सीआरसी गोरखपुर में आयोजित हुआ अभिभावक प्रशिक्षण कार्यक्रम

गोरखपुर। दिव्यांग बच्चों के संवेदी, भाषा-वाणी एवं व्यवहार परिमार्जन की गृह आधारित तकनीकी पर एक दिवसीय अभिभावक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सीआरसी गोरखपुर में किया गया। जैसा कि सीआरसी में नियमित रूप से आने वाले दिव्यांग बच्चों के लिए संवेदी प्रशिक्षण, व्यवहार परिमार्जन भाषा विकास और विशेष शिक्षा से संबंधित सेवाएं उनको मिल रही हैं।

परंतु उनके समुचित विकास के लिए उनका उनके घर पर प्रबंधन आवश्यक है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सीआरसी गोरखपुर में अभिभावक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें राजेश कुमार, सहायक प्राध्यापक, नैदानिक मनोविज्ञान विभाग ने बच्चों के परिमार्जन हेतु घर में छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने के लिए अभिभावकों को कहा।

उन्होंने कहा कि यदि आपके घर में कोई अतिथि आते हैं तो बच्चों को सामाजिक व्यवहार सीखने के लिए उनको आगे लाना चाहिए। उनको नमस्ते जैसा सामान्य सामाजिक व्यवहार सीखाने हेतु प्रेरित करना चाहिए। इसी प्रकार रॉबिन ने भाषा और वाणी के विकास हेतु छोटे-छोटे क्रियाकलाप बताएं।

ताकि बच्चों का ध्यान भी विकसित हो। संजय प्रताप सिंह ने बच्चों के संवेदी प्रशिक्षण हेतु घर में क्रियाकलाप करने के लिए बताया। सीआरसी गोरखपुर के निदेशक जितेंद्र यादव ने कहा कि यदि अभिभावकों को प्रशिक्षित किया जाए तो वे सीआरसी की गतिविधियों को अपने घर पर भी बच्चों के साथ कर सकते हैं। जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास अवश्य होगा।

कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक अरविंद कुमार पांडे ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में दिव्यांगजन और उनके अभिभावकों ने प्रतिभाग किया।

हाथीपांव के मरीजों के लिए वरदान बन रहा प्रभावित अंग का बेहतर प्रबंधन


गोरखपुर, फाइलेरिया जिसे बोलचाल की भाषा में हाथीपांव भी कहते हैं । अगर एक बार हो जाए तो यह ठीक नहीं होता है। इसके कारण हुए हाथ और पांव के सूजन को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता है लेकिन अगर बेहतर प्रबन्धन किया जाए तो इस सूजन को नियंत्रित कर सकते हैं ।

ऐसा करके फाइलेरिया मरीज सामान्य जीवन जी रहे हैं और इस कार्य में स्वास्थ्य विभाग मोरबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसएबिलिटी प्रिवेंशन (एमएमडीपी) किट देकर उनकी मदद कर रहा है। मरीजों को एमएमडीपी किट देने के साथ साथ प्रभावित अंग के प्रबन्धन और व्यायाम का तरीका भी सिखाया जाता है।

गोरखपुर जिले में हाथीपांव के चिन्हित 2869 मरीजों में से 2153 मरीजों को 10 फरवरी तक यह किट वितरित की जा चुकी है।

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि हाथीपांव के मरीजों को बताया जाता है कि उन्हें प्रभावित अंग को सामान्य पानी से धुलना है। हाथ में साबुन पानी का झाग बना कर धीरे धीरे लगाना है।

अंग को रगड़ना नहीं है । फिर पानी से धुलने के बाद साफ तौलिये से थपकी देकर अंग को सुखाना है । अगर अंगुलियों के बीच कोई घाव बन जाता है तो उसके लिए एंटीफंगल क्रीम भी दी जाती है । साथ ही हाथीपांव के मरीज को पैरों के एडियों को दीवार के सहारे ऊपर उठा कर व्यायाम करने के बारे में बताया जाता है ।

इस तरीके से प्रभावित अंग की देखभाल करने से बीमारी बढ़ती नहीं है और सूजन में भी आराम मिलता है । ऐसा करने वाले मरीज फाइलेरिया के एक्यूट अटैक से भी सुरक्षित रहते हैं। एक्यूट अटैक की स्थिति में तेज बुखार और दर्द समेत मरीज को कई अन्य परेशानियां झेलनी पड़ती है ।

पिपराईच ब्लॉक के सरण्डा गांव के 60 वर्षीय संतराज पेशे से फेरी लगाते हैं । वह बताते हैं कि दो वर्ष पहले उनके बायें पैर में सूजन के साथ बुखार आया । पहले तो चौराहे की दवा ली और फिर चार महीने बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिपराईच गये ।

उन्हें फाइलेरिया का मरीज बता कर बुखार की दवा दी गयी । इसी बीच उनके गांव में लक्ष्मी सरण्डा फाइलेरिया समूह का गठन हो रहा था जिसके बारे में ब्लॉक से पता चला । जब संतराज समूह की बैठक में गये तो वहां सिखाया गया कि पैर की ठीक से देखभाल की जाए तो बुखार नहीं होगा और बीमारी भी नहीं बढ़ेगी ।

उन्हें एमएमडीपी किट दिया गया जिसमें टब, बाल्टी, मग, तौलिया, साबुन और एंटी फंगल क्रीम थी। वह बाल्टी में पैर रख कर नियमित साफ सफाई करने लगे । व्यायाम भी शुरू कर दिया। उन्हें काफी आराम है और अब बुखार नहीं आता है । उनके अति बुजुर्ग पिता के दोनों पैरों में पहले से ही चौथे चरण का हाथीपांव था ।

उन्होंने अपने पिता को भी यही अभ्यास कराया । रात में सोते समय तकिया लगाते हैं। पैर ज्यादा देर लटका कर नहीं बैठते हैं । पिता के पैरों का भी सूजन कम हुआ है और दोनों लोग सामान्य जीवन जी पा रहे हैं ।

की जा रही है मदद

गोरखपुर मंडल के सभी जिलों में हाथीपांव के मरीज हैं। उनको एमएमडीपी किट देने के साथ साथ प्रभावित अंग के प्रबन्धन की भी जानकारी दी जा रही है । जून 2023 के आंकड़ों के मुताबिक कुशीनगर जनपद में 1315, देवरिया में 1636 और महराजगंज में 498 हाथीपांव के मरीज हैं।

नये मरीजों को भी स्क्रिनिंग के जरिये ढूंढ कर प्रबन्धन सिखाया जा रहा है । गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया जनपद में फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्य नये मरीजों को ढूंढने और उन्हें जागरूक करने में भी निरंतर योगदान दे रहे हैं ।

इमामे आज़म अबू हनीफ़ा का मनाया गया उर्स-ए-पाक

गोरखपुर। मदीना मस्जिद रेती चौक, सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार, मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर व चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में मंगलवार को हज़रत सैयदना इमामे आज़म अबू हनीफ़ा रदियल्लाहु अन्हु का उर्स-ए-पाक मनाया गया। कुरआन ख्वानी, फातिहा ख़्वानी व दुआ ख़्वानी की गई।

मदीना मस्जिद में मुफ्ती मेराज अहमद क़ादरी ने कहा कि हज़रत इमामे आज़म अबू हनीफ़ा का नाम नोमान है। आप अबू हनीफ़ा के नाम से मशहूर है। आपकी पैदाइश 80 हिजरी में इराक़ के कूफा शहर में हुई। आपके वालिद का नाम साबित था। आप हज़रत अली की दुआ है।

इल्म-ए-हदीस की मारूफ शख्सियत आमिर शाबी कूफी के मशवरे पर इल्मे कलाम, इल्मे हदीस और इल्मे फिक़ह की तरफ ध्यान दिया और ऐसा कमाल पैदा किया कि इल्मी व अमली दुनिया में इमामे आज़म कहलाए।

सब्जपोश हाउस मस्जिद में हाफ़िज रहमत अली निज़ामी ने कहा कि हज़रत इमामे आज़म अबू हनीफ़ा ने क़ुरआन-ए-करीम और हदीस के ज़खीरे से उम्मते मुस्लिमा को इस तरह मसाइले शरइया से वाक़िफ कराया कि 1300 साल गुज़र जाने के बाद भी तक़रीबन 75 फीसद उम्मते मुस्लिमा उस पर चल रही है और ताकयामत चलती रहेगी। इमाम अबू हनीफ़ा को हदीस-ए-रसूल सिर्फ दो वास्तो (सहाबी और ताबई) से मिली है। बल्कि कई हदीस इमाम अबू हनीफ़ा ने सहाबा-ए-किराम से बराहे रास्त भी रिवायत की है।

चिश्तिया मस्जिद में मौलाना महमूद रज़ा क़ादरी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अपनी हयात में ही हज़रत इमाम अबू हनीफ़ा के बारे में बशारत दी थी। उस दौर के उलमा आपके बारे में कहते थे कि कूफा के इमाम अबू हनीफ़ा और उनका फिक़ह पर हमें रश्क है। इमाम अबू हनीफ़ा पेचीदा मसाइल को सब अहले इल्म से ज़्यादा जानने वाले थे।

इमाम अबू हनीफ़ा के पास वह इल्म था जिसको अहले ईमान के दिल क़बूल करते है। खलीफा-ए-वक्त ने 146 हिजरी में आपको क़ैद कर लिया। आपकी मक़बूलियत से खौफज़दा खलीफा-ए-वक़्त ने इमाम साहब को ज़हर दिलवा दिया। जिस वजह से 150 हिजरी में सहाबा व बड़े-बड़े ताबेईन से रिवायत करने वाला एक अज़ीम मुहद्दिस व फक़ीह दुनिया से रुखसत हो गया।

मकतब इस्लामियात में हाफिज अशरफ रज़ा ने कहा कि हज़रत इमाम अबू हनीफ़ा के उस्ताद शेख हम्माद, शेख इब्राहीम नखई व शेख अल्क़मा है। शेख हम्माद की सोहबत में इमाम अबू हनीफ़ा 18 साल रहे।

शेख हम्माद के इंतकाल के बाद कूफा में उनकी मसनद पर इमाम अबू हनीफा को ही बैठाया गया। गरज़ ये कि इमाम अबू हनीफ़ा हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसूद रदियल्लाहु अन्हु के इल्मी वरसा के वारिस बने। मुहद्दिसीन की एक जमात ने 8 सहाबा से इमाम अबू हनीफ़ा का रिवायत करना साबित किया है। अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क व मिल्लत के लिए दुआ की गई।

इस मौके पर अयान, हाफिज अरीब, हाफिज अब्दुल कय्यूम, फूल मुहम्मद, हाफिज सुब्हान, शहजाद, आसिफ, हाफिज अजमत अली आदि मौजूद रहे।

सीएम के कार्यक्रम स्थल का डीएम एसएसपी ने किया निरीक्षण

गोरखपुर। 14 फरवरी को संभावित मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल फर्टिलाइजर में आयोजित होने वाले सामूहिक विवाह समारोह में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने के लिए जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर सीडीओ संजय कुमार मीना पुलिस अधीक्षक उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने किया निरीक्षण।

सिकरीगंज में पुरानी रंजिश में युवकों ने मारपीट कर सर फोड़ा

सिकरीगंज गोरखपुर।थाना क्षेत्र के पिपरी गांव में पुरानी रंजिश में गांव के ही कुछ दबंग किस्म के लोग एक युवक को गालियां देते हुए मारपीट करने लगे। बीच-बचाव के लिए पहुंचे युवक के पिता को भी लोगों ने लाठी डंडे से मारपीट कर घायल कर दिया।

घायल अजय पुत्र स्वर्गीय लालजी प्रसाद 48 वर्ष ने 112 नंबर पुलिस को सूचना दी। मेडिकल के बाद पुलिस ने चार युवकों प्रिंस,गोल्डी,दीपांशु पुत्रगण कालीचरण और मुन्ना पुत्र स्वर्गीय रामधारी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और घटना की जांच में जुट गई है।

मनबढ़ युवक ने कुत्ते को दौड़ा कर मारी सहारा स्टेट में गोली, आतंक और सनसनी का माहौल

गोरखपुर। खोराबार थाना क्षेत्र अंतर्गत सहारा स्टेट में एक बनबड़ युवक ने कुत्ते को भरी दोपहर में दौड़ा कर गोली मार दी। इस घटना से पूरा सहारा स्टेट दहल गया है। दोपहर के वक्त जहां पर बच्चे खेल करते हैं बुजुर्ग बैठकर धूप सेकते हैं।

ठीक उसी जगह संतोष कुमार सिंह नामक युवक जो कि सहारा स्टेट के मल्हार ब्लॉक का रहने वाला है उसने कुत्ते को दौड़ा कर दो गोलियां मारी।गोली की आवाज सुनते ही सभी अचानक बाहर निकल गए, लोगों का जमावड़ा हो गया।

इसके बाद एक एनजीओ भी वहां पर पहुंची और कुत्ते की बॉडी को लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। लोगों की सूचना देने पर सिकटौर चौकी से पुलिस भी वहां पहुंची और आगे की विधिक कार्रवाई में लग गई है।

शोधार्थियों ने कुलपति से मिलकर ज्ञापित किया आभार

गोरखपुर।गोविवि के अंग्रेजी विभाग के 2019-20 के शोधार्थियों ने कुलपति प्रो. पूनम टंडन से मिलकर उनके द्वारा विद्यार्थियों के हित में लिए गए निर्णय के लिए आभार ज्ञापित किया।विभागाध्यक्ष प्रो.अजय कुमार शुक्ला की अगुआई में लगभग डेढ़ दर्जन शोधार्थियों ने कुलपति से मुलाकात कर उनके द्वारा परीक्षा परिणाम पर लिए गए त्वरित निर्णय पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

बताते चलें कि 2019-20 के शोधार्थियों का परीक्षा परिणाम लंबे समय से रुका हुआ था जिसकी वजह से इनका शोध कार्य प्रभावित हो रहा था।

विभागाध्यक्ष प्रो.अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि कुलपति ने कार्यभार ग्रहण करते समय ही उक्त प्रकरण को संवेदनशीलता पूर्वक प्रथम वरीयता में रखा था और उन्होंने समस्त शोधार्थियों को सकारात्मक परिणाम का संकेत दिया था।

आज की मुलाकात में उन्होंने समस्त शोधार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए सुझाव दिया कि वे अपना शोधकार्य जल्द से जल्द पूरा करें और सेवार्थ अग्रसर हों।

प्रो. शुक्ल ने बताया कि परिणाम जारी होने के ठीक बाद ही विभाग के स्तर पर सिनॉप्सिस प्रेजेंटेशन कराकर पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करा दी गई थी।विद्यार्थियों में इसको लेकर काफी उत्साह रहा।इस अवसर पर शोधार्थी अश्वनी,योगेंद्र,सविता,दीक्षा आदि उपस्थित रहे।

सीआरसी गोरखपुर में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय एपिलेप्सी दिवस

सीआरसी गोरखपुर में अंतर्राष्ट्रीय एपिलेप्सी दिवस के अवसर पर एक जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में एपिलेप्सी के कारण और निवारण पर सीआरसी गोरखपुर के विशेषज्ञ राजेश कुमार, सहायक प्राध्यापक नैदानिक मनोविज्ञान विभाग एवं श्री विजय गुप्ता, प्रवक्ता भौतिक चिकित्सा ने एपिलेप्सी के बचाव के बारे में बताते हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति को एपिलेप्सी का दौरा आए तो उसे खुली हवा में रखना चाहिए ताकि उसके ऑक्सीजन का स्तर कम न होने पाए एवं जब तक उस व्यक्ति को होश न आए तब तक उसके आसपास भीड़ नहीं लगानी चाहिए।

सीआरसी गोरखपुर के निदेशक जितेंद्र यादव ने कार्यक्रम कार्यक्रम की सफलता पर शुभकामना व्यक्त करते हुए कहा कि जागरूकता के माध्यम से हम एपिलेप्सी के दौरे में कमी ला सकते हैं।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया तथा श्री नागेन्द्र पांडे ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर सीआरसी गोरखपुर के सभी अधिकारी और कर्मचारी गण उपस्थित रहे।

जन कल्याण का भी मंच बना गोरखनाथ मंदिर का खिचड़ी मेला

गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर का प्रसिद्ध खिचड़ी मेला आस्था की अभिव्यक्ति, मनोरंजन और रोजगार का संगम होने के साथ ही जन कल्याण के एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में भी उभरा है। मेला परिसर में लगे विभिन्न शासकीय विभागों के स्टालों पर एक माह में बड़ी संख्या में नए लाभार्थियों को जन कल्याणकारी योजनाओं से आच्छादित किया गया है।

खिचड़ी मेला परिसर में मनरेगा, निराश्रित महिला पेंशन, निराश्रित, वृद्धावस्था व दिव्यांगजन पेंशन, शादी अनुदान, रोजगार और कृषि से संबंधित आए आवेदनों को निस्तारित कर आवेदकों को जीवन की नई राह दिखाई है।

खिचड़ी मेला में एक माह के दौरान ग्राम्य विकास विभाग (मनरेगा) के स्टाल पर 2796 आवेदन आए और इन सभी को निस्तारित करते हुए योजना के दायरे में लाया गया। जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के स्टाल पर 19 लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत आवास देने की गुहार लगाई।

इन सभी लोगों का आवास स्वीकृत किया गया है। जिला महिला कल्याण विभाग (जिला प्रोबेशन) के स्टाल पर पति की मृत्यु के बाद निराश्रित महिला पेंशन के लिए आए सभी 15 आवेदनों को निस्तारित कर इन महिलाओं को संबल प्रदान किया गया। जबकि इसी स्टाल पर मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत आए 19 आवेदन निस्तारित किए गए।

इस दौरान जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने शादी अनुदान के लिए आए 71 आवेदन निस्तारित किए। समाज कल्याण विभाग ने अलग अलग योजनाओं के लिए प्राप्त सभी आवेदनों को निस्तारित करते हुए 1315 लोगों को वृद्धावस्था पेंशन, 130 लोगों को राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना और 12 लोगों को दलित उत्पीड़न के मामलों में आर्थिक सहायता का मार्ग प्रशस्त किया।

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने दिव्यांगजन पेंशन के 211, दुकान संचालन योजना के 3 तथा कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण की आवश्यकता से जुड़े 10 आवेदनों का संतुष्टिपरक समाधान किया।

राजकीय उद्यान विभाग को एकीकृत बागवानी मिशन का लाभ प्राप्त करने के लिए 145 लोगों आवेदन मिले, इनमें से 142 आवेदन निस्तारित कर दिए गए। इसी विभाग को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को प्राप्त 74 आवेदन भी निस्तारित हो गए हैं।

कृषि विभाग (भूमि संरक्षण) के पास आए खेत तालाब योजना के एक मामले को भी मंजूरी दी गई। बाल विकास विभाग के स्टाल पर 410181 लोगों को अनुपूरक पुष्टाहार प्राप्त हुआ तो खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के 14 और मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग योजना के तहत आए एक आवेदन को निस्तारित किया।

गोरखपुर के मुख्य विकास अधिकारी संजय मीना बताते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश है कि कोई भी पात्र व्यक्ति शासन की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं होना चाहिए। इसके दृष्टिगत गोरखनाथ मंदिर के खिचड़ी मेला में भी व्यापक अभियान चलाया गया। इस दौरान विभिन्न विभागों ने शासन की मंशा को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कोटेदारों को मिले 1868 इलेक्ट्राॅनिक तराजू, रुकेगी घटतौली

गोरखपुर। सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर मिल रही घटतौलि की शिकायत को रोकने के लिए इलेक्ट्राॅनिक वेइंग मशीनें शासन स्तर से उपलब्ध हुआ अब कोटेदारों की नहीं चलेगी मनमानी उपभोक्ताओं को मिलेंगे पूरे राशन। गोरखपुर में (उपभोक्ताओं) को 14 फरवरी से 1868 कोटेदारों को इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन से 7 लाख 45 हजार परिवार के राशन कार्ड के जरिए 38 लाख लाभार्थियों को लाभ दिया जाएगा।

सदर तहसील अंतर्गत सदर तहसील सभागार में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/ एसडीएम सदर मृणाली अविनाश जोशी के निगरानी में जिला पूर्ति अधिकारी रामेंद्र प्रताप सिंह द्वारा नियुक्त सप्लाई इंस्पेक्टर संजीत द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन कोटेदारों को वितरण किया जा रहा जिससे 14 फरवरी से मिलने वाले राशन को उपभोक्ता अपने कोटेदारों के यहां से बिना किसी शिकायत के पूरे राशन उठा सकेंगे।

जिला पूर्ति अधिकारी रामेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कोटे की दुकानों पर राशन की घटतौली को पूरी तरह से रोकने के लिए जिले को 1868 इलेक्ट्राॅनिक वेइंग मशीनें मिल गई हैं। जिसे तहसील स्तर पर भेज दिया गया है ये मशीनें अंगूठा लगाने वाली ई-पॉस मशीन से जुड़ी होने के कारण कोटेदार राशन की घटतौली नहीं कर पाएंगे। सभी तहसीलों को मशीनें उपलब्ध करा दी गई हैं।

सदर तहसील सभागार में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/ एसडीएम सदर मृणाली अविनाश जोशी की देखरेख में सप्लाई इंस्पेक्टर संजीत द्वारा सदर तहसील को मिले 367 इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन वितरण किया जा रहा।

वर्तमान समय में कोटेदार ई-पॉस मशीन पर अंगूठा लगवाने के बाद सामान्य तराजू से राशन तौलकर कार्डधारकों को दे रहे थे।

ऐसे में कोटेदार मनमाने तरीके राशन की तौल कर घटतौली कर रहे थे। मनमानी को रोकने के लिए अब ई-पॉस मशीन से जुड़ी इलेक्ट्राॅनिक तौल मशीनें सभी 1868 कोटे की दुकानों पर लगाई जाएंगी जो सदर तहसील के 367 कोटेदारों को इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन वितरण कर दिया गया है 14 फरवरी 2024 से अपने-अपने राशन की दुकान से पात्र लाभार्थियों को राशन वितरण करने का कार्य करेंगे।

ऐसा होने के बाद अंगूठा लगाने के बाद जितनी यूनिटों पर बॉयोमीट्रिक सत्यापन होगा, कोटेदार को उतनी यूनिट का राशन तौलकर कार्डधारक को देना होगा। कम राशन की तौल करने पर ऑनलाइन रिपोर्ट में राशन की घटतौली की पुष्टि हो जाएगी। इससे पूर्व बांट-माप विभाग मशीनों की ई- स्टैंपिंग कर कोटेदारों को प्रशिक्षण दे चुके हैं अब ई-पॉश से जुड़ी इलेक्ट्राॅनिंग वेइंग मशीनें उपलब्ध कराई जा रही जो 14 फरवरी से जनपद के सभी 1868 कोटेदार 7 लाख 45 हजार पात्र परिवारों के 38 लाख लाभार्थियों को राशन वितरण करने का कार्य करेंगे

नई मशीनों से गरीबों में राशन का वितरण शुरू होने से घटतौली रुक जायेगी।