महाराष्ट्र में डिप्टी CM अजित पवार की पत्नी के पोस्टर पर फेंकी गई काली स्याही, लोकसभा कैंडीडेट बनाने की तैयारी

डेस्क: महाराष्ट्र के बारामती में डिप्टी सीएम अजित पवार की पत्नी के पोस्टर पर काली स्याही फेंकने का मामला सामने आया है। बता दें कि इस बार अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को बारामती से लोकसभा सीट पर उम्मीदवार बनाने की तैयारी की जा रही है। इस समय बारामती से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले सांसद हैं। बता दें कि पुणे की बारामती लोकसभा सीट, पवार परिवार की पारंपरिक सीट मानी जाती है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल एनसीपी पार्टी और उसका सिंबल अजित पवार के पास जाने से शरद पवार गुट के कार्यकर्ता गुस्से में हैं। इसी बीच खबर आई कि अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को बारामती से लोकसभा चुनाव लड़वाया जा सकता है। ऐसे में बारामती में लगे सुनेत्रा पवार के पोस्टर पर अज्ञात लोगों ने कालिख पोत दी। हालांकि जैसे ही ये मामला सामने आया, वैसे ही पुलिस और स्थानीय लोगों ने इस पोस्टर को हटा दिया। 

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और चाचा-भतीजे के बीच मतभेद की खाई बढ़ती जा रही है। शरद पवार और अजित पवार गुट की ये लड़ाई कितनी लंबी चलेगी और आने वाले चुनावों में कौन जनता का आशीर्वाद पाएगा, ये तो समय ही बताएगा।

राजस्थान के सिरोही से शर्मसार करने वाली खबर, नौकरी दिलाने के नाम पर 20 महिलाओं से सामूहिक दुष्कर्म के बाद बनाया वीडियो, केस दर्ज

राजस्थान के सिरोही से शर्मसार करने वाली खबर सामने आई है। यहां सिरोही नगर परिषद के पूर्व आयुक्त और अध्यक्ष पर लगभग 20 महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगा है। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल जांच चल रही है।

राजस्थान के सिरोही में करीब 20 महिलाओं से सामूहिक दुष्कर्म के बाद सिरोही नगर परिषद के पूर्व आयुक्त और अध्यक्ष के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। दोनों लोगों पर आंगनवाड़ी में नौकरी दिलाने के नाम पर करीब 20 महिलाओं से सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगा है।

यह घटना तब सामने आई जब पाली जिले की एक महिला ने पुलिस से संपर्क किया और आरोप लगाया कि आरोपी ने उसे और लगभग 20 अन्य महिलाओं को नौकरी दिलाने का लालच दिया था। महिला ने यह भी दावा किया कि आरोपियों ने उनका वीडियो बना लिया हैं।

शिकायतकर्ता के अनुसार, वह महिलाओं के साथ कई महीने पहले आंगनवाड़ी में काम करने के लिए सिरोही गई थी। वहीं पर उनकी मुलाकात आरोपियों से हुई। उन्होंने महिलाओं को रहने के लिए घर और भोजन की व्यवस्था की। महिला ने कहा कि खाने में नशीला पदार्थ मिला था। इसके बाद उनके साथ कुकर्म किया गया।

होश में आने पर उन्होंने आरोपियों से सवाल किया। आरोपियों ने उन्हें धोखा देने की बात स्वीकार की। उन्होंने महिलाओं की मांग को पूरा करने के लिए कथित तौर पर उनके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए भी मजबूर किया। फिलहाल राजस्थान हाईकोर्ट ने आठ महिलाओं की याचिका के बाद मामला दर्ज करने का आदेश दिया है, आगे की जांच की जा रही है।

पृथ्‍वी के बाहर इस ग्रह पर 10 लाख लोगों को बसाएंगे एलन मस्क, पेश किया पूरा खाका

डेस्क: अरबपति एलन मस्क हमेशा कुछ अजूबा और नया करने के लिए जाने जाते हैं। अब उन्होंने ऐलान किया है कि वह पृथ्वी के बाहर मंगल ग्रह पर 10 लाख लोगों को बसाएंगे। मस्क ने रविवार को दस लाख लोगों को मंगल ग्रह पर शिफ्ट करने की योजना की घोषणा की है। 

एलन मस्क ने एक्स डॉट कॉम पर एक पोस्ट में लिखा, हम दस लाख लोगों को मंगल ग्रह पर ले जाने के लिए एक गेम प्लान तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, स्टारशिप अब तक बना सबसे बड़ा रॉकेट है, जो हमें मंगल ग्रह तक ले जाएगा।

मंगल ग्रह की यात्रा उड़ान की तरह होगी

एलन मस्क ने कहा कि एक दिन, मंगल ग्रह की यात्रा पूरे देश में एक उड़ान की तरह होगी। उन्होंने यह जवाब उन यूजर्स को दिया जिन्होंने लाल ग्रह पर स्टारशिप के लॉन्च के बारे में पूछा था। एलन मस्क ने बीते हफ्ते कहा था कि स्टारशिप को 5 साल से कम समय में चंद्रमा पर पहुंचने में सक्षम होना चाहिए। स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष यात्रियों को आधी सदी से भी अधिक समय में पृथ्वी से सबसे दूर ले जाएगा। मंगल ग्रह पर रहने के लिए बहुत काम करना होगा।

चंद्रमा पर भी मानव भेजने की योजना 

इसके अलावा, एलन मस्क ने जनवरी में कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि स्पेसएक्स अगले आठ वर्षों के भीतर लोगों को चंद्रमा पर भेजेगा। मस्क ने कहा, "अब से आठ साल बाद चीजें कैसी होंगी। मुझे लगता है कि हम मंगल ग्रह पर उतर चुके होंगे और मुझे लगता है कि हमने लोगों को चंद्रमा पर भेज दिया होगा।" उनका लक्ष्य चंद्रमा पर बेस बनाने का भी है। उन्होंने कहा, हमें चंद्रमा पर स्थायी रूप से कब्जे वाले मानव आधार की तरह चंद्रमा पर एक आधार बनाना चाहिए, और फिर लोगों को मंगल ग्रह पर भेजना चाहिए। उन्होंने बीते दिनों कहा था कि हो सकता है कि अंतरिक्ष स्टेशन से परे भी कुछ हो, लेकिन हम देखेंगे।

उत्तराखंड में हल्द्वानी बवाल का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक दिल्ली से गिरफ्तार, हिरासत में 60 से ज्यादा लोग

 उत्तराखंड में हल्द्वानी के बनभूलपुरा में मलिक के बगीचे में अतिक्रमण हटाने के दौरान हुए बवाल के मास्टरमाइंड बताए जा रहे अब्दुल मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्रों के अनुसार, दिल्ली और उत्तराखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने मलिक को दिल्ली में गिरफ्तार किया है। हालांकि अभी पुलिस अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

वहीं, पुलिस अभी तक धरपकड़ करते हुए 60 से ज्यादा लोगों को हिरासत में ले चुकी है। सर्च ऑपरेशन चलाकर दो निर्वतमान पार्षद समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, बताया जा रहा है कि अब्दुल मलिक को भी आज पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है।

हल्द्वानी में बंद इंटरनेट सेवा बहाल

हल्द्वानी में हिंसा की घटना के बाद से बंद इंटरनेट सुविधा आज रविवार को बहाल कर दी गई है। उत्तराखंड पुलिस ने अपने एक्स पेज पर पोस्ट करते हुए लिखा ‘यदि कोई भी व्यक्ति सांप्रदायिक सौहार्द एवं कानून व्यवस्था को प्रभावित करने संबंधी भड़काऊ पोस्ट, फोटो, वीडियो या कमेंट सोशल मीडिया में प्रसारित करेगा उसके विरुद्ध कठोर वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।’

बनभूलपुरा को छोड़कर शेष जगह से कर्फ्यू हटा

प्रशासन ने प्रभावित इलाकों को छोड़कर शहर के शेष हिस्से से कर्फ्यू हटा लिया है। डीएम वंदना ने बताया कि संपूर्ण बनभूलपुरा क्षेत्र आर्मी (कैंट) वर्कशॉप लाइन, तिकोनिया- तीनपानी गौलापार बाईपास का क्षेत्र छोड़कर पूरे शहर को कर्फ्यू मुक्त कर दिया गया है। कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में प्रशासन की टीम दूध, राशन और दवा पहुंचाने की व्यवस्था कर रही है।

जमीन की देखरेख करते-करते मलिक बन बैठा मालिक

जिस भूमि पर विवाद चल रहा है। उस जमीन पर कई पेच हैं। जमीन किसी और को कृषि कार्य के लिए मिलती है। इसे किसी और को बेचा जाता है। बाद में जमीन अब्दुल मलिक के पिता को उपहार में मिल गई। इसके बाद ये जमीन मलिक के पास आ जाती है। बनभूलपुरा क्षेत्र में रहने वालों का दावा है कि कॉलोनियल सरकार ने मोहम्मद यासीन को वर्ष 1937 में यह जमीन कृषि के लिए लीज पर दी थी। अब्दुल मलिक और सफिया मलिक इस संपत्ति की देखरेख कर रहे थे। सफिया मलिक के वकील ने नगर निगम के 30 जनवरी को ध्वस्तीकरण संबंधित नोटिस के खिलाफ छह फरवरी को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।

ममता की TMC ने किया बड़ा ऐलान, राज्यसभा के लिए की 4 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा

डेस्क: पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए चार उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। टीएमसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बात की जानकारी दी है।

 टीएमसी के एक्स अकाउंट से किए गए एक पोस्ट में लिखा गया है कि ‘‘हमें आगामी राज्यसभा चुनावों के लिए सागरिका घोष, सुष्मिता देव, मोहम्मद नदीमुल हक और ममता बाला ठाकुर की उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।’’ टीएमसी ने लिखा है कि ‘‘हम उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं और आशा करते हैं कि वे हर भारतीय के अधिकारों की रक्षा के लिए अदम्य भावना और मुखर होने की तृणमूल की स्थायी विरासत को बनाए रखने की दिशा में काम करें।’’

राज्यसभा की इन सीटों पर होना है चुनाव

बता दें कि राज्यसभा में 15 राज्यों की 56 सीट के लिए द्विवार्षिक चुनाव 27 फरवरी को होना है। निर्वाचन आयोग ने पहले ही इस बात को लेकर जानकारी साझा कर दी है। चुनाव आयोग ने बताया कि 50 सदस्य दो अप्रैल को सेवानिवृत्त होंगे, जबकि छह सदस्य तीन अप्रैल को सेवानिवृत्त होंगे।

 जिन राज्यों से सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उनमें आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और राजस्थान शामिल हैं। चुनाव आयोग के अनुसार उत्तर प्रदेश में 10, महाराष्ट्र में 6, बिहार में 6, पश्चिम बंगाल में 5, मध्य प्रदेश में 5, गुजरात में 4, कर्नाटक में 4, आंध्र प्रदेश में 3, तेलंगाना में 3, राजस्थान में 3, ओडिशा में 3, उत्तराखंड में 1, छत्तीसगढ़ में 1, हरियाणा में 1 और हिमाचल प्रदेश की एक सीट पर राज्यसभा का मतदान होगा। 

कब-कब खाली हो रही राज्यसभा सीटें

चुनाव आयोग ने बताया कि सबसे अधिक संख्या में 10 सांसद उत्तर प्रदेश से 2 अप्रैल, 2024 को सेवानिवृत्त होंगे। इसके अलावा महाराष्ट्र और बिहार दोनों में 6 सदस्य 2 अप्रैल 2024 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस बीच, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में प्रत्येक में 5 सदस्य उसी तिथि पर सेवानिवृत्त होंगे। कर्नाटक और गुजरात दोनों में 2 अप्रैल, 2024 को 4 सदस्यों की सेवानिवृत्ति होगी। 

आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और राजस्थान, प्रत्येक में तीन सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं। जबकि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के सदस्य 2 अप्रैल, 2024 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, ओडिशा और राजस्थान के सदस्य 3 अप्रैल, 2024 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में से प्रत्येक में 2 अप्रैल, 2024 को एक सदस्य की सेवानिवृत्ति होगी।

अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान कल जाएंगे अयोध्या, परिवार के साथ करेंगे रामलला के दर्शन

डेस्क: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केर्जिवल और पंजाब के सीएम भगवंत मान सोमवार को अयोध्या जाएंगे। सूत्रों के अनुसार, पंजाब के सीएम भगवंत मान आज रविवार शाम को परिवार के साथ दिल्ली पहुंच रहे हैं। दिल्ली से ही दोनों मुख्यमंत्री अपने परिवार के साथ अयोध्या के लिए रवाना होंगे। सूत्रों के अनुसार, ये दोनों मुख्यमंत्री अपने माता-पिता और पत्नी के साथ अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन करेंगे।

वहीं रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ 22 जनवरी के अभिषेक समारोह के बाद नवनिर्मित मंदिर में राम लला के दर्शन करने के लिए अयोध्या जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को बीजेपी और आरएसएस का कार्यक्रम बता दिया था।

भाजपा नेता और बॉलीवुड के सुपर स्टार मिथुन चक्रवर्ती को अचानक शुरू हो गई बेचैनी, अस्पताल में भर्ती…, पढ़िए, लेटेस्ट अपडेट

बॉलीवुड के सुपरस्टार और BJP नेता मिथुन चक्रवर्ती को गंभीर बेचैनी की शिकायत के बाद शनिवार को कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह एक फिल्म की शूटिंग के लिए कोलकाता में थे। सूत्रों ने बताया कि शनिवार सुबह करीब 10 बजे से उन्हें बेचैनी की शिकायत होने लगी, जिसके बाद उनके करीबी सहयोगियों ने बिना कोई जोखिम उठाए उन्हें शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने का फैसला किया।

पता चला है कि वह शूटिंग फ्लोर पर थे, इसी दौरान उन्हें बेचैनी महसूस होने लगी। सटीक चिकित्सीय जटिलताओं का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

मिथुन का राजनीतिक करियर विविध और रंगीन 

एक सफल Cinema-Star होने के अलावा, उनका राजनीतिक करियर विविध और रंगीन है। कोलकाता में अपने कॉलेज के दिनों के दौरान, वह नक्सली आंदोलन की ओर मुड़ गये थे। अपने करियर के उत्तरार्ध में, वह माकपा नेतृत्व, विशेष रूप से मनमौजी भारतीय मार्क्सवादी और West Bengal के पूर्व मंत्री सुभाष चक्रवर्ती के करीबी बन गए। बाद में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अनुरोध और आग्रह के बाद वह तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य बन गये।

हालाँकि, पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के चिटफंड घोटालों, विशेषकर सारदा समूह और रोज़ वैली के घोटालों में पार्टी के प्रमुख नेताओं का नाम शामिल होने के बाद उन्होंने राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी से दूरी बनानी शुरू कर दी।

वर्ष 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले वह PM नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में Kolkata में एक मेगा रैली में BJP में शामिल हुए।

उत्तराखंड के हल्द्वानी में बंद इंटरनेट सेवा आज हुई बहाल, राज्य सरकार ने केंद्र से अर्धसैनिक बलों की चार कंपनी मांगी

उत्तराखंड के हल्द्वानी में हिंसा की घटना के बाद से बंद इंटरनेट सुविधा आज रविवार को बहाल कर दी गई है। उत्तराखंड पुलिस ने अपने एक्स पेज पर पोस्ट करते हुए लिखा ‘यदि कोई भी व्यक्ति सांप्रदायिक सौहार्द एवं कानून व्यवस्था को प्रभावित करने संबंधी भड़काऊ पोस्ट, फोटो, वीडियो या कमेंट सोशल मीडिया में प्रसारित करेगा उसके विरुद्ध कठोर वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।’

हल्द्वानी में इंटरनेट सुविधाएं बहाल कर दी गई हैं। यदि कोई भी व्यक्ति सांप्रदायिक सौहार्द एवं कानून व्यवस्था को प्रभावित करने संबंधी भड़काऊ पोस्ट, फोटो, वीडियो या कमेंट सोशल मीडिया में प्रसारित करेगा उसके विरुद्ध कठोर वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

केंद्र से अर्धसैनिक बलों की चार कंपनी और मांगी

हल्द्वानी में हिंसा के बाद कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य ने केंद्र से चार और अर्धसैनिक बलों की कंपनी की मांग की है। इस संबंध में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को शनिवार को पत्र लिखा है। बता दें कि हिंसा के बाद पीएसी बल तैनात किया गया था। इसके बाद केंद्रीय बलों की भी तीन कंपनी हल्द्वानी के हिंसाग्रस्त इलाकों में तैनात की गईं थी, लेकिन अब फिर से अतिरिक्त चार कंपनी की मांग की गई है।

क्या खड़गे ने सदन में किया चौधरी चरण सिंह का अपमान ? उपराष्ट्रपति धनखड़ बोले- ये मैं कभी बर्दाश्त नहीं करूंगा

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को कड़ी फटकार लगाते हुए आरोप लगाया कि खड़गे ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का अपमान किया है, जिन्हें शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया था। धनखड़ ने जोर देकर कहा कि वह "चौधरी चरण सिंह का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।"

यह टकराव तब हुआ जब खड़गे ने राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) प्रमुख जयंत चौधरी को सदन में बोलने की अनुमति देने के स्पीकर के फैसले पर सवाल उठाया। धनखड़ ने खड़गे पर वस्तुतः चौधरी चरण सिंह और उनकी विरासत का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा, ''आपके पास भारत रत्न चौधरी चरण सिंह के लिए समय नहीं था। चौधरी चरण सिंह के मुद्दे पर सदन के अंदर ऐसा माहौल बनाकर आप देश के हर किसान को नुकसान पहुंचा रहे हैं।'' जैसे ही जयंत ने राज्यसभा में सम्मान के लिए सरकार का आभार व्यक्त करना शुरू किया, कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताई और खड़गे ने उस नियम पर स्पष्टीकरण मांगा जिसके तहत जयंत को बोलने की अनुमति दी गई थी। हंगामे के बीच केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने के कांग्रेस के विरोध पर हैरानी जताई। खड़गे ने कहा कि, भारत रत्न देने के मामले पर सदन में चर्चा क्यों नहीं की गई ?

जयंत ने कांग्रेस द्वारा सदन में चरण सिंह को दिखाए गए "अपमान" पर निराशा व्यक्त की, और इस बात पर जोर दिया कि ऐसे व्यक्ति का सम्मान राजनीतिक गठबंधन और चुनावी परिणामों से परे होना चाहिए। सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने विपक्ष के नेता खड़गे से उनकी टिप्पणी के लिए सभापति और देश दोनों से माफी मांगने की मांग की। पूरी कार्यवाही के दौरान, भारतीय राजनीति में चरण सिंह के योगदान, विशेषकर किसानों और ग्रामीण विकास के लिए उनकी वकालत के महत्व को दोहराया गया।

आज UCC विधेयक पर मंथन करेगी असम कैबिनेट, जल्द ही विधानसभा में भी होगा पेश

 असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा राज्य के बजट और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पर विचार-विमर्श के लिए आज एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। भाजपा शासन में उत्तराखंड ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पारित करने वाला पहला राज्य बनकर इतिहास रच दिया है।

असम के मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने कहा, "समान नागरिक संहिता (यूसीसी) असम के लिए भी जरूरी है। आज होने वाली राज्य कैबिनेट की बैठक में यूसीसी पर चर्चा शामिल होगी।" यूसीसी की अवधारणा में विवाह, तलाक और विरासत को नियंत्रित करने वाले कानूनों का एक समान सेट शामिल है, जो सभी भारतीय नागरिकों पर लागू होता है, चाहे उनका धर्म, जनजाति या स्थानीय रीति-रिवाज कुछ भी हो। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पहले इस बात पर जोर दिया था कि असम के लिए मसौदा विधेयक को "असम मॉडल" के अनुरूप तैयार किया जाएगा। सरमा ने स्पष्ट किया कि असम में आदिवासियों को यूसीसी से छूट दी जाएगी और विधेयक इस साल के अंत में राज्य विधानसभा में पेश किया जाएगा। 

सीएम सरमा ने कहा कि, "उत्तराखंड के नेतृत्व के बाद असम यूसीसी का अपना संस्करण पेश करेगा। हम वर्तमान में बाल विवाह और बहुविवाह जैसे मुद्दों को संबोधित कर रहे हैं। इसलिए, असम विधेयक में कुछ संशोधन होंगे और असम-केंद्रित नवाचारों को शामिल किया जाएगा। हम आदिवासियों को UCC के दायरे से बाहर करने की योजना बना रहे हैं।'' पिछले साल जून में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता की पुरजोर वकालत की, इस बात पर जोर दिया कि देश असमान कानूनों के साथ काम नहीं कर सकता, इसकी तुलना "अलग-अलग परिवार के सदस्यों के लिए अलग-अलग नियम" से की गई।