद बनाए जाने का मुद्दा हर बार उठता है, लेकिन सोनिया गांधी के नाम पर किसी को आपत्ति नहीं है।

किसान आंदोलन: कंटीले तार, पत्थारबाजी और चारों ओर धुआं-धुआं... शंभू बॉर्डर पर आमने-सामने जवान और किसान, देखिए, संघर्ष की तस्वीरें

आज यानी 14 फरवरी को किसान आंदोलन का दूसरा दिन है। मंगलवार को किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी

 शुरुआत के साथ ही, शंभू बॉर्डर से बवाल की तस्वीरें सामने आ लगी थीं। मंगलवार को किसानों और जवानों के बीच संघर्ष में दोनों लोग घायल हुए थे।

शंभू बॉर्डर पर कल यानी मंगलवार को आंसू गैस के गोलों के बीच पुलिस पर पथराव हुआ था। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस का सुरक्षा घेरा भी तोड़ दिया था। पंजाब के दो किसान संगठनों ने 13 फरवरी से दिल्ली चलो का नारा देकर आंदोलन का ऐलान किया था।

पंजाब से जब किसान दिल्ली के लिए आगे बढ़े तो हरियाणा के सात जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया। कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई।वहीं, सड़कों पर पुलिस और आरएएफ तैनात कर दी गई।

बीते दिन, शंभू बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान इकट्ठा हो गए। इसके बाद पुलिस ने इन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन जब किसान सुरक्षा घेरे को तोड़ने की कोशिश करने लगे तो पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

कल शंभू बॉर्डर पर किसानों और जवानों के बीच संघर्ष की स्थिति देखने को मिली। किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर कीलें बिछा दी गईं, कंट्रीट के बड़े बड़े ब्रेक लगा दिये गए, कंटीले तार लगा दिए गए। सीमेंट के बड़े बड़े बोल्डर लगा दिए गए, लोहे की बैरिकेडिंग के साथ-साथ कई और कदम उठाए गए लेकिन बॉर्डर पर पहुंचते ही किसान सीमेंट की बैरिकेडिंग को रौंदकर आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे।

साथ ही, किसानों की ओर से पुलिस पर पत्थरबाजी भी की गई। शाम को आंदोलन पर विराम लगा. हालांकि, शाम तक शंभू बॉर्डर पर हालात बिगड़ गए थे। सड़कों पर बड़े-बड़े पत्थर किसानों और जवानों के बीच संघर्ष के सबूत दे रहे थे।

किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष में किसान और जवान दोनों ही घायल हुए। किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए सिर्फ शंभू बॉर्डर पर ही नहीं, दिल्ली के सभी बॉर्डरों को सील किया गया है। किसान शंभू बॉर्डर पार कर दिल्ली में घुसने की जिद्द पर अड़े हैं। वहीं, जवान किसानों को रोकने पर अड़े हैं।

कल शंभू बॉर्डर से जो तस्वीरें सामने आईं वो हैरान परेशान करने वाली थीं। हर तस्वीर, पुलिस और किसानों के बीच संघर्ष की गवाही दे रही थी।

किसान आंदोलन: कंटीले तार, पत्थारबाजी और चारों ओर धुआं-धुआं... शंभू बॉर्डर पर आमने-सामने जवान और किसान, देखिए, संघर्ष की तस्वीरें

आज यानी 14 फरवरी को किसान आंदोलन का दूसरा दिन है। मंगलवार को किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी

 शुरुआत के साथ ही, शंभू बॉर्डर से बवाल की तस्वीरें सामने आ लगी थीं। मंगलवार को किसानों और जवानों के बीच संघर्ष में दोनों लोग घायल हुए थे।

शंभू बॉर्डर पर कल यानी मंगलवार को आंसू गैस के गोलों के बीच पुलिस पर पथराव हुआ था। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस का सुरक्षा घेरा भी तोड़ दिया था। पंजाब के दो किसान संगठनों ने 13 फरवरी से दिल्ली चलो का नारा देकर आंदोलन का ऐलान किया था।

पंजाब से जब किसान दिल्ली के लिए आगे बढ़े तो हरियाणा के सात जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया। कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई।वहीं, सड़कों पर पुलिस और आरएएफ तैनात कर दी गई।

बीते दिन, शंभू बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान इकट्ठा हो गए। इसके बाद पुलिस ने इन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन जब किसान सुरक्षा घेरे को तोड़ने की कोशिश करने लगे तो पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

कल शंभू बॉर्डर पर किसानों और जवानों के बीच संघर्ष की स्थिति देखने को मिली। किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर कीलें बिछा दी गईं, कंट्रीट के बड़े बड़े ब्रेक लगा दिये गए, कंटीले तार लगा दिए गए। सीमेंट के बड़े बड़े बोल्डर लगा दिए गए, लोहे की बैरिकेडिंग के साथ-साथ कई और कदम उठाए गए लेकिन बॉर्डर पर पहुंचते ही किसान सीमेंट की बैरिकेडिंग को रौंदकर आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे।

साथ ही, किसानों की ओर से पुलिस पर पत्थरबाजी भी की गई। शाम को आंदोलन पर विराम लगा. हालांकि, शाम तक शंभू बॉर्डर पर हालात बिगड़ गए थे। सड़कों पर बड़े-बड़े पत्थर किसानों और जवानों के बीच संघर्ष के सबूत दे रहे थे।

किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष में किसान और जवान दोनों ही घायल हुए। किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए सिर्फ शंभू बॉर्डर पर ही नहीं, दिल्ली के सभी बॉर्डरों को सील किया गया है। किसान शंभू बॉर्डर पार कर दिल्ली में घुसने की जिद्द पर अड़े हैं। वहीं, जवान किसानों को रोकने पर अड़े हैं।

कल शंभू बॉर्डर से जो तस्वीरें सामने आईं वो हैरान परेशान करने वाली थीं। हर तस्वीर, पुलिस और किसानों के बीच संघर्ष की गवाही दे रही थी।

राहुल और प्रियंका के साथ जयपुर पहुंची सोनिया गांधी, राज्यसभा के लिए भरेंगी नामांकन

#sonia_gandhi_reaches_jaipur_to_file_nomination_for_the_rajya_sabha

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी राजस्थान की राजधानी जयपुर पहुंची हैं। वह आज यहां राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करेंगी। सोनिया के साथ उनके बेटे एवं पार्टी सांसद राहुल गांधी के अलावा उनकी बेटी व कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी जयपुर पहुंचे हैं।पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने जयपुर एयरपोर्ट पर सोनिया गांधी की अगवानी की।सोनिया गांधी वर्ष 1999 से लगातार लोकसभा सदस्य हैं। यह पहली बार होगा कि वह संसद के उच्च सदन में जाएंगी। यही नहीं, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद गांधी परिवार से सोनिया गांधी राज्यसभा में जाने वाली दूसरी महिला होंगी।

बता दें कि सोनिया गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कहा था कि यह आखिरी बार है, जब वह आम चुनाव लड़ रही हैं।सोनिया गांधी को सियासत में कदम रखे हुए करीब ढाई दशक हो चुके हैं। इस दौरान सोनिया गांधी ने करीब दो दशकों तक कांग्रेस अध्यक्ष पद संभाले रखा। सोनिया ने अध्यक्ष रहते हुए पार्टी को करिश्माई नेतृत्व दिया और पार्टी की सत्ता में वापसी कराई। गांधी परिवार की अजेय मानी जाने वाली इकलौती नेता सोनिया हैं, जिन्हें कभी चुनावी मात नहीं खानी पड़ी जबकि संजय गांधी से लेकर इंदिरा गांधी, मेनका गांधी, अरुण नेहरू और राहुल गांधी तक को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।

1997 में सोनिया गांधी ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की और 62 दिन बाद वे पार्टी की अध्यक्ष बनीं। तब से 2017 तक वे पार्टी की अध्यक्ष बनी रहीं। कांग्रेस पार्टी में इतने लंबे समय तक कोई अध्यक्ष नहीं रहा। सोनिया पहली बार 1999 के लोकसभा चुनाव में लड़ीं। उन्होंने बेल्लारी (कर्नाटक) और अमेठी (उत्तरप्रदेश) से चुनाव लड़ा और दोनों जगह चुनाव जीता। इसके बाद उन्होंने बेल्लारी की सीट छोड़ दी और अमेठी को बनाए रखा।2004 में सोनिया ने अमेठी सीट से अपने बेटे राहुल को चुनाव लड़वाया और खुद रायबरेली सीट पर शिफ्ट हो गईं, जहां से अभी तक सांसद रहीं।

बीजेपी ने जारी की राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट, रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ओडिशा से तो एमपी से इन चार नेताओं को टिकट

#BJP_List_Of_Candidates_For_Rajya_Sabha

राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा की ओर से एक और लिस्ट जारी कर दी गई है।इस लिस्ट में बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपने पांच उम्मीदवारों का ऐलान किया है।जिसमें रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का भी नाम शामिल है। 

भाजपा ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और एल मुरुगन को क्रमशः ओडिशा और मध्य प्रदेश से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है।केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन के अलावा, भाजपा ने मध्य प्रदेश से राज्यसभा चुनाव के लिए तीन और नामों का ऐलान किया है। केंद्रीय मंत्री डॉक्टर एल मुरुगन, उमेश नाथ महाराज, माया नारोलिया और बंसीलाल गुर्जर मध्य प्रदेश से भाजपा उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन भरेंगे।

राज्यसभा चुनाव के लिए इससे पहले रविवार (11 फरवरी) को बीजेपी ने पहली लिस्ट जारी की थी। इस लिस्ट में बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के लिए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया। उत्तर प्रदेश से सुधांशु त्रिवेदी और आरपीएन सिंह को टिकट दिया गया। पूर्व बीजेपी हरियाणा अध्यक्ष सुभाष बराला को हरियाणा से उम्मीदवार बनाया गया। इस लिस्ट में 14 उम्मीदवारों के नाम शामिल थे।

पुलवामा हमले की 5वीं बरसीः पीएम मोदी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, बोले-शहीदों का बलिदान हमेशा याद रखा जाए

#Blackday_PulwamaAttack_Anniversary

साल 2019, तारीख 14 फरवरी..ये वो तारीख है जो पूरे हिंदुस्तान के दिल-दिमाग पर काले धब्बे की तरह छप चुका है। ये वो तारीख है, जिसे कोई भी भारतीय भुला नहीं सकता।जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को एक आतंकी हमला हुआ था। उस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने 200 किलो विस्फोटक से भरी एसयूवी बस से भिड़ा दी थी। इस हमले में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। आज पुलवामा आतंकी हमले की 5वीं बरसी है।

पुलवामा आतंकी हमले की 5वीं बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले में शहीद होने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी। अपने सोशल मीडिया पर उन्होंने एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा है कि मैं पुलवामा में शहीद हुए वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। हमारे राष्ट्र के लिए उनकी सेवा और बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

राहुल ने भी दी शहीदों को श्रद्धांजलि

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पुलवामा के शहीदों को याद किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राहुल ने लिखा, पुलवामा आतंकी हमले के वीर शहीदों को शत शत नमन और विनम्र श्रद्धांजलि। भारत की रक्षा को समर्पित उनके इस सर्वोच्च बलिदान के लिए, देश सदा ऋणी रहेगा।

भारत पर हुए बड़े आतंकी हमलों में से एक

बता दें कि पुलवामा हमसा भारत पर हुए बड़े आतंकी हमलों में से एक था। इस दिन आतंकियों ने 200 किलो विस्फोटकों के लदे वाहन से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले को निशाना बनाया। इस आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे, जबकि 35 घायल हुए थे। दरअसल 78 गाड़ियों से सीआरपीएफ का काफिला श्रीनगर के लिए रवाना हुआ था।जिसमें करीब 2500 से ज्यादा जवान मौजूद थे। जब जवानों का काफिला पुलवामा में गुजरा तो आतंकी आदिल अहमद डार विस्फोटक से भरी कार लेकर काफिले में घुसा, जिसके बाद वो हुआ जो किसी ने नहीं सोचा था। एक जोरदार धमाका हुआ और एक झटके में सब कुछ बिखर गया।

भारतीय सेना ने 12 दिन बाद लिया था पुलवामा का बदला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख जाहिर करते हुए कहा था कि हर आंसू का बदला लिया जाएगा। फिर वो हुआ जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। पुलवामा की घटना के 12 दिन बाद 26 फरवरी को जब सभी लोग नींद की आगोश में थे, भारतीय सेना ने पुलवामा का बदला ले लिया। रात 3 बजे भारतीय सेना के 12 मिराज 200 फाइटर जेट्स एलओसी को पार कर पाकिस्तान में घुस गए और आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के ठिकानों को तबाह कर दिया। इस हमले में तकरीबन 300 आतंकी मारे गए थे।

दूसरे दिन भी दिल्ली कूच के लिए अड़े किसान, शंभू बॉर्डर पर डाला डेरा, हरियाणा के सात जिलों में इंटरनेट बैन

#Farmers_Protest

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर किसानों के मार्च का आज दूसरा दिन है।मंगलवार को प्रदर्शन के बाद आज फिर किसानों ने दिल्ली की ओर कूच करने का ऐलान किया है। हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर करीब 8 से 10 हजार लोग मौजूद हैं, वहीं डेढ़ से 2 हजार ट्रैक्टर-ट्रालियां है। पुलिस ने साफ कह दिया है कि किसी भी कीमत पर किसानों को बॉर्डर पार नहीं करने दिया जाएगा।इधर दूसरे दिन सीमा को मजबूत बनाने के लिए टिकरी बॉर्डर पर कंक्रीट स्लैब के बीच और भी ज्यादा कंक्रीट डाला जा रहा है। टिकरी बॉर्डर पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

पीएम मोदी किसानों से करें बात'-सरवन सिंह पंढेर

पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि एमएसपी की गारंटी वाला कानून इतनी जल्दी नहीं बन सकता। हम सिर्फ इतना कह रहे हैं कि हमें उस पर कानूनी गारंटी दी जाए, ताकि हम उस एमएसपी से नीचे फसल न बेचें। इसलिए, समिति का कोई सवाल ही नहीं है। हम चाहेंगे कि पीएम आगे बढ़ें और किसानों से बात करें।

पुलिस और अर्धसैनिक बलों के पांच हजार से अधिक जवान तैनात

दिल्ली पुलिस ने पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दिया था और अपनी सीमाओं को पूरी तरह से सुरक्षित कर दिया। सीमावर्ती क्षेत्रों की निगरानी के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों जैसे निगरानी उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए टीकरी, सिंघू और गाजीपुर सीमा क्षेत्रों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 5,000 से अधिक जवानों को तैनात किया गया। 

दिल्ली पुलिस ने जारी की ट्रैफिक एडवाइजरी

किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। इसमें बताया गया है कि एनएच-44 पर हरियाणा जाने वाले और भोपुरा बॉर्डर तक पहुंचने वाले वाहन लोनी भोपुरा रोड - कोयल एन्क्लेव थाना टीला मोड़ लोनी - बंथला फ्लाईओवर हनुमान मंदिर लोनी - पूजा पावी पंचलोक - मंडोला - मसूरी - खेकड़ा (26) की ओर यू टर्न ले सकते हैं। और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर जा सकते । गाजियाबाद से दिल्ली की ओर आने वाला लोग आईएसबीटी आनंद विहार के पास महाराजपुर बॉर्डर से वैशाली-कौशांबी के रास्ते प्रवेश कर सकते हैं।

15 फरवरी तक इंटरनेट सेवा बंद

किसान संगठनों के दिल्ली कूच करने के बाद पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर लगते हरियाणा के सात जिलों में इंटनेट सेवाएं 15 फरवरी तक बाधित रहेंगी। हरियाणा सरकार ने 7 जिलों अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा और डबवाली में 15 फरवरी तक इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश जारी किया है। इसके अलावा राजस्थान में तीन जिलों श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, हनुमानगढ़ में इंटरनेट बंद और 15 जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है।

पूरी तैयारी में किसान, ट्रैक्टरों में खाने का भंडार

आंदोलन को लेकर किसानों की तैयारी पूरी है। इसका अंदाजा ट्रैक्टर-ट्रालियों में मौजूद रोटी, सब्जी के भंडार को देखकर लगाया जा सकता है। सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रालियों में से अधिकतर में भोजन की व्यवस्था है। नौबत कई दिन बठने की आए तो खानपान की कमी नहीं आएगी।

*अबूधाबी में आज मंदिर का उद्घाटन करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इन कार्यक्रमों में होंगे शामिल*

नयी दिल्ली : राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थरों से निर्मित अबूधाबी के पहले हिंदू मंदिर का भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को उद्घाटन करेंगे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री दो दिवसीय दौरे पर यूएई आए हैं।

यह मंदिर अपनी भव्यता से दुनियाभर के लोगों को आकर्षित कर रहा है। 

27 एकड़ में बना 108 फुट ऊंचा यह मंदिर वास्तुशिल्प का चमत्कार माना जा रहा है। मंदिर प्रबंधन के मुताबिक मंदिर के दोनों किनारों पर गंगा और यमुना नदी का पवित्र जल बहता है, जो विशाल कंटेनरों में भारत से लाया गया था। एजेंसी

क्या है मंदिर की खूबी ?

मंदिर का निर्माण कराने वाली बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहरिदास ने मंगलवार को बताया कि मंदिर के हर कोने में थोड़ा सा भारत है। यहां वाराणसी के घाटों की भी झलक मिलेगी। अबू धाबी में बना हिंदू मंदिर 108 फीट है। इसमें 40,000 क्यूबिक फीट संगमरमर, 1,80,000 क्यूबिक फीट बलुआ पत्थर, 18,00,000 ईंटों का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर में 300 सेंसर लगाए गए हैं।

जहां तक लकीर खींच देंगे, वह मंदिर की जगह

पीएम मोदी ने द्विपक्षीय बैठक और अहलान मोदी कार्यक्रम में यूएई में बीएपीएस मंदिर निर्माण के लिए भी राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद का आभार जताया। उन्होंने कहा, सात महीने में जायद के साथ मेरी पांचवीं मुलाकात है। मैं जब भी यहां आता हूं, तो ऐसा महसूस होता है, जैसे अपने परिवार के बीच हूं। उन्होंने खुलासा किया, मैंने सामान्य रूप से राष्ट्रपति से मंदिर के लिए आग्रह किया था। आपने बिना देर किए कहा, जहां तक लकीर खींच देंगे, वह जगह मंदिर के लिए मिल जाएगी। यह भारत के प्रति आपके प्यार का उदाहरण है।

विश्व सरकार शिखर सम्मेलन 2024 को करेंगे संबोधित

मोदी और अल नाहयान के आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा होगी। विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी, संयुक्त अरब अमीरात के उपराष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और रक्षा मंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से भी मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी बुधवार को दुबई में विश्व सरकार शिखर सम्मेलन 2024 में सम्मानित अतिथि के रूप में संबोधित करेंगे। गौरतलब है कि अगस्त 2015 में पीएम मोदी ने ऐतिहासिक यात्रा की थी। इसके बाद दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया।

यूएई में कहां बनाया गया है हिंदू मंदिर?

मंदिर यूएई की राजधानी अबू धाबी में 'अल वाकबा' नाम की जगह पर बनाया गया है। यह धर्म स्थल 20,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। हाइवे से सटी अल वाकबा नामक जगह अबू धाबी से तकरीबन 30 मिनट की दूरी पर है। यूएई का पहला हिंदू मंदिर भले ही 2023 में बनकर तैयार हुआ, लेकिन इसकी कल्पना करीब ढाई दशक पहले 1997 में बीएपीएस संस्था के तत्कालीन प्रमुख स्वामी महाराज ने की थी।

संसद में 5 साल “खामोश” रहे शत्रुघ्न सिन्हा, के फिल्मी पर्दे पर “गदर” मचाने वाले सनी देओल ने मुंह तक नहीं खोला

#SunnyDeol_ShatrughanSinha_Woh_Did_Not_Speak_A_Word_In_Parlainment

हाल ही में संसद का बजट सत्र संपन्न हुआ। इसी के साथ संसद की 17वीं लोकसभा में आखिरी सत्र संपन्न हो गया। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले 31 जनवरी से शुरू हुआ संसद का अंतरिम बजट सेशन 10 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्पीच के साथ खत्म हो गया। इन पांच सालों में तमाम सांसदों ने बतौर प्रतिनिधि अपने अपने इलाके के लोगों के सरोकार, मुद्दे और आवाज को सदन में उठाने की कोशिश की। 17वीं लोकसभा में संसद सत्र के दौरान 5 साल में कुल 274 बैठकें हुईं, लेकिन लोकसभा के 543 सांसदों में से कुछ ऐसे भी थे, जिन्होंने संसदीय गतिविधि में न के बराबर भाग लिया। यह जानकारी मंगलवार (13 फरवरी) को पीआरएस लेजिस्लेटिव ने शेयर की। अभिनेता-राजनेता सनी देओल (भाजपा) और शत्रुघ्न सिन्हा (टीएमसी) उन 9 लोकसभा सदस्यों में से थे, जिन्होंने किसी भी चर्चा में भाग नहीं लिया।

इन 9 सासंदों ने किसी भी चर्चा में नहीं लिया भाग

बंगाल से टीएमसी सांसद दिब्येंदु अधिकारी, कर्नाटक से बीजेपी सांसद व पूर्व राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े, बीजेपी सांसद वी श्रीनिवास प्रसाद और बीजेपी सांसद बी एन बचे गौडा, पंजाब से बीजेपी सांसद सनी देओल, असम से बीजेपी सांसद प्रदान बरुआ ऐसे सांसद हैं, जो लोकसभा के अपने पांच साल के कार्यकाल में सदन में एक शब्द भी नहीं बोले। इन लोगों ने किसी भी संबोधन व चर्चा में भाग नहीं लिया। हालांकि इन सांसदों ने भले मौखिक रूप से कोई भागीदारी न दिखाई हो, लेकिन लिखित रूप से भागीदारी जरूर दिखाई। इन लोगों ने लिखित सवाल या लिखित रूप से अपनी भागीदारी जरूर दिखाई।

वहीं दूसरी ओर संसद में तीन सांसद ऐसे भी थे, जिन्होंने सदन में लिखित या मौखिक किसी भी रूप में अपनी भागीदारी दर्ज नहीं कराई। इनमें बॉलिवुड से नेता बने वेस्ट बंगाल से टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, यूपी से बीएसपी सांसद अतुल राय और कर्नाटक से बीजेपी सांसद व पूर्व राज्य मंत्री रमेश सी जिगजिगानी शामिल हैं। 

बता दें कि सनी देओल पंजाब के गुरदासपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं, शत्रुघन सिन्हा को ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने 2022 में पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट पर हुए उपचुनाव में टिकट देकर लोकसभा भेजा था। इससे पहले वो भाजपा में थे।  

मोहन मंडावी और भागीरथ चौधरी को प्रतिशत उपस्थिति का गौरव

वहीं, भाजपा के मोहन मंडावी और भागीरथ चौधरी 17वीं लोकसभा में ऐसे दो सदस्य रहे जिन्होंने पांच साल की अवधि के दौरान कुल 274 बैठकों में 100 प्रतिशत उपस्थिति का गौरव हासिल किया। यह संयोग की कहा जाएगा कि पहली बार लोकसभा पहुंचे इन दोनों सदस्यों को सदन में एक-दूसरे के बगल वाली सीटें आवंटित की गई थीं।

संसद में सबसे सक्रिय सांसद रहे पुष्पेंद्र सिंह चंदेल

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर से भाजपा सदस्य पुष्पेंद्र सिंह चंदेल संसद में सबसे सक्रिय सदस्य थे, जिन्होंने 17वीं लोकसभा में 1,194 चर्चाओं में भाग लिया था, उनके बाद अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से कुलदीप राय शर्मा (833 चर्चाएं) थे। बसपा सदस्य मलूक नागर (बिजनौर) ने 582 चर्चाओं में भाग लिया, इसके बाद धर्मपुरी से द्रमुक सदस्य डीएनवी सेंथिलकुमार (307 चर्चाओं), कोल्लम से आरएसपी सदस्य एनके प्रेमचंद्रन (265), बारामती से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एससीपी) की सदस्य सुप्रिया सुले (248) ने भाग लिया।

आंदोलन के बीच कांग्रेस का किसानों से वादा, राहुल गांधी बोले-सत्ता में आए तो देंगे एमएसपी की लीगल गारंटी


#RahulGandhi_Says_Congress_Guarntee_For_Msp_As_per_Swaminathan_Commission

पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली कूच करने को लेकर बॉर्डर पर अड़े हुए हैं।न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाने समेत अन्य मांगों को लेकर दिल्ली और आस-पास के राज्यों में विरोध प्रदर्शन के लिए आ रहे किसानों को एक तरफ रोकने के लिए प्रशासन मशक्कत कर रहा है।6 महीने के राशन के साथ ही पर्यप्त मात्रा में ईंधन भी लेकर दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों का कहना है कि सरकार जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी वे अपने कदम वापस नहीं लेनेवाले हैं।इस आंदोलन को देखते हुए दिल्ली से सटी सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है। इसी बीच कांग्रेस ने बड़ा ऐलान कर दिया है।कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि उनकी सरकार बनने पर एमएसपी की गारंटी का कानून लाया जाएगा।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के साथ अंबिकापुर पहुंचे। अंबिकापुर में उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, 'आज किसान दिल्ली की ओर मार्च कर रहे हैं। उन्हें रोका जा रहा है, उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं, वे क्या कह रहे हैं। वे सिर्फ अपनी मेहनत का फल मांग रहे हैं। बीजेपी सरकार ने एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने की घोषणा की, लेकिन वे एमएस स्वामीनाथन की कही बात को लागू करने को तैयार नहीं हैं।

राहुल गांधी ने कहा, स्वामीनाथन ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि किसानों को वाकई एमएसपी का कानूनी अधिकार मिलना चाहिए, लेकिन भाजपा सरकार ऐसा नहीं कर रही है। जब भारत सरकार सत्ता में आएगी तो हम भारत के किसानों को एमएसपी की गारंटी देने वाला (कानून) देंगे। स्वामीनाथन रिपोर्ट में जो उल्लेख किया गया है, हम उसे पूरा करेंगे।'

वहीं, राहुल गांधी ने 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा, 'किसान भाइयों आज ऐतिहासिक दिन है! कांग्रेस ने हर किसान को फसल पर स्वामीनाथन कमीशन के अनुसार एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का फैसला लिया है। यह कदम 15 करोड़ किसान परिवारों की समृद्धि सुनिश्चित कर उनका जीवन बदल देगा। न्याय के पथ पर यह कांग्रेस की पहली गारंटी है।'

दूसरी ओर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी ट्वीट कर कहा, कांग्रेस ने ऐतिहासिक प्रण लिया है। हम स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों को एमएसपी कानून बनाकर उचित मूल्य की गारंटी देंगे। इससे 15 करोड़ किसान परिवारों को फायदा पहुंचेगा।

बता दें कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाने की मांग पर संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने ऐलान किया है कि किसान अपनी मांगों के समर्थन में दिल्ली कूच करेंगे। सोमवार (12 फरवरी) को केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसान नेताओं की बैठक जब बेनतीजा रही तो किसानों ने मंगलवार को दिल्ली में प्रदर्शन के लिए मार्च करना शुरू कर दिया।