महायोगी गोरखनाथ विवि में गठित होगी अंतरराष्ट्रीय सलाहकार समिति : डॉ. जीएन सिंह

गोरखपुर। भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. जीएन सिंह ने कहा कि नर्सिंग व मेडिकल क्षेत्र की वैश्विक आवश्यकताओं के दृष्टिगत महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में जल्द ही एक अंतरराष्ट्रीय सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा।

इस समिति में यूएसए, रूस, ओमान, जर्मनी, फ्रांस, श्रीलंका, वियतनाम, थाईलैंड, सिंगापुर समेत कई देशों के विषय विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा।

डॉ. सिंह मंगलवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन वर्चुअल माध्यम से प्रतिभागियों और व्याख्यान देने वाले अतिथियों से संवाद कर रहे थे।

उन्होंने बताया अंतरराष्ट्रीय सलाहकार समिति गठित हो जाने से नर्सिंग व मेडिकल के अन्य क्षेत्रों में न केवल समय के अनुकूल पाठ्यक्रमों को परिमार्जित किया जा सकेगा बल्कि वैश्विक स्तर पर कुशल नर्सिंग व संबद्ध मेडिकल स्टाफ का समुचित समायोजन हो सकेगा।

डॉ. सिंह ने कहा कि बहुत कम समय में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय और इससे जुड़े नर्सिंग व अन्य कॉलेजों ने शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं।

गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन प्रथम सत्र में 'भारतीय ज्ञान प्रणाली का वैश्वीकरण' विषय पर ओएस फार्मा यूएसए के संस्थापक डॉ. ओंकारनाथ सिंह का विशिष्ट व्याख्यान हुआ।

यूएसए से वर्चुअल माध्यम से जुड़े डॉ. ओंकारनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा प्राचीनकाल से ही वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से ओतप्रोत है। ज्ञान, विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में यह समृद्ध विरासत से परिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मेडिकल सेवा एक टीम वर्क है जिसमें डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ सबकी भूमिका एक दूसरे से जुड़ी हुई है।

अमेरिका में नर्सिंग व फार्मेसी की सेवा डॉक्टर की सेवा के बराबर ही सम्मानजनक है। डॉ. सिंह ने बताया कि भारतीय ज्ञान प्रणाली में प्रशिक्षित नर्सों की पूरे विश्व में जरूरत महसूस की जाती है।

उपचार के साथ जागरूक भी करती है नर्स : सुबेदी

संगोष्ठी के दूसरे दिन के एक अन्य विशिष्ट व्याख्यान में फोर्ट वर्थ टेक्सास, यूएसए की नर्स प्रैक्टिशनर पायस सुबेदी भी ऑनलाइन जुड़ीं। उन्होंने अमेरिका में नर्सिंग सेवा के विभिन्न आयामों की विस्तार से जानकारी दी। पायस सुबेदी ने कहा कि नर्स सिर्फ रोगी का उपचार ही नहीं करती है बल्कि आगे स्वास्थ्य की देखभाल के लिए जागरूक भी करती है। नर्सिंग एक एडवोकेसी जॉब है। रोगों को लेकर नर्स की भूमिका रोगी के साथ एडवोकेट के रूप में होती है।

ज्ञान व कौशल के आधार पर हो स्वस्थ प्रतिस्पर्धा : गायत्री

एक दूसरे सत्र में सऊदी अरब से ऑनलाइन माध्यम से जुड़ीं श्रीमती गायत्री जयापुनु राज ने नर्सिंग सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का आह्वान किया। साथ ही समझाया कि यह प्रतिस्पर्धा ज्ञान और कौशल का आधार पर होना चाहिए, व्यक्ति नहीं। गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. अलका सक्सेना ने शोधार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए नर्सिंग सेवा के टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि नर्सिंग सेवा में जागरूकता और उत्साह का होना अपरिहार्य है। इसमें डिग्री के साथ व्यावहारिक ज्ञान भी जरूरी है।

एआई से मेडिकल सेवा में हो रहा बदलाव : डॉ. रोहित

एक तकनीकी सत्र में स्वास्थ्य क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)के महत्व पर चर्चा करते हुए मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर के सहायक आचार्य डॉ रोहित कुमार तिवारी ने कहा कि चिकित्सा प्रदाताओं, अस्पतालों, फार्मास्युटिकल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से काफी बदलाव हो रहा है। स्वास्थ्य सेवा उद्योग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सकारात्मक परिणाम आ रहे है। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग में सतर्कता भी आवश्यकता पर भी जोर दिया। जबकि एजुकेशनल गवर्नेंस इन मॉडर्न एरा विषय पर आधारित सत्र में यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी में नर्सिंग सलाहकार डॉ. नीतू देवी ने नर्सिंग कोर्स व सिलेबस तैयार करने में जरूरी नीति निर्धारक बिंदुओं की जानकारी दी। सभी सत्रों में शोधार्थियों ने अपने शोध पत्रों का वाचन किया।

संगोष्ठी में आए अतिथियों का स्वागत महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव और गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्या डॉ. डीएस अजीथा ने किया। अलग-अलग सत्रों में गुरु श्री गोरखनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्राचार्य डॉ. मंजूनाथ एनएस समेत कई शिक्षकों, प्रशिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

मदरसा बोर्ड परीक्षा शुरु, पहले दिन 437 परीक्षार्थी रहे गैर हाजिर

गोरखपुर। मंगलवार को उप्र मदरसा शिक्षा परिषद की वार्षिक परीक्षाएं जिले के छह परीक्षा केंद्रों पर शुरु हुईं। परीक्षा में 42 मदरसों के 1795 परीक्षार्थी हिस्सा ले रहे हैं। नकलविहीन व शांतिपूर्ण परीक्षा सम्पन्न कराने के लिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कमलेश कुमार मौर्य के नेतृत्व में सचल दल ने परीक्षा केंद्रों का जायजा लिया।

सीसीटीवी की निगरानी में सुबह आठ बजे से 11 बजे तक पहली पाली और दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक दूसरी पाली की परीक्षा हुई। परीक्षा केंद्रों पर इंटरनेट की व्यवस्था रही जिससे परीक्षा की वेब कास्टिंग भी हुई।

पहले दिन 1795 में से 1358 हाजिर व 437 परीक्षार्थी गैर हाजिर रहे। पहली पाली में मुंशी/मौलवी (सेकेंडरी) की परीक्षा हुई। पहली पाली में 1105 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। जिसमें 735 परीक्षार्थी हाजिर व 370 गैर हाजिर रहे।

दूसरी पाली में आलिम (सीनियर सेकेंडरी), कामिल व फाजिल की परीक्षा हुई। दूसरी पाली में 690 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। जिसमें 623 परीक्षार्थी हाजिर व 67 गैर हाजिर रहे।

सीआरसी गोरखपुर में आयोजित हुआ अभिभावक प्रशिक्षण कार्यक्रम

गोरखपुर। दिव्यांग बच्चों के संवेदी, भाषा-वाणी एवं व्यवहार परिमार्जन की गृह आधारित तकनीकी पर एक दिवसीय अभिभावक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सीआरसी गोरखपुर में किया गया। जैसा कि सीआरसी में नियमित रूप से आने वाले दिव्यांग बच्चों के लिए संवेदी प्रशिक्षण, व्यवहार परिमार्जन भाषा विकास और विशेष शिक्षा से संबंधित सेवाएं उनको मिल रही हैं।

परंतु उनके समुचित विकास के लिए उनका उनके घर पर प्रबंधन आवश्यक है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सीआरसी गोरखपुर में अभिभावक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें राजेश कुमार, सहायक प्राध्यापक, नैदानिक मनोविज्ञान विभाग ने बच्चों के परिमार्जन हेतु घर में छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने के लिए अभिभावकों को कहा।

उन्होंने कहा कि यदि आपके घर में कोई अतिथि आते हैं तो बच्चों को सामाजिक व्यवहार सीखने के लिए उनको आगे लाना चाहिए। उनको नमस्ते जैसा सामान्य सामाजिक व्यवहार सीखाने हेतु प्रेरित करना चाहिए। इसी प्रकार रॉबिन ने भाषा और वाणी के विकास हेतु छोटे-छोटे क्रियाकलाप बताएं।

ताकि बच्चों का ध्यान भी विकसित हो। संजय प्रताप सिंह ने बच्चों के संवेदी प्रशिक्षण हेतु घर में क्रियाकलाप करने के लिए बताया। सीआरसी गोरखपुर के निदेशक जितेंद्र यादव ने कहा कि यदि अभिभावकों को प्रशिक्षित किया जाए तो वे सीआरसी की गतिविधियों को अपने घर पर भी बच्चों के साथ कर सकते हैं। जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास अवश्य होगा।

कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक अरविंद कुमार पांडे ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में दिव्यांगजन और उनके अभिभावकों ने प्रतिभाग किया।

हाथीपांव के मरीजों के लिए वरदान बन रहा प्रभावित अंग का बेहतर प्रबंधन


गोरखपुर, फाइलेरिया जिसे बोलचाल की भाषा में हाथीपांव भी कहते हैं । अगर एक बार हो जाए तो यह ठीक नहीं होता है। इसके कारण हुए हाथ और पांव के सूजन को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता है लेकिन अगर बेहतर प्रबन्धन किया जाए तो इस सूजन को नियंत्रित कर सकते हैं ।

ऐसा करके फाइलेरिया मरीज सामान्य जीवन जी रहे हैं और इस कार्य में स्वास्थ्य विभाग मोरबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसएबिलिटी प्रिवेंशन (एमएमडीपी) किट देकर उनकी मदद कर रहा है। मरीजों को एमएमडीपी किट देने के साथ साथ प्रभावित अंग के प्रबन्धन और व्यायाम का तरीका भी सिखाया जाता है।

गोरखपुर जिले में हाथीपांव के चिन्हित 2869 मरीजों में से 2153 मरीजों को 10 फरवरी तक यह किट वितरित की जा चुकी है।

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि हाथीपांव के मरीजों को बताया जाता है कि उन्हें प्रभावित अंग को सामान्य पानी से धुलना है। हाथ में साबुन पानी का झाग बना कर धीरे धीरे लगाना है।

अंग को रगड़ना नहीं है । फिर पानी से धुलने के बाद साफ तौलिये से थपकी देकर अंग को सुखाना है । अगर अंगुलियों के बीच कोई घाव बन जाता है तो उसके लिए एंटीफंगल क्रीम भी दी जाती है । साथ ही हाथीपांव के मरीज को पैरों के एडियों को दीवार के सहारे ऊपर उठा कर व्यायाम करने के बारे में बताया जाता है ।

इस तरीके से प्रभावित अंग की देखभाल करने से बीमारी बढ़ती नहीं है और सूजन में भी आराम मिलता है । ऐसा करने वाले मरीज फाइलेरिया के एक्यूट अटैक से भी सुरक्षित रहते हैं। एक्यूट अटैक की स्थिति में तेज बुखार और दर्द समेत मरीज को कई अन्य परेशानियां झेलनी पड़ती है ।

पिपराईच ब्लॉक के सरण्डा गांव के 60 वर्षीय संतराज पेशे से फेरी लगाते हैं । वह बताते हैं कि दो वर्ष पहले उनके बायें पैर में सूजन के साथ बुखार आया । पहले तो चौराहे की दवा ली और फिर चार महीने बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिपराईच गये ।

उन्हें फाइलेरिया का मरीज बता कर बुखार की दवा दी गयी । इसी बीच उनके गांव में लक्ष्मी सरण्डा फाइलेरिया समूह का गठन हो रहा था जिसके बारे में ब्लॉक से पता चला । जब संतराज समूह की बैठक में गये तो वहां सिखाया गया कि पैर की ठीक से देखभाल की जाए तो बुखार नहीं होगा और बीमारी भी नहीं बढ़ेगी ।

उन्हें एमएमडीपी किट दिया गया जिसमें टब, बाल्टी, मग, तौलिया, साबुन और एंटी फंगल क्रीम थी। वह बाल्टी में पैर रख कर नियमित साफ सफाई करने लगे । व्यायाम भी शुरू कर दिया। उन्हें काफी आराम है और अब बुखार नहीं आता है । उनके अति बुजुर्ग पिता के दोनों पैरों में पहले से ही चौथे चरण का हाथीपांव था ।

उन्होंने अपने पिता को भी यही अभ्यास कराया । रात में सोते समय तकिया लगाते हैं। पैर ज्यादा देर लटका कर नहीं बैठते हैं । पिता के पैरों का भी सूजन कम हुआ है और दोनों लोग सामान्य जीवन जी पा रहे हैं ।

की जा रही है मदद

गोरखपुर मंडल के सभी जिलों में हाथीपांव के मरीज हैं। उनको एमएमडीपी किट देने के साथ साथ प्रभावित अंग के प्रबन्धन की भी जानकारी दी जा रही है । जून 2023 के आंकड़ों के मुताबिक कुशीनगर जनपद में 1315, देवरिया में 1636 और महराजगंज में 498 हाथीपांव के मरीज हैं।

नये मरीजों को भी स्क्रिनिंग के जरिये ढूंढ कर प्रबन्धन सिखाया जा रहा है । गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया जनपद में फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्य नये मरीजों को ढूंढने और उन्हें जागरूक करने में भी निरंतर योगदान दे रहे हैं ।

इमामे आज़म अबू हनीफ़ा का मनाया गया उर्स-ए-पाक

गोरखपुर। मदीना मस्जिद रेती चौक, सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार, मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर व चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में मंगलवार को हज़रत सैयदना इमामे आज़म अबू हनीफ़ा रदियल्लाहु अन्हु का उर्स-ए-पाक मनाया गया। कुरआन ख्वानी, फातिहा ख़्वानी व दुआ ख़्वानी की गई।

मदीना मस्जिद में मुफ्ती मेराज अहमद क़ादरी ने कहा कि हज़रत इमामे आज़म अबू हनीफ़ा का नाम नोमान है। आप अबू हनीफ़ा के नाम से मशहूर है। आपकी पैदाइश 80 हिजरी में इराक़ के कूफा शहर में हुई। आपके वालिद का नाम साबित था। आप हज़रत अली की दुआ है।

इल्म-ए-हदीस की मारूफ शख्सियत आमिर शाबी कूफी के मशवरे पर इल्मे कलाम, इल्मे हदीस और इल्मे फिक़ह की तरफ ध्यान दिया और ऐसा कमाल पैदा किया कि इल्मी व अमली दुनिया में इमामे आज़म कहलाए।

सब्जपोश हाउस मस्जिद में हाफ़िज रहमत अली निज़ामी ने कहा कि हज़रत इमामे आज़म अबू हनीफ़ा ने क़ुरआन-ए-करीम और हदीस के ज़खीरे से उम्मते मुस्लिमा को इस तरह मसाइले शरइया से वाक़िफ कराया कि 1300 साल गुज़र जाने के बाद भी तक़रीबन 75 फीसद उम्मते मुस्लिमा उस पर चल रही है और ताकयामत चलती रहेगी। इमाम अबू हनीफ़ा को हदीस-ए-रसूल सिर्फ दो वास्तो (सहाबी और ताबई) से मिली है। बल्कि कई हदीस इमाम अबू हनीफ़ा ने सहाबा-ए-किराम से बराहे रास्त भी रिवायत की है।

चिश्तिया मस्जिद में मौलाना महमूद रज़ा क़ादरी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अपनी हयात में ही हज़रत इमाम अबू हनीफ़ा के बारे में बशारत दी थी। उस दौर के उलमा आपके बारे में कहते थे कि कूफा के इमाम अबू हनीफ़ा और उनका फिक़ह पर हमें रश्क है। इमाम अबू हनीफ़ा पेचीदा मसाइल को सब अहले इल्म से ज़्यादा जानने वाले थे।

इमाम अबू हनीफ़ा के पास वह इल्म था जिसको अहले ईमान के दिल क़बूल करते है। खलीफा-ए-वक्त ने 146 हिजरी में आपको क़ैद कर लिया। आपकी मक़बूलियत से खौफज़दा खलीफा-ए-वक़्त ने इमाम साहब को ज़हर दिलवा दिया। जिस वजह से 150 हिजरी में सहाबा व बड़े-बड़े ताबेईन से रिवायत करने वाला एक अज़ीम मुहद्दिस व फक़ीह दुनिया से रुखसत हो गया।

मकतब इस्लामियात में हाफिज अशरफ रज़ा ने कहा कि हज़रत इमाम अबू हनीफ़ा के उस्ताद शेख हम्माद, शेख इब्राहीम नखई व शेख अल्क़मा है। शेख हम्माद की सोहबत में इमाम अबू हनीफ़ा 18 साल रहे।

शेख हम्माद के इंतकाल के बाद कूफा में उनकी मसनद पर इमाम अबू हनीफा को ही बैठाया गया। गरज़ ये कि इमाम अबू हनीफ़ा हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसूद रदियल्लाहु अन्हु के इल्मी वरसा के वारिस बने। मुहद्दिसीन की एक जमात ने 8 सहाबा से इमाम अबू हनीफ़ा का रिवायत करना साबित किया है। अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क व मिल्लत के लिए दुआ की गई।

इस मौके पर अयान, हाफिज अरीब, हाफिज अब्दुल कय्यूम, फूल मुहम्मद, हाफिज सुब्हान, शहजाद, आसिफ, हाफिज अजमत अली आदि मौजूद रहे।

सीएम के कार्यक्रम स्थल का डीएम एसएसपी ने किया निरीक्षण

गोरखपुर। 14 फरवरी को संभावित मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल फर्टिलाइजर में आयोजित होने वाले सामूहिक विवाह समारोह में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने के लिए जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर सीडीओ संजय कुमार मीना पुलिस अधीक्षक उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने किया निरीक्षण।

सिकरीगंज में पुरानी रंजिश में युवकों ने मारपीट कर सर फोड़ा

सिकरीगंज गोरखपुर।थाना क्षेत्र के पिपरी गांव में पुरानी रंजिश में गांव के ही कुछ दबंग किस्म के लोग एक युवक को गालियां देते हुए मारपीट करने लगे। बीच-बचाव के लिए पहुंचे युवक के पिता को भी लोगों ने लाठी डंडे से मारपीट कर घायल कर दिया।

घायल अजय पुत्र स्वर्गीय लालजी प्रसाद 48 वर्ष ने 112 नंबर पुलिस को सूचना दी। मेडिकल के बाद पुलिस ने चार युवकों प्रिंस,गोल्डी,दीपांशु पुत्रगण कालीचरण और मुन्ना पुत्र स्वर्गीय रामधारी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और घटना की जांच में जुट गई है।

मनबढ़ युवक ने कुत्ते को दौड़ा कर मारी सहारा स्टेट में गोली, आतंक और सनसनी का माहौल

गोरखपुर। खोराबार थाना क्षेत्र अंतर्गत सहारा स्टेट में एक बनबड़ युवक ने कुत्ते को भरी दोपहर में दौड़ा कर गोली मार दी। इस घटना से पूरा सहारा स्टेट दहल गया है। दोपहर के वक्त जहां पर बच्चे खेल करते हैं बुजुर्ग बैठकर धूप सेकते हैं।

ठीक उसी जगह संतोष कुमार सिंह नामक युवक जो कि सहारा स्टेट के मल्हार ब्लॉक का रहने वाला है उसने कुत्ते को दौड़ा कर दो गोलियां मारी।गोली की आवाज सुनते ही सभी अचानक बाहर निकल गए, लोगों का जमावड़ा हो गया।

इसके बाद एक एनजीओ भी वहां पर पहुंची और कुत्ते की बॉडी को लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। लोगों की सूचना देने पर सिकटौर चौकी से पुलिस भी वहां पहुंची और आगे की विधिक कार्रवाई में लग गई है।

शोधार्थियों ने कुलपति से मिलकर ज्ञापित किया आभार

गोरखपुर।गोविवि के अंग्रेजी विभाग के 2019-20 के शोधार्थियों ने कुलपति प्रो. पूनम टंडन से मिलकर उनके द्वारा विद्यार्थियों के हित में लिए गए निर्णय के लिए आभार ज्ञापित किया।विभागाध्यक्ष प्रो.अजय कुमार शुक्ला की अगुआई में लगभग डेढ़ दर्जन शोधार्थियों ने कुलपति से मुलाकात कर उनके द्वारा परीक्षा परिणाम पर लिए गए त्वरित निर्णय पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

बताते चलें कि 2019-20 के शोधार्थियों का परीक्षा परिणाम लंबे समय से रुका हुआ था जिसकी वजह से इनका शोध कार्य प्रभावित हो रहा था।

विभागाध्यक्ष प्रो.अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि कुलपति ने कार्यभार ग्रहण करते समय ही उक्त प्रकरण को संवेदनशीलता पूर्वक प्रथम वरीयता में रखा था और उन्होंने समस्त शोधार्थियों को सकारात्मक परिणाम का संकेत दिया था।

आज की मुलाकात में उन्होंने समस्त शोधार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए सुझाव दिया कि वे अपना शोधकार्य जल्द से जल्द पूरा करें और सेवार्थ अग्रसर हों।

प्रो. शुक्ल ने बताया कि परिणाम जारी होने के ठीक बाद ही विभाग के स्तर पर सिनॉप्सिस प्रेजेंटेशन कराकर पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करा दी गई थी।विद्यार्थियों में इसको लेकर काफी उत्साह रहा।इस अवसर पर शोधार्थी अश्वनी,योगेंद्र,सविता,दीक्षा आदि उपस्थित रहे।

सीआरसी गोरखपुर में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय एपिलेप्सी दिवस

सीआरसी गोरखपुर में अंतर्राष्ट्रीय एपिलेप्सी दिवस के अवसर पर एक जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में एपिलेप्सी के कारण और निवारण पर सीआरसी गोरखपुर के विशेषज्ञ राजेश कुमार, सहायक प्राध्यापक नैदानिक मनोविज्ञान विभाग एवं श्री विजय गुप्ता, प्रवक्ता भौतिक चिकित्सा ने एपिलेप्सी के बचाव के बारे में बताते हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति को एपिलेप्सी का दौरा आए तो उसे खुली हवा में रखना चाहिए ताकि उसके ऑक्सीजन का स्तर कम न होने पाए एवं जब तक उस व्यक्ति को होश न आए तब तक उसके आसपास भीड़ नहीं लगानी चाहिए।

सीआरसी गोरखपुर के निदेशक जितेंद्र यादव ने कार्यक्रम कार्यक्रम की सफलता पर शुभकामना व्यक्त करते हुए कहा कि जागरूकता के माध्यम से हम एपिलेप्सी के दौरे में कमी ला सकते हैं।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया तथा श्री नागेन्द्र पांडे ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर सीआरसी गोरखपुर के सभी अधिकारी और कर्मचारी गण उपस्थित रहे।